जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) ने एक बार फिर छंटनी की है। कंपनी के अंदर चल रहे बड़े री-स्ट्रक्चरिंग कैंपेन के तहत यह नई छंटनी की गई है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) में पिछले साल से चल रही छंटनी अभी तक जारी है। यह छंटनी कंपनी के बड़े री-स्ट्रक्चरिंग कैंपेन का हिस्सा है, जो पिछले साल शुरू हुआ था, जब सोनी के साथ जी का मर्जर टूट गया था। यह जानकारी उन लोगों ने दी है जो मामले से वाकिफ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान 200 करीब लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें ज्यादातर कंसल्टेंट्स बताए जा रहे हैं, न कि स्थायी कर्मचारी।
ZEEL में हाल ही में हुई छंटनी को अप्रैल 2024 में शुरू हुए खर्च और वर्कफ्लो सुधार अभियान का विस्तार माना जा रहा है, जो कंपनी के सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ प्रस्तावित मर्जर के फेल होने के बाद शुरू हुआ था।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अपने अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स को मिलाकर एक छोटी, तेज और ज्यादा एकीकृत टीम बनाना चाहती है। इसका मकसद काम में तालमेल बढ़ाना, फोकस साफ रखना और टीमों का प्रदर्शन बेहतर करना है।
सोनी-जी मर्जर के फेल होने के बाद ही जी ने लगभग 15% एम्प्लॉयीज की कटौती करने का ऐलान किया था। कंपनी पहले ही कह चुकी है कि वह करीब 700 एम्प्लॉयीज की संख्या कम करेगी। यह उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में जी का कुल मुनाफा 63% गिरकर ₹77 करोड़ रह गया। ओपरेटिंग रेवेन्यू में भी गिरावट आई और यह 2% घटकर ₹1,969 करोड़ रह गया। विज्ञापन से होने वाली आमदनी यानी ऐड रेवेन्यू में 11% की गिरावट दर्ज की गई, इसका कारण FMCG कंपनियों का विज्ञापन पर कम खर्च करना बताया गया।औ
वहीं, सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू में 5% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹1,023 करोड़ तक पहुंचा, जो पारंपरिक टीवी और डिजिटल दोनों से हुए लाभ के कारण है। कंपनी का लक्ष्य FY26 तक 20% EBITDA हासिल करने का है।
जी के CEO पुनीत गोयनका पहले ही कह चुके हैं कि एम्प्लॉयीज की संख्या में ज्यादातर कमी हो चुकी है, लेकिन कंपनी आगे भी खर्च को अपने बिजनेस की जरूरतों के हिसाब से संतुलित करती रहेगी।
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके कार्यकाल में कंपनी ने डिजिटल एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज कीं।
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‘हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सिद्धार्थ रॉय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके कार्यकाल में कंपनी ने डिजिटल एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज कीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने म्यूजिक, वीडियो, गेम्स और नए डिजिटल अनुभवों को जोड़ते हुए कंपनी के एंटरटेनमेंट पोर्टफोलियो को मजबूत किया।
उनके नेतृत्व में कंपनी ने ग्लोबल स्तर पर अपनी मौजूदगी बढ़ाई, टेलीकॉम, मोबाइल कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क्स के साथ बड़ी साझेदारियां कीं और कंटेंट क्रिएटर्स तथा स्टूडियो के साथ रिश्ते मजबूत किए। आज ‘हंगामा’ की सेवाएं 90 से अधिक देशों में करोड़ों यूजर्स तक पहुंचती हैं।
‘हंगामा’ से पहले सिद्धार्थ रॉय ने देश के शुरुआती और बड़े युवा नेटवर्क्स में से एक बिगअड्डा (BigAdda) की सह-स्थापना की थी। इसके अलावा उन्होंने ‘एमटीवी नेटवर्क्स’ (MTV Networks) और ‘स्टार टीवी’ (Star TV) में भी नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाईं। अपने करियर में उन्होंने डिजिटल प्रॉडक्टस को विकसित करने, बड़े पैमाने पर दर्शकों को जोड़ने और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर लगातार काम किया।
अपना अनुभव साझा करते हुए सिद्धार्थ रॉय ने कहा, ‘हंगामा मेरे लिए सिर्फ एक भूमिका नहीं थी, बल्कि इनोवेशन, जुनून और निरंतर सीखने का एक प्लेटफॉर्म था। इस यात्रा में टीम के विश्वास और सहयोग के लिए मैं उनका आभारी हूं। आगे बढ़ते हुए मैं यहां सीखे अनुभव और रिश्तों को अपने साथ लेकर जा रहा हूं।’
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी दो सब्सिडियरी कंपनी- स्टार टेलीविजन प्रॉडक्शन लिमिटेड और स्टार इंडिया परिवार लिमिटेड (जिसका नया नाम अब जियो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है) का मर्जर पूरा होने की घोषणा कर दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपनी दो अहम सब्सिडियरी कंपनी- स्टार टेलीविजन प्रॉडक्शन लिमिटेड (STPL) और स्टार इंडिया परिवार लिमिटेड (जिसका नया नाम अब जियो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है) का मर्जर पूरा होने की घोषणा कर दी है।
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, Jiostar ने 30 नवंबर को शाम 6:09 बजे रिलायंस को बताया कि मर्जर की स्कीम उसी दिन से लागू हो गई है। अब STPL पूरी तरह Jiostar के साथ जुड़ चुका है।
पहले STPL के पास ‘Star’ ब्रैंड का मालिकाना हक था और वही इसे समूह की अन्य कंपनियों को लाइसेंस पर देता था। मर्जर के बाद यह पूरा काम अब सीधे Jiostar संभालेगा। यानी अब ‘Star’ ब्रैंड की जिम्मेदारी एक अलग रिलायंस कंपनी के पास न होकर Jiostar के भीतर ही रहेगी।
यह कदम रिलायंस के पिछले साल शुरू किए गए बड़े मीडिया री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का हिस्सा है। 14 नवंबर 2024 को RIL ने यह प्रस्ताव रखा था कि STPL को Star India (अब Jiostar India) में मिला दिया जाए। Jiostar खुद उसी साल बना था, जिसे रिलायंस के मीडिया कारोबार और Disney India ने मिलकर जॉइंट वेंचर के रूप में तैयार किया था।
इस मर्जर को रिलायंस के मीडिया बिजनेस को एक छतरी के नीचे लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
ओम्निकॉम ने विनीत बाजपेयी को ओम्निकॉम प्रोडक्शन इंडिया का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
ओम्निकॉम ने विनीत बाजपेयी को ओम्निकॉम प्रोडक्शन इंडिया का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। कंपनी ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है कि वो भारत में प्रॉडक्शन, कंटेंट और डिलीवरी से जुड़ी पूरी व्यवस्था को और बड़ा व मजबूत बनाएं, खासकर उस समय जब हाल ही में हुई IPG वाली डील के बाद देश का ऐडवर्टाइजिंग मार्केट तेजी से बदल रहा है।
विनीत बाजपेयी भारतीय ऐड इंडस्ट्री के जाने-माने और सबसे उद्यमी चेहरों में से माने जाते हैं। 22 साल की उम्र में उन्होंने मैग्नॉन सॉल्यूशंस शुरू की थी और इसे देश की शुरुआती डिजिटल एजेंसियों में बदल दिया था। बाद में इसे ओम्निकॉम ने खरीदा। इसी वजह से उन्हें स्टार्टअप सोच और ग्लोबल नेटवर्क के अनुभव का बेहतरीन मेल माना जाता है।
इसके बाद वह TBWA इंडिया के CEO भी रहे, जहां उन्होंने क्रिएटिव कल्चर, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और क्लाइंट सर्विस, तीनों को साथ लेकर आगे बढ़ाने की अपनी क्षमता साबित की।
उनकी नई नियुक्ति इस बात का साफ संकेत है कि ओम्निकॉम भारत को अपने ग्लोबल सेटअप में प्रोडक्शन और कंटेंट का बड़ा हब बनाना चाहता है। अब जब ओम्निकॉम और IPG की कई प्रोडक्शन और स्टूडियो क्षमताएं एक साथ आ रही हैं, ऐसे में बाजाजपी की भूमिका बेहद अहम होगी। उनसे उम्मीद है कि वे पुराने नेटवर्क, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और नई टैलेंट टीमों को जोड़कर एक ऐसा एकीकृत प्रोडक्शन मॉडल तैयार करेंगे जो भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल जरूरतों को पूरा कर सके।
परिवर्तन के दौरान स्थिरता बनाए रखने के लिए संगठन ने फैसला लिया है कि मौजूदा पदाधिकारी और प्रबंधन टीम बिना बदलाव के अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
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‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF) ने दिल्ली-एनसीआर में आयोजित अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) में कई अहम फैसले लिए। इसके तहत ‘एनबीएफ’ ने अपने संगठन का विस्तार करने की घोषणा की है। अब यह संगठन ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल मीडिया फेडरेशन’ (NBDF) के रूप में काम करेगा।
इस बारे में जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, यह एक राष्ट्रीय संगठन होगा, जो टीवी न्यूज चैनलों, डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स और टेक्नोलॉजी आधारित न्यूज़ संस्थानों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। NBDF नीति निर्माण, डिजिटल रेगुलेशन, प्लेटफॉर्म गवर्नेंस और तकनीकी ढांचे पर संवाद की भूमिका निभाएगा। इस बदलाव को भारत में बदलते दर्शक व्यवहार और डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
वार्षिक आम बैठक के दौरान टीवी रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) को लेकर हाल ही में सामने आए भ्रष्टाचार और रेटिंग्स से छेड़छाड़ के आरोपों पर गंभीर चर्चा हुई। खास तौर पर केरल मामले का जिक्र किया गया, जिसमें BARC के मुख्यालय से जुड़े एक एंप्लीय की ओर से कथित कमीशन लेने का आरोप सामने आया है। सदस्यों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं टीवी रेटिंग की विश्वसनीयता और ऑडियंस माप प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर असर डालती हैं।
एक प्रस्ताव में संगठन ने कहा कि इस मुद्दे को औपचारिक रूप से BARC के सामने उठाया जाएगा। संगठन ने पारदर्शी सुधार, सख्त जवाबदेही और संरचनात्मक बदलावों की मांग की है, ताकि रेटिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और छेड़छाड़ मुक्त हो सके। सभी सदस्यों ने माना कि सिस्टम पर भरोसा बहाल करना बेहद जरूरी है।
परिवर्तन के दौरान स्थिरता बनाए रखने के लिए संगठन ने फैसला लिया है कि मौजूदा पदाधिकारी और प्रबंधन टीम बिना बदलाव के अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। इससे संगठन को नई व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने में निरंतरता और नेतृत्व की मजबूती मिलेगी।
इन सभी निर्णयों के साथ, एनबीएफ ने कहा कि उसका उद्देश्य देश के न्यूज सेक्टर को मजबूत करना, रेटिंग सिस्टम में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और टीवी तथा डिजिटल मीडिया के हितों को एक मंच पर लाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।
RPG ग्रुप के वाइस चेयरमैन अनंत गोयनका को 2025-2026 के लिए FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
RPG ग्रुप के वाइस चेयरमैन अनंत गोयनका को 2025-2026 के लिए FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। उन्होंने यह पद इमामी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर हर्षवर्धन अग्रवाल से लिया है। यह बदलाव FICCI की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में हुआ।
अनंत गोयनका पहले FICCI के वाइस-प्रेजिडेंट रह चुके हैं और ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) के पूर्व चेयरमैन भी हैं। उन्होंने CEAT के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ के रूप में 2012 से 2023 तक 10 साल के ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में कंपनी का नेतृत्व किया।
साथ ही, The Sanmar Group के चेयरमैन विजय शंकर को FICCI का सीनियर वाइस प्रेजिडेंट बनाया गया है। वहीं, डालमिया भारत लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ पुनीत डालमिया FICCI के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में इसकी लीडरशिप टीम में शामिल हुए हैं।
'डेन नेटवर्क' (DEN Networks Limited) ने बताया है कि चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) संजय कुमार जैन 30 नवंबर 2025 से कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं रहे
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 'डेन नेटवर्क' (DEN Networks Limited) ने बताया है कि चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) संजय कुमार जैन 30 नवंबर 2025 से कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं रहे, क्योंकि वे सुपरऐनुएशन आधार पर रिटायर हो गए हैं।
संजय इस इंडस्ट्री के एक अनुभवी विशेषज्ञ हैं और उन्हें केबल, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, ब्रॉडबैंड और टेलीकॉम कंपनियों में 35 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। संजय कुमार पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय से DEN Networks में ग्रुप CTO के पद पर काम कर रहे थे। ग्रेटर दिल्ली क्षेत्र में उन्होंने कंपनी के तकनीकी नेटवर्क को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।
इससे पहले वे भारती एयरटेल में करीब 6 साल तक काम कर चुके हैं, जहां वे अपर नॉर्थ के CTO थे। यहां उन्होंने चार टेलीकॉम सर्किलों में वायरलेस और वायरलाइन नेटवर्क के तकनीकी ऑपरेशन संभाले। एयरटेल में वे DTH बिजनेस के CTO भी रहे। उनके नेतृत्व में एयरटेल DTH ने तकनीकी इनोवेशन, बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस और मजबूत एक्सिक्यूशन पर फोकस करके बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाई।
वे Smart Digivision Pvt. Ltd. में CTO और CIO रहे, जहां उन्होंने पूरे देश के 52 शहरों में “MyWay” के नाम से IPTV सर्विस लॉन्च करने की तकनीकी लीडरशिप दी।
संजय जैन ने अपने तीन दशक लंबे करियर में IBM, HFCL Infotel, Reliance Communications, Spectranet और Sahara TV जैसे बड़े संगठनों में भी काम किया है।
कंपनी ने कहा कि यह बदलाव सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
कंपनी ने कहा है कि इस कार्रवाई का उसके वित्तीय या ऑपरेशनल कामकाज पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, जुर्माने की राशि के अलावा कोई अन्य प्रभाव नहीं है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड पर स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE ने रेग्युलेटरी नियमों के पालन में देरी को लेकर जुर्माना लगाया है। यह जानकारी कंपनी ने SEBI के लिस्टिंग नियमों के तहत साझा की है।
कंपनी के मुताबिक, दोनों एक्सचेंज से यह नोटिस 28 नवंबर 2025 को मिला। नोटिस में बताया गया है कि कंपनी ने SEBI के रेग्युलेशन 17(1) का पालन समय पर नहीं किया, जो इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की नियुक्ति से जुड़ा है। रिटायर हुए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की जगह नए डायरेक्टर की नियुक्ति में देरी के कारण कंपनी पर कार्रवाई हुई है।
BSE और NSE ने इस देरी पर ₹1,55,000 का जुर्माना (दोनों की ओर से अलग-अलग) और उस पर GST लगाया है।
कंपनी ने कहा है कि इस कार्रवाई का उसके वित्तीय या ऑपरेशनल कामकाज पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, जुर्माने की राशि के अलावा कोई अन्य प्रभाव नहीं है।
डेन नेटवर्क लिमिटेड (DEN Networks Limited) ने बताया है कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी Futuristic Media and Entertainment Limited (FMEL) ने अपनी तीन छोटी कंपनियों में मौजूद पूरी हिस्सेदारी बेच दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
डेन नेटवर्क लिमिटेड (DEN Networks Limited) ने बताया है कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी Futuristic Media and Entertainment Limited (FMEL) ने अपनी तीन छोटी कंपनियों में मौजूद पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। ये सौदा Infomedia and Networking Private Limited (INPL) को सिर्फ 30 रुपये में किया गया।
बेची गई कंपनियां इस प्रकार हैं:
कंपनी ने साफ कर दिया कि अब ये तीनों कंपनियां DEN Networks की सब्सिडियरी नहीं रहीं। जिस कंपनी (INPL) को ये सब्सिडियरी बेची गई हैं, वह केबल और ब्रॉडबैंड का काम करती है और उसका DEN Networks के प्रमोटर या उनकी ग्रुप कंपनियों से कोई संबंध नहीं है। इसी वजह से यह सौदा रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन की श्रेणी में नहीं आता।
कंपनी के मुताबिक, ये तीनों सब्सिडियरी कंपनियां काफी समय से नॉन-ऑपरेटिंग थीं, यानी इनका कोई कारोबार नहीं चल रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 में इन कंपनियों का टर्नओवर भी शून्य था, इसलिए इनकी वैल्यू लगभग नहीं के बराबर थी। तीन में से दो कंपनियों की नेटवर्थ निगेटिव थी, यानी उन पर खर्च ज्यादा था और संपत्ति कम। जबकि Den Budaun की नेटवर्थ सिर्फ 5.75 लाख रुपये थी, जो पूरी कंपनी की कुल नेटवर्थ का सिर्फ 0.0016% हिस्सा है।
टेलीकॉम विभाग (DoT) ने 22 अक्टूबर 2025 को टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी (TCS) नियमों में अहम बदलाव किए हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
टेलीकॉम विभाग (DoT) ने 22 अक्टूबर 2025 को टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी (TCS) नियमों में अहम बदलाव किए हैं। ये बदलाव इसलिए किए गए हैं क्योंकि अब मोबाइल नंबर, IMEI और दूसरी टेलीकॉम आईडी डिजिटल सर्विसेज में तेजी से इस्तेमाल हो रही हैं- चाहे बैंकिंग हो, ई-कॉमर्स हो या सरकारी सेवाएं। सरकार का मकसद है कि डिजिटल सिस्टम को सुरक्षित रखा जाए और धोखाधड़ी पर रोक लगे।
सबसे बड़ा अपडेट मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन (MNV) प्लेटफॉर्म से जुड़ा है। कई धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स और फर्जी पहचान वाले मामलों में मोबाइल नंबर की गलत या बिना जांच के लिंकिंग सामने आती थी। अब नए नियमों के तहत एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जहां सर्विस प्रोवाइडर यह चेक कर सकेंगे कि जिस मोबाइल नंबर से कोई सेवा ली जा रही है, वह सच में उसी व्यक्ति का है या नहीं। इससे डिजिटल ट्रांजेक्शन में भरोसा बढ़ेगा और फर्जीवाड़ा कम होगा।
दूसरा बड़ा बदलाव सेकेंड-हैंड मोबाइल मार्केट के लिए है। देश में पुराने या रिफर्बिश्ड मोबाइल फोन की बिक्री तेजी से बढ़ी है, लेकिन इसी के साथ चोरी, ब्लैकलिस्टेड या क्लोन किए गए फोनों का खतरा भी बढ़ा है। अब नियमों के अनुसार, कोई भी पुराना या रिफर्बिश्ड फोन बेचने से पहले उसके IMEI नंबर को एक सेंट्रल डेटाबेस में चेक करना जरूरी होगा। इससे खरीदार सुरक्षित रहेंगे और पुलिस को चोरी हुए मोबाइल ट्रैक करने में आसानी होगी।
नए नियमों में TIUE (Telecom Identifier User Entity) की जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं। कई सेक्टर्स मोबाइल नंबर, IMEI और IP जैसे टेलीकॉम आईडी का इस्तेमाल पहचान और सर्विस देने के लिए करते हैं। अब इन संस्थाओं को जरूरत पड़ने पर सरकार के साथ जरूरी टेलीकॉम-आईडी डेटा साझा करना होगा। इससे साइबर फ्रॉड पर काबू करने में मदद मिलेगी, और डेटा सुरक्षा नियमों का पालन भी सुनिश्चित होगा।
कुल मिलाकर ये संशोधन भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को सुरक्षित, पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माने जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये बदलाव धोखाधड़ी को रोकने, डिवाइस ट्रेसिंग को मजबूत करने और टेलीकॉम पहचानियों के जिम्मेदार इस्तेमाल को बढ़ावा देंगे।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 22 अक्टूबर 2025 को अधिसूचित किए गए TCS Amendment Rules, 2025 (G.S.R. 771(E)) पूरी तरह लागू हैं और मान्य हैं। बाद में एक तकनीकी गलती की वजह से 29 अक्टूबर को यही नियम दोबारा छप गए थे, जिसे अब 25 नवंबर 2025 की नई अधिसूचना के जरिए वापस ले लिया गया है। इससे मूल नियमों की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अपनी ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पर जनता से सुझाव भेजने की आखिरी तारीख आगे बढ़ा दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अपनी ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पर जनता से सुझाव भेजने की आखिरी तारीख आगे बढ़ा दी है। ये गाइडलाइन्स भारत में कॉपीराइट चोरी रोकने और एंटी-पायरेसी सिस्टम मजबूत करने के लिए बनाई जा रही हैं। इससे पहले मंत्रालय ने 7 नवंबर 2025 को इस बारे में नोटिस जारी किया था।
मंत्रालय ने 26 नवंबर को नया नोटिस जारी कर देशभर में इस मुद्दे पर सार्वजनिक राय मांगने की प्रक्रिया फिर से खोली है। नए नोटिस के मुताबिक, अब लोग दो हफ्ते और अपने सुझाव मंत्रालय को ईमेल के जरिए भेज सकते हैं।
नोटिस में कहा गया है कि 7 नवंबर वाले नोटिस में जनता से 20 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए थे, लेकिन अब डेडलाइन दो सप्ताह बढ़ा दी गई है, ताकि और लोग अपनी राय दे सकें।
भारत में फिल्मों, म्यूजिक, OTT कंटेंट और दूसरे डिजिटल मीडिया की गैरकानूनी कॉपी और सर्कुलेशन लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को भारी नुकसान होता है। इसी वजह से पायरेसी रोकना सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।