'Waves' का शुभारंभ 20 नवंबर 2024 को गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के दौरान किया गया था।
प्रसार भारती के OTT प्लेटफॉर्म 'Waves' ने अपनी लॉन्चिंग के बाद पहले ही महीने में 1 मिलियन से अधिक डाउनलोड का रिकॉर्ड बनाया है।
सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, "WAVES OTT ऐप ने 1 मिलियन डाउनलोड का महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है।"
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गोवा में लॉन्च हुआ था प्लेटफॉर्म
'Waves' का शुभारंभ 20 नवंबर 2024 को गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के दौरान किया गया था। इसे गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में लॉन्च किया था।
क्या है खास 'Waves' में?
इस प्लेटफॉर्म पर एंटरटेनमेंट व न्यूज चैनल्स का बेहतरीन कलेक्शन उपलब्ध है।
38 लाइव चैनल्स: एंटरटेनमेंट के लिए B4U, ABZY, SAB Group, और 9X Media जैसे चैनल शामिल हैं।
न्यूज चैनल्स: India Today, News Nation, Republic, ABP News, News24 और NDTV India जैसे प्रमुख न्यूज चैनल्स भी इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं।
सरकारी चैनल्स: 'Waves' पर सभी दूरदर्शन और आकाशवाणी चैनल भी उपलब्ध हैं।
प्रसार भारती की डिजिटल पहल
यह उपलब्धि प्रसार भारती के लिए एक बड़ी सफलता है, जो डिजिटल युग में अपने कंटेंट को दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। Waves OTT ऐप की बढ़ती लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि प्रसार भारती के कार्यक्रम देशभर में बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं।
इस उपलब्धि के बाद 'Waves' से और भी बेहतरीन कंटेंट की उम्मीद की जा रही है।
र्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्विक कॉमर्स और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने मिलकर एक बड़े विस्फोट जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसने पारंपरिक मॉडलों को बदल दिया है और पूरे इकोसिस्टम को नया रूप दे दिया है।
भारतीय मीडिया और मार्केटिंग सेक्टर इस समय ऐसे बड़े बदलावों का सामना कर रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्विक कॉमर्स और तेजी से बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने मिलकर एक बड़े विस्फोट जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसने पारंपरिक मॉडलों को बदल दिया है और पूरे इकोसिस्टम को नया रूप दे दिया है। हालांकि इससे नवाचारपूर्ण बिजनेस मॉडल और अभूतपूर्व विकास अवसर सामने आ रहे हैं, लेकिन यह इंडस्ट्री के हितधारकों के लिए नई चुनौतियां और अड़चनें भी खड़ी कर रहा है।
इसी बीच लॉन्च हुआ है MatheMedia, एक अनोखा पॉडकास्ट सीरीज, जो इन जटिलताओं पर रोशनी डालेगा और अव्यवस्था के बीच स्पष्टता लाएगा। यह एक लंबी, इंटरैक्टिव सीरीज होगी, जिसमें भारत की अग्रणी विज्ञापन एजेंसियों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, ब्रैंड्स, टेक कंपनियों और मीडिया पब्लिशिंग हाउस से जुड़े 25 से अधिक शीर्ष विशेषज्ञ एक साथ आएंगे और तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य को सुलझाने की कोशिश करेंगे। यह दर्शकों को हाइब्रिड अनुभव देगा- आधा CMO ब्रीफिंग और आधा मास्टरक्लास। इस दौरान इंडस्ट्री विशेषज्ञ भारत की विशिष्ट चुनौतियों के अनुरूप वास्तविक अनुभवों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे और मार्केटिंग में मीडिया के लिए नए नियम सामने रखेंगे।
MatheMedia का मुख्य उद्देश्य व्यावहारिक और दूरदर्शी दोनों होना है। यह शोध, संवाद और साझा अनुभवों के माध्यम से इन नए नियमों को समझाएगा। यह नेताओं को सिर्फ अनुकूलन करने के लिए नहीं, बल्कि सक्रिय रूप से भविष्य को आकार देने के लिए सक्षम बनाएगा। हर एपिसोड में दर्शक खुली बहस की उम्मीद कर सकते हैं- मीडिया और मार्केटिंग में AI और तकनीकी इनोवेशन की भूमिका पर और इस पर कि ब्रैंड्स और एजेंसियां किस तरह मिलकर काम कर सकती हैं। यह प्राइवेसी-रेगुलेशन के अनुरूप एकीकृत मापन प्रणाली बनाने पर भी ध्यान देगा। संक्षेप में, यह बताएगा कि इस विघटनकारी युग के लिए तैयार कैसे होना है।
इस सीरीज का प्रमुख लक्ष्य मोबाइल-फर्स्ट दर्शकों को मीडिया और कम्युनिकेशन सेक्टर पर नया दृष्टिकोण प्रदान करना है। इंडस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों से आए ये पेशेवर मीडिया परिदृश्य, चुनौतियों और आने वाले अवसरों पर चर्चा करेंगे। यह मीडिया मापन और चैनल प्लानिंग के नियमों को दोबारा लिखने के बारे में है—ऐसे बाजार के लिए जो हाइपर-कनेक्टेड, खंडित और पहले से कहीं तेजी से विकसित हो रहा है। पॉडकास्ट साथ मिलकर डिस्कवरी, एंगेजमेंट और कॉमर्स की नई गतिशीलताओं को खोजेगा, जहां डिजिटल और पारंपरिक दुनिया टकरा रही है। इसका सामूहिक उद्देश्य है- तथ्यों, आंकड़ों और आकलनों के आधार पर यह तय करना कि इंडस्ट्री को किस भविष्य की ओर बढ़ना है।
पहले एपिसोड का शीर्षक है “The New Media Code”। यह The Media Shift, New Customer Journeys और All New Rules पर केंद्रित होगा। इसमें होस्ट श्रीपद कुलकर्णी के साथ शामिल होंगे एल. वी. कृष्णन (सीईओ, TAM Media Research), पुनीत अवस्थी (डायरेक्टर, Kantar) और अजय गुप्ते (प्रेसिडेंट - क्लाइंट सॉल्यूशंस, साउथ एशिया, WPP Media)।
MatheMedia के संस्थापक श्रीपद कुलकर्णी कहते हैं, “हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां चैनलों का अराजक माहौल है, पहले से कहीं अधिक प्लेटफॉर्म और खंडित दर्शक। वे दिन गए जब हम रेखीय ढंग से सोच और काम कर सकते थे और उसी तरह माप सकते थे। आज का मार्केटर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। अधिक कैटेगरी एंट्री पॉइंट्स, ब्रैंड एसेट्स और पर्सनलाइज्ड मैसेजिंग के साथ ब्रैंड स्ट्रैटेजी को फिर से परिभाषित किया जा रहा है। ब्रैंड कस्टोडियन्स पर चैनलों और साझेदारों के भीड़भरे नेटवर्क से दबाव लगातार बढ़ रहा है। अब समय है रणनीति, मीडिया, मापन और सहयोग में नए नियमों का।”
कुलकर्णी यह भी कहते हैं कि यह हम सबके लिए अहम दांव है। उन्होंने कहा, “आज जो फैसले हम लेंगे, वही प्रभावी मार्केटिंग के अगले युग को तय करेंगे। MatheMedia इस सफर के लिए कम्पास और सहयोगी प्लेटफॉर्म बनने का लक्ष्य रखता है।”
इस पॉडकास्ट सीरीज का पहला सीजन 12 एपिसोड्स का होगा, जो 1 सितंबर 2025 से शुरू होकर हर सोमवार रिलीज होंगे।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को गाइडलाइंस बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) सहित सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की जाए।
शीर्ष अदालत ने साफ कहा कि यूट्यूब या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऐसा कोई कंटेंट न डाला जाए जो किसी वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंचाए, खासकर दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाने या अपमान करने की घटनाओं पर रोक लगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन्फ्लुएंसर्स द्वारा शो या वीडियो में की गई टिप्पणियों को "फ्री स्पीच" नहीं बल्कि "कमर्शियल स्पीच" माना जाएगा और इसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि व्यावसायिक लाभ के लिए दी गई अभिव्यक्ति को संवैधानिक संरक्षण नहीं मिलता। जस्टिस बागची ने टिप्पणी की, “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि वाणिज्यिक भाषण है।”
अदालत ने कहा कि जब इन्फ्लुएंसर यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए करते हैं, तो उनकी यह जिम्मेदारी है कि उनके कंटेंट से समाज या कमजोर वर्गों, खासकर दिव्यांगों को कोई ठेस न पहुंचे।
यह टिप्पणी उस केस की सुनवाई के दौरान आई जिसमें यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया पर आरोप है कि उन्होंने 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो में दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाया। इसके अलावा SMA (स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी) से पीड़ित बच्चों के परिवारों ने कॉमेडियन समय रैना की कुछ टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई थी।
पीठ ने कहा, “हास्य जीवन का हिस्सा है। खुद पर हंसना स्वीकार्य है, लेकिन जब दूसरों पर हंसी उड़ाई जाती है और वह भी तब जब मामला भेदभाव से जुड़ा हो, तो यह गंभीर हो जाता है। इन्फ्लुएंसर्स को यह समझना होगा कि जब आप अभिव्यक्ति का व्यावसायीकरण करते हैं तो किसी समुदाय का अपमान नहीं कर सकते।”
जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि जब तक ठोस नतीजे सामने नहीं आएंगे, लोग गैर-जिम्मेदार भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे। उन्होंने जोर दिया कि दंड उतना ही होना चाहिए जितना नुकसान हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने खास तौर पर NBDA को इस प्रक्रिया में शामिल किया और उनके वकील से कहा कि वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को प्रभावी रेगुलेटरी मैकेनिज्म पर सुझाव दें। अदालत ने स्पष्ट किया कि जैसे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए नियम हैं, वैसे ही पॉडकास्टर्स, यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए भी अलग दिशा-निर्देश जरूरी हैं।
NBDA की ओर से कहा गया कि संगठन मुख्यतः न्यूज चैनलों और मीडिया हाउसेज को कवर करता है। हालांकि, विशेषज्ञता के चलते हमें इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया और अन्य कॉमेडियनों को निर्देश दिया कि वे दिव्यांग समुदाय से अपने प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक माफी मांगें। इसके साथ ही, उन्हें शपथपत्र भी दाखिल करना होगा जिसमें यह बताया जाए कि वे दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा की बार-बार अनदेखी की जा रही है। मंत्रालय को गाइडलाइन और प्रवर्तन तंत्र तैयार करने का समय दिया जाना चाहिए।”
कोर्ट ने सरकार को यह भी चेताया कि जल्दबाजी में अलग-थलग घटनाओं पर नियम न बनाए जाएं, बल्कि ऐसे प्रावधान तैयार हों जो बदलती तकनीक से जुड़ी चुनौतियों को भी कवर करें।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी इशारा दिया कि यदि रणवीर इलाहाबादिया और अन्य इन्फ्लुएंसर दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने के दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी राशि बाद में तय की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि कॉमेडियनों को हर सुनवाई पर मौजूद रहने की जरूरत नहीं होगी।
गूगल-स्वामित्व वाली यूट्यूब ने सोमवार को कहा कि यूट्यूब टीवी सब्सक्राइबर्स फॉक्स चैनल्स के संभावित ब्लैकआउट का सामना कर सकते हैं
गूगल-स्वामित्व वाली यूट्यूब ने सोमवार को कहा कि यूट्यूब टीवी सब्सक्राइबर्स फॉक्स चैनल्स के संभावित ब्लैकआउट का सामना कर सकते हैं, क्योंकि गूगल-स्वामित्व वाली यूट्यूब और फॉक्स के बीच अनुबंध विवाद अपने अंतिम घंटों में है। गूगल-स्वामित्व वाली इस कंपनी का कहना है कि यदि 27 अगस्त को शाम 5:00 बजे (ईस्टर्न टाइम) तक नया समझौता नहीं होता है, तो फॉक्स न्यूज, फॉक्स बिजनेस और फॉक्स स्पोर्ट्स जैसे लोकप्रिय चैनल सेवा से हटा दिए जाएंगे।
विवाद का मूल मुद्दा फॉक्स के कंटेंट को प्रसारित करने की लागत है। यूट्यूब टीवी ने कहा है कि फॉक्स "ऐसे भुगतान की मांग कर रहा है जो समान कंटेंट देने वाले साझेदारों की तुलना में कहीं अधिक है।" स्ट्रीमिंग सेवा की प्राथमिकता यह है कि दोनों कंपनियों के लिए निष्पक्ष सौदा किया जाए और सब्सक्राइबर्स के लिए लागत न बढ़े।
सब्सक्राइबर्स को भेजे संदेश में यूट्यूब टीवी ने इस निराशा को स्वीकार किया और कहा कि वह समझौते तक पहुंचने के लिए लगातार काम कर रहा है। कंपनी ने यह भी कहा कि यदि फॉक्स का कंटेंट लंबे समय तक अनुपलब्ध रहता है, तो सब्सक्राइबर्स को $10 का क्रेडिट दिया जाएगा।
यूट्यूब ने कहा, “हम फॉक्स की टीम के साथ समझौते तक पहुंचने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हमें पता है कि यह अनिश्चितता निराशाजनक है और यदि फॉक्स कंटेंट लंबे समय तक उपलब्ध नहीं रहता है, तो हम अपने सदस्यों को $10 का क्रेडिट देंगे। इस बीच, यदि फॉक्स कंटेंट अनुपलब्ध हो जाता है, तो भी आप ‘फॉक्स वन’ के लिए साइन अप करके उनके शो और स्पोर्ट्स देख सकते हैं।”
यह गतिरोध खेल प्रेमियों के लिए एक अहम समय पर आया है, क्योंकि ब्लैकआउट होने पर आगामी NFL और कॉलेज फुटबॉल खेलों तक पहुंच कट जाएगी। यह स्थिति विशेष रूप से उन लाखों दर्शकों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्होंने "केबल कनेक्शन छोड़ दिया" है और लाइव स्पोर्ट्स के लिए यूट्यूब टीवी जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं पर निर्भर हैं। दर्शकों के संभावित नुकसान का असर विज्ञापनदाताओं पर भी पड़ सकता है।
वहीं, फॉक्स ने कहा, “जबकि फॉक्स गूगल के यूट्यूब टीवी के साथ एक निष्पक्ष समझौते तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है, हमें निराशा है कि गूगल लगातार अपने अत्यधिक प्रभाव का दुरुपयोग करता है और ऐसे शर्तें प्रस्तावित करता है जो बाजार के अनुरूप नहीं हैं।”
हालांकि मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन अतीत में इसी तरह के गतिरोध हो चुके हैं। फरवरी में पैरामाउंट ग्लोबल ने यूट्यूब टीवी सब्सक्राइबर्स को इसी तरह की चेतावनी दी थी, लेकिन अंततः दोनों कंपनियों ने समयसीमा से ठीक पहले एक बहुवर्षीय सौदा कर लिया था।
इंडिया टुडे ग्रुप अपनी डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को मजबूत करते हुए दो नई पहल की शुरुआत कर रहा है। इन दोनों प्लेटफॉर्म्स की लॉन्चिंग 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर की जाएगी।
इंडिया टुडे ग्रुप अपनी डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को मजबूत करते हुए दो नई पहल की शुरुआत कर रहा है। दरअसल, इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने MO नामक एक नए इंग्लिश प्लेटफॉर्म और एक नए हेल्थ एंड वेलनेस वर्टिकल की लॉन्चिंग की घोषणा की है।
नए ऑफरिंग्स को खासतौर पर युवा दर्शकों की बदलते मीडिया के इस्तेमाल की आदतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। MO एक इंग्लिश-लैंग्वेज, इंस्टाग्राम-फर्स्ट प्लेटफॉर्म होगा, जिसका उद्देश्य मिलेनियल्स और Gen-Z को विज़ुअल-लीड स्टोरीटेलिंग के माध्यम से जोड़ना है।
इसके साथ ही, ग्रुप एक हेल्थ एंड वेलनेस वर्टिकल भी शुरू कर रहा है, जो फिटनेस, न्यूट्रिशन और समग्र जीवनशैली पर क्यूरेटेड कंटेंट उपलब्ध कराएगा। यह पहल उपभोक्ताओं में बढ़ती प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और लाइफस्टाइल ट्रांसफॉर्मेशन की रुचि को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
इन दोनों प्लेटफॉर्म्स की लॉन्चिंग 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर की जाएगी।
इन लॉन्च से, इंडिया टुडे ग्रुप न सिर्फ अपने कंटेंट स्पेक्ट्रम का विस्तार कर रहा है, बल्कि उन जीवंत समुदायों के साथ अपने जुड़ाव को भी और गहरा कर रहा है, जो तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जीते हैं, इंटरैक्ट करते हैं और कंटेंट का उपभोग करते हैं।
वैसे यह कदम ग्रुप की इस महत्वाकांक्षा को भी रेखांकित करता है कि वह हाई-ग्रोथ कंटेंट वर्टिकल्स में अपनी मौजूदगी बढ़ाते हुए डिजिटल मीडिया पावरहाउस के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करे।
ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI ने आकाश अय्यर को भारत के लिए सोशल लीड नियुक्त किया है। यह जानकारी अय्यर ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर साझा की।
ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI ने आकाश अय्यर को भारत के लिए सोशल लीड नियुक्त किया है। यह जानकारी अय्यर ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर साझा की। अय्यर इससे पहले Netflix के साथ जुड़े थे, जहां वे फिल्म और सीरीज मार्केटिंग मैनेजर थे।
अय्यर ने एक पोस्ट में लिखा, “यह मेरे लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है: मैं भारत टीम के लिए सोशल लीड के रूप में OpenAI से जुड़ रहा हूं। यह एक अविश्वसनीय अवसर है। लेकिन उससे भी बढ़कर, यह एक गहरी जिम्मेदारी है कि मैं मानवता के हित में AGI बनाने के मिशन में योगदान दे सकूं।”
अय्यर इससे पहले SportsKeeda, The Glitch, Buzzfeed और RR Donnelley के साथ भी काम कर चुके हैं।
अय्यर की नियुक्ति की यह खबर ऐसे समय में आई है जब सिर्फ एक हफ्ता पहले OpenAI ने भारत में अपना पहला दफ्तर खोलने की योजना की घोषणा की थी और अपनी विकास रणनीति का केंद्र नई दिल्ली को बनाने का फैसला किया था। कंपनी ने कहा था कि सरकार, कॉरपोरेट्स, डेवलपर्स और शैक्षणिक संस्थानों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास में, ChatGPT के निर्माता ने देश में औपचारिक रूप से एक इकाई स्थापित की है और स्थानीय टीम को नियुक्त करना भी शुरू कर दिया है।
संसद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित किए जाने के बाद Pokerbaazi ने अपनी सभी रियल मनी गैंबलिंग सेवाएं बंद कर दी हैं।
संसद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित किए जाने के बाद Pokerbaazi ने अपनी सभी रियल मनी गैंबलिंग सेवाएं बंद कर दी हैं। इस प्लेटफॉर्म ने शुक्रवार को घोषणा की, और Dream11, My11Circle, मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL), जूपी और प्रोबो जैसे प्रमुख प्रतिभागियों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने हाल ही में अपने संचालन बंद किए हैं।
कंपनी ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “बहुत भारी मन से हम घोषणा करते हैं कि PokerBaazi ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेगुलेशन) बिल, 2025 का पालन करते हुए अपने संचालन को रोक देगा। तुरंत प्रभाव से, हमारे प्लेटफॉर्म पर कोई भी रियल मनी गेम उपलब्ध नहीं होगा।”
कंपनी ने कहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर होस्ट किए गए सभी रियल मनी गेम्स इस निलंबन के दायरे में आते हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। Pokerbaazi ने आश्वासन दिया है कि ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहेगा और उन्हें अपने वॉलेट और निकासी तक पूरी पहुंच होगी, भले ही वे अब पेड प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकेंगे। इस परिवर्तन के दौरान, यूजर्स को कंपनी की प्लेयर रिलेशंस टीम से सहायता मिलती रहेगी।
नई विनियम व्यवस्था का क्रियान्वयन, जो भारत में रियल मनी गेमिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है, अब Pokerbaazi के अस्तित्व के लिए अहम है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा, जो ऑनलाइन गैंबलिंग बाजार को पूरी तरह बदल सकता है।
इस बीच, निवेशक भी इस निलंबन को लेकर चिंतित हैं। अनुमानित ₹800 करोड़ मूल्यांकन वाली Moonshine Technologies, जो Pokerbaazi की पेरेंट कंपनी है, में Nazara Technologies Ltd. की 46.07% हिस्सेदारी है।
ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI ने शीलादित्य मोहंती को भारत के लिए मार्केटिंग लीड नियुक्त किया है।
ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI ने शीलादित्य मोहंती को भारत के लिए मार्केटिंग लीड नियुक्त किया है। यह जानकारी मोहंती ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर साझा की।
मोहंती ने इस ख़बर की घोषणा करते हुए एक पोस्ट में लिखा, “भारत के लिए मार्केटिंग लीड के रूप में OpenAI से जुड़ने और मानवता के हित में AGI बनाने के मिशन में योगदान देने को लेकर उत्साहित हूं।”
मोहंती OpenAI में Meta से जुड़े हैं, जहां वे Meta AI और एशिया-प्रशांत क्षेत्र (APAC) के लिए Facebook के मार्केटिंग लीड थे।
मोहंती की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब सिर्फ एक हफ्ता पहले OpenAI ने भारत में अपना पहला दफ्तर खोलने की योजना की घोषणा की थी और अपनी विकास रणनीति का केंद्र नई दिल्ली को बनाने का फैसला किया था। सरकार, कॉरपोरेट्स, डेवलपर्स और शैक्षणिक संस्थानों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास में, ChatGPT के निर्माता ने देश में औपचारिक रूप से एक इकाई स्थापित की है और स्थानीय टीम को नियुक्त करना भी शुरू कर दिया है, कंपनी ने कहा था।
इसके साथ ही समाचार4मीडिया की उस खबर पर भी मुहर लग गई है, जिसमें कुछ दिनों पहले ही बताया गया था कि मुनीष देवगन जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की डिजिटल टीम में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार मुनीष देवगन ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्हें एनडीटीवी हिंदी में डिजिटल वीडियो स्ट्रैटेजी का हेड नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही समाचार4मीडिया की उस खबर पर भी मुहर लग गई है, जिसमें कुछ दिनों पहले ही विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि मुनीष देवगन जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की डिजिटल टीम में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
बता दें कि मुनीष देवगन ने पिछले दिनों ही ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ में करीब चार साल से कार्यरत थे। यहां डिजिटल हिंदी वीडियो क्लस्टर के हेड के तौर पर वह कई यूट्यूब चैनल्स की कमान संभाल रहे थे।
उनके नेतृत्व में Times Now Navbharat यूट्यूब पर महीनों तक नंबर 1 चैनल बना रहा। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग डिजिटल शोज के लिए 20 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीते। मुनीष ने खुद कई ओरिजिनल और प्रभावशाली कंटेंट तैयार किए, जिन्हें करोड़ों लोगों ने देखा और सराहा।
इस साल महाकुंभ पर उनकी विशेष कवरेज बेहद सफल रही। इससे पहले भी वे कई ओरिजिनल स्पेशल शूट्स और स्टोरीज के लिए जाने जाते रहे हैं। उनका माफिया सीरीज, क से कहानी और डिजिटल टॉक जैसे शोज दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रहे और करोड़ों व्यूज प्राप्त हुए।
मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले मुनीष देवगन को मीडिया में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। धैर्य और मल्टीटास्किंग के लिए पहचाने जाने वाले मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ से पहले करीब 15 साल तक ‘आजतक’ में विभिन्न विभागों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। सबसे अलग और हटकर स्टोरी के लिए मुनीष देवगन जाने जाते हैं, जैसे तिहाड़ जेल में 24 घंटे, जीबी रोड में एक दिन जैसे कई सुपरहिट शो उन्होंने बनाए।
समाचार4मीडिया की ओर से मुनीष देवगन को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब अब एकैडमी अवॉर्ड्स की मेजबानी करने की संभावना तलाश रहा है। यह एक साहसिक कदम हो सकता है जो एंटरटेनमेंट व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री दोनों को हिला सकता है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब अब एकैडमी अवॉर्ड्स की मेजबानी करने की संभावना तलाश रहा है। यह एक साहसिक कदम हो सकता है जो एंटरटेनमेंट व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री दोनों को हिला सकता है। लगभग पांच दशकों से, यह समारोह डिज्नी के स्वामित्व वाले ABC पर प्रसारित होता रहा है, जिसकी साझेदारी कम से कम 2028 तक सुरक्षित है। जबकि ABC पहले से ही इस इवेंट को यूट्यूब पर स्ट्रीम करता है, लेकिन प्राथमिक अधिकार हासिल करना गूगल के वीडियो प्लेटफॉर्म को रचनात्मक और वाणिज्यिक नियंत्रण सौंप देगा।
घटती हुई दर्शक संख्या से जूझ रहे इस इवेंट के लिए, यूट्यूब के 2.7 अरब मंथली यूजर ऐसी रीच प्रदान करते हैं जो पारंपरिक प्रसारक मेल नहीं खा सकते। ऑस्कर तुरंत ही एक युवा, अधिक वैश्विक दर्शक वर्ग तक पहुंच सकता है, जिनमें से कई ने पूरी तरह से केबल टीवी छोड़ दिया है। यह बदलाव सिर्फ रीच का नहीं, बल्कि प्रासंगिकता का भी होगा।
यूट्यूब की इंटरैक्टिव विशेषताएं यह परिभाषित कर सकती हैं कि दुनिया ऑस्कर का अनुभव कैसे करती है। लाइव चैट, पोल, पर्दे के पीछे का कंटेंट और इन्फ्लुएंसर सहयोग इस आयोजन को टीवी देखने के निष्क्रिय अनुभव की तुलना में कहीं अधिक इमर्सिव बना सकते हैं। कल्पना कीजिए हॉलीवुड के ए-लिस्ट स्टार्स डिजिटल-फर्स्ट क्रिएटर्स के साथ स्क्रीन साझा कर रहे हों, या यहां तक कि उनके साथ टिप्पणी कर रहे हों, जिनके पास बेहतरीन फैन फॉलोइंग है। पुरानी ग्लैमर और इन्फ्लुएंसर संस्कृति के इस मेल से वह चर्चा पैदा हो सकती है जिसे एकैडमी बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है।
ऑन-डिमांड व्यूइंग भी यूट्यूब के पक्ष में काम करता है। अगले दिन के रिप्ले या चुने हुए हाइलाइट्स का इंतजार करने की बजाय, दर्शक किसी भी समय वायरल भाषणों, रेड-कार्पेट लुक्स, या पूरे शो को दोबारा देख सकते हैं, जो कंटेंट यूज करने की बदलती आदतों के अनुरूप है।
फिर भी, यह कदम जोखिमों से खाली नहीं है। पारंपरिक टीवी से दूरी बनाना बुजुर्ग दर्शकों को दूर कर सकता है, जो ABC प्रसारण के प्रति वफादार बने हुए हैं। कई लोगों के लिए, ऑस्कर उतना ही “अपॉइंटमेंट टेलीविजन” की परंपरा के बारे में है जितना कि अवॉर्ड्स के बारे में।
तकनीकी विश्वसनीयता एक और चिंता है। स्ट्रीमिंग दिग्गजों को हाई-प्रोफाइल असफलताओं का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए, पिछले साल नेटफ्लिक्स का माइक टायसन बनाम जेक पॉल लाइवस्ट्रीम, जहां लाखों लोगों को बफरिंग और खराब क्वालिटी का अनुभव हुआ। ऑस्कर के वैश्विक दर्शक वर्ग को देखते हुए, यूट्यूब को यह साबित करना होगा कि वह बड़े पैमाने पर निर्बाध अनुभव प्रदान कर सकता है।
यदि यूट्यूब राइट्स हासिल करने में सफल होता है, तो यह सिर्फ गूगल की जीत नहीं होगी, बल्कि यह लाइव एंटरटेनमेंट और ऐडवर्टाइजमेंट के एक नए युग का संकेत हो सकता है। ब्रैंड्स के लिए, यूट्यूब पर ऑस्कर वास्तविक समय की सहभागिता, इंटरैक्टिव कैंपेंंस और वैश्विक दृश्यता के लिए अभूतपूर्व अवसर खोल सकता है।
अक्षांश की यह पदोन्नति डिजिटल क्षेत्र में संस्थान की पहुंच बढ़ाने और अपनी स्ट्रैटेजी को नए सिरे से केंद्रित करने की बड़ी योजना का हिस्सा है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 13 अगस्त से प्रभावी होगी।
‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने अक्षांश यादव को ‘आईटीवी नेटवर्क (डिजिटल) का सीईओ नियुक्त करने की घोषणा की है। अक्षांश की यह पदोन्नति डिजिटल क्षेत्र में संस्थान की पहुंच बढ़ाने और अपनी स्ट्रैटेजी को नए सिरे से केंद्रित करने की बड़ी योजना का हिस्सा है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 13 अगस्त से प्रभावी होगी।
इस प्रमोशन से पहले अक्षांश यादव ‘आईटीवी नेटवर्क’ (Itv Network) में चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। मीडिया इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले अक्षांश ने पूर्व में ‘एबीपी न्यूज’, ‘जी न्यूज’ और ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है।
इस पदोन्नति के बारे में ‘आईटीवी फाउंडेशन’ की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम अक्षांश यादव को ‘आईटीवी नेटवर्क-डिजिटल’ का सीईओ नियुक्त कर रहे हैं। उन्होंने नेटवर्क की डिजिटल यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अब वे इसे अगले चरण में ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनकी व्यापक जानकारी और विशेषज्ञता हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को और मजबूत बनाएगी।’
वहीं, अक्षांश यादव का कहना था, ‘आईटीवी नेटवर्क के डिजिटल सीईओ का पद संभालना मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। यह जिम्मेदारी मुझे इंडस्ट्री की सबसे गतिशील डिजिटल प्रॉपर्टीज के भविष्य को आकार देने का अवसर देती है। न्यूजएक्स, इंडिया न्यूज़, द डेली गार्जियन और द संडे गार्जियन जैसे अग्रणी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की अपार संभावनाएं हैं। हमारे प्रमोटर श्री कार्तिकेय शर्मा और डॉ. ऐश्वर्या पंडित के नेतृत्व में हम डिजिटल दुनिया में नए मानक स्थापित करेंगे।’
बता दें कि मीडिया इंडस्ट्री के अलावा, अक्षांश को फिनटेक और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर का भी खासा अनुभव है। उन्होंने केनरा एचएसबीसी इंश्योरेंस के साथ काम करते हुए भारत में उनके डिजिटल बिजनेस को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, वह ‘इंश्योरेंस देखो’ और ‘कार देखो’ से भी जुड़े रहे हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो अक्षांश ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और देश के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में शुमार ‘एमआईसीए’ (MICA) से एमबीए किया है । इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मशीन लर्निंग में लाइसेंशिएट डिग्री भी हासिल की है।