मिहिर राले के इस्तीफे की खबर ऐसे समय पर आयी है, जब $8.5 अरब का रिलायंस-डिज्नी की मर्जर डील अपने अंतिम चरण में पहुंचने वाली है।
डिज्नी स्टार के चीफ रीजनल काउंसल मिहिर राले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मिहिर राले 2009 में स्टार इंडिया से जुड़े थे और 2019 तक वह ऑपरेशंस हेड के पद तक पहुंचे।
उनके इस्तीफे की खबर ऐसे समय पर आयी है, जब $8.5 अरब का रिलायंस-डिज्नी की मर्जर डील अपने अंतिम चरण में पहुंचने वाली है।
मिहिर ने डिज्नी स्टार के कानूनी और नियामकीय मामलों की देखरेख की और दो दशकों से विवादास्पद और गैर-विवादास्पद कानूनी मामलों में अपनी सेवाएं दीं हैं। स्टार इंडिया में मैनेजर के रूप में शामिल होने के बाद, मिहिर ने कंपनी की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कंपनी के लिए मीडिया प्रो जॉइंट वेंचर की स्थापना, ESPN में हिस्सेदारी का अधिग्रहण और फुटबॉल और कबड्डी के संयुक्त उद्यम की शुरुआत में योगदान दिया।
इसके अलावा, मिहिर ने IPL, BCCI, और ICC जैसे खेल अधिकारों के अधिग्रहण और भारत में डिज्नी+ हॉटस्टार के लॉन्च में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
उनके इस्तीफे से पहले डिज्नी के हॉटस्टार ऐप के प्रमुख सजीत सिवानंदन और डिज्नी स्टार के कंट्री मैनेजर के. माधवन भी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
महाकुंभ की रिपोर्टिंग से चर्चा में आईं तान्या मित्तल को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पर्यटन से जुड़ी ब्रैंड साझेदारियों से हाथ धोना पड़ा
शालिनी मिश्रा, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।
“आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।” यही वह वाक्य है जिसे लिखने के बाद सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर तान्या मित्तल विवादों में घिर गईं। नतीजा यह हुआ कि जिन दो राज्यों के पर्यटन कैंपेंस से वह जुड़ी हुई थीं, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश — दोनों ने सार्वजनिक रूप से किसी भी आधिकारिक साझेदारी से इनकार कर दिया।
2 मिलियन से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स वाली मित्तल सोशल मीडिया पर खुद को “सनातनी” कहती हैं और मंदिर पर्यटन से जुड़े कंटेंट के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने महाकुंभ पर कई वीडियो भी बनाए थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद उनकी एक पोस्ट ने उन्हें विवाद के केंद्र में ला खड़ा किया।
अपनी अब डिलीट की जा चुकी पोस्ट में तान्या ने बताया था कि उनके दोस्त उस दिन कश्मीर में मौजूद थे और स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की, जिससे वे सुरक्षित श्रीनगर पहुंच पाए। उन्होंने लोगों से एकता बनाए रखने की अपील भी की। लेकिन कुछ यूजर्स ने इस पोस्ट को यह कहकर निशाना बनाया कि वह हमले के “धार्मिक पक्ष” की अनदेखी कर रही हैं। हमले में मारे गए 26 लोगों में ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे।
इसके बाद दोनों राज्यों- उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन विभागों की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया कि तान्या मित्तल के साथ कोई औपचारिक सहयोग नहीं है, जबकि उनके इंस्टाग्राम बायो में वह खुद को “ब्रैंड एंबेसडर” बताती रही हैं।
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तान्या का मामला यह दिखाता है कि चाहे साझेदारी किसी ब्रैंड की हो या सरकार की, विवाद की स्थिति में उन्हें तुरंत समाप्त किया जा सकता है। पब्लिक छवि और “ब्रैंड सेफ्टी” आज भी प्राथमिकता है और राजनीति से जुड़ा कोई भी बयान संस्थानों के लिए जोखिम बन सकता है।
तान्या अकेली नहीं हैं। इस हमले से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मद्री काकोटी (डॉ. मेदूसा के नाम से मशहूर) और भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर पर भी राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं। दोनों पर उत्तर प्रदेश में अलग-अलग एफआईआर दर्ज हैं।
सरकार ने हमले के बाद सोशल मीडिया पर जनभावना को संभालने में तेजी दिखाई। महंगे हवाई किरायों को लेकर उठे मुद्दे के बाद कई कंटेंट क्रिएटर्स ने वीडियो पोस्ट कर बताया कि सरकार ने तेजी से कार्रवाई की और हवाई सेवाएं सामान्य कर दी गई हैं।
इन पोस्ट्स में किसी भी जगह यह उल्लेख नहीं था कि वे सरकार के साथ आधिकारिक तौर पर जुड़े हैं या नहीं। एक जैसी भाषा और समय पर आई पोस्टों ने यह सवाल खड़ा किया कि क्या यह सब एक संगठित पब्लिक रिलेशंस कैंपेन था और यदि हां, तो क्या यह छुपा हुआ विज्ञापन नहीं कहलाएगा?
उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही एक डिजिटल मीडिया नीति ला चुकी है, जिसके जरिए सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए इन्फ्लुएंसर्स को औपचारिक रूप से जोड़ा जा रहा है। इसमें ₹3 लाख से ₹8 लाख प्रति माह तक की तयशुदा भुगतान व्यवस्था भी है।
लेकिन यह नीति विवादों से अछूती नहीं है। इसमें “राष्ट्रविरोधी कंटेंट” के लिए तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। अश्लील या मानहानिकारक पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी हो सकता है।
एक एजेंसी ‘V-Form’ को इसका संचालन सौंपा गया है, जो इन्फ्लुएंसर्स को उनके फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटती है।
केंद्र सरकार भी इस दिशा में पीछे नहीं है। भारत को कंटेंट एक्सपोर्ट का ग्लोबल हब बनाने के लक्ष्य के साथ $1 बिलियन (लगभग ₹8300 करोड़) का फंड क्रिएटर्स के लिए तय किया गया है। इसके अलावा ₹391 करोड़ की लागत से 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी' की स्थापना की जा रही है।
EY की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की क्रिएटर इकोनॉमी 2024 में ₹125 बिलियन की थी और 2030 तक इसके ₹500 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है — 25% की सालाना वृद्धि दर के साथ।
पहले इंडियाज गॉट टैलेंट विवाद और अब पहलगाम हमले के बाद, सोशल मीडिया पर दिखने वाला कंटेंट संसद तक पहुंच चुका है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं IT मंत्रालय को नोटिस जारी कर पूछा है कि “देश के हितों के खिलाफ काम करने वाले प्लेटफॉर्म्स और इन्फ्लुएंसर्स” के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं।
मंत्रालयों से 8 मई तक जवाब मांगा गया है और संकेत हैं कि अगर संतोषजनक उत्तर नहीं मिले, तो आईटी अधिनियम के तहत कुछ प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
‘Spot On’ नामक एक नया डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म आधिकारिक तौर पर लॉन्च हो गया है
भारत एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां बहुसंख्यवाद के बढ़ते प्रभाव और अभिव्यक्ति की आजादी पर छाए संकट के बीच, ‘Spot On’ नामक एक नया डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म आधिकारिक तौर पर लॉन्च हो गया है। इसका मकसद है युवाओं तक ऐसी खबरें पहुंचाना, जिन्हें मुख्यधारा मीडिया में नजरअंदाज कर दिया जाता है और वह भी ऐसे फॉर्मेट में जो उनके लिए सहज और असरदार हो।
इस पहल की शुरुआत पत्रकार व मीडिया प्रोफेशनल श्रुति गोत्तिपाटि ने की है, जिन्होंने पहले Brut India को भारत का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला अंग्रेजी सोशल मीडिया न्यूज प्लेटफॉर्म बनाया था। अब वे अपने नए स्वतंत्र मीडिया वेंचर के जरिए ऐसी सार्वजनिक हित की पत्रकारिता लाने जा रही हैं, जिसकी आज के भारत में सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही है।
Spot On की खासियत है इसका तेज, स्पष्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्म-केंद्रित वीडियो कंटेंट, जो सीधे जेन जी और मिलेनियल्स को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। यह प्लेटफॉर्म युवाओं से संवाद करता है, उन्हें ताजा, निर्भीक और सुलभ पत्रकारिता से जोड़ता है।
श्रुति कहती हैं, “हम एक असाधारण समय में हैं। भारत आज शायद विभाजन के बाद अपनी पहचान के सबसे बड़े बदलाव से गुजर रहा है। देश एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य से एक हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है और पत्रकारिता को इस सच्चाई को स्वीकार कर जवाब देना होगा। Spot On का मकसद है सत्ता से सवाल पूछना, भले ही वो कदम लोकप्रिय न हो और एक ऐसा मीडिया मॉडल बनाना जो स्वतंत्र, टिकाऊ और असरदार हो।”
Spot On का उद्देश्य पारंपरिक मीडिया के शोरगुल से अलग हटकर वह दिखाना है जो छिपा रह जाता है, और वह कहना है जो अक्सर कहा नहीं जाता। यह प्लेटफॉर्म भारत के युवाओं को न केवल जागरूक बनाएगा, बल्कि उन्हें लोकतंत्र की असल जमीन से भी जोड़ेगा।
भारत की तेजी से उभरती क्रिएटर इकॉनमी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से YouTube ने अगले दो वर्षों में 850 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है।
भारत की तेजी से उभरती क्रिएटर इकॉनमी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से YouTube ने अगले दो वर्षों में 850 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है। YouTube के CEO नील मोहन ने यह ऐलान ‘WAVES समिट’ के उद्घाटन सत्र में किया। यह समिट भारतीय कारोबारियों, कलाकारों, निर्माताओं और सांस्कृतिक योगदानकर्ताओं को एक मंच पर लाने वाला अपनी तरह का पहला आयोजन है।
समिट के मंच से नील मोहन ने भारत को “क्रिएटर नेशन” बताते हुए कहा कि यहां की क्रिएटर इकॉनमी ने वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि बीते साल भारत से 10 करोड़ से अधिक यूट्यूब चैनल्स ने प्लेटफॉर्म पर कंटेंट अपलोड किया, जिनमें से 15,000 से अधिक चैनल्स ने 1 मिलियन सब्सक्राइबर का आंकड़ा पार कर लिया है, जो कुछ महीने पहले तक 11,000 था।
मोहन ने यह भी साझा किया कि पिछले तीन वर्षों में YouTube ने भारतीय क्रिएटर्स, कलाकारों और मीडिया कंपनियों को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि यह नया निवेश भारत में करियर और कारोबार के अनगिनत रास्ते खोलने का काम करेगा।
उन्होंने कहा, "YouTube की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने इस प्लेटफॉर्म का उपयोग एक वैश्विक सांस्कृतिक निर्यात मंच के रूप में बेहद प्रभावी ढंग से किया है। "सिर्फ पिछले साल ही भारतीय कंटेंट ने विदेशों में 45 अरब घंटे का वॉच टाइम हासिल किया।"
कार्यक्रम के अंत में एक संवाद सत्र हुआ जिसमें Slayy Point की गौतमी कवले और एजुकेशनल क्रिएटर मार्क रोबर शामिल हुए। YouTube के एशिया-पैसिफिक रीजन के वाइस प्रेसिडेंट गौतम आनंद ने सत्र का संचालन किया।
मार्क रोबर ने बताया कि YouTube पर वीडियो को अलग-अलग भाषाओं में डब करने की सुविधा ने उनकी पहुंच को वैश्विक बना दिया है। उनके वीडियो इस समय 32 भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिनमें से 12 में असली वॉयस ओवर और बाकी में AI का उपयोग किया गया है।
उन्होंने कहा, “अगर कोई दर्शक जापानी भाषा को प्राथमिकता देता है, तो YouTube उसे उसी भाषा में वीडियो दिखाता है, यही सपना भारत के कई क्रिएटर्स भी देखते हैं।”
गौतमी कवले ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका आकार है- सस्ते इंटरनेट, व्यापक स्मार्टफोन इस्तेमाल और तेजी से बढ़ती युवा डिजिटल आबादी के कारण भारत वैश्विक स्तर पर टॉप क्रिएटर्स देने को तैयार है।
उन्होंने multilingual कंटेंट के जरिए वैश्विक पहुंच और स्थानीय जुड़ाव के बीच संतुलन को ज़रूरी बताया। उन्होंने आगे कहा, “भारत में नवाचार और आत्मविश्वास की जबरदस्त लहर है, जो इसे वैश्विक क्रिएटर इकोसिस्टम में एक निर्णायक ताकत बनाती है।”
अमित तिवारी इस कंपनी के साथ पिछले पांच वर्षों से ज्यादा समय से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
‘एशियानेट न्यूज डिजिटल’ (Asianet News Digital) ने अमित तिवारी को प्रमोट करते हुए चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (मुख्य राजस्व अधिकारी) की जिम्मेदारी सौंपी है। कंपनी की ओर से जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक, अमित तिवारी पिछले पांच वर्षों से संस्थान से जुड़े हुए हैं और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण राजस्व पहलों का नेतृत्व किया है। अब वे कंपनी के अगले विकास चरण की योजनाओं के तहत इस नई भूमिका को संभालेंगे।
‘Asianet News Digital’ फिलहाल आठ भाषाओं में संचालित होता है और साल के अंत तक पंजाबी, गुजराती और कोंकणी भाषाओं में इसके विस्तार की योजना है। इसके अलावा, कंपनी खाड़ी देशों और अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय कंटेंट पोर्टल लॉन्च करने की भी तैयारी कर रही है।
अमित तिवारी को डिजिटल मीडिया क्षेत्र में काम करने का काफी अनुभव है। उन्होंने इससे पहले भी कई प्रमुख डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स के साथ काम किया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने 4PM न्यूज नेटवर्क के यूट्यूब चैनल को सरकार द्वारा “राष्ट्रीय सुरक्षा” या “लोक व्यवस्था” के आधार पर ब्लॉक किए जाने पर गहरी चिंता जताई है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने 4PM न्यूज नेटवर्क के यूट्यूब चैनल को सरकार द्वारा “राष्ट्रीय सुरक्षा” या “लोक व्यवस्था” के आधार पर ब्लॉक किए जाने पर गहरी चिंता जताई है। गिल्ड का कहना है कि इस फैसले के पीछे न तो कोई ठोस कारण बताया गया और न ही कोई सबूत सार्वजनिक किया गया, जिससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है।
एडिटर्स गिल्ड ने इस प्रकार की कार्रवाई को "कार्यपालिका की अपारदर्शी शक्ति" करार दिया है और कहा है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने की एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाता है। बिना किसी पूर्व सूचना या जवाब देने का अवसर दिए आदेश पारित करना पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों पर हमला है।
गिल्ड ने यह भी उल्लेख किया कि यह घटना कोई अकेली नहीं है। इससे पहले फरवरी 2025 में तमिल न्यूज पोर्टल ‘विकटन’ को एक व्यंग्यात्मक कार्टून प्रकाशित करने के बाद ब्लॉक कर दिया गया था। हालांकि मद्रास हाई कोर्ट ने बाद में राहत दी, लेकिन यह मामला भी सरकार की आलोचनात्मक पत्रकारिता को दबाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
गिल्ड ने 2023 में ‘कश्मीर वाला’ वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट के अचानक ब्लॉक होने और 2022 में सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा 18 यूट्यूब न्यूज चैनलों को ब्लॉक करने की घटनाओं को भी याद किया, जिनमें भी पारदर्शिता नहीं थी।
गिल्ड ने एक बार फिर मांग की है कि कंटेंट को हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह होनी चाहिए, खासकर जब बात पत्रकारिता से जुड़ी हो। गिल्ड ने चेतावनी दी कि "राष्ट्रीय सुरक्षा" जैसी अवधारणा का इस्तेमाल आलोचनात्मक या स्वतंत्र रिपोर्टिंग को दबाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
कुलदीप सिंह समाचार4मीडिया हिंदी पत्रकारिता 40अंडर40 के विजेताओं की लिस्ट में भी अपनी नाम दर्ज करा चुके हैं।
देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों में शामिल ‘न्यूज24’ (News24) ने डिजिटल (हिंदी) की कमान कुलदीप सिंह को सौंप दी है। उन्होंने यहां पर बतौर एडिटर, डिजिटल (हिंदी) जॉइन कर लिया है। इस संस्थान के साथ कुलदीप सिंह की दूसरी पारी है। अपने करियर के शुरुआती दौर में वह ‘B.A.G Films’ में बतौर रिपोर्टर करीब सवा साल तक कार्य कर चुके हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में कुलदीप सिंह ने बताया कि वह पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में निठारी और आरुषि हत्याकांड से लेकर कई बड़े स्टिंग ऑपरेशन में शामिल रहे हैं। उन्हें ऑपरेशन गुरुकुल से खास पहचान मिली। वहीं, वर्ष 2007 में किए गए स्टिंग ऑपरेशन में दिल्ली-एनसीआर के दर्जनभर से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों की मेरिट के बाद भी मैनेजमेंट कोटे के तहत लाखों के खेल को उजागर किया गया। इस मामले में तत्कालीन यूपी सरकार ने कार्रवाई करते हुए कई कॉलेज के मैनेजमेंट के खिलाफ कार्रवाई की। कई कॉलेज में एडमिशन इंचार्ज को हटाया गया।
बता दें कि कुलदीप सिंह को मीडिया में काम करने का करीब 18 साल का अनुभव है। इससे पहले वह ‘इंडियन एक्सप्रेस’ समूह के डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘जनसत्ता’ (Jansatta.com) में करीब सवा दो साल से असिस्टेंट एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह ‘Daily News & Analysis’ (DNA) में करीब साढ़े तीन साल तक शिफ्ट इंचार्ज की भूमिका भी निभा चुके हैं।
यही नहीं, पूर्व में कुलदीप सिंह ‘न्यूज नेशन’ (News Nation), ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagarn), ‘एचटी मीडिया’ (HT Media) और ‘इंडिया न्यूज’ (India News) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
गौरतलब है कि कुलदीप सिंह समाचार4मीडिया हिंदी पत्रकारिता 40अंडर40 के विजेताओं की लिस्ट में भी अपनी नाम दर्ज करा चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से कुलदीप सिंह को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
भारत के डिजिटल न्यूज स्पेस में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। ComScore की मार्च 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, Network18 ने डिजिटल रीच के मामले में Times Internet को पीछे छोड़ दिया है।
भारत के डिजिटल न्यूज स्पेस में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। ComScore की मार्च 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, Network18 ने डिजिटल रीच के मामले में Times Internet को पीछे छोड़ दिया है।
ComScore MMX की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया और नेटिव प्लेटफॉर्म्स को मिलाकर Network18 के पास 315 मिलियन यूनिक विजिटर्स (UVs) की मजबूत मौजूदगी रही, जबकि Times Internet इस दौड़ में 202 मिलियन UVs के साथ दूसरे नंबर पर रहा।
Network18 के प्रमुख पोर्टल News18.com ने 251 मिलियन UVs दर्ज किए, जो The Times of India की 183 मिलियन UVs की तुलना में काफी अधिक है। इस आंकड़े के साथ News18.com देश का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला डिजिटल न्यूज ब्रैंड बन गया है।
ComScore की Media Metrix Social रिपोर्ट के अनुसार, Network18 की रीच भारत के कुल 389 मिलियन सोशल मीडिया यूजर्स में से 54% तक रही। यह आंकड़ा इसके सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी TV9 नेटवर्क से दोगुना है।
यदि सोशल मीडिया ट्रैफिक को अलग कर दिया जाए, तब भी Network18 ने News & Information श्रेणी में बढ़त बनाई रखी। इस श्रेणी में उसे 183.2 मिलियन UVs मिले, जबकि Times Internet 182.3 मिलियन UVs के साथ मामूली अंतर से पीछे रहा।
Network18 की भारतीय भाषाओं में प्रकाशित न्यूज वेबसाइट्स ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, जहां 182 मिलियन UVs दर्ज किए गए। यह आंकड़ा क्षेत्रीय बाजारों में इसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा द्वारा संचालित डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म '4PM' को यूट्यूब पर एक्सेस करना अब संभव नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा द्वारा संचालित डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म '4PM' को यूट्यूब पर एक्सेस करना अब संभव नहीं है। जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों के आधार पर की गई है।
सूत्रों का कहना है कि सूचना-सारण मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद चैनल को हटाया गया। हालांकि, अभी तक इस संबंध में यूट्यूब की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
चैनल बंद किए जाने के बाद संपादक संजय शर्मा ने इस कदम पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वह इसे न्यायिक स्तर पर चुनौती देंगे। उनका कहना है कि देश में डिजिटल मीडिया की स्वतंत्र आवाजों पर बढ़ती पाबंदियां चिंता का विषय बन चुकी हैं।
बता दें कि '4PM' लंबे समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा है और विभिन्न सामयिक व सामाजिक मुद्दों पर मुखर रिपोर्टिंग करता रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले की रिपोर्टिंग को लेकर भारत सरकार ने BBC के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
पहलगाम आतंकी हमले की रिपोर्टिंग को लेकर भारत सरकार ने BBC के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने BBC की उस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है जिसमें कश्मीर के इस हमले को “मिलिटेंट अटैक” कहा गया था। सरकार का कहना है कि यह शब्द न सिर्फ भ्रामक है बल्कि आतंकवाद की गंभीरता को कम करके दर्शाता है।
विदेश मंत्रालय की ओर से BBC इंडिया की प्रमुख जैकी मार्टिन को औपचारिक पत्र भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि इस तरह की भाषा से आतंकवाद जैसे गंभीर मसले को हल्के में लेना प्रतीत होता है, जो कि किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि BBC की रिपोर्टिंग पर अब लगातार नजर रखी जाएगी। बताया गया है कि विदेश प्रचार और सार्वजनिक कूटनीति विभाग ने BBC को भारत की कड़ी भावनाओं से अवगत करा दिया है।
गौरतलब है कि BBC की रिपोर्ट का शीर्षक था— "Pakistan suspends visas for Indians after deadly Kashmir attack"। रिपोर्ट में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की घटना को “मिलिटेंट अटैक” बताया गया, जिसे लेकर भारत सरकार ने रिपोर्टिंग को पक्षपातपूर्ण करार दिया।
यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब हाल ही में अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की कमेटी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की भी इसी तरह की रिपोर्टिंग की आलोचना की थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी पहलगाम हमले को “मिलिटेंट अटैक” बताया था, जिसके बाद अमेरिकी कमेटी ने ‘मिलिटेंट’ शब्द को हटाकर ‘आतंकवादी’ शब्द का उपयोग किया और कहा कि यह स्पष्ट रूप से आतंकवादी हमला था।
भारत सरकार ने BBC को स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे शब्द चयन से न केवल मीडिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को भी कमजोर करता है।
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनल्स पर भी बैन लगा दिया है
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनल्स पर भी बैन लगा दिया है। बताया जा रहा है कि ये चैनल भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैला रहे थे, जिसके चलते उन पर यह कार्रवाई की गई है।
सूत्रों के मुताबिक डॉन न्यूज, जिओ न्यूज, ARY न्यूज और समा न्यूज सहित पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनल्स को भारत में ब्लॉक कर दिया गया है। इन सभी चैनल्स पर भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाने का आरोप है।
सुरक्षा को लेकर लगातार सख्ती
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिसमें भारत ने सिंधु जल समझौते को अस्थायी तौर पर रोकने का निर्णय भी शामिल है। यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया है।
इसके अलावा, सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को सार्क के तहत दी गई वीजा छूट वापस ले ली है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने की भी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। साथ ही, पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
जमीनी संपर्क भी होगा खत्म
सरकार ने अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन के रास्ते संपर्क भी समाप्त हो जाएगा। ये सभी फैसले भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस हमले के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।