कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में इंडिया टुडे और आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा की है। कांग्रेस का आरोप है कि कंवल ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुए इंटरव्यू में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का अपमान किया।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राहुल कंवल ने एक सवाल के जरिए राहुल गांधी के नेतृत्व और उनके विचारों को लेकर टिप्पणी की थी। कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने राहुल गांधी पर "अहंकार" और "विदेशी स्रोतों पर निर्भरता" जैसे आरोप लगाए। इस इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी हार के बाद अहंकारी हो जाते हैं और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के सहारे सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं।
कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कंवल पत्रकारिता के नाम पर एक राजनीतिक दल का एजेंडा चला रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “कांग्रेस पार्टी हमेशा स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करती है और निष्पक्ष पत्रकारिता का सम्मान करती है। लेकिन जब प्रेस कार्ड रखने वाले लोग एक राजनीतिक दल के लिए ट्रोल की तरह काम करते हैं, तो हमारे लिए उनके साथ संवाद करना आवश्यक नहीं है। कॉन्क्लेव में उन्होंने खुद को ‘चाणक्य’ समझने वाले नेता की वाहवाही की, जिन्होंने विपक्ष के नेता के खिलाफ बेबुनियाद बातें कहीं। राहुल कंवल को हमने पहले भी एक मौका दिया था जब उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की थी, लेकिन वह फिर से वही दोहरा रहे हैं। इसलिए हमने उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है।”
पवन खेड़ा ने इससे पहले एक और पोस्ट में राहुल कंवल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गृह मंत्री का "निम्न-स्तरीय बयानबाजी" करना और राहुल कंवल का उसे बढ़ावा देना बेहद शर्मनाक था। खेड़ा ने कंवल पर आरोप लगाया कि वे सवाल पूछने के नाम पर सस्ती “सेंसेशनल रिपोर्टिंग” कर रहे हैं। खेड़ा ने लिखा, “क्या राहुल कंवल में इतनी हिम्मत है कि वे गृह मंत्री से प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी के बारे में सवाल पूछ सकें? या स्नूपगेट का मुद्दा उठा सकें?”
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने राहुल कंवल पर निशाना साधा है। इससे पहले 4 सितंबर को पवन खेड़ा ने एक पोस्ट के जरिए बताया था कि कंवल ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी और अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की थी। यह घटना उस समय हुई थी जब एक डिबेट में कांग्रेस ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर की गई टिप्पणियों को लेकर कंवल के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में क्या हुआ?
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में गृह मंत्री अमित शाह से राहुल कंवल ने लोकसभा चुनाव, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव, देश की कानून व्यवस्था, सीमाओं की सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर सवाल पूछे। इसी दौरान अमित शाह ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह "विदेशी रिपोर्टों" पर निर्भर रहते हैं और देश की न्यायपालिका और अन्य संस्थानों पर भरोसा नहीं करते। शाह ने तंज कसते हुए कहा, “क्यों राहुल गांधी को हमेशा प्रेरणा विदेश से ही मिलती है? यह वही कांग्रेस है जो कभी आत्मनिर्भर भारत की बात करती थी।”
शाह ने कांग्रेस पर ईवीएम को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस जीतती है तो ईवीएम सही होती है, लेकिन हार के बाद वही ईवीएम दोषपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह वैसा ही है जैसे एक प्रचलित कहावत- नाच ना आए, आंगन टेढ़ा।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने राहुल गांधी के खिलाफ कई व्यंग्यात्मक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी राजनीति के इतिहास में पहले ऐसे नेता हैं जो हार के बाद भी अहंकार में रहते हैं। शाह ने कहा, “मैंने कई नेताओं को देखा है जो हार में भी निराश नहीं होते और जीत में भी विनम्र रहते हैं, लेकिन राहुल गांधी पहले ऐसे नेता हैं जो हार में अहंकार दिखाते हैं।”
शाह ने कंवल से मजाकिया लहजे में कहा कि वह राहुल गांधी से दूर रहें क्योंकि ज्यादा संपर्क से उनकी सोच भी “खराब” हो सकती है। इस पर राहुल कंवल ने खुद तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी पिछले 20 वर्षों से इंडिया टुडे के मंच पर आने से बचते रहे हैं। वह कभी नहीं आते। ऐसा लगता है मानो वह सवालों से एलर्जी रखते हैं।” उन्होंने कहा, “राहुल भाई आप भी आइए, सवालों के जवाब दीजिए।”
कांग्रेस का मीडिया और पत्रकारों के प्रति इस तरह का कदम कोई नया नहीं है। सितंबर 2023 में I.N.D.I. गठबंधन ने 14 पत्रकारों की एक सूची जारी की थी जिसमें अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अरनब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा के नाम शामिल थे। गठबंधन ने इन पत्रकारों के कार्यक्रमों के बहिष्कार की घोषणा की थी।
राहुल गांधी पर भी पत्रकारों को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं। नवंबर में राहुल गांधी ने न्यूज18 के पत्रकार नीरज कुमार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान “बीजेपी एजेंट” कहकर संबोधित किया था। फरवरी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक पत्रकार का नाम सार्वजनिक रूप से पूछकर उन्हें भीड़ के गुस्से का शिकार बना दिया था।