ED ने Suumaya Industries और Dentsu Communications India पर 137 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में जांच शुरू की
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुमाया इंडस्ट्री (Suumaya Industries Ltd.) और डेंट्सू कम्युनिकेशंस (Dentsu Communications India Private Limited) के खिलाफ हरियाणा सरकार की एक झूठी योजना के तहत दस्तावेजों की जालसाजी कर 137 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में जांच शुरू की है। ED के अनुसार, इन कंपनियों ने एक गैर-मौजूद योजना के लिए व्यापार वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए फर्जी चालान और लॉरी रसीदें तैयार कीं।
जांच के तहत, ED ने गुरुवार को मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम में 19 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 2002 के मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) के तहत की गई, जिसमें 46 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा, 4 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और 3.4 करोड़ रुपये मूल्य के सोने के बर्तन जब्त किए गए। अधिकारियों ने इसके साथ ही संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अचल संपत्ति लेन-देन से संबंधित रिकॉर्ड भी बरामद किए।
जांच में यह सामने आया कि Suumaya Industries का टर्नओवर 2019-20 में 210 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 6700 करोड़ रुपये हो गया था। इसी दौरान, इसकी स्टॉक प्राइस 19 रुपये से बढ़कर 736 रुपये हो गई, जिससे निवेशकों को गुमराह किया गया और मूल्यांकन को बढ़ाया गया।
ED ने कहा, "इन आरोपित कंपनियों ने फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए, ताकि एक ऐसी योजना के लिए कृषि उत्पादों की आपूर्ति का गलत प्रचार किया जाए, जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थी।" अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा सरकार द्वारा कोई अनुबंध जारी नहीं किया गया था और न ही कोई आपूर्ति की गई थी।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित कंपनियों ने 5,000 करोड़ रुपये के गोल-गोल लेन-देन किए, जिनमें से केवल 10% वास्तविक थे। इन धोखाधड़ी गतिविधियों का उद्देश्य टर्नओवर को बढ़ाना, कृत्रिम बाजार विश्वास बनाना और निवेशकों को गुमराह करना था।
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि कंपनियों और स्टॉक ब्रोकरों, साथ ही मर्चेंट बैंकरों के बीच मिलकर शेयर कीमतों को नियंत्रित करने के लिए साजिश की गई थी। NCDEX पर कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट और कंपनी अधिग्रहण के लिए नकद भुगतान किए गए थे, जिससे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक विकृत किया गया।
ED के एक अधिकारी ने टिप्पणी की, "इन गतिविधियों ने न केवल निवेशकों को धोखा दिया है, बल्कि बाजार पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकृत किया है।"
अधिकारियों का मानना है कि सर्कुलर ट्रांजैक्शन ने स्टार्टअप्स के लिए वैल्यूएशन को बढ़ा दिया और संस्थाओं को धोखाधड़ी से सरकारी अनुबंधों के लिए बोली लगाने में सक्षम बनाया।
ED की रिपोर्ट में यह बताया गया कि 5,000 करोड़ रुपये के लेन-देन में से केवल 10% वास्तविक (genuine) थे, जबकि बाकी सभी लेन-देन का उद्देश्य वित्तीय स्थिति और लाभप्रदता (financial health and profitability) को गलत तरीके से प्रस्तुत करना था।
ED को उम्मीद है कि जांच के दौरान और गिरफ्तारियांऔर संपत्ति की रिकवरी हो सकती है।
ED की छापेमारी के जवाब में डेंट्सु इंडिया के एक प्रवक्ता ने एक्सचेंज4मीडिया को बताया, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि ED ने Dentsu के परिसर से कोई संपत्ति जब्त नहीं की है। Dentsu की धोखाधड़ी और गलत कार्यों के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति (जीरो-टॉलरेंस पॉलिसी) है और हम इस मामले को गंभीरता से लेते हैं। हम जारी जांच में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग जारी रखेंगे।"
Dentsu India के प्रवक्ता ने कहा, "2021 में, हमने InDeed के कुछ पूर्व कर्मचारियों और तृतीय पक्षों द्वारा किए गए संदिग्ध धोखाधड़ी गतिविधियों की पहचान की थी, जिनके खिलाफ आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं। यह गतिविधि केवल InDeed व्यवसाय तक ही सीमित थी। तीन साल पहले, हमने इस मामले को संबंधित अधिकारियों के पास रिपोर्ट किया था और तब से पूरी तरह से उनके साथ सहयोग कर रहे हैं। यह मामला उस संदर्भ में है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) 10 दिसंबर 2024 को मुंबई स्थित Dentsu India कार्यालय में पहुंचा था।"
आदित्य टंडन इससे पहले करीब 12 साल से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
‘जी मीडिया’ (Zee Media) ने आदित्य टंडन को चीफ ब्रैंड ऑफिसर (campaign and ip's) के पद पर नियुक्त किया है।
आदित्य टंडन इससे पहले करीब 12 साल से ‘नेटवर्क18’ (Network18) में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह ‘नेटवर्क18’ में हिंदी क्लस्टर के सात राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यूज़ चैनल्स की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
आदित्य टंडन को मार्केटिंग और ब्रैंडिंग के क्षेत्र में दो दशकों से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ब्रैंड मैनेजमेंट, स्ट्रैटेजी, प्लानिंग, बजट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, एटीएल, मीडिया प्लानिंग, पीआर, इवेंट्स, डिजिटल मार्केटिंग, बीटीएल, आउटडोर विज्ञापन और रिसर्च व ऑपरेशंस जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की है।
‘नेटवर्क18’ से पहले आदित्य टंडन दो बार ‘Asia Pacific Communication Associates’ में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वर्ष 2011 से 2013 तक उन्होंने इस ब्रैंड के प्रमोशनल कार्यक्रम और डिजिटल प्रोजेक्ट्स पर काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भी वर्ष 1998 में इसी संस्थान के साथ की थी।
इसके अलावा उन्होंने डायरेक्टर (स्ट्रैटेजी और मार्केटिंग) के रूप में ‘Directi’ में भी काम किया है। वहां वह bigrock.com लॉन्च करने वाली टीम का हिस्सा थे और मार्केटिंग ऑपरेशंस को स्थापित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
टंडन ने पूर्व में ‘Videocon Mobile’ में सर्विस मार्केटिंग वर्टिकल के डीजीएम (जून से दिसंबर 2009) के रूप में काम किया है। इसके पहले वह करीब एक साल तक ‘Times of India’ में चीफ मैनेजर के पद पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इसके साथ ही वह ‘Financial Express’ से भी जुड़े रहे हैं, जहां उन्होंने सीनियर ब्रैंड मैनेजर के रूप में पूरे भारत में इस ब्रैंड से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी संभाली।
अपने करियर के दौरान, जौहर लगभग 200 फिल्मों से जुड़े रहे हैं। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और मलयालम जैसी विभिन्न भाषाओं की फिल्में शामिल हैं
ZEE Studios ने गिरीश जौहर को अपना नया डिस्ट्रीब्यूशन और रेवेन्यू हेड नियुक्त किया है। करीब तीन दशकों का अनुभव रखने वाले जौहर पहले UTV, Sony, Balaji, PVR और Sahara जैसी अग्रणी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं और अपनी नई भूमिका में इंडस्ट्री के ज्ञान का खजाना लेकर आए हैं।
अपने करियर के दौरान, जौहर लगभग 200 फिल्मों से जुड़े रहे हैं। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और मलयालम जैसी विभिन्न भाषाओं की फिल्में शामिल हैं, जिनमें उन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं में योगदान दिया है।
'जी स्टूडियो' (ZEE Studios) में गिरीश जौहर का ध्यान फिल्मों के अधिग्रहण और उनके वैश्विक मुद्रीकरण (मॉनेटाइजेशन) को अधिकतम करने पर होगा। वे सभी अधिकारों और भाषाओं में, चाहे थिएटर हो या डिजिटल प्लेटफॉर्म, फिल्मों के वितरण क्षमता और राजस्व रणनीतियों को मजबूत करने का काम करेंगे।
दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर, दिव्य मराठी और सौराष्ट्र समाचार की पैरेंट कंपनी डीबी कॉर्प लिमिटेड (DBCL) ने 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही और नौ महीनों के वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं।
दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर, दिव्य मराठी और सौराष्ट्र समाचार की पैरेंट कंपनी डीबी कॉर्प लिमिटेड (DBCL) ने 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही और नौ महीनों के वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं।
कंपनी ने पिछले 3 वर्षों में विज्ञापन राजस्व में 20% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2021 में ₹1,008.4 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में ₹1,752.4 करोड़ हो गई। इसी तरह, शुद्ध लाभ (PAT) ने 44% की CAGR वृद्धि दिखाई, जो ₹141.4 करोड़ से बढ़कर ₹425.5 करोड़ हो गया।
डीबी कॉर्प ने अपनी अब तक की सबसे बेहतर नौ-महीनों की परफॉर्मेंस दर्ज की, जिसमें राजस्व ₹1,854.4 करोड़ और शुद्ध लाभ ₹318.7 करोड़ रहा। यह प्रदर्शन पिछले साल के चुनाव-प्रेरित उच्च आधार को देखते हुए विशेष रूप से उल्लेखनीय है। चुनावों से जुड़े विज्ञापन लाभ को हटाकर भी, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में विज्ञापन राजस्व, EBITDA और शुद्ध लाभ में साल-दर-साल (YOY) मजबूत वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कंपनी की नेतृत्व स्थिति स्पष्ट होती है।
कंपनी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "भारत के समाचारपत्र उद्योग में दैनिक भास्कर की बाजार में नेतृत्व स्थिति ने विभिन्न क्षेत्रों के विज्ञापनदाताओं को आकर्षित किया, जिससे उच्च आधार पर भी वृद्धि को समर्थन मिला। पारंपरिक क्षेत्रों ने त्योहारी सीजन के दौरान विज्ञापन खर्च जारी रखा, और जबकि उसके बाद कुछ कमी आई है, समग्र भावना अभी भी आशावादी बनी हुई है।"
वित्त वर्ष 2025 के नौ महीनों में, उच्च आधार पर टॉपलाइन में साल-दर-साल 1% की वृद्धि हुई, जबकि EBITDA 4% बढ़कर ₹525.2 करोड़ हो गया। यह स्थिर न्यूज़प्रिंट कीमतों और कुशल लागत प्रबंधन के कारण संभव हुआ। शुद्ध लाभ (PAT) में 5% की YOY वृद्धि हुई और यह ₹318.7 करोड़ रहा। प्रिंट व्यवसाय के EBITDA मार्जिन में 200 आधार अंकों की वृद्धि दर्ज हुई और यह 32% पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कुल राजस्व ₹655.6 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹664.8 करोड़ से थोड़ा कम है, जिसका कारण चुनाव-प्रेरित उच्च आधार है। विज्ञापन राजस्व ₹476.7 करोड़ रहा, जबकि सर्कुलेशन राजस्व ₹119.5 करोड़ था। EBITDA ₹190.2 करोड़ (29% मार्जिन) था, जो लागत नियंत्रण और कम न्यूज़प्रिंट कीमतों से समर्थित था। शुद्ध लाभ ₹118.2 करोड़ दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह ₹124.0 करोड़ था।
रेडियो व्यवसाय में विज्ञापन राजस्व 6% YOY बढ़कर ₹49.2 करोड़ हो गया, और EBITDA 2% बढ़कर ₹18.7 करोड़ हुआ।
रेडियो व्यवसाय ने 9% YOY वृद्धि के साथ उद्योग को नेतृत्व दिया, जहां विज्ञापन राजस्व ₹128.7 करोड़ तक पहुंचा और EBITDA 11% बढ़कर ₹45.1 करोड़ हो गया।
कंपनी ने कहा, "वित्त वर्ष 2025 के नौ महीनों में न्यूज़प्रिंट की कीमतें नरम बनी रहीं। हमारा न्यूज़प्रिंट का औसत मूल्य ₹4,7600 प्रति मीट्रिक टन (PMT) रहा, जो पिछले साल के ₹5,2700 PMT से कम था। इसके परिणामस्वरूप न्यूज़प्रिंट लागत में 14% YOY की कमी आई। Q3 FY25 में न्यूज़प्रिंट कीमतें डॉलर के संदर्भ में स्थिर रहीं और अगले कुछ तिमाहियों में नरम रहने की संभावना है, बशर्ते डॉलर विनिमय में उतार-चढ़ाव न हो।"
डीबी कॉर्प लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल ने कहा, "Q3FY25 के हमारे प्रदर्शन ने उच्च आधार पर भी हमारे लिए अब तक के सबसे बेहतर नौ महीनों का प्रदर्शन दर्ज किया है। यह हमारी संपादकीय रणनीति ‘सच्चाई बनाम ट्रेंड्स’ और ‘शोर बनाम कंटेंट’ पर केंद्रित रहने का प्रमाण है, जिसने हमें अमूल्य लाभ प्रदान किया। त्योहारी सीजन में विज्ञापनदाताओं से मजबूत मांग रही और उसके बाद कुछ नरमी आई, लेकिन हम आशावादी बने हुए हैं। हमारा डिजिटल व्यवसाय भी हमारे बहु-चैनल नेतृत्व का समर्थन कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन धीमा है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू खपत से प्रेरित होकर हमारे मुख्य बाजारों और विज्ञापनदाताओं को आकर्षित कर रही है। हमारे सर्कुलेशन दल सक्रिय रूप से जुड़ाव बढ़ा रहे हैं। ये स्तंभ हमारी नेतृत्व स्थिति को मजबूत करने और विकास के नए अवसरों को तलाशने में हमारी मदद करेंगे।"
भारत के मीडिया जगत की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक, भास्कर दास का बुधवार को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया।
भारत के मीडिया जगत की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक, भास्कर दास का बुधवार को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। भास्कर दास एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे, जिनका करियर उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा था और जिनके प्रभाव को आने वाली पीढ़ियां महसूस करेंगी।
उनकी प्रोफेशनल जर्नी रणनीतिक दृष्टिकोण, नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती रहेगी।
उनके निधन से इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है। उनके निधन की खबर सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें हर कोई श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
Saddened to hear about Bhaskar Das’s death. He was a great champion of Mumbai Mirror when it launched. His passion for the newspapering business, his sense of curiosity and effervescence helped build the relationship between editorial and the famous 3rd floor
— Meenal Baghel (@writemeenal) January 15, 2025
What a sad sad way to start the day. My first boss and mentor @bedee0805 crossed the rainbow bridge early this morning. He was a true rockstar in every sense. #BhaskarDas pic.twitter.com/UweyCsfzz6
— Rounak Guharoy (@rounakguharoy) January 15, 2025
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को बीजापुर जिले में इस महीने की शुरुआत में मारे गए पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को बीजापुर जिले में इस महीने की शुरुआत में मारे गए पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
पुलिस लाइन के हेलीपैड पर पत्रकारों से बात करते हुए साय ने कहा कि पत्रकारों के लिए एक भवन बनाया जाएगा और उसका नाम मृत पत्रकार के नाम पर रखा जाएगा।
फ्रीलांस पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) 1 जनवरी को लापता हो गए थे। उनका शव 3 जनवरी को बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाली एक संपत्ति के सेप्टिक टैंक में पाया गया।
मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को 5 जनवरी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया, जबकि उनके भाई रितेश और दिनेश तथा सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
साय ने कहा, “मृत पत्रकार के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। पत्रकारों के लिए एक भवन बनाया जाएगा और उसका नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।”
मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने कहा कि आरोपी सुरेश चंद्राकर, जो मृतक पत्रकार के रिश्तेदार थे, बीजापुर में उनके सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली खबर प्रकाशित होने के बाद गुस्से में थे।
मुकेश चंद्राकर एनडीटीवी न्यूज चैनल के लिए फ्रीलांस पत्रकार के रूप में काम करते थे और उनका एक यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ था, जिसके करीब 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं।
उन्होंने अप्रैल 2021 में बीजापुर में हुए टाकालगुड़ा नक्सली हमले के बाद माओवादी कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई में अहम भूमिका निभाई थी। इस हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (कोबरा) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक विशेष जंगल वारफेयर यूनिट है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पहले दावा किया था कि सुरेश चंद्राकर कांग्रेस के नेता थे। हालांकि, विपक्षी पार्टी ने दावा किया कि वह हाल ही में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए थे।
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मेटा (Meta) के उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें कंपनी ने एक मल्टी-बिलियन डॉलर के सामूहिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी।
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मेटा (Meta) के उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें कंपनी ने एक मल्टी-बिलियन डॉलर के सामूहिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी। यह मुकदमा विज्ञापनदाताओं ने दायर किया है, जिसमें मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी) पर आरोप है कि उसने अपने विज्ञापनों के संभावित दर्शकों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके विज्ञापनदाताओं से अतिरिक्त शुल्क वसूला।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें विज्ञापनदाताओं को सामूहिक रूप से मुआवजा मांगने की अनुमति दी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यायाधीशों ने कहा कि चूंकि मेटा ने संभावित दर्शकों की संख्या को लेकर सभी विज्ञापनदाताओं को एक ही प्रकार की गलत जानकारी दी थी, इसलिए विज्ञापनदाता यह साबित करने की कोशिश कर सकते हैं कि उनका नुकसान एक सामान्य प्रक्रिया से हुआ है। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि 15 अगस्त 2014 से उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापनों के लिए भुगतान किया है।
पूर्व मेटा विज्ञापनदाता DZ रिजर्व (DZ Reserve) और कैन मैक्सवेल (Cain Maxwell) द्वारा दायर इस मुकदमे में कहा गया है कि मेटा ने वास्तविक लोगों के बजाय सोशल मीडिया अकाउंट की संख्या पर ध्यान केंद्रित किया और संभावित दर्शकों की संख्या को 400% तक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
मेटा ने अपनी अपील में दावा किया कि कम से कम तीन संघीय अपील अदालतों ने "सामान्य प्रक्रिया" के परीक्षण को खारिज कर दिया है। कंपनी का यह भी कहना था कि यह परीक्षण इस तथ्य को नजरअंदाज करता है कि कुछ विज्ञापनदाताओं ने इस कथित गलत प्रस्तुति को महत्वहीन पाया होगा या उस पर भरोसा करने का चुनाव नहीं किया होगा।
इस मुकदमे में संभावित हर्जाने की राशि $7 बिलियन से अधिक हो सकती है। मेटा के खिलाफ यह आरोप उसके विज्ञापन व्यवसाय मॉडल पर गंभीर सवाल उठाता है, जो कंपनी के राजस्व का प्रमुख स्रोत है।
यह फैसला डिजिटल ऐड इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित कर सकता है, जहां कंपनियों की पारदर्शिता और नैतिकता पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं।
'डियाजियो' (Diageo) घोषणा की है कि भारतीय शाखा 'यूनाइटेड स्पिरिट्स' ने 1 मार्च 2024 से प्रभावी रूप से प्रवीण सोमेश्वर को अपना चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर- डेजिगनेट (CEO Designate) नियुक्त किया है।
वैश्विक शराब की दिग्गज कंपनी 'डियाजियो' (Diageo) घोषणा की है कि भारतीय शाखा 'यूनाइटेड स्पिरिट्स' ने 1 मार्च 2024 से प्रभावी रूप से प्रवीण सोमेश्वर को अपना चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर- डेजिगनेट (CEO Designate) नियुक्त किया है। प्रवीण सोमेश्वर, हिना नागराजन की जगह लेंगे, जो मैनेजिंग डायरेक्टर व CEO के रूप चार साल तक सफलतापूर्वक कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं। फिलहाल वह अब डियाजियो की ग्लोबल एग्जिक्यूटिव कमेटी में शामिल होंगी।
'यूनाइटेड स्पिरिट्स' द्वारा सोमवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि हिना नागराजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वह 31 मार्च, 2025 तक कंपनी की एमडी व सीईओ रहेंगी और 1 अप्रैल, 2025 से प्रवीण सोमेश्वर को कंपनी का एमडी और सीईओ नियुक्त किया गया है।
प्रवीण सोमेश्वर कंज्यूमर बिजनेेस में अनुभवी लीडर हैं और इसमें उन्हें 29 वर्षों का अनुभव हैं। वह पिछले पांच वर्षों से एचटी मीडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर व CEO रहे हैं और इससे पहले उन्होंने पेप्सिको में भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दो दशकों से अधिक समय तक अलग-अलग लीडरशिप की भूमिकाएं निभाई हैं। रणनीति और निष्पादन में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाने वाले सोमेश्वर के नेतृत्व में यूनाइटेड स्पिरिट्स को विकास के अगले चरण में ले जाने की उम्मीद है।
हिना नागराजन, जो यूनाइटेड स्पिरिट्स का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं, अपने पीछे एक उल्लेखनीय विरासत छोड़ रही हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, कंपनी ने निरंतर दोहरे अंकों में विकास और बाजार पूंजीकरण में महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव किया, जो ₹1 ट्रिलियन (12.5 बिलियन डॉलर) के पार पहुंच गया। उनके नेतृत्व में, यूनाइटेड स्पिरिट्स ने कई परिवर्तनकारी रणनीतिक इनीशिएटिव्स लागू कीं, जिनमें पोर्टफोलियो प्रीमियमाइजेशन, इनोवेशन व ग्रोथ और लाभप्रदता पर मजबूत ध्यान केंद्रित करना शामिल था।
अपने समय को याद करते हुए, नागराजन ने कहा, "डियाजियो इंडिया का नेतृत्व करना मेरे लिए सही मायने में एक सम्मान है। इस दौरान हमने मजबूत रणनीतिक प्रगति और निरंतर, लाभप्रद दोहरे अंकों में विकास हासिल किया। मैं अपने सभी सहयोगियों की सफलता की कामना करती हूं और प्रवीण के नेतृत्व में इस शानदार बिजनेस को आगे बढ़ते देखने के लिए उत्सुक हूं।"
डियाजियो की वैश्विक सीईओ, डेबरा क्रू ने नागराजन के योगदान की सराहना करते हुए कहा, "हीना के नेतृत्व में, डियाजियो इंडिया ने मजबूत टॉप-लाइन वृद्धि और मार्जिन विस्तार को प्रभावशाली रणनीतिक पहलों के साथ जोड़ा है, जिससे हमारे पोर्टफोलियो को पुनर्गठित और प्रीमियमाइज किया गया है। जैसे ही वह डियाजियो में एक वैश्विक भूमिका निभाने के लिए आगे बढ़ रही हैं, वह सफलता का एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड और एक अत्यधिक प्रेरित, प्रतिभाशाली और विविध टीम पीछे छोड़ रही हैं।"
क्रू ने सोमेश्वर की नेतृत्व क्षमता पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "प्रवीण हमारे साथ जुड़ रहे हैं, उपभोक्ता व्यवसायों का नेतृत्व करने का उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड और रणनीति व निष्पादन में उत्कृष्टता के प्रति जुनून के साथ। उनकी विशेषज्ञता डियाजियो इंडिया की आगामी रोमांचक विकास यात्रा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने अपने संगठन में दो नए पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति की है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने अपने संगठन में दो नए पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति की है। रितु रंजन मित्तर और मारुति प्रसाद टांगिराला को तीन वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो इस पद पर नियुक्त किया गया है।
रितु रंजन मित्तर भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) के 1985 बैच के अधिकारी हैं, जिनके पास दूरसंचार विभाग, भारत सरकार में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) में वरिष्ठ उप महानिदेशक और प्रमुख के रूप में कार्य किया है। इससे पहले, वे नई दिल्ली में TEC में दूरसंचार सुरक्षा के उप महानिदेशक थे।
मारुति प्रसाद टांगिराला भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा व वित्तीय सेवा (IP&TAFS) के 1990 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने दूरसंचार विभाग, TRAI, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन करते हुए समीर सिंह को अपना नया ग्रुप सीईओ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन करते हुए समीर सिंह को अपना नया ग्रुप सीईओ नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी। समीर सिंह, प्रवीण सोमेश्वर की जगह लेंगे, जो वर्तमान में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हैं और इनका कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है।
समीर सिंह मीडिया, ऐडवर्टाइजिंग और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर्स में वैश्विक और क्षेत्रीय भूमिकाओं में लीडरशिप का उत्कृष्ट अनुभव साथ लाए हैं। वह 30 वर्षों से अधिक समय से इस इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। हाल ही में, वह शॉर्ट वीडियो ऐप ‘टिकटॉक’ (TikTok) में नॉर्थ अमेरिका के ऐड सेल्स हेड के पद पर कार्यरत थे और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हेड के रूप में भी प्रभावी भूमिका निभाई। 2019 में 'बाइटडांस' (ByteDance) में शामिल होकर, समीर सिंह ने प्रमुख बाजारों में टिकटॉक की विज्ञापन क्षमताओं को मजबूत करने में अहम योगदान दिया।
बाइटडांस से पहले, सिंह GroupM साउथ एशिया के सीईओ के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने एजेंसी समूह के लिए ग्रोथ और इनोवशन को सफलतापूर्वक संचालित किया। इसके अलावा, गूगल में भी उनका कार्यकाल रहा, जहां उन्होंने भारत में एजेंसी पार्टरनशिप्स का नेतृत्व किया और अमेरिका के बाजारों में वैश्विक ग्राहकों के लिए डिजिटल रणनीतियों को संचालित किया।
समीर सिंह का करियर मुल्लेन लिंटास ग्रुप में एक अकाउंट मैनेजर के रूप में शुरू हुआ, जहां उन्होंने रेकिट सहित प्रमुख एल्कोहल ब्रैंड्स के अकाउंट्स को मैनेज किया। उनका विविध इंडस्ट्री की अनुभव प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) जैसी कंज्यूमर गुड्स की दिग्गज कंपनियों तक फैला हुआ है, जहां उन्होंने मीडिया निवेश को डिजिटल चैनलों की ओर स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। P&G में अपने 16 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान, समीर सिंह ने विभिन्न नेतृत्व भूमिकाओं को संभालते हुए भारत और अन्य बाजारों में कंपनी के बिजनेस को विकसित किया।
समीर सिंह IIM कोलकाता के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने न्यूयॉर्क, नई दिल्ली, पालो अल्टो, बोस्टन, लंदन, दुबई और गुआंगझो जैसे वैश्विक केंद्रों में काम किया है, जिससे उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण मिला है।
जैसे ही हिन्दुस्तान टाइम्स अपने विकास के अगले चरण में है, वैसे ही मीडिया, डिजिटल और उपभोक्ता परिदृश्यों में समीर सिंह का व्यापक अनुभव भी उन्हें भविष्य में संगठन को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख लीडर के रूप में स्थापित करता है।
समीर सिंह इससे पहले शॉर्ट वीडियो ऐप ‘टिकटॉक’ (TikTok) में नॉर्थ अमेरिका के ऐड सेल्स हेड के पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था।
‘एचटी मीडिया’ (HT Media) ने समीर सिंह को ग्रुप सीईओ के पद पर नियुक्त किया है। वह प्रवीण सोमेश्वर की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जिन्होंने मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी द्वारा नियामक संस्थाओं को दी गई जानकारी के मुताबिक यह परिवर्तन 28 फरवरी से लागू होगा।
समीर सिंह इससे पहले शॉर्ट वीडियो ऐप ‘टिकटॉक’ (TikTok) में नॉर्थ अमेरिका के ऐड सेल्स हेड के पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था। समीर सिंह ने टिकटॉक से इस्तीफा ऐसे समय पर दिया है जब 19 जनवरी से अमेरिका में इस प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लागू होने जा रहा है।
समीर सिंह वर्ष 2019 में ‘टिकटॉक’ की पैरेंट कंपनी ‘बाइटडांस’ (ByteDance) से जुड़े और एशिया-प्रशांत (APAC) में ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशंस के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। ‘टिकटॉक’ में अपनी भूमिका से पहले वह ‘ग्रुपएम’ (GroupM) के दक्षिण एशिया के सीईओ के रूप में कार्यरत थे।
समीर सिंह को इंडस्ट्री में काम करने का काफी अनुभव है। पूर्व में वह ‘Google’, ‘MullenLowe Lintas Group’ और ‘Procter & Gamble’ जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं।