कोरोना काल कई कंपनियों के बीच ऐसी डील भी हुई, जिससे उनके बिजनेस को नई उपलब्धि मिल सके। आइए एक नजर डालते हैं ऐसी कंपनियों के बीच की डील पर
साल 2020 अपने सफर के अंतिम पड़ाव पर है। पूरी दुनिया नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रही है, क्योंकि साल 2020 ने न सिर्फ लोगों के जहन पर, बल्कि तमाम इंडस्ट्री पर भी गहरी छाप छोड़ी है। इन सबके बीच कुछ ऐसी कंपनियां भी रहीं, जो अपनी स्ट्रैटेजी के चलते न केवल कई कंपनियों के लिए प्रेरणा बनीं, बल्कि कोरोना काल के बीच ऐसी डील भी कीं, जिससे उनके बिजनेस को नई उपलब्धि मिल सके। आइए एक नजर डालते हैं ऐसी कंपनियों के बीच की डील पर-
मीडिया इंडस्ट्री के लिहाज से साल 2020 से काफी उम्मीदें थीं और शुरुआती महीनों में हुआ भी कुछ ऐसा ही था। महीना था फरवरी, जब मीडिया कारोबार को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बड़ी घोषणा कर दी कि वह अपने मीडिया कारोबार को रीस्ट्रक्चर करेगा। कंपनी ने इसके तहत मीडिया और डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस को ‘नेटवर्क18’ (Network 18) में मिलाने का फैसला किया। कहा जा रहा था कि इस फैसले से ‘नेटवर्क18’ मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्र में देश की अग्रणी कंपनी बन जाएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा भी की थी। तब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह जानकारी दी थी कि इस कदम के बाद ‘नेटवर्क18’ का सालाना रेवेन्यू 8,000 करोड़ हो जाएगा।
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वहीं दूसरी तरफ, साल 2020 की जनवरी में एक ऐसी खबर पनप रही थी, जो चीन के वुहान तक ही सीमित थी। यह खबर कोरोना वायरस से जुड़ी थी। किसी को नहीं पता था कि मार्च आते-आते कोरोना वायरस का कहर न केवल पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा, बल्कि तमाम देशों की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा देगा। अप्रैल में इसका असर भी तेजी से दिखाई देने लगा। मीडिया इंडस्ट्री भी इसके प्रभाव से बच नहीं सकी। अप्रैल में कई कंपनियों का कारोबार थमने लगा था, क्योंकि कोरोना महामारी ने न सिर्फ बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट पैदा कर दिया था, बल्कि वैश्विक मतभेदों और प्रतिस्पर्धाओं को भी और गहरा कर दिया था। इस बीच अप्रैल में एक खबर सामने आई कि ‘स्टार इंडिया’ (Star India) ने अपने पांच चैनल्स की लॉन्चिंग को टाल दिया और यह कह दिया गया कि इस बारे में कोई निर्णय अब अगले आदेश के बाद ही लिया जाएगा। वैसे ‘स्टार इंडिया’ (Star India) ने अपने पांच नए चैनल्स को लॉन्च करने की घोषणा नए साल की शुरुआत में की थी।
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तीन महीने ही बीते थे कि अप्रैल में इस खबर के साथ ही कोरोना का कहर दिखने लगा था। इंडस्ट्री पर छंटनी के बादल छा गए थे। तब तक, महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इससे तमाम उद्योग धंधे बंद पड़ गए थे, जिसका विपरीत प्रभाव मीडिया इंडस्ट्री पर भी दिखने लगा था। इस बीच मार्केट में ऐसी सुगबुगाहट होने लगी थीं कि ‘क्विंटिलियन मीडिया’ (Quintillion Media) और अमेरिकी कंपनी ‘ब्लूमबर्ग एलपी’ (Bloomberg LP) के जॉइंट वेंचर ‘ब्लूमबर्गक्विंट’ (BQ) कोई बड़ा निर्णय ले सकता है। लिहाजा इस बीच न्यूज पोर्टल ‘द क्विंट’ (The Quint) के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल ने अपने ट्विटर हैंडल से यह घोषणा कर दी कि ‘ब्लूमबर्गक्विंट’ (BQ) अपनी डिजिटल ऑपरेशंस स्ट्रैटेजी पर पूरा फोकस करेगा और अपने टेलिविजन डिवीजन को बंद कर देगा। हालांकि टेलिविजन डिवीजन को बंद करने के फैसले के पीछे का कारण उसके ब्रॉडकास्ट लाइसेंस का लंबित पड़ा होना बताया गया।
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मई आते-आते मीडिया इंडस्ट्री एक अलग तरह के बदलाव के दौर से गुजरने लगी थी। तमाम मीडिया कंपनियों में कॉस्टकटिंग का सिलसिला शुरू हो चुका था। एम्प्लॉयीज की सैलरी पर कैंची चलने लगी थी। तमाम मीडिया एम्प्लॉयीज को 'लीव विदआउट पे' पर भेजा जाने लगा था। अखबारों के सर्कुलेशन प्रभावित होने लगे थे। इस बीच फिर ‘द क्विंट’(The Quint) के स्वामित्व वाली कंपनी को लेकर एक खबर सामने आई कि ‘हल्दीराम स्नैक्स’ (Haldiram Snacks) की हिस्सेदारी वाली कंपनी ‘गौरव मर्केंटाइल्स लिमिटेड’ (Gaurav Mercantiles Ltd) अब मीडिया मुगल राघव बहल और उनकी पत्नी रितु कपूर के स्वामित्व वाली ‘क्विंटिलियन मीडिया’ (Quintillion Media) के डिजिटल बिजनेस का अधिग्रहण करेगी। ‘VCCircle’ की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि ‘गौरव मर्केंटाइल्स लिमिटेड’ ने स्टॉक एक्सचेंज को इस बारे में जानकारी दे दी है। दावा किया गया कि इस डील में ‘द क्विंट’ की हिंदी और अंग्रेजी वेबसाइट शामिल हैं, लेकिन ‘क्विंटिलियन मीडिया’ (Quintillion Media) और अमेरिकी कंपनी ‘ब्लूमबर्ग एलपी’ (Bloomberg LP) के जॉइंट वेंचर ‘ब्लूमबर्गक्विंट’ (BQ) की न्यूज वेबसाइट का बिजनेस शामिल नहीं है।’ VCCircle’ की रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया कि गौरव मर्केंटाइल्स ने कहा कि वह अपना नाम बदलेगी और अपना रजिस्टर्ड ऑफिस मुंबई से दिल्ली शिफ्ट करेगी, जहां पर क्विंटिलियन का ऑफिस है।
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वहीं, जहां कोरोना के कहर से 2020 का ये साल कई कंपनियों के लिए काल बन गया, वहीं एक ऐसी कंपनी थी जिसके कर्मचारियों के लिए साल 2020 किसी वरदान से कम नहीं रहा। यह कंपनी थी 'जिफी' (GIPHY)। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) ने एनिमेटेड इमेज लाइब्रेरी 'जिफी' (GIPHY) को 40 करोड़ डॉलर (करीब 3040 करोड़ रुपए) में खरीद लिया था। Giphy विडियो क्लिप्स और एनिमेटेड इमेज जिन्हें GIF के नाम से जाना जाता है, की एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी है। इस बिजनेस डील के तहत ही फेसबुक ने 100 से ज्यादा Giphy के कर्मचारियों को अपने साथ शामिल कर लिया था।
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अब मई महीना था। एक तरफ जहां, कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए लागू किए लॉकडाउन की वजह से कई मीडिया कंपनियों की आर्थिक स्थिति इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें वित्तीय बोझ को कम करने के लिए अपने स्टाफ या उनके मासिक वेतन में कटौती करनी पड़ रही थी। वहीं न्यूजीलैंड से एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने तमाम लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। खबर थी कि यहां के सबसे बड़े मीडिया घरानों में से एक को उसके मालिकों ने सिर्फ 1 डॉलर (61 cents) में बेच दिया। दरअसल, यह सौदा नाइन एंटरटेनमेंट (Nine Entertainment Holdings Ltd) ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के साथ किया था, जिसके तहत कंपनी ने उन्हें अपने मीडिया हाउस 'स्टफ' को महज एक डॉलर में बेचने का फैसला किया था। 'स्टफ' देश के कई दैनिक अखबारों का प्रकाशन करता है और इसी नाम से एक लोकप्रिय न्यूज वेबसाइट चलाता है। तब इसमें 400 पत्रकारों सहित लगभग 900 कर्मचारी कार्यरत थे।
बताया जा रहा था कि ऑस्ट्रेलिया के नाइन एंटरटेनमेंट के स्वामित्व वाला 'स्टफ' महामारी के पहले से ही वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहा था। लिहाजा इस बीच कंपनी ने विज्ञापन राजस्व में बड़ी गिरावट दर्ज की थी। ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार को दिए एक बयान में कंपनी ने कहा था कि 'स्टफ' को सीईओ सिनैड बाउचर को बेचा जाएगा और यह पूरी कार्रवाई महीने के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।
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वहीं मई के अंत में डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) ऑपरेटर ‘टाटा स्काई’ (Tata Sky) और ‘शेमारू एंटरटेनमेंट लिमिटेड’ (Shemaroo Entertainment Ltd) के बीच भी एक बड़ी डील हुई और बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए दोनों ने आपस में हाथ मिलाया। इस पार्टनरशिप का फायदा दर्शकों को भी होने वाला था, क्योंकि ऐसा करने से टाटा स्काई बिंगे पर उपलब्ध शेमारू ऐप के द्वारा दर्शकों को फिल्मी और गैर फिल्मी एंटरटेनमेंट की बड़ी श्रृंखला देखने को मिलती।
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अब महीना था जून। गर्मी के साथ कोरोना भी चरम पर था। लेकिन इस बीच ‘सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट’ (Sony Pictures Entertainment) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई। खबर थी कि ‘केसी ग्लोबल मीडिया’ (KC Global Media Entertainment) ने एशिया में ‘सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट’ के पे टीवी चैनल्स (Pay TV Channels) का अधिग्रहण कर लिया। ‘केसी ग्लोबल मीडिया’ के हेड एंडी कापलान (Andy Kaplan) और जॉर्ज चिएन (George Chien) पहले सोनी नेटवर्क से ही जुड़े हुए थे। दोनों ने पिछले साल आपस में हाथ मिलाया था।
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जून में ही एक और डील की खबर सामने आई। खबर थी कि ‘आंध्र प्रभा पब्लिकेशन’ (Andhra Prabha Publication) के मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम मूथा (Goutam Mootha) अंग्रेजी न्यूज चैनल इंडिया अहेड (India Ahead) में बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। उस समय, इस हिस्सेदारी को लेने में जिन लोगों ने रुचि दिखाई थी, उनमें राजीव चंद्रशेखर, भूपेंद्र चौबे के नेतृत्व वाले समूह और एक अन्य प्रोफेशनल एंटरप्रिन्योर के नेतृत्व वाला समूह शामिल है। चंद्रशेखर के नेतृत्व वाला समूह ‘जुपिटर कैपिटल’ (Jupiter Capital) 25 से 30 करोड़ रुपए में इसमें 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी (stake) खरीदने की सोच रही था। हालांकि बाद में वरिष्ठ पत्रकार और CNN News18 (सीएनएन न्यूज) 18 के पूर्व एग्जिक्यूटिव एडिटर भूपेंद्र चौबे ने ‘आंध्र प्रभा पब्लिकेशन’ (Andhra Prabha Publication) में बतौर ग्रुप एडिटर-इन-चीफ और सीईओ के पद पर जुड़ गए। साथ ही वे इसके को-प्रमोटर/ओनर के साथ-साथ इसकी कोर फाउंडिग टीम के सदस्य भी बने। अपनी इस भूमिका में वह अखबार के 12 एडिशन, अंग्रेजी न्यूज चैनल 'इंडिया अहेड' (India Ahead) और कंपनी के रीजनल कामों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
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वहीं जुलाई में जहां कोरोना का खौफ लोगों के दिलों में इस कदर घर गया कि वे पूरे दिन न्यूज चैनल से चिपके रहे, जिसकी वजह से चैनलों की टीआरपी ने बेहताशा वृद्धि दर्ज की। ऐसे में आरपी संजीव गोयनका ग्रुप (RP Sanjiv Goenka Group) ने ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्म ‘एडिटरजी’ (Editorji) में 51% की बहुमत हिस्सेदारी (majority stake) हासिल करने की खबर सामने आई, जिसकी जानकारी खुद ‘एडिटरजी’ (Editorji) के फाउंडर विक्रम चंद्रा ने एक ट्वीट के जरिए दी।
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जुलाई में ही एक बड़ी घोषणा हुई, जो भारत में डिजिटल के क्षेत्र में एक बड़ी खुशी की खबर लेकर आया। दरअसल, पहली बार वर्चुअली आयोजित किए गए गूगल के छठे ‘गूगल फॉर इंडिया इवेंट 2020’ में सीईओ सुंदर पिचाई ने यह घोषणा की कि डिजिटल इंडिया (India Digitization Fund) के लिए गूगल अगले 5-7 सालों में 75,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा और बताया कि कैसे गूगल का यह निवेश इक्विटी इनवेस्टमेंट, पार्टनरशिप और ऑपरेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम इंडस्ट्री में होगा। साथ ही यह भी कहा कि गूगल ने सीबीएसई के साथ एक साझेदारी की है, जिसके तहत ई-लर्निंग का विस्तार किया जाएगा।
सीईओ सुंदर पिचाई ने ये भी बताया कि यह निवेश डिजिटल इंडिया के चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर पर होगा, जिसमें पहले है कि इस राशि का इस्तेमाल हिन्दी, तमिल और पंजाबी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में सूचनाओं को हर देशवासी तक पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
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जुलाई में ही Viacom 18 और SONY से जुड़ी एक खबर ने रफ्तार पकड़ी कि जल्द ही दोनों के बीच विलय को मंजूरी मिल जाएगी, क्योंकि यह डील अंतिम दौर में है। तब सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई थी कि इस डील के बाद सोनी की Viacom 18 में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि वायकॉम18 की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी।
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हालांकि सितंबर के तीसरे सप्ताह में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स (SPN) इंडिया और ‘वॉयकॉम18’ के विलय की घोषणा होने संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अक्टूबर में दोनों के बीच चल रही इस डील को रद्द कर दिया गया और हवाला दिया गया कि रणनीतिक पुनर्विचार के बाद ‘वॉयकॉम18’ ने यह कदम उठाया है। साथ ही यह भी कहा गया कि अब रिलायंस जियो ने ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी को बनाए रखने और मैनेजमेंट पर नियंत्रण रखने का फैसला किया है। लेकिन खबर निकलकर ये सामने आ रही थी कि कुछ कंटेंट क्रिएटर्स और प्रॉडक्शन हाउसेज ने जियो के साथ पार्टनरशिप करने की इच्छा जताई है।
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फिर जुलाई ये खबर आई कि ‘द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप’ ने इंश्योरेंस वेब एग्रिगेटर कंपनी ‘माय इंश्योरेंस क्लब’ (MyInsuranceClub) का अधिग्रहण कर लिया है। एक्सप्रेस ग्रुप ने MyInsuranceClub में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। एक्सप्रेस ग्रुप ने यह जानकारी दी थी कि यह डील इस साल की शुरुआत में ही हो चुकी थी, लेकिन इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) की ओर से मंजूरी मिलने का इंतजार था, जोकि अब मिल चुकी है।
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जुलाई जाते-जाते एक और डील की खबर सामने आ गई कि 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'हिन्दुस्तान' और 'मिंट' अखबार की प्रकाशक कंपनी ‘एचटी मीडिया लिमिटेड’ (HT Media Ltd) ने ‘Mosaic Media Ventures Private Limited’ में 100 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर ली है। ‘वीसीसर्कल’ (VCCircle) और ‘टेकसर्कल’ (TechCircle) का बिजनेस ‘Mosaic’ ही संभालती है।
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वहीं अगस्त में मीडिया गलियारों में एक और खबर तेजी से फैलने लगी कि बेनेट कोलमेन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) अपनी इंटरनेट इकाई में कथित तौर पर हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि टाइम्स ऑफ इंडिया अपने डिजिटल बिजनेस का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
कहा जा रहा था कि टाइम्स ग्रुप हिस्सेदारी बेचने के विकल्पों पर एक एडवाइजर से सलाह ले रहा है और इस महीने अन्य प्लेयर्स के साथ बातचीत शुरू करेगा। कहा तो ये भी जा रहा था कि बीसीसीएल कथित तौर पर इस डील को भुनाने के लिए ग्लोबल स्तर की बड़ी टेक कंपनियों से बातचीत कर रहा है। फिलहाल डील भुनाने के लिए कहां तक ये बात पहुंची, अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
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अगस्त तक कोविड-19 (COVID-19) के कारण भारत में मीडिया बिजनेस काफी प्रभावित हो चुका था। तमाम प्रतिष्ठान बंद होने लगे थे, रेवेन्यू घट रहा था, ऐसे में गोवा के स्टार्टअप ‘Kaydence Media Ventures Private Limited’ (KMV) ने अपने ऑनलाइन न्यूज पोर्टल GoaChronicle.com में पांच प्रतिशत इक्विटी की पेशकश कर दी, जिससे उम्मीद जताई गई उस कदम से वह करीब 5 करोड़ रुपए जुटाए लेगा। हुआ भी ऐसा ही, ‘KMV’ को ऑनलाइन न्यूज पोर्टल GoaChronicle.com में पांच प्रतिशत इक्विटी हासिल करने के लिए हाईटेक नेचुरल प्रॉडक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड से ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ (Letter of Intent) मिल गया था।
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सितंबर आते-आते लोगों का कोरोना की खबरों से मोह भंग हो चुका था। क्रिकेट के लिए भारतीय फैंस की दीवानगी चरम पर थी, क्योंकि इसी महीने आईपीएल शुरू हो रहा था। अपने बिजनेस ग्रोथ के लिए तमाम कंपनियां स्ट्रैटजी बनानी शुरू कर चुकीं थीं। लिहाजा ऐसे में आईपीएल को कंपनी गेमचेंजर की तरह देख रहीं थीं। ऐसे में खबर आई कि हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) ने ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ (इंडियन प्रीमियर लीग 2020) और ‘त्रिनबगो नाइट राइडर्स’ (कैरेबियन प्रीमियर लीग 2020) की स्पॉन्सरशिप हासिल कर ली। ‘टीवी9 भारतवर्ष’ इसके तहत ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ में आर्म स्पॉन्सर (Arm Sponsor) और ‘त्रिनबगो नाइट राइडर्स’ का अपर चेस्ट स्पॉन्सर (Upper Chest Sponsor) होगा।
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सितंबर में आपीएल अभी शुरू नहीं हुआ था कि एक और डील की खबर सामने आई कि ‘इंडियन प्रीमियर लीग’ (Indian Premier League) के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर ‘स्टार स्पोर्ट्स’ (Star Sports) ने ‘डेलीहंट’ (DailyHunt) के साथ एसोसिएट स्पॉन्सरशिप के रूप में पार्टनरशिप की है। तब ‘डेलीहंट’ ने कुछ ही दिनों पहले ही शॉर्ड वीडियो ऐप ‘जोश’(Josh) लॉन्च किया था और इस पार्टनरशिप के द्वारा वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाना चाहता था। मीडिया रिपोर्ट्स में या दावा किया गया कि नए लॉन्च को बढ़ावा देने के लिए आईपीएल ब्रॉडकास्ट स्पॉन्सरशिप का इस्तेमाल किया जाएगा।
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आईपीएल शुरू होने के ठीक एक दिन पहले ये खबर सामने आई कि भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयरचैट (Share Chat) ने वीडियो उत्पादन करने वाली कंपनी ‘एचपीएफ फिल्म्स’ (HPF Films) का अधिग्रहण कर लिया है। ‘एचपीएफ फिल्म्स’ को डिजिटल कंटेंट में विशेषज्ञता हासिल है। कंपनी ने कहा कि अधिग्रहण से शेयरचैट और इसके लघु वीडियो प्लेटफॉर्म मौज (Moj) को बेहतर कंटेंट इकोसिस्टम बनाने की दिशा में मदद मिलेगी और ब्रैंड के लिए उसके विज्ञापन समाधानों में वृद्धि होगी। हालांकि कंपनी ने इस सौदे की राशि की जानकारी नहीं दी।
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अब अक्टूबर आ चुका था। मौसम भी सर्द होने लगा था लिहाजा मीडिया गलियारों में एक खबर आई कि एंटरटेनमेंट कंपनी ‘डिज्नी’ (Disney) कथित रूप से डीटीएच सेवा प्रदाता कंपनी ‘टाटा स्काई’ में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बारे में विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि कंपनी यह हिस्सेदारी इसलिए बेचना चाह रही है क्योंकि इसके पास दुनिया के किसी भी हिस्से में डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स जैसे केबल और डायरेक्ट टू होम सर्विसेज में हिस्सेदारी नहीं है और न ही यह इसके मुख्य बिजनेस का हिस्सा है। बताया जाता है कि फॉक्स के अधिग्रहण के बाद डिज्नी की टाटा स्काई में 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष और 9.8 प्रतिशत अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है।
पूरी खबर यहां पढ़े: टाटा स्काई में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है Disney: रिपोर्ट
ठंड चरम पर थी,अब ठंड चरम पर थी जो कि आए दिन नए रिकॉर्ड बना रही थी क्योंकि महीना था दिसंबर का। ऐसे में खबर आई कि अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले बिजनेस न्यूज चैनल ‘बीटीवीआई’ (BTVI) के को कथित तौर पर नया मालिक मिल गया है। मुंबई से संचालित इस बिजनेस न्यूज चैनल ने 31 अगस्त 2019 रात 12 बजे से अपना संचालन बंद कर दिया था। बताया गया कि अब इसे खरीदने के लिए टीएनपी (TNP Group) ग्रुप ने समझौता पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। टीएनपी ग्रुप के प्रमोटर्स का कहना है कि डील अभी पूरी तरह परवान नहीं चढ़ी है और इसकी प्रक्रिया जारी है। इस चैनल में अब टीएनपी ग्रुप की 100 प्रतिशत इक्विटी है।
पूरी खबर यहां पढ़े: बिजनेस न्यूज चैनल BTVI के नए स्वामित्व को लेकर आई ये बड़ी खबर
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'समाचार4मीडिया' की सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) ने पिछले हफ्ते ‘Leading From The Front’ नाम से कॉलम की एक सीरीज शुरू की है। इस सीरीज में देश के उन टॉप बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया है, जिन्होंने देश की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में खास मुकाम हासिल किया है और उसे नई ऊंचाइंयों पर ले जाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। इस सीरीज के तहत आज हम बताएंगे कि विनीत जैन के विजन और नेतृत्व में ‘टाइम्स ग्रुप’ ने किस तरह अपने ‘पंख’ फैलाए हैं और किस तरह इसे एक अग्रणी मल्टीमीडिया मीडिया समूह बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
विनीत जैन ने वर्ष 1987 में ‘द टाइम्स’ (The Times) समूह जॉइन किया था। इसके बाद प्रिंट को आगे बढ़ाने के अलावा मीडिया में समूह को विविधता प्रदान करने के लिए एक दूरदर्शी रणनीतिकार के रूप में उन्होंने समूह के अखबारों, टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में तमाम नई पहल कीं, जो बाद में इंडस्ट्री के लिए एक खास पहचान बन गईं। वर्ष 1993 में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और उसके करीब पांच साल बाद मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति के बाद से वह समूह के दिन-प्रतिदिन के कार्यों, जैसे-मार्केटिंग, कॉस्ट फंक्शंस, एचआर और ब्रैंड मैनेजमेंट आदि को संभाल रहे हैं।
जब विनीत जैन टाइम्स समूह में शामिल हुए थे, तो उन्होंने शुरू में ओवरऑल कंटेंट स्ट्रैटेजी और इसके निष्पादन (execution) का काम देखा, जिसमें समूह के प्रमुख समाचार पत्रों यानी ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ और ‘नवभारत टाइम्स’ के पेजिनेशन, डिजाइन और एडिटोरियल इनोवेशन शामिल था। इसमें उन्होंने ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के कई शहरों में एडिशन शुरू कराए और पेजों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन शहरों की कवरेज पर फोकस किया, जिसने एक राष्ट्रीय अखबार में स्थानीय खबरों की प्रमुखता मिलने लगी, जिसने इंडस्ट्री में एक नया ट्रेंड सेट कर दिया।
यह पहली बार था जब किसी राष्ट्रीय अखबार के लिए इतने बड़े पैमाने पर ऐसा किया गया था। विनीत जैन ने समय को परखते हुए अखबार के तमाम सेक्शंस को बेहतर बनाने और उन्हें स्थापित करने में भी मदद की। एक दूरदर्शी के तौर पर उन्होंने कई दशक पहले, जब इंटरनेट आगे बढ़ने लगा था, यह भी महसूस कर लिया था कि पाठकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए छोटे न्यूज आर्टिकल्स को अधिक विविधता में शामिल किया जा सकता है। इसके तहत उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘इकनॉमिक टाइम्स’ में न्यूज पेजों में एक पैराग्राफ के बॉक्स की शुरुआत की, ताकि न्यूज और व्यूज की सीमा को बनाए रखते हुए न्यूज के बारे में पाठकों के विश्लेषण को शामिल किया जा सके।
ऐसे में अखबार की वास्तुकला और इसकी कंटेंट स्ट्रैटेजी का आधुनिकीकरण विनीत जैन द्वारा किया गया था, जो 1990 के दशक के अंत तक समूह के चीफ कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में उभरे थे। कंटेंट स्ट्रैटेजी और आर्किटेक्चर में मूलभूत परिवर्तनों के माध्यम से आधुनिक समाचार पत्र के लिए ये इनोवेशंस (वाइस चेयरमैन समीर जैन द्वारा संचालित आमंत्रण/कवर मूल्य निर्धारण और सदस्यता योजनाओं जैसे नवाचारों के साथ), टाइम्स ऑफ इंडिया दिल्ली में हिन्दुस्तान टाइम्स से आगे निकलने के लिए जिम्मेदार थे।
इसी तरह उनके विस्तार-उन्मुख दृष्टिकोण ने पाठकों की अधिक समाचारों की आवश्यकता को समझा और टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में मुख्य रूप से स्टॉक लिस्टिंग, क्रॉसवर्ड और रीडर एंगेजमेंट सेक्शन, फिल्म समीक्षा आदि जैसी अधिक पाठक-अनुकूल सामग्री पेश की।
विनीत जैन को देश में अग्रणी लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट जर्नलिज्म का श्रेय भी दिया जाता है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के एडिशन वाइस सप्लीमेंट्स जैसे- दिल्ली टाइम्स, बॉम्बे टाइम्स आदि की कल्पना की और उन्हें मूर्त रूप दिया, जो लाखों युवा पाठकों और नए ऑडियंस सेगमेंट में स्वास्थ्य, फैशन, फिटनेस, फिल्मों, मनोरंजन आदि पर ध्यान केंद्रित करने वाले थे। ये विज्ञापनदाताओं के साथ हिट थे और विशेष रूप से न्यूजपेपर इंडस्ट्री में कॉपी किए गए हैं। इसके अलावा सामान्य रूप से टीवी और डिजिटल जैसे अन्य प्लेटफार्म्स में संशोधित रूप में इस्तेमाल किए गए हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उदारीकरण के बाद के भारत में नए पाठकों के तहत भारतीय समाचार पत्रों के लिए फैशन, डिजाइन, स्वास्थ्य, फिटनेस, कल्याण आदि के लिए विज्ञापनदाताओं की नई शैलियों के लिए ये एक तरह से एंट्री प्वॉइंट्स बन गए हैं।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञ बताते हैं कि विनीत जैन युवाओं और शहरी संस्कृति को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। वास्तव में, उनके नेतृत्व में मीडिया में लाइफस्टाइल जर्नलिज्म के निर्माण ने पूरी तरह से नए दर्शकों और विज्ञापनदाताओं के साथ एक बड़ी नई इवेंट इंडस्ट्री शुरू की। यहां एक बार फिर से टाइम्स ग्रुप नेतृत्व की भूमिका में नजर आया। शुरुआत में टाइम्स के लाइफस्टाइल सप्लीमेंट्स विज्ञापनदाताओं के लिए इवेंट्स को प्रायोजित करने के लिए प्रेरक का काम करते, क्योंकि इस समूह ने पूरी इंडस्ट्री को परिपक्व और प्रोफेशनल बनाने में मदद की। इसके बाद ये मॉडल सभी शैलियों के इवेंट राजस्व का एक अलग प्रमुख स्रोत बन गए, और इस मॉडल को बाद में पूरे मीडिया जगत में चुना गया।
पब्लिकेशन में इस विरासत के अलावा विनीत जैन ने समूह को प्रिंट के अलावा अन्य सभी संभावित मीडिया क्षेत्रों में विविधता प्रदान की है। उन्होंने शुरुआत में ही इंटरनेट की मौलिक चुनौती को पहचान लिया और इसलिए टाइम्स ऑफ इंडिया वर्ष 1997 में वेबसाइट शुरू करने वाले पहले समाचार पत्रों में से एक था। इसके साथ वर्ष 2000 में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की स्थापना की गई, जिसने बड़ी संख्या में डिजिटल संस्थाओं को जन्म दिया और जिसने इसे देश का सबसे बड़ा डिजिटल मीडिया हाउस बना दिया।
लेकिन इससे पहले 1990 के दशक के मध्य में विनीत जैन शायद एकमात्र ऐसे भारतीय मीडिया मालिक थे, जिन्होंने रेडियो की शक्ति को पहचाना। ‘टाइम्स एफएम’ (Times FM) आकाशवाणी पर प्रसारण करने वाली पहली निजी संस्था थी और सरकार द्वारा निजी एफएम रेडियो स्टेशनों को अनुमति दिए जाने के बाद इसे ‘रेडियो मिर्ची’ (अब मिर्ची) में तब्दील कर दिया गया। ‘मिर्ची’ आज भी मार्केट लीडर बनी हुई है Qj भारतीय एफएम रेडियो इंडस्ट्री के गॉडफादर के रूप में अपनी जगह पक्की कर रही है।
विनीत जैन ने भी टीवी की दुनिया में कदम बढ़ाए, लेकिन बुद्धिमानी से तब तक दूर रहे जब तक कि कुछ अन्य इसमें नहीं आ गए। लेकिन टाइम्स नाउ (टाइम्स नेटवर्क के अन्य अग्रणी चैनलों के समूह) के प्रवेश के साथ भारतीय न्यूज टेलीविजन का पहले जैसा दौर फिर नहीं आएगा। इसलिए, टाइम्स समूह को एक प्रिंट अखबार और मैगजीन पब्लिशर से एशिया के सबसे बड़े मीडिया समूहों में से एक में बदलने में विनीत जैन की काफी बड़ी भूमिका है। उन्होंने अपनी पहलों में पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं को सबसे पहले रखा है। हर बदलाव को समझते हुए टेक्नोलॉजी उद्योग-व्यापी सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग करके विश्व स्तरीय टीम का निर्माण किया है।
एक बड़े इंडस्ट्री लीडर के रूप में, जिन्होंने भारतीय मीडिया के लिए कई नियम फिर से लिखे हैं और देश की मीडिया वैल्यू चेन को कंटेंट, स्ट्रैटेजी व मुनाफे में बदलकर प्रिंट व मीडिया इंडस्ट्री के अन्य क्षेत्रों के लिए एक बड़ी विरासत छोड़ी है। इंडस्ट्री के लिए उन्होंने जो अगला चैप्टर लिखा है, वह देखना काफी दिलचस्प होगा, जो अभी सामने आना बाकी है। वर्ष 2013 में ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) समूह ने इन तमाम कारणों और इंडस्ट्री को ऊंचाइयों पर ले जाने में उनकी अग्रणी भूमिका के कारण विनीत जैन को ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ (IPOY) का खिताब दिया।
हालांकि लोकप्रिय धारणा बनी हुई है कि विनीत जैन ने ही टाइम्स ग्रुप में टीवी, डिजिटल और रेडियो जैसे नए बिजनेस का निर्माण किया है और यह कहना सही है कि विनीत जैन 1987 में 21 साल की उम्र में TOI में शामिल हुए थे और तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक उन्होंने प्रिंट के बिजनेस में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जब विनीत जैन अपने पिता अशोक जैन और बड़े भाई समीर जैन के साथ जुड़े, तो बिजनेस का मुख्य आधार प्रिंट व न्यूजपेपर था।
जबकि समीर जैन को पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय तक लीड करने, रणनीति बनाने, रिस्पॉन्स, मॉनेटाइजिंग, इनविटेशन प्राइजिंग का श्रेय दिया जाता है और अब पिछले 15 वर्षों में ब्रैंड कैपिटल के साथ युवा जैन ने अपने बड़े भाई समीर जैन के साथ प्रिंट बिजनेस और न्यूजपेपर बिजनेस में भी जबरदस्त योगदान दिया है।
वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन को याद करते हुए कहते हैं कि वह न्यूजपेपर व प्रिंट ऑर्गनाइजेशंस का नेतृत्व करने और उसे चलाने में पूरी तरह से जुड़े हुए थे। वह पूरी तरह से HR व हायरिंग और लीडरशिप मेंटरिंग और सुवरविजन में भी जुड़े रहते थे। जैन न्यूजपेपर व प्रिंट बिजनेस के प्रॉडक्ट व मार्केटिंग में भी शामिल रहते थे। विनीत जैन प्रिंट प्रॉडक्ट्स के एडिटोरियल को लेकर भी निर्णय लेते थे। उन्होंने नए एंटरटेनमेंट सप्लीमेंट्स शुरू किए, जिसकी पहले तो काफी आलोचना हुई फिर पूरी मीडिया इंडस्ट्री ने इसे अपना लिया।
विनीत जैन ने सिटी सप्लीमेंट और अखबारों में स्थानीय खबरों पर भी जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि ये सप्लीमेंट एडिटोरियल के साथ-साथ रेवेन्यू में योगदान देने वाले भी बनें। टाइम्स ग्रुप में सक्रिय होने के चलते पिछले 36 वर्षों से विनीत जैन की एडमिनिस्ट्रेशन, प्रिंटिंग और मैनेजमेंट के सभी पहलुओं में सक्रिय भागीदारी रहती थी। ढाई दशक पहले विनीत जैन इन अखबारों को इंटरनेट से जोड़ने में मदद की थी। उनके नेतृत्व में समाचार पत्रों की साइटों का शुभारंभ किया गया।
विनीत जैन को टीवी बिजनेस, रेडियो बिजनेस, डिजिटल व इंटरनेट बिजनेस और टाइम्स ग्रुप के एजुकेशन बिजनेस के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। अपने नेतृत्व में पहले के 18-20 वर्षों में उन्होंने न्यूजपेपर व प्रिंट बिजनेस के अधिक क्षेत्रों में जबरदस्त योगदान दिया और कई स्ट्रैटजिक एडिटोरियल, मार्केटिंग और प्रॉडक्ट इनिशिएटिव्स का नेतृत्व किया, जिसकी छाप टाइम्स ग्रुप के बिजनेस पर अभी भी है। टाइम्स ग्रुप पर विनीत जैन की छाप जबरदस्त रही, जोकि प्रिंट से शुरू हुई। लेकिन अपने गहरे दृष्टिकोण से उन्होंने एक भविष्यवादी समूह बनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।विदिशा चटर्जी इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ‘वॉट्सऐप’ (WhatsApp) से करीब तीन साल से जुड़ी हुई थीं।
इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ‘वॉट्सऐप’ (WhatsApp) इंडिया की कम्युनिकेशंस डायरेक्टर विदिशा चटर्जी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
वह करीब तीन साल से वॉट्सऐप से जुड़ी हुई थीं। इससे पहले विदिशा चटर्जी ‘कोलगेट पामोलिव’ (Colgate-Palmolive) में कम्युनिकेशंस हेड (इंडिया) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
वह ‘Hill+Knowlton Strategies’ कंपनी में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। इसके अलावा पूर्व में वह ‘Genesis Burson-Marsteller’, ‘इंडिया टुडे’ (India Today), ‘ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स’ (ESPN Star Sports) और ‘बीबीसी’ (BBC) के साथ भी काम कर चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।राजीव मखनी ने 20 साल के लंबे कार्यकाल के बाद NDTV से इस्तीफा दे दिया है
राजीव मखनी ने 20 साल के लंबे कार्यकाल के बाद NDTV से इस्तीफा दे दिया है। वह यहां मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत थे।
हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया से उन्होंने इस खबर की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपने अगले वेंचर के बारे में घोषणा करेंगे।
राजीव मखनी ने कहा, ‘मेरे पास तीन प्रस्ताव हैं, जिनका मैं मूल्यांकन कर रहा हूं। मैं कुछ दिनों के भीतर घोषणा करूंगा कि मैं किसे स्वीकार करता हूं।‘
मखनी को एनडीटीवी नेटवर्क पर प्रसारित ‘गैजेट गुरु’, ‘सेल गुरु’, ‘न्यूजनेट 3.0’ और ‘वॉक द टेक टॉक’ जैसे शो की मेजबानी के लिए जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, यू-ट्यूबर गौरव चौधरी एनडीटीवी में मखनी की जगह लेंगे।
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‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) ने जी-सोनी विलय (Zee-Sony merger) के मामले में ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) को अपनी प्रारंभिक मंजूरी की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे।
‘जी’ ने NCLT के इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ को 16 जून 2023 से पहले अपडेटेड एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए कहा गया था। ‘जी’ का कहना था कि उसे अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिला।
जस्टिस राकेश कुमार और टेक्निकल मेंबर डॉ. आलोक श्रीवास्तव ने आज NCLT के आदेश को खारिज कर दिया। NCLAT ने कहा कि एनओसी की समीक्षा करने के लिए दोनों एक्सचेंजों ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ को निर्देश देने से पहले NCLT द्वारा ‘जी’ का पक्ष सुना जाना चाहिए था। इसके साथ ही यह कहते हुए कि ‘जी’ को इस मामले में उठाई गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने का कोई अवसर नहीं मिला, NCLAT ने मामले को वापस NCLT के पास भेज दिया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के तहत दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए था। अब NCLT द्वारा इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया जाएगा। एचवी सुब्बा राव और मधु सिन्हा की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई अब 16 जून को करेगी।
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‘सोनी’ (SONY) के साथ विलय (Merger) के मामले में ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) की याचिका पर ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) शुक्रवार को यानी आज सुनवाई कर सकता है।
अपीलीय निकाय ने इससे पहले ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) के आदेश के खिलाफ ZEEL की याचिका पर सुनवाई टाल चुका है। वहीं, अपनी याचिका में नेटवर्क का कहना था कि उसे अपनी दलीलें पेश करने का मौका नहीं मिला।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 मई को ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ ने ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) से कथित तौर पर विलय के लिए अपनी प्रारंभिक मंजूरी पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था, जिसे पूर्व में ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ (SEBI) से स्वीकृति मिल चुकी है।
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‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (IAMAI) ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘ड्रीम11’ (Dream11) के सीईओ हर्ष जैन को एसोसिएशन का नया चेयरपर्सन चुना है। इस पद पर उनका कार्यकाल दो साल (2023-2025) तक होगा। हर्ष जैन ने IAMAI में ‘गूगल इंडिया’ (Google India) के वाइस प्रेजिडेंट और कंट्री मैनेजर संजय गुप्ता की जगह ली है।
इसके साथ ही ‘मेकमाईट्रिप’ (MakeMyTrip) के को-फाउंडर और ग्रुप के सीईओ राजेश मागो को IAMAI का वाइस चेयरमैन और ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) के वाइस चेयरमैन सत्यन गजवानी को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023-2025 के कार्यकाल के लिए नवनिर्वाचित 24 सदस्यीय गवर्निंग काउंसिल में ‘गूगल’ (Google), ‘फेसबुक’ (Facebook), ‘एमेजॉन’ (Amazon) और ‘माइक्रोसॉफ्ट’ (Microsoft) जैसी बड़ी टेक कंपनियों का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है।
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‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने अवमानना से जुड़े वर्ष 2016 के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है।
‘टेरी’ (TERI) के पूर्व एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन आर.के पचौरी ने वर्ष 2016 में अरनब गोस्वामी और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद आर.के पचौरी के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग पर अवमानना याचिका दायर की गई थी।
28 अप्रैल को हाई कोर्ट में पेश किए गए गोस्वामी के हलफनामे में कहा गया है, ‘मैं माननीय अदालत से माफी मांगता हूं और अनुरोध करता हूं कि यह माननीय अदालत माफी स्वीकार करने और उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही को बंद करने की कृपा करे।’
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अरनब गोस्वामी कानून का पालन करने वाले और देश के सम्मानित नागरिक हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी अदालतों को उच्च सम्मान देते हैं।
हलफनामे के अनुसार, ‘न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। यह कथित प्रसारण इस विश्वास के तहत किया गया था कि माननीय न्यायालय द्वारा 18.02.2015 को पारित आदेश के संदर्भ में इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया था। यह कथित प्रसारण भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मिली स्वतंत्रता के मद्देनजर निष्पक्ष रिपोर्टिंग के हिस्से के रूप में किया गया था।’
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‘शेमारू’ (Shemaroo) मीडिया नेटवर्क अपने ब्रॉडकास्ट और ओटीटी बिजनेस का विस्तार करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके लिए नेटवर्क की ओर से 75 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
नेटवर्क के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) हिरेन गडा के मुताबिक इस राशि का उपयोग ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘शेमारूमी’ (ShemarooMe) के लिए किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नेटवर्क नई पेशकशों के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में अपने टीवी और ओटीटी बिजनेस का विस्तार करना चाहता है।
नेटवर्क ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में डिजिटल मीडिया में 23.3 प्रतिशत और ट्रेडिशनल मीडिया में 66.5 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी दर्ज की है। ‘शेमारूमी’ ने चौथी तिमाही में 14 टाइटल्स जारी किए हैं।
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डिश टीवी इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) ने कंपनी के वर्तमान चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) मनोज डोभाल को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नामित करने का प्रस्ताव रखा है और साथ ही उनकी नियुक्ति के संबंध में मैनेजमेंट को सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से मंजूरी लेने की सलाह दी है।
वहीं डिश टीवी (Dish TV) के सीईओ पद पर तैनात अनिल कुमार दुआ ने कंपनी की वर्तमान जिम्मेदारियों से मुक्त करने के लिए निदेशक मंडल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और यह प्रस्ताव इसी का परिणाम है। दुआ मई 2017 में डिश टीवी में सीईओ के तौर पर कार्यरत हैं।
6 साल के सफल कार्यकाल के बाद, दुआ ने अब कंपनी के निदेशक मंडल से जाने का अनुरोध किया। दुआ मई 2017 में डिश टीवी और डी2एच मर्जर के शुरुआती दौर में कंपनी में शामिल हुए थे और मर्जर के बाद कंपनी को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनके पास मैनेजमेंट के कई पदों और भारत के साथ-साथ विदेशों में काम करने का लगभग 24 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 2006 से 2014 तक हीरो मोटोकॉर्प (पूर्व में हीरो होंडा) में सेल्स, मार्केटिंग और कस्टमर सर्विस के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में भी काम किया। इसके अलावा डोभाल ने कोलगेट, डाबर, रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा प्ले और इंडियाकास्ट मीडिया जैसे ब्रैंड्स के साथ भी काम किया है।
अपने पत्र में अनिल दुआ ने कहा कि पिछले 6 साल से शानदार टीम के साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात है। मैनें निदेशक मंडल को अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अगले तीन महीने आप लोगों के साथ काम करूंगा। मुझे उम्मीद है कि आप मनोज डोभाल को भी मेरी तरह सपोर्ट करेंगे और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
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बुटीक टैलेंट मैनेजमेंट फर्म YRF टैलेंट (YRF Talent) ने आकांक्षा मल्होत्रा को टैलेंट का एवीपी नियुक्त किया है।
इस नई भूमिका में, आकांक्षा YRF टैलेंट में फिल्म डिवीजन की अगुवाई करेंगी, साथ ही आर्टिस्ट व स्टूडियो, प्रड्यूसर्स व प्लेटफॉर्म्स के बीच एक्टर्स के लिए प्रोजेक्ट पैकेज करने के लिए स्ट्रैटजिक रिलेशनशिप का नेतृत्व करेंगी।
आकांक्षा को फिल्म इंडस्ट्री में 13 सालों से भी ज्यादा का अनुभव है।
टैलेंट एंड कम्युनिकेशंस स्ट्रैटेजी के वाइस प्रेसिडेंट पृथ्वीश गांगुली ने कहा कि एजेंसी में आकांक्षा मल्होत्रा जैसी शख्स के शामिल होने पर हमें खुशी है। आज के मूवी-बिजनेस के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को देखते हुए आकांक्षा का अनुभव हमें तेजी से विकसित होते कंटेंट प्रॉडक्शन को नेविगेट करने में मदद करेगा। उनकी विशेषज्ञता हमारे लिए होमग्रोन टैलेंट बताने और स्ट्रैटजिक करियर डिसीजन लेने की सलाह देने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
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