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गेमिंग, एनीमेशन, रील व फिल्म निर्माण में रचनाकारों के लिए अपार संभावनाएं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 114वें 'मन की बात' के संबोधन के दौरान, रोजगार की तेजी से बदलती प्रकृति और गेमिंग, फिल्म निर्माण आदि जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों पर जोर दिया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 30 September, 2024
Last Modified:
Monday, 30 September, 2024
MannKiBaat784557


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 114वें 'मन की बात' के संबोधन के दौरान, रोजगार की तेजी से बदलती प्रकृति और गेमिंग, फिल्म निर्माण आदि जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने देश की रचनात्मक प्रतिभाओं की अपार संभावनाओं पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही ‘क्रिएट इन इंडिया’ थीम के तहत 25 चैलेंज में भाग लेने के लिए रचनाकारों का आह्वान किया।

उभरते रचनात्मक क्षेत्र रोजगार के बाजार को नया आकार देंगे

अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने उभरते क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जो रोजगार के बाजार को नया आकार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन बदलते समय में, रोजगार की प्रकृति बदल रही है, और गेमिंग, एनीमेशन, रील मेकिंग, फिल्म मेकिंग या पोस्टर मेकिंग जैसे नए क्षेत्र उभर रहे हैं। यदि आप इनमें से किसी भी कौशल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं… तो आपकी प्रतिभा को बहुत बड़ा मंच मिल सकता है।” उन्होंने बैंड, सामुदायिक रेडियो के प्रति उत्साही और रचनात्मक पेशेवरों के लिए बढ़ते दायरे के बारे में भी चर्चा की।

इस क्षमता का लाभ उठाने और उनका पोषण करने के लिए, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने संगीत, शिक्षा और एंटी-पायरेसी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 चैलेंज की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने रचनाकारों को इन चैलेंज में भाग लेने के लिए वेबसाइट wavesindia.org पर लॉग इन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “मैं देश के रचनाकारों से विशेष रूप से भागीदारी सुनिश्चित करने और अपनी रचनात्मकता को सामने लाने का आग्रह करता हूं।”

क्रिएट इन इंडिया चैलेंज - सीजन वन

22 अगस्त, 2024 को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में क्रिएट इन इंडिया चैलेंज - सीजन वन का शुभारंभ किया था। ये चैलेंज आगामी वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) के लिए एक अग्रदूत के रूप में काम करेंगे, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 78वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान व्यक्त किए गए "भारत में डिजाइन, दुनिया के लिए डिजाइन" के विजन के अनुरूप है।

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इस बड़े पद पर अब ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की टीम में शामिल हुए संजय नागपाल ?>

संजय नागपाल इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ समूह में चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
Sanjay Nagpal

‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) यानी ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times Of India) ने संजय नागपाल को चीफ प्रॉडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, संजय एक अनुभवी आईटी प्रोफेशनल हैं, जिनके पास सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चर, जनरेटिव एआई (GenAI), सुरक्षा और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

कंपनी के अनुसार, अपनी इस भूमिका में संजय संपादकीय नेतृत्व के साथ मिलकर न्यूजरूम के वर्कफ्लो को आधुनिक बनाने, एआई को एकीकृत करने और एक एकीकृत एडिटोरियल टेक स्टैक (जैसे CMS, DAM, आर्काइव, ई-पेपर, GenAI आदि) स्थापित करने पर फोकस करेंगे ताकि कार्य में तेजी और उत्पादकता बढ़े। इसके अतिरिक्त, वह ब्रैंड नेतृत्व के साथ काम कर उपभोक्ता डेटा के प्रभावी उपयोग की दिशा में तकनीकी नवाचार करेंगे, नए उत्पाद विकसित करेंगे जो प्रिंट बिजनेस को मजबूत बनाने के साथ-साथ BCCL की विकास यात्रा में योगदान देंगे।

बता दें कि टाइम्स समूह के साथ संजय नागपाल का यह दूसरा कार्यकाल है। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने चीफ मैनेजर के रूप में टेक्नोलॉजी से संबंधित बिजनेस को संभाला था। ‘टाइम्स समूह’ के साथ अपनी नई पारी शुरू करने से पहले संजय नागपाल अब तक ‘इंडिया टुडे’ समूह में चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इस दौरान उन्होंने डिजिटल-फर्स्ट टेक्नोलॉजी की पहल को आगे बढ़ाया और आजतक, इंडिया टुडे, GNT व मैग्ज़ीन्स जैसे बिजनेस टुडे, कॉस्मोपॉलिटन, हार्पर्स बाजार और रीडर्स डाइजेस्ट के लिए टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी पर काम किया।

उन्होंने देश का पहला वर्चुअल न्यूज एंकर तैयार करने में अहम भूमिका निभाई और AI/ML तकनीकों के जरिए कंटेंट जेनरेशन को बेहतर बनाने के लिए एक इन-हाउस एआई टूल भी विकसित किया। वह 'बैगइटटुडे' (Bagittoday) के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

नागपाल की लिंक्डइन प्रोफाइल में उन्हें खुद को "टेक्नोक्रेट" बताया है, जो इंटरनेट/वेब टेक्नोलॉजीज, टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर, एप्लिकेशन डेवलपमेंट और क्लाउड कंप्यूटिंग (AWS) जैसी विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञताओं में माहिर है। उनके पास आईटी और बिजनेस के बीच तालमेल बिठाने, आईटी रणनीति तैयार करने, ऑनलाइन तकनीकों को विकसित करने और बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा करने का व्यापक अनुभव है।

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कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर रोक, नोटिस जारी ?>

अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी इस याचिका पर नोटिस जारी किया है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
Court

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण वीडियो को सोशल मीडिया पर अवैध रूप से साझा करने, संपादित करने और किसी भी तरह से बदलने पर रोक लगा दी है।

इस मामले में दमोह के व्यवसायी डॉ. विजय बजाज ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अदालती कार्यवाही के वीडियो को सोशल मीडिया पर अवैध तरीके से पोस्ट किए जाने का विरोध किया। उनके वकील उत्कर्ष अग्रवाल के मुताबिक, ऐसा करना उच्च न्यायालय के लाइव स्ट्रीमिंग नियमों का उल्लंघन है।

अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी इस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से ऐसे वीडियो हटाने की बात कही गई है। 

अग्रवाल ने बताया कि याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि जो लोग इन वीडियो से व्यूअरशिप के जरिए पैसे कमा रहे हैं, उनसे इस कमाई को वसूला जाए। अदालत में कुछ विशेष वीडियो भी पेश किए गए, जो अवैध रूप से अपलोड किए गए थे।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एस.के. कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई। पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार, सूचना प्रसारण मंत्रालय, मेटा प्लेटफॉर्म, यू.ट्यूब, एक्स और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। 

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‘PTI’ में सुरेश कुमार तिवारी का ‘कद’ बढ़ा, अब मिली यह जिम्मेदारी ?>

सुरेश कुमार तिवारी करीब तीन साल से ‘पीटीआई’ से जुड़े हुए हैं। यहां आने से पहले वह 20 साल से ज्यादा समय से ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ में स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 02 November, 2024
Last Modified:
Saturday, 02 November, 2024
Suresh Tiwary

देश की जानी-मानी न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) ने वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कुमार तिवारी को डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर प्रमोट किया है। सुरेश कुमार तिवारी करीब तीन साल से ‘पीटीआई’ से जुड़े हुए हैं और अब तक इसकी हिंदी सेवा ‘भाषा’ (Bhasha) में चीफ कॉपी एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इस संस्थान में अक्टूबर 2021 में ज्वॉइन किया था।

सुरेश कुमार तिवारी को मीडिया में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। ‘पीटीआई’ में आने से पहले वह 20 साल से ज्यादा समय से ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ (UNI) में स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

इस दौरान वह सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, सीबीआई, कानून मंत्रालय, लोकसभा, भारत का निर्वाचन आयोग सहित अनेक महत्वपूर्ण बीट कवर करते रहे हैं। उन्होंने न केवल देश के कोने कोने की यात्रा की है बल्कि यूरोप, अफ्रीका, एशिया, यूरेशिया, पूर्वी एशिया सहित दुनिया के विभिन्न देशों की यात्राएं करके अनेक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों को कवर किया है।

उनकी हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ है। प्रिंट में लंबा समय बिताने के बावजूद डिजिटल में भी उनकी अच्छी पकड़ है। उन्हें कानूनी मामलों का अच्छा जानकार माना जाता है।

पूर्व में वह ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran), ‘समाचार पोस्ट’ (Samachar Post ), ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (Times of India, patna) और ‘द इंडियन नेशन’ (The Indian Nation, patna) जैसे जाने-माने अखबारों में भी विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।

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‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम’ बोर्ड के चेयरमैन बने ‘टीवी5’ के चेयरपर्सन बीआर नायडू ?>

चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी और बीआर नायडू के नाम से मशहूर बोलिनेनि राजगोपाल नायडू की इस नियुक्ति को मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 01 November, 2024
Last Modified:
Friday, 01 November, 2024
BR Naidu

‘टीवी5’ (TV5) न्यूज चैनल के मालिक बोलिनेनि राजगोपाल नायडू को ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ (टीटीडी) बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी और बीआर नायडू के नाम से मशहूर बोलिनेनि राजगोपाल नायडू की इस नियुक्ति को मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।

नए टीटीडी बोर्ड में कई राज्यों के सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें आंध्र प्रदेश से तीन विधायक, तेलंगाना से पांच सदस्य, कर्नाटक से तीन, तमिलनाडु से दो और गुजरात व महाराष्ट्र से एक-एक सदस्य शामिल हैं। सत्तारूढ़ पार्टी की सहयोगी भाजपा से एक और सदस्य का नामांकन जल्द होने की संभावना है।

इस बोर्ड में जग्गमपेटा विधायक ज्योतुला नेहरू, कोवूर विधायक वेमिरेड्डी प्रशांति रेड्डी, मदकासिरा विधायक एम.एस. राजू, पूर्व केंद्रीय मंत्री पनाबाका लक्ष्मी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू और भारत बायोटेक की सह-संस्थापक सुचित्रा एला जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके साथ ही, जनसेना पार्टी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण द्वारा तीन सदस्यों की अनुशंसा की गई है, जिनमें आर्ट डायरेक्टर बुरगापु आनंद साई, तेलंगाना जन सेना पार्टी के उपाध्यक्ष बोन्गुनूरी महेंद्र रेड्डी और जनसेना पार्टी की संस्थापक सदस्य अनुगोला रंगश्री शामिल हैं।

हालांकि बीआर नायडू मूलतः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से हैं, लेकिन वह फिलहाल हैदराबाद में रहते हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी और हिंदू समुदाय के बीच अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध नायडू टीवी5 चैनल के माध्यम से भी अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।

चित्तूर के कृषि क्षेत्र से जुड़े बीआर नायडू ने राजनीति में अपना कदम तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के संस्थापक एनटी रामाराव के कार्यकाल के दौरान रखा। तब से वह टीडीपी के समर्पित समर्थक बने रहे हैं।

बीआर नायडू का मीडिया क्षेत्र में सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने दो अक्टूबर, 2007 को श्रेया ब्रॉडकास्टिंग प्रा. लि. के तहत टीवी5 की शुरुआत की। नुजेन हेयर ऑयल के मालिक के रूप में उनकी उद्यमशील पृष्ठभूमि ने टीवी5 की लॉन्च के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान किया।

‘टीवी5’ ने नायडू के नेतृत्व में कई विस्तार किए हैं। तेलुगु न्यूज चैनल के रूप में शुरुआत करने के बाद, चैनल ने अमेरिका में तेलुगु भाषी दर्शकों के लिए टीवी5 यूएसए लॉन्च किया। अगस्त 2016 में, चैनल ने टीवी5 मनी नाम से एक डिजिटल वेंचर की शुरुआत की, जो यूट्यूब, मोबाइल ऐप्स और आईपीटीवी प्लेटफॉर्म्स के जरिए रीयल-टाइम फाइनेंसियल और बिजनेस न्यूज उपलब्ध कराता है।

टीवी5 ने 29 मार्च, 2017 को उगादी पर्व पर हिंदू धर्मम नामक एधार्मिक और आध्यात्मिक चैनल लॉन्च किया। उसी साल, 2 अक्टूबर को टीवी5 कन्नड़ चैनल का शुभारंभ किया गया, जो कर्नाटक पर केंद्रित है।

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रिलायंस-डिज्नी मर्जर में शामिल नहीं होंगे स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल  ?>

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 30 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 30 October, 2024
BikramDuggal74

डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है, लेकिन वह डिज्नी के साथ जुड़े रहेंगे।

स्टार में विक्रम दुग्गल ने डिज्नी, पिक्सर, मार्वल, लुकासफिल्म, 20th सेंचुरी स्टूडियोज और सर्चलाइट पिक्चर्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स की वैश्विक फिल्मों और फॉक्स स्टार स्टूडियोज के तहत स्थानीय प्रोडक्शंस का जिम्मा संभाला है। उन्होंने देश में इन ग्लोबल फिल्मों की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के अलावा, स्थानीय प्रोडक्शंस के लिए क्रिएटिव, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटजी का नेतृत्व किया है। 

उनके नेतृत्व में स्टूडियो का कारोबार उपभोक्ता, रचनात्मकता और स्थानीयकरण पर केंद्रित रहकर तेजी से बढ़ा है। उनके मार्गदर्शन में 'एवेंजर्स: एंडगेम' (2019 में भारत में नंबर 1 फिल्म), 'एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर', 'थॉर रग्नारोक', 'ब्लैक पैंथर', 'द लॉयन किंग' और 'फ्रोजन 2' जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाए। 

इससे पहले, विक्रम ने स्टूडियोज बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का नेतृत्व किया था और डिज्नी इंडिया में कॉर्पोरेट रणनीति और बिजनेस ग्रोथ की जिम्मेदारियां भी संभाली थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मीडिया नेटवर्क्स बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिजिटल इनीशिएटिव्स का नेतृत्व किया और भारत में डिज्नी के टीवी बिजनेस के निर्माण में रचनात्मक सहयोग किया। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी के स्टार इंडिया के बीच मर्जर नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले डिज्नी  स्टार के कंट्री मैनेजर और प्रेसिडेंट के. माधवन और डिज्नी + हॉटस्टार के प्रमुख सजीत सिवानंदन भी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं।

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Dentsu India व IWMBuzz Media ने मिलाया हाथ, 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' का करेगा आयोजन ?>

'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
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'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भारत के गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छूने और इंडस्ट्री में बेहतरीन प्रतिभा, नवाचार और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए तैयार है।

भारत गेमिंग अवॉर्ड्स का उद्देश्य गेमिंग जगत के अहम लोगों को एक साथ लाना है, जिसमें शीर्ष गेमर्स, बड़े फैन समुदाय, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स और प्लेटफॉर्म्स शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उन लोगों को पहचान देने पर केंद्रित है, जो भारत में गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स का भविष्य बना रहे हैं।

'डेंट्सु इंडिया' इस इवेंट में 'Dentsu Gaming Report' का भी अनावरण करेगा, जो भारत के गेमिंग परिदृश्य का पहली बार व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इंफ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल प्लेयर्स, पब्लिशर्स, कंटेंट क्रिएटर्स और इंडस्ट्री के लीडर्स की चुनौतियों और महत्वाकांक्षाओं का गहराई से अध्ययन किया जाएगा। रिपोर्ट में भारत के गेमिंग क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर भी रोशनी डाली जाएगी।

डेंट्सू साउथ एशिया के सीईओ हर्ष राजदान ने कहा, “भारत का गेमिंग परिदृश्य एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और इसके विकास की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। हम इस बदलाव के निर्माता बनकर इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दिशा में कार्यरत हैं। इस पहल से हमारा लक्ष्य केवल भारत में गेमिंग के भविष्य को आकार देना नहीं है, बल्कि इसे वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी बनाना है।”

डेंट्सू साउथ एशिया के प्रेजिडेंट व चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने कहा कि यह साझेदारी गेमिंग में ब्रैंड्स के लिए नई संभावनाओं को खोलने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "हम 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' (Dentsu Gaming Report) के माध्यम से भारत में गेमिंग का एक गाइड बना रहे हैं, जो ब्रैंड्स को इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा।”

IWMBuzz Media के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लाइक ने कहा, “IWMBuzz Media ने भारत गेमिंग अवॉर्ड्स जैसे कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। Dentsu के साथ यह साझेदारी इस आइडिया को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी और 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का लॉन्च भारत के गेमिंग इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।”

यह आयोजन गेमिंग इंडस्ट्री के प्रमुख खिलाड़ियों, टॉप गेमर्स, फैन समुदायों, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स, और प्लेटफॉर्म्स को एक मंच पर लाएगा। इसका उद्देश्य भारत के गेमिंग इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और उन लोगों का सम्मान करना है जो भारतीय गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

इस इवेंट में डेंट्सु इंडिया द्वारा 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का भी अनावरण किया जाएगा, जो भारत के गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र का एक व्यापक विश्लेषण पेश करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इन्फ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल एथलीट्स, पब्लिशर्स और कंटेंट क्रिएटर्स की महत्वाकांक्षाओं और चुनौतियों पर गहराई से प्रकाश डाला जाएगा। 

डेंट्सु साउथ एशिया के CEO हर्षा रजदान ने कहा, "भारत की गेमिंग इंडस्ट्री एक अहम मोड़ पर है। हमारी प्रतिबद्धता इस उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की है। डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट और इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स जैसी पहल के माध्यम से हम भारतीय गेमिंग उद्योग को विश्व स्तर पर एक सशक्त ताकत बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।"

डेंट्सु साउथ एशिया के प्रेसिडेंट और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने बताया कि यह साझेदारी भारत में ब्रैंड्स के लिए गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स में संभावनाओं को खोलने का एक अवसर है। 

IWMBuzz मीडिया के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लैके ने कहा, "IWMBuzz ने गेमिंग एंटरटेनमेंट में हमेशा से नवीन पहल की है। डेंट्सु के साथ हमारी यह साझेदारी भारत में गेमिंग के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।" 

इस आयोजन के माध्यम से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसे वैश्विक पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

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फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब की गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन, ये वरिष्ठ पत्रकार बने सदस्य ?>

फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
FCC78451

नई दिल्ली स्थित फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। इस पुनर्गठित कमेटी में भारतीय मीडिया के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। बता दें कि FCC के अध्यक्ष एस. वेंकट नारायण ने इस पुनर्गठन की घोषणा की।

इन प्रमुख व्यक्तियों ने FCC की गवर्निंग कमेटी में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है:

  • केपी नायर – विदेशी संवाददाता, रणनीतिक विश्लेषक, टीवी कमेंटेटर और कूटनीति के विशेषज्ञ
  • मोसेस मनोहरन- प्रधान संपादक, एशियन अफेयर्स, लंदन

इसके अलावा, इन वरिष्ठ पत्रकारों ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है: 

-  राजा मोहन, स्तंभकार, दि इंडियन एक्सप्रेस

-  प्रणब ढल समंता, कार्यकारी संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स

- दीपांजन रॉय चौधरी, विदेश मामलों के संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स

- रुद्रनील घोष, वरिष्ठ सहायक संपादक, संपादकीय पृष्ठ संपादक, दि टाइम्स ऑफ इंडिया

FCC गवर्निंग कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी: 

-  अध्यक्ष: एस. वेंकट नारायण, स्तंभकार, द आइलैंड, श्रीलंका

-  उपाध्यक्ष: वाइल एस. एच. अव्वाद, सीरियन अरब न्यूज एजेंसी (SANA) 

-  सचिव: प्रकाश नंदा, दि यूरेशियन टाइम्स, कनाडा

-  कोषाध्यक्ष: पीएम नारायणन, मुख्य निर्माता, *जर्मन टीवी*

गवर्निंग कमेटी के अन्य मौजूदा सदस्य: 

- ताकुरो इवाहाशी, ब्यूरो प्रमुख, क्योदो न्यूज, जापान

- अयंजित सेन, विशेष संवाददाता, श्रीलंका गार्जियन

- सिद्धार्थ श्रीवास्तव, चैनल न्यूजएशिया इंटरनेशनल 

- आगा जीलानी, ब्रिक्स जर्नल, दक्षिण अफ्रीका

- एमडी अमीनुल इस्लाम, संवाददाता, संगबाद संघ 

- राजेश कुमार मिश्रा, ब्यूरो प्रमुख, कांतिपुर मीडिया ग्रुप, नेपाल

FCC साउथ एशिया का परिचय:

साउथ एशिया के फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) में 500 से अधिक पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल हैं, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मालदीव, अफगानिस्तान और तिब्बत को कवर करते हैं। FCC का उद्देश्य पत्रकारों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे संवाद और सहयोग कर सकें। 

इस क्लब में विदेशी संवाददाताओं के साथ-साथ स्थानीय पत्रकारों का भी स्वागत है। क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस, स्पोर्ट्स स्क्रीनिंग, बुक लॉन्च और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे पत्रकारों को संवाद का एक सशक्त माध्यम मिलता है।

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विनियमित संस्थाओं को SEBI का अल्टीमेटम, फिनफ्लुएंसर्स से रहें दूर ?>

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सेबी ने सभी पंजीकृत संस्थाओं, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों में सभी बिना पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव समाप्त कर दें। सेबी का यह कदम निवेशकों को उन जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है जो बिना पंजीकरण वाले फिनफ्लुएंसर्स द्वारा शेयर बाजार की सलाह देने के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। इन सलाहों में अक्सर भ्रामक दावे किए जाते हैं और पारदर्शिता का अभाव होता है।

सेबी के ताजा सर्कुलर में यह साफ किया गया है कि उसके द्वारा पंजीकृत सभी संस्थाओं और उनके एजेंट्स को ऐसे किसी व्यक्ति के साथ अनुबंध खत्म करना होगा, जो शेयर से संबंधित सलाह दे रहे हैं या निवेश रिटर्न का दावा कर रहे हैं। कई फिनफ्लुएंसर्स बिना सेबी की अनुमति के बड़े फॉलोअर बेस को प्रभावित कर रहे हैं और अपने वित्तीय संबंधों का खुलासा किए बिना मुनाफा कमा रहे हैं। 

इससे पहले, जून 2024 में सेबी ने इन फिनफ्लुएंसर्स को नियामक दायरे में लाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि, कई फिनफ्लुएंसर्स ने इन नियमों का पालन करने से बचते हुए सेबी-पंजीकृत संस्थाओं के साथ अप्रत्यक्ष संबंधों के माध्यम से काम करना जारी रखा, जिससे निवेशकों के निर्णय पर इसका असर पड़ा है। 

सर्कुलर में सेबी ने स्पष्ट किया है कि उसके पंजीकृत संस्थानों को बिना सेबी की मंजूरी के ऐसे व्यक्तियों के साथ किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन, तकनीकी संपर्क, या ग्राहक रेफरल नहीं करना चाहिए जो बिना पंजीकरण के निवेश सलाह दे रहे हैं। यह प्रतिबंध उन संस्थानों पर लागू नहीं होगा जो केवल निवेश शिक्षा में लगे हैं और जो रिटर्न या प्रदर्शन का दावा नहीं करते।

भारत में फिनफ्लुएंसर्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। शीर्ष नाम जैसे शरण हेगड़े (2.6 मिलियन फॉलोअर्स), दिनेश किरौला (879K फॉलोअर्स) और केतन माली (572K फॉलोअर्स) करोड़ों लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सेबी का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय सलाह में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे गलत सलाह से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।

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NCLT ने खारिज की ZEE-सोनी विलय को लेकर फैंटम स्टूडियोज इंडिया की ये याचिका ?>

फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है।

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
Zee Sony

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने फैंटम स्टूडियोज इंडिया द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी ग्रुप की कंपनियों, बंगला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (CMEPL) के बीच प्रस्तावित विलय को लागू करने के लिए दायर की गई थी।

फैंटम स्टूडियोज ZEEL का एक अल्प शेयरधारक है, जिसके पास कंपनी के करीब 1.3 मिलियन शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जाती है। मुंबई बेंच ने निर्णय दिया कि यह याचिका अब अप्रासंगिक हो गई है क्योंकि दोनों कंपनियों के बोर्ड ने पहले ही विलय की योजना को वापस ले लिया है।

सितंबर में, NCLT ने ZEEL को CMEPL और BEPL के साथ अपने संयुक्त विलय योजना को वापस लेने की अनुमति दी थी, क्योंकि कंपनियों ने आपसी समझौता कर लिया था। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने 10 अगस्त 2023 को दी गई अपनी मंजूरी को भी रद्द कर दिया।

अगस्त 2024 में ZEEL और सोनी ने विवादों को सुलझाते हुए एक गैर-नकद समझौते की घोषणा की, जिसमें उन्होंने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चल रहे मध्यस्थता और अन्य कानूनी मामलों को वापस लेने पर सहमति जताई।

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महेश लांगा के समर्थन में बोले 'द हिंदू' के संपादक, ऐसे तो खत्म हो जाएगी 'खोजी पत्रकारिता' ?>

गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है।

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
MaheshLanga7845

गुजरात में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' के वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों के कथित कब्जे के आरोप में दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारिता जगत में रोष है। 'द हिंदू' के संपादक सुरेश नंबथ ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए गुजरात पुलिस से एफआईआर वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का काम उन्हें गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंचने की मांग करता है, ताकि वे जनहित में जानकारी प्रकाशित कर सकें। 

लांगा के खिलाफ पहली एफआईआर GST धोखाधड़ी मामले से जुड़ी थी, जिसमें उन्हें पहले ही हिरासत में रखा गया है। वहीं, दूसरी एफआईआर 22 अक्टूबर को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में दर्ज की गई, जिसमें गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के गोपनीय दस्तावेजों के कब्जे का आरोप लगाया गया है। 

संपादक नंबथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि "पत्रकारों का दायित्व है कि वे व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर अपने काम में ऐसे दस्तावेजों का विश्लेषण करें। यदि उन्हें इस तरह के दस्तावेज रखने के लिए दंडित किया जाएगा, तो खोजी पत्रकारिता खत्म हो जाएगी।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस एफआईआर को ऑनलाइन "संवेदनशील" श्रेणी में रखा गया है, जो कि एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के खिलाफ है।

गांधीनगर के एसपी रवि तेजा वसमसेट्टी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह शिकायत गुजरात मैरीटाइम बोर्ड द्वारा दर्ज कराई गई है और पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक लांगा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है और मामले की जांच जारी है।

 वहीं इस मामले में द हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप के डायरेक्टर व वरिष्ठ पत्रकार  एन. राम ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की। साथ ही गोपनीय दस्तावेज हासिल करने के “पत्रकार के अधिकार” के लिए समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि “यदि पत्रकारों को ऐसे दस्तावेजों को हासिल करने और उनका विश्लेषण करने के लिए जेल में डाल दिया जाता है या अन्यथा दंडित किया जाता है, तो खोजी रिपोर्टिंग का अधिकांश हिस्सा खत्म हो जाएगा! 

 

 

वहीं कई पत्रकार संगठनों ने भी इस मामले में लांगा के समर्थन में आवाज उठाई है और कहा कि पत्रकारों का काम जनहित में सच्चाई सामने लाना है, जिसके लिए गोपनीय दस्तावेजों का अध्ययन भी आवश्यक होता है।

इस मुद्दे पर पत्रकारों के अधिकार और जनहित को ध्यान में रखते हुए पत्रकार संगठन और अन्य लोग गुजरात पुलिस से इस एफआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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