2025 मीडिया इंडस्ट्री के लिए नेतृत्व और रणनीति के लिहाज से एक अहम मोड़ वाला साल रहा है। न्यूज व एंटरटेनमेंट से जुड़े प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में बड़े बदलाव देखने को मिले।
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Vikas Saxena
2025 मीडिया इंडस्ट्री के लिए नेतृत्व और रणनीति के लिहाज से एक अहम मोड़ वाला साल रहा है। न्यूज, एंटरटेनमेंट व ऐडवर्टाइजिंग से जुड़े प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में बड़े बदलाव देखने को मिले। किसी स्थान पर अनुभव को महत्व देकर नेतृत्व पर भरोसा जताया गया, तो कहीं नए बदलावों और डिजिटल उन्मुख रणनीतियों के लिए नई भूमिका सौंपी गई। इस साल शीर्ष पदों में जो नियुक्तियां हुईं, वे न केवल चैनलों के संचालन को एक बेहतर दिशा दे रही हैं, बल्कि इन मीडिया संस्थानों के कंटेंट, व्युअरशिप और डिजिटल विस्तार की दिशा को भी एक नई आकार दे रही हैं।
2025 की शुरुआत ने मीडिया इंडस्ट्री में एक स्पष्ट संकेत दिया कि यह वर्ष नेतृत्व भूमिकाओं के बदलाव, बड़े पदों से इस्तीफों और नई नियुक्तियों का वर्ष रहेगा। वर्ष के पहले तीन महीनों में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियां कीं, जो कंपनी के कंटेंट और मार्केटिंग रणनीति को नए सिरे से आकार देने की दिशा में थीं। इस माह में राजरमन एस. को कंटें स्ट्रैटजी के हेड के रूप में नियुक्त किया गया, जिनके पास डिज्नी स्टार और वायकॉम18 समेत कई बड़े नेटवर्क्स का अनुभव रहा है, जिससे SPNI की कंटेंट योजना को एक नई दिशा मिल सके।
इसके साथ ही परिंदा सिंह को हिंदी मूवी और रीजनल क्लस्टर्स के लिएमार्केटिंग का हेड नियुक्त किया गया, जो एमेजॉन प्राइम वीडियो और स्टार टीवी नेटवर्क जैसी दिग्गज कंपनियों में काम कर चुकी हैं। इसी अवधि में अम्बेश तिवारी को किड्स एंड एनिमेशन के बिजनेस हेड का पद सौंपा गया, जो पहले वायकॉम18, जी और स्टार इंडिया में भी अहम भूमिकाओं में रह चुके हैं।
इस तिमाही में SPNI से SonyLiv के बिजनेस हेड दानिश खान ने 20 से अधिक वर्षों की सेवा के बाद कंपनी छोड़ने की घोषणा की, जो 31 मार्च 2026 को कंपनी से अलग हो जाएंगे। इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म की बदलती रणनीति के संकेत के तौर पर भी देखा गया।
इंडिया टुडे ग्रुप के भीतर भी बड़ा लीडरशिप रीस्ट्रक्चर देखने को मिला, जिसमें सिद्धार्थ जराबी को ग्रुप एडिटर के रूप में आगे बढ़ाया गया और आलोक नायर को स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट के सीओओ की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके साथ ही सुप्रिय प्रसाद के नेतृत्व में इनपुट और एडिटोरियल टीमों के स्तर पर डिजिटल और एआई-फोकस्ड बदलावों की प्रक्रिया भी तेज की गई।
2025 की दूसरी तिमाही में, देश के शीर्ष न्यूज एंकर में शुमार सुधीर चौधरी ने आजतक से अलग होकरडीडी न्यूज में नई पारी की शुरुआत की। उन्होंने अप्रैल में आजतक को अलविदा कहा और मई महीने में ‘डिकोड’ नाम के नए प्राइम-टाइम शो के साथ डीडी न्यूज पर डेब्यू किया। इसे उनके करियर का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट माना गया।
इसी अवधि में जियोस्टार ने एंटरटेनमेंट के रेवेन्यू हेड के तौर पर महेश शेट्टी की जिम्मेदारी सौंपी, जबकि साहिल चोपड़ा को कंज्यूमर मार्केटिंग के वाइस प्रेसिडेंट के पद पर प्रमोट किया गया। ये दोनों ही नियुक्तियां जियोस्टार के टीवी, डिजिटल और अंतरराष्ट्रीय विस्तार को मजबूत करने की रणनीति का अहम हिस्सा रहीं।
2025 के मध्य महीनों में SPNI और जी ग्रुप सहित कई बड़ी मीडिया कंपनियों में लीडरशिप फेरबदल जारी रहा। SPNI में नेटवर्क चैनल्स के लिए ऐड सेल्स के हेड संदीप मेहरोत्रा ने निजी कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके जाने से विज्ञापन और चैनल सेल्स से जुड़े विभाग में एक बड़ी खाली जगह बनी।
वहीं सोहा डी. कुलकर्णी, जो फिक्शन प्रोग्रामिंग की वाइस प्रेसिडेंट और क्रिएटिव डायरेक्टर थीं, ने सोनी मराठी से विदाई ली। उन्होंने चैनल के साथ करीब साढ़े आठ साल तक काम किया।
इसी तिमाही में सम्राट घोष ने जी एंटरटेनमेंट में ईस्ट, नॉर्थ और प्रीमियम के चीफ क्लस्टर ऑफिसर का पद छोड़ दिया। इसे जी ग्रुप की रणनीतिक दिशा में बदलाव के संकेत के तौर पर देखा गया।
2025 के आखिरी तीन महीनों में भारतीय मीडिया और ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में ऐसे फैसले और नियुक्तियां देखने को मिलीं, जिन्होंने आने वाले वर्षों की दिशा तय करने का संकेत दिया। अक्टूबर से दिसंबर के बीच कई बड़े मीडिया समूहों ने अपने टॉप मैनेजमेंट और स्ट्रैटेजिक पदों पर बदलाव किए।
सबसे बड़ी खबर ओम्निकॉम और आईपीजी मीडिया ब्रैंड्स के ग्लोबल मर्जर के बाद भारत में नई लीडरशिप स्ट्रक्चर को लेकर सामने आई। इस मर्जर के तहत कार्तिक शर्मा को ओम्निकॉम मीडिया इंडिया का सीईओ नियुक्त किया गया। उनके साथ अमरदीप सिंह को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) की जिम्मेदारी दी गई, जबकि इंडस्ट्री के सीनियर लीडर शशि सिन्हा को स्ट्रैटेजिक एडवाइजर की भूमिका सौंपी गई। यह बदलाव मीडिया एजेंसी कारोबार में बड़े स्तर पर रीस्ट्रक्चरिंग का संकेत माना गया।
इसी दौरान पब्लिसिस ग्रुप इंडिया ने डिजिटल और परफॉर्मेंस मार्केटिंग पर अपना फोकस और मजबूत करते हुए अतीक काजी को परफॉर्मिक्स इंडिया का सीईओ नियुक्त किया। यह नियुक्ति डिजिटल विज्ञापन, डेटा और रिजल्ट संचालित मार्केटिंग के बढ़ते महत्व को दर्शाती है।
साल के अंतिम महीनों में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) के भीतर भी कंटेंट और क्रिएटिव स्तर पर बदलाव जारी रहे। गौतम जैन को 'सोनी सब' में कंटेंट लीड की जिम्मेदारी दी गई, जबकि सुवनकर बनर्जी ने स्टूडियो नेक्स्ट में क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में कमान संभाली। इन नियुक्तियों को नेटवर्क के फिक्शन और ओरिजिनल कंटेंट को नई धार देने की कोशिश के तौर पर देखा गया।
जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) करण अभिषेक सिंह ने 15 महीने के कार्यकाल के बाद अक्टूबर में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जुलाई 2024 में सीईओ की जिम्मेदारी संभालने वाले करण अभिषेक ने अपने नेतृत्व में चैनल को रणनीतिक दिशा और नई ऊर्जा दी।
वहीं जी एंटरटेनमेंट से जुड़ी एक अहम लीडरशिप मूवमेंट के तहत आशीष सहगल, जो जी में चीफ ग्रोथ ऑफिसर की भूमिका में थे, ने कंपनी से विदाई ली और टाइम्स नेटवर्क में नई पारी शुरू की। उन्होंने वहां सीईओ – टाइम्स टीवी नेटवर्क और साथ ही चीफ ग्रोथ ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाली। इसे ब्रॉडकास्ट न्यूज स्पेस में एक बड़ा और रणनीतिक बदलाव माना गया।
साल के अंत में इंडस्ट्री संगठनों के स्तर पर भी बदलाव देखने को मिले। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) का अध्यक्ष चुना गया। उनकी यह भूमिका टीवी और डिजिटल न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े नीतिगत मुद्दों, रेगुलेशन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में अहम मानी जा रही है।
जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 3 नवंबर को हुई बैठक में रक्तिम दास को कंपनी का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और प्रमुख प्रबंधकीय पदाधिकारीनियुक्त करने की घोषणा की। उनकी नियुक्ति 4 नवंबर से प्रभावी मानी गई।
टीवी न्यूज की दुनिया के जाने-माने चेहरे और सीनियर न्यूज एंकर सुमित अवस्थी के बारे में भी दिसंबर के पहले हफ्ते में खबर आयी कि उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) जॉइन कर लिया है। उन्होंने इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया। सुमित अवस्थी ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम देकर यहां पहुंचे। वह करीब ढाई साल से ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
वहीं इस साल दिसंबर के पहले हफ्ते में यह भी खबर आयी कि वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी ने देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शामिल ‘टाइम्स नेटवर्क’ (TIMES NETWORK) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस साल मार्च में यहां मैनेजिंग एडिटर (डिजिटल) के पद पर जॉइन किया था। हालांकि अपने कदम के बारे में पूजा सेठी का कहना था कि वे समय आने पर वह इस बारे में बताएंगी। ‘टाइम्स नेटवर्क’ से पहले पूजा सेठी अक्टूबर 2022 से ‘इंडिया टीवी’ (India TV) में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
वहीं, दिसंबर में एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव यह देखने को मिला कि वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज इंडिया’ (News India) में सीईओ और एडिटर-इन-चीफ के पद पर जॉइन किया। यह नियुक्ति यह दर्शाती है कि न्यूज चैनल ने खबरों का कवरेज, पत्रकारिता की गहराई और नेतृत्व रणनीति दोनों में बदलाव की ओर कदम बढ़ाया है।
‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) से पहले अंकुर श्रीवास्तव ‘जियोस्टार’ (JioStar) में डायरेक्टर (LCS) के पद पर कार्यरत थे।
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Samachar4media Bureau
‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) ने अंकुर श्रीवास्तव को एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के पद पर नियुक्त किया है। यह जानकारी अंकुर श्रीवास्तव ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) पर शेयर की है।
‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ से पहले अंकुर श्रीवास्तव ‘जियोस्टार’ (JioStar) में डायरेक्टर (LCS) के पद पर कार्यरत थे।
नई भूमिका में अंकुर श्रीवास्तव साउथ रीजन में हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनलों (Hindi GEC) के लिए रेवेन्यू की योजना बनाने, उसे लागू करने और बेहतर बनाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका फोकस विज्ञापन बिक्री को बढ़ाने, मजबूत सेल्स पाइपलाइन तैयार करने, बड़े डील्स को क्लोज करने और क्लाइंट्स, एजेंसियों व पार्टनर्स के साथ बेहतर मॉनेटाइजेशन के अवसर तलाशने पर रहेगा।
इसके साथ ही वह नेशनल स्ट्रैटेजी के अनुरूप रीजनल बिजनेस प्लान तैयार करेंगे और उसे लागू करेंगे। इसमें रेवेन्यू टारगेट्स तय करना, गो-टू-मार्केट स्ट्रैटेजी, प्राइसिंग और इन्वेंट्री प्लानिंग जैसे अहम पहलू शामिल होंगे।
अंकुर श्रीवास्तव मीडिया एजेंसियों, बड़े विज्ञापनदाताओं और प्रमुख स्ट्रैटेजिक अकाउंट्स के साथ सीनियर-लेवल रिश्ते मजबूत करने पर भी काम करेंगे, ताकि बाजार में सोनी नेटवर्क को एक प्रेफर्ड मीडिया नेटवर्क के तौर पर स्थापित किया जा सके।
अंकुर श्रीवास्तव को मीडिया इंडस्ट्री में 13 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह बिजनेस डेवलपमेंट और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। वह वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ करीब सात साल तक जुड़े रहे। इसके अलावा वह स्टार टीवी नेटवर्क, रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड (92.7 बिग एफएम) और UBM इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में भी विभिन्न अहम भूमिकाओं में काम कर चुके हैं।
Ebix, Inc. के पूर्व चेयरमैन व सीईओ रॉबिन रैना ने मंगलवार को एराया लाइफस्पेसेस लिमिटेड के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि कंपनी उनके बारे में 'गतल और भ्रामक बातें' फैला रही है।
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Samachar4media Bureau
Ebix, Inc. के पूर्व चेयरमैन व सीईओ रॉबिन रैना ने मंगलवार को एराया लाइफस्पेसेस लिमिटेड के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि कंपनी उनके बारे में 'गतल और भ्रामक बातें' फैला रही है।
रैना ने कहा कि एराया ने सुप्रीम कोर्ट के 25 अगस्त 2024 के आदेश को गलत तरीके से पेश किया, यह दिखाने के लिए कि कोर्ट ने उनके मालिकाना हक और कॉन्ट्रैक्ट संबंधी दावों को खारिज कर दिया। रैना ने इसे पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि एराया के दावे कानूनी रूप से ठोस नहीं हैं।
यह स्पष्टीकरण उस समय आया जब एराया ने रैना के अर्बिट्रेशन और समझौता अधिनियम की धारा 11 के तहत आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संबंधित सार्वजनिक बयान दिए थे। रैना के अनुसार, एराया ने गलत दावा किया कि आदेश ने उनके स्वामित्व दावों को “समाप्त” कर दिया या कि अदालत ने उनके द्वारा भरोसेमंद समझौतों को झूठा ठहराया।
रैना के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल यह देखने के लिए था कि क्या उनके मामले को तुरंत आर्बिट्रेशन में भेजा जाना चाहिए या नहीं। कोर्ट ने किसी भी समझौते की वैधता की जांच नहीं की, किसी भी दस्तावेज को नकली या फर्जी साबित नहीं किया और न ही रैना के 50% शेयरधारक होने के दावे पर कोई फैसला सुनाया।
प्रेस नोट में रैना ने कहा, “मेरे 50% शेयरधारक होने का दावा अगस्त 2024 में किए गए वैध समझौते पर आधारित है और यह पूरी तरह से कानून के अनुसार सुलझाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट रूप से मेरे सभी अधिकारों और उपायों को सुरक्षित रखता है। एराया द्वारा इसे जीत दिखाने की कोशिश केवल विवाद को ध्यान भटकाने की कोशिश है।”
रैना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल यह तय करने तक सीमित था कि उस समय तत्काल मध्यस्थता (Arbitration) की आवश्यकता थी या नहीं। अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने विवाद के मौलिक मुद्दों की जांच नहीं की और दोनों पक्षों के बीच सभी दावे और अधिकार अभी भी खुले हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने किसी भी समझौते की वैधता पर कोई निर्णय नहीं दिया, न ही कोई फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी साबित की, और उनके मौलिक अधिकारों, जिसमें एराया लाइफस्पेसेस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का दावा और इसके साथ जुड़े इबीक्स में अधिकार शामिल हैं, पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
प्रख्यात हिंदी लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके जाने से हिंदी साहित्य जगत को गहरा आघात लगा है।
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हिंदी साहित्य के वरिष्ठ स्तंभ और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार शाम 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम सांस ली। अस्पताल प्रशासन के अनुसार शाम करीब चार बजकर अट्ठावन मिनट पर उनका देहांत हुआ।
उनके पुत्र शाश्वत शुक्ल ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ के कारण दो दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य में अपने अमूल्य योगदान के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने इसे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। परिवार के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को पहले निवास स्थान ले जाया जाएगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। विनोद कुमार शुक्ल के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
सरल भाषा, गहरी संवेदना और मानवीय अनुभवों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति के लिए पहचाने जाने वाले विनोद कुमार शुक्ल ने ‘नौकर की कमीज’, ‘खिलेगा तो देखेंगे’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘एक चुप्पी जगह’ जैसी चर्चित कृतियां लिखीं। उन्हें वर्ष 2025 में 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका साहित्य आने वाली पीढ़ियों को लंबे समय तक प्रेरित करता रहेगा।
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने अजय बेदी को एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है।
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Samachar4media Bureau
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने अजय बेदी को एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है।
अपनी इस भूमिका में वह ‘Republic Digital’ और ‘R. TV English’ के रेवेन्यू की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस नियुक्ति के जरिये नेटवर्क अंग्रेजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी वृद्धि को और तेज करने की स्ट्रैटेजी को मजबूत कर रहा है।
अजय बेदी को देश की प्रमुख मीडिया कंपनियों में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्हें एफसीटी सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट, रेवेन्यू मैनेजमेंट और देश भर में बिजनेस स्ट्रैटेजी का गहरा अनुभव है। बेदी की विशेषज्ञता टीम बनाने, राजस्व बढ़ाने और नए बिजनेस मॉडल को आगे बढ़ाने में जानी जाती है।
माना जा रहा है कि अजय बेदी के नेतृत्व में R. TV English और डिजिटल प्रॉपर्टीज में स्ट्रैटेजिक फोकस तेज होगा, संपादकीय लक्ष्यों और व्यावसायिक क्रियान्वयन के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और तेजी से वृद्धि होगी।
रेडियो सिटी का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जीएसटी विभाग से एक डिमांड ऑर्डर मिला है।
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Vikas Saxena
रेडियो सिटी का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जीएसटी विभाग से एक डिमांड ऑर्डर मिला है। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
कंपनी के अनुसार, यह डिमांड ऑर्डर वित्त वर्ष 2021-22 से जुड़ा है और इसे डिप्टी कमिश्नर, लखनऊ सेक्टर-2 के कार्यालय की ओर से जारी किया गया है। जीएसटी कानून के तहत कुल 89.63 लाख रुपये की मांग की गई है। इसमें टैक्स, ब्याज और पेनल्टी तीनों शामिल हैं। सबसे ज्यादा रकम IGST से जुड़ी हुई है।
रेडियो सिटी को यह आदेश 19 दिसंबर 2025 की शाम को मिला था, जिसकी जानकारी कंपनी के कंप्लायंस ऑफिसर को 22 दिसंबर 2025 को दी गई। कंपनी ने साफ किया है कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी।
कंपनी का कहना है कि शुरुआती जांच और कानूनी सलाह के आधार पर उसे अपने पक्ष में फैसला आने की पूरी उम्मीद है। रेडियो सिटी के मुताबिक, इस डिमांड ऑर्डर का फिलहाल कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति या कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
रेडियो सिटी ने यह भी कहा है कि वह सेबी के लिस्टिंग नियमों के तहत सभी जरूरी नियमों का पालन कर रही है और आगे भी कंप्लायंस को प्राथमिकता देती रहेगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की कंपनी बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड में सुनील कुमारन को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की कंपनी बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड में सुनील कुमारन को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के डायरेक्टर के पद पर काम संभाल लिया है। यह जानकारी सुनील कुमारन ने खुद अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के जरिए दी है। उन्होंने यह जिम्मेदारी दिसंबर 2025 में संभाली है।
सुनील कुमारन को मीडिया और विज्ञापन इंडस्ट्री में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ब्रॉडकास्ट, ऐडवरटाइजिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में लंबे समय तक काम किया है।
टाइम्स ग्रुप से पहले सुनील कुमारन रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड (RBNL) में सीईओ थे। इससे पहले वह अप्रैल 2022 से जुलाई 2025 तक कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) की भूमिका में रहे। इसके अलावा वह THWINK के कंट्री हेड भी रह चुके हैं। इससे पहले 2008 से 2015 के बीच RBNL में वह बिजनेस हेड की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
अपने करियर के शुरुआती दौर में सुनील कुमारन ने कई नामी एजेंसियों और मीडिया कंपनियों के साथ काम किया है। इनमें डेंट्सु एजिस नेटवर्क का द स्टोरीलैब, यूनिवर्सल मैकैन, रेडिफ्यूजन DY&R, indya.com, Lowe and Partners Worldwide, JWT और Saatchi & Saatchi जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II पद की भर्ती नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं।
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Samachar4media Bureau
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II पद की भर्ती नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। मंत्रालय का कहना है कि नए भर्ती नियम लागू करने से पहले ड्राफ्ट नियमों को सार्वजनिक करना जरूरी है, ताकि लोग अपनी राय दे सकें।
मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार, क्लर्क ग्रेड-II पद के लिए नए भर्ती नियम “Publications Division, Clerk Grade-II (Group ‘C’) Recruitment Rules, 2025” के नाम से लाए जा रहे हैं। ये नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद लागू होंगे। पुराने 1970 के भर्ती नियमों की जगह अब नए नियम प्रभावी होंगे।
ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II के कुल 26 पद होंगे। यह ग्रुप ‘C’ का नॉन-गजेटेड और मिनिस्टीरियल पद होगा। इस पद के लिए वेतन लेवल-2 (पे मैट्रिक्स) के तहत मिलेगा। सीधे भर्ती के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 से 27 साल के बीच होगी, जबकि सरकारी कर्मचारियों को नियमानुसार उम्र में छूट दी जाएगी।
शैक्षणिक योग्यता के तौर पर उम्मीदवार का 12वीं पास होना जरूरी होगा। इसके साथ ही कंप्यूटर पर टाइपिंग स्पीड भी मांगी गई है। अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट या हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड अनिवार्य होगी।
भर्ती प्रक्रिया में ज्यादातर पद स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) के जरिए सीधे भरे जाएंगे। इसके अलावा कुछ पद विभागीय परीक्षा और सीनियरिटी के आधार पर भी भरे जाएंगे, ताकि विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों को भी प्रमोशन का मौका मिल सके। चयनित उम्मीदवारों को दो साल की प्रोबेशन अवधि से गुजरना होगा।
मंत्रालय ने साफ किया है कि ड्राफ्ट भर्ती नियमों पर 30 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां ई-मेल के जरिए भेजी जा सकती हैं। इसके लिए ई-मेल आईडी ipmc.inb@nic.in जारी की गई है। मंत्रालय का कहना है कि सभी सुझावों पर विचार करने के बाद ही अंतिम भर्ती नियमों को अधिसूचित किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-
Amendment to the Recruitment Rules (RRs) for the post of Clerk Grade-II in the Publications Division.
यह पहल भारतीय कला में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो वैश्विक स्तर पर देश की रचनात्मक पहचान को नया आकार दे रहे हैं।
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Samachar4media Bureau
देश के प्रमुख मीडिया संस्थान ‘एनडीटीवी’ NDTV ने ‘एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स’ शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल भारतीय कला में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो वैश्विक स्तर पर देश की रचनात्मक पहचान को नया आकार दे रहे हैं।
इस पहल की घोषणा एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर कार्यक्रम के दौरान की गई। एनडीटीवी का कहना है कि कला और संस्कृति किसी भी देश की पहचान का अहम हिस्सा होती हैं और इन्हें हाशिये पर नहीं, बल्कि मुख्यधारा में देखा जाना चाहिए।
एनडीटीवी के अनुसार, ‘मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स’ का उद्देश्य भारतीय कला के साथ लगातार और सार्थक जुड़ाव बनाना है। इसके तहत कलाकारों के साथ-साथ कला संस्थानों, संरक्षकों और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी सामने लाया जाएगा, जो भारत की बदलती सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।
इस मौके पर एनडीटीवी नेटवर्क के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा कि ये पुरस्कार कला और संस्कृति के साथ एनडीटीवी के लंबे जुड़ाव का स्वाभाविक विस्तार हैं। उन्होंने कहा कि एनडीटीवी ने हमेशा संस्कृति को भारत की सोच का केंद्र माना है और मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स उसी सोच को आगे बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम में किरण नाडर म्यूजियम ऑफ आर्ट की संस्थापक किरण नाडर भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय कला को आम लोगों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है और इसके लिए मुख्यधारा के मंचों की भूमिका अहम है।
इस अवसर पर एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक कैलेंडर का भी अनावरण किया गया, जिसे एनडीटीवी के क्रिएटिव डायरेक्टर रोहित चावला ने क्यूरेट किया है। रोहित चावला ने कहा कि ये अवॉर्ड्स उन कलाकारों और सांस्कृतिक योगदानकर्ताओं को सम्मान देने की कोशिश हैं, जिनका काम समाज और सोच को प्रभावित करता है।
कला संरक्षक शालिनी पासी, कला संग्रहकर्ता कल्याणी चावला और वरिष्ठ कम्युनिकेशंस रणनीतिकार दिलीप चेरियन ने भी इस पहल पर अपने विचार रखे और कला व संस्कृति के महत्व पर बात की। एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स का पहला संस्करण फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।
‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि मीडिया ग्रुप के प्रमोटर्स कंपनी से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।
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Samachar4media Bureau
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि मीडिया ग्रुप के प्रमोटर्स कंपनी से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।
इस बारे में जारी एक आधिकारिक बयान में टीवी9 नेटवर्क ने प्रमोटर एग्जिट से जुड़ी किसी भी अटकल को सिरे से नकारते हुए कहा कि इस तरह की रिपोर्ट्स कंपनी के स्वामित्व और स्ट्रैटेजिक दिशा की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाती हैं।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘टीवी9 नेटवर्क अपने विज़न और मौजूदा संचालन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जो जानकारी प्रसारित की जा रही है, उसे सही नहीं माना जाना चाहिए।’ नेटवर्क ने स्पष्ट किया कि प्रमोटर्स की मंशा या कंपनी में उनकी भूमिका में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब को भी आदेश दिया है कि वे ये वीडियो 72 घंटे के अंदर अपने प्लेटफॉर्म से हटाएं।
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अहमदाबाद की एक सिविल कोर्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी और उसके चार नेताओं को निर्देश दिया है कि वे उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कथित अपमानजनक डीपफेक वीडियो को सोशल मीडिया से 48 घंटे के भीतर हटा दें।
कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब को भी आदेश दिया है कि वे ये वीडियो 72 घंटे के अंदर अपने प्लेटफॉर्म से हटाएं। यह आदेश गुरुवार को दिया गया।
अडानी एंटरप्राइजेज ने कांग्रेस, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश, सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के खिलाफ कोर्ट का रुख किया था। इसके साथ ही X और यूट्यूब इंडिया को भी मामले में पक्षकार बनाया गया है।
कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि इन वीडियो में अडानी ग्रुप पर भ्रष्टाचार, जमीन हड़पने, राजनीतिक प्रभाव के गलत इस्तेमाल और आपराधिक गतिविधियों जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह झूठे और बिना किसी आधार के हैं। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि ऐसे वीडियो किसी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और लोगों को गुमराह कर सकते हैं।
कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि अगली सुनवाई में यह क्यों न माना जाए कि अडानी ग्रुप को पूरी राहत दी जाए। अदालत ने यह भी कहा है कि अगर आदेश का पालन नहीं होता है तो अडानी एंटरप्राइजेज सीधे सोशल मीडिया कंपनियों से वीडियो हटाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
इस मामले की अगली सुनवाई 29 दिसंबर को होगी।