इससे पहले वह करीब 16 महीने से जागरण समूह की डिजिटल कंपनी 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) को अपनी सेवाएं दे रहे थे।
युवा पत्रकार अनुराग गुप्ता ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपने नए सफर की शुरुआत की है। उन्होंने इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbhart) की डिजिटल विंग में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर जॉइन किया है।
इससे पहले वह करीब 16 महीने से जागरण समूह की डिजिटल कंपनी 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) को अपनी सेवाएं दे रहे थे। वह 'जागरण न्यू मीडिया' के रियल टाइम्स डेस्क में बतौर सीनियर सब एडिटर जुड़े थे, जहां पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों के साथ ही शनिवार और रविवार की शिफ्ट भी देखते थे।
'जागरण न्यू मीडिया' से पहले वह 'प्रभासाक्षी', 'न्यू वर्ल्ड इंडिया' और दो स्टार्ट अप वेबसाइट के साथ काम कर चुके हैं।
मूल रूप से सतना (मध्य प्रदेश) के कोठी नामक गांव के रहने वाले अनुराग गुप्ता के पास मीडिया के क्षेत्र में काम करने का सात साल से ज्यादा का तजुर्बा है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है। वह कॉलेज के दिनों से ही पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं। समाचार4मीडिया की ओर से अनुराग गुप्ता को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
VerSe Innovation की प्रमुख न्यूज एग्रीगेटर कंपनी 'डेलीहंट' (DailyHunt) अपने बेंगलुरु स्थित बेलंदूर वाले मौजूदा दफ्तर को खाली करने जा रही है।
VerSe Innovation की प्रमुख न्यूज एग्रीगेटर कंपनी 'डेलीहंट' (DailyHunt) अपने बेंगलुरु स्थित बेलंदूर वाले मौजूदा दफ्तर को खाली करने जा रही है। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य हर महीने करीब 60 लाख रुपये के किराए की बचत और संचालन को बेहतर बनाना बताया गया है।
कंपनी के मौजूदा ऑफिस में करीब 700 एम्प्लॉयीज कार्यरत हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑफिस की मासिक लागत 1.2 से 1.3 करोड़ रुपये के बीच है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि DailyHunt अब किसी नई लोकेशन पर अपना ऑफिस शिफ्ट करेगा।
यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब VerSe Innovation अपने खर्चों में कटौती और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। मई महीने में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी AI आधारित रणनीतियों को आगे बढ़ाने और दक्षता बढ़ाने के प्रयास में करीब 350 एम्प्लॉयीज की छंटनी भी कर चुकी है।
वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का प्रदर्शन भी दबाव में रहा। VerSe Innovation का कुल राजस्व FY24 में घटकर 1,261 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल यानी FY23 में 1,809 करोड़ रुपये था—यानी 30.3% की गिरावट।
कंपनी द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, EBITDA (ब्याज, टैक्स, गिरावट व परिशोधन से पहले की कमाई) में भी 51% की गिरावट दर्ज की गई। FY23 में जहां EBITDA 1,448 करोड़ रुपये था, वहीं FY24 में यह घटकर 710 करोड़ रुपये रह गया।
ऑफिस रीलोकेशन का यह कदम कंपनी के व्यवसायिक पुनर्गठन और लागत नियंत्रण की व्यापक योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
भारत का शॉर्ट-वीडियो कंटेंट इकोसिस्टम तेजी से बदल रहा है। इस बदलाव के केंद्र में हैं माइक्रोड्रामा।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत का शॉर्ट-वीडियो कंटेंट इकोसिस्टम तेजी से बदल रहा है। इस बदलाव के केंद्र में हैं माइक्रोड्रामा- ऐसे बेहद संक्षिप्त, भावनात्मक और ट्विस्ट से भरे वीडियो जो एक मिनट से भी कम समय में पूरी कहानी कह जाते हैं। इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इस फॉर्मेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जिससे अब कई नए खिलाड़ी इस क्षेत्र में उतर चुके हैं।
नए खिलाड़ी, नए प्रयोग
इस तेजी से उभरते सेगमेंट में Reelies, ReelSaga और Flick TV जैसे प्लेटफॉर्म्स स्थानीय भाषाओं में छोटे-छोटे फिक्शन एपिसोड के साथ सामने आए हैं। खास बात यह है कि ये सभी मोबाइल-फर्स्ट उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए टियर-2 और टियर-3 शहरों को टारगेट कर रहे हैं। Reelies (जिसे अंशुमान मिश्रा और अंशुमाली झा ने शुरू किया)ने महज छह महीनों में 4 लाख से ज्यादा डाउनलोड हासिल किए हैं। वहीं Flick TV को कुछ ही हफ्तों में 10 हजार डाउनलोड मिल चुके हैं।
निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
शॉर्ट-वीडियो कंटेंट के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए निवेशक भी तेजी से इसमें रुचि दिखा रहे हैं। Flick TV ने 2025 की शुरुआत में कुशल सिंगल और प्रतीक आनंद द्वारा स्थापित किए जाने के बाद Stellaris Venture Partners के नेतृत्व में Gemba Capital और Titan Capital की भागीदारी से 2.3 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई है। ReelSaga (जिसकी स्थापना शुभ बंसल, शानू विवेक और रितेश पांडे ने की) ने भी पिछले महीने Picus Capital, Nazara Technologies, ITI Growth Opportunities Fund और 8i Ventures समेत अन्य एंजेल निवेशकों से 2.1 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
शॉर्ट-फॉर्म में ओटीटी की चुनौती
टिकटॉक के भारत से बाहर होने के बाद देश में शॉर्ट-वीडियो का बाजार पूरी तरह से गर्म है। एक ओर जहां इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी दिग्गज कंपनियां मौजूद हैं, वहीं Moj और Chingari जैसे देसी ऐप्स और नए खिलाड़ी Flick TV व ReelSaga तेजी से उभर रहे हैं। भारत में अब 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और अधिकांश मोबाइल-फर्स्ट हैं। RedSeer के अनुमान के मुताबिक यह सेगमेंट 2030 तक 8 से 12 अरब डॉलर का हो सकता है।
PTPL India के COO और पूर्व SonyLIV एग्जिक्यूटिव पेप फिगेरेडो कहते हैं, “माइक्रोड्रामा का उभार दर्शकों की आदतों, क्रिएटर्स की लॉयल्टी और नए मोनेटाइजेशन मॉडल को दर्शाता है। यह वायरल वीडियो से आगे जाकर सीरियलाइज्ड स्टोरीटेलिंग का दौर है।”
"डिजिटल सोप्स" की नई लत
DentsuX के मीडिया लीड अनिल सोलंकी मानते हैं कि यह ट्रेंड छोटे शहरों और जेनरेशन Z में खासा लोकप्रिय हो रहा है। यह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़ाव बनाने का एक तरीका बन गया है। एक मीडिया विश्लेषक इसे “डिजिटल सोप्स” की संज्ञा देते हैं- हर दिन लौटकर देखने की लत लगाने वाला फॉर्मेट।
Flick TV के कुशल सिंगल कहते हैं, “चीन का 7 अरब डॉलर का माइक्रोड्रामा बाजार इस बात का सबूत है कि भारत भी अगले 5 साल में 5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।”
माइक्रोपेमेंट से कमाई के नए रास्ते
कुछ प्लेटफॉर्म्स ऐसे भी हैं जो माइक्रोपेमेंट मॉडल पर प्रयोग कर रहे हैं, उदाहरण के लिए प्रतिदिन सीमित एपिसोड देखने के लिए छोटी-छोटी राशि वसूलना। इससे विज्ञापन पर निर्भरता कम होती है और बजट-फ्रेंडली यूजर्स को बनाए रखना आसान होता है।
Infectious के डिजिटल हेड अबरार नकुड़ा कहते हैं, “यदि कंटेंट राजा है, तो ध्यान (attention) उसकी गद्दी है और फिलहाल, इस गद्दी पर मजबूती से शॉर्ट-फॉर्म स्टोरीटेलिंग बैठी है'' वे आगे कहते हैं, "तेज भावनात्मक जुड़ाव वाले और कम समय की मांग करने वाले फॉर्मेट (high-emotion, low-commitment formats) आज जीत रहे हैं, क्योंकि दर्शकों को इससे जल्दी 'dopamine hit' यानी संतुष्टि और आनंद की अनुभूति मिल जाती है।"
ओटीटी के लिए चेतावनी
फिगेरेडो मानते हैं कि माइक्रोड्रामा पारंपरिक ओटीटी मॉडल को दर्शक, क्रिएटर और ब्रैंड स्पेंडिंग के मामले में कड़ी चुनौती दे रहा है। पारंपरिक ओटीटी को अब मोबाइल-फर्स्ट स्ट्रैटेजी और स्नैकेबल फॉर्मेट अपनाने की जरूरत है।
सोलंकी इसे “हाइब्रिड जॉनर” कहते हैं, जो ओटीटी की गहराई और सोशल मीडिया की गति का संगम है। नकुड़ा आगे जोड़ते हैं, “हम माइक्रो-बिंजिंग की ओर बढ़ रहे हैं, जहां मिनी एंथोलॉजी और कैप्सूल ड्रामा मुख्यधारा बन सकते हैं।”
ब्रैंड्स को भी मिला नया मंच
ब्रैंड्स भी अब माइक्रोड्रामा में अपनी जगह बना रहे हैं। न केवल इंटीग्रेशन के जरिए, बल्कि स्वतंत्र ब्रैंडेड सीरीज के रूप में भी। उदाहरण के तौर पर Canva’s Calm Chori और ListenTBH x Jeevansathi’s Finding Forever को देखा जा सकता है। नकुड़ा कहते हैं, “जब दो मिनट में कहानी खत्म हो जाए और किरदार याद रह जाएं, तब मार्केटिंग स्मार्ट हो जाती है।”
वे आगे जोड़ते हैं, “यह क्रिएटर गोल्ड रश का दौर है। ये प्लेटफॉर्म ‘क्रिएटर-फर्स्ट ओटीटी’ बनते जा रहे हैं, जहां क्षेत्रीय कहानीकारों को पहली बार राष्ट्रीय मंच मिल रहा है।”
माइक्रोड्रामा फॉर्मेट अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक नई डिजिटल संस्कृति बनकर उभर रहा है। पारंपरिक ओटीटी से लेकर ब्रैंड्स और निवेशक तक, सभी इसके संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। अब जो प्लेटफॉर्म तेजी से मोबाइल-फर्स्ट थिकिंग, स्केलेबल फॉर्मेट और स्मार्ट मोनेटाइजेशन मॉडल को एडॉप्ट करेगा, वही भारत के डिजिटल एंटरटेनमेंट के भविष्य को परिभाषित करेगा।
दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप WhatsApp (वॉट्सऐप) अब तक के सबसे बड़े विज्ञापन फीचर्स लाने जा रहा है।
दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप WhatsApp (वॉट्सऐप) अब तक के सबसे बड़े विज्ञापन फीचर्स लाने जा रहा है। Meta के स्वामित्व वाले इस प्लेटफॉर्म ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपडेट्स टैब के भीतर नए मोनेटाइजेशन टूल्स को शुरू करने वाला है। यह एक ऐसा कदम है, जो WhatsApp के अब तक के विज्ञापन-मुक्त मॉडल में बड़ा बदलाव लाएगा। हालांकि कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि निजी चैट्स पर इसका कोई असर नहीं होगा।
अब तक WhatsApp ने अपने Meta परिवार के अन्य प्लेटफॉर्म्स (Facebook और Instagram) से खुद को अलग बनाए रखा था, जहां विज्ञापन अहम भूमिका निभाते हैं। WhatsApp ने प्रचार को केवल WhatsApp Business मैसेज तक सीमित रखा था और कुछ चुनिंदा बाजारों में Status Ads के सीमित परीक्षण किए थे। लेकिन अब तस्वीर बदलने वाली है।
कंपनी ने बताया कि वह Updates टैब (जिसमें Channels और Status जैसे फीचर्स शामिल हैं और जिन्हें रोजाना 1.5 अरब लोग इस्तेमाल करते हैं) के भीतर तीन नए मोनेटाइजेशन फीचर्स शुरू करने जा रही है—
पेड चैनल सब्सक्रिप्शन: यूजर्स अब ब्रैंड्स और क्रिएटर्स के प्रीमियम कंटेंट को सब्सक्राइब कर सकेंगे।
प्रमोटेड चैनल्स: डिस्कवरी डायरेक्टरी में ब्रैंड्स और क्रिएटर्स पैसे देकर अपने चैनल्स को हाइलाइट कर सकेंगे।
Status में विज्ञापन: Instagram Stories की तर्ज पर WhatsApp Status में अब विज्ञापन दिखेंगे—जिससे मार्केटर्स के लिए एक नया रास्ता खुलेगा।
कंपनी इस बदलाव को लेकर यूजर्स को आश्वस्त भी कर रही है। WhatsApp ने कहा, “हम सालों से यह कह रहे हैं कि हम एक ऐसा बिजनेस मॉडल बना रहे हैं जो आपकी निजी चैट्स में बाधा न डाले। हमें लगता है कि Updates टैब इस तरह की सुविधाओं के लिए उपयुक्त जगह है।”
WhatsApp का साफ कहना है कि जो यूजर्स केवल व्यक्तिगत बातचीत के लिए ऐप का इस्तेमाल करते हैं, उनके अनुभव में कोई बदलाव नहीं होगा। ये सभी नए फीचर्स केवल Updates टैब तक सीमित रहेंगे, जिसे अगर चाहें तो सेटिंग्स में जाकर बंद भी किया जा सकता है।
Meta में प्रोडक्ट मैनेजमेंट की वाइस प्रेजिडेंट निकिला श्रीनिवासन ने गोपनीयता को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं एक बात पूरी स्पष्टता से कहना चाहती हूं कि आपके निजी मैसेज, कॉल्स और स्टेटस पूरी तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेंगे। न हम और न ही कोई और इन्हें देख या सुन सकता है और न ही इनका इस्तेमाल विज्ञापन के लिए होगा।”
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि Meta कभी भी यूजर्स के फोन नंबर न तो विज्ञापनदाताओं को बेचेगा और न ही साझा करेगा। इसके अलावा, विज्ञापन दिखाने के लिए किसी के पर्सनल मैसेज, कॉल्स या ग्रुप मेंबर्स को आधार नहीं बनाया जाएगा। श्रीनिवासन ने कहा, “Status या Channels में विज्ञापन दिखाने के लिए हम केवल बुनियादी जानकारी जैसे आपकी देश/शहर की लोकेशन, डिवाइस भाषा और Updates टैब में आपकी एक्टिविटी का उपयोग करेंगे।”
हालांकि यह एक बड़ा बदलाव है, लेकिन WhatsApp इसे धीरे-धीरे लागू करेगा। श्रीनिवासन ने कहा, “यह सुविधाएं धीरे-धीरे आने वाले महीनों में शुरू की जाएंगी, इसलिए हो सकता है कि आपके देश में इन्हें देखने में थोड़ा वक्त लगे।” इस धीमी शुरुआत का मकसद यूजर्स और नियामकों को बदलाव के साथ सहज होने का समय देना है।
दुनिया भर में 200 करोड़ से अधिक मंथली यूजर्स के साथ WhatsApp का विज्ञापन की दुनिया में प्रवेश डिजिटल मार्केटिंग और ब्रैंड एंगेजमेंट के लिए बड़ा असर डाल सकता है। वर्षों से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि Meta कभी न कभी WhatsApp को मोनेटाइज करने की दिशा में कदम उठाएगा और अब वह वक्त आ गया है।
अब देखना होगा कि WhatsApp का यह नया अध्याय, जो नवाचार और गोपनीयता के संतुलन का दावा करता है, यूजर्स और ब्रैंड्स के बीच कैसा स्वागत पाता है।
ShareChat और Moj के चीफ बिजनेस ऑफिसर गौरव जैन कंपनी से विदा लेने जा रहे हैं। उन्होंने यह जानकारी एक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए साझा की है।
ShareChat और Moj के चीफ बिजनेस ऑफिसर गौरव जैन कंपनी से विदा लेने जा रहे हैं। उन्होंने यह जानकारी एक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए साझा की है।
गौरव ने लिखा, “आज हमने आंतरिक रूप से टीम को सूचित किया कि मैं आने वाले हफ्तों में ShareChat और Moj से विदा ले रहा हूं। यह बदलाव कुछ समय से प्रक्रिया में था और मैं अभी कुछ और समय के लिए यहां रहूंगा, इसके बाद एक नई चुनौती को स्वीकार करूंगा।”
अपनी अगली भूमिका के संकेत देते हुए उन्होंने लिखा, “जहां तक बात है आगे क्या करने जा रहा हूं, तो मैं भारत से पैन-एशिया की ओर बढ़ रहा हूं। इस पर जल्द और जानकारी दूंगा।”
गौरव जैन को नवंबर 2023 में ShareChat और Moj का चीफ बिजनेस ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने कंपनी को अक्टूबर 2022 में जॉइन किया था।
ShareChat से पहले, गौरव Snap Inc. में APAC बिजनेस एक्सपैंशन के प्रमुख थे, जहां वे भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे उभरते एशियाई बाजारों में Snapchat के मोनेटाइजेशन के लिए जिम्मेदार थे।
इससे पहले वे गूगल के एशिया पैसिफिक एजेंसी बिजनेस से जुड़े रहे और Meta India के मिड-मार्केट बिजनेस का भी नेतृत्व कर चुके हैं। Snap में उन्होंने पूरे APAC बिजनेस की अगुवाई की थी।
ShareChat में अपने कार्यकाल के दौरान, गौरव ने भारत में शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म्स के मोनेटाइजेशन मॉडल को आकार देने की दिशा में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में Moj ने कंटेंट क्रिएटर्स और ब्रांड्स के लिए कई इनोवेटिव इनिशिएटिव शुरू किए।
अब जब गौरव जैन अपने करियर की अगली पारी शुरू करने जा रहे हैं, इंडस्ट्री उनकी अगली भूमिका और नए मोर्चे की घोषणा का इंतजार कर रही है।
iTV नेटवर्क के अंग्रेजी न्यूज चैनल 'NewsX' ने अपनी वेबसाइट newsx.com को पूरी तरह से नए अवतार में लॉन्च कर दिया है।
iTV नेटवर्क के अंग्रेजी न्यूज चैनल 'NewsX' ने अपनी वेबसाइट newsx.com को पूरी तरह से नए अवतार में लॉन्च कर दिया है। यह नया प्लेटफॉर्म आधुनिक डिजाइन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संचालित फीचर्स और यूजर-फर्स्ट अप्रोच के साथ डिजिटल न्यूज के अनुभव को एक नई दिशा देने के लिए तैयार है।
नई वेबसाइट न सिर्फ विजुअली आकर्षक है, बल्कि इसकी नेविगेशन भी बेहद सहज है। सबसे खास बात है इसका AI-पावर्ड कंटेंट रिकमेंडेशन इंजन, जो हर यूजर के लिए उनकी रुचि के मुताबिक खबरों का चयन करता है। इसका मतलब यह है कि अब पाठकों को वही खबरें पहले दिखेंगी जो उनके लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक, समयानुकूल और भरोसेमंद हैं। NewsX की रिपोर्टिंग में गहराई, तथ्य-आधारित विश्लेषण और ग्लोबल परिप्रेक्ष्य साफ झलकता है।
वेबसाइट में इंटरऐक्टिव विजेट्स, ट्रेंडिंग स्टोरीज, मल्टीमीडिया फॉर्मैट्स और इन-डेप्थ एनालिसिस को प्रमुखता दी गई है। पूरी वेबसाइट का ढांचा इस तरह तैयार किया गया है कि पाठकों को बिना किसी रुकावट के सूचनाएं मिलें और वे NewsX की विविध कंटेंट ऑफर्स से और गहराई से जुड़ सकें। डिजाइन में मोबाइल-फ्रेंडली और इमर्सिव ब्राउजिंग को प्राथमिकता दी गई है।
NewsX की इस रणनीतिक पहल के बारे में iTV नेटवर्क के चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर अक्षांश यादव ने कहा, “नई NewsX वेबसाइट हमारी इस सोच का परिणाम है कि AI का इस्तेमाल करके न्यूज को न सिर्फ पर्सनलाइज किया जा सकता है, बल्कि उसे ज्यादा आकर्षक और भरोसेमंद भी बनाया जा सकता है। टीम ने साइट के हर पहलू को नए सिरे से डिजाइन किया है ताकि यूजर्स को सहज, तथ्य-आधारित और नेत्रसुखद अनुभव मिले। यह कदम हमारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा में एक अहम पड़ाव है।”
iTV नेटवर्क के ग्रुप सीईओ अभय ओझा ने कहा, “newsx.com का यह नया रूप हमारी नवाचार और ऑडियंस संतुष्टि की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एडिटोरियल क्वॉलिटी और टेक्नोलॉजी के बेहतरीन मेल से हम डिजिटल मीडिया में भरोसेमंद नेतृत्व को और मजबूत बनाने के लिए तैयार हैं।”
NewsX की यह नई वेबसाइट आज के डिजिटल पाठकों को एक ऐसा अनुभव देने का वादा करती है जो न सिर्फ सूचनात्मक और विश्वसनीय हो, बल्कि तेज, स्मार्ट और पूरी तरह उनके लिए ही तैयार किया गया हो।
iTV नेटवर्क की डिजिटल इकाई iTV Digital Services Private Limited (IDSPL) ने वरिष्ठ पत्रकार संघमित्रा मजूमदार को अपने इंग्लिश डिजिटल वर्टिकल की न्यूज डायरेक्टर नियुक्त किया है।
iTV नेटवर्क की डिजिटल इकाई iTV Digital Services Private Limited (IDSPL) ने वरिष्ठ पत्रकार संघमित्रा मजूमदार को अपने इंग्लिश डिजिटल वर्टिकल की न्यूज डायरेक्टर नियुक्त किया है। इस भूमिका में वे नेटवर्क के अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाले वेबसाइट्स, वीडियो और सोशल प्लेटफॉर्म्स के लिए संपादकीय रणनीति, न्यूजरूम संचालन और ऑडियंस ग्रोथ की अगुवाई करेंगी।
संघमित्रा मजूमदार को डिजिटल और प्रिंट पत्रकारिता में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव है। ABP Live English की संपादक के रूप में काम करने से पहले वे The Indian Express, The Print और The Statesman जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में वरिष्ठ संपादकीय पदों पर रही हैं। उनकी पत्रकारिता की शुरुआत वर्ष 2000 में हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ हुई थी।
अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर संघमित्रा मजूमदार ने कहा, “आज की डिजिटल पत्रकारिता सिर्फ तेजी नहीं, संदर्भ और समझ के साथ खबर देने की कला है। 25 साल के अनुभव ने मुझे सिखाया है कि चुनौती सिर्फ़ ख़बरें सबसे पहले देने की नहीं है, बल्कि उन्हें भरोसे, विश्वसनीयता और जुड़ाव के साथ पेश करने की है। इस नई भूमिका में मेरा लक्ष्य एक ऐसी न्यूजरूम संस्कृति बनाना होगा जो रफ्तार के साथ गहराई, तकनीक के साथ ईमानदारी और दर्शकों के लिए सचमुच जरूरी कहानियों को प्राथमिकता दे।”
iTV नेटवर्क के सीईओ अभय ओझा ने संघमित्रा की नियुक्ति पर कहा, “हम संघमित्रा मजूमदार का iTV नेटवर्क परिवार में स्वागत करते हुए बेहद उत्साहित हैं। उनकी संपादकीय सूझबूझ, न्यूज सेंस और शीर्ष राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर नेतृत्व का लंबा अनुभव हमारे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभाएगा। उनका विजन और पत्रकारिता के प्रति प्रतिबद्धता हमारी अंग्रेजी डिजिटल पेशकशों को नई दिशा देगी। हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में एक सशक्त और भरोसेमंद डिजिटल अध्याय की शुरुआत होगी।”
iTV नेटवर्क यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी डिजिटल खबरें न सिर्फ तेज हों, बल्कि भरोसेमंद और जनहित से जुड़ी भी हों और संघमित्रा मजूमदार की नियुक्ति उसी दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा (Meta) ने भारत में अपने नए मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड के रूप में अरुण श्रीनिवास (Arun Srinivas) की नियुक्ति की है।
टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा (Meta) ने भारत में अपने नए मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड के रूप में अरुण श्रीनिवास (Arun Srinivas) की नियुक्ति की है। यह घोषणा कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट (भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया) संध्या देवनाथन की भूमिका में विस्तार के बाद की गई है, जिनके अधीन अब भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया दोनों क्षेत्र होंगे।
अरुण श्रीनिवास 1 जुलाई 2025 से अपनी नई भूमिका में कार्यभार संभालेंगे और संध्या देवनाथन को रिपोर्ट करते रहेंगे। इस नई जिम्मेदारी में वे मेटा के व्यवसाय, नवाचार और राजस्व प्राथमिकताओं को एक सूत्र में पिरोते हुए कंपनी के साझेदारों और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। साथ ही वे भारत में कंपनी की दीर्घकालिक विकास रणनीति को मजबूती देने के लिए अग्रणी ब्रांड्स, विज्ञापनदाताओं, डेवलपर्स और साझेदारों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएंगे।
श्रीनिवास वर्तमान में मेटा इंडिया में डायरेक्टर और हेड ऑफ ऐड्स बिज़नेस की भूमिका में हैं। वे 2020 में मेटा से जुड़े थे और तब से लेकर अब तक भारत के प्रमुख विज्ञापनदाताओं और एजेंसी पार्टनर्स के साथ कंपनी की रणनीतिक राजस्व प्राथमिकताओं—जैसे AI, रील्स और मैसेजिंग—पर काम कर चुके हैं।
करीब तीन दशक के अनुभव के साथ श्रीनिवास हिंदुस्तान यूनिलीवर, रीबॉक, ओला और वेस्टब्रिज कैपिटल जैसी कंपनियों में सीनियर नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
संध्या देवनाथन ने इस मौके पर कहा, “जैसे-जैसे भारत आर्थिक प्रगति और नवाचार का केंद्र बनता जा रहा है, हमें खुशी है कि अरुण हमारे प्रयासों का नेतृत्व करेंगे। भारत में AI अपनाने से लेकर वॉट्सऐप और रील्स में अग्रणी भूमिका निभाने तक, मेटा की दिशा को तय करने में अरुण का अनुभव, टीम निर्माण की उनकी क्षमता और साझेदारियों को मजबूत करने की समझ बेहद अहम होगी। हम मिलकर भारत में मेटा के विस्तार को और गति देंगे।”
विकिपीडिया (Wikipedia) ने हाल ही में शुरू किए गए एआई-जनित आर्टिकल समरीज (AI-generated article summaries) के ट्रायल को फिलहाल स्थगित कर दिया है
विकिपीडिया (Wikipedia) ने हाल ही में शुरू किए गए एआई-जनित आर्टिकल समरीज (AI-generated article summaries) के ट्रायल को फिलहाल स्थगित कर दिया है, क्योंकि इसके स्वयंसेवी संपादकों (Editors) की समुदाय से तीव्र प्रतिक्रिया मिली है। यह फीचर वेबसाइट के मोबाइल वर्जन पर टेस्ट किया जा रहा था, जिसका मकसद लंबी और जटिल जानकारियों को संक्षेप में, मशीन से तैयार किए गए टेक्स्ट में पेश करना था। हालांकि सटीकता, संपादकीय नियंत्रण और प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता को लेकर उठे सवालों के बाद विकिमीडिया फाउंडेशन को यह ट्रायल रोकना पड़ा।
एआई से तैयार ये समरीज कुछ लेखों की शुरुआत में दिखाए जा रहे थे और इन्हें पीले रंग के "unverified" टैग के साथ स्पष्ट रूप से चिह्नित किया गया था। उद्देश्य था कि पाठकों (खासकर उन लोगों के लिए जो विषय से परिचित नहीं हैं) के लिए लेखों को समझना आसान बनाया जाए। लेकिन कई अनुभवी संपादकों को लगा कि यह प्रयोग विकिपीडिया की मूल भावना के खिलाफ है, जहां सामग्री इंसानी योगदान और समीक्षा के आधार पर बनती है।
एक वरिष्ठ संपादक ने प्रतिक्रिया में कहा, “यह वह नहीं है, जिसके लिए विकिपीडिया खड़ा है।” उनके मुताबिक इस तरह के एआई समरीज पाठकों को भ्रमित कर सकते हैं और साइट की सामग्री की गुणवत्ता कमजोर कर सकते हैं। अन्य संपादकों ने चेताया कि मशीन से तैयार लेखों में सूक्ष्म गलतियां या गलतफहमियां हो सकती हैं, जिन्हें मानव संपादक पकड़ सकता है।
विरोध उस समय और तेज हो गया जब संपादकों ने इस पहल की तुलना Google के AI Overviews से की, जिसे हाल ही में तथ्यात्मक त्रुटियों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। विकिपीडिया के कई योगदानकर्ताओं ने चिंता जताई कि अगर विकिपीडिया भी इसी राह पर चलता है, तो उसकी साख को गहरा नुकसान हो सकता है, खासतौर पर तब जब एआई जनित सामग्री को इंसानी लेखन से ऊपर रखा जाने लगे।
ऑनलाइन चर्चाओं में “बहुत खराब विचार” और “पूरी तरह विरोध” जैसे शब्द बार-बार सामने आए। कुछ योगदानकर्ताओं ने यहां तक कह दिया कि अगर विकिपीडिया इसी दिशा में गया, तो वे संपादन छोड़ देंगे। उनके अनुसार, इंसानी संपादक गलतियां कर सकते हैं, लेकिन विकिपीडिया का सहयोगात्मक मॉडल दीर्घकाल में भरोसे की गारंटी देता है, जो बिना निगरानी के एआई कभी नहीं दे सकता।
इस तीव्र प्रतिक्रिया के बाद विकिमीडिया फाउंडेशन ने पुष्टि की कि एआई समरी ट्रायल फिलहाल रोक दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में फाउंडेशन ने स्वीकार किया कि इस फीचर को पेश करते वक्त संपादक समुदाय से पर्याप्त विचार-विमर्श नहीं किया गया, और भविष्य में एआई जैसे टूल्स को शामिल करने से पहले सोच-समझकर योजना बनानी होगी।
हालांकि यह परियोजना फिलहाल स्थगित है, विकिमीडिया ने स्पष्ट किया कि वह भविष्य में एआई के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं करता। लेकिन आगे किसी भी तरह का प्रयोग पारदर्शिता और सामुदायिक भागीदारी के साथ ही किया जाएगा।
कंपनी के अनुसार, इसमें Speed 50, Speed 100, Duniya 20, Sports 20, Mausam 20 जैसे छोटे और दिलचस्प फॉर्मैट्स में रीयल टाइम कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
‘कनेक्टेड टीवी’ (CTV) और लीनियर टीवी पर मौजूदगी के बाद अब India TV Speed News वेब प्लेटफॉर्म पर भी लॉन्च हो चुका है। इस विस्तार के साथ यह चैनल अब सभी डिजिटल माध्यमों पर उपलब्ध है, जिससे दर्शक किसी भी समय, किसी भी डिवाइस पर तेजी से और सहज रूप से खबरें देख सकते हैं।
कंपनी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर उन डिजिटल-फर्स्ट दर्शकों के लिए तैयार किया गया है जो ताजा जानकारी तुरंत चाहते हैं। इसमें Speed 50, Speed 100, Duniya 20, Sports 20, Mausam 20 जैसे छोटे और दिलचस्प फॉर्मैट्स में रीयल टाइम कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
इंडिया टीवी की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु धवन ने कहा, 'Speed News को अब वेब पर लॉन्च करके हम तेज और भरोसेमंद पत्रकारिता को आज के डिजिटल दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म पहले ही CTV और टीवी पर अच्छी सफलता दर्ज कर चुका है, और अब वेब के माध्यम से हम दर्शकों तक उनकी सुविधा के अनुसार किसी भी समय, किसी भी डिवाइस पर पहुंच सकेंगे।'
कंपनी का कहना है कि यह वेब लॉन्च ‘इंडिया टीवी’ के उस विजन को आगे बढ़ाता है, जिसमें खबरों को तेजी, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता है। चाहे स्मार्ट टीवी हो, पारंपरिक टीवी सेट या स्मार्टफोन—India TV Speed News अब हर प्लेटफॉर्म पर तेज, केंद्रित और भरोसेमंद खबरों का प्रमुख ठिकाना बन चुका है।
प्रॉडक्शन बजट पर दबाव बढ़ने के साथ, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
प्रॉडक्शन बजट पर दबाव बढ़ने के साथ, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। सिर्फ दर्शकों को कंटेंट सजेस्ट करने के लिए नहीं, बल्कि स्क्रिप्ट लेखन, स्टोरीबोर्ड बनाने और वर्चुअल लोकेशन्स तैयार करने जैसे रचनात्मक कार्यों में भी AI की मदद ली जा रही है।
जहां ChatGPT पहले से ही प्रड्यूसर और स्क्रिप्टराइटर के बीच लोकप्रिय है, वहीं अब Anthropic द्वारा विकसित Claude भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका इस्तेमाल संवादों के वैरिएंट्स बनाने, सीन डिस्क्रिप्शन को समृद्ध करने और कैरेक्टर डेवलपमेंट एक्सप्लोर करने में हो रहा है। ये टूल्स टोन को बेहतर बनाते हैं और यहां तक कि किसी विशेष व्यक्ति की लेखन शैली की नकल भी कर सकते हैं।
प्रॉडक्शन की लागत घटाने और शेड्यूल तेज करने के लिए कई प्रॉडक्शन हाउस, यहां तक कि बड़े स्टूडियोज भी अब कंटेंट निर्माण के अलग-अलग चरणों में AI को शामिल कर रहे हैं। हालांकि यह अपनाने का चरण अभी शुरुआती है, लेकिन जनरेटिव AI का उपयोग स्क्रिप्टिंग और प्री-प्रॉडक्शन में रफ्तार पकड़ रहा है। इन टूल्स की मदद से आइडियाज जनरेट करना, ड्राफ्ट बनाना, लोकलाइजेशन करना और डायलॉग लिखना आसान हो गया है।
छोटे स्टूडियोज को इसका विशेष फायदा हो रहा है, क्योंकि इससे उनकी ओवरहेड लागत घटती है और वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो पाते हैं। इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के मुताबिक, कुछ मामलों में AI टूल्स प्रॉडक्शन कॉस्ट को 30-40% तक कम कर सकते हैं।
प्रॉड्यूसर्स का कहना है, “AI टूल्स स्टोरीटेलिंग को आसान बनाते हैं- प्लॉट गैप पकड़ने, स्टोरीबोर्ड जनरेट करने और स्क्रिप्ट को बेहतर करने में मदद करते हैं। Claude की क्रिएटिव इनपुट और Perplexity की प्रिसिशन के साथ हम अपनी कहानियों के दायरे को बड़ा कर पा रहे हैं।”
Juggernaut Productions (IN10 मीडिया नेटवर्क) के टीवी और ओटीटी कंसल्टेंट युबराज भट्टाचार्य कहते हैं कि AI का इस्तेमाल अब वर्चुअल सेट और वातावरण तैयार करने के लिए भी किया जा रहा है। “यह अब विज्ञापनों और म्यूजिक वीडियोज में दिखाई देने लगा है और धीरे-धीरे फीचर फिल्मों में भी।”
क्रिएटर्स के मुताबिक, OpenAI का Sora और Runway का Gen-2 जैसे टूल्स का इस्तेमाल लोकेशन सिमुलेट करने, शूटिंग की टाइमलाइन को संक्षिप्त करने और ऑन-लोकेशन शूट्स की लागत घटाने के लिए ट्रायल पर है।
PTPL इंडिया के COO और SonyLIV के पूर्व एग्जीक्यूटिव पेप फिगुएरेडो कहते हैं, “AI टूल्स अब लेखन, एडिटिंग और पोस्ट-प्रॉडक्शन तक में इस्तेमाल हो रहे हैं—इनमें शामिल हैं Toolsaday, Sudowrite, ScriptBook, DeepStory, Celtx AI, Runway, Adobe Firefly, Pictory, Descript, Wisecut, Soundraw, Amper Music, Cleanvoice AI और CinePlanner।”
FICCI-EY रिपोर्ट के मुताबिक, ये टेक्नोलॉजीज प्री-प्रॉडक्शन लागत को 20–30% तक घटाने, प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और वर्कफ्लो को बेहतर बनाने की क्षमता रखती हैं—वो भी क्रिएटिव डेप्थ को नुकसान पहुंचाए बिना।
फिगुएरेडो के अनुसार, “AI टूल्स हर प्रोजेक्ट में स्क्रिप्ट डेवलपमेंट में ₹40,000 से ₹2,00,000 और पोस्ट-प्रॉडक्शन में ₹1,00,000–₹5,00,000 तक की बचत कर सकते हैं। खासकर क्षेत्रीय और डिजिटल-फर्स्ट क्रिएटर्स के लिए ये गेम-चेंजर हैं—क्योंकि ये क्वालिटी और क्रिएटिव डायरेक्शन से समझौता किए बिना बराबरी का मौका देते हैं।”
हालांकि, सबकी राय इससे मेल नहीं खाती। Locomotive Global के मैनेजिंग पार्टनर सुंदर ऐरन कहते हैं, “हमने AI डबिंग टूल्स (कस्टम मेड) पर प्रयोग किया है, लेकिन पाया कि ये अभी उस क्वालिटी स्तर तक नहीं पहुंचे हैं जो जरूरी है।”
वे आगे कहते हैं, “मुझे उम्मीद है कि अगले 12–24 महीनों में इनकी एफिशियंसी और क्वालिटी में सुधार होगा। तब तक ये आवाज आधारित पोस्ट-प्रॉडक्शन—जैसे कि ADR और विदेशी भाषाओं में डबिंग—के लिए आम प्रैक्टिस बन जाएंगे। ये केवल समय की बात है।”
भारत का OTT बाजार, जो दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले मार्केट्स में शामिल है, 2023 में ₹17,500 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच चुका है और 2028 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है। PwC रिपोर्ट के अनुसार, यह 14.9% CAGR से बढ़ेगा।
800 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स और वीडियो कंटेंट की बढ़ती मांग के बीच, पेड वीडियो सब्सक्रिप्शन में भी अगले दो साल में 30% की ग्रोथ की उम्मीद है, जैसा कि FICCI-EY की 'Shape the Future' रिपोर्ट में बताया गया है।
जैसे-जैसे सब्सक्राइबर ग्रोथ धीमी होती जा रही है और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, कॉस्ट-एफिशिएंसी अब इनोवेशन का मुख्य ड्राइवर बन रही है। इंडस्ट्री लीडर्स मानते हैं कि AI इस दौर में प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा लचीला और स्केलेबल बनने में अहम भूमिका निभा रहा है।
यहां तक कि Netflix, Prime Video, MX Player, Disney+ Hotstar, Zee5 और SonyLIV जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स (जिन्होंने 2024 में ओरिजिनल कंटेंट और एक्विजिशन पर ₹2,500 करोड़ से ज्यादा खर्च किए) भी अब लगातार हिट देने में संघर्ष कर रहे हैं।
e4m द्वारा देखी गई एक इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में केवल 4% OTT शोज ही दर्शकों से सही कनेक्ट बना पाए। बाकी नाकाम रहे।
विशेषज्ञ इस ट्रेंड के लिए रिपेटेटिव थीम्स, सीमित प्रयोग और असमान बजट आवंटन को जिम्मेदार मानते हैं, और मानते हैं कि यही क्षेत्र हैं जिन्हें AI अब सुधारने की स्थिति में है।
FICCI-EY की 2024 रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रीमियम कंटेंट में निवेश में साल-दर-साल 14% की गिरावट आई है—जो यह दर्शाता है कि प्लेटफॉर्म अब ज्यादा सतर्क और ROI-केंद्रित रणनीति अपना रहे हैं।