पीतमपुरा निवासी इस फ्रीलॉन्स पत्रकार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फ्रीलान्स पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है। उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें छह दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा के पास से डिफेंस से जुड़े क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट मिले हैं। राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बारे में न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’(ANI) ने एक ट्वीट भी किया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं।
A freelance journalist, Rajeev Sharma, a resident of New Delhi's Pitampura, has been arrested by Special Cell in an Official Secrets Act case. He was found to be in possession of some defence-related classified documents: Delhi Police
— ANI (@ANI) September 18, 2020
बताया जाता है कि संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर पुलिस लंबे समय से राजीव शर्मा के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) जुटा रही थी। इसके बाद पुलिस ने 14 सितंबर को राजीव शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। 15 सितंबर को राजीव शर्मा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां उन्हें छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। राजीव की जमानत याचिका पर 22 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजीव शर्मा कथित रूप से अपने देश से जुड़ी कुछ संवेदनशील सूचनाएं चीन की खुफिया एजेंसी को सौंप रहे थे। पुलिस ने अब चीन की एक महिला व उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने शैल कंपनियों द्वारा उन्हें काफी पैसा दिया था।
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‘9एक्स मीडिया’(9X Media) प्राइवेट लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (फाइनेंस) हिमिंद्रा आर. सक्सेना (Himindraa R Saxena) को नेटवर्क ने अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत अब वह अपनी वर्तमान भूमिका के साथ-साथ नेटवर्क के डिस्ट्रीब्यूशन का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे।
अपनी इस भूमिका में वह पहले की तरह ‘9एक्स मीडिया’ के डायरेक्टर और चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर भूपेंद्र माखी (Bhupendra Makhi) को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे। बता दें कि सक्सेना इस नेटवर्क के साथ 15 साल से ज्यादा समय से जुड़े हुए हैं।
नेटवर्क में अतिरिक्त जिम्मेदारी दिए जाने के बारे में सक्सेना का कहना है, ‘मैं देश के सबसे बड़े म्यूजिक टेलीविजन नेटवर्क में डिस्ट्रीब्यूशन का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने को लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। डिस्ट्रीब्यूशन किसी भी टेलीविजन चैनल की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ’फ्री टू एयर’ (एफटीए) चैनल्स के मामले में तो सही प्लेसमेंट और पहुंच अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। डिस्ट्रीब्यूशन हेड के रूप में मेरी प्राथमिकता हमारे सभी चैनल्स के लिए बेहतर पहुंच और कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।’
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‘डिस्कवरी इंक’ (Discovery Inc) में अपनी करीब तीन साल की पारी के बाद मेघा टाटा यहां से अलग हो गई हैं। वह यहां मैनेजिंग डायरेक्टर (साउथ एशिया) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
बता दें कि मीडिया और एंटरटेनमेंट समूह ‘वार्नर ब्रॉस’ (Warner Bros) के प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर ‘क्लेमेंट श्वेबिग’ (Clement Schwebig) द्वारा मेघा टाटा के ‘डिस्कवरी इंक’ छोड़ने की घोषणा जून में की गई थी।
इस बारे में मेघा टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर की है।
गौरतलब है कि मेघा टाटा ने वर्ष 2019 में ‘डिस्कवरी’ जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘बिजनेस टेलिविजन इंडिया’ (BTVI) के साथ जुड़ी हुई थीं और भारत में इसके बिजनेस का नेतृत्व कर रही थीं।
मेघा टाटा को मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने का करीब 30 साल का अनुभव है। वह ‘एचबीओ’ (HBO), ‘टर्नर इंटरनेशनल’ (Turner International) और ‘स्टार इंडिया’ (Star India) जैसी तमाम बड़ी कंपनियों में भी प्रमुख पदों पर काम कर चुकी हैं।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को गलत तरीके से दिखाने के मामले में घिरे ‘जी न्यूज’ के एंकर रोहित रंजन ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में दर्ज हुईं कई एफआईआर के खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की है।
रोहित को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, उन्हें शाम को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
रोहित रंजन के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि जमानत मिलने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। उनके खिलाफ इस मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं, लिहाजा इस मामले में उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग की है, नहीं तो उन्हें बार-बार हिरासत में लिया जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन बाद में पता चला कि याचिका को रिकॉर्ड में अभी तक रजिस्टर ही नहीं कराया गया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि इस याचिका को ना तो रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया और ना ही याचिका दाखिल की गई है।
एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा, ‘हमें बताया जाना चाहिए कि मामला दर्ज नहीं किया गया है। यह कोई आधार नहीं है। यह अदालत बहुत कड़ा रुख अपनाने जा रही है। एओआर के रूप में आपको अपने वकील को निर्देश देना चाहिए था।’
इस पर रंजन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने भ्रम की स्थिति के लिए पीठ से माफी मांगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रोहित रंजन की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी या नहीं।
वहीं, दूसरी ओर एंकर रंजन को गिरफ्तार करने बुधवार को एक बार फिर छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम उनके घर पहुंची, लेकिन पुलिस की टीम को उनका घर बंद मिला। मंगलवार को नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को गिरफ्तार करके जमानत पर छोड़ दिया था। इसके बाद से यूपी पुलिस पर रोहित रंजन को बचाने और गायब करने के आरोप लग रहे हैं।
दरअसल, ये मामला उस समय शुरू हुआ था, जब चैनल की ओर से राहुल गांधी के बयान के बारे में गलत खबर चल गई थी। हुआ यूं कि शुक्रवार को राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे हुए थे, जहां उन्होंने अपने कार्यालय का दौरा किया। इस कार्यालय में माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं की ओर से हाल में बफर जोन के मुद्दे पर तोड़फोड़ की गई थी। हमलावरों को लेकर पूछे जाने पर राहुल गांधी ने एसएफआई कार्यकर्ताओं के इस कृत्य को 'गैर जिम्मेदाराना' करार दिया।
उन्होंने साफ किया कि हिंसा कभी भी समस्याओं का समाधान नहीं करती है और उनके मन में उनके (तोड़फोड़ करने वालों के) प्रति कोई क्रोध या शत्रुता नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में आप सर्वत्र जो विचार देखते हैं वह यह है कि हिंसा से समस्याएं हल हो जाएंगी। लेकिन हिंसा कभी समस्याओं का हल नहीं करती है। ऐसा करना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम किया, लेकिन मेरे मन में उनके प्रति कोई गुस्सा या शत्रुता का भाव नहीं है। इस दौरान उन्होंने हमलावरों के लिए कहा कि मैं उन्हें ‘बच्चा’ समझता हूं। जिन लड़कों ने उनके ऑफिस में तोड़-फोड़ की वो बच्चे हैं। ये अच्छा नहीं है, लड़कों ने गैर-जिम्मेदाराना हरकत की है।
बस इसी बयान को लेकर ‘जी न्यूज’ से बड़ी गलती हो गई थी। दरअसल, अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में राहुल गांधी के इस बयान की वीडियो क्लिप को उदयपुर हत्याकांड से जोड़कर प्रसारित कर दिया और कहा कि राहुल गांधी ने उदयपुर हत्याकांड के आरोपितों को ‘बच्चा’ कहा है।
इसके बाद से कांग्रेस नेताओं ने चैनल को घेरना शुरू कर दिया था। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को चैनल के बाहर प्रदर्शन भी किया था। इस मामले में रोहित रंजन के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। हालांकि 'जी न्यूज' ने अपनी इस बड़ी गलती के लिए चैनल पर माफी भी मांग ली थी और वहीं एंकर ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से माफी मांगी, लेकिन इसके बावजूद यह विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है।
बता दें कि पिछले दिनों ही लंबे समय से रात नौ बजे ‘DNA’ होस्ट कर रहे सुधीर चौधरी से इस शो की जिम्मेदारी वापस लेकर ‘जी हिन्दुस्तान’ (Zee Hindustan) के एंकर रोहित रंजन को दी गई है। पिछले हफ्ते की शुरुआत से वह इस शो को होस्ट कर रहे हैं। करीब दो साल से ‘जी हिन्दुस्तान‘ में कार्यरत रोहित रंजन पूर्व में ‘सूर्या समाचार‘ और ‘पी7‘ चैनल में भी कार्य कर चुके हैं।
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वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी ‘नेटफ्लिक्स’ (Netflix) में कंटेंट और ब्रैंड मार्केटिंग को लीड कर रहीं दीपाश्री दास (Dipashree Das) ने यहां से हटने का फैसला ले लिया है। उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर की है। वह इस कंपनी से करीब छह साल से जुड़ी हुई थीं।
दीपाश्री दास द्वारा सोशल मीडिया पर की गई घोषणा के मुताबिक वह एक एंटरटेनमेंट कंपनी के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रही हैं।
अपनी पोस्ट में दीपाश्री दास ने लिखा है, ‘एक ऐसी जगह (नेटफ्लिक्स) पर लगभग छह साल के कार्यकाल के बाद मैंने हाल ही में यहां से हटने का फैसला लिया है, जहां पर मुझे प्रोफेशनल रूप से काफी सम्मान मिला है।’
वह इससे पहले सिंगापुर में ‘सिंगटेल’ (Singtel) और चैनल न्यूजएशिया (Channel NewsAsia) में मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। बता दें कि दीपाश्री दास पूर्व में ‘एनडीटीवी प्रॉफिट’ (NDTV Profit) और ‘यूनिलीवर’ (Unilever) के साथ भी काम कर चुकी हैं।
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‘डिज्नी स्टार इंडिया’ (Disney Star India) ने अमृता नायर (Amrutha Nair) को ऐड सेल्स हेड (Hindi & English Entertainment) के पद पर प्रमोट किया है। वह अर्घ्य चक्रवर्ती (Arghya Chakravarty) की जगह यह अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगी, जिन्होंने यहां से पिछले दिनों अपनी पारी को विराम दे दिया है।
बता दें कि इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के अलावा वह पूर्व की तरह रीजनल बिजनेस के लिए प्रॉडक्ट और रेवेन्यू स्ट्रैटेजी का प्रबंधन करती रहेंगी। नायर के प्रमोशन के बारे में ‘डिज्नी स्टार इंडिया’ के कंट्री मैनेजर और प्रेजिडेंट के.माधवन ने एम्प्लॉयीज को लिखे एक इंटरनल ई-मेल में घोषणा की है।
अपने मेल में माधवन ने लिखा है, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि संस्थान के साथ लगभग पांच वर्षों के बाद अर्घ्य चक्रवर्ती ने यहां से अपनी पारी को विराम दे दिया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब अमृता नायर रीजनल सेल्स की अपनी जिम्मेदारी के साथ ऐड सेल्स हेड (Hindi & English Entertainment) की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगी।’
बता दें कि नायर ने अपने करियर की शुरुआत ‘एशियानेट कम्युनिकेशंस’ (Asianet Communications) से की थी। इसके बाद उन्होंने ’टीवी टुडे नेटवर्क’ (TV Today Network) जॉइन कर लिया था, जहां वह दक्षिणी मार्केट की ऐड सेल्स का जिम्मा संभालती थीं। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में ‘स्टार’ (Star) में बतौर प्रॉडक्ट और रेवेन्यू हेड (English Cluster) जॉइन किया था, अप्रैल 2017 में वह रीजनल बिजनेस में चली गई थीं।
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‘द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड’ (The Associated Journals Limited) ने वरिष्ठ पत्रकार राजेश झा को अपने अखबार और डिजिटल प्रॉपर्टीज का ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नियुक्त किया है। इस नई जिम्मेदारी से पहले वह ‘इंडिया टुडे’ (India Today) मैगजीन में एडिटर (न्यूज) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बता दें कि राजेश झा को देशभर के तमाम प्रमुख अखबारों और मैगजींस में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘इंडिया टुडे’(India Today), ‘द इंडियन एक्सप्रेस’(The Indian Express), ‘बिजनेस स्टैंडर्ड‘(Business Standard), ‘ओपन’(Open), ‘आउटलुक मनी’(Outlook Money) और ‘अमृत बाजार पत्रिका’ (Amrita Bazar Patrika) में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इसके अलावा वह ‘वर्ल्ड बैंक’ (World Bank) में कंसल्टेंट भी रह चुके हैं।
वहीं, वरिष्ठ पत्रकर जफर आगा पहले की तरह www.qaumiawaz.com में एडिटर-इन-चीफ की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। उन्हें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है और वह लंबे समय से ‘द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड’ (The Associated Journals Limited) समूह से जुड़े हुए हैं।
बता दें कि 'एसोसिएटेड जर्नल्स' की स्थापना वर्ष 1937 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इसके तहत अंग्रेजी में 'नेशनल हेराल्ड', हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' नाम से अखबारों का प्रकाशन किया जाता है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।कंपनी ने मंगलवार को घोषणा की कि फरवरी में समाप्त हो रहे बॉब चापेक के अनुबंध को तीन और वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।
‘वॉल्ट डिज्नी’ (Walt Disney) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बॉब चापेक (Bob Chapek) अगले तीन सालों के लिए इस पद पर बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के साथ उनका अनुबंध फरवरी में समाप्त होना था, लेकिन कंपनी बोर्ड की हुई बैठक में इस पद पर चापेक का कार्यकाल अगले तीन तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
‘वॉल्ट डिज्नी’ की बोर्ड अध्यक्ष सुसान अरनॉल्ड (Susan Arnold) की ओर से इस बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया गया है। इस स्टेटमेंट में महामारी के कारण उत्पन्न हुईं परिस्थितियों के बारे में सुसान का कहना था कि कंपनी ने न केवल चुनौतियों का कड़ा सामना किया बल्कि और मजबूती के साथ उभरी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डिज्नी के शेयरों में मंगलवार को 0.5प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई हालांकि इस साल इसमें करीब 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
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बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाल ही में लोकमत मीडिया हाउस के खिलाफ दाखिल मानहानि वाद को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहते हुए मामला खारिज किया कि मीडिया को प्राथमिकी दर्ज होने की खबर देने का अधिकार है और प्रकाशक से समाचार प्रकाशित होने से पहले प्राथमिकी की सत्यता का पता लगाने की अपेक्षा नहीं की जाती।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनय जोशी ने 20 जून को लोकमत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विजय दर्डा और इसके एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया। उन्होंने 20 मई, 2016 को दैनिक 'लोकमत' में प्रकाशित एक समाचार को लेकर एक व्यक्ति द्वारा दाखिल मानहानि शिकायत पर एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह किया था।
बता दें कि यह खबर शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने से संबंधित थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि यह मामला 'झूठा और मानहानिकारक है क्योंकि प्रकाशकों ने समाचार प्रकाशित करने से पहले तथ्यों को सत्यापित नहीं किया।'
शिकायतकर्ता ने अदालत में कहा कि आवेदक (लोकमत) समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने संबंधित समाचार की सत्यता की पुष्टि किए बिना इसे प्रकाशित किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस रिपोर्ट 'पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत' थी।
शिकायतकर्ता ने कहा कि कथित घटना के समय वह अपराध स्थल पर था ही नहीं और बाद में उसका नाम आरोप पत्र से हटा दिया गया। उसने आरोप लगाया कि आवेदकों ने पुलिस रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाए बिना समाचार प्रकाशित किया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। न्यायाधीश ने समाचार पत्र के मालिकों के खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी के महत्व पर जोर दिया।
कोर्ट ने कहा, 'यह सामान्य ज्ञान की बात है कि दैनिक समाचार पत्रों में कम से कम कुछ स्थान अपराधों के मामले दर्ज होने, अदालतों में मुकदमे दाखिल होने, जांच की प्रगति, व्यक्तियों की गिरफ्तारी आदि से संबंधित समाचारों के लिए निर्धारित होते हैं। इनसे कुछ समाचार बनते हैं, जिन्हें जानना जनता का अधिकार है।'
लोकमत की खबर के मुताबिक, यह मामला यवतमाल जिले के मारेगांव स्थित मारवाड़ी चौक की संपत्ति के विवाद में रविंद्र घीसूलाल गुप्ता व अरविंद गुप्ता परिवार के बीच विवाद व मारपीट का था। दोनों पक्षों के खिलाफ दर्ज मामले की खबर 20 मई 2016 को लोकमत में संतुलित तरीके से प्रकाशित की गई थी। रविंद्र गुप्ता ने लोकमत मीडिया के चेयरमैन विजय दर्डा और एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा के खिलाफ फौजदारी मुकदमा दायर किया था।
प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ने इस पर 16 जनवरी 2018 को प्रोसेस इशू किया था। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने यवतमाल के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी और दोनों पर फौजदारी शिकायत को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इस खबर को लेकर ‘लोकमत’ ने अपने एक संपादकीय में कहा, ‘पीआरबी एक्ट के तहत किसी भी अखबार में खबरों के चयन और प्रस्तुतिकरण की संपूर्ण जिम्मेदारी संपादक की होती है। अखबार के प्रिंट लाइन में इस बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र भी होता है। ऐसी स्थिति में किसी खबर को लेकर चेयरमैन या एडिटर-इन-चीफ को शिकायत के घेरे में नहीं रखा जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने केएम मैथ्यू मामले में फैसला दिया था कि अखबारों में प्रकाशित खबरों के लिए एडिटर के जिम्मेदार होने से चेयरमैन, ग्रुप एडिटर व अन्य को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हाई कोर्ट ने इस दलील को मान्य किया। वास्तव में केवल अखबार की लाइन में नाम है इसलिए मीडिया संस्था के उच्च अधिकारियों के खिलाफ फौजदारी मामला दायर नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद यह देखने में आता है कि कुछ लोग चेयरमैन, एडिटर-इन-चीफ या ग्रुप एडिटर जैसे पद पर बैठे लोगों को शिकायत के घेरे में शामिल कर लेते हैं। यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे अखबार के पूरे प्रबंधन को दबाव में लाने की मंशा रहती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ था। संपादक का नाम शिकायत पत्र में शामिल नहीं था जबकि चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ का नाम शामिल किया गया था। इस मामले में लोकमत ने जो खबर प्रकाशित की थी, वह एफआईआर के आधार पर थी। खबर का स्रोत स्पष्ट था इसलिए मानहानि जैसी कोई बात उठती ही नहीं है।
भारतीय संविधान का आर्टिकल 19(1)(ए) फ्रीडम ऑफ स्पीच को सुनिश्चित करता है। मीडिया को यह अधिकार है कि वह उन सभी बातों को रिपोर्ट करे जो पब्लिक डोमेन में हैं। लोगों को जानकारी देना उसका न केवल अधिकार है बल्कि दायित्व भी है। निश्चय ही बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ का यह फैसला दूरगामी है और मीडिया प्रबंधन को बगैर किसी भय के काम करने में मदद मिलेगी। मीडिया को प्रताड़ित करने, दबाव डालने या भयभीत करने की कोशिश करने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी। मीडिया के मजबूत होने का सीधा सा अर्थ है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। लोगों की आवाज मजबूत करने का माध्यम आखिर मीडिया ही तो है।’
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भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'शुक्रवार संवाद' का विमोचन मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह, पुस्तक के संपादक व डीन छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार, डॉ. पवन कौंडल व श्री संत समीर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रो. सुरेश ने कहा कि 'शुक्रवार संवाद' समाज और संस्कृति का विमर्श है। नवोदित पत्रकारों के लिए यह पुस्तक बेहद उपयोगी है। यह पुस्तक न सिर्फ मीडिया से जुड़े विभिन्न विषयों पर एक नए तरीके से सोचने पर विवश करती है, बल्कि समाज और संस्कृति से जुड़े मुद्दों को भी सरल शब्दों में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि संचार, मीडिया, विज्ञापन और जनसंपर्क के विद्यार्थियों की जानकारी का आकाश जितना विस्तृत होगा, उनकी अभिव्यक्ति भी उतनी ही बेहतर होगी। इस दिशा में यह पुस्तक सभी विद्यार्थियों के लिए मूल्यवान है।
आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि कोई भी समाज सार्थक संवाद से ही जीवंत बनता है। 'शुक्रवार संवाद' भारतीय जन संचार संस्थान का ऐसा लोकप्रिय विमर्श मंच बन चुका है, जहां सिर्फ पत्रकारिता नहीं, बल्कि समाज जीवन के विविध क्षेत्रों की प्रतिभाएं विद्यार्थियों से संवाद करती हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से ये समस्त संवाद हमारे पास संरक्षित हो जाएंगे। यह पुस्तक हम सभी की चिंतन और विमर्श प्रकिया को आगे बढ़ाएगी।
आईआईएमसी के डीन छात्र कल्याण एवं पुस्तक के संपादक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के कौशल विकास और महत्वपूर्ण विषयों पर उनकी समझ को विकसित करने के लिए आईआईएमसी वर्ष 2020 से 'शुक्रवार संवाद' नामक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर वह जानकारी प्रदान की जाती है, जो उन्हें क्लासरूम में प्राप्त नहीं होती। यह जानकारी आईआईएमसी के दूसरे विद्यार्थियों के भी काम आए, इस दृष्टि से इन कार्यक्रमों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
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इसे काम का अत्यधिक दबाव कह लें, खबरों को जल्दी से जल्दी ‘ब्रेक’ करने की होड़ कह लें अथवा लापरवाही। कई बार तमाम न्यूज संस्थानों से कुछ इस तरह की गलतियां हो जाती हैं, जिससे उन्हें किरकिरी का सामना करना पड़ता है और ‘भूल सुधार’ तक प्रकाशित/प्रसारित करना पड़ता है।
हाल ही में कुछ ऐसा ही नामी-गिरामी हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की खबर को लेकर ‘नेटवर्क18’ समूह की हिंदी न्यूज वेबसाइट ‘न्यूज18 इंडिया’ के साथ हुआ, जब उसे सार्वजनिक रूप से गलती मानते हुए भूल सुधार पब्लिश करना पड़ा।
दरअसल, हुआ कुछ ऐसा कि हाल ही में पंजाबी कॉमेडियन सुरिंदर शर्मा का निधन हो गया था। इस पर ‘न्यूज18 इंडिया’ ने ’पंजाबी कॉमेडियन सुरिंदर शर्मा का निधन, शोक में मनोरंजन जगत’ नाम से वेबसाइट पर एक खबर पब्लिश कर दी। इस खबर में ‘न्यूज18 इंडिया’ ने बताया कि पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर कॉमेडियन, कवि और लेखक सुरिंदर शर्मा अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने थियेटर से लेकर फिल्मों और शोज में भी काम किया था। लेकिन, इस खबर में जो फोटो लगाई गई, वह जाने-माने हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की थी।
देखते ही देखते यह खबर वायरल हो गई। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर सुरेंद्र शर्मा की तस्वीर वायरल होने लगी। कई प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि देना तक शुरू कर दिया। सुरेंद्र शर्मा तक भी यह खबर पहुंची। इसके बाद उन्होंने खुद एक वीडियो जारी किया और अपनी सलामती के बारे में बताया। इसके बाद ‘न्यूज18 इंडिया’ ने इस बारे में अपनी गलती मानी और सुरिंदर शर्मा की सही फोटो लगाते हुए भूल सुधार पब्लिश किया। अपने माफीनामे में ‘न्यूज18 इंडिया’ ने इस गलती को मानवीय भूल बताते हुए खेद प्रकट किया है। अपने भूल सुधार में इस वेबसाइट ने लिखा-‘इस खबर में मानवीय भूलवश हिंदी के सुप्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की फोटो प्रकाशित हो गई थी, इसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।‘ ‘न्यूज18 इंडिया’ की इस खबर को आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि कुछ साल पहले तमाम मीडिया संस्थानों ने मसालों के किंग के रूप में चर्चित एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (अब दिवंगत) के निधन की खबर चला दी थी। बाद में उनके परिवार की ओर से इस खबर का खंडन करते हुए एक विडियो जारी किया गया था। मीडिया में चल रहीं इस तरह की खबरों पर परिवार ने निंदा भी की थी। उस समय परिवार की ओर से जारी संदेश में कहा गया था कि वह एकदम स्वस्थ हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर धर्मपाल के निधन की अफवाह उड़ने के बाद कई प्रमुख न्यूज वेबसाइट ने भी यह खबर पब्लिश कर दी थी।
मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा द्वारा अपनी सलामती के बारे में शेयर किए गए वीडियो को आप यहां देख सकते हैं-
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