राहुल गांधी के 'Gen-Z' वाले सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत और नेपाल की स्थिति अलग हैं। उन्होंने कहा कि जिनको नेपाल से बहुत प्रेम है, वे नेपाल में रहें।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई के मंच से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण से लेकर वोट चोरी के सवालों तक का बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिनको नेपाल के 'Gen-Z' से बहुत मोहब्बत है तो उन्हें नेपाल जाकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनको नेपाल से बहुत प्रेम है, वे नेपाल में रहें।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के युवाओं के पास विरोध प्रदर्शन करने का समय नहीं है, क्योंकि वे स्टार्टअप्स, एआई, और आईटी जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारतीय युवा इंजीनियर हैं और उन्होंने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।
वे सिलिकॉन वैली में भी मिलते हैं। उनका मानना है कि भारत की Gen-Z के विचार और सोच अलग हैं और वे नेपाल की तरह सोचकर काम नहीं करते हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने देश के छात्रों और युवाओं को 1997 से 2012 के बीच जन्मे 'Gen-Z' से देश के लोकतंत्र की रक्षा करने की अपील की थी।
उन्होंने देश में वोट चोरी के मुद्दे पर सड़क पर उतरने की बात कही थी। इस बात पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि आज दोनों पड़ोसी बहुत अलग हैं।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव भारत का पहला और इकलौता इंटेलिजेंस एक्सचेंज है, जो हर स्टेकहोल्डर को पॉजिटिव बदलाव के एजेंडे पर काम करने के लिए जोड़ता है।
त्योहारी सीजन की खबरों के बीच इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2025) इस साल अपने वार्षिक मुंबई एडिशन के साथ आज यानी 25 सितंबर से शुरू हो चुका हैं। ये कार्यक्रम मुंबई के होटल 'द सेंट रेजिस' में 26 सितंबर तक चलेगा।
इंडिया के इस सबसे खास आइडियाज और डायलॉग के मंच पर राजनीति से लेकर फिल्म, विज्ञान और बिजनेस इंडस्ट्री तक के कई दिग्गज शामिल हो रहे हैं। पहले दिन के कार्यक्रम की शुरुआत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सेशन से हुई।
इस साल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2025 भारत की सबसे दमदार आवाजों की ऊर्जा, रचनात्मकता और दृष्टि को एक साथ लेकर आ रहा है। यह एडिशन दूरदर्शी नेताओं, एंटरप्रेन्योर, कल्चरल आइकॉन, पॉलिसी मेकर, एक्टिविस्ट और आर्टिस्ट का अद्भुत संगम होगा जो इसे सचमुच एक ट्रांसफॉर्मेशनल प्लेटफॉर्म बनाएगा।
देवयानी भास्कर ने WPP Media में असोसिएट डायरेक्टर के पद पर शामिल होकर इंडस्ट्री में वापसी की है।
देवयानी भास्कर ने WPP Media में असोसिएट डायरेक्टर के पद पर शामिल होकर इंडस्ट्री में वापसी की है। यह वापसी उन्होंने लगभग एक साल के करियर ब्रेक के बाद की है।
करीब एक दशक के अनुभव वाली मीडिया प्रोफेशनल देवयानी भास्कर ने इंटीग्रेटेड मीडिया प्लानिंग और कैंपेन मैनेजमेंट में काम किया है। उन्होंने क्रॉस-फंक्शनल टीम्स का नेतृत्व किया और मीडिया प्रयासों को बड़े बिजनेस गोल्स के साथ जोड़ने में मदद की।
ब्रेक लेने से पहले भास्कर लगभग तीन साल Motivator, GroupM में बिजनेस ग्रुप हेड के रूप में काम कर चुकी हैं। उस भूमिका में उन्होंने Cars24, Paree, A&M Noodles, Rummy Culture, Hitachi और अन्य ब्रांड्स के लिए मीडिया स्ट्रैटेजी और एक्सीक्यूशन का नेतृत्व किया। उनका काम डिजिटल, टीवी, प्रिंट और आउटडोर प्लेटफॉर्म्स पर पूरे फनल के कैंपेन शामिल करता था।
Motivator, GroupM में काम करने से पहले भास्कर ने लगभग छह साल Wavemaker में बिजनेस मैनेजर के रूप में काम किया। वहां उन्होंने BFSI क्लाइंट्स के लिए एंड-टू-एंड मीडिया जिम्मेदारियों को संभाला और मल्टीपल चैनल्स में इंटीग्रेटेड कैंपेन को अंजाम दिया।
रिलायंस ने 2017 में करीब ₹413 करोड़ का निवेश कर लगभग 25% इक्विटी हासिल की थी। यह निवेश जियो की कंटेंट स्ट्रैटेजी को मजबूत करने के मकसद से प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए किया गया था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी Balaji Telefilms में वित्त वर्ष 2025 में घटकर 21.07% रह गई, जो एक साल पहले 24.82% थी। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, हिस्सेदारी कम होने के बावजूद यह अब भी सबसे बड़ा नॉन-प्रमोटर शेयरहोल्डर बना हुआ है। रिलायंस ने 2017 में करीब ₹413 करोड़ का निवेश कर लगभग 25% इक्विटी हासिल की थी। यह निवेश जियो की कंटेंट स्ट्रैटेजी को मजबूत करने के मकसद से प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए किया गया था।
कपूर परिवार- जितेंद्र, शोभा कपूर, एकता कपूर और तुषार कपूर की संयुक्त हिस्सेदारी इस साल घटकर 32% रह गई, जबकि पिछले साल यह 34.21% थी। वहीं, संस्थागत निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
Vanderbilt University Atyant Capital Management ने अपनी हिस्सेदारी 4.51% से बढ़ाकर 6.19%, Gothic Corporation ने 4.76% से बढ़ाकर 6.68%, और Atyant Capital India Fund ने 4.02% से बढ़ाकर 5.77% कर ली। अपनी फिल्म योजनाओं और आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) निर्माण को समर्थन देने के लिए Balaji Telefilms ने 8 निवेशकों से प्रेफरेंशियल इश्यू के जरिए ₹130.7 करोड़ जुटाए।
रिलायंस के लिए अब मीडिया और एंटरटेनमेंट कारोबार का केंद्र JioStar है, जिसमें उसका डिज्नी के साथ मेजॉरिटी स्टेक है। पिछले दो साल में रिलायंस ने ₹20,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश पहले Viacom18 में और फिर Disney मर्जर के बाद JioStar में किया है।
लंबे समय से टीवी ड्रामों के लिए मशहूर Balaji अब अपनी रणनीति फिल्मों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की तरफ मोड़ रहा है। मैनेजमेंट का मानना है कि अगले तीन साल में फिल्म डिवीजन कंपनी का मुख्य ग्रोथ ड्राइवर बनेगा, उसके बाद डिजिटल, जबकि टेलीविजन की भूमिका कम हो जाएगी। जून 2025 में स्टूडियो ने Netflix के साथ मल्टी-प्रोजेक्ट क्रिएटिव पार्टनरशिप का ऐलान किया, जिसके तहत अलग-अलग फॉर्मैट्स में विविध कहानियां प्रोड्यूस की जाएंगी।
हालांकि, Balaji का खुद का स्ट्रीमिंग ऐप ALTT (पहले ALTBalaji) जुलाई 2025 में झटका खा गया, जब भारत सरकार ने इसे “अश्लील और भड़काऊ” कंटेंट को लेकर बैन कर दिया।
ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 30 सितंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है। टूर्नामेंट से पहले ही विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी और स्पॉन्सरशिप दरें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं।
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 30 सितंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है। टूर्नामेंट से पहले ही विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी और स्पॉन्सरशिप दरें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं। यह महिलाओं के क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और टूर्नामेंट के सही समय पर होने को दर्शाता है।
JioStar और JioHotstar इसके आधिकारिक ब्रॉडकास्ट पार्टनर हैं। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, टीवी, ओटीटी और कनेक्टेड-टीवी (CTV) प्लेटफॉर्म्स पर ब्रैंड्स सक्रिय रूप से स्पॉन्सरशिप और विज्ञापन के मौके तलाश रहे हैं। बताया गया कि 2022 के मुकाबले स्पॉन्सरशिप दरों में इस बार 50% तक की बढ़ोतरी हुई है।
अगस्त 29 को, ICC ने गूगल के साथ एक ऐतिहासिक महिला-विशेष वैश्विक साझेदारी का ऐलान किया। कहा गया कि इस सहयोग से ICC गूगल की उन्नत तकनीक और महिलाओं के खेल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का फायदा उठाएगा, जिससे फैन एंगेजमेंट और पहुंच बढ़ेगी।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस बार स्पॉन्सरशिप कई स्तरों पर तय की गई है और 2022 की तुलना में दरें काफी ऊंची हैं। टाइटल स्पॉन्सरशिप की कीमत 20 करोड़ से 35 करोड़ रुपये तक है। भारत में मजबूत डिमांड और महिला टूर्नामेंट की अलग पैकेजिंग की वजह से यह कीमत 30 करोड़ रुपये से भी ज्यादा तक पहुंच रही है।
प्रेजेंटिंग/को-स्पॉन्सर की वैल्यू 8 से 15 करोड़ रुपये तक है, जिसमें टीवी, ओटीटी, CTV, स्टेडियम में मौजूदगी, प्रोग्रामिंग और IP टैग जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं। यह दरें 2022 से 25–50% ज्यादा हैं।
एसोसिएट/पावर्ड-बाय/कैटेगरी पार्टनर की दरें 4 से 8 करोड़ रुपये के बीच हैं। इसमें फीचर इंटीग्रेशन, ग्राउंड साइनज, स्टूडियो शो, सोशल कंटेंट और अन्य एक्टिवेशन शामिल हैं।
ओटीटी/CTV के लिए डिजिटल-ओनली पैकेज जैसे होम स्क्रीन टेकओवर, इंडिया गेम्स के मिड-रोल और रोडब्लॉक्स की कीमत 1–4 करोड़ रुपये प्रति पैकेज रखी गई है। ओटीटी CPM दरें 500–600 रुपये बताई गई हैं।
डाबर इंडिया के मीडिया हेड और वाइस प्रेजिडेंट राजीव दुबे ने कहा, “विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी 2022 से ज्यादा रहने वाली है। लेकिन बढ़ी हुई दरों की वजह से ब्रैंड्स अब चुनिंदा मैच, डिवाइस और ऑडियंस पर फोकस करेंगे। यदि भारत सेमीफाइनल और फाइनल तक पहुंचा, तो इससे महिलाओं के क्रिकेट के साथ ब्रैंड्स की गहरी पहचान बनेगी।”
ब्रैंड सॉल्यूशंस के यासीन हमीदानी ने कहा, “ज्यादातर विज्ञापनदाता दरों में हुई 10–15% बढ़ोतरी को सही मान रहे हैं। महिलाओं का क्रिकेट अब सिर्फ ‘नाइस-कॉज़’ नहीं रहा, बल्कि एक गंभीर कमर्शियल प्रॉपर्टी बन चुका है। टीवी और ओटीटी के ड्यूल चैनल्स, ज्यादा बैलेंस ऑडियंस और महिलाओं के खेल की कहानी कहने की ताकत ने इसे और आकर्षक बनाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “2022 में महिलाएं क्रिकेट का ग्रोथ फेज़ था, लेकिन ज्यादातर बार इसे पुरुषों के टूर्नामेंट के साथ जोड़ा जाता था। इस बार 2025 विश्व कप में FMCG, ई-कॉमर्स, टेक, फाइनेंस जैसे कई ब्रैंड शुरुआती दौर में ही आ गए हैं और प्रीमियम स्लॉट ले रहे हैं। अब ICC ने महिलाओं के टूर्नामेंट को पुरुषों से अलग कर दिया है, जिससे यह एक स्वतंत्र कमर्शियल प्रॉपर्टी बन गया है।”
विज्ञापन खर्च के मौजूदा बेंचमार्क्स भी इसकी लोकप्रियता दिखाते हैं। टीवी पर 10-सेकंड स्लॉट की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक है, जबकि ओटीटी (जियोहॉटस्टार) दरें 500–600 रुपये प्रति CPM हैं। प्राइज मनी भी काफी बढ़ी है — विजेताओं को 4.48 मिलियन डॉलर (~122.5 करोड़ रुपये) मिलेंगे, जबकि 2022 में यह 3.5 मिलियन डॉलर थी।
एक्सपीरियंस कॉमर्स और CYLNDR इंडिया के सीईओ उमेश बोपचे ने कहा, “2022 में न्यूजीलैंड टाइमज़ोन की वजह से भारत में लाइव व्यूइंग कम हुई थी, लेकिन इस बार टूर्नामेंट भारत/श्रीलंका में हो रहा है। 3 बजे के प्राइम-टाइम मैच, बढ़ी हुई प्राइज मनी और महिलाओं के क्रिकेट की तेजी से बढ़ती ऑडियंस ने विज्ञापनदाताओं की सोच बदल दी है।”
उन्होंने कहा, “इस बार भारत के मैचों के लिए टीवी विज्ञापन दरें 25–40% ज्यादा हैं और CTV CPM सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। स्ट्रेटेजी साफ है — टीवी से रीच, CTV से प्रीमियम घरों में गहराई, ओटीटी से टारगेटिंग और महिलाओं पर केंद्रित क्रिएटिव और एथलीट IP का इस्तेमाल।”
JioStar के प्रवक्ता ने भी विज्ञापनदाताओं की मजबूत दिलचस्पी की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “पहले महिलाओं के टूर्नामेंट में CSR से जुड़े या छोटे ब्रैंड्स आते थे, लेकिन अब बड़े-बड़े ब्रैंड्स और प्रीमियम कैटेगरीज शामिल हो रही हैं। त्योहारों के मौसम ने भी इसे और आकर्षक बना दिया है।”
उन्होंने बताया कि महिलाओं का क्रिकेट खासकर प्रीमियम और शहरी दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हो रहा है। टीवी पर NCCS AB घराने 62% व्यूअरशिप देते हैं, जिसमें 75% हिंदी मार्केट से आते हैं। डिजिटल पर 85% व्यूअरशिप NCCS AB घरों से आती है और 77% दर्शक 35 साल से कम उम्र के हैं।
ICC ने हाल ही में यूनिलीवर (रेक्सोना और डव) के साथ महिलाओं के लिए ग्लोबल स्पॉन्सरशिप डील पर भी साइन किया है, जो 2027 तक चलेगी।
2025 ICC महिला क्रिकेट विश्व कप, भारत-श्रीलंका में प्राइम-टाइम शेड्यूलिंग और त्योहारों के बीच होने के चलते, महिलाओं के क्रिकेट को एक अलग और मजबूत कमर्शियल पहचान दिलाने जा रहा है। विज्ञापनदाता, ब्रॉडकास्टर और स्पॉन्सर अब इसे एक प्रीमियम प्रॉपर्टी मान रहे हैं, जो बड़े स्तर पर एंगेजमेंट और ब्रैंड वैल्यू बनाने में सक्षम है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू हेमचंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी, विधायक श्री ललित चन्द्राकर एवं अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि गहरी सांस्कृतिक निरक्षरता और संवेदनहीनता ने समाज के सामने गंभीर संकट खड़े किए हैं, जिसमें मीडिया की विश्वसनीयता का मुद्दा भी शामिल है। सच के साथ खड़ा रहना कभी आसान नहीं था। किंतु समय ऐसे ही नायकों को इतिहास में दर्ज करता है, जो समाज का दर्द दूर करने के लिए सच के साथ खड़े होते हैं।
वे यहां वसुंधरा संस्था द्वारा आयोजित ‘भारतबोध, भारतीयता और हिंदी पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को मुख्यवक्ता की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित स्तंभकार श्री अनंत विजय, छत्तीसगढ़ साहित्य अकॉदमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार विश्वेश ठाकरे अतिथि वक्ता के रूप में शामिल थे।
प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का 200 सालों का इतिहास रचना, सृजन और संघर्ष का इतिहास है। हमारे यशस्वी संपादकों-पत्रकारों के बहुत गहरे मूल्यबोध और भाषा की सेवा से हिंदी की दुनिया सर्वव्यापी हुई है। मीडिया विहीन समाज के कभी लोकतांत्रिक चेतना का वाहक नहीं हो सकता।
मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि आधुनिक पत्रकारिता में विश्वनीयता पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने झीरम घाटी की घटना तथा डीमरापाल (जगदलपुर) में आयोजित स्काउट्स एवं गाईड जम्बुरी का जिक्र करते हुए कहा कि पत्रकारिता में नकारात्मक खबरों का स्थान कम होना चाहिए। सकारात्मक खबरों पर विशेष फोकस होना चाहिए।
उन्होंने रायपुर-दुर्ग फोरलेन सड़क निर्माण व तत्कालीन कलेक्टर द्वारा मीडिया से की गई अपील का जिक्र करते हुए कहा कि एक नकारात्मक समाचार समाज को विचलित करता है। वहीं सकारात्मक समाचार से समाज प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथे स्तंभ होने के नाते समाज को दिशा देने का का काम करता है। मंत्री श्री यादव ने कहा कि देश में अमृतकाल चल रहा है, यह सही मायने में भारत, भारतीय और हिन्दु संस्कृति का अमृतकाल है।
श्री अनंत विजय ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने हिंदी भाषा के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान किया। उनके अलावा भी कई लोग थे जिन्होंने हिंदी के लिए अपनी जिंदगी खपा दी। आज अगर हिंदी पत्रकारिता की धमक वैश्विक स्तर पर महसूस की जा रही है तो उनको याद करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता हो या सिनेमा हमें वही समाज को परोसना चहिए जिसमें देश व समाज का हित हो। इस अवसर अतिथियों ने हिन्दी पत्रकारिता पर केन्द्रित ‘कृति बहुमत’ के विशेष अंक तथा छत्तीसगढ़ की हिन्दी पत्रकारिता नींव के पत्थर विषय पर आधारित ‘कृति वसुन्धरा’ के अंक का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के संयोजक श्री विनोद मिश्र ने आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार लेखिका श्वेता उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू हेमचंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी, विधायक श्री ललित चन्द्राकर एवं अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
‘एनडीटीवी इंडिया’ के साथ अपनी नई पारी शुरू करने से पहले विवेक मक्कड़ करीब तीन साल से ‘न्यूज नेशन नेटवर्क’ (News Nation Network) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल विवेक मक्कड़ की ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में वापसी हुई है। उन्हें सितंबर में ‘एनडीटीवी इंडिया’ में नेशनल रेवेन्यू हेड के पद पर नियुक्त किया गया है। अपनी इस भूमिका में वह ‘एनडीटीवी इंडिया’ के साथ-साथ एनडीटीवी (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
विवेक मक्कड़ ने एक लिंक्डइन पोस्ट में खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी पोस्ट में विवेक मक्कड़ ने लिखा है, ‘मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि मैं नेशनल रेवेन्यू हेड के तौर पर एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) के साथ अपनी नई पारी शुरू कर रहा हूं।’
बता दें कि ‘एनडीटीवी’ के साथ विवेक मक्कड़ की यह दूसरी पारी है। यहां अपनी अपनी पहली पारी के दौरान विवेक मक्कड़ ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में नेशनल हेड के पद पर काम कर रहे थे।
‘एनडीटीवी इंडिया’ के साथ अपनी नई पारी शुरू करने से पहले विवेक मक्कड़ करीब तीन साल से ‘न्यूज नेशन नेटवर्क’ (News Nation Network) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और नेटवर्क के नेशनल सेल्स हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग में एमबीए विवेक मक्कड़ को जाने-माने तमाम संस्थानों में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। इस दौरान वह ‘एचटी मीडिया’ (HT media), ‘स्टार टीवी’ (Star TV) और ‘टाइम्स ओओएच’ (Times OOH) के साथ भी काम कर चुके हैं।
हाल के महीनों में नेटवर्क ने सेल्स ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए थर्ड-पार्टी पार्टनर्स को शामिल किया है। साथ ही, लीगल और ह्यूमन रिसोर्सेज विभागों में भी अहम फेरबदल किए गए हैं।
रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हर्ष भंडारी ने आठ साल की लंबी पारी के बाद अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। 'E4M' को मिली एक आंतरिक ईमेल के अनुसार, उनका इस्तीफ़ा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है।
ईमेल में यह भी बताया गया कि भंडारी पिछले हफ़्ते से ही गार्डनिंग लीव पर थे और सभी कर्मचारियों को रिपोर्टिंग व बिज़नेस बातचीत में आवश्यक बदलाव करने को कहा गया है। ईमेल में नेटवर्क के आचार संहिता का ज़िक्र करते हुए यह भी कहा गया कि व्यक्तिगत या पेशेवर आचरण में किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने पर तुरंत एचआर को सूचित किया जा सकता है।
भंडारी का यह कदम ऐसे समय आया है जब रिपब्लिक टीवी अपने स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव कर रहा है। हाल के महीनों में नेटवर्क ने सेल्स ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए थर्ड-पार्टी पार्टनर्स को शामिल किया है। साथ ही, लीगल और ह्यूमन रिसोर्सेज विभागों में भी अहम फेरबदल किए गए हैं।
मीडिया इंडस्ट्री में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले भंडारी, रिपब्लिक से पहले इंडिया टुडे टेलीविज़न और टाइम्स नेटवर्क से जुड़े रहे। फरवरी 2022 में उन्हें ग्रुप सीओओ बनाया गया था, जहां वे राष्ट्रीय प्रसारण संचालन और नेटवर्क के विस्तार योजनाओं की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे।
ग़ौरतलब है कि उनसे पहले 2017 में विकास खंचंदानी रिपब्लिक टीवी के सीईओ थे। उनके बाद दिवंगत भास्कर दास ने तीन साल से अधिक समय तक ग्रुप प्रेसिडेंट और चीफ़ स्ट्रैटेजी ऑफिसर की भूमिका निभाई थी। खबर लिखे जाने तक हर्ष भंडारी की ओर से इस इस्तीफ़े पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (NBDA) की 19 सितंबर 2025 को आयोजित बोर्ड बैठक में रजत शर्मा को 2025-2026 के कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से इस पद पर चुना गया।
‘इंडिया टीवी’ (India TV) के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (NBDA) का प्रेजिडेंट चुना गया है। ‘NBDA की 19 सितंबर 2025 को आयोजित बोर्ड बैठक में रजत शर्मा को 2025-2026 के कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से इस पद पर चुना गया।
इसके साथ ही एम.वी. श्रेयम्स कुमार, मैनेजिंग डायरेक्टर (मातृभूमि प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग कंपनी लिमिटेड) को वाइस प्रेजिडेंट और श्रीमती अनुराधा प्रसाद शुक्ला, चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर (न्यूज24 ब्रॉडकास्ट इंडिया लिमिटेड) को मानद कोषाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। श्रीमती एनी जोसेफ महासचिव के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगी।
एनबीडीए बोर्ड के अन्य सदस्य निम्नलिखित हैं:
राहुल जोशी, मैनेजिंग डायरेक्टर (नेटवर्क18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड)
कली पुरी, वाइस-चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर (टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड)
अनिल कुमार मल्होत्रा, सलाहकार (जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड)
ध्रुबा मुखर्जी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड)
आई. वेंकट, डायरेक्टर (ईनाडु टेलीविजन प्राइवेट लिमिटेड)
राहुल कंवल, सीईओ और एडिटर-इन-चीफ (न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड)
महेश कुमार राजारामन, मैनेजिंग डायरेक्टर (सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड)
रोहित गोपाकुमार सीईओ, टीवी डिवीजन (बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड)
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट (Gamekraft) ने घोषणा की है कि वह करीब 120 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट (Gamekraft) ने घोषणा की है कि वह करीब 120 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कदम कंपनी ने भारत के नए ऑनलाइन गेमिंग नियमों के बाद अपने संचालन को पुनर्गठित करने के तहत उठाया है।
यह फैसला प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 के बाद आया है, जिसमें सभी तरह के रियल-मनी ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाई गई है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और अन्य स्वीकृत फॉर्मैट्स को बढ़ावा दिया गया है।
गेम्सक्राफ्ट ने अपने बयान में कहा, “मौजूदा नियामकीय हालात ने हमें पूरी तरह से अपना बिजनेस रोकने पर मजबूर कर दिया है और हमारे पास कंपनी-व्यापी पुनर्गठन शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
कंपनी ने इस फैसले को “बहुत भारी मन से लिया गया निर्णय” बताया और कहा कि इस कानून के “जटिल और दूरगामी” असर को देखते हुए आगे और भी ढांचागत बदलाव किए जा सकते हैं।
इस छंटनी का ऐलान ऐसे समय पर हुआ है जब ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इस कानून के बाद कई कंपनियों ने अपने एम्प्लॉयीज की संख्या घटा दी है क्योंकि विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है और वित्तीय लेनदेन पर सख्त पाबंदियां लागू की गई हैं।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने कई पत्रकारों, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) से जुड़े वीडियो और पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने कई पत्रकारों, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) से जुड़े वीडियो और पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई इसी महीने की शुरुआत में कंपनी द्वारा दायर मानहानि केस में दिल्ली की एक अदालत से मिले गैग ऑर्डर के बाद हुई है।
16 सितंबर 2025 को जारी नोटिस के मुताबिक, मंत्रालय ने 138 यूट्यूब लिंक और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट्स को फ्लैग किया है। केवल न्यूजलॉन्ड्री को ही 42 वीडियो हटाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा रवीश कुमार, ध्रुव राठी, द वायर, HW न्यूज, आकाश बनर्जी का द देशभक्त और द न्यूज मिनट का कंटेंट भी इस लिस्ट में शामिल है। आदेश का दायरा सिर्फ इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सटायर, एक्सप्लेनर वीडियो और यहां तक कि सब्सक्रिप्शन अपील्स भी शामिल हैं, जिनमें अडानी से जुड़ी कवरेज दिखी।
फ्लैग किए गए कंटेंट में TV Newsance के एपिसोड्स, NDTV पर अडानी टेकओवर पर चर्चाएं और पत्रकार श्रीनिवासन जैन के शरद पवार और अजित पवार के साथ इंटरव्यू भी हैं, जिनमें दोनों ने 2019 की एक राजनीतिक बैठक में गौतम अडानी की भूमिका को स्वीकार किया था। इसमें कॉमेडियन कुणाल कामरा का एक इंटरव्यू भी शामिल है, जिसमें उन्होंने सेंसरशिप पर मजाक किया था।
मंत्रालय ने अपने नोटिस में 6 सितंबर को रोहिणी कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम निषेधाज्ञा (interim injunction) का हवाला दिया है, जिसमें पत्रकार परनजॉय गुहा ठाकुरता, रवि नायर और अन्य को अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ कथित मानहानिकारक कंटेंट हटाने का निर्देश दिया गया था। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंग ने सवाल उठाया कि जब आदेश गूगल और मेटा जैसे इंटरमीडियरीज के लिए था, तो मंत्रालय ने हस्तक्षेप क्यों किया। उन्होंने इसे “न्यायिक प्रक्रिया से पहले की कार्रवाई” बताया। वहीं, ठाकुरता, जिन पर 2017 से अडानी के कई मानहानि केस चल रहे हैं, ने कहा कि वे इस आदेश को चुनौती देंगे। उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और अपनी रिपोर्टिंग के साथ खड़े रहने की बात कही।
अडानी एंटरप्राइजेज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जगदीप शर्मा ने दलील दी कि बार-बार “दुर्भावनापूर्ण” रिपोर्ट्स फैलने से कंपनी की ब्रांड वैल्यू और निवेशकों का भरोसा प्रभावित हुआ है। उन्होंने 2023 की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का भी हवाला दिया। अदालत ने कंपनी की प्रतिष्ठा की रक्षा से सहमति जताई, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि जांच और अदालत की कार्यवाही पर निष्पक्ष और सही रिपोर्टिंग सुरक्षित रहेगी।
पब्लिशर्स को मंत्रालय के आदेश का पालन 36 घंटे के भीतर करने को कहा गया था। हालांकि 36 घंटे से ज्यादा वक्त गुजर चुका है और अभी भी कुछ पेजों पर अडानी से जुड़े वीडियो दिखाई दे रहे हैं।