आज वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा का जन्मदिन है। यह महज एक तारीख नहीं, बल्कि उस आवाज का उत्सव है जो वर्षों से देश की सियासत, समाज और सिस्टम से सवाल पूछती रही है- बेबाकी से, लेकिन गरिमा के साथ।
आज वरिष्ठ पत्रकार और टीवी एंकर सुशांत सिन्हा का जन्मदिन है। यह महज एक तारीख नहीं, बल्कि उस आवाज का उत्सव है जो वर्षों से देश की सियासत, समाज और सिस्टम से सवाल पूछती रही है- बेबाकी से, लेकिन गरिमा के साथ। सुशांत सिन्हा उन पत्रकारों में शुमार हैं, जिनकी भाषा में तल्खी नहीं, लेकिन सवालों में तपिश होती है।
वर्तमान में वह 'टाइम्स नाउ नवभारत' में बतौर सीनियर एंकर देश की सबसे सशक्त डिबेट्स का हिस्सा हैं और दर्शकों के बीच एक भरोसेमंद चेहरा बन चुके हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने की उनकी यात्रा आसान नहीं रही। यह कहानी सिर्फ करियर ग्राफ की नहीं, बल्कि समर्पण, संघर्ष और उस जज्बे की है, जिसमें पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं बल्कि जिम्मेदारी बन जाती है।
पत्रकारिता की नींव से राष्ट्रीय पहचान तक
पटना के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा लेने वाले सुशांत ने इग्नू से सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक किया। टेक्नोलॉजी की दुनिया से उनका मन जल्द ही सवालों की दुनिया में रम गया। पत्रकारिता में उनकी शुरुआत 2002 में 'जैन टीवी' से हुई और फिर उन्होंने लाइव इंडिया में लगभग छह वर्षों तक एंकर और प्रड्यूसर के तौर पर काम किया।
इसके बाद न्यूज24, NDTV इंडिया, इंडिया न्यूज, और फिर इंडिया टीवी- हर मंच पर उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। कहीं डिबेट शो को नई धार दी, तो कहीं जमीनी मुद्दों को बहस की मेज तक लाकर लोगों को सोचने पर मजबूर किया।
उनके बहुचर्चित शो ‘प्रश्नकाल’, ‘सुनो इंडिया’ और ‘जवाब तो देना होगा’ जैसे कार्यक्रमों ने देशभर में एक सजग दर्शक वर्ग तैयार किया, जो खबरों को केवल देखना नहीं, समझना चाहता है।
डिजिटल दौर की बेबाक आवाज
2021 में उन्होंने 'Sushant Sinha' नाम से एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। यह केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं था, बल्कि एक ऐसा मंच बना, जहां लाखों लोग उन्हें सुनते नहीं, महसूस करते हैं। आज इस चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं और सैकड़ों वीडियो अपलोड हो चुके हैं, जिनमें सुशांत समाज के हर उस सवाल को उठाते हैं, जिसे मुख्यधारा की बहस अक्सर नजरअंदाज कर देती है।
इस मंच ने सुशांत को न सिर्फ एक स्वतंत्र आवाज दी, बल्कि उन्हें उन दर्शकों से जोड़ा जो बिना लाग-लपेट के खबरें सुनना और समझना चाहते हैं।
सम्मान, सवाल और संवेदनशीलता
पत्रकारिता के क्षेत्र में सुशांत सिन्हा को कई सम्मान मिल चुके हैं। लेकिन उनसे जुड़ी सबसे बड़ी उपलब्धि शायद ये है कि वह दर्शकों के बीच सिर्फ एक एंकर नहीं, एक संवेदनशील विचार की तरह देखे जाते हैं। वह न शोर मचाते हैं, न दिखावे की आक्रामकता लाते हैं, बल्कि तथ्य, सवाल और दृष्टिकोण को सामने रखते हैं।
एक निजी स्पर्श, एक सार्वजनिक जिम्मेदारी
जो लोग सुशांत सिन्हा को सिर्फ टीवी पर देखते हैं, उन्हें यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि कैमरे के पीछे वह बेहद सरल, विनम्र और विचारशील व्यक्ति हैं। क्रिकेट के शौकीन, किताबों के प्रेमी और विचारों के सजग संवाददाता- सुशांत का व्यक्तित्व जितना प्रोफेशनल है, उतना ही निजी तौर पर संतुलित और सधा हुआ।
उनका ट्विटर और यूट्यूब अकाउंट इस बात का सबूत है कि वह संवाद में विश्वास रखते हैं- वह संवाद जो बहस नहीं, समझदारी पैदा करता है।
आज उनके जन्मदिन पर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सुशांत सिन्हा उस पत्रकारिता की मिसाल हैं जो आवाज तो बनती है, लेकिन शोर नहीं। जो सवाल तो पूछती है, लेकिन गरिमा के साथ। जो पक्षधर होती है, लेकिन सच के।
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं, सुशांत सिन्हा! आप यूं ही पत्रकारिता की रोशनी बनकर देश को सवालों की दिशा दिखाते रहें और सच के पक्ष में, देश की आवाज बने रहें- निडर, निष्पक्ष और निर्भीक।
‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) ने सीनियर मीडिया प्रोफेशनल सुशांत मोहन को चीफ बिजनेस ऑफिसर और ग्रुप एडिटर के पद पर नियुक्त किया है।
‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) ने सीनियर मीडिया प्रोफेशनल सुशांत मोहन को चीफ बिजनेस ऑफिसर और ग्रुप एडिटर के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस दोहरी भूमिका में सुशांत मोहन संस्थान की बिजनेस स्ट्रैटेजी और मोनेटाइजेशन पहलों का नेतृत्व करेंगे, साथ ही समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स पर एडिटोरियल विजन को नया आकार देंगे।
बता दें कि सुशांत मोहन ने हाल ही में ‘जी’ (Zee) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह इस समूह के डिजिटल बिजनेस IndiaDotcom Digital (पूर्व में Zee Digital) में बतौर चीफ एडिटर एवं बिजनेस लीड अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इसी साल अप्रैल में इस पद पर जॉइन किया था।
सुशांत मोहन इससे पहले डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के डिजिटल प्लेटफॉर्म DNA (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से कुछ महीने पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
सुशांत मोहन पूर्व में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में एडिटर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने ‘बीबीसी न्यूज’, ‘न्यूज18’ और ‘ओपेरा न्यूज’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अहम भूमिकाएं निभाई हैं। सुशांत मोहन ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) के विद्यार्थी रह चुके हैं और मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री होल्डर हैं।
सुशांत मोहन की इस नियुक्ति के बारे में BAG नेटवर्क की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर, अनुराधा प्रसाद का कहना है, ‘सुशांत एक डायनामिक लीडर हैं, जिनका स्ट्रैटेजिक विजन और संपादकीय क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए एक आदर्श विकल्प बनाते हैं। व्यापारिक विकास और उच्च-गुणवत्ता वाले कंटेंट के बीच संतुलन बनाने की उनकी क्षमता BAG Convergence के भविष्य के हमारे दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है।’
वहीं, इस बारे में सुशांत मोहन का कहना है, ‘मीडिया परिदृश्य के विकास के ऐसे अहम दौर में BAG Convergence से जुड़ना मेरे लिए एक विशेषाधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। मैं ऐसी कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जो रचनात्मकता, पत्रकारिता की ईमानदारी और नवाचार को प्रोत्साहित करे। मेरा ध्यान ऐसे मजबूत और स्थायी व्यावसायिक मॉडल विकसित करने पर होगा, जो प्रभावशाली स्टोरीटैलिंग को सपोर्ट दें, हमारी पहुंच का विस्तार करें और यह सुनिश्चित करें कि BAG Convergence अग्रिम मोर्चे पर बना रहे। मैं समूह की प्रतिभाशाली टीमों के साथ मिलकर हमारे दर्शकों, हितधारकों और साझेदारों के लिए मूल्य तैयार करने को लेकर उत्साहित हूं।’
सुशांत मोहन ने हाल ही में ‘जी’ समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह IndiaDotcom Digital (पूर्व में Zee Digital) में बतौर चीफ एडिटर एवं बिजनेस लीड जिम्मेदारी निभा रहे थे।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल सुशांत मोहन जल्द ही नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक वह हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज24’ (News24) में चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) के पद पर शामिल हो सकते हैं। हालांकि, चैनल प्रबंधन और सुशांत मोहन की ओर से अभी इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
बता दें कि सुशांत मोहन ने हाल ही में ‘जी’ (Zee) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह इस समूह के डिजिटल बिजनेस IndiaDotcom Digital (पूर्व में Zee Digital) में बतौर चीफ एडिटर एवं बिजनेस लीड अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। छह अगस्त को इस संस्थान में उनका आखिरी कार्यदिवस था। उन्होंने इसी साल अप्रैल में इस पद पर जॉइन किया था।
सुशांत मोहन इससे पहले डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के डिजिटल प्लेटफॉर्म DNA (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से कुछ महीने पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि सुशांत मोहन पूर्व में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में एडिटर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने ‘बीबीसी न्यूज’, ‘न्यूज18’ और ‘ओपेरा न्यूज’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अहम भूमिकाएं निभाई हैं। सुशांत मोहन ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) के विद्यार्थी रह चुके हैं और मास कम्युनेकशन में मास्टर डिग्री होल्डर हैं।
शाह ने अगस्त 2013 में ‘एनडीटीवी’ जॉइन किया था और तब से लेकर अब तक सरकारी विज्ञापन बिक्री को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
रजा शाह ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में नेशनल सेल्स हेड (गवर्नमेंट) के पद से इस्तीफा दे दिया है, इसके साथ ही इस नेटवर्क के साथ उनका करीब 12 साल का सफर खत्म हो गया है। रजा शाह का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
शाह ने अगस्त 2013 में ‘एनडीटीवी’ जॉइन किया था और तब से लेकर अब तक सरकारी विज्ञापन बिक्री को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इस दौरान चैनल की पहुंच को नए क्षेत्रों तक पहुंचाया और इस सेगमेंट से होने वाली आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की।
करीब तीन दशक के मीडिया करियर में शाह ने भारत के कई बड़े मीडिया संस्थानों में लीडरशिप भूमिकाएं निभाई हैं। ‘एनडीटीवी’ से पहले वह वर्ष 2013 में टीवी18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड में वाइस प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले 2006 से 2009 तक आईबीएन18 ब्रॉडकास्ट लिमिटेड में अकाउंट डायरेक्टर के रूप में जुड़े रहे।
उनका एक दशक लंबा कार्यकाल 1996 से 2006 तक बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) में सीनियर मैनेजर के रूप में रहा, जहां उन्होंने मीडिया सेल्स और क्लाइंट रिलेशंस की गहरी समझ के साथ एक मजबूत रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बनाई।
इंडस्ट्री में मजबूत रिश्ते और भरोसेमंद सलाहकार के रूप में पहचाने जाने वाले शाह को क्लाइंट्स के साथ नेटवर्क बनाने और प्रभावी सेल्स स्ट्रैटेजी तैयार करने में माहिर माना जाता है।
वह इस समूह में करीब 11 साल से कार्यरत थीं और सात अगस्त इस समूह में उनका आखिरी कार्यदिवस था।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल मनीषा सोलंकी ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह से इस्तीफा दे दिया है। वह इस समूह में करीब 11 साल से कार्यरत थीं और वाइस प्रेजिडेंट (सेल्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
सात अगस्त इस समूह में उनका आखिरी कार्यदिवस था। समाचार4मीडिया से बातचीत में मनीषा सोलंकी ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में मनीषा का कहना था कि वह जल्द ही कहीं जॉइन कर फिर उस बारे में बताएंगी।
बता दें कि मनीषा सोलंकी को मीडिया सेल्स के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। पूर्व में वह ‘Valpro Media Services’, ‘United Telelinks’, ‘Zee Entertainment Enterprises Limited’ और ‘Maxus Global’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिकाएं निभा चुकी हैं।
दर्शकों ने इस चार दिवसीय कार्यक्रम का लाइव तो आनंद लिया ही, अब 15 अगस्त को पूरे कार्यक्रम का क्यूरेटेड वीडियो भी वेव्स पर रिलीज होगा।
प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म 'वेव्स' ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी के नायकों को समर्पित एक खास संगीतमय कार्यक्रम ‘शौर्य धुन’ (Symphony of Valour) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत 4 अगस्त को हुई और 7 अगस्त तक चला। चार दिवसीय इस कार्यक्रम में भारत के चार प्रमुख अर्धसैनिक बलों के बैंड ने अपनी प्रस्तुति से देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को याद किया।
खास बात यह थी कि वीर जवानों की यह प्रस्तुति वेव्स ओटीटी पर लाइव स्ट्रीम भी हुई। शौर्य धुन’ (Symphony of Valour) कार्यक्रम की शुरुआत 4 अगस्त को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के बैंड से हुई। इसके बाद 5 अगस्त को सशस्त्र सीमा बल (SSB), 6 अगस्त को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और 7 अगस्त को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बैंड ने अपनी प्रस्तुतियां दी। प्रसार भारती ने वेव्स के जरिये इस कार्यक्रम को लाइव देश-दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया।
दर्शकों ने इस चार दिवसीय कार्यक्रम का लाइव तो आनंद लिया ही, अब 15 अगस्त को पूरे कार्यक्रम का क्यूरेटेड वीडियो भी वेव्स पर रिलीज होगा। आपको बता दें कि वेव्स ओटीटी पर देशभक्ति और ऐतिहासिक विषयों पर आधारित तमाम सामग्री उपलब्ध हैं, जो भारत की संघर्ष गाथा, विरासत और जज़्बे को दर्शाती हैं। प्लेटफॉर्म पर इंडियाज स्ट्रगल फॉर फ्रीडम से लेकर भारत एक खोज, सरदार, गांधी, बाग़ी की बेटी जैसी चर्चित फिल्में व डॉक्यूमेंट्री और NFDC की दस्तावेज़ी फिल्मों का विशाल संग्रह मौजूद है, जो भारत की यात्रा को प्रामाणिकता और गहराई के साथ दर्शाता है।
प्रसार भारती द्वारा नवंबर 2024 में लॉन्च किये गए वेव्स ओटीटी ने कुछ ही महीनों के अंदर दर्शकों के दिल अपनी खास जगह बना ली है। खासकर दूरदर्शन के पुराने सीरियल्स को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। वेव्स की 'डीडी नॉस्टैल्जिया' प्लेलिस्ट में अनुपम खेर और पूजा भट्ट की दमदार एक्टिंग वाले 'डैडी', सुरेखा सिकरी और इरफान खान के अभिनय से सजा 'सांझा चूल्हा', मुकेश खन्ना का यादगार सीरियल 'चुन्नी', पल्लवी जोशी और आर. माधवन का 'आरोहण', बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के डेब्यू सीरियल 'फौजी' और दूरदर्शन के ऐतिहासिक सीरियल 'चाणक्य' आदि उपलब्ध और इनका मुफ्त में आनंद लिया जा सकता है।
"जब महिलाएं उठती हैं, तो देश बदलते हैं"- इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए ‘We Women Want Conclave & Shakti Awards 2025’ का आयोजन 7 अगस्त को दिल्ली में हुआ।
"जब महिलाएं उठती हैं, तो देश बदलते हैं"- इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए ‘We Women Want Conclave & Shakti Awards 2025’ का आयोजन 7 अगस्त को दिल्ली में हुआ। iTV नेटवर्क द्वारा आयोजित इस खास कार्यक्रम में देशभर से सशक्त और प्रेरणादायक महिलाओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सांसद डॉ. शशि थरूर सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। मंच पर एकता कपूर, दीया मिर्जा, शबाना आज़मी, नेहा धूपिया, हरसिमरत कौर बादल, ऋतु बेरी, निमरत कौर और लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर जैसी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कॉन्क्लेव में महिला नेतृत्व, वर्क-लाइफ बैलेंस, बॉडी पॉजिटिविटी, वर्दी में महिलाएं जैसे आदि विषयों पर चर्चाएं हुईं। ‘ड्रोन दीदी’ और ‘लखपति दीदी’ जैसी जमीनी स्तर की महिलाएं भी इस मंच पर अपनी कहानियां लेकर आईं।
कार्यक्रम की निर्माता डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, "यह सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो हर महिला की असली आवाज को सामने लाता है।" वहीं iTV नेटवर्क के सीईओ अभय ओझा ने इसे "सोशल इम्पैक्ट मीडिया" की एक मिसाल बताया।
‘We Women Want’ एक ऐसा मंच बन चुका है, जो भारत के हर कोने से उठने वाली महिलाओं की कहानियों को पहचान और मंच देता है।
नीचे तस्वीरों में देखें कार्यक्रम की झलकियां-
कार्यक्रम का उद्देश्य उन बच्चों को मंच देना था, जिनकी आवाज़ें अक्सर दब जाती हैं, जिनके सपने हालातों की भीड़ में खो जाते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में सिन्हायना फाउंडेशन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल एक रंगमंचीय प्रदर्शन नहीं था। यह एक आंदोलन था, एक शांति की क्रांति, जो समाज के सबसे संवेदनशील तबके के बच्चों के भीतर उम्मीद और आत्मविश्वास की लौ जला रहा था। इस आयोजन की गरिमा तब और बढ़ गई जब भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने बच्चों को आशीर्वचन देने हेतु मंच की शोभा बढ़ाई।
अपने प्रेरणादायक शब्दों में उन्होंने कहा, यह पहल दिखाती है कि देश का भविष्य सुरक्षित है, जब ऐसे बच्चे मंच पर अपनी प्रतिभा और आत्मबल के साथ खड़े होते हैं। एबीपी न्यूज़ की वाइस प्रेसिडेंट और वरिष्ठ एंकर चित्रा त्रिपाठी ने भी कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने शायरी के ज़रिए बच्चों के मन में जोश और जुनून भर दिया।
चित्रा त्रिपाठी ने बच्चों को सफलता के मंत्र भी दिए। कार्यक्रम का उद्देश्य उन बच्चों को मंच देना था, जिनकी आवाज़ें अक्सर दब जाती हैं, जिनके सपने हालातों की भीड़ में खो जाते हैं। लेकिन सिन्हायना फाउंडेशन की यह पहल उन सपनों को फिर से आकार देती है। विनय शर्मा जो की सिन्हायन के फाउंडर है ,न सिर्फ तारीफ के लायक है बल्कि सीखने लायक भी है।
सिन्हायना फाउंडेशन की यह पहल दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि झुग्गियों, स्लम बस्तियों और सरकारी स्कूलों तक इसकी गूंज पहुंच चुकी है। इस संस्था ने सिद्ध कर दिया है कि कला में केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने की शक्ति होती है। इस आयोजन को लेकर चित्रा त्रिपाठी के द्वारा की गई इस पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में सिन्हायना फाउंडेशन की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) August 8, 2025
इसका मकसद समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को नृत्य-संगीत में पारंगत कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. पूर्व राष्ट्रपति माननीय #रामनाथ_कोविंद की उपस्थिति और उनके प्रेरणादायक शब्दों ने… pic.twitter.com/0i7BzPJNOo
बता दें कि देश के प्रमुख समाचार पत्र समूह 'द स्टेट्समैन' ने कुछ समय पहले ही 'यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया' का प्रबंधन अपने हाथ में लिया है।
युवा पत्रकार विशाल पाण्डेय ने देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी’ (ABP) नेटवर्क में अपनी पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने यहां पर पिछले साल सितंबर में इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में एसोसिएट एडिटर कम एंकर के पद पर जॉइन किया था।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक विशाल पाण्डेय ने अब देश की बड़ी बहुभाषी न्यूज एजेंसियों में शामिल ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ (UNI) से मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने यहां पर बतौर एडिटर जॉइन किया है और वह हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में इसकी टेक्स्ट सर्विस की कमान संभालेंगे।
आपको बता दें कि देश के प्रमुख समाचार पत्र समूह 'द स्टेट्समैन' ने कुछ समय पहले ही 'यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया' का प्रबंधन अपने हाथ में लिया है। इस अधिग्रहण के साथ अखबार के प्रमोटर आरपी गुप्ता UNI को व्यापक रूप से पुनर्गठित करने की तैयारियों में जुटे हैं, जिससे उसकी समाचार संचालन प्रणाली, संचार नेटवर्क और सॉफ्टवेयर तकनीक को और अधिक उन्नत बनाया जा सके।
गौरतलब है कि ‘एबीपी’ से पहले विशाल पाण्डेय ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में न्यूज एडिटर कम एंकर के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में अपनी पारी को विराम देकर 'एनडीटीवी' जॉइन किया था।
विशाल पाण्डेय ‘जी न्यूज’ के साथ करीब 11 साल से जुड़े हुए थे। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इसी चैनल से की थी। इस संस्थान में रहते हुए कई बड़े असाइनमेंट कवर कर चुके विशाल ने कुछ समय पहले इजरायल युद्ध कवर किया था।
‘जी न्यूज’ में विशाल एंकर के तौर पर भी कार्यरत थे और वीकेंड पर ‘ताल ठोक के’ शो होस्ट करते थे। इसके अलावा वह श्रीलंका इकॉनॉमी संकट, टर्की का भूकंप, नेपाल भूकंप ग्राउंड जीरो से कवर कर चुके हैं।
मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले विशाल पाण्डेय के बारे में कहा जाता है कि वह ग्राउंड रिपोर्टिंग में एक्सपर्ट हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति को बहुत अच्छे से कवर करते हैं। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव कवर कर चुके हैं।
उन्होंने 2014, 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव कवर किया है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फ्रांस दौरे को भी कवर किया है। समाचार4मीडिया की ओर से विशाल पाण्डेय को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
शक्ति अवॉर्ड्स 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं सिर्फ समय के साथ नहीं चल रहीं, बल्कि वे अब बदलाव की अगुवाई कर रही हैं।
शक्ति अवॉर्ड्स 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं सिर्फ समय के साथ नहीं चल रहीं, बल्कि वे अब बदलाव की अगुवाई कर रही हैं। इस साल जिन महिलाओं को सम्मानित किया गया, उन्होंने यह परिभाषा ही बदल दी कि आज की नारी क्या है- सशक्त, निडर, भावनात्मक रूप से मजबूत और अपने उद्देश्य के प्रति पूर्णतः समर्पित।
"महिलाएं हमेशा से मजबूत रही हैं, समाज अब बदल रहा है"
कार्यक्रम की शुरुआत एक बेहद दमदार संदेश से हुई: महिलाओं में सदियों से ताकत रही है, चाहे वो शारीरिक सहनशक्ति हो, भावनात्मक गहराई हो या जीवन को जन्म देने और संवारने की क्षमता। ये अंतर्निहित शक्तियां हैं जिन्हें अक्सर समाज ने समझा ही नहीं या कम आंका। लिहाजा यह ताकत जन्मजात है, न कि दी गई कोई कृपा।
एक वक्ता ने कहा, “ईश्वर ने महिलाओं को दर्द और सुख दोनों को सहन करने की असाधारण शक्ति दी है।” यह विचार समाज की उन सामाजिक धारणाओं को चुनौती देता है, जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से महिलाओं की भूमिकाओं को सीमित करने की कोशिश की है।
साहिबा बाली: "महिलाएं नहीं बदलीं, नजरिया बदला है"
एक्ट्रेस और स्पोर्ट्स एंकर साहिबा बाली ने साफ कहा, "महिलाएं हमेशा से मजबूत रही हैं, फर्क बस इतना है कि अब समाज उनकी उस ताकत को देखना और समझना शुरू कर रहा है, क्योंकि समाज अब जाग रहा है।"
साहिबा का खुद का पारिवारिक इतिहास भी इसी बात की मिसाल है। उनकी दोनों दादियां उस दौर में पायनियर थीं, जब महिलाएं आमतौर पर सीमित भूमिकाओं में होती थीं। एक ने स्कूल की कमान संभाली, दूसरी भारत की शुरुआती महिला बैंकर्स में शामिल थीं। उनकी मां ने वकालत के क्षेत्र में अपनी राह खुद बनाई।
साहिबा के लिए ये कहानियां सिर्फ पारिवारिक गौरव नहीं हैं, बल्कि इस बात का सबूत हैं कि आज जो 'नई ताकत' महिलाओं में देखी जा रही है, वो वास्तव में हमेशा से मौजूद रही है, बस अब उसे पहचान मिल रही है।
सायली भगत: मिस इंडिया से लेकर बिजनेसवुमन तक
सायली भगत, जो मिस इंडिया और बॉलीवुड का सफर तय कर अब एक सफल उद्यमी बन चुकी हैं, ने कहा, “हम सिर्फ ज्यादा नहीं चाहतीं, हम वास्तव में ज्यादा करती हैं। हम छात्रा हैं, मां हैं, नेता हैं, स्ट्रगलर हैं- हर दिन बदलते और खुद को ढालते हुए।”
उनकी मां, जो दर्शकों में मौजूद थीं, उनके लिए प्रेरणा की प्रतीक हैं- एक शांत पर मजबूत ताकत।
सोनिया गर्ग: फैशन के जरिए बनाई खुद की पहचान
फैशन और लाइफस्टाइल कंटेंट क्रिएटर सोनिया गर्ग को अक्सर ये सुनने को मिलता है कि "ये तो असली काम नहीं है।" लेकिन उन्होंने इस माध्यम को अपना मंच बनाया और खुद की एक पहचान बनाई। उन्होंने कहा, “महिलाएं सिर्फ कंटेंट नहीं बना रहीं, वे साम्राज्य खड़ा कर रही हैं।”
डॉ. जय मदान: जब आध्यात्म जुड़ा नारी-शक्ति से
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और वक्ता डॉ. जय मदान ने कहा, “बिना शक्ति के शिव भी शव हैं। नारी ही प्रकृति है, वही गति है, वही सृजन है।”
उन्होंने वास्तु शास्त्र के संदर्भ में बताया:
दक्षिण दिशा: प्रसिद्धि
उत्तर दिशा: अवसर
पूर्व: रिश्ते
पश्चिम: धन
उनका सार था, “शक्ति का मतलब वर्चस्व नहीं, बल्कि गति, सम्मान और सृजन है।”
OTT प्लेटफॉर्म्स ने महिलाओं के लिए खोले नए दरवाजे
साहिबा बाली ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे नेटफ्लिक्स और प्राइम ने नए टैलेंट, खासकर महिलाओं के लिए, मौके पैदा किए, जो पहले हमेशा बंद ही रहते थे। उन्होंने कहा, “पहले हर पोस्टर पर वही कुछ ही चेहरे नजर आते थे। अब नए टैलेंट, खासकर महिलाओं के लिए सच में जगह बन रही है और ये बदलाव स्थायी है।”
OTT अब सिर्फ एक सीढ़ी नहीं, बल्कि एक ऐसा मुख्य प्लेटफॉर्म बन चुका है, जो ज्यादा निष्पक्ष, खुला और सत्ता-संतुलन को बदलने वाला है। सच्चाई साफ है: शक्ति कभी बाहर नहीं थी, बस देखी नहीं गई थी
आज डिजिटल क्रिएटर्स हों, बिजनेसवुमन हों या घर-बाहर की जिम्मेदारी निभाती मां- सच्चाई यही है कि हर रोल में महिलाएं बता रही हैं कि वे हमेशा से ताकतवर थीं। उनके पास कभी शक्ति की कमी नहीं रही। फर्क बस इतना है कि अब दुनिया उसे देखना शुरू कर रही है।
जैसा साहिबा ने अंत में कहा, “पहचान मिलना अच्छा लगता है, लेकिन असली शक्ति? वो तो हमारे भीतर हमेशा से थी और अब हम एक-दूसरे के साथ उसे साझा कर रहे हैं।”
जानिए, We Women Want Conclave के बारे में
यह कार्यक्रम महिलाओं की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने और उनकी रोजमर्रा की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था। इसमें शशि थरूर, दिया मिर्जा, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, एकता कपूर, नेहा धूपिया और सनी लियोनी जैसे प्रमुख नाम शामिल हुए।
‘We Women Want’ एक साप्ताहिक शो है, जो NewsX पर प्रसारित होता है और महिलाओं से जुड़े मुद्दों जैसे घरेलू हिंसा, IVF, ब्रेस्ट कैंसर, सिंगल पेरेंटिंग और वर्कप्लेस में चुनौतियों पर चर्चा करता है। यह शो न सिर्फ सफल महिलाओं की कहानी दिखाता है, बल्कि उन महिलाओं को भी जगह देता है जो संघर्ष कर रही हैं।
यह शो अब सिर्फ एक टॉक शो नहीं, बल्कि एक मंच बन गया है, जहां महिलाएं खुलकर बोल सकती हैं, सुनी जाती हैं और जरूरत पड़ने पर मदद भी पा सकती हैं।
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दुनिया भर में महिलाओं की भूमिका अब केवल सीमित दायरों तक नहीं रही, खासकर एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में। वे न सिर्फ पारंपरिक सीमाओं को तोड़ रही हैं, बल्कि नए मानक भी स्थापित कर रही हैं।
दुनिया भर में महिलाओं की भूमिका अब केवल सीमित दायरों तक नहीं रही, खासकर एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में। वे न सिर्फ पारंपरिक सीमाओं को तोड़ रही हैं, बल्कि नए मानक भी स्थापित कर रही हैं। इसी बदलाव की एक प्रेरणादायक मिसाल हैं जॉय ट्रैवल्स की डायरेक्टर नीति बत्रा, जिन्होंने NewsX के शो ‘We Women Want’ में अपने नेतृत्व, सशक्तिकरण और बिजनेस में महिलाओं की भागीदारी को लेकर अपनी प्रभावशाली यात्रा साझा की।
कॉरपोरेट सैलरी छोड़ अपनाया पारिवारिक बिजनेस
नीति बत्रा दूसरी पीढ़ी की उद्यमी हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ट्रैवल इंडस्ट्री से की। हिंदू कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने और फाइनेंस में बैकग्राउंड होने के बावजूद, उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया की जगह अपने पारिवारिक बिजनेस जॉय ट्रैवल्स को चुना। 1999 में उन्हें $60,000 की जॉब ऑफर मिली थी, जो उस समय एक युवा पेशेवर के लिए बहुत बड़ी राशि थी। लेकिन उन्होंने डिजिटल बुकिंग, डिजिटल मार्केटिंग और ऑटोमेशन जैसे इनोवेटिव कदमों के जरिए फैमिली बिजनेस को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
पैसे से पहले पैशन को दी प्राथमिकता
नीति बताती हैं कि जब उन्होंने एमबीए किया, तब उनकी क्लास में महिलाएं महज 15% थीं और लीडरशिप रोल में तो और भी कम। उस दौर में केवल 5% सीईओ महिलाएं थीं। ट्रैवल इंडस्ट्री में भी निर्णय लेने वाले अधिकतर पद पुरुषों के पास ही थे। बड़े सम्मेलनों में वे कभी-कभार ही किसी महिला को देखती थीं, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है। अब महिलाएं सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में हैं।
भारत में अब 20% स्टार्टअप महिलाओं द्वारा शुरू किए गए हैं या उनमें उनकी साझेदारी है। टॉप 500 कंपनियों में 15% से ज़्यादा महिला सीईओ या एमडी हैं। यह उछाल केवल आंकड़ों का नहीं, बल्कि एक ऐसे ईकोसिस्टम का परिणाम है जिसमें मेंटरशिप, फंडिंग और महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जा रही हैं।
ट्रैवल इंडस्ट्री में भी दिख रहा बदलाव
नीति कहती हैं कि अब महिलाएं अकेले ट्रैवल प्लान करती हैं, अपने दोस्तों के लिए ट्रिप्स डिजाइन करती हैं और खुद ट्रैवल से जुड़े बिजनेस की शुरुआत कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को केंद्र में रखकर ट्रैवल अनुभव तैयार किए हैं ताकि महिलाएं अपनी शर्तों पर जिंदगी का आनंद ले सकें।
अब महिलाएं नेतृत्व की मुख्यधारा में
समाज की परंपरागत सोच ने महिलाओं को लंबे समय तक सीमित रखा। लेकिन अब परिवार अपनी बेटियों, पत्नियों और मांओं को पेशेवर सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। नई पीढ़ी की महिलाएं अब पिछली पीढ़ियों की तरह सामाजिक दबावों में नहीं जीतीं। वे महत्वाकांक्षी हैं, बड़े सपने देखती हैं और पूरे आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करना चाहती हैं।
नीति इस बात पर जोर देती हैं कि आज की महिलाएं केवल आर्थिक सफलता नहीं चाहतीं, बल्कि ऐसा बिजनेस खड़ा करना चाहती हैं जो समाज के लिए मायने रखे। महिलाएं अब ऐसे व्यवसायों की ओर अग्रसर हैं जिनमें स्थायित्व और सामाजिक प्रभाव का ध्यान रखा जाए।
उनके शब्दों में- “भविष्य आ चुका है और वह नारीमय है।”
‘We Women Want’ शो: जहां महिलाएं सिर्फ सुनती नहीं, सुनी भी जाती हैं
We Women Want, NewsX का एक साप्ताहिक शो है जो महिलाओं से जुड़े असली और जरूरी मुद्दों पर केंद्रित है। घरेलू हिंसा, आईवीएफ, स्तन कैंसर, रिश्ते, सिंगल पैरेंटिंग, कार्यस्थल की समस्याएं जैसे विषयों को बेझिझक तरीके से सामने लाया जाता है।
यह शो केवल सफलताओं को नहीं, संघर्षों को भी जगह देता है। इसमें वकील, डॉक्टर और एक्टिविस्ट जैसे विशेषज्ञ शामिल होकर महिलाओं को जरूरी सलाह और मदद प्रदान करते हैं। समय के साथ यह शो सिर्फ एक टॉक शो नहीं रहा, बल्कि ऐसा मंच बन गया है जहां महिलाएं खुलकर बोल सकती हैं, अपनी बात रख सकती हैं और जरूरत पड़ने पर मदद भी पा सकती हैं।
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