बहुप्रतीक्षित पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) 2025 बुधवार को मुंबई में जारी की गई, जिसमें विज्ञापन, मार्केटिंग और मीडिया क्षेत्र के दिग्गज और बिजनेस लीडर्स शामिल हुए। यह रिपोर्ट, जो अपनी 23वें संस्करण में है, हर साल की तरह इस बार भी आने वाले वर्ष में मार्केट को आकार देने वाले प्रमुख रुझानों और बदलावों पर प्रकाश डालती है। PMAR को पिच और मैडिसन वर्ल्ड के सहयोग से लॉन्च किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय विज्ञापन खर्च (AdEx) में 11% की वृद्धि होने की संभावना है और यह इस साल ₹1.2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया, "हमारा 2025 के लिए वृद्धि अनुमान 2024 की तुलना में अधिक सकारात्मक है, जिसमें 11% की वृद्धि का अनुमान है। यदि हमारे आंकड़े सही साबित होते हैं, तो भारतीय विज्ञापन खर्च ₹1.2 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा, जिससे ₹12,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुड़ेगा।"
मैडिसन वर्ल्ड के चेयरमैन सैम बलसारा ने इस वृद्धि का श्रेय कई कारकों को दिया, जिनमें आईपीएल, चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और भारत के कुछ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज शामिल हैं, जो टीवी और डिजिटल विज्ञापन को गति देंगे। अन्य प्रमुख कारणों में एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और ड्यूरेबल्स सेक्टर की ऑर्गेनिक ग्रोथ, MSMEs और स्टार्टअप्स द्वारा डिजिटल विज्ञापनों पर बढ़ता खर्च, कनेक्टेड टीवी (CTV) विज्ञापन का उभरना और आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन इंडस्ट्री में डिजिटल और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के साथ बुनियादी ढांचे में वृद्धि शामिल हैं।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 2025 में वैश्विक विज्ञापन खर्च (AdEx) में स्थिर वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसमें WARC मीडिया के अनुमान के अनुसार 2024 की तुलना में 8% की वृद्धि होगी। इसके विपरीत, भारत का विज्ञापन बाजार वैश्विक रुझानों से तेज गति से बढ़ने की संभावना है। यह अंतर दर्शाता है कि वैश्विक औसत की तुलना में भारतीय विज्ञापन क्षेत्र अधिक मजबूती और विकास की गति बनाए हुए है।
रिपोर्ट में कहा गया, "हमें उम्मीद है कि 2025 भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत लेकर आएगा, विशेष रूप से मौजूदा केंद्रीय बजट के बाद, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता भावनाओं को मजबूत करना और कुछ सेक्टर्स को प्रोत्साहन देना है।"
मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच ₹1 लाख करोड़ की अतिरिक्त डिस्पोजेबल इनकम (खर्च करने योग्य आय) बढ़ने से ब्रैंड्स को सीधा लाभ मिलेगा और वे मार्केटिंग व विज्ञापन में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।
यह सुधार अनैच्छिक (डिस्क्रेशनरी) खर्च में वृद्धि करेगा, जिससे एफएमसीजी, रिटेल, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और ट्रैवल जैसे उपभोग-प्रधान सेक्टर्स की मांग बढ़ेगी, जो पारंपरिक रूप से भारत में विज्ञापन इंडस्ट्री में सबसे बड़े योगदानकर्ता रहे हैं।
पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) प्रमुख रुझानों का विश्लेषण करती है, विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि को उजागर करती है और डिजिटल, टेलीविजन, प्रिंट और आउटडोर मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन खर्च का पूर्वानुमान देती है। यह रिपोर्ट Pitch और Madison World की साझेदारी में जारी की जाती है।
सेक्टर-वार भविष्यवाणियां:
डिजिटल (Digital)
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डिजिटल विज्ञापन परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है और 2025 में यह लगातार नए बदलाव लाएगा। बढ़ती इंटरनेट पहुंच और मोबाइल उपयोग में वृद्धि के कारण, यह क्षेत्र कई अवसरों और चुनौतियों का सामना करेगा, जिससे डिजिटल विज्ञापन में लगातार इनोवेशन होता रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, "डिजिटल, विज्ञापन खर्च (AdEx) का मुख्य चालक बना रहेगा और इसका कुल शेयर 42% से बढ़कर 44% हो जाएगा। हालांकि, 2025 में इसकी वृद्धि दर मध्यम स्तर पर रहेगी और यह 17% रहने का अनुमान है।"
2025 में डिजिटल विज्ञापन खर्च (Digital AdEx) 17% की वृद्धि के साथ ₹53,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जो 2024 की तुलना में ₹7,700 करोड़ अधिक होगा। यह सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स में सबसे अधिक वृद्धि दर होगी।
कनेक्टेड टीवी (Connected TV)
2024 में कनेक्टेड टीवी (CTV) एक गेम-चेंजर बनकर उभरा और आने वाले सालों में भी इसका दबदबा बना रहेगा। भारत में CTV को अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है और अनुमान है कि 2025 के अंत तक 50-60 मिलियन घरों में CTV मौजूद होगा। विज्ञापन से होने वाली अनुमानित कमाई ₹2,300-2,500 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह बदलाव दर्शकों की देखने की आदतों में एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है, क्योंकि परंपरागत टीवी से हटकर लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे विज्ञापनदाताओं के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग (Influencer Marketing)
2025 में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और अधिक विस्तार करेगी। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और अन्य विशेष ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन खर्च बढ़ेगा, जिससे इस क्षेत्र में और तेजी आएगी।
टेलीविजन (Television)
2024 में टेलीविजन विज्ञापन में कुछ वृद्धि देखी गई, जिसका प्रमुख कारण चुनाव और आईपीएल और वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजन रहे। हालांकि, डिजिटल मीडिया की तीव्र वृद्धि और CTV के बढ़ते प्रभाव के कारण टेलीविजन विज्ञापन (TV AdEx) पर दबाव बना रहा। खासकर 2024 की आखिरी तीन तिमाहियों में कई विज्ञापनदाताओं ने अपेक्षा से कम खर्च किया।
2025 की बात करें तो, आईपीएल, चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और भारत के द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज जैसे प्रमुख खेल आयोजनों से टीवी विज्ञापन को समर्थन मिलेगा। हालांकि, 2024 की तरह कोई बड़े चुनाव (जैसे विधानसभा चुनाव) नहीं होंगे, जिससे अतिरिक्त विज्ञापन खर्च की संभावना कम है। अगर बजट उपभोक्ता भावना को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और खर्च बढ़ता है, तो इससे टीवी विज्ञापन को भी बढ़ावा मिल सकता है।
हालांकि, डिजिटल मीडिया लगातार बढ़ता रहेगा और इसका बाजार हिस्सा और अधिक मजबूत होगा, जिससे टीवी विज्ञापन पर दबाव बना रहेगा। लेकिन, कुछ ब्रांड्स फिर से टीवी की ओर लौट रहे हैं, खासकर हाई-इंपैक्ट शोज के लिए, और एफएमसीजी क्षेत्र में भी कुछ ऑर्गेनिक ग्रोथ देखने को मिल रही है।
2025 में टीवी विज्ञापन की वृद्धि धीमी लेकिन स्थिर रहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में टीवी विज्ञापन ₹2,000 करोड़ की वृद्धि के साथ 6% बढ़कर ₹36,520 करोड़ तक पहुंच सकता है। हालांकि, कुल विज्ञापन खर्च में इसका हिस्सा घटकर 30% हो जाएगा, जिससे यह डिजिटल के बाद दूसरा सबसे बड़ा माध्यम बना रहेगा।
एक सकारात्मक पहलू यह है कि भारत का टेलीविजन विज्ञापन बाजार वैश्विक स्तर पर मजबूत बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर टेलीविजन का बाजार हिस्सा 13% है और इसमें -5% गिरावट का अनुमान है, जबकि भारत में यह काफी अधिक है।
प्रिंट (Print)
भारत में डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बावजूद, प्रिंट विज्ञापन अब भी मजबूत बना हुआ है और विज्ञापन जगत के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।
2025 के लिए रिपोर्ट का अनुमान है कि प्रिंट विज्ञापन खर्च (Print Adex) की रिकवरी जारी रहेगी और इसमें कुल 7% की वृद्धि होगी। अगर इसे संख्याओं में देखें, तो प्रिंट विज्ञापन बाजार 2025 में लगभग ₹22,000 करोड़ तक पहुंच सकता है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, यह 7% वृद्धि ऐसे समय में अनुमानित है जब 2024 के आम चुनावों जैसे बड़े आयोजन नहीं होंगे, जो प्रिंट विज्ञापन की बढ़त के मुख्य कारकों में से एक था।
इसके बावजूद, कुल विज्ञापन खर्च (Total AdEx) में प्रिंट का योगदान धीरे-धीरे घटेगा। 2024 में प्रिंट विज्ञापन का कुल बाजार में हिस्सा 19% था, जो 2025 में घटकर 18% रहने की संभावना है। यह गिरावट डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उसके बढ़ते विज्ञापन बजट को दर्शाती है।
आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन
आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन तेजी से बढ़ रहा है, जिसका प्रमुख कारण तकनीकी विकास, बेहतर बुनियादी ढांचा और अधिक निवेश हैं।
डिजिटल आउट-ऑफ-होम (DOOH) एक महत्वपूर्ण ट्रेंड बनकर उभरा है, जिसने 2024 में 12-15% की वृद्धि दर्ज की, खासकर बड़े शहरों में। हालांकि, DOOH का 70% हिस्सा छोटे फॉर्मेट्स (स्क्रीन्स) से जुड़ा है, जो ज्यादातर मॉल, ट्रांजिट एरिया और कॉर्पोरेट हब्स जैसी जगहों पर स्थित हैं।
2025 में, DOOH की वृद्धि और तेज होगी, जिसमें सड़कों और अन्य बाहरी जगहों पर डिजिटल स्क्रीन बढ़ने की संभावना है।
फिलहाल, डिजिटल OOH विज्ञापन पूरे OOH बाजार का 10% हिस्सा रखता है। हालांकि, प्रोग्रामेटिक विज्ञापन (Programmatic Advertising) अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इस क्षेत्र में इनोवेशन जारी है।
2024 में, एयरपोर्ट, मॉल और मेट्रो स्टेशनों जैसी ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर OOH विज्ञापन में वृद्धि देखी गई। 2025 में हवाई यात्रा में 7-10% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे गैर-मेट्रो हवाई अड्डों पर भी विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी बढ़ रही है।
मॉल में डिजिटल OOH तेजी से विस्तार कर रहा है, खासतौर पर लग्जरी और ब्यूटी ब्रांड्स इस प्लेटफॉर्म का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के साथ, स्टेशन नेमिंग राइट्स (स्टेशन के नाम से जुड़ा विज्ञापन) और स्टैटिक व डिजिटल विज्ञापनों के जरिए ब्रांड्स के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
रेडियो विज्ञापन
भारत में रेडियो स्टेशनों का पारंपरिक FM विज्ञापनों से आगे बढ़ना जारी है। वे डिजिटल कंटेंट को अपनाकर विज्ञापनदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं और अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं।
ऑडियंस की बदलती प्राथमिकताओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, रेडियो नेटवर्क अब स्ट्रीमिंग, सोशल मीडिया और डिजिटल-फर्स्ट रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं ताकि विज्ञापनदाता अपने दर्शकों के साथ ज्यादा डायनामिक और प्रभावी तरीके से जुड़ सकें।
रेडियो अब भी एक किफायती और प्रभावशाली विज्ञापन माध्यम बना हुआ है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में रेडियो विज्ञापन में 9% की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे इसका कुल बाजार ₹2,700 करोड़ तक पहुंच सकता है।
हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद, रेडियो विज्ञापन खर्च (Radio Adex) का कुल विज्ञापन बाजार में योगदान सिर्फ 2% पर बना रहेगा।
सिनेमा विज्ञापन
भारतीय सिनेमा विज्ञापन उद्योग 2025 में लगभग 9% की धीमी वृद्धि दर दर्ज कर सकता है। हालांकि, यह अभी भी एक छोटे मार्केट से काम कर रहा है और अन्य विज्ञापन माध्यमों की तुलना में इसकी वृद्धि सीमित रही है।
इतिहास में, सिनेमा विज्ञापन का कुल विज्ञापन बाजार में हिस्सा 1% से कम ही बना रहा है और इसमें कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है।
2025 में, सिनेमा विज्ञापन बाजार लगभग ₹950 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह अब भी COVID-पूर्व राजस्व स्तर ₹1,050 करोड़ से कम रहेगा। महामारी के प्रभाव से पूरी तरह उबरने में अभी और समय लग सकता है।
OTT प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव ने सिनेमा विज्ञापन को नुकसान पहुंचाया है। अब ज्यादा दर्शक मनोरंजन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सिनेमा हॉल में दर्शकों की संख्या घटी है।
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