बहुप्रतीक्षित 'डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025' का नौवां संस्करण जारी कर दिया गया है।
बहुप्रतीक्षित 'डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025' का नौवां संस्करण जारी कर दिया गया है। इस व्यापक रिपोर्ट को 03 फरवरी यानी आज मुंबई में डेंट्सू और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ने इंडस्ट्री जगत के लीडर्स की उपस्थिति में संयुक्त रूप से लॉन्च किया। इस रिपोर्ट की थीम "लुकिंग थ्रू द कैलिडोस्कोप" खी गई है, जो भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री में बदलते रुझानों और मीडिया खर्च को दर्शाती है। इस वर्ष की थीम डिजिटल परिदृश्य के भविष्य के रुझानों का पीछा करने के बजाय वर्तमान को अपनाने पर जोर देती है। यह डिजिटल इकोसिस्टम की जटिलताओं को उजागर करती है, जो डेटा, टेक्नोलॉजी और उपभोक्ता व्यवहार में रीयल-टाइम बदलावों से प्रभावित हो रही हैं।
डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025 को हर्षा राजदान (सीईओ - साउथ एशिया, डेंट्सू), करण बेदी (डायरेक्टर व हेड, एमेजॉन एमएक्स प्लेयर), नारायण देवनाथन (प्रेजिडेंट व चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर, साउथ एशिया - डेंट्सू), अनिता कोटवानी (सीईओ – मीडिया, साउथ एशिया, डेंट्सू), अमित वाधवा (सीईओ, साउथ एशिया, डेंट्सू क्रिएटिव), देवांग शाह (प्रेजिडेंट - इंडस्ट्री सॉल्यूशंस, CXM, डेंट्सू इंडिया), विनोद ठडानी (चीफ ग्रोथ ऑफिसर, मीडिया व सीईओ, iProspect इंडिया), आनंदिता सरकार (वाइस प्रेजिडेंट, ब्रैंड व कम्युनिकेशन, साउथ एशिया, डेंट्सू), अभीक बिस्वास (एवीपी – कंज्यूमर इनसाइट्स- डेंट्सू इंडिया), डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ, BW बिजनेसवर्ल्ड और फाउंडर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप), नवल आहूजा (को-फाउंडर, एक्सचेंज4मीडिया) और अन्य इंडस्ट्री जगत के लीडर्स द्वारा जारी किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री के 2025 में 6.5% की वृद्धि दर से बढ़कर 1,07,664 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। 2026 में यह वृद्धि दर 7.2% होने की संभावना है, जिससे मार्केट का आकार बढ़कर 1,15,460 करोड़ रुपये हो जाएगा। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में डिजिटल मीडिया सबसे बड़े बदलाव का नेतृत्व कर रहा है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 19.09% है। यह दर्शाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भारी निवेश किया जा रहा है। टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रियलिटी शोज और स्पोर्ट्स कंटेंट पर बढ़ते खर्च और बड़े प्रारूप के प्रिंट ऐडवर्टाइजिंगों को प्रमुख विकास कारकों के रूप में पहचाना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया, "भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री ने पिछले वर्ष 6.3% की वृद्धि दर्ज की थी, जिससे 2024 का मार्केट आकार 1,01,084 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से आम चुनावों और विधानसभा चुनावों के कारण हुई थी, जिससे ऐडवर्टाइजिंग खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 2025 में, आईपीएल, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे प्रमुख खेल आयोजनों के चलते ऐडवर्टाइजिंग सेक्टर में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है। ये इवेंट ब्रैंड्स के लिए विविध दर्शकों से जुड़ने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेंगे, जिससे उद्योग की विकास गति बनी रहेगी।"
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल, BFSI, FMCG और रिटेल जैसे प्रमुख सेक्टर डिजिटल और पारंपरिक मीडिया दोनों में हावी हैं। रिटेल मीडिया, ई-कॉमर्स और D2C प्लेटफॉर्म्स पर ऑफर्स और प्रमोशंस का स्तर काफी बड़ा रहेगा, जिससे उपभोक्ताओं की भागीदारी बढ़ेगी।
भारतीय ऐडवर्टाइजिंग मार्केट में FMCG सेक्टर का दबदबा बना हुआ है, जो कुल खर्च का 31% (31,467 करोड़ रुपये) योगदान देता है। इसके बाद, ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स ब्रैंड्स 15% (15,509 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जो इम्पल्स बायिंग पर निर्भर हैं। वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स श्रेणी का योगदान 7% है। यह मार्केट के विविध और गतिशील स्वभाव को दर्शाता है।
डिजिटल मीडिया ऐडवर्टाइजिंग खर्च का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है, जो कुल खर्च का 49% (49,251 करोड़ रुपये) हिस्सा रखता है। टेलीविजन 28% (28,062 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि प्रिंट मीडिया का हिस्सा 17% (17,529 करोड़ रुपये) है। यह बदलाव डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती ताकत और ऐडवर्टाइजिंग रणनीतियों में उनके प्रभाव को दर्शाता है।
2024 में, यात्रा और परिवहन सेक्टर में ऐडवर्टाइजिंग खर्च में 33.4% की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से "चलो इंडिया" अभियान, महाकुंभ मेला 2025 और अन्य स्थानीय पर्यटन प्रचार अभियानों के कारण हुई, जो भारत के विविध परिदृश्यों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हैं। ई-कॉमर्स सेक्टर में 21.1% और ऑटोमोबाइल सेक्टर में 20.4% की वृद्धि दर्ज की गई। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के बढ़ते चलन के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में दोपहिया ब्रैंड्स की वापसी भी देखी गई।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया, "भारतीय डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री ने 2024 में 49,251 करोड़ रुपये के मार्केट आकार के साथ 21.1% की वृद्धि दर दर्ज की। सोशल मीडिया, वीडियो प्लेटफॉर्म्स और AI संचालित ऐडवर्टाइजिंग कैपेंस के चलते डिजिटल मीडिया अन्य ऐडवर्टाइजिंग माध्यमों को पीछे छोड़ रहा है। 2025 में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग मार्केट 20.2% की वृद्धि दर के साथ 59,200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। यह डिजिटल चैनलों के निरंतर प्रभुत्व और विस्तार को दर्शाता है।"
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें।
टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है
टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी संभावना पर विचार नहीं किया जा रहा है। मीडिया से बातचीत में वैष्णव ने कहा, “किसी भी पक्ष से इस तरह का कोई प्रस्ताव बिल्कुल नहीं आया है।”
मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच संबंधों में नरमी की संभावना को लेकर चर्चा हो रही है, जिससे बाइटडांस के शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म की वापसी की अटकलों को बल मिला। पिछले महीने टिकटॉक की वेबसाइट कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क, जिनमें एयरटेल और वोडाफोन शामिल थे, पर कुछ समय के लिए फिर से एक्सेस हो गई थी, जिससे अटकलें और तेज हुईं।
टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था भारत
टिकटॉक जून 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर प्रतिबंधित किए गए शुरुआती 59 चीनी ऐप्स में से एक था। इसे एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले से हटा दिया गया था और जनवरी 2021 में केंद्र सरकार ने इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया। उस समय भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था, जहां इसके 200 मिलियन से अधिक यूजर्स थे।
सरकार के 2020 के आदेश में बाइटडांस के अन्य ऐप्स जैसे हेलो और कैपकट को भी निलंबित कर दिया गया था, जबकि कंपनी ने आखिरकार जनवरी 2024 में ऐप स्टोर्स से हटाए जाने के बाद अपना म्यूजिक ऐप रेसो भी भारत में बंद कर दिया।
जब वैष्णव से पूछा गया कि क्या चीनी निवेशक भारतीय टेक सेक्टर में दोबारा प्रवेश कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा, “जैसा होगा देखा जाएगा। नीतियां सभी के साथ स्पष्ट रूप से साझा की जाएंगी। हम एक बहुत ही पारदर्शी देश हैं।”
2020 तक टेनसेंट, अलीबाबा, एंट फाइनेंशियल और शुनवेई कैपिटल जैसे चीनी दिग्गज भारतीय स्टार्टअप्स के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल थे। ये निवेशक ई-कॉमर्स, फिनटेक, फूड डिलीवरी, मोबिलिटी और एडटेक जैसे क्षेत्रों में कंपनियों को सहयोग देते थे। लेकिन अप्रैल 2020 में जारी प्रेस नोट 3 ने भारत की जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले निवेश के लिए पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी। इस नीति के कारण चीनी पूंजी का प्रवाह काफी धीमा हो गया और भारतीय स्टार्टअप्स को वैकल्पिक फंडिंग तलाशनी पड़ी या निकास की सुविधा देनी पड़ी।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और चीन सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मिलकर काम कर सकते हैं, वैष्णव ने वैश्विक वैल्यू चेन की प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम वैश्विक वैल्यू चेन की इस वास्तविकता का सम्मान करते हैं और इस उद्योग के काम करने के तरीके का सम्मान करते हैं। इसलिए जहां कहीं भी मूल्य जुड़ता है, अंततः लाभ हमारे लोगों और हमारी इंडस्ट्री तक पहुंचना चाहिए।”
भारत और चीन की कई कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग में संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग और स्केल दक्षताओं को लेकर बातचीत कर रही हैं, ऐसे समय में जब ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी टैरिफ ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया है।
सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं।
फाइनेंस जर्नलिस्ट विकास तिवारी ने देश के प्रमुख बिजनेस न्यूज चैनल्स में शुमार ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) की डिजिटल टीम को अलविदा कह दिया है। सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं। विकास ने बताया कि ‘जी बिजनेस’ में काम करते हुए उन्होंने लगातार एक्सपेरिमेंट किए, हेडलाइंस से लेकर एसईओ और जियो-टार्गेटिंग तक, हर दिन नई सीख मिली।
उन्होंने लिखा कि लगभग 200 दिनों की इस जर्नी ने उन्हें कई अहम सबक सिखाए। पहला, बाजार सिर्फ टेक्निकल्स पर नहीं चलता, फंडामेंटल्स भी उतने ही जरूरी हैं। चार्ट्स में दिख रहे ट्रेंड के पीछे कौन सी खबर या वजह है, वहीं असली कहानी छिपी होती है। दूसरा, सही माहौल और टीम का महत्व। उन्होंने कहा कि अच्छा वातावरण और सपोर्टिव कल्चर इंसान के औसत प्रदर्शन से कहीं आगे ले जाता है। तीसरा, मैनिफेस्टेशन की ताकत. अगर आप किसी चीज को सच्चे मन से चाहते हैं और उसकी दिशा में मेहनत करते हैं, तो नतीजे जरूर मिलते हैं।
विकास तिवारी ने अपने साथियों और ‘जी बिजनेस’ की टीम का दिल से आभार जताया। उन्होंने लिखा कि यहां का वर्क कल्चर, टीमवर्क और सीख उन्हें हमेशा याद रहेगा। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विकास तिवारी जल्द ही ब्रोकरेज फर्म Upstox के साथ बतौर फाउंडिंग मेंबर जुड़ सकते हैं। यह फर्म हिंदी बिजनेस न्यूज में तेजी से अपने पैर पसारने की तैयारी में जुटी है।
करियर की बात करें तो विकास तिवारी इससे पहले ‘टीवी9 भारतवर्ष’, ‘एबीपी न्यूज’ और ‘इंडिया टीवी’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ भी काम कर चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से विकास तिवारी को उनके नए सफर के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल इन्फोटेनमेंट प्लेटफॉर्म पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल मीडिया कंपनी पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। यह अधिग्रहण फ्लिपकार्ट की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी अपने कंटेंट की मौजूदगी को बढ़ाना चाहती है और Gen Z और मिलेनियल दर्शकों के साथ जुड़ाव को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए फ्लिपकार्ट पिंकविला के स्थापित ब्रैंड, क्षमताओं और लॉयल दर्शक आधार का उपयोग करेगी।
फ्लिपकार्ट का यह अधिग्रहण कंपनी को ट्रेंड इनसाइट्स हासिल करने और कॉमर्स अवसरों के लिए कंटेंट बनाने का मौका देता है, जिससे भारतीय बाजार में कंपनी की स्थिति और मजबूत होगी।
फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट, रवि अय्यर ने कहा, “पिंकविला में बहुमत हिस्सेदारी का हमारा अधिग्रहण जेन जेड के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा करने के मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिंकविला की मजबूत कंटेंट आईपीज और अपने वफादार दर्शकों से गहरा जुड़ाव ऐसे एसेट्स हैं जो कंटेंट को विकास का प्रमुख कारक बनाने के हमारे प्रयासों को और तेज करेंगे।”
पिंकविला की संस्थापक और सीईओ नंदिनी शेनॉय ने कहा, “फ्लिपकार्ट का निवेश उस मजबूत प्लेटफॉर्म और कंटेंट का प्रमाण है जिसे हमने बनाया है। हमें विश्वास है कि फ्लिपकार्ट के सहयोग से हम अपने संचालन का विस्तार कर पाएंगे और उच्च गुणवत्ता वाला कंटेंट लगातार अपने लाखों उपयोगकर्ताओं तक पहुंचा पाएंगे, जिससे हमारी स्थिति इन्फोटेनमेंट में एक अग्रणी के रूप में और मजबूत होगी।”
यह सौदा अंतिम रूप ले चुका है और यह सामान्य समापन शर्तों के अधीन है। दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि यह लेनदेन जल्द ही पूरा हो जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है। यह कदम सरकार द्वारा पेड ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए बैन के बाद उठाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, MPL ने रविवार को अपने एम्प्लॉयीज को एक आंतरिक ईमेल भेजा। इस ईमेल में MPL के सीईओ साई श्रीनिवास ने कथित तौर पर लिखा कि कंपनी ने भारत टीम को "काफी हद तक" छोटा करने का फैसला लिया है। हालांकि इस मेल में किसी संख्या का जिक्र नहीं किया गया।
एक मीडिया रिपोर्ट में कंपनी के एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि MPL अपने भारत स्थित लगभग 500 एम्प्लॉयीज में से करीब 300 को निकालने जा रही है। इनमें मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग और लीगल जैसी डिवीजन शामिल हैं।
रिपोर्ट की मानें तो मेल में उल्लेख किया गया, "भारत M-League की 50% आमदनी के लिए जिम्मेदार था और इस बदलाव का मतलब है कि निकट भविष्य में हम भारत से कोई राजस्व नहीं कमा पाएंगे।"
भारत की संसद ने पिछले महीने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पारित किया था, जिसके तहत आदतों और वित्तीय जोखिमों से निपटने के लिए रियल-मनी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस बिल से भारतीय और ऑफशोर ऑपरेटर्स (वो कंपनियां या गेमिंग प्लेटफॉर्म जो भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन भारतीय यूजर्स को अपनी ऑनलाइन गेमिंग सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।) पर कड़ा असर पड़ने की संभावना है क्योंकि इसमें विज्ञापन पर भी रोक लगा दी गई है। धारा 6 के तहत पैसों वाले गेम्स के सभी विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध है। इस नियम को तोड़ने वालों को दो साल तक की जेल और ₹50 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में ज्योत्सना बेदी ने कहा, जैसा नाम है, ‘क्लियर कट’, ठीक वैसा ही यह पॉडकास्ट होगा।
देश के तमाम बड़े न्यूज चैनल्स पर प्राइम टाइम एंकरिंग कर चुकीं ज्योत्सना बेदी ने अब पत्रकारिता का नया अध्याय डिजिटल प्लेटफॉर्म से शुरू किया है। अपनी तेज धार एंकरिंग और सीधे सवालों के लिए पहचानी जाने वालीं ज्योत्सना इस बार दर्शकों से जुड़ेंगी यूट्यूब के जरिये, जहां उन्होंने अपना शो ‘Clear Cut with Jyotsna’ लॉन्च किया है।
हाल ही में इस शो का टीजर रिलीज किया गया, जिसके बाद से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया जगत हो या आम दर्शक—हर जगह इस डिजिटल डेब्यू को लेकर उत्सुकता है। इसे पारंपरिक टीवी न्यूजरूम से डिजिटल स्पेस की ओर उनका अहम कदम माना जा रहा है।
ज्योत्सना बेदी का नाम हमेशा से उन पत्रकारों में शुमार रहा है जो सत्ता से सीधे सवाल करने से पीछे नहीं हटते। यही अंदाज़ अब डिजिटल मंच पर भी देखने की उम्मीद है। समाचार4मीडिया से बातचीत में ज्योत्सना बेदी ने कहा, ‘जैसा नाम है, ‘क्लियर कट’, ठीक वैसा ही यह पॉडकास्ट होगा। राजनीति, सत्ता के बदलते समीकरण, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, सामाजिक सरोकार और जनता की परेशानियां—सब कुछ बिना लाग-लपेट के उठाया जाएगा।’
उनका कहना है, ‘अब वक्त है दर्शकों को बिना किसी फिल्टर या एजेंडा के सच बताने का। इस शो में सवाल होंगे सीधे और जवाब मिलेंगे बिल्कुल क्लियर कट।’ बता दें कि ज्योत्सना बेदी पूर्व में ‘टाइम्स नाउ’, ‘जी’ और ‘न्यूज24’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एंकरिंग कर चुकी हैं। लंबे अनुभव के बाद अब उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म को चुना है।
इस पॉडकास्ट का टीजर जारी हो गया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं:
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल प्रियदर्शन गर्ग को IDPL (इंडिया डिजिटल पब्लिशिंग लिमिटेड) का नया बिजनेस हेड नियुक्त किया गया है।
सीनियर मीडिया प्रोफेशनल प्रियदर्शन गर्ग को IDPL (इंडिया डिजिटल पब्लिशिंग लिमिटेड) का नया बिजनेस हेड नियुक्त किया गया है। Pinewz में हेड की भूमिका वह पहले से ही निभा रहे हैं और अब यह अतिरिक्त जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। इससे पहले IDPL (पूर्व में Zee Digital) की यह जिम्मेदारी सुशांत एस मोहन के कंधो पर थी, जिन्होंने हाल ही में यहां से विदाई ली है।
मीडिया और डिजिटल कंटेंट की दुनिया में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रियदर्शन गर्ग ने अप्रैल 2025 में ZEE Media के नए हाइपरलोकल न्यूज ऐप Pinewz में बतौर चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) अपनी नई पारी की शुरुआत की थी। Pinewz, जी मीडिया का यूजर जेनरेटेड कंटेंट (UGC) आधारित प्लेटफॉर्म है, जो भारत के छोटे शहरों और कस्बों की खबरों को सामने लाने का प्रयास कर रहा है।
इससे पहले प्रियदर्शन ZEE5 में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज) कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल के दौरान प्लेटफॉर्म ने डिजिटल न्यूज के क्षेत्र में कई नवाचार किए। कंटेंट प्लानिंग, व्युअर इंगेजमेंट और डिजिटल कैंपेनिंग जैसे अहम क्षेत्रों में उनके नेतृत्व से ZEE5 की व्युअरशिप को नई ऊंचाइयां मिलीं।
ZEE5 से पूर्व उन्होंने UC Browser के साथ काम किया, जहां वे डिजिटल कंटेंट ऑपरेशंस, पब्लिशर पार्टनरशिप और कंटेंट क्यूरेशन से जुड़े रहे। उनकी अगुवाई में UC न्यूज ने भारत के टियर-2 और टियर-3 दर्शकों तक अपनी पहुंच मजबूत की।
रेडियो इंडस्ट्री में भी प्रियदर्शन का अनुभव रहा है। वह MY FM के नेशनल कंटेंट हेड रहे, जहां उन्होंने सभी शहरों में कंटेंट की गुणवत्ता, विविधता और लोकल कनेक्ट को मजबूती दी।
पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने दैनिक भास्कर इंदौर से की थी। इसके बाद 'आजतक' से जुड़े और मुंबई में बतौर प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट कई बड़ी व चर्चित खबरों की रिपोर्टिंग की। उनकी जमीनी पकड़ और रिपोर्टिंग स्टाइल ने उन्हें इंडस्ट्री में खास पहचान दिलाई।
छाया नायक OpenAI से जुड़ी हैं और यहां वे स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करेंगी।
छाया नायक OpenAI से जुड़ी हैं और यहां वे स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करेंगी। अपनी नई भूमिका में वे कंपनी के CTO ऑफिस की स्पेशल इनिशिएटिव्स की हेड इरीना कॉफमैन के साथ काम करेंगी।
छाया ने अपनी नई भूमिका की जानकारी लिंक्डइन पोस्ट के जरिए साझा की।
उन्होंने लिखा, “साथ ही, मैं आने वाले समय के लिए बेहद उत्साहित हूं। आज मैं OpenAI से जुड़ रही हूं, जहां मैं इरीना कॉफमैन के साथ स्पेशल इनिशिएटिव्स पर काम करूंगी- एआई की सीमाओं पर नए अवसर तलाशने के लिए। यह मेरे लिए एक परफेक्ट अगला अध्याय लगता है: जो कुछ मैंने अब तक सीखा है, उसे उस काम में लगाना, जो यह तय करने में मदद करेगा कि तकनीक और समाज के लिए आगे क्या आने वाला है।”
इससे पहले छाया नायक करीब 9 साल तक फेसबुक, जो अब मेटा के नाम से जाना जाता है, के साथ जुड़ी हुई थीं। कंपनी में उनकी आखिरी भूमिका डायरेक्टर ऑफ प्रोडक्ट मैनेजमेंट, जेनरेटिव एआई की थी।
पंकज झा इससे पहले ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने इस समूह के डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘द लल्लनटॉप’ (The Lallantop) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर जॉइन किया है। पंकज झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर खुद इस बारे में जानकारी शेयर की है।
गणपति बप्पा के आशीर्वाद से नई पारी @TheLallantop के साथ
— पंकज झा (@pankajjha_) August 28, 2025
राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी के क़िस्से कहानियों का नया ठिकाना pic.twitter.com/i8WSpqAEWI
बता दें कि पंकज झा ने हाल ही में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था। पंकज झा ने पिछले साल अक्टूबर में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था।
मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।
‘एनडीटीवी’ से पहले पंकज झा करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। ‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज झा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
र्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्विक कॉमर्स और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने मिलकर एक बड़े विस्फोट जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसने पारंपरिक मॉडलों को बदल दिया है और पूरे इकोसिस्टम को नया रूप दे दिया है।
भारतीय मीडिया और मार्केटिंग सेक्टर इस समय ऐसे बड़े बदलावों का सामना कर रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्विक कॉमर्स और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने मिलकर एक बड़े विस्फोट जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसने पारंपरिक मॉडलों को बदल दिया है और पूरे इकोसिस्टम को नया रूप दे दिया है। हालांकि इससे नवाचारपूर्ण बिजनेस मॉडल और अभूतपूर्व विकास अवसर सामने आ रहे हैं, लेकिन यह इंडस्ट्री के हितधारकों के लिए नई चुनौतियां और अड़चनें भी खड़ी कर रहा है।
इसी बीच लॉन्च हुआ है MatheMedia, एक अनोखा पॉडकास्ट सीरीज, जो इन जटिलताओं पर रोशनी डालेगा और अव्यवस्था के बीच स्पष्टता लाएगा। यह एक लंबी, इंटरैक्टिव सीरीज होगी, जिसमें भारत की अग्रणी विज्ञापन एजेंसियों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, ब्रैंड्स, टेक कंपनियों और मीडिया पब्लिशिंग हाउस से जुड़े 25 से अधिक शीर्ष विशेषज्ञ एक साथ आएंगे और तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य को सुलझाने की कोशिश करेंगे। यह दर्शकों को हाइब्रिड अनुभव देगा- आधा CMO ब्रीफिंग और आधा मास्टरक्लास। इस दौरान इंडस्ट्री विशेषज्ञ भारत की विशिष्ट चुनौतियों के अनुरूप वास्तविक अनुभवों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे और मार्केटिंग में मीडिया के लिए नए नियम सामने रखेंगे।
MatheMedia का मुख्य उद्देश्य व्यावहारिक और दूरदर्शी दोनों होना है। यह शोध, संवाद और साझा अनुभवों के माध्यम से इन नए नियमों को समझाएगा। यह नेताओं को सिर्फ अनुकूलन करने के लिए नहीं, बल्कि सक्रिय रूप से भविष्य को आकार देने के लिए सक्षम बनाएगा। हर एपिसोड में दर्शक खुली बहस की उम्मीद कर सकते हैं- मीडिया और मार्केटिंग में AI और तकनीकी इनोवेशन की भूमिका पर और इस पर कि ब्रैंड्स और एजेंसियां किस तरह मिलकर काम कर सकती हैं। यह प्राइवेसी-रेगुलेशन के अनुरूप एकीकृत मापन प्रणाली बनाने पर भी ध्यान देगा। संक्षेप में, यह बताएगा कि इस विघटनकारी युग के लिए तैयार कैसे होना है।
इस सीरीज का प्रमुख लक्ष्य मोबाइल-फर्स्ट दर्शकों को मीडिया और कम्युनिकेशन सेक्टर पर नया दृष्टिकोण प्रदान करना है। इंडस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों से आए ये पेशेवर मीडिया परिदृश्य, चुनौतियों और आने वाले अवसरों पर चर्चा करेंगे। यह मीडिया मापन और चैनल प्लानिंग के नियमों को दोबारा लिखने के बारे में है—ऐसे बाजार के लिए जो हाइपर-कनेक्टेड, खंडित और पहले से कहीं तेजी से विकसित हो रहा है। पॉडकास्ट साथ मिलकर डिस्कवरी, एंगेजमेंट और कॉमर्स की नई गतिशीलताओं को खोजेगा, जहां डिजिटल और पारंपरिक दुनिया टकरा रही है। इसका सामूहिक उद्देश्य है- तथ्यों, आंकड़ों और आकलनों के आधार पर यह तय करना कि इंडस्ट्री को किस भविष्य की ओर बढ़ना है।
पहले एपिसोड का शीर्षक है “The New Media Code”। यह The Media Shift, New Customer Journeys और All New Rules पर केंद्रित होगा। इसमें होस्ट श्रीपद कुलकर्णी के साथ शामिल होंगे एल. वी. कृष्णन (सीईओ, TAM Media Research), पुनीत अवस्थी (डायरेक्टर, Kantar) और अजय गुप्ते (प्रेसिडेंट - क्लाइंट सॉल्यूशंस, साउथ एशिया, WPP Media)।
MatheMedia के संस्थापक श्रीपद कुलकर्णी कहते हैं, “हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां चैनलों का अराजक माहौल है, पहले से कहीं अधिक प्लेटफॉर्म और खंडित दर्शक। वे दिन गए जब हम रेखीय ढंग से सोच और काम कर सकते थे और उसी तरह माप सकते थे। आज का मार्केटर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। अधिक कैटेगरी एंट्री पॉइंट्स, ब्रैंड एसेट्स और पर्सनलाइज्ड मैसेजिंग के साथ ब्रैंड स्ट्रैटेजी को फिर से परिभाषित किया जा रहा है। ब्रैंड कस्टोडियन्स पर चैनलों और साझेदारों के भीड़भरे नेटवर्क से दबाव लगातार बढ़ रहा है। अब समय है रणनीति, मीडिया, मापन और सहयोग में नए नियमों का।”
कुलकर्णी यह भी कहते हैं कि यह हम सबके लिए अहम दांव है। उन्होंने कहा, “आज जो फैसले हम लेंगे, वही प्रभावी मार्केटिंग के अगले युग को तय करेंगे। MatheMedia इस सफर के लिए कम्पास और सहयोगी प्लेटफॉर्म बनने का लक्ष्य रखता है।”
इस पॉडकास्ट सीरीज का पहला सीजन 12 एपिसोड्स का होगा, जो 1 सितंबर 2025 से शुरू होकर हर सोमवार रिलीज होंगे।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को गाइडलाइंस बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) सहित सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की जाए।
शीर्ष अदालत ने साफ कहा कि यूट्यूब या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऐसा कोई कंटेंट न डाला जाए जो किसी वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंचाए, खासकर दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाने या अपमान करने की घटनाओं पर रोक लगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन्फ्लुएंसर्स द्वारा शो या वीडियो में की गई टिप्पणियों को "फ्री स्पीच" नहीं बल्कि "कमर्शियल स्पीच" माना जाएगा और इसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि व्यावसायिक लाभ के लिए दी गई अभिव्यक्ति को संवैधानिक संरक्षण नहीं मिलता। जस्टिस बागची ने टिप्पणी की, “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि वाणिज्यिक भाषण है।”
अदालत ने कहा कि जब इन्फ्लुएंसर यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए करते हैं, तो उनकी यह जिम्मेदारी है कि उनके कंटेंट से समाज या कमजोर वर्गों, खासकर दिव्यांगों को कोई ठेस न पहुंचे।
यह टिप्पणी उस केस की सुनवाई के दौरान आई जिसमें यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया पर आरोप है कि उन्होंने 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो में दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाया। इसके अलावा SMA (स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी) से पीड़ित बच्चों के परिवारों ने कॉमेडियन समय रैना की कुछ टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई थी।
पीठ ने कहा, “हास्य जीवन का हिस्सा है। खुद पर हंसना स्वीकार्य है, लेकिन जब दूसरों पर हंसी उड़ाई जाती है और वह भी तब जब मामला भेदभाव से जुड़ा हो, तो यह गंभीर हो जाता है। इन्फ्लुएंसर्स को यह समझना होगा कि जब आप अभिव्यक्ति का व्यावसायीकरण करते हैं तो किसी समुदाय का अपमान नहीं कर सकते।”
जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि जब तक ठोस नतीजे सामने नहीं आएंगे, लोग गैर-जिम्मेदार भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे। उन्होंने जोर दिया कि दंड उतना ही होना चाहिए जितना नुकसान हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने खास तौर पर NBDA को इस प्रक्रिया में शामिल किया और उनके वकील से कहा कि वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को प्रभावी रेगुलेटरी मैकेनिज्म पर सुझाव दें। अदालत ने स्पष्ट किया कि जैसे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए नियम हैं, वैसे ही पॉडकास्टर्स, यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए भी अलग दिशा-निर्देश जरूरी हैं।
NBDA की ओर से कहा गया कि संगठन मुख्यतः न्यूज चैनलों और मीडिया हाउसेज को कवर करता है। हालांकि, विशेषज्ञता के चलते हमें इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया और अन्य कॉमेडियनों को निर्देश दिया कि वे दिव्यांग समुदाय से अपने प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक माफी मांगें। इसके साथ ही, उन्हें शपथपत्र भी दाखिल करना होगा जिसमें यह बताया जाए कि वे दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा की बार-बार अनदेखी की जा रही है। मंत्रालय को गाइडलाइन और प्रवर्तन तंत्र तैयार करने का समय दिया जाना चाहिए।”
कोर्ट ने सरकार को यह भी चेताया कि जल्दबाजी में अलग-थलग घटनाओं पर नियम न बनाए जाएं, बल्कि ऐसे प्रावधान तैयार हों जो बदलती तकनीक से जुड़ी चुनौतियों को भी कवर करें।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी इशारा दिया कि यदि रणवीर इलाहाबादिया और अन्य इन्फ्लुएंसर दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने के दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी राशि बाद में तय की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि कॉमेडियनों को हर सुनवाई पर मौजूद रहने की जरूरत नहीं होगी।