वित्त मंत्रालय ने AI चैटबॉट्स के उपयोग पर लगाई रोक, गोपनीयता को लेकर उठे सवाल

वित्त मंत्रालय ने अपने एम्प्लॉयीज को कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों पर ऐसे टूल्स, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek के उपयोग से 'कड़ाई से' बचने का निर्देश दिया है

Last Modified:
Thursday, 06 February, 2025
ChatGPT451


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट्स की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच, वित्त मंत्रालय ने अपने एम्प्लॉयीज को कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों पर ऐसे टूल्स, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek के उपयोग से 'कड़ाई से' बचने का निर्देश दिया है। यह निर्देश वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 29 जनवरी को जारी किया गया था।

निर्देश में कहा गया है, 'यह निर्धारित किया गया है कि कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों में AI टूल्स और AI ऐप्स (जैसे ChatGPT, DeepSeek आदि) सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।'

इसमें आगे कहा गया है, 'इसलिए, सलाह दी जाती है कि कार्यालय के उपकरणों में AI टूल्स/AI ऐप्स का उपयोग कड़ाई से टाला जाए। यह सभी एम्प्लॉयीज के ध्यान में लाया जाना चाहिए।'

कुछ अन्य देशों ने पहले ही AI टूल्स, विशेष रूप से चीनी फाउंडेशनल मॉडल DeepSeek, से अपनी आधिकारिक प्रणालियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं, जो गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं।

इस बीच, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को कहा कि भारत अब OpenAI के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है और देश में कंपनी के यूजर्स की संख्या पिछले वर्ष में तीन गुना बढ़ गई है। ऑल्टमैन भारत में शीर्ष सरकारी अधिकारियों, स्टार्ट-अप्स और वेंचर कैपिटल फंड्स के साथ बैठक के लिए भारतीय यात्रा पर हैं।

ऑल्टमैन की यात्रा उस समय हो रही है जब DeepSeek की लोकप्रियता में तेजी आई है, जो एक चीनी AI प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है और OpenAI के मॉडल की तुलना में कम लागत पर बनाया गया है। DeepSeek का मॉडल दुनिया को यह दिखा रहा है कि अत्याधुनिक फाउंडेशनल मॉडल को सस्ते दामों पर बनाया जा सकता है, जबकि OpenAI के मॉडल बनाने में भारी निवेश किया गया है।

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‘India TV’ में अब अजित विजय कुमार संभालेंगे डिजिटल की कमान

अजित विजय कुमार इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9’ (TV9) नेटवर्क से जुड़े हुए थे और बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Ajith Kumar

देश के प्रमुख न्यूज चैनल्स में शुमार ‘इंडिया टीवी’ (India TV) ने वरिष्ठ पत्रकार अजित विजय कुमार को नियुक्त किया है। उन्हें यहां पर मैनेजिंग एडिटर (डिजिटल) की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (Linkedin) पर अजित विजय कुमार ने खुद यह जानकारी शेयर की है।

अजित कुमार को डिजिटल न्यूजरूम को चलाने का लगभग दो दशकों का अनुभव है। इससे पहले वह करीब दो साल से ‘टीवी9’ (TV9) नेटवर्क से जुड़े हुए थे और बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह ‘टाइम्स नेटवर्क’  और 'जी न्यूज' का भी हिस्सा रह चुके हैं।

यह भी पढ़ें: ‘Times Network’ में जल्द बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी!

गौरतलब है कि अजित विजय कुमार से पहले वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी यहां ग्रुप एडिटर (डिजिटल) की जिम्मेदारी संभाल रही थीं, जिन्होंने यहां से कुछ समय पहले ही इस्तीफा दे दिया है। वह जल्द ही 'टाइम्स नेटवर्क' (Times Network) जॉइन करने जा रही हैं। 

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डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन के CEO सुशांत मोहन ने दिया इस्तीफा

डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुशांत मोहन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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Tuesday, 18 March, 2025
SushantMohan845

डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुशांत मोहन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है। 

बता दें कि उनका इस्तीफा 31 मार्च 2025 से प्रभावी होगा।

स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कंपनी ने कहा, "कंपनी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और सुशांत मोहन 31 मार्च 2025 के कारोबारी घंटों के समाप्त होने के बाद अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाएंगे।"  

सुशांत मोहन करीब तीन वर्षों से डीएनए से जुड़े हुए थे। इससे पहले, वह जी मीडिया में संपादक थे। मोहन ने बीबीसी न्यूज, न्यूज18 और ओपेरा न्यूज जैसे अन्य मीडिया संस्थानों के साथ भी काम किया है। 

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वरिष्ठ टीवी पत्रकार राणा यशवंत ने नई दिशा में बढ़ाए कदम, कही ये बात

वरिष्ठ टीवी पत्रकार राणा यशवंत ने देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) में पिछले दिनों अपनी पारी को विराम देने के बाद अब नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Rana Yashwant.

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर राणा यशवंत ने देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) में पिछले दिनों अपनी पारी को विराम देने के बाद अब नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

दरअसल, राणा यशवंत 19 मार्च से अपने शो लाने जा रहे हैं। इसके तहत सोमवार से शुक्रवार ‘The Tandoor Talks’ और शनिवार को ‘Facts & Figures’ लेकर आएंगे। रविवार को वे किसी नामीगिरामी हस्ती के साथ पॉडकास्ट करेंगे। ये सभी शो उनके यू ट्यूब चैनल ‘Rana Yashwant’ पर आएंगे।

गौरतलब है कि राणा यशवंत ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में पिछले महीने अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर-इन-चीफ के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

उस समय समाचार4मीडिया से बातचीत में राणा यशवंत का कहना था कि अब वह खुद को समय देना चाहते हैं। जो करने की सोचते रहे हैं, वह करना चाहते हैं। इसके साथ ही पिछले दिनों उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया कि वह जल्द ही अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने जा रहे हैं। राणा यशवंत के चैनल पर अभी 3.23 लाख सब्सक्राइबर हैं।

बता दें कि राणा यशवंत पिछले 11 वर्षों से इंडिया न्यूज पर ‘अर्धसत्य’ नाम से शो करते रहे हैं। इस शो की अपनी लोकप्रियता और व्युअरशिप रही है। राणा यशवंत के मुताबिक उनके नए शो आम आदमी की बेहतर समझ के लिहाज से होंगे। लफ्फाजी और तथ्यों के मतलब भर के इस्तेमाल से परे जाकर पूरी तस्वीर को देखने की कोशिश होगी।

इसके साथ ही राणा यशवंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में राणा यशवंत का कहना है, ‘सफ़र वही, राह नई। बोलूंगा नहीं बल्कि खबर बोलेगी। 19 मार्च रोज़ शाम 7 बजे मेरे साथ Rana yashwant यू ट्यूब चैनल पर।’

राणा यशवंत के इस वीडियो को आप यहां देख सकते हैं।

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Good Glamm ग्रुप ने अपनी मीडिया यूनिट ScoopWhoop को बेचा, WLDD बना नया मालिक

गुड ग्लैम ग्रुप (Good Glamm Group) ने अपनी मीडिया यूनिट 'स्कूपव्हूप' (ScoopWhoop) को वुब्बा लुब्बा डब डब (Wubba Lubba Dub Dub) को 20 करोड़ रुपये में बेच दिया है।

Last Modified:
Monday, 24 February, 2025
SCOOPWhoop6523

गुड ग्लैम ग्रुप (Good Glamm Group) ने अपनी मीडिया यूनिट 'स्कूपव्हूप' (ScoopWhoop) को वुब्बा लुब्बा डब डब (Wubba Lubba Dub Dub) को 20 करोड़ रुपये में बेच दिया है। इस डील को 15 फरवरी को अंतिम रूप दिया गया था, जोकि पूरी तरह से नकद थी। और दोनों पक्षों के बीच समझौता होने में एक महीने से भी कम समय लगा।

गुड ग्लैम ग्रुप ने एक मीडिया आउटलेट को बताया कि स्कूपव्हूप की बिक्री एक रणनीतिक निर्णय थी। चूंकि गुड ग्लैम ग्रुप मुख्य रूप से सौंदर्य से जुड़ी महिला दर्शकों पर केंद्रित है, जबकि स्कूपव्हूप मुख्य रूप से पुरुष दर्शकों को लक्षित करता है, इसलिए यह कंपनी की मौजूदा योजनाओं के अनुरूप नहीं था। इसी कारण गुड ग्लैम ग्रुप ने स्कूपव्हूप को बेचने का फैसला किया।

गुड ग्लैम ग्रुप ने 2021 में भारतीय डिजिटल मीडिया कंपनी के अधिग्रहण की घोषणा की थी। समूह ने बेबी व मदर प्रोडक्ट्स ब्रैंड 'द मॉम्स' को 500 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया था।

गुड ग्लैम ग्रुप के फाउंडर व सीईओ दर्पण संघवी ने उस समय अधिग्रहण के बारे में कहा था, "मैं लंबे समय से स्कूपव्हूप का यूजर और प्रशंसक रहा हूं। यह सौभाग्य की बात है कि सात्त्विक, ऋषि और श्रीपर्णा गुड ग्लैम ग्रुप परिवार में शामिल हुए और स्कूपव्हूप ने समूह के बढ़ते पुरुष ग्रूमिंग और पर्सनल केयर सेगमेंट में कंटेंट-टू-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने की हमारी पहल को तेज किया।"

स्कूपव्हूप के को-फाउंडर सात्त्विक मिश्रा ने टिप्पणी की, "स्कूपव्हूप में हम गर्व महसूस करते हैं कि हमने एक ऐसा ब्रैंड बनाया है जिसे युवा भारत ने इसके मनोरंजक और लाइफस्टाइल-केंद्रित कंटेंट के लिए पसंद किया है। गुड ग्लैम ग्रुप का हिस्सा बनकर हमें बड़े पैमाने पर विस्तार करने का अवसर मिला है, जिससे हम कंटेंट-टू-कॉमर्स क्रांति में एक निर्णायक शक्ति बन सकते हैं।"

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‘आईटीवी नेटवर्क’ ने इस बड़े पद पर अक्षांश यादव को किया नियुक्त

मीडिया इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले अक्षांश पूर्व में ‘एबीपी न्यूज’, ‘जी न्यूज’ और ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।

Last Modified:
Saturday, 22 February, 2025
Akshansh Yadav

देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शामिल ‘आईटीवी नेटवर्क’ (Itv Network) ने  अपने डिजिटल बिजनेस के लिए अक्षांश यादव को चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। मीडिया इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले अक्षांश ने पूर्व में ‘एबीपी न्यूज’, ‘जी न्यूज’ और ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है।

मीडिया इंडस्ट्री के अलावा, अक्षांश को फिनटेक और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर का भी खासा अनुभव है। उन्होंने केनरा एचएसबीसी इंश्योरेंस के साथ काम करते हुए भारत में उनके डिजिटल बिजनेस को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, वह ‘इंश्योरेंस देखो’ और ‘कार देखो’ से भी जुड़े रहे हैं।

अक्षांश ने आईडीपीएल (Zee Media) में चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की अगुवाई की थी। उनके नेतृत्व में ‘विऑन’ (WION) न्यूज और ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) के मोबाइल एप्लिकेशन को नए रूप में लॉन्च किया गया, साथ ही ‘डीएनए’ (DNA) वेबसाइट को भी नए अवतार में प्रस्तुत किया गया।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो अक्षांश ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और देश के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में शुमार ‘एमआईसीए’ (MICA) से एमबीए किया है । इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मशीन लर्निंग में लाइसेंशिएट डिग्री भी हासिल की है।

अपनी नियुक्ति के बारे में अक्षांश यादव का कहना है, ‘आईटीवी नेटवर्क के साथ जुड़कर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं, खासकर ऐसे समय में जब डिजिटल मीडिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेरा फोकस अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का उपयोग करके हमारे दर्शकों के लिए पर्सनलाइज्ड कंटेंट एक्सपीरियंस तैयार करने पर होगा। मौजूदा समय में यूजर एंगेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण है, और मैं इनोवेटिव सॉल्यूशंस के जरिए आईटीवी नेटवर्क को डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए तत्पर हूं।’

वहीं, इस नियुक्ति के बारे में ‘आईटीवी नेटवर्क’ के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अभय ओझा का कहना है,  ‘मीडिया इंडस्ट्री में अक्षांश की विशेषज्ञता और तकनीकी समझ आईटीवी नेटवर्क के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। उनकी लीडरशिप में इनोवेटिव सॉल्यूशंस विकसित किए जाएंगे, जिससे हमारे दर्शकों का अनुभव बेहतर होगा और हमारी डिजिटल स्ट्रैटेजी को और मजबूती मिलेगी।’

 

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इन्फ्लुएंसर्स के लिए रेटिंग व डिस्क्लेमर अनिवार्य करने की तैयारी में MIB: रिपोर्ट

भारतीय सरकार 50 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक आचार संहिता पेश करने की तैयारी में है।

Last Modified:
Saturday, 22 February, 2025
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भारतीय सरकार 50 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक आचार संहिता पेश करने की तैयारी में है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित इस पहल का उद्देश्य ऑनलाइन अश्लील और भद्दे कंटेंट पर अंकुश लगाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के तहत इन्फ्लुएंसर्स को अपनी सामग्री की रेटिंग देनी पड़ सकती है और साथ ही डिस्क्लेमर भी शामिल करना पड़ सकता है।

यह कदम उस विवाद के बाद आया है जिसमें पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया शामिल थे। उनके ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो पर दिए गए अनुचित बयान की व्यापक निंदा हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रतिक्रिया दी। हालांकि कोर्ट ने अल्लाहबादिया को गिरफ्तारी से सुरक्षा दी, लेकिन यह भी कहा, "उनके दिमाग में जो गंदगी थी, वह इस कार्यक्रम के जरिए उगली गई है।"

ऐसे मामलों को देखते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कड़े नियमों की जरूरत पर जोर दिया। लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री पर रोक लगाने के लिए मौजूदा कानूनों को और कड़ा करने की जरूरत है।" वैष्णव ने डिजिटल युग में पारंपरिक संपादकीय जांच की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया, जिससे अनियंत्रित और अक्सर भद्दी सामग्री सामने आ रही है। उन्होंने संसदीय स्थायी समिति से इस मुद्दे को प्राथमिकता देने और मजबूत कानूनों के लिए आम सहमति बनाने का आग्रह किया।

यह विकास उस समय हो रहा है जब कंटेंट क्रिएटर्स पिछले साल प्रस्तावित मसौदा कानून को लेकर चिंतित हैं। यह कानून प्रसारण सेवाओं को विनियमित करने का प्रयास करता है, जिससे केंद्र सरकार को प्रसारण नेटवर्क का बिना पूर्व सूचना निरीक्षण करने और उल्लंघन की आशंका होने पर उपकरण जब्त करने का अधिकार मिल सकता है। आलोचकों का कहना है कि ऐसे उपाय सेंसरशिप को बढ़ावा दे सकते हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित कर सकते हैं और डिजिटल मीडिया सामग्री पर सरकारी नियंत्रण को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।

डिजिटल परिदृश्य के विकास के साथ, भारतीय सरकार के सामने यह चुनौती है कि वह नियमन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखे, ताकि सामग्री समाजिक मानकों के अनुरूप रहे, लेकिन व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न हो।

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जाने-माने खेल पत्रकार करुण कुमार ने लॉन्च किया यूट्यूब चैनल

करुण कुमार का यह चैनल क्रिकेट की दुनिया के हर महत्वपूर्ण पहलू को समेटे हुए है। यहां मैचों, खिलाड़ियों और ऐतिहासिक लम्हों से जुड़ी दिलचस्प कहानियां सुनने को मिलेंगी।

Last Modified:
Friday, 21 February, 2025
CricketwithKarun

जाने-माने खेल पत्रकार करुण कुमार ने अपनी नई डिजिटल पारी की शुरुआत करते हुए अपना यूट्यूब चैनल "क्रिकेट विद करुण" (@cricketwithkarun) लॉन्च किया है। लगभग 30 वर्षों के पत्रकारिता अनुभव के साथ करुण अब क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांचक कहानियों और अनसुनी जानकारियों का एक नया मंच लेकर आए हैं।

करुण कुमार का यह चैनल क्रिकेट की दुनिया के हर महत्वपूर्ण पहलू को समेटे हुए है। यहां मैचों, खिलाड़ियों और ऐतिहासिक लम्हों से जुड़ी दिलचस्प कहानियां सुनने को मिलेंगी। साथ ही, इस चैनल पर विशेष पॉडकास्ट के जरिए पूर्व क्रिकेटर्स, कोच्स, जर्नलिस्ट्स और कमेंटेटर्स के इंटरव्यू भी प्रसारित किए जाएंगे, जिनमें वे अपने अनुभव और खेल जगत की अनसुनी बातें साझा करेंगे।

करुण कुमार का पत्रकारिता सफर

करुण कुमार ने 1998 में टीवीआई (TVI) से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में टीडब्ल्यूआई (TWI) (ट्रांस वर्ल्ड इंटरनेशनल) / आईएमजी (IMG) ग्रुप का हिस्सा बने। 2002 की शुरुआत में वे जी न्यूज से जुड़े और फिर फरवरी 2003 में आजतक का हिस्सा बने।

आजतक में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप, श्रीलंका में हुए एशिया कप, लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स, भारत-पाकिस्तान वनडे (कानपुर), भारत-इंग्लैंड वनडे (गोवा) और एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर की सफलता जैसी बड़ी खेल घटनाओं की रिपोर्टिंग की।

2006 में उन्होंने एनडीटीवी इंडिया में प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट के रूप में जर्मनी में हो रहे फुटबॉल वर्ल्ड कप की कवरेज का जिम्मा संभाला। 2008 में उन्होंने मलेशिया में आयोजित अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप की रिपोर्टिंग की, जहां विराट कोहली की कप्तानी में भारत विजेता बना।

इसके बाद वे 2009 में भारत टीवी के स्पोर्ट्स डेस्क से जुड़े और 2010-11 में जीआई ग्रुप के साथ मिलकर अनूठे खेल शो लाने की योजना बनाई। 2011 में न्यूज एक्सप्रेस में रहते हुए उन्होंने पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर के साथ कई चर्चित क्रिकेट शो किए।

2012 में करुण कुमार न्यूज नेशन के स्पोर्ट्स एडिटर बने और 2020 तक इस भूमिका में रहे। इसके बाद उन्होंने भारत24 में स्पोर्ट्स एडिटर और एंकर के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

अब डिजिटल दुनिया में नई शुरुआत

अब करुण कुमार ने "क्रिकेट विद करुण" के जरिए क्रिकेट प्रेमियों को एक नया प्लेटफॉर्म दिया है, जहां वह खेल की रोमांचक कहानियां, विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय साझा करेंगे।

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वरिष्ठ पत्रकार शैलेश चतुर्वेदी और वाणी बिष्ट ने नई दिशा में बढ़ाए कदम, शुरू किया यह वेंचर

समाचार4मीडिया से बातचीत में शैलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इसमें वेबसाइट के साथ ही यूट्यूब चैनल भी शामिल होगा। फिलहाल वेबसाइट का बीटा वर्जन जारी किया गया है।

Last Modified:
Friday, 21 February, 2025
Shailesh Vani

 ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में पिछले दिनों अपनी पारी को विराम देने के बाद वरिष्ठ पत्रकार शैलेश चतुर्वेदी ने नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं। शैलेश चतुर्वेदी और मीडिया जगत की वरिष्ठ सदस्य वाणी बिष्ट ने साथ मिलकर ‘श्वास क्रिएशन प्रा. लि’ नाम से अपनी कंपनी शुरू की है।

यही नहीं, इस कंपनी के बैनर तले इन दोनों ने अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘Kisanindia.in’ भी शुरू किया है। समाचार4मीडिया से बातचीत में शैलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इसमें वेबसाइट के साथ ही यूट्यूब चैनल भी शामिल होगा। फिलहाल वेबसाइट का बीटा वर्जन जारी किया गया है। कुछ ही दिनों में यानी इस महीने के अंत तक वेबसाइट को विधिवत रूप से लॉन्च किया जाएगा और फरवरी अथवा मार्च में यूट्यूब चैनल भी शुरू कर दिया जाएगा।

शैलेश चतुर्वेदी यहां फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ की भूमिका में हैं. वहीं वाणी बिष्ट फाउंडर व सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। आपको बता दें कि वाणी बिष्ट भी इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ समूह का हिस्सा रह चुकी हैं जहां वह किसान तक की बिजनेस टीम संभालती थीं। पत्रकारिता से करियर शुरू करने वाली वाणी बिष्ट मीडिया जगत में 17 वर्षों का अनुभव रखती हैं। इस दौरान उन्होंने सहारा समय, सीएनएन न्यूज 18, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, इकॉनॉमिक टाइम्स और इंडिया टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम किया है। अपने इस वेंचर के बारे में वाणी बिष्ट ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर जानकारी भी शेयर की है।

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वहीं, शैलेश चतुर्वेदी करीब दो साल से ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘किसान तक (Kisan Tak) में बतौर एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था।

‘इंडिया टुडे’ से पहले शैलेश चतुर्वेदी करीब डेढ़ साल तक ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) की डिजिटल टीम में एडिटर (हिंदी) के पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इससे पहले वह करीब चार साल तक ‘नेटवर्क18‘ का हिस्सा रहे।

मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले शैलेश चतुर्वेदी को प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। शैलेश चतुर्वेदी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत ‘अमर उजाला’ से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ अखबार में अपने सेवाएं दीं। बाद में प्रिंट को छोड़कर शैलेश चतुर्वेदी ने टीवी की दुनिया में कदम रखा और न्यूज चैनल ‘सहारा समय’ में अपनी जिम्मेदारी संभाली।

इसके बाद टीवी को अलविदा कहकर शैलेश डिजिटल की दुनिया में आ गए और ‘नेटवर्क18‘ के साथ जुड़ गए। यहां उन्होंने काफी समय तक ‘फर्स्टपोस्ट‘ (firstpost) हिंदी की कमान संभाली। इसके बाद करीब एक साल तक उन्होंने ‘न्यूज18 हिंदी’ (news18 hindi) में न्यूजरूम हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद यहां से बाय बोलकर वह अगस्त 2020 में ‘टीवी9’ नेटवर्क का हिस्सा बन गए थे, जहां से इस्तीफा देकर वह सितंबर 2022 में ‘इंडिया टुडे’ समूह पहुंचे थे और फिर वहां से बाय बोलकर अब नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

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Google की SEO पॉलिसी में बदलाव से भारतीय न्यूज पब्लिशर्स तलाश रहे नई रणनीतियां

भारतीय डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स अब ब्रांडेड कंटेंट को होस्ट करने के लिए नई रणनीतियां तलाश रहे हैं। यह कदम Google की मार्च 2024 की "कोर अपडेट्स और नई स्पैम पॉलिसी" के बाद उठाया जा रहा है

Last Modified:
Wednesday, 19 February, 2025
Digital541

कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर व ग्रुप एडिटोरियल इवेन्जिल्सिट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

भारतीय डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स अब ब्रांडेड कंटेंट को होस्ट करने के लिए नई रणनीतियां तलाश रहे हैं। यह कदम Google की मार्च 2024 की "कोर अपडेट्स और नई स्पैम पॉलिसी" के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) रैंकिंग में पेड कंटेंट, प्रोडक्ट रिव्यू और कूपन पेजों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Google की नई नीति के अनुपालन में पब्लिशर्स ने पूरी तरह से कूपन पोस्ट करना बंद कर दिया है। इसके अलावा, कई उपाय किए जा रहे हैं, जैसे कि नई URL बनाना और वेबसाइट पर अलग से डील प्लेटफॉर्म तैयार करना।

एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के डिजिटल हेड ने e4m को बताया, "Google की नीति में बदलाव से पब्लिशर्स को बड़ा झटका लगा है, जिससे हमारे विज्ञापन-आधारित राजस्व मॉडल को खतरा पैदा हो गया है। हमने एक नई URL रजिस्टर की है और जल्द ही एक नई वेबसाइट लॉन्च करेंगे, जिसका डोमेन हमारे मौजूदा डोमेन से मिलता-जुलता होगा। यह विशेष रूप से सभी स्पॉन्सर्ड कंटेंट को होस्ट करने के लिए बनाई गई है।"

कई न्यूज पब्लिशर्स पहले ही नई URL रजिस्टर कर चुके हैं और अपने "ब्रांड वेबसाइट्स" लॉन्च करने की प्रक्रिया में हैं, जिससे उनका एडवरटोरियल बिजनेस प्रभावित न हो, जो उनकी कुल आय का एक तिहाई हिस्सा बनाता है।

एक डिजिटल पब्लिशर ने कहा, "हमने स्पॉन्सर्ड कंटेंट के लिए 'नो फॉलो, नो इंडेक्सिंग' अप्रोच अपनाई है। ब्रांडेड स्टोरीज के लिए अलग URL बनाना इस नई SEO नीति से हुए नुकसान की भरपाई करने की दिशा में हमारा पहला कदम है।"

कुछ पब्लिशर्स, जैसे कि Hindustan Times, ने अपने यूजर जर्नी को फिर से डिज़ाइन किया है और अलग-अलग URL से हटकर अपने ब्रांडेड कंटेंट पर पूरा नियंत्रण बनाए रखने की रणनीति अपनाई है।

HT डिजिटल के सीईओ पुनीत जैन ने कहा, "हमने ब्रांड्स के साथ साझेदारी की है, जिससे हमारे रजिस्टर्ड यूजर्स को सीधे हमारी वेबसाइट पर डील्स और ब्रांडेड कंटेंट ऑफर किया जा सके। हम इस प्रोडक्ट पर लंबे समय से काम कर रहे थे और इन-हाउस ट्रांजैक्शन टेक्नोलॉजी स्टैक को भी विकसित कर रहे हैं।"

Google की नई नीति

e4m ने मंगलवार को रिपोर्ट किया कि भारत और वैश्विक स्तर पर डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स Google की सर्च इंडेक्सिंग नीतियों के कड़े नियमों का सामना कर रहे हैं, जिससे विज्ञापन-आधारित राजस्व मॉडल पर और खतरा मंडराने लगा है।

5 मार्च 2024 को Google ने Core Update और Spam Policies लॉन्च की, जो उसकी अब तक की सबसे लंबी और बड़ी कोर अपडेट मानी जा रही है। यह अपडेट 52 दिनों तक चली और 19 अप्रैल को समाप्त हुई। इस दौरान Google ने उन वेबसाइट्स की रैंकिंग को काफी हद तक कम कर दिया, जो SEO ऑप्टिमाइजेशन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही थीं, बजाय इसके कि वे पाठकों को वास्तविक मूल्यवान सामग्री प्रदान करें।

इसके बाद, Forbes, Wall Street Journal और CNN जैसे प्रमुख डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स की सर्च विजिबिलिटी में हाल के महीनों में भारी गिरावट आई। उद्योग के नेताओं का कहना है, "न्यूज पब्लिशर्स को निर्देश दिया गया था कि वे सभी पेड कंटेंट को हटा दें। जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उनका कंटेंट Google द्वारा हटा दिया गया।"

भारतीय न्यूज पब्लिशर्स को भी इस अपडेट के कारण बीते छह महीनों में 25-30% ट्रैफिक में गिरावट देखने को मिली है। यह खोया हुआ ट्रैफिक वैश्विक स्तर पर न्यूज पब्लिशर्स के लिए लगभग $7.5 मिलियन (लगभग 62.5 करोड़ रुपये) के बराबर है, जैसा कि Sistrix के सर्च विजिबिलिटी एनालिटिक्स में पाया गया है।

यह झटका तब लगा है जब पब्लिशर्स पहले से ही AI ओवरव्यू के कारण ट्रैफिक में गिरावट से जूझ रहे थे, जिसे सर्च इंजन द्वारा प्रदान किया जाता है।

हालांकि, Google के एक प्रवक्ता ने दावा किया, "मार्च 2024 कोर अपडेट और हमारी नई स्पैम पॉलिसी स्पैम की समस्या को हल करने और उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन सर्च अनुभव प्रदान करने के हमारे निरंतर प्रयासों का हिस्सा हैं। हमारी नीति यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि सर्च से किसी साइट पर आने वाले यूजर्स को वही कंटेंट मिले, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। इस नीति अपडेट ने सबसे उपयोगी सर्च रिजल्ट्स को सतह पर लाने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि सभी साइट्स को उनके कंटेंट की गुणवत्ता के आधार पर रैंक करने का समान अवसर मिले। हम प्रकाशकों के साथ मिलकर उनके दर्शकों की वृद्धि को सक्षम करने के लिए काम कर रहे हैं।

GNI Indian Languages Program के तहत, पिछले दो वर्षों में 9 भाषाओं में 500+ पब्लिशर्स को सहायता प्रदान की गई, जिससे उन्होंने 32% पेज व्यूज़ और 39% डिजिटल विज्ञापन राजस्व में वृद्धि देखी।

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'आनंद विकटन' की वेबसाइट को ब्लॉक किए जाने पर ‘AIM’ ने जताया विरोध, उठाई ये मांग

‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) के प्रेजिडेंट अनंत नाथ ने इस कदम को मीडिया की आजादी पर सीधा हमला बताया है।

Last Modified:
Tuesday, 18 February, 2025
AIM

‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) ने ‘सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ (MeitY) द्वारा प्रमुख तमिल मैगजीन पब्लिशर ‘आनंद विकटन’ (Ananda Vikatan) की वेबसाइट vikatan.com को ब्लॉक किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

‘एआईएम’ के अनुसार, यह कार्रवाई 15 फरवरी 2025 को तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) में दायर एक शिकायत के बाद की गई थी। शिकायत विकटन प्लस में प्रकाशित एक राजनीतिक कार्टून को लेकर की गई थी।

‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि मंत्रालय ने बिना किसी पूर्व सूचना, सुनवाई या औपचारिक आदेश जारी किए पूरी वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। केवल एक राजनीतिक शिकायत के आधार पर इतनी बड़ी कार्रवाई किया जाना पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला है।

विकटन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रेस ब्यूरो ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने उसी दिन विकटन के रजिस्टर्ड ऑफिस का दौरा किया और यह जानने की कोशिश की कि विकटन प्लस प्रिंट में भी पब्लिश होता है या नहीं। वहीं, पब्लिशर ने स्पष्ट किया कि यह मैगजीन डिजिटल पब्लिकेशन है।

एसोसिएशन ने यह भी उजागर किया कि वेबसाइट ब्लॉक करने के बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 17 फरवरी 2025 को इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी (IDC) की बैठक बुलाने का नोटिस भेजा। यह बैठक IT नियम 2021 के तहत वेबसाइट को ब्लॉक करने के अनुरोध पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। AIM का कहना है कि पहले ब्लॉकिंग का आदेश दिया गया और फिर सुनवाई रखी गई, जो न्यायिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है।

गौरतलब है कि IT नियम 2021 को कई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसके तहत कोड ऑफ एथिक्स से जुड़े नियम 9(1) और 9(3) पर अदालत ने रोक भी लगाई हुई है। AIM ने सवाल उठाया कि जब अदालत ने इन नियमों को रोक रखा है, तब भी इस तरह की जांच क्यों की जा रही है।

‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने इस कार्रवाई को मीडिया की आज़ादी पर सीधा हमला बताते हुए MeitY से vikatan.com को ब्लॉक करने के आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। साथ ही सूचना-प्रसारण मंत्रालय से अपील की है कि जब तक अदालत का स्टे लागू है, तब तक IT नियम 2021 के तहत कोई नई जांच शुरू न की जाए।

वहीं, ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ के प्रेजिडेंट अनंत नाथ का कहना है, ‘यह एक तानाशाहीपूर्ण कदम है जो प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करता है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत इस फैसले को पलटे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करे।’

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