समाचार4मीडिया से बातचीत में राजीव सिंह ने बताया कि उनका मुख्य फोकस इन प्लेटफॉर्म्स को नए स्तर तक ले जाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने पर होगा।
तेजी से आगे बढ़ते हुए न्यूज प्लेटफॉर्म ‘कैपिटल टीवी’ (Capital TV) ने राजीव सिंह को एग्जिक्यूटिव एडिटर (कंटेंड एंड स्ट्रैट्जी) के तौर पर नियुक्त करने की घोषणा की है। अपनी इस नई भूमिका में वह ‘कैपिटल टीवी’ के सभी डिजिटल प्रोडक्ट्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह चैनल के कर्ता-धर्ता और कैपिटल टीवी के एडिटर-इन-चीफ डॉ. मनीष कुमार को रिपोर्ट करेंगे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में राजीव सिंह ने बताया कि उनका मुख्य फोकस इन प्लेटफॉर्म्स को नए स्तर तक ले जाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने पर होगा।
‘कैपिटल टीवी’ में शामिल होने से पहले राजीव ‘प्रसार भारती’ के न्यूज चैनल (DD News), रेडियो (आकाशवाणी) और डिजिटल शाखा (PB SHABD (PBNS) में शीर्ष पदों पर काम कर चुके हैं। आकाशवाणी में राजीव ने रेडियो बुलेटिन्स को बतौर एडिटर हेड किया। प्रसार भारती की डिजिटल शाखा PBNS (परिवर्तित नाम PB Shabd) में राजीव ने वीडियो रिलेटेड कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
राजीव सिंह के अनुसार, उनके कॉन्सेप्ट पर बनाए गए कई वीडियो को खुद पीएम मोदी, अमिताभ बच्चन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर भी किया था। प्रसार भारती से पहले राजीव ‘हिन्दुस्थान समाचार’ में भी बतौर डिजिटल एडिटर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा ‘क्लिक इंडिया’ में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर राजीव ने ‘डाबर’ व ‘इमामी’ जैसी जानी-मानी FMCG कंपनियों के साथ काम किया। इसके साथ ही वह अश्वत्थ ट्री, भारतीय विद्या भवन, मोहनजी फाउंडेशन, कई मंत्रालयों, पंडितजीडॉटकॉम और ब्रिक्स जैसे क्लाइंट्स के लिए भी कंटेंट हेड के तौर पर काम कर चुके हैं।
राजीव को मीडिया के चारों सेगमेंट (रेडियो, टीवी, न्यूजपेपर और डिजिटल) में शीर्ष पदों पर काम करने का अनुभव है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो वह डबल मास्टर्स (Master of Journalism, Master of Arts-Hindi) हैं। साथ ही वे जर्नलिज्म में भी पीजी डिप्लोमा होल्डर हैं।
अपनी इस नियुक्ति के बारे में राजीव ने कहा, ‘डॉ. मनीष के साथ मैं पहले भी दो बार काम कर चुका हूं और उनसे अपनी पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में काफी कुछ सीखने को मिला। इस पारी में मुझे डिजिटल सहित मीडिया के अन्य सोपानों को सीखने का मौका मिलेगा, जिसे लेकर मैं बहुत खुश हूं। कोशिश होगी कि मैं अपने अनुभवों से कैपिटल टीवी के डिजिटल प्रोडक्ट्स को नई ऊंचाइयों तक ले जाऊं।’
वहीं, इस नियुक्ति को लेकर ‘कैपिटल टीवी के एडिटर-इन-चीफ डॉ. मनीष कुमार ने कहा, ‘यह नियुक्ति हमारी डिजिटल टीम को और मजबूत बनाएगी, जो बहुत तेज गति से विस्तार की दिशा में आगे बढ़ रही है।’
कुंदन कुमार इससे पहले ‘इंडिया डेली लाइव’(India Daily Live) में आउटपुट हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
करीब दो दशकों से टीवी पत्रकारिता में सक्रिय और अपनी अलग पहचान बनाने वाले कुंदन कुमार(Kundan Kumar) अब TNP न्यूज चैनल की टीम में शामिल हो गए हैं। समाचार4मीडिया से बातचीत में कुंदन कुमार ने बताया कि बतौर आउटपुट एडिटर वह यहां आउटपुट की कमान संभालेंगे।
बता दें कि कुंदन कुमार इससे पहले ‘इंडिया डेली लाइव’(India Daily Live) में आउटपुट हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से करियर की शुरुआत करने के बाद कुंदन अब तक ‘इंडिया टीवी’, ‘आजतक’, ‘लाइव इंडिया’, ‘संसद टीवी’ और ‘डीडी न्यूज’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में आउटपुट-रिपोर्टिंग की अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
हमेशा से नए प्रयोग में विश्वास रखने वाले कुंदन कुमार को आउटपुट और रिपोर्टिंग दोनों का अनुभव है। दूरदर्शन पर कुंदन कुमार ने लोकप्रिय पॉलिटिकल शो ‘चुनावी गपशप’ किया है, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जाकर इस कार्यक्रम की एंकरिंग की थी। इसके साथ ही कुंदन कुमार में राज्य सभा टीवी पर खास कार्यक्रम लॉन्च किया था, ‘मैं भी भारत’, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासियों पर कार्यक्रम तैयार किया था।
कुंदन कुमार के अनुसार, ये टेलिविजन के इतिहास में अनूठा प्रयोग था और इस कार्यक्रम ने सोशल मीडिया व टेलीविजन में कई रिकॉर्ड स्थापित किए। समाचार4मीडिया की ओर से कुंदन कुमार को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ब्राइट आउटडोर मीडिया (Bright Outdoor Media) ने मुकेश शर्मा को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है।
ब्राइट आउटडोर मीडिया (Bright Outdoor Media) ने मुकेश शर्मा को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। मुकेश शर्मा इससे पहले मिड-डे इन्फोमीडिया लिमिटेड में बिजनेस हेड के तौर पर कार्य कर चुके हैं और लीडरशिप के क्षेत्र में उन्हें गहरा अनुभव है।
अब ब्राइट आउटडोर मीडिया लिमिटेड में मुकेश शर्मा कंपनी की रणनीतिक विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे। वह न केवल टॉपलाइन ग्रोथ (कंपनी की आय में वृद्धि) और बॉटमलाइन परफॉर्मेंस (लाभप्रदता) को आगे बढ़ाएंगे, बल्कि नए बिजनेस वर्टिकल्स में विविधीकरण के अवसरों की भी तलाश करेंगे।
अपनी नई भूमिका को लेकर उत्साह जताते हुए मुकेश शर्मा ने कहा, “मैं इस नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हूं। ब्राइट आउटडोर मीडिया लिमिटेड एक प्रीमियम आउटडोर मीडिया ऐडवर्टाइजिंग कंपनी के रूप में समृद्ध विरासत रखती है। मेरा ध्यान कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने, नए वर्टिकल्स और रेवेन्यू स्ट्रीम्स में विस्तार के अवसर तलाशने और समग्र पी एंड एल (प्रॉफिट एंड लॉस) को मजबूत करने पर रहेगा।”
कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) डॉ. योगेश लखानी ने उनका स्वागत करते हुए कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि मुकेश ब्राइट आउटडोर फैमिली के लिए एक सशक्त सहयोगी साबित होंगे। उन्होंने अब तक अपने करियर में बिजनेस मार्जिन सुधारने और स्टेकहोल्डर्स को लगातार मूल्य प्रदान करने में शानदार काम किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव हमारे अगले विकास चरण को गति देने में अहम भूमिका निभाएंगे।”
वरिष्ठ टीवी पत्रकार भूपेंद्र चौबे भारतीय मीडिया की एक जानी-मानी और भरोसेमंद आवाज हैं और आज उनका जन्मदिन है
वरिष्ठ टीवी पत्रकार भूपेंद्र चौबे भारतीय मीडिया की एक जानी-मानी और भरोसेमंद आवाज हैं। दो दशकों से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में सक्रिय चौबे ने पत्रकारिता को गहराई से न सिर्फ समझा, बल्कि उसे जिम्मेदारी और गरिमा के साथ निभाया भी। आज उनका जन्मदिन है और मौजूदा समय में वे डिजिटल प्लेटफॉर्म The Squirrels के एडिटर-इन-चीफ के तौर पर अपनी नई पहचान गढ़ रहे हैं।
बनारस से शुरू हुआ सफर, देशभर में बनी पहचान
भूपेंद्र चौबे का जन्म बनारस में हुआ था। उनके पिता दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापक थे। परिवार में चार बड़ी बहनों के बीच सबसे छोटे बेटे के रूप में पले-बढ़े चौबे का झुकाव बचपन से ही समाज की ओर था। उन्हें डिबेट और निबंध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना बहुत पसंद था। बाद में मुंबई में मास्टर्स करते समय उनके दोस्तों ने उनकी सोच और समझ को देखते हुए मीडिया में जाने की सलाह दी और वहीं से उनके पत्रकार बनने की राह शुरू हुई।
हालांकि शुरू में उनका सपना था कि वह फिल्में लिखें और डायरेक्ट करें, लेकिन पत्रकारिता ने उन्हें ऐसा मंच दिया, जहां वे समाज से गहराई से जुड़ पाए। खुद भूपेंद्र चौबे मानते हैं कि फिल्म वाला सपना तो अधूरा रह गया, लेकिन एक नई दिशा जरूर मिल गई।
स्टूडियो की चकाचौंध से दूर, जमीन से जुड़ी पत्रकारिता
भूपेंद्र चौबे की सबसे खास बात यह है कि वे कभी सिर्फ स्टूडियो में बैठकर पत्रकार नहीं बने। उन्होंने रिपोर्टर की नजर और समझ को हमेशा साथ रखा। उनके सवाल कभी सनसनी फैलाने के लिए नहीं होते, बल्कि सच्चाई को समझने के लिए होते हैं। यही वजह है कि लोग उन पर भरोसा करते हैं और सत्ता के गलियारों में भी उनकी बात को गंभीरता से सुना जाता है।
NDTV से लेकर CNN-IBN, India Ahead और फिर The Squirrels तक
भूपेंद्र चौबे ने अपने करियर की शुरुआत NDTV से की थी। शुरू के कई साल उन्होंने फील्ड पर ग्राउंड रिपोर्टिंग में लगाए, जिससे उन्हें पत्रकारिता की असली जमीन समझ आई। बाद में वे नेटवर्क18 के साथ जुड़े और CNN-IBN में पॉलिटिकल एडिटर और फिर एग्जिक्यूटिव एडिटर बने। यहां उन्होंने कई चर्चित इंटरव्यू और चुनावी कवरेज किए, जो आज भी याद किए जाते हैं।
इसके बाद उन्होंने India Ahead में एडिटर-इन-चीफ की भूमिका निभाई और अब The Squirrels के जरिए डिजिटल दुनिया में एक सोच-समझ वाली पत्रकारिता को आगे बढ़ा रहे हैं। यह मंच तेज शोर नहीं करता, बल्कि ठहरकर सोचने को प्रेरित करता है।
The Squirrels: सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, एक नजरिया
भूपेंद्र चौबे ने The Squirrels को एक मीडिया प्लेटफॉर्म से कहीं ज्यादा एक विचारधारा के रूप में खड़ा किया है। जहां आज की पत्रकारिता अक्सर छोटे-छोटे क्लिप्स और वायरल कंटेंट के पीछे भागती है, वहीं भूपेंद्र चौबे ने गहराई, संदर्भ और विश्वसनीयता को प्राथमिकता दी। यह मंच ध्यान से देखता है, समझता है और बिना शोर किए सच्चाई की परतें खोलता है।
मंचों पर एक शांत, लेकिन प्रभावशाली आवाज
केवल टीवी स्क्रीन पर ही नहीं, चौबे ने कई बड़े मंचों पर भी देश के नेताओं, नीति-निर्माताओं और जानकारों के साथ गंभीर संवाद किए हैं। वे बहस को गरिमा और संयम से आगे बढ़ाते हैं, जिससे चर्चा न सिर्फ जानकारीपूर्ण होती है, बल्कि सार्थक भी।
एक ऐसा पत्रकार, जिसने कभी दिखावा नहीं, सच्चाई को चुना
आज जब पत्रकारिता का एक बड़ा हिस्सा परफॉर्मेंस बन चुका है, भूपेंद्र चौबे जैसे पत्रकार इस पेशे की असली जिम्मेदारी को निभाने वाले सच्चे प्रतिनिधि हैं। उन्होंने हमेशा टिकाऊ और विचारशील पत्रकारिता को तरजीह दी, जिसमें दिखावे से ज्यादा समझ और संवेदनशीलता होती है।
समाचार4मीडिया की ओर से भूपेंद्र चौबे को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। उनकी यह शांत, लेकिन असरदार पत्रकारिता यूं ही लोगों तक सच्चाई पहुंचाती रहे।
लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में गुरुवार को वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा (76) की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।
लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में गुरुवार को वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा (76) की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। जियामऊ ढलान के पास उनकी स्कूटर को UPSRTC की एक बस ने टक्कर मार दी, जिससे वे सड़क पर गिर पड़े और मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद बस चालक फरार हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
गोमती नगर स्थित पत्रकारपुरम के निवासी दिलीप सिन्हा अपनी पत्नी अंशुला और छोटी बेटी समंतिका गांधी के साथ रहते थे। उनकी बड़ी बेटी प्रियंका गांधी अपने पति देवेंद्र पाठक के साथ पास ही रहती हैं।
दिलीप सिन्हा के छोटे भाई कुलदीप के मुताबिक, वह गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे स्कूटर से घर से निकले थे। जियामऊ के पास बलरामपुर डिपो की एक तेज रफ्तार बस ने उनकी स्कूटर को साइड से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सिन्हा सड़क पर घसीटते चले गए। जियामऊ चौकी की पुलिस और स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसीपी (हजरतगंज) विकास जायसवाल ने बताया कि घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए बस का रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रेस कर लिया गया है। बस कानपुर की ओर गई थी और चालक की तलाश जारी है।
उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और प्रतिष्ठित नाम, दिलीप सिन्हा ने कई बड़े अखबारों में काम किया था। वह एक मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार थे और उन्होंने ‘Fourth Pillar’ नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चला रहे थे।
उनकी असामयिक मौत से मीडिया जगत में गहरा शोक व्याप्त हो गया। सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर पत्रकारों और सहयोगियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी दिलीप सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें “निडर, प्रतिबद्ध और विचारशील पत्रकारिता की आवाज़” बताया। उन्होंने कहा कि सिन्हा ने अपने दशकों लंबे करियर में सरकार और समाज के बीच एक सेतु की भूमिका निभाई।
सतीश महाना ने कहा, “उनकी विचारोत्तेजक लेखनी और विश्लेषण ने पत्रकारिता को दिशा दी और सामाजिक चेतना को जागृत किया। उनकी सरलता, सौम्य व्यक्तित्व और व्यावसायिक ईमानदारी हमेशा याद रखी जाएगी।”
Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) इस वक्त एक अहम मोड़ पर खड़ा है, जहां आज की शेयरधारकों की बैठक कंपनी की आने वाली दिशा और दशकों तक के संचालन की नींव तय कर सकती है।
Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) इस वक्त एक अहम मोड़ पर खड़ा है, जहां आज की शेयरधारकों की बैठक कंपनी की आने वाली दिशा और दशकों तक के संचालन की नींव तय कर सकती है। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव है प्रमोटर संस्थाओं को 132 रुपये प्रति मूल्य पर 16.95 करोड़ कन्वर्टिबल वारंट्स जारी करने की मंजूरी देना, जिससे कंपनी को 2,237 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश प्राप्त होगा। यदि प्रस्ताव पारित होता है, तो प्रमोटरों की हिस्सेदारी बढ़कर 18.39% हो जाएगी।
हालांकि यह एक वित्तीय लेन-देन है, लेकिन असल में यह वोट Zee की दीर्घकालिक रणनीति और गवर्नेंस ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर निवेशकों के भरोसे की परीक्षा भी है।
इस प्रस्ताव के मूल में Zee की यह महत्वाकांक्षा है कि वह तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य, खासकर JioStar जैसे उभरते दिग्गजों के मुकाबले, में खुद को मजबूत करे। कंपनी डिजिटल-फर्स्ट कंटेंट, तकनीकी इनोवेशन और वैश्विक विस्तार पर फोकस कर रही है और इसी के लिए वह अपना भविष्य फिर से गढ़ना चाहती है।
J.P. Morgan जैसे वैश्विक सलाहकारों के सहयोग से Zee के बोर्ड का मानना है कि यह पूंजी निवेश उसकी नई विकास योजना को गति देने के लिए जरूरी है। चेयरमैन आर. गोपालन ने इसे Zee को “भविष्य के लिए तैयार करने वाला एक अहम कदम” बताया है।
कंपनी पहले ही इस बदलाव की दिशा में कई कदम उठा चुकी है, जैसे नई सब्सिडियरी कंपनियों की स्थापना और संचालन को सुव्यवस्थित करना। लेकिन इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए पूंजी की जरूरत है और यह प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट उसी योजना का अहम हिस्सा है।
वैश्विक प्रॉक्सी एडवायजरी फर्म Glass Lewis ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने की सिफारिश की है, जो कि सार्वजनिक पेंशन फंड्स, जैसे- CalSTRS, Florida SBA और CalPERS जैसे बड़े निवेशकों के समर्थन के चलते और अधिक असरदार हो गई है।
एक सीनियर इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, वैश्विक निवेशक इस कदम को Zee की बुनियादी मजबूती में भरोसे का संकेत मान रहे हैं, खासकर कंपनी की ऐसी कंटेंट रणनीति जो स्केलेबल, कॉस्ट-इफिशिएंट और अच्छे रिटर्न की क्षमता रखती है।
प्रमोटर समूह ने भी यह तर्क दिया है कि यह निवेश उनके दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह निवेश उस वक्त करने की इच्छा जताई जब शेयर का दाम 106.35 रुपये था, जो कि प्रस्तावित प्राइस 132 रुपये से काफी नीचे है।
लेकिन हर कोई इससे सहमत नहीं है। देश की प्रॉक्सी एडवायजरी फर्मों (InGovern Research और IiAS) ने शेयरधारकों से इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने को कहा है।
इनकी आपत्तियां तीन प्रमुख बिंदुओं पर हैं: अल्पसंख्यक शेयरधारकों की हिस्सेदारी का कमजोर होना, फंड के इस्तेमाल को लेकर अस्पष्टता और प्रमोटरों की बढ़ती पकड़ से गवर्नेंस से जुड़ी समस्याओं की वापसी की आशंका।
हालांकि ये संस्थाएं Zee की रणनीतिक संभावनाओं को स्वीकार करती हैं, लेकिन उनका मानना है कि यह प्रस्ताव जिस तरह से पेश किया गया है, यानी प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए वह पारदर्शिता के मानकों पर सवाल उठाता है, खासकर Zee के जटिल गवर्नेंस इतिहास को देखते हुए।
InGovern ने अपनी टिप्पणी में खासतौर पर तीखी प्रतिक्रिया दी: “प्रमोटर की हिस्सेदारी को वारंट के जरिए बढ़ाना अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हित में नहीं है।”
Zee एंटरटेनमेंट के टॉप 20 शेयरधारकों में घरेलू और वैश्विक निवेशकों का मिश्रण देखा जा सकता है। कनाडा स्थित Sprucegrove Investment Management Ltd के पास 5% हिस्सेदारी है, भारत की LIC के पास 4.63%, और नॉर्वे के Norges Bank के पास 3.95% हिस्सेदारी है। प्रमोटर से जुड़ी Essel Media के पास 3.45% शेयर हैं। अन्य प्रमुख भारतीय संस्थागत निवेशकों में ICICI प्रूडेंशियल (3.04%) और SBI लाइफ इंश्योरेंस (2.12%) शामिल हैं। कोटक महिंद्रा का 1.73% हिस्सा उसकी सिंगापुर शाखा के माध्यम से है। यह विविधता यह दिखाती है कि इस प्रस्ताव पर निवेशकों के दृष्टिकोण और प्राथमिकताएं भी विभिन्न होंगी।
एक इंडस्ट्री ऑब्जर्वर ने कहा, “भारतीय निवेशक अब भी Zee के पुराने गवर्नेंस मुद्दों से डरे हुए हैं, और उन्हें आशंका है कि प्रमोटरों का बढ़ता नियंत्रण भविष्य की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचा सकता है।”
यह सिर्फ पूंजी जुटाने का मामला नहीं है। आज का निर्णय यह भी तय करेगा कि Zee को आगे कैसे संचालित किया जाएगा, और मीडिया कंपनियों में प्रमोटर की भागीदारी को लेकर निवेशकों की धारणा कैसी बनेगी।
यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो Zee को अपने बदलाव के एजेंडा को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ाने की ताकत मिल सकती है। लेकिन यदि प्रस्ताव गिरता है, तो बोर्ड को वैकल्पिक फंडिंग स्रोत तलाशने होंगे और यह प्रक्रिया कंपनी की गति को धीमा कर सकती है, जबकि आज के दौर में तेजी से निर्णय लेना जरूरी है।
पूर्व में वह ‘वायकॉम18 (Viacom 18) और ‘टैम मीडिया रिसर्च’ (TAM Media Research) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।
विकास बोनी ने ग्लोबल एनीमे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘Crunchyroll’ के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने यहां सीनियर डायरेक्टर और इंडिया लीड-ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन एंड पार्टनरशिप्स के पद पर जॉइन किया है।
अपनी नई भूमिका के बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) पर खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘फैन्डम कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि कहानी कहने यानी स्टोरीटैलिंग का भविष्य है और Crunchyroll इस केंद्र में है। आज जब ज़्यादातर प्लेटफॉर्म हर किसी के लिए कुछ न कुछ बनने की कोशिश कर रहे हैं, Crunchyroll पूरी स्पष्टता के साथ सिर्फ एनीमे प्रेमियों के लिए सब कुछ बनने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस तरह की सोच दुर्लभ भी है और असरदार भी।’
इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, ‘Crunchyroll’ के अगले चरण की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हूं। एक ऐसी यात्रा, जो उद्देश्य के साथ हो, एनीमे के लिए प्यार के साथ हो और कम्युनिटी के प्रति गहरी सम्मान भावना के साथ हो।’
बता दें कि विकास बोनी इससे पहले ‘starsnstripes’ में बिजनेस हेड और सीओओ के पद पर कार्यरत थे। उनका मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अनुभव काफी विविधतापूर्ण रहा है। पूर्व में वह ‘वायकॉम18 (Viacom 18) और ‘टैम मीडिया रिसर्च’ (TAM Media Research) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।
पंजाबी मीडिया के जाने-माने चेहरे और वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने ‘न्यूज18’ (News18) को अलविदा कह दिया है। यहां वह असिस्टेंट न्यूज एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पंजाबी मीडिया के जाने-माने चेहरे और वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने ‘न्यूज18’ (News18) को अलविदा कह दिया है। यहां वह असिस्टेंट न्यूज एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पंकज कपाही ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) के साथ की है। उन्होंने यहां पर बतौर पॉलिटिकल एडिटर जॉइन किया है।
पंकज कपाही को मीडिया में काम करने का काफी अनुभव है। समाचार4मीडिया से बातचीत में पंकज कपाही ने बताया कि वर्ष 2010 से 2017 तक वह दिल्ली में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में रहकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सियासी गतिविधियों के साथ-साथ संसद और केंद्र सरकार की इन राज्यों से जुड़ी रिपोर्टिंग की।
वर्ष 2017 में उन्होंने दिल्ली में ‘न्यूज18’ जॉइन किया और वर्ष 2020 से चंडीगढ़ में इस चैनल के साथ पंजाब सरकार से संबंधित कई बड़ी खबरों की कवरेज की। उन्होंने किसान आंदोलन, दिल्ली दंगे, और कोविड-19 जैसी घटनाओं की ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग की।
अपने अब तक के करियर में वह वर्ष 2012, 2017 और 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव और वर्ष 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों की विस्तृत और जमीनी कवरेज कर चुके हैं। इसके साथ ही राजनीति के मैदान में पंकज कपाही ने राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, चरणजीत सिंह चन्नी जैसे कई दिग्गज नेताओं के इंटरव्यू भी किए हैं।
'लिविंग इंडिया न्यूज' के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर दिनेश शर्मा का कहना है, ‘हम पंकज कपाही का अपनी टीम में स्वागत करते हुए उत्साहित हैं। उनकी रिपोर्टिंग की गहराई और राजनीतिक समझ हमारे कंटेंट को और अधिक धार देगी। हमें विश्वास है कि उनके साथ मिलकर हम प्रभावी पत्रकारिता को आगे बढ़ाएंगे।’
बता दें कि मूल रूप से जालंधर के रहने वाले पंकज कपाही ने दोआबा कॉलेज से पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने जालंधर के मेहर चंद पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज कपाही को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
WestBridge Capital’ में शामिल होने से पहले वह ‘एमेजॉन’ की कम्युनिकेशंस टीम का हिस्सा थीं, जहां उन्होंने एमेजॉन प्राइम और एमेजॉन पे के लिए प्रमुख कंज्यूमर कैंपेन का नेतृत्व किया था।
प्रमुख निवेश कंपनी ‘वेस्टब्रिज कैपिटल’ (WestBridge Capital) ने नौशी अहमद को अपनी कम्युनिकेशंस और पब्लिक रिलेशंस हेड के रूप में नियुक्त किया है। इस नई भूमिका में नौशी वेस्टब्रिज की ब्रैंड पोजिशनिंग और मीडिया से जुड़ाव जैसी प्रमुख पहलों का नेतृत्व करेंगी।
इसके अलावा एक विश्वसनीय कम्युनिकेशन एडवाइजर के रूप में वह फर्म की महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो कंपनियों के साथ भी करीबी सहयोग में काम करेंगी। उनका फोकस इन कंपनियों के लिए प्रभावशाली नैरेटिव तैयार करने और ब्रैंड की प्रतिष्ठा को सुदृढ़ करने पर होगा
नौशी अहमद को कॉर्पोरेट और एजेंसी जगत में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम और कंज़्यूमर सेक्टर्स की कई प्रतिष्ठित ग्लोबल कंपनियों के साथ काम किया है और उनकी कम्युनिकेशन रणनीतियों का नेतृत्व किया है।
‘वेस्टब्रिज’ से जुड़ने से पहले नौशी ‘एमेजॉन’ की कम्युनिकेशन टीम का हिस्सा थीं, जहां उन्होंने ‘Amazon Prime’ और ‘Amazon Pay’ के लिए प्रमुख कंज्यूमर कैंपेन की अगुवाई की। इससे पहले वह ‘Genpact’ में इंटरनल कम्युनिकेशन और एम्प्लॉयर ब्रैंडिंग की प्रमुख रही हैं। साथ ही उन्होंने ‘Burson’ और ‘MSL’ जैसी ग्लोबल पीआर एजेंसियों में सीनियर लीडरशिप की भूमिका भी निभाई है।
WPP मीडिया साउथ एशिया में हुए व्यापक पुनर्गठन को मार्केटिंग और मीडिया जगत के कई विशेषज्ञ भविष्य की दिशा में एक अहम 'रीसेट' के रूप में देख रहे हैं।
WPP मीडिया साउथ एशिया में हुए व्यापक पुनर्गठन को मार्केटिंग और मीडिया जगत के कई विशेषज्ञ भविष्य की दिशा में एक अहम 'रीसेट' के रूप में देख रहे हैं। यह बदलाव वैश्विक स्तर पर GroupM से एकीकृत WPP Media इकाई की ओर संक्रमण का हिस्सा है, जिसे मीडिया प्लानिंग, खरीद और ऑप्टिमाइजेशन की पूरी प्रक्रिया को फिर से परिभाषित करने वाला कदम माना जा रहा है।
हालांकि इसका पूर्ण प्रभाव आने वाले समय में स्पष्ट होगा, लेकिन शुरुआती प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि एकीकृत सोच, डेटा-आधारित प्लानिंग और एआई-संचालित समाधान की प्राथमिकता वाला यह नया ढांचा आधुनिक ब्रैंड्स की बदलती अपेक्षाओं के अनुरूप है।
क्लाइंट-केंद्रित विजन पर आधारित है नया ढांचा
एक्सचेंज4मीडिया द्वारा देखे गए आंतरिक संवाद के अनुसार, इस पुनर्गठन का मूल आधार क्लाइंट्स पर प्रभाव है। भारत और श्रीलंका के प्रमुख प्रसंत कुमार (PK) के संदेश में इस ढांचे को दिशा देने वाला मूल प्रश्न है- “क्या यह बदलाव हमारे क्लाइंट के लिए कोई ठोस असर पैदा करता है?”
इसी संदर्भ में KRBL के हेड ऑफ मार्केटिंग और मॉडर्न ट्रेड व ई-कॉमर्स बिजनेस हेड कुणाल शर्मा ने कहा कि यह कदम पारंपरिक और ‘साइलो’ वाले मीडिया प्लानिंग मॉडल से अलग सोच की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा, “वो दौर अब बीत चुका है जब मीडिया प्लान सिर्फ टीवी के इर्द-गिर्द बनते थे। आज की प्लानिंग डिजिटल से लेकर चैनल कॉमर्स तक फैली होती है। एकीकृत WPP मीडिया ढांचा बाजारियों के लिए न केवल ऑपरेशंस को सरल बना सकता है, बल्कि डेटा से मिले गहरे इनसाइट्स और व्यापक दृष्टिकोण के जरिए मीडिया निवेश को बेहतर समझने का अवसर देता है।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसका असली असर तभी दिखाई देगा जब नई संरचना अगले छह महीनों में स्थिर हो जाएगी।
स्पेशलाइज्ड जिम्मेदारियों के साथ नया नेतृत्व पैनल
इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए WPP मीडिया साउथ एशिया ने नेतृत्व में बड़े बदलाव किए हैं। अब चार प्रेजिडेंट्स- अजय गुप्ते, पृथी मूर्ति, अमीन लखानी और नवीन खेमका -President, Client Solutions, WPP Media South Asia के एकीकृत पदनाम के तहत अलग-अलग क्लाइंट पोर्टफोलियो का नेतृत्व करेंगे। इनका साझा उद्देश्य है- क्लाइंट की जरूरतों को केंद्र में रखकर टीमों के बीच चुस्ती, स्पष्टता और सटीकता सुनिश्चित करना।
इसके अतिरिक्त, विशाल जैकब President, Choreograph के रूप में WPP Open प्लेटफॉर्म को स्केल करने और 200 से अधिक क्लाइंटों के लिए डेटा-संचालित इंटेलिजेंस को आगे बढ़ाने का जिम्मा संभालेंगे। वहीं, उपाली नाग President-Strategy के रूप में डोमेन विशेषज्ञता और प्रभावशाली ब्रैंड स्टोरीटेलिंग के समन्वय पर ध्यान देंगी। प्रेसीड प्रसाद President, Growth & Marketing के तौर पर नए बिजनेस और ब्रैंड विस्तार को गति देंगे, विशेषकर उभरते सेक्टर्स में।
यह स्पष्ट रूप से परिभाषित नेतृत्व संरचना WPP मीडिया के उस संकल्प को दर्शाती है, जिसके तहत वह एक समन्वित, डेटा-समृद्ध और भविष्य-तैयार मीडिया इकोसिस्टम खड़ा करना चाहता है।
मीडिया इंडस्ट्री से मिल रहा सकारात्मक फीडबैक
WPP मीडिया की यह नई संरचना इंडस्ट्री में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया पा रही है। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू के चीफ ग्रोथ ऑफिसर आशीष सहगल ने इसे ऐसा बदलाव बताया जो मीडिया ओनर्स के लिए सहयोग की प्रक्रिया को सरल बनाता है। उन्होंने कहा, “पहले विभिन्न एजेंसी टीमों से अलग-अलग वर्टिकल्स में संवाद करना समय लेने वाला काम होता था। अब एकीकृत नेतृत्व और स्पष्ट क्लाइंट सोल्यूशन लीड्स के साथ प्रक्रिया काफी सुव्यवस्थित हो गई है।”
सहगल के अनुसार यह ढांचा न केवल बाजार तक पहुंचने की गति बढ़ाता है, बल्कि यह मीडिया विक्रेताओं को जरूरत के अनुसार पिच तैयार करने की बेहतर सुविधा देता है, चाहे वह एक सिंगल चैनल सेल हो या फिर टीवी, डिजिटल, इन्फ्लुएंसर और ओटीटी जैसे मल्टी-प्लैटफॉर्म समाधान।
हालांकि उन्होंने यह चेताया कि इनोवेशन और प्रीमियम इंगेजमेंट की कीमत को सिर्फ CPM या CPRP गणनाओं में सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी ओर से भी समाधान तैयार करने में रचनात्मकता और मेहनत लगती है, और उसे उसी के अनुरूप वैल्यू मिलनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब जब विशाल जैकब जैसे लीडर एआई और इनोवेशन की कमान संभाल रहे हैं, तो यह ढांचा डेटा, क्रिएटिविटी और कस्टमाइजेशन के जरिए और भी सार्थक साझेदारियां करने का रास्ता खोलता है।
तेजी से बदलते दौर में एक सार्थक बदलाव
एक प्रमुख क्विक कॉमर्स सेवा के मार्केटिंग हेड, जिन्होंने नाम न छापने का अनुरोध किया, ने भी इस दिशा में सहमति जताई। “WPP मीडिया का एकीकृत और क्षमताओं पर आधारित नेतृत्व मॉडल आज के दौर की जरूरत है। हमारे जैसे बाजारियों के लिए यह न केवल अधिक चुस्त बल्कि इनसाइट-समृद्ध प्लानिंग को दर्शाता है, जहां क्रिएटिविटी, डेटा और क्रियान्वयन एकसाथ काम करते हैं। यह बदलाव मीडिया ब्रीफ से आगे जाकर असली बिजनेस समस्याओं के समाधान की ओर बढ़ता है।”
PK ने अपने आंतरिक नोट में कहा, “हमारी मंशा स्पष्ट है और साझा प्रतिबद्धता मजबूत। मुझे विश्वास है कि हम एक बड़े परिवर्तन के मुहाने पर खड़े हैं।”
हालांकि यह स्पष्ट है कि इस पुनर्गठन के पीछे इरादा और महत्वाकांक्षा मजबूत है, लेकिन असली कसौटी इसकी क्रियान्वयन क्षमता होगी। वैसे क्या यह एकीकृत मॉडल वास्तव में ब्रैंड्स के लिए बेहतर परिणाम और दीर्घकालिक मूल्य पैदा कर पाएगा? इसका जवाब समय ही देगा।
सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन कलानिधि मारन और उनके छोटे भाई, डीएमके सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के बीच वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद अब सुलझता दिख रहा है।
सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन कलानिधि मारन और उनके छोटे भाई, डीएमके सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के बीच वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद अब सुलझता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जो मारन बंधुओं के चचेरे भाई भी हैं, की मध्यस्थता से दोनों भाइयों के बीच सुलह की प्रक्रिया शुरू हुई है।
जानकारों के लिए यह तथ्य उल्लेखनीय है कि मारन बंधु दिवंगत डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के भतीजे हैं। 'मनीकंट्रोल' को सूत्रों ने बताया कि हाल ही में सीएम स्टालिन की मौजूदगी में दोनों भाइयों के बीच एक निजी मुलाकात हुई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन और उनकी बहन अन्बुकरासी भी मौजूद रहीं।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस सुलह का स्वरूप वित्तीय समझौते का हिस्सा है या कारोबार से जुड़ी संपत्तियों के विभाजन का, लेकिन इतना जरूर है कि यह घटनाक्रम इस गहरे व्यक्तिगत और हाई-स्टेक विवाद में एक निर्णायक मोड़ की ओर इशारा करता है।
यह संभावित मेल-मिलाप ऐसे समय पर सामने आया है जब बीते जून में दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई कलानिधि मारन को एक कानूनी नोटिस भेजा था। इस नोटिस में उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें कुप्रबंधन, धोखाधड़ी और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप शामिल थे। ये सभी आरोप सन टीवी के स्वामित्व और शेयरहोल्डिंग से जुड़े थे, खासकर 2003 में उनके पिता मुरासोली मारन के निधन के बाद की स्थिति को लेकर। दयानिधि का कहना था कि उनके पिता ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी थी और इसलिए कंपनी की स्वामित्व संरचना को उसी स्थिति में लौटाया जाना चाहिए जैसी वह उस समय थी।
जैसे ही यह विवाद सार्वजनिक हुआ, मीडिया और शेयर बाजार की नजर इस पर टिक गई। दयानिधि ने यह चेतावनी भी दी थी कि इस मामले की जांच SEBI, RBI, ED, SFIO और कंपनी रजिस्ट्रार जैसी नियामक एजेंसियां कर सकती हैं। विवाद की खबर आते ही सन टीवी के शेयरों में जोरदार गिरावट आई और शुरुआती कारोबार में ही कंपनी के शेयर 5 फीसदी से अधिक टूट गए।
इस पूरी स्थिति में यदि सुलह की दिशा में कोई ठोस प्रगति होती है, तो यह न सिर्फ मारन परिवार के लिए बल्कि सन टीवी नेटवर्क के कारोबार और निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा।