सत्य, तथ्य, धर्म, दायित्व, शोध, सुधार, नवाचार, गुणवत्ता, समस्या, समाधान, विश्वास, शिक्षा, सेवा, राष्ट्रधारा और कर्तव्य पथ का प्रार्थी बोल रहा हूं। मैं केजी सुरेश का विद्यार्थी बोल रहा हूं।
सत्य, तथ्य, धर्म, दायित्व, शोध, सुधार, नवाचार, गुणवत्ता, समस्या, समाधान, विश्वास, शिक्षा, सेवा, राष्ट्रधारा और कर्तव्य पथ का प्रार्थी बोल रहा हूं। मैं केजी सुरेश का विद्यार्थी बोल रहा हूं। वो भी उनके जन्मदिन पर। हालांकि ये कोई जन्मदिन भर नहीं है। यह KG यानी Knowledge Guru दिन है या KG दिवस। वह इसलिए क्योंकि KG हुआ जा सकता है, बना नहीं जा सकता। KG कोई व्यक्ति नहीं है। KG ज्ञान गुरु हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महाविद्यालय अम्बेडकर में 1999 में KG सर की कक्षा लगी। जिस दिन लगी, उसी दिन कक्षा का हर विद्यार्थी KG सर का शिष्य हो गया और उन्होंने अपने हर शिष्य को अपने गर्भ में धारण किया। यह भारतीय गुरुकुल प्रणाली है जब गुरू अपने शिष्य को गुरुकुल में लेते समय यह घोषणा करता है कि मैं तुम्हें अपने गर्भ रूपी गुरुकुल में धारण करता हूं। उस दिन KG सर ने ऐसा ही किया और अपने गुरुरूपी गर्भ से तरह-तरह के रत्नों का आविष्कार किया। सप्ताह में एक दिन KG सर की क्लास होती थी और क्लास पूरी ठस्सम ठस्स।
दरअसल, झगड़ा होता था कि कौन आगे बैठेगा। तो झगड़े को पहली बार उन्होंने दूर किया 1999 में रोटेशन पर आगे बैठने के नियम को लागू कर। और फिर शुरू होता था उनके धाराप्रवाह होने वाला लेक्चर, जिसे सुनकर हर विद्यार्थी रोमांचित हो उठता और समझने लगता था कि मैं स्वयं KG हूं। मैं भी खुद को KG मानता था। और सबसे बड़ा KG मैं ही था, क्योंकि उस कक्षा में मैं मॉनिटर नियुक्त था। जब भी KG सर की कक्षा होती, मेरे भीतर का KG उभरता जाता। इसलिए कहा मैंने KG हुआ तो जा सकता है परन्तु बना नहीं जा सकता। क्योंकि सप्ताह भर की कक्षा में वे जीवन भर का सबक दे जाते थे।
कक्षा का मॉनिटर होने के नाते मैं उनका पहला विद्यार्थी था और आज भी हूं। उन्होंने मेरे जैसे विद्यार्थियों को अपने उसी गर्भ में धारण किया जो ज्ञान से विशेष ज्ञान की धुरी है। निरंतर तराशते रहे। आज भी तराशते हैं। एक कुशल साध के रूप में जौहरी के रूप में नहीं। साध के रूप में इसलिए क्योंकि हीरा परखे जौहरी, शब्दहि परखे साध। कबीर परखे साध को, ताका मता अगाध। वे शब्द के पारखी हैं। भाव के निरूपक हैं। बात-बात में व्यक्ति के चरित्र में इनका निर्माण कर देते हैं।
उसी कक्षा की चारदीवारी में उन्होंने 1999 के उस बैच को साध के रूप में तराशने का काम किया था, जिसमें अधिकांश विद्यार्थियों ने राष्ट्रपटल पर पत्रकारिता के मूल्यों को स्थापित करने का कार्य किया। इसका मुख्य कारण मैं उनका प्रथम विद्यार्थी होते हुआ मानता हूं कि उन्हें कोई वहम नहीं है, क्योंकि उनमें अहम नहीं है। कभी स्वयं की तारीफ और भेंट उनसे ज्ञान पाने के लिए कारगर नहीं रही। विमर्श, विचार, शब्द, पड़ताल, भाव की पवित्रता उन्हें अधिक भाव-विभोर करती है।
कक्षा से बाहर वे खाटी पत्रकार और कक्षा में परिपाटी के गुरू दिखते हैं। आज भी उनका हर विद्यार्थी उनके संपर्क में है। जैसे भारतीय ज्ञान प्रणाली में गुरू जीवनपर्यंत शिष्य के कल्याण की कामना और आवश्यकता पड़ने पर उसका मार्गदर्शन करता है, उसी रूप में विद्यार्थी कल्याण उनकी कार्यसूची में शीर्ष पर रहा है। एक्सपीरियंशल लर्निंग का उदाहरण मुझे आज भी याद है। जब कक्षा में उन्होंने हरियाणा के चरखी-दादरी के विमान हादसे की रिपोर्टिंग का उदाहरण बताते हुए एक्सपीरियंशल लर्निंग और आपदा प्रबंधन की पत्रकारिता के गुर शिष्यों को सिखा दिए थे। उपहार कांड की रिपोर्टिंग कैसे की और कैसे नवपत्रकार खोज कर रिपोर्ट लिखे, उन्होंने उस घटना के वृतांत्त से रोम रोम को रोमांचित कर दिया था। कैसे उन्होंने एके47 के निर्माता रूसी वैज्ञानिक का मौका पाकर साक्षात्कार लिया और न्यूज ब्रेक की।
उन्होंने हर विद्यार्थी को फैक्टिविस्ट बनाया है न कि एक्टिविस्ट। वे आज भी बात-बात में सम्मुख बैठे विद्यार्थी में फैक्टिविजम जगा देते हैं। जो सत्य की डगर पर राष्ट्र के नवजागरण और पुनर्जागरण के भाव को कलम से कागद पर कुरेदता है। वे कहते हैं कि न्यूज कभी फेक हो ही नहीं सकती क्योंकि फेक पत्रकार होता है, फेक कलम की स्याही होती है, फेक धारणा है, फेक विमर्श होता है, फेक विचार होते हैं, फेक दृष्टि होती है क्योंकि इनके फेयर होने के कोई पैरामीटर नहीं होते परन्तु न्यूज के पैरामीटर होते हैं। पत्रकार जब-जब पैरामीटर पर सूचना या विचार का लेखन करता है वो फेयर होगा। फेक तो कंटेंट होता है।
अपने इस राष्ट्रीय विचार से KG सर राष्ट्र विरोधी विमर्श को लक्ष्य मानकर लिखने वाले पत्रकारों को आईना तो दिखाते ही हैं, साथ ही नवपत्रकारों को न्यूज पैरामीटर की सीख भी देते हैं। पत्रकारिता पेशे और पत्रकारिता शिक्षण की कई भ्रांतियों को KG सर ने राष्ट्रीय विमर्श के रूप में स्थापित किया है। अब नागरिक पत्रकारिता को ही ले लीजिए। KG सर अक्सर बोलते हैं कि जब सिटीजन डॉक्टर नहीं होता, सिटीजन इंजीनियर नहीं होता, सिटीजन वकील नहीं होता तो सिटीजन जर्नलिस्ट घातक व्यवस्था है। क्योंकि जर्नलिस्ट वही है जो प्रवीण है और राष्ट्र जिसके केंद्र में है। बाकी सब सिटीजन कम्युनिकेटर हैं, जर्नलिस्ट नहीं।
यही नहीं बात-बात में KG सर ने सिखाया है की गूगल के बाद की पत्रकारिता नहीं गूगल से पहले की पत्रकारिता की संस्थापना ही उनका ध्येय है। जब पत्रकार को मिट्टी की समझ होती थी। गूगल के बाद चिट्ठी की समझ नहीं रही। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व बढ़ जाता है उनके विचारों में अक्सर यह बल रहता है। इसी क्रम में शब्दों, विचारों, विमर्शों और व्यवस्थाओँ में व्याप्त विसंगतियों की खाल नोंचने के माहिर हैं KG सर। सबने माना फैक्ट चेक आज के दौर में जरूरी है। और लगभग हर पत्रकार बन बैठा फैक्टचेकर।
KG सर कहते हैं अगर कोई फैक्ट है तो उसे चेक करने की किसी की हिम्मत तक नहीं है। वे कहते हैं कंटेंट चेक हो सकता है परन्तु जो पहले से ही फैक्ट है, उसे चेक करने की कोई आवश्यकता नहीं। फैक्ट की रात के घनघोर अंधेरे के बाद भानू प्रकाशमान होगा। फैक्ट है। इसे चेक नहीं किया जा सकता। क्योंकि फैक्ट की कसौटी ही पूर्व में चेक किए गए सत्य से होकर साबित हुई है। वे जहां भी होते हैं, उस संस्था के विद्यार्थी और कर्मचारी उनकी वरीयता में होते हैं। छात्र कल्याण, कर्मचारी कल्याण उनका धर्म है। मैं स्वयं गवाह हूं कि किसी कर्मचारी की विषम स्थिति में उनके साथ KG सर के खड़े होने का। अभी हाल की घटना जरूर हम सबने उनकी एफबी वॉल पर देखी है।
सत्य, सनातन और मूल्याधिष्ठित शिक्षण प्रविधि उनकी कोर वैल्यू है। बात-बात में हर बात सिद्ध करती है इनकी शिक्षा। इसलिए वे क्रिकेट मैच के ऐसे कप्तान हैं, जिसमें उनका हर विद्यार्थी उनका बल्ला है जो चलेगा ही रुकेगा नहीं। मैंने जैसा कहा कि मैं स्वयं को KG मानता था और हूं अगर ऐसा हुआ तो मेरी कलम से KG सर क्या बोलेंगे। तो सुनें-
सत्य की रचना। विश्वास की संरचना। मीडिया का धर्म। मीडिया शिक्षकों का कर्म। राष्ट्र विमर्श। निर्माणकारी परामर्श। कलम की सार्थकता और भारतीय व्रतधारी मीडिया का यशस्वी पत्रकार। यही विचार सर्वेश बोलता हूं। मैं KG सुरेश बोल रहा हूं।
फेक न्यूज नहीं। फेक कंटेंट। गूगल के बाद की पत्रकारिता नहीं गूगल से पहले की पत्रकारिता। घटना प्रधान लेखन नहीं। समस्या प्रधान लेखन बताने वाला सुलेख लिख रहा हूं। मैं KG सुरेश बोल रहा हूं।
नित नए प्रयोग। हर घड़ी सुयोग। नई रचनाएं। नई परिघटनाएं। नई विधियां, गतिविधियां। नए कीर्तिमान। पुराने प्रतिमान। नए लोग। सबका योग। मैं राष्ट्र का प्रलेख बोल रहा हूं। मैं KG सुरेश बोल रहा हूं।
एक मीडिया के छात्र की कलम से मीडिया गुरू के प्रति जन्मदिवस पर भाव चेतना। आप स्वस्थ रहें। व्यस्त रहें और मस्त रहें। आपका एक –एक शब्द राष्ट्र निर्माण करे। आपको जन्मदिवस की अनंतकोटि बधाई और शुभकामनाएं।
डॉ. नीरज कर्ण सिंह, सहायक आचार्य, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़।।
(यह लेखक के निजी विचार हैं)
उत्तराखंड और चंडीगढ़ में पाठकों और श्रोताओं की तरफ से संवाद को अच्छा प्रतिसाद मिला था।
इसी साल अपनी स्थापना का अमृतोत्सव मनाने के साथ अमर उजाला स्वर्णिम शताब्दी का संकल्प लेकर जगह-जगह 'संवाद' का आयोजन कर रहा है। उत्तराखंड और चंडीगढ़ के बाद अगला पड़ाव जम्मू कश्मीर है। उत्तराखंड और चंडीगढ़ में पाठकों और श्रोताओं की तरफ से संवाद को अच्छा प्रतिसाद मिला था। अब 30 नवंबर को जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में फिल्म, अध्यात्म, बैंकिंग, शिक्षा, खेल क्षेत्र की नामी गिरामी हस्तियां भविष्य की संभावनाओं पर मंथन करेंगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आने वाले समय के लिए जम्मू-कश्मीर के विकास का खाका पेश करेंगे।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी अपने विचार रखेंगे। अभिनेता विक्की कौशल मनोरंजन जगत की नई दिशाओं पर रोशनी डालेंगे। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित सैम मानेकशॉ की जीवनी पर आधारित फिल्म सैम बहादुर (2023) में विक्की कौशल, सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख नजर आने वाली हैं। विक्की इस फिल्म और सैम मानेकशॉ पर भी बात करेंगे। खेल जगत की अंतरराष्ट्रीय पैरा आर्चर शीतल देवी, राकेश कुमार और सरिता के जिद और जुनून की कहानी बात होगी। खेल संस्कृति में आ रहे बदलावों और उससे जुड़ी चुनौतियों पर भी ये पैरा एथलीट चर्चा करेंगे।
किक्रेट जगत के सितारे इरफान पठान और सुरेश रैना भी युवाओं में जोश भरेंगे। शिक्षा जगत से एआईसीटीई के प्रो. टीजी सीताराम व बैंकिंग क्षेत्र की हस्ती रजनीश कुमार शिक्षा तथा अर्थव्यवस्था क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में जानकारी देंगे। मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास सफल जीवन के उपायों पर प्रकाश डालेंगे।
मास्टर कार्ड इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार उद्योग और बैंकिग जगत की संभावनाओं पर बात करेंगे। वेयर हाउस स्थित अमर उजाला कार्यालय से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सोमवार से पास दिए जा रहे हैं। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पास का वितरण हो रहा है। इसमें से चुनिंदा लोगों को लकी ड्रॉ के माध्यम से चुना जाएगा जिन्हें विक्की कौशल के साथ सेल्फी लेने का मौका भी मिलेगा।
चार दोषियों को आजीवन कारावास और एक दोषी को तीन साल की कैद की सजा सुनाने के साथ सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है।
टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में दिल्ली की कोर्ट ने चार दोषियों को उम्रकैद और एक दोषी को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि कोर्ट ने करीब 15 साल पहले हुई टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में 18 अक्टूबर को पांचों आरोपितों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को दोषी करार दिया था। इनमें रवि कपूर, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अमित शुक्ला को हत्या के लिए दोषी करार दिया गया, वहीं अजय सेठी को 411 मकोका के तहत दोषी पाया गया।
पहले इस मामले में दोषियों की सजा पर 26 अक्टूबर को बहस होनी थी। माना जा रहा था कि अदालत 26 अक्टूबर को ही इस मामले के सभी आरोपितों को सजा सुना सकती है। लेकिन 26 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई को सात नवंबर के लिए टाल दिया गया था। सात नवंबर को इस मामले में सजा पर बहस होनी थी, लेकिन इसके बाद फिर कोर्ट ने सात नवंबर को सजा पर होने वाली बहस को टाल दिया था और मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी, जहां अब दोषियों को सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है और चारों में प्रत्येक पर एक लाख 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, अजय सेठी को तीन साल की कैद के साथ ही आईपीसी की धारा 411 और मकोका के तहत 7.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
गौरतलब है कि 30 सितंबर 2008 को उस वक्त गोली मारकर सौम्या की हत्या कर दी गई थी, जब वह कार्यालय से अपनी कार से घर लौट रही थी। इस मामले में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के आधार पर रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को सौम्या की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सख्त ‘महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम’ (मकोका) भी लगाया था।
सौम्या केस में आरोपितों ने खुलासा किया था कि उन्होंने हत्या इसलिए की, क्योंकि सौम्या की सेंट्रो उनकी कार से आगे निकल गई थी। हत्यारों ने सौम्या के सिर में गोली मारी थी, जिसकी वजह से कार डिवाइडर पर चढ़ गई। शुरू में पुलिस ने इसे एक्सीडेंट का केस समझा, लेकिन जब सौम्या के सिर से गोली निकली तो मामला सुलझा।
नेटवर्क18 मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा सौंपे जाने के बाद से वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र इन दिनों चर्चाओं में है।
नेटवर्क18 मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा सौंपे जाने के बाद से वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र चर्चाओं में हैं। इसकी वजह है उनकी राहुल गांधी पर लिखी गई अपनी किताब, जिसका विमोचन दिसंबर में होना है।
दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट लिखी और साफ किया कि उनके इस्तीफा देने के पीछे की वजह यही किताब है।
अपने इस्तीफे के लिए अप्रत्यक्ष रूप से इस किताब को बड़ी वजह बताते हुए इस पोस्ट में दयाशंकर मिश्र का कहना है कि किताब को लेकर कंपनी खुश नहीं थी। दयाशंकर मिश्र के अनुसार, मेरे पास विकल्प था कि मैं किताब वापस ले लूं। नौकरी करता रहूं। चुप रहूं। लेकिन, मैंने किताब को चुना। जो हमारा बुनियादी काम है, उसको चुना। सच कहने को चुना। इसलिए, पहले इस्तीफा, फिर किताब।
पहले इस्तीफ़ा, फिर किताब :
— Dayashankar Mishra (@DayashankarMi) November 22, 2023
राहुल गांधी पर सच लिखना कितनी मुश्किलें खड़ी करेगा, मुझे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था। ऐसे समय जब सत्ताधीशों पर गाथा-पुराण लिखने की होड़ लगी हो, मैंने सोचा था कि एक लोकनीतिक विचारक की सोच, दृष्टि और दृढ़ता को संकलित कर प्रस्तुत करना किसी को क्यों… pic.twitter.com/oEroAWRP1i
दयाशंकर मिश्र के इस पोस्ट के बाद अब ‘न्यूज18 इंडिया’ ने भी एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने दयाशंकर मिश्र की पोस्ट को भ्रामक और बेबुनियाद बताया है। अपने ट्वीट में न्यूज18 इंडिया का कहना है कि कंपनी के नियम के अनुसार, कोई भी किताब लिखने से पहले अथवा संस्थान से बाहर किसी भी तरह के योगदान को लेकर एंप्लॉयीज को अनुमति लेनी होती है। तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में इसी तरह होता है। लेकिन हमारी हिंदी वेबसाइट के एडिटर के रूप में दयाशंकर मिश्र ने इस किताब को लिखने के लिए संस्थान से अनुमति नहीं ली।
न्यूज18 इंडिया के अनुसार, ‘जब नौ नवंबर 2023 को दयाशंकर मिश्र ने बताया कि वह किताब लिख रहे हैं, जो दिसंबर में पब्लिश होगी तो उन्हें स्पष्ट रूप से कंपनी की पॉलिसी के बारे में बताते हुए इसका पालन करने के लिए कहा गया। लेकिन उन्होंने किताब लिखना जारी रखा और 22 नवंबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि उन्हें इस किताब के लिए निशाना बनाया गया, जबकि वह इस किताब के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।’
न्यूज18 इंडिया का कहना है कि दयाशंकर मिश्र ने कंपनी के नियमों की अवहेलना की है। कंपनी के पास अधिकार है कि वह उनके खिलाफ और इस तरह के झूठ फैलाने वालों के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
News18 statement about the false and misleading claims by Mr Dayashankar Mishra: pic.twitter.com/Cuo5Jd5LRb
— News18 India (@News18India) November 23, 2023
बता दें कि दयाशंकर मिश्र साढ़े चार साल से भी ज्यादा समय से 'नेटवर्क18' के साथ थे। वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने 22 नवंबर को इस्तीफा दे दिया है।
अभिषेक भल्ला पूर्व में ‘इंडिया टुडे’ और ‘आजतक’ के नेशनल ब्यूरो की कमान भी संभाल चुके हैं।
वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक भल्ला ने ऑडिट एवं परामर्श देने वाली कंपनी केपीएमजी (KPMG) को जॉइन कर लिया है। बता दें कि अभिषेक भल्ला को न्यूज मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। इस दौरान वह तमाम ट्रेडिशनल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़े रहे हैं।
अभिषेक भल्ला पूर्व में ‘इंडिया टुडे’ और ‘आजतक’ के नेशनल ब्यूरो की कमान भी संभाल चुके हैं। इससे पहले वह डिफेंस एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
अभिषेक भल्ला को डिफेंस और सिक्योरिटी से जुड़े मामलों के साथ-साथ भू-राजनीति की कवरेज में महारत हासिल है। उन्होंने बड़े पैमाने पर कश्मीर, एलएसी और पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों सहित तमाम संघर्ष क्षेत्रों के साथ यूक्रेन में युद्ध को भी कवर किया है।
अमृता चौधरी ने ‘वेवमेकर’ (Wavemaker) में अपनी करीब दस साल पुरानी पारी को विराम दे दिया था। फिलहाल वह यहां मैनेजिंग पार्टनर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
अमृता चौधरी ने ‘डिज्नी स्टार’ (Disney Star) के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने यहां पर बतौर हेड (media and partnerships) जॉइन किया है।
अपनी नई भूमिका में वह ‘स्टार नेटवर्क’ और ‘हॉटस्टार’ के विकास, नवाचार और दक्षता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होंगी।
बता दें कि अमृता चौधरी ने हाल ही में ‘वेवमेकर’ (Wavemaker) में मैनेजिंग पार्टनरशिप के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह इस संस्थान के साथ करीब दस साल से जुड़ी हुई थीं।
अमृता चौधरी ने वर्ष 2014 में ‘वेवमेकर’ में बतौर जनरल मैनेजर जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘मैक्सस’ (Maxus), ‘सोनी एंटरटेनमेंट’ (Sony Entertainment), ‘स्टार इंडिया’ (Star India) और ‘डीएनए’ (DNA) के साथ भी काम कर चुकी हैं।
ईडी ने 21 नवंबर को यंग इंडियन (YIL) और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है
नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सुर्खियों में है। इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे नेता आरोपी हैं। खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 नवंबर को यंग इंडियन (YIL) और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। यह एक्शन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुर्क की गई अचल संपत्तियों में नेशनल हेराल्ड का दिल्ली में आईटीओ स्थित कार्यालय परिसर, लखनऊ के कैसरबाग के पास मॉल एवेन्यू स्थित नेहरू भवन और मुंबई में हेराल्ड हाउस शामिल हैं।
ED के मुताबिक, 661.69 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी AJL, जबकि करीब 90.21 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी यंग इंडिया से जुड़ी है। बता दें कि ईडी ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर एजेएल और यंग इंडिया के खिलाफ जांच शुरू की थी।
एजेंसी इस मामले में पहले भी सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस मामले में अंशधारक और कांग्रेस को चंदा देने वालों से AJL और पार्टी ने ठगी की। ED ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया था। नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं। दोनों में से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ED की जांच में पाया गया कि इस मामले से जुड़े आरोपियों ने मेसर्स यंग इंडिया के जरिए AJL की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। आरोप है कि मेसर्स AJL को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए सरकार द्वारा भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी।
AJL ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया था। जांच में पाया गया कि AJL को 90.21 करोड़ का कर्ज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चुकाना था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने 90.21 करोड़ रुपये के इस कर्ज को माफ कर एजेएल को साजिशन एक नई कंपनी मेसर्स यंग इंडिया को महज 50 लाख रुपये में बेच दिया।
केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि भारत, देश में विदेशी फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहन देगा।
केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि भारत, देश में विदेशी फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहन देगा। इसके लिए फिल्म निर्माण में जो खर्च आएगा, उसमें प्रोत्साहन राशि 40 प्रतिशत तक बढ़ाई जाएगी।
बता दें कि इसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपये (3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) होगी, जिसमें उल्लेखनीय भारतीय विषयवस्तु के लिए पांच प्रतिशत का अतिरिक्त बोनस शामिल होगा। उन्होंने सोमवार को गोवा के पणजी में भारत के 54वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने उद्घाटन भाषण में यह बात कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के आकार और विशाल क्षमता को देखते हुए देश में मध्यम व बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए उच्च प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने में यह आदर्श बदलाव कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए भारत की प्रतिबद्धता और समर्थन के प्रमाण के रूप में कार्य करता है और सिनेमाई प्रयासों के लिए पसंदीदा गंतव्य-स्थल के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है।
इसके अलावा प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को एक शानदार ट्रिब्यूट देते हुए 54वें आईएफएफआई महोत्सव ने उन्हें 'भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए विशेष मान्यता' पुरस्कार से सम्मानित किया।
सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट किया कि हर आयु वर्ग की आइकन माधुरी दीक्षित ने चार अद्भुत दशकों से अपने अप्रतिम टैलेंट के जरिए हमारी सिनेमा स्क्रीन की शोभा बढ़ाई है।
अनुराग ठाकुर ने उन युवा मेधाओं के लिए एक भर्ती अभियान की भी घोषणा की, जिन्हें '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो' के लिए चुना गया था। इसके जरिये युवा मेधाओं की उदीयमान प्रतिभा और करियर के लिए असीमित अवसरों के द्वार खुल गए हैं।
'75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो', जो अब अपने तीसरे संस्करण में है, उसकी शुरुआत 2021 में प्रधानमंत्री की परिकल्पना से हुई थी, ताकि युवाओं को सिनेमा के माध्यम से अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस साल, 10 श्रेणियों में लगभग 600 प्रविष्टियों में से, 19 राज्यों से 75 युवा फिल्म निर्माताओं को चुना गया है, जिनमें बिष्णुपुर, जगतसिंहपुर और सदरपुर जैसे दूरदराज के इलाके भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आईएफएफआई के इस संस्करण में पुरस्कारों की एक नई श्रेणी- सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) श्रेणी- शुरू करने की भी घोषणा की। महोत्सव में नए घटकों पर प्रकाश डालते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईएफएफआई भारत में मूल कॉन्टेंट रचनाकारों की परिवर्तनकारी भूमिका को मान देगा और उनका सम्मान करेगा तथा रोजगार एवं नवाचार में उनके योगदान को प्रकट करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहली बार, आईएफएफआई ने सिनेमा जगत के नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक अच्छी तरह से क्यूरेटेड 'वीएफएक्स और टेक पवेलियन' तथा गैर-कथात्मक किस्सागोई को समर्थन देने के हवाले से उसके सह-उत्पादन के लिए एक वृत्तचित्र अनुभाग की शुरुआत करके फिल्म बाजार के दायरे को बढ़ाया है।
‘IN10 मीडिया नेटवर्क’ के एमडी आदित्य पिट्टी का कहना है, ‘हमारे नेटवर्क की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने में कविता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है और बिजनेस में उनके अमूल्य योगदान की हम सराहना करते हैं।
मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी ‘IN10 मीडिया नेटवर्क’ (IN10 Media Network) की रेवेन्यू हेड कविता सागर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कंपनी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजस्व वृद्धि और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कविता सागर ने वर्ष 2019 में ‘IN10 मीडिया नेटवर्क’ जॉइन किया था और कंपनी की सफलता की कहानी का एक अभिन्न हिस्सा रहीं।
कविता सागर के इस्तीफे के बारे में ‘IN10 मीडिया नेटवर्क’ के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पिट्टी का कहना है, ‘हमारे नेटवर्क की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने में कविता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है और बिजनेस में उनके अमूल्य योगदान की हम सराहना करते हैं। मैं उनके समर्पण के लिए आभार व्यक्त करता हूं और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’
वहीं, कविता सागर का कहना है, ‘IN10 मीडिया नेटवर्क में मेरा सफर काफी उल्लेखनीय रहा है। मैं अपने कार्यकाल के दौरान मिले अनुभवों और सपोर्ट के लिए आभारी हूं। मैं कंपनी की निरंतर सफलता में दृढ़ विश्वास रखती हूं और समृद्ध भविष्य के लिए पूरी टीम को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।’
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के लिए दिवाली मिलन समारोह आयोजित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और पत्रकारों को संबोधित भी किया।
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के लिए दिवाली मिलन समारोह आयोजित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और पत्रकारों को संबोधित भी किया।
कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पीएम का कहना था कि वह देश को विकसित भारत बनाने की आकांक्षा रखते हैं और वह यह सिर्फ कहकर नहीं, बल्कि जमीन पर उतारकर दिखाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है और इसमें उन्हें मीडिया की मदद चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके वोकल फॉर लोकल के आह्वान को जनता का समर्थन मिला है। पीएम का कहना था कि मीडिया की भी ये जिम्मेदारी बनती है कि जो बातें देश के विकास के लिए हों, उन्हे आगे बढ़ाना चाहिए।
पीएम का कहना था कि दिवाली और होली के साथ छठ पूजा उत्सव भी ग्लोबल हो गया है। हमारे त्योहार अब ग्लोबल हो रहे हैं। दुनिया काफी कठिन दौर से गुजरी है। कोरोनाकाल का जिक्र करते हुए पीएम का कहना था कि कोविड काल काफी दर्दनाक रहा, जिसकी वजह से तमाम चीजें बदली हैं। कोविड के बाद पहली बार त्योहार का आनंद आया है।
पत्रकारों के साथ दिवाली मिलन कार्यक्रम में मीडिया समूह के मेडिकल चेकअप को लेकर पीएम का कहना था, ‘मैं अनुभव कर रहा हूं कि हमने हाल ही में छोटी आयु के कुछ पत्रकारों को खोया है। 40 के बाद मेडिकल चेकअप होना चाहिए। हम और मीडिया के साथी मिलकर अगर इस दिशा में कुछ बना सके तो अच्छा रहेगा।’
प्रधानमंत्री का कहना था कि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’(AI) के जमाने में जिस प्रकार से डीपफेक फैल रहा है, वह बड़ा संकट है। यह समाज में असंतोष की आग को काफी तेजी से फैला सकता है। इस बारे में विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा लोगों को जागरूक करें कि आखिर डीपफेक क्या है, यह कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकते हैं।
पिछले दिनों पीएम मोदी का भी एक डीपफेक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में दावा किया गया था कि पीएम मोदी गरबा कर रहे हैं। हालांकि यह वीडियो फेक था। पीएम का कहना था, ‘अभी मैं एक वीडियो देख रहा था, जिसमें दिखाई दे रहा था कि मैं गरबा खेल रहा हूं। मुझे खुद लगा कि क्या बना दिया, पर यह चिंता का विषय है।’
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिस पर काफी हंगामा हुआ था। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर इस मामले में कार्रवाई की अपील की थी।
इस दिवाली मिलन समारोह में ‘सीएनबीसी आवाज’ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल, ‘आईटीवी नेटवर्क’ के फाउंडर और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, 'एबीपी नेटवर्क' के सीईओ अविनाश पांडेय, ‘भारत एक्सप्रेस’ के सीएमडी व एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय, 'इंडिया न्यूज' के एडिटर-इन-चीफ राणा यशवंत, सीनियर न्यूज एंकर और 'आजतक' में कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी, 'टीवी9' के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा, 'रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क' के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी 'इंडिया डेली लाइव' के एडिटर-इन-चीफ शमशेर सिंह, 'नेटवर्क18' के कंसल्टिंग एडिटर राहुल शिवशंकर, 'न्यूज18' (हिंदी) के मैनेजिंग एडिटर अमिश देवगन, सीनियर न्यूज एंकर और 'भारत 24' की वाइस प्रेजिडेंट रुबिका लियाकत समेत तमाम जाने-माने पत्रकार शामिल थे।
कार्यक्रम की झलकियां आप यहां देख सकते हैं।
'नेशनल प्रेस डे' पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना था कि न्यूजरूम में एडिटर की भूमिका को 'AI' द्वारा पूरी तरह प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है।
‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पर गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 2023 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर 'मीडिया इन द एरा ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' टॉपिक पर अपनी बात रखते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कहना था कि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (AI) के युग में नैतिक और जिम्मेदार पत्रकारिता की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति का कहना था, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमारे सूचना और मनोरंजन के तौर-तरीकों को बदल दिया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनता जा रहा है। हमें बदलते हुए समय के साथ तालमेल बिठाते हुए अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी अपनाना होगा, लेकिन इसके साथ ही उसके दुरुपयोग से भी अपना बचाव करना होगा।’
उपराष्ट्रपति ने मीडिया की कम होती विश्वसनीयता को सबसे बड़ी चुनौती बताया। उपराष्ट्रपति का कहना था कि पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अविश्वसनीय और गलत खबरों ने समाज में मीडिया के विश्वास को कम किया है। मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह समाज को सच बताए।
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने सच्चाई के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को याद करते हुए कहा कि आज हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए, जिन्होंने सच्चाई के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना था कि न्यूजरूम में न्यूज और कंटेंट एडिटर की भूमिका को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा कभी भी पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। कई वर्षों के संपादन के अनुभव, निरीक्षण की बारीकियों को समझने वाले संपादक हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आगे रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया न केवल भारत को बदलने की कहानी को उजागर करने में बल्कि विभिन्न क्षेत्रों और करोड़ों लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को भी उजागर करने में तेजी से रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, मत्स्य पशुपालन पालन एवं डेयरी राज्य मंत्री एल. मुरूगन, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई, जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सचिव समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।