इस नई भूमिका के साथ ही वह पहले की तरह प्रोग्रामिंग हेड के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क ने अपने प्रोग्रामिंग हेड शैलेंद्र नाथ सिंह झा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें डिप्टी मैनेजिंग एडिटर बनाया है। इस नई भूमिका के साथ ही वह पहले की तरह प्रोग्रामिंग हेड के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
शैलेंद्र झा करीब ढाई दशक से ज्यादा समय से मीडिया से जुड़े हुए हैं। ‘जी’ न्यूज से वर्ष 1998 में अपना करियर शुरू करने वाले शैलेंद्र झा करीब 20 साल ‘सहारा न्यूज नेटवर्क’ में रहे। यहां प्रोग्रामिंग हेड की भूमिका निभाते हुए उन्होंने तमाम बेहतरीन शो बनाए।
वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय के नेतृत्व में वर्ष 2022 में लॉन्च हुए ‘भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क में शैलेंद्र झा बतौर प्रोग्रामिंग हेड जुड़े और लॉन्चिंग के समय से ही अपने धारदार काम के जरिये चैनल में अपनी खास जगह बनाई।
चैनल प्रबंधन ने शैलेंद्र झा को तोहफा देते हुए उन्हें डिप्टी मैनेजिंग एडिटर के पद पर प्रमोट किया है। समाचार4मीडिया की ओर से शैलेंद्र नाथ झा को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय के खिलाफ वर्ष 2018 में दर्ज सीबीआई की एफआईआर को पूरी तरह रद्द कर दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय के खिलाफ वर्ष 2018 में दर्ज सीबीआई की एफआईआर को पूरी तरह रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा कि इस मामले में कोई सार्वजनिक सेवक शामिल नहीं था और यह भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि एक निजी अनुबंध (contractual) से जुड़ा विवाद था।
अदालत ने यह भी माना कि शिकायतकर्ता कंपनी ने समझौते और ‘नो ऑब्जेक्शन’ एफिडेविट दाखिल कर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि कंपनी अब इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती।
अदालत ने पाया कि इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत कोई प्राथमिक दृष्टया अपराध नहीं बनता, इसलिए एफआईआर और उससे जुड़ी सभी कार्यवाहियां रद्द कर दी गईं।
आज अजय कक्कड़ का जन्मदिन है- एक ऐसे मार्केटिंग लीडर का, जिनके काम ने भारत में ब्रैंड्स को भरोसा, उद्देश्य और पहचान के साथ जोड़ने का तरीका बदल दिया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
आज अजय कक्कड़ का जन्मदिन है- एक ऐसे मार्केटिंग लीडर का, जिनके काम ने भारत में ब्रैंड्स को भरोसा, उद्देश्य और पहचान के साथ जोड़ने का तरीका बदल दिया। तीन दशकों से ज्यादा लंबे अपने करियर में उन्होंने विज्ञापन, वित्तीय मार्केटिंग और कॉर्पोरेट ब्रैंडिंग की दुनिया को एक साथ जोड़ते हुए हर संस्था पर गहरी छाप छोड़ी है, जिसका वे हिस्सा रहे हैं।
वर्तमान में अडानी ग्रुप के कॉर्पोरेट ब्रैंडिंग हेड के रूप में अजय कक्कड़ समूह की एकीकृत ब्रैंड पहचान तैयार करने का काम संभाल रहे हैं। उनका फोकस अडानी समूह के विविध कारोबारों को एक साझा ब्रैंड कहानी के जरिए जोड़ने पर है, ताकि समूह की विकास यात्रा, विश्वसनीयता और स्थायी राष्ट्रीय प्रगति की दृष्टि को सही रूप में दर्शाया जा सके। इस भूमिका में वे भारत के शीर्ष ब्रैंड रणनीतिकारों में से एक के रूप में अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
अडानी ग्रुप से जुड़ने से पहले अजय कक्कड़ ने करीब 15 साल आदित्य बिड़ला ग्रुप में बिताए, जहाँ वे Aditya Birla Capital के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर रहे। इस दौरान उन्होंने कई वित्तीय सेवाओं को एक ही मास्टर ब्रैंड के तहत लाकर कंपनी को एक नई, मजबूत पहचान दी। इस पहल ने Aditya Birla Capital को भारत के सबसे भरोसेमंद वित्तीय संस्थानों में शामिल कर दिया। मार्केटिंग और ब्रैंड इंटीग्रेशन में उनका यह काम आज भी मल्टी-बिजनेस कंपनियों को एक साझा पहचान देने का आदर्श उदाहरण माना जाता है।
इससे पहले वे Reliance Capital में ब्रैंडिंग और कम्युनिकेशन हेड थे, जहाँ उन्होंने कंपनी के ब्रैंड स्ट्रैटेजी, मीडिया एंगेजमेंट और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन को नए मुकाम पर पहुँचाया। उस दौर में कंपनी तेजी से बढ़ रही थी और उनके नेतृत्व में उसकी साख और दृश्यता दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
अजय कक्कड़ की पेशेवर यात्रा की शुरुआत Ogilvy से हुई, जहाँ उन्होंने 14 साल से ज्यादा समय तक काम किया और अंततः Ogilvy Public Relations के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड बने। वहीं उन्होंने Ogilvy की फाइनेंशियल प्रैक्टिस डिविजन को भी लीड किया, जो भारत में वित्तीय ब्रैंड्स के संवाद करने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित करने वाला एक नवाचार था। उन्होंने कहानी कहने की कला को वित्तीय स्पष्टता के साथ जोड़कर यह दिखाया कि पब्लिक रिलेशंस केवल सपोर्ट नहीं, बल्कि बिजनेस स्ट्रैटेजी का अहम हिस्सा हो सकता है।
उनके जन्मदिन के मौके पर इंडस्ट्री उन्हें एक ऐसे लीडर के रूप में याद कर रही है, जिन्होंने रचनात्मकता, रणनीति और उद्देश्य को मिलाकर ऐसे ब्रैंड बनाए जो भरोसे और मूल्यों पर टिके हैं और जो आज भी भारतीय कॉर्पोरेट जगत की पहचान तय कर रहे हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए ओसामा शाब ने कहा कि वह फिलहाल छोटे से ब्रेक पर हैं औऱ जल्द नई पारी की शुरुआत कर उस बारे में बताएंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
टीवी पत्रकार ओसामा शाब (Osama Shaab) ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) को अलविदा बोल दिया है। वह यहां करीब 11 साल से कार्यरत थे और स्पोर्ट्स एंकर समेत विभिन्न भूमिकाओं में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अपने इस्तीफे की जानकारी ओसामा ने कुछ दिनों पहले खुद एक वीडियो क्लिप के जरिये सोशल मीडिया पर शेयर की है।
अपनी इस वीडियो क्लिप में ओसामा शाब ने कहा है, ‘11 यादगार सालों के बाद अब मैं एनडीटीवी से अलविदा कह रहा हूं। यह मेरे लिए सिर्फ एक कार्यस्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा स्थान रहा जहां मैंने पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से खुद को विकसित किया। यहां मैंने स्टोरीटेलिंग की कला सीखी, ब्रेकिंग न्यूज के लंबे और थकाऊ दौर झेले, कॉफी और अफरा-तफरी के बीच जिया और कुछ ऐसे शानदार लोगों से मिला जो अब परिवार जैसे बन गए हैं।’
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है, ‘वे रातें जो कभी खत्म नहीं होती थीं और न्यूजरूम में गूंजती वह हंसी जिसने सारी थकान मिटा दी, ये सब यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। हर फ्रेम, हर स्टोरी, हर रंडाउन मेरे दिल में बस गया है।
इस यादगार सफर को खास बनाने वाले सभी लोगों, सहयोगियों, मार्गदर्शकों और दोस्तों का दिल से शुक्रिया, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, मेरी स्क्रिप्ट्स भी बचाईं और कई बार मुझे संभाला। यह एक लंबी पारी का अंत है, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।’
समाचार4मीडिया से बातचीत में अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए ओसामा शाब ने कहा कि वह फिलहाल छोटे से ब्रेक पर हैं औऱ जल्द नई पारी की शुरुआत कर उस बारे में बताएंगे।
‘एनडीटीवी’ से पहले ओसामा ‘Z&Z Media Productions Private Limited’ में क्रिएटिव डायरेक्टर थे। हालांकि, यहां उनका सफर महज 11 महीने ही रहा। दिल्ली में ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’ विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट ओसामा शाब पूर्व में ‘Hats Off Productions’ और ‘Optimystix Entertainment India Pvt Ltd’ में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
ओसामा शाब द्वारा 'एनडीटीवी' से अपने इस्तीफे के बारे में शेयर वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
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केबल नेटवर्क कंपनी DEN Networks Limited को टैक्स विवाद मामले में बड़ी राहत मिली है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
केबल नेटवर्क कंपनी डेन नेटवर्क (DEN Networks Limited) को टैक्स विवाद मामले में बड़ी राहत मिली है। कंपनी ने बताया कि सेंट्रल टैक्स और सेंट्रल एक्साइज, कोच्चि के जॉइंट कमिश्नर द्वारा लगाए गए टैक्स और जुर्माने के आदेश को अब अपीलीय प्राधिकरण (Appellate Authority) ने पूरी तरह रद्द कर दिया है।
यह मामला जुलाई 2017 से मार्च 2022 के बीच के टैक्स भुगतान से जुड़ा था। फरवरी 2025 में जारी आदेश के अनुसार, कंपनी से 33 करोड़ 25 लाख 97 हजार 247 रुपये का टैक्स, ब्याज और जुर्माना वसूला जाना तय किया गया था। यह कार्रवाई CGST कोच्चि कमिश्नरेट द्वारा की गई थी।
टैक्स विभाग का आरोप था कि कंपनी को टैक्स उस पूरी राशि पर देना चाहिए थी जो लोकल केबल ऑपरेटर (LCO) ने ग्राहकों से वसूली थी, न कि उस हिस्से पर जो कंपनी ने LCO से लिया था। इसी आधार पर विभाग ने कंपनी पर भारी टैक्स और पेनल्टी लगाई थी।
DEN Networks ने इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। कमिश्नर (अपील), सेंट्रल टैक्स और एक्साइज, कोच्चि ने 21 अगस्त 2025 को कंपनी की दलील को सही माना और विभाग का पूरा आदेश रद्द कर दिया। यानी अब कंपनी को GST, ब्याज या पेनल्टी कुछ भी नहीं देना होगा।
कंपनी ने बताया कि उसे अपीलीय प्राधिकरण का आदेश 29 अक्टूबर 2025 को शाम 5:30 बजे प्राप्त हुआ। कंपनी ने इस जानकारी को औपचारिक रूप से शेयर बाजार और नियामक संस्थाओं के साथ साझा किया है।
यह फैसला DEN Networks के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, क्योंकि इससे कंपनी पर करोड़ों रुपये के टैक्स और पेनल्टी का बोझ खत्म हो गया है।
इस तिमाही में NDTV का रेवेन्यू (Revenue from Operations) 22.27 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा पिछली तिमाही से भी 13.6 प्रतिशत ज्यादा रहा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अदानी समूह की कंपनी ‘न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड’ (NDTV) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं। इस तिमाही में कंपनी को 74.01 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह घाटा 53.46 करोड़ रुपये था और पिछली तिमाही में 70.31 करोड़ रुपये रहा था। यानी कंपनी का घाटा साल-दर-साल 38.4 प्रतिशत और पिछली तिमाही के मुकाबले 5.3 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी ने बताया कि यह नुकसान मुख्य रूप से ऑपरेशनल खर्चों में वृद्धि और ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स में निवेश की वजह से हुआ है।
वहीं, NDTV का रेवेन्यू (Revenue from Operations) इस तिमाही में 122.27 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही (111.32 करोड़ रुपये) की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा पिछली तिमाही (107.65 करोड़ रुपये) से भी 13.6 प्रतिशत ज्यादा रहा। कुल आय (Total Income) बढ़कर 126.72 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले यह 112.01 करोड़ रुपये थी। वहीं, कुल खर्च (Total Expenses) तेज़ी से बढ़कर 199.49 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 114.77 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (H1 FY26) में NDTV की परिचालन आय 229.92 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की पहली छमाही (205.24 करोड़ रुपये) से 12 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान कंपनी की कुल आय 237.55 करोड़ रुपये रही, जबकि कुल खर्च बढ़कर 268.46 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी ने बताया कि यह खर्च कंटेंट क्रिएशन और टैलेंट हायरिंग में लगातार निवेश के कारण बढ़ा है। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध घाटा बढ़कर 14.43 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 10.66 करोड़ रुपये था।
कंपनी के मुताबिक, इस तिमाही के दौरान कई रणनीतिक पहलें (Strategic Developments) की गईं। NDTV ने अपनी ऑन-एयर प्रोग्रामिंग को मजबूत करने के लिए नए प्राइमटाइम शो लॉन्च किए और पद्मजा जोशी, सैयद सुहैल और शुभांकर मिश्रा जैसे अनुभवी एंकरों को टीम में शामिल किया। इससे चैनल की संपादकीय गुणवत्ता और दर्शकों की भागीदारी दोनों में सुधार देखने को मिला।
व्यवसायिक स्तर पर कंपनी ने हाल ही में एक राइट इश्यू (Rights Issue) पूरा किया है, जिससे उसकी पूंजी स्थिति (Capital Base) मजबूत हुई है। साथ ही, NDTV ने अपनी चार इकाइयों को मिलाकर एक कंपनी बना दिया है, ताकि संचालन प्रक्रिया सरल हो और मीडिया बिजनेस पर ज्यादा फोकस किया जा सके।
कंपनी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘इस तिमाही में हमारा रेवेन्यू प्रदर्शन मजबूत रहा, जो त्योहारी सीजन से पहले की बढ़त का नतीजा है। हालांकि, बॉटम लाइन (नेट प्रॉफिट) पर असर इसलिए पड़ा क्योंकि कंपनी ने ट्रांसफॉर्मेशन और ग्रोथ इनिशिएटिव्स में बड़े निवेश किए हैं। कंटेंट एक्सीलेंस, डिजिटल इंटीग्रेशन और बिजनेस सुदृढ़ीकरण पर फोकस के साथ NDTV आने वाले त्योहारी क्वार्टर और भविष्य के लिए बेहतर स्थिति में है।’
विक्रम सखूजा के जन्मदिन पर पूरा इंडस्ट्री जगत उन्हें एक ऐसे लीडर के तौर पर याद कर रहा है जिन्होंने सिर्फ कंपनियों को नहीं, बल्कि लोगों की सोच और काम करने के तरीके को भी बदल दिया।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारतीय मीडिया और विज्ञापन जगत का नाम लेते ही विक्रम सखूजा का जिक्र अपने आप आ जाता है। आज, जब वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं, पूरा इंडस्ट्री जगत उन्हें एक ऐसे लीडर के तौर पर याद कर रहा है जिन्होंने सिर्फ कंपनियों को नहीं, बल्कि लोगों की सोच और काम करने के तरीके को भी बदल दिया।
मैडिसन मीडिया को बनाया देश की सबसे मजबूत एजेंसी
2015 से मैडिसन मीडिया और OOH के ग्रुप सीईओ के रूप में विक्रम सखूजा ने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके नेतृत्व में मैडिसन ने डिजिटल युग में अपने कदम मजबूती से जमाए और हर साल नए क्लाइंट्स और इनोवेशन के साथ आगे बढ़ती रही। आज भी जब कई एजेंसियां बड़े कॉरपोरेट समूहों का हिस्सा बन चुकी हैं, मैडिसन ने अपनी स्वतंत्र पहचान और भरोसेमंद छवि को कायम रखा है और ये सब विक्रम की सोच और नेतृत्व की वजह से संभव हुआ है।
वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की पहचान
मैडिसन से पहले विक्रम सखूजा ने WPP और GroupM जैसी दिग्गज ग्लोबल कंपनियों में अहम भूमिकाएं निभाईं। Maxus के वर्ल्डवाइड सीईओ रहते हुए उन्होंने 50 से ज्यादा देशों में फैले नेटवर्क का नेतृत्व किया। इसके बाद GroupM, लंदन में ग्लोबल स्ट्रैटेजिक डेवलपमेंट ऑफिसर के रूप में उन्होंने दुनियाभर में मीडिया और मार्केटिंग रणनीतियों को दिशा दी।
भारतीय विज्ञापन को नई दिशा देने वाले लीडर
GroupM South Asia के सीईओ रहते हुए (2006–2012) उन्होंने भारत के विज्ञापन उद्योग को पूरी तरह बदल कर रख दिया। उस दौर में Mindshare, Maxus, MEC और Mediacom जैसी एजेंसियों ने उनके नेतृत्व में सफलता की नई कहानियां लिखीं।
उनकी शुरुआत Mindshare South Asia के एमडी और सीईओ के रूप में हुई थी, जहां उन्होंने Mindshare Fulcrum नामक यूनिट बनाई, जो Unilever जैसे बड़े ब्रैंड्स के मीडिया काम को संभालती थी। उनके कार्यकाल में माइंडशेयर कई बार “एजेंसी ऑफ द ईयर” चुनी गई, जो उनकी दूरदर्शी सोच का नतीजा था।
ब्रैंड्स से सीखा, मीडिया में चमके
विक्रम का करियर 1988 में प्रॉक्टर एंड गैम्बल (P&G) से शुरू हुआ। इसके बाद 1996 में वे कोका-कोला से जुड़े, जहां उन्होंने स्प्राइट, डाइट कोक, किनले, एरियल और व्हिस्पर जैसे मशहूर ब्रैंड्स की लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई। यहीं से उन्हें उपभोक्ता समझ और ब्रैंड बिल्डिंग की गहरी समझ मिली, जिसने आगे उनके पूरे करियर को दिशा दी।
टीवी की दुनिया में भी छाप छोड़ी
साल 2000 में वे स्टार टीवी में मार्केटिंग के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट बने, जहां उन्होंने चैनल की मार्केटिंग टीम खड़ी की और स्टार विजय और रेडियो सिटी जैसे ब्रैंड्स को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने यह साबित किया कि टीवी और ब्रॉडकास्टिंग में भी उनकी समझ और रणनीति बेमिसाल है।
इंडस्ट्री संस्थाओं में हमेशा सक्रिय
विक्रम सखूजा सिर्फ एक कॉरपोरेट लीडर नहीं हैं, बल्कि पूरे मीडिया उद्योग के सक्रिय सदस्य हैं। वे ASCI, ABC, RSCI, BARC, और FICCI जैसी संस्थाओं के कई बोर्ड्स और कमेटियों में जुड़े हैं। फिलहाल वे द एडवरटाइजिंग क्लब बॉम्बे के अध्यक्ष, EFFIES इंडिया के चेयरमैन, IRS टेक्निकल कमेटी के चेयरमैन, और BARC डिजिटल टेक कमेटी के सदस्य हैं।
नेतृत्व, ईमानदारी और जुनून की कहानी
विक्रम सखूजा का सफर सिर्फ एक प्रोफेशनल यात्रा नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और दूरदर्शी सोच की कहानी है। उन्होंने भारतीय मीडिया और विज्ञापन इंडस्ट्री को न सिर्फ नई दिशा दी बल्कि ऐसे मूल्यों की नींव रखी जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
विक्रम सखूजा का जन्मदिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उस लीडर की याद दिलाता है जिसने साबित किया कि सच्चा नेतृत्व पद से नहीं, सोच से आता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद एएनआई का सीधे YouTube से संपर्क करना उचित नहीं था।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई (Asian News International) को फटकार लगाई है, क्योंकि उसने कॉपीराइट विवाद के मामले के दौरान सीधे YouTube से संपर्क कर Dynamite News Network का चैनल ब्लॉक करा दिया था। अदालत ने कहा कि यह कदम अदालत की प्रक्रिया को दरकिनार करने वाला है।
न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और ओम प्रकाश शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित था, तब एएनआई को खुद से कोई कदम नहीं उठाना चाहिए था। अदालत ने यह भी बताया कि Dynamite News का चैनल पहले ही 21 मार्च को अदालत के आदेश के बाद अनब्लॉक कर दिया गया था।
बावजूद इसके, एएनआई ने नए URLs का हवाला देते हुए फिर से चैनल ब्लॉक कराने की कोशिश की। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का व्यवहार “निंदनीय” है और एएनआई को पहले सिंगल जज के समक्ष जाना चाहिए था। Dynamite News ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि वह उन वीडियो को हटा देगा जो गलती से अपलोड हो गए थे और भविष्य में एएनआई की सामग्री का उपयोग नहीं करेगा।
सिंगल जज ने YouTube को निर्देश दिया था कि Dynamite News का चैनल दो दिनों के भीतर फिर से चालू किया जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में कोई तीसरा पक्ष एएनआई की सामग्री का दुरुपयोग करता है, तो वह एक अलग मामला होगा। एएनआई की अपील को अदालत ने “बिना किसी आधार” के बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि ऐसे मामलों में अदालत की प्रक्रिया का सम्मान करना जरूरी है।
‘टाइम्स इंटरनेट’ से पहले श्रीराम हेब्बार ‘Confidential’ छह साल से ज्यादा समय से ‘Confidential’ के साथ जुड़े हुए थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) ने श्रीराम हेब्बार को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें ग्रुप बिजनेस हेड की जिम्मेदारी सौंपी है। हेब्बार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ पर खुद यह जानकारी शेयर की है।
अपनी लिंक्डइन पोस्ट में हेब्बार ने लिखा है, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने टाइम्स इंटरनेट में ग्रुप बिजनेस हेड के रूप में नई भूमिका संभाली है। अब तक के अनुभवों, भरोसे और उन लोगों के प्रति आभारी हूं जो इस शानदार सफर का हिस्सा रहे हैं। आने वाले समय के लिए उत्साहित हूं।’
हेब्बार ने जुलाई 2024 में ‘टाइम्स इंटरनेट’ से बतौर बिजनेस हेड (न्यूजपॉइंट) जॉइन किया था। इसके बाद से वह संस्थान में विभिन्न लीडरशिप भूमिकाएं निभा चुके हैं। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने 1996 में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के बेंगलुरु ऑपरेशंस की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।
अपने करियर में हेब्बार ने ‘Sesa Seat Information Systems Ltd.’, ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ ग्रुप और ‘Indiainfo.com’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य किया है। ‘टाइम्स इंटरनेट’ से जुड़ने से पहले उन्होंने करीब छह साल ‘Confidential’ और 13 साल से अधिक समय तक ‘Greynium Information Technologies Pvt. Ltd.’ में भी सेवाएं दी हैं।
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के सचिव पद पर तैनात अमित खरे को ‘संसद टीवी’ (Sansad TV) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के सचिव पद पर तैनात अमित खरे को ‘संसद टीवी’ (Sansad TV) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
अमित खरे को इसी साल सितंबर में नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
इस बारे में ‘संसद टीवी’ की गवर्निंग काउंसिल की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, ‘संसद टीवी की गवर्निंग काउंसिल ने निर्णय लिया है कि श्री अमित खरे, IAS (सेवानिवृत्त), जो वर्तमान में माननीय उपराष्ट्रपति के सचिव के पद पर कार्यरत हैं, वे तत्काल प्रभाव से और अगली आदेश तक संसद टीवी के CEO के रूप में कार्य करेंगे।’
अमित खरे, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह से यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जिनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है।
कोबरा पोस्ट के फाउंडर-एडिटर अनिरुद्ध बहल ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
कोबरा पोस्ट के फाउंडर-एडिटर अनिरुद्ध बहल ने गुरुवार, 30 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का शीर्षक है- “The Ledger of Lies” (झूठ का हिसाब-किताब), जो नाम से ही यह संकेत देता है कि यह किसी बड़े आर्थिक या वित्तीय खुलासे से जुड़ा इवेंट हो सकता है।
कोबरा पोस्ट का दावा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में करीब ₹41,000 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा। संस्था के अनुसार, इसमें से लगभग ₹28,874 करोड़ की राशि कथित रूप से डायवर्ट की गई है और करीब $1.5 बिलियन डॉलर की रकम संदिग्ध लेन-देन के जरिए भारत में लाई गई बताई जा रही है।
इस दावे को और प्रभावशाली बनाने के लिए कार्यक्रम के बाद एक पैनल डिस्कशन भी रखा गया है, जिसमें देश के जाने-माने नाम जैसे प्रशांत भूषण, परंजय गुहा ठाकुरता, अभिनंदन सेखरी और उशिनोर मजूमदार शामिल होंगे। इन सभी का जुड़ाव पत्रकारिता, जनहित मुकदमों और मीडिया एक्टिविज्म से रहा है, जिससे यह इवेंट और भी चर्चित हो गया है।
कार्यक्रम का निमंत्रण पोस्टर और शीर्षक दोनों ही इसे एक हाई-प्रोफाइल मीडिया इवेंट का रूप दे रहे हैं। कोबरा पोस्ट की पिछली रिपोर्ट्स की तरह ही इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ ऐसे आरोप या दस्तावेज पेश किए जा सकते हैं, जो सुर्खियां बटोरें। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तक यह साफ नहीं किया गया है कि इस खुलासे का निशाना कौन होगा, जिससे मीडिया और बाजार हलकों में उत्सुकता और अटकलें दोनों ही बढ़ गई हैं।
दिल्ली और मुंबई के मीडिया सर्किल्स में इसे लेकर लगातार चर्चा हो रही है कि क्या कोबरा पोस्ट इस बार वास्तव में कुछ नया सामने लाएगा या फिर यह पहले से चर्चा में रहे मामलों की नई पैकेजिंग में पुरानी कहानी होगी। फिर भी, “The Ledger of Lies” जैसे शीर्षक और इतने बड़े पैनल की मौजूदगी ने इस आयोजन को चर्चा का विषय जरूर बना दिया है।