टी20 वर्ल्ड कप में सांकेतिक भाषा की फीड भी उपलब्ध कराएगी 'डिज्नी स्टार'

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के डिजिटल स्ट्रीमिंग राइट्स डिज्नी स्टार के पास है। लिहाजा अब वे लोग भी टी20 वर्ल्डकप का लुत्फ उठा सकते हैं, जो सुन नहीं सकते हैं।

Last Modified:
Thursday, 16 May, 2024
Disney Hotstar


आईपीएल खत्म होते ही टी20 वर्ल्ड कप 2024 शुरू हो जाएगा, जिसके डिजिटल स्ट्रीमिंग राइट्स डिज्नी स्टार के पास है। लिहाजा अब वे लोग भी टी20 वर्ल्डकप का लुत्फ उठा सकते हैं, जो सुन नहीं सकते हैं। दरअसल, इसके लिए डिज्नी स्टार ने इंडिया साइनिंग हैंड्स के हाथ मिलाया है, ताकि 2 जून से शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा की फीड भी उपलब्ध कर सकें।

हालांकि यह सांकेतिक फीड कुल दस मैचों के लिए उपलब्ध होगा, जिसमें भारत के मैच, सेमीफाइनल और फाइनल शामिल हैं।

कंपनी 'डिज्नी+हॉटस्टार' और 'स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क' पर ISL फीड के साथ-साथ एक ऑडियो डिस्क्रप्टिव फीड (audio descriptive feed) भी उपलब्ध कराएगा।

डिज्नी स्टार की इस पहल पर टिप्पणी करते हुए सूचना-प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मैं आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान भारतीय सांकेतिक भाषा और ऑडियो डिस्क्रप्टिव कमेंट्री शुरू करने के लिए स्टार स्पोर्ट्स और डिज्नी+ हॉटस्टार की सराहना करता हूं। भारत सरकार एक समावेशी समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह पहल लाखों दिव्यांग खेल प्रेमियों के लिए खेल देखने के अनुभव को बढ़ाएगी।

बता दें कि इससे पहले डिज्नी+हॉटस्टार ने घोषणा की थी कि यह आगामी टी20 वर्ल्ड कप 2024 डिज्नी+हॉटस्टार ऐप का उपयोग करने वाले यूजर्स के लिए 'मोबाइल पर निःशुल्क' उपलब्ध होगा।

गौरतलब है कि 'आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024' 1 जून से 29 जून तक वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुल 9 मैदानों पर खेला जाएगा। टी20 वर्ल्ड कप 2024 में कुल 55 मैच खेले जाने हैं और कुल मिलाकर 20 टीमें हिस्सा लेंगी। जो वेस्टइंडीज और यूएसए । टी20 वर्ल्ड कप 2024 का शुरुआती मुकाबला मेजबान USA और कनाडा के बीच 1 जून को होगा। वहीं 26 और 27 जून को सेमीफाइनल मैच होगा। फाइनल मुकाबला 29 जून को बारबाडोस में खेला जाना है। सेमीफाइनल और फाइनल मैच के लिए रिजर्व डे भी रखा गया है।  

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एडिटर्स के विरोध के बाद Wikipedia ने रोका AI समरीज का ट्रायल

विकिपीडिया (Wikipedia) ने हाल ही में शुरू किए गए एआई-जनित आर्टिकल समरीज (AI-generated article summaries) के ट्रायल को फिलहाल स्थगित कर दिया है

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 14 June, 2025
Last Modified:
Saturday, 14 June, 2025
Wikipedia989

विकिपीडिया (Wikipedia) ने हाल ही में शुरू किए गए एआई-जनित आर्टिकल समरीज (AI-generated article summaries) के ट्रायल को फिलहाल स्थगित कर दिया है, क्योंकि इसके स्वयंसेवी संपादकों (Editors) की समुदाय से तीव्र प्रतिक्रिया मिली है। यह फीचर वेबसाइट के मोबाइल वर्जन पर टेस्ट किया जा रहा था, जिसका मकसद लंबी और जटिल जानकारियों को संक्षेप में, मशीन से तैयार किए गए टेक्स्ट में पेश करना था। हालांकि सटीकता, संपादकीय नियंत्रण और प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता को लेकर उठे सवालों के बाद विकिमीडिया फाउंडेशन को यह ट्रायल रोकना पड़ा।

संपादकों ने एआई कंटेंट पर जताई आपत्ति

एआई से तैयार ये समरीज कुछ लेखों की शुरुआत में दिखाए जा रहे थे और इन्हें पीले रंग के "unverified" टैग के साथ स्पष्ट रूप से चिह्नित किया गया था। उद्देश्य था कि पाठकों (खासकर उन लोगों के लिए जो विषय से परिचित नहीं हैं) के लिए लेखों को समझना आसान बनाया जाए। लेकिन कई अनुभवी संपादकों को लगा कि यह प्रयोग विकिपीडिया की मूल भावना के खिलाफ है, जहां सामग्री इंसानी योगदान और समीक्षा के आधार पर बनती है।

एक वरिष्ठ संपादक ने प्रतिक्रिया में कहा, “यह वह नहीं है, जिसके लिए विकिपीडिया खड़ा है।” उनके मुताबिक इस तरह के एआई समरीज पाठकों को भ्रमित कर सकते हैं और साइट की सामग्री की गुणवत्ता कमजोर कर सकते हैं। अन्य संपादकों ने चेताया कि मशीन से तैयार लेखों में सूक्ष्म गलतियां या गलतफहमियां हो सकती हैं, जिन्हें मानव संपादक पकड़ सकता है।

गुणवत्ता और प्रभाव को लेकर चिंता

विरोध उस समय और तेज हो गया जब संपादकों ने इस पहल की तुलना Google के AI Overviews से की, जिसे हाल ही में तथ्यात्मक त्रुटियों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। विकिपीडिया के कई योगदानकर्ताओं ने चिंता जताई कि अगर विकिपीडिया भी इसी राह पर चलता है, तो उसकी साख को गहरा नुकसान हो सकता है, खासतौर पर तब जब एआई जनित सामग्री को इंसानी लेखन से ऊपर रखा जाने लगे।

ऑनलाइन चर्चाओं में “बहुत खराब विचार” और “पूरी तरह विरोध” जैसे शब्द बार-बार सामने आए। कुछ योगदानकर्ताओं ने यहां तक कह दिया कि अगर विकिपीडिया इसी दिशा में गया, तो वे संपादन छोड़ देंगे। उनके अनुसार, इंसानी संपादक गलतियां कर सकते हैं, लेकिन विकिपीडिया का सहयोगात्मक मॉडल दीर्घकाल में भरोसे की गारंटी देता है, जो बिना निगरानी के एआई कभी नहीं दे सकता।

विकिमीडिया फाउंडेशन का जवाब

इस तीव्र प्रतिक्रिया के बाद विकिमीडिया फाउंडेशन ने पुष्टि की कि एआई समरी ट्रायल फिलहाल रोक दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में फाउंडेशन ने स्वीकार किया कि इस फीचर को पेश करते वक्त संपादक समुदाय से पर्याप्त विचार-विमर्श नहीं किया गया, और भविष्य में एआई जैसे टूल्स को शामिल करने से पहले सोच-समझकर योजना बनानी होगी।

हालांकि यह परियोजना फिलहाल स्थगित है, विकिमीडिया ने स्पष्ट किया कि वह भविष्य में एआई के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं करता। लेकिन आगे किसी भी तरह का प्रयोग पारदर्शिता और सामुदायिक भागीदारी के साथ ही किया जाएगा।


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CTV और टीवी के बाद अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी लॉन्च हुआ India TV Speed News

कंपनी के अनुसार, इसमें Speed 50, Speed 100, Duniya 20, Sports 20, Mausam 20 जैसे छोटे और दिलचस्प फॉर्मैट्स में रीयल टाइम कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।

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Published - Friday, 13 June, 2025
Last Modified:
Friday, 13 June, 2025
Speed News

‘कनेक्टेड टीवी’ (CTV) और लीनियर टीवी पर मौजूदगी के बाद अब India TV Speed News वेब प्लेटफॉर्म पर भी लॉन्च हो चुका है। इस विस्तार के साथ यह चैनल अब सभी डिजिटल माध्यमों पर उपलब्ध है, जिससे दर्शक किसी भी समय, किसी भी डिवाइस पर तेजी से और सहज रूप से खबरें देख सकते हैं।

कंपनी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर उन डिजिटल-फर्स्ट दर्शकों के लिए तैयार किया गया है जो ताजा जानकारी तुरंत चाहते हैं। इसमें Speed 50, Speed 100, Duniya 20, Sports 20, Mausam 20 जैसे छोटे और दिलचस्प फॉर्मैट्स में रीयल टाइम कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।

इंडिया टीवी की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु धवन ने कहा, 'Speed News को अब वेब पर लॉन्च करके हम तेज और भरोसेमंद पत्रकारिता को आज के डिजिटल दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म पहले ही CTV और टीवी पर अच्छी सफलता दर्ज कर चुका है, और अब वेब के माध्यम से हम दर्शकों तक उनकी सुविधा के अनुसार किसी भी समय, किसी भी डिवाइस पर पहुंच सकेंगे।'

कंपनी का कहना है कि यह वेब लॉन्च ‘इंडिया टीवी’ के उस विजन को आगे बढ़ाता है, जिसमें खबरों को तेजी, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता है। चाहे स्मार्ट टीवी हो, पारंपरिक टीवी सेट या स्मार्टफोन—India TV Speed News अब हर प्लेटफॉर्म पर तेज, केंद्रित और भरोसेमंद खबरों का प्रमुख ठिकाना बन चुका है।

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AI बना OTT प्लेटफॉर्म्स का नया 'हथियार', स्क्रिप्ट से लेकर सेट तक दे रहा सहारा

प्रॉडक्शन बजट पर दबाव बढ़ने के साथ, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 13 June, 2025
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Friday, 13 June, 2025
AI8451

कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

प्रॉडक्शन बजट पर दबाव बढ़ने के साथ, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। सिर्फ दर्शकों को कंटेंट सजेस्ट करने के लिए नहीं, बल्कि स्क्रिप्ट लेखन, स्टोरीबोर्ड बनाने और वर्चुअल लोकेशन्स तैयार करने जैसे रचनात्मक कार्यों में भी AI की मदद ली जा रही है।

जहां ChatGPT पहले से ही प्रड्यूसर और स्क्रिप्टराइटर के बीच लोकप्रिय है, वहीं अब Anthropic द्वारा विकसित Claude भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका इस्तेमाल संवादों के वैरिएंट्स बनाने, सीन डिस्क्रिप्शन को समृद्ध करने और कैरेक्टर डेवलपमेंट एक्सप्लोर करने में हो रहा है। ये टूल्स टोन को बेहतर बनाते हैं और यहां तक कि किसी विशेष व्यक्ति की लेखन शैली की नकल भी कर सकते हैं।

प्रॉडक्शन की लागत घटाने और शेड्यूल तेज करने के लिए कई प्रॉडक्शन हाउस, यहां तक कि बड़े स्टूडियोज भी अब कंटेंट निर्माण के अलग-अलग चरणों में AI को शामिल कर रहे हैं। हालांकि यह अपनाने का चरण अभी शुरुआती है, लेकिन जनरेटिव AI का उपयोग स्क्रिप्टिंग और प्री-प्रॉडक्शन में रफ्तार पकड़ रहा है। इन टूल्स की मदद से आइडियाज जनरेट करना, ड्राफ्ट बनाना, लोकलाइजेशन करना और डायलॉग लिखना आसान हो गया है।

छोटे स्टूडियोज को इसका विशेष फायदा हो रहा है, क्योंकि इससे उनकी ओवरहेड लागत घटती है और वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो पाते हैं। इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के मुताबिक, कुछ मामलों में AI टूल्स प्रॉडक्शन कॉस्ट को 30-40% तक कम कर सकते हैं।

प्रॉड्यूसर्स का कहना है, “AI टूल्स स्टोरीटेलिंग को आसान बनाते हैं- प्लॉट गैप पकड़ने, स्टोरीबोर्ड जनरेट करने और स्क्रिप्ट को बेहतर करने में मदद करते हैं। Claude की क्रिएटिव इनपुट और Perplexity की प्रिसिशन के साथ हम अपनी कहानियों के दायरे को बड़ा कर पा रहे हैं।”

Juggernaut Productions (IN10 मीडिया नेटवर्क) के टीवी और ओटीटी कंसल्टेंट युबराज भट्टाचार्य कहते हैं कि AI का इस्तेमाल अब वर्चुअल सेट और वातावरण तैयार करने के लिए भी किया जा रहा है। “यह अब विज्ञापनों और म्यूजिक वीडियोज में दिखाई देने लगा है और धीरे-धीरे फीचर फिल्मों में भी।”

क्रिएटर्स के मुताबिक, OpenAI का Sora और Runway का Gen-2 जैसे टूल्स का इस्तेमाल लोकेशन सिमुलेट करने, शूटिंग की टाइमलाइन को संक्षिप्त करने और ऑन-लोकेशन शूट्स की लागत घटाने के लिए ट्रायल पर है।

PTPL इंडिया के COO और SonyLIV के पूर्व एग्जीक्यूटिव पेप फिगुएरेडो कहते हैं, “AI टूल्स अब लेखन, एडिटिंग और पोस्ट-प्रॉडक्शन तक में इस्तेमाल हो रहे हैं—इनमें शामिल हैं Toolsaday, Sudowrite, ScriptBook, DeepStory, Celtx AI, Runway, Adobe Firefly, Pictory, Descript, Wisecut, Soundraw, Amper Music, Cleanvoice AI और CinePlanner।”

FICCI-EY रिपोर्ट के मुताबिक, ये टेक्नोलॉजीज प्री-प्रॉडक्शन लागत को 20–30% तक घटाने, प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और वर्कफ्लो को बेहतर बनाने की क्षमता रखती हैं—वो भी क्रिएटिव डेप्थ को नुकसान पहुंचाए बिना।

फिगुएरेडो के अनुसार, “AI टूल्स हर प्रोजेक्ट में स्क्रिप्ट डेवलपमेंट में ₹40,000 से ₹2,00,000 और पोस्ट-प्रॉडक्शन में ₹1,00,000–₹5,00,000 तक की बचत कर सकते हैं। खासकर क्षेत्रीय और डिजिटल-फर्स्ट क्रिएटर्स के लिए ये गेम-चेंजर हैं—क्योंकि ये क्वालिटी और क्रिएटिव डायरेक्शन से समझौता किए बिना बराबरी का मौका देते हैं।”

हालांकि, सबकी राय इससे मेल नहीं खाती। Locomotive Global के मैनेजिंग पार्टनर सुंदर ऐरन कहते हैं, “हमने AI डबिंग टूल्स (कस्टम मेड) पर प्रयोग किया है, लेकिन पाया कि ये अभी उस क्वालिटी स्तर तक नहीं पहुंचे हैं जो जरूरी है।”

वे आगे कहते हैं, “मुझे उम्मीद है कि अगले 12–24 महीनों में इनकी एफिशियंसी और क्वालिटी में सुधार होगा। तब तक ये आवाज आधारित पोस्ट-प्रॉडक्शन—जैसे कि ADR और विदेशी भाषाओं में डबिंग—के लिए आम प्रैक्टिस बन जाएंगे। ये केवल समय की बात है।”

भारत का OTT ग्रोथ और AI की भूमिका

भारत का OTT बाजार, जो दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले मार्केट्स में शामिल है, 2023 में ₹17,500 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच चुका है और 2028 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है। PwC रिपोर्ट के अनुसार, यह 14.9% CAGR से बढ़ेगा।

800 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स और वीडियो कंटेंट की बढ़ती मांग के बीच, पेड वीडियो सब्सक्रिप्शन में भी अगले दो साल में 30% की ग्रोथ की उम्मीद है, जैसा कि FICCI-EY की 'Shape the Future' रिपोर्ट में बताया गया है।

जैसे-जैसे सब्सक्राइबर ग्रोथ धीमी होती जा रही है और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, कॉस्ट-एफिशिएंसी अब इनोवेशन का मुख्य ड्राइवर बन रही है। इंडस्ट्री लीडर्स मानते हैं कि AI इस दौर में प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा लचीला और स्केलेबल बनने में अहम भूमिका निभा रहा है।

यहां तक कि Netflix, Prime Video, MX Player, Disney+ Hotstar, Zee5 और SonyLIV जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स (जिन्होंने 2024 में ओरिजिनल कंटेंट और एक्विजिशन पर ₹2,500 करोड़ से ज्यादा खर्च किए) भी अब लगातार हिट देने में संघर्ष कर रहे हैं।

e4m द्वारा देखी गई एक इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में केवल 4% OTT शोज ही दर्शकों से सही कनेक्ट बना पाए। बाकी नाकाम रहे।

विशेषज्ञ इस ट्रेंड के लिए रिपेटेटिव थीम्स, सीमित प्रयोग और असमान बजट आवंटन को जिम्मेदार मानते हैं, और मानते हैं कि यही क्षेत्र हैं जिन्हें AI अब सुधारने की स्थिति में है।

FICCI-EY की 2024 रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रीमियम कंटेंट में निवेश में साल-दर-साल 14% की गिरावट आई है—जो यह दर्शाता है कि प्लेटफॉर्म अब ज्यादा सतर्क और ROI-केंद्रित रणनीति अपना रहे हैं।

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YouTube ने बदली कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी, 'जनहित' वाले कंटेंट पर आंशिक उल्लंघन को दी इजाजत

यह बदलाव उस संतुलन को दर्शाता है जिसे YouTube अब हानिकारक कंटेंट को रोकने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के बीच साधने की कोशिश कर रहा है

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 12 June, 2025
Last Modified:
Thursday, 12 June, 2025
YouTube784

'यूट्यूब' (YouTube) ने अपनी आंतरिक मॉडरेशन गाइडलाइंस में बड़ा बदलाव किया है। The New York Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब ऐसे वीडियो जो उसकी पॉलिसीज का कुछ हद तक उल्लंघन करते हैं, लेकिन सार्वजनिक समझ को बेहतर बनाने में मददगार माने जाते हैं, उन्हें प्लेटफॉर्म से हटाया नहीं जाएगा।

यह बदलाव उस संतुलन को दर्शाता है जिसे YouTube अब हानिकारक कंटेंट को रोकने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के बीच साधने की कोशिश कर रहा है, खासकर चुनाव, पहचान, लिंग, नस्ल, प्रवासन और सामाजिक विचारधाराओं जैसे संवेदनशील मुद्दों पर।

नई पॉलिसी के तहत, कंटेंट मॉडरेटर अब तब तक वीडियो हटाने से बचेंगे जब तक कि उसका 50% से ज्यादा हिस्सा YouTube की गाइडलाइंस का उल्लंघन न कर रहा हो। पहले यह सीमा 25% थी। इसके साथ ही अब मॉडरेटर्स से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि वे यह आकलन करें कि क्या किसी वीडियो की फ्री स्पीच यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की संभावित उपयोगिता, उससे जुड़े जोखिमों से कहीं अधिक है। ऐसे मामलों में वीडियो को तुरंत हटाने की बजाय आगे की समीक्षा के लिए भेजने का निर्देश है। यह प्रक्रिया YouTube की EDSA (Education, Documentary, Science, Art) रूपरेखा के तहत आती है।

YouTube की प्रवक्ता निकोल बेल ने The Verge को बताया कि प्लेटफॉर्म के विकसित होते स्वरूप को देखते हुए उसकी कम्युनिटी गाइडलाइंस को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव वीडियो की एक सीमित श्रेणी को प्रभावित करेगा और इसका उद्देश्य पॉलिसी-प्रवर्तन में अतिरेक को रोकना है। उदाहरण के लिए, किसी लंबे न्यूज पॉडकास्ट को सिर्फ इसलिए नहीं हटाया जाएगा क्योंकि उसमें एक छोटा हिस्सा नियमों का उल्लंघन कर रहा हो।

यह अपडेट उस पॉलिसी का विस्तार है जिसमें YouTube ने चुनावी उम्मीदवारों द्वारा अपलोड किए गए ऐसे वीडियो को भी प्लेटफॉर्म पर रहने देने की अनुमति दी थी, जो नियमों का उल्लंघन करते हों, बशर्ते वे सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ाते हों, विशेषकर 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए।

यह बदलाव सिर्फ YouTube तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अब एक व्यापक ट्रेंड देखने को मिल रहा है। Meta ने भी हाल में गलत सूचना और घृणास्पद भाषण को लेकर अपने रुख में ढील दी है, उसने तीसरे पक्ष के फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को बंद कर दिया है और अब यूजर्स आधारित सुधारों पर भरोसा कर रहा है। यही तरीका अब X (पहले Twitter) भी अपना रहा है। 

Covid-19 महामारी और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान YouTube ने बहुत सख्त कंटेंट मॉडरेशन लागू किया था यानी वीडियो हटाने या सेंसर करने के नियम काफी सख्त थे। अब जो नई पॉलिसी लागू की गई है, वह उस पुराने कड़े रुख से थोड़ा संतुलन बनाते हुए, उसे थोड़ा नरम या लचीला करने की कोशिश है।" 

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इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग को मिलेगी दिशा व भरोसा, IIGC ने उठाया ये कदम

देश के तेजी से बढ़ते लेकिन अब तक अनियंत्रित रहे इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग सेक्टर में पारदर्शिता, व्यावसायिक अनुशासन और संचालन कुशलता लाने की दिशा में दो अहम इनेशिएटिव्स लिए गए हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 11 June, 2025
Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
Influencer4512

देश के तेजी से बढ़ते लेकिन अब तक अनियंत्रित रहे इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग सेक्टर में पारदर्शिता, व्यावसायिक अनुशासन और संचालन कुशलता लाने की दिशा में दो अहम इनेशिएटिव्स लिए गए हैं। इंडियन इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल (IIGC) ने जहां ब्रैंड्स के लिए एक ‘कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स’ यानी आचार संहिता पेश की है, वहीं AI-आधारित प्लेटफॉर्म ClanConnect ने हर आकार के ब्रैंड्स के लिए प्रीपेड इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग पैकेज लॉन्च किए हैं।

ये दोनों इनेशिएटिव्स एक नियामक (regulatory) और दूसरी संचालन (operational) से जुड़ी हैं, जो मिलकर एक जिम्मेदार और दक्ष क्रिएटर इकोनॉमी की ओर इशारा करती हैं।

IIGC का कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स: पारदर्शिता, अनुबंध और डेटा गोपनीयता को मिलेगी प्राथमिकता

IIGC द्वारा जारी किया गया यह कोड इन्फ्लुएंसर और ब्रैंड्स के बीच लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने की कोशिश है। इसके तहत अब ब्रैंड्स को पेड़ पार्टनरशिप, गिफ्टेड प्रोडक्ट्स और एफिलिएट प्रमोशन्स को अनिवार्य रूप से डिस्क्लोज करना होगा। साथ ही वर्चुअल इन्फ्लुएंसर, CGI या डीपफेक जैसे भ्रामक तरीकों के इस्तेमाल पर सख्त रोक की सिफारिश की गई है।

रेगुलेटेड सेक्टर में अब ब्रैंड्स को किसी भी वैज्ञानिक दावे के साथ प्रमाणित डेटा प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कोड एक ऐसी समस्या को संबोधित करता है जो इंडस्ट्री में सबसे अधिक उपेक्षित रही है- कानूनी अनुबंधों की अनुपस्थिति। वर्तमान में लगभग 95% ब्रैंड-इन्फ्लुएंसर साझेदारियां बिना किसी लिखित अनुबंध के चल रही हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए कोड में रेडी-टू-यूज टेम्पलेट्स और बेस्ट प्रैक्टिस गाइड्स शामिल हैं।

डेटा गोपनीयता को भी केंद्र में रखते हुए अब ब्रैंड्स को डेटा संग्रहण और उपभोक्ता सहमति के मामलों में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और अन्य प्राइवेसी कानूनों का कड़ाई से पालन करना होगा।

संकट प्रबंधन और कानूनी सहायता के लिए IIGC का टास्कफोर्स

कोड को लागू करने और ब्रैंड्स को वास्तविक समय में सहायता देने के लिए IIGC ने एक विशेष टास्कफोर्स भी गठित किया है। यह टीम डिजिटल लिसनिंग, सेंटिमेंट एनालिसिस और संकट प्रबंधन जैसी सेवाएं प्रदान करेगी ताकि ब्रैंड्स अपनी प्रतिष्ठा से जुड़ी जोखिमों को समय रहते नियंत्रित कर सकें। विवादों, कॉन्ट्रैक्ट या कंटेंट विवादों के समाधान के लिए यह टास्कफोर्स मध्यस्थता भी करेगी और जरूरत पड़ने पर प्रमाणित कानूनी विशेषज्ञों से ब्रैंड्स को जोड़ने का कार्य भी करेगी।

IIGC के चेयरमैन साहिल चोपड़ा का मानना है, “ब्रैंड और इन्फ्लुएंसर की साझेदारी बेहद प्रभावशाली होती है, लेकिन वह प्रतिष्ठा संबंधी जोखिमों के प्रति संवेदनशील भी होती है। कोड ऑफ स्टैंडर्ड्स और टास्कफोर्स इस इंडस्ट्री को वह सुरक्षा कवच देते हैं जिसकी उसे लम्बे समय से जरूरत थी।”

ClanConnect का प्रीपेड मॉडल: छोटे ब्रैंड्स के लिए आसान और तेज समाधान

जहां IIGC नियामक दिशा में सुधार ला रहा है, वहीं ClanConnect संचालन को सरल बनाने में लगा है। प्लेटफॉर्म ने 50,000 से 2.5 लाख रुपये के बीच के प्रीपेड इन्फ्लुएंसर पैकेज लॉन्च किए हैं, जो खासकर D2C ब्रैंड्स, SMEs, एजेंसियों और क्षेत्रीय कंपनियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं—वे जो पारंपरिक इन्फ्लुएंसर अभियानों की जटिलताओं और लागत का सामना नहीं कर पाते।

इन पैकेजों में निश्चित आउटपुट, तय CPV (कॉस्ट पर व्यू) और गारंटीड रीच का वादा किया गया है। प्रक्रिया बेहद आसान है—पैकेज चुनें, भुगतान करें और कैंपेन लॉन्च करें- न कोई लंबी बातचीत, न ही किसी अनुमान का झंझट।

इस मॉडल में पहले से चुने गए इन्फ्लुएंसर सेट, अनुमोदित स्क्रिप्ट्स, कंटेंट चेक और फीडबैक लूप शामिल हैं, जिससे हर स्तर पर प्रक्रिया को सहज बनाया गया है। इन्फ्लुएंसर्स के लिए भी यह मॉडल फायदेमंद है, उन्हें समय पर ब्रीफ, तेज पेमेंट्स और लगातार प्रोजेक्ट्स मिलते हैं।

ClanConnect के CEO सागर पुष्प कहते हैं, “अधिकतर प्लेटफॉर्म सिर्फ इन्फ्लुएंसर से ब्रैंड की जोड़ी बनाते हैं। लेकिन असली कुशलता उस प्रक्रिया में है जो उसके बाद आती है। हमारा प्रीपेड मॉडल न सिर्फ इन्फ्लुएंसर तक पहुंच देता है, बल्कि एक विश्वसनीय और स्केलेबल फ्रेमवर्क भी प्रदान करता है।”

एक असंगठित क्षेत्र से संरचित बाजार की ओर

जैसे-जैसे यह क्षेत्र परिपक्व हो रहा है, नैतिक दिशानिर्देशों को व्यवस्थित करने और अभियान संचालन को सरल बनाने के प्रयास—ब्रैंड्स, क्रिएटर्स और उपभोक्ताओं के बीच भरोसे को बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। कभी असंगठित और अस्पष्ट रहा यह क्षेत्र अब एक जिम्मेदार, पारदर्शी और भरोसेमंद मार्केटिंग चैनल की ओर बढ़ रहा है।

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‘Inkhabar’ को बाय बोलकर विद्याशंकर तिवारी ने तलाशी नई मंजिल, बने डिजिटल हेड

वरिष्ठ पत्रकार विद्याशंकर तिवारी ने ‘आईटीवी नेटवर्क (iTV Network) के डिजिटल विंग ‘इनखबर’ (Inkhabar) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस संस्थान में करीब सात साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 05 June, 2025
Last Modified:
Thursday, 05 June, 2025
Vidyashanker Tiwari

वरिष्ठ पत्रकार विद्याशंकर तिवारी ने ‘आईटीवी नेटवर्क (iTV Network) के डिजिटल विंग ‘इनखबर’ (Inkhabar) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस संस्थान में करीब सात साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

उन्होंने अब ‘News India 24x7’ के साथ अपनी नई पारी शुरू की है, जहां उन्हें डिजिटल हेड बनाया गया है। यहां उन्हें ग्रुप के सभी डिजिटल प्लेटफार्म्स को नए तेवर व कलेवर के साथ पेश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। न्यूज इंडिया को कुछ समय पहले ही नए मैनेजमेंट ने टेकओवर किया है जिसका फोकस चैनल के साथ साथ डिजिटल पर भी बहुत ज्यादा है।

लगभग सात सालों तक ‘इनखबर’ के संपादक रहे विद्याशंकर तिवारी नवाचार में विश्वास रखते हैं। करीब 35 साल के पत्रकारिता करियर में उन्होंने लंबे समय तक प्रिंट और उसके बाद न्यूज चैनलों में अलग अलग भूमिकाओं में काम किया है।

विद्याशंकर ने अपने करियर की शुरुआत ‘दैनिक जागरण’ से की थी। इसके बाद वह ‘राष्ट्रीय सहारा‘ में चीफ रिपोर्टर रहे और दिल्ली-एनसीआर में अपनी रिपोर्टिंग को लोहा मनवाया। ‘राष्ट्रीय सहारा‘ के चीफ रिपोर्टर रहते हुए ही उन्होंने ‘सहारा समय‘ न्यूज चैनल से जुड़कर इलेक्ट्रानिक मीडिया के गुर सीखे। उस दौर में सहारा में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक को एक छत के नीचे लाया गया था। सहारा एनसीआर चैनल की लाचिंग में अहम भूमिका निभाने वाली रिपोर्टिंग टीम का उन्होंने नेतृत्व किया।

‘सहारा‘ में करीब 11 साल की पारी खेल विद्याशंकर ‘अमर उजाला‘ पहुंचे, जहां पर उन्होंने चीफ रिपोर्टर-मेट्रो एडिटर के रूप लोकल रिपोर्टिंग के तेवर व कलेवर को बदला। यहां उन्हें एक साल में ही नेशनल ब्यूरो चीफ बना दिया गया। इसके बाद वह बतौर पॉलिटिकल एडिटर ‘A2Z‘ चैनल से जुड़े और कुछ ही समय में एक्जिक्यूटिव एडिटर बना दिए गए। यहां अपनी पांच साल की पारी के दौरान वह कुछ दिनों तक चैनल हेड भी रहे।

विद्याशंकर के अनुसार,  ‘A2Z‘ चैनल छोड़ने के बाद उन्होंने एक बार फिर प्रिंट मीडिया का रुख किया और हिंदी दैनिक ‘सन स्टार‘ को लांच कराया। बतौर कार्यकारी संपादक विकीलिक्स4इंडिया के साथ मिलकर पांचसितारा होटलों में गोमांस, आपरेशन डीडीसीए, व मैनचेस्टर मैच फिक्सिंग समेत कई चर्चित स्टिंग आपरेशन में अहम भूमिका अदा की, ये तीनों आपरेशन देश-दुनिया में काफी चर्चित रहे। फिर उन्होंने संपादक के रूप में ‘न्यू आब्जर्रवर पोस्ट’ जॉइन किया और वहां से सीधे ’iTV’ नेटवर्क पहुंचे, जहां पर वह इनखबर डिजिटल के संपादक बने और अब वहां से अपनी पारी को विराम देकर ’न्यूज इंडिया’ पहुंचे हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से विद्याशंकर तिवारी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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दिव्या चड्ढा ने Spotify से ली विदाई, थामा Amazon Music India का दामन

डिजिटल और म्यूजिक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली मार्केटिंग प्रोफेशनल दिव्या चड्ढा ने इस हफ्ते Amazon Music India में नई जिम्मेदारी संभाल ली है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 04 June, 2025
Last Modified:
Wednesday, 04 June, 2025
DivyaChadha5412

डिजिटल और म्यूजिक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली मार्केटिंग प्रोफेशनल दिव्या चड्ढा ने इस हफ्ते Amazon Music India में नई जिम्मेदारी संभाल ली है। हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' को मिली उच्च स्तरीय सूत्रों से यह जानकारी मिली है। उन्होंने Spotify को अलविदा कह दिया है।

Spotify India में दिव्या चड्ढा ब्रैंड और कंज्यूमर मार्केटिंग हेड के रूप में कार्यरत थीं। इस भूमिका में उन्होंने ब्रैंड की पहचान और देश में उसकी ग्रोथ को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।

इससे पहले भी चड्ढा ने कई प्रमुख ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वे Amazon में सीनियर ब्रैंड मार्केटिंग मैनेजर रही हैं और eBay Inc. में मार्केटिंग और मर्चेंडाइजिंग की असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं।

Amazon Music India में उनकी यह नई पारी उनके ब्रैंड और कंज्यूमर मार्केटिंग के गहरे अनुभव को साथ लेकर आएगी, जिससे देश के प्रतिस्पर्धी म्यूजिक स्ट्रीमिंग बाजार में प्लेटफॉर्म की मौजूदगी और मजबूत होने की उम्मीद है।

हालांकि अब तक Amazon Music India या दिव्या चड्ढा की ओर से इस बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। 'एक्सचेंज4मीडिया' ने दोनों पक्षों से संपर्क किया है। फिलहाल उनके जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है।

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जागरण न्यू मीडिया ने नए नाम व पहचान के साथ लॉन्च किया 'TheDailyJagran.com'

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग 'जागरण न्यू मीडिया' ने अपनी अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को एक स्वतंत्र और प्रीमियम डेस्टिनेशन के रूप में नए नाम और पहचान के साथ लॉन्च कर दिया है।

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Published - Wednesday, 04 June, 2025
Last Modified:
Wednesday, 04 June, 2025
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जागरण प्रकाशन लिमिटेड की डिजिटल विंग 'जागरण न्यू मीडिया' ने अपनी अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को एक स्वतंत्र और प्रीमियम डेस्टिनेशन के रूप में नए नाम और पहचान के साथ लॉन्च कर दिया है। इस बदलाव के तहत TheDailyJagran.com को एक नई पहचान और दिशा मिली है, जिसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय पाठकों को एक स्मार्ट, तेज और विश्वसनीय न्यूज प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।

इंग्लिश वर्टिकल के इस नए अवतार के साथ ब्रैंड ने अपने मूल वादे को दोहराया है- “From the House of Trust, Comes a New Daily” यानी “भरोसेमंद परंपरा से जन्मा है एक नया दैनिक”, यानी TheDailyJagran.com का नया रूप जागरण की उसी विरासत को आगे बढ़ाता है, जो दशकों से भरोसे और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जानी जाती रही है। यह वेबसाइट अब एक स्वतंत्र प्लेटफॉर्म के रूप में वेरिफाइड न्यूज, इनसाइटफुल एनालिसिस और निष्पक्ष दृष्टिकोण के साथ समाचार पाठकों के सामने रखेगी।

जागरण न्यू मीडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गौरव अरोड़ा ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, “TheDailyJagran.com हमारी इंग्लिश ऑडियंस को बेहतर ढंग से सेवा देने की दिशा में एक भविष्य की ओर बढ़ता कदम है। यह प्लेटफॉर्म जागरण की भरोसेमंद विरासत को तो आगे बढ़ाता ही है, साथ ही इसमें एक नया एडिटोरियल फोकस, अधिक प्रभावशाली डिजाइन और तेज-तर्रार स्टोरीटेलिंग भी शामिल है। TheDailyJagran.com के जरिए हम एक ऐसा डेस्टिनेशन बना रहे हैं जो युवा, बोल्ड और भरोसेमंद है। इस बदलाव के साथ हम इनोवेशन, कंटेंट की सच्चाई और यूजर-फर्स्ट अप्रोच के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहरा रहे हैं। हम अलग-अलग भाषाओं में अपनी पेशकश का विस्तार कर रहे हैं, और यह रीलॉन्च उसी दिशा में एक अहम कदम है, जिससे हम सीमाओं के पार भी अपने पाठकों तक पहुंच सकें।”

TheDailyJagran.com को अत्याधुनिक तकनीकों Next.js 14, Tailwind CSS और Enhanced Core Web Vitals के जरिए विकसित किया गया है, जिससे वेबसाइट की स्पीड और परफॉर्मेंस बेहतरीन बनी रहे। नए इंटरफेस में यूजर्स को मिलेगा:

    • Single Sign-On और MyFeed जैसी पर्सनलाइज्ड सुविधाएं
    • Smart Content Discovery के जरिए रुचि के अनुसार खबरों का सुझाव

    वैसे बता दें कि यह कदम जागरण न्यू मीडिया की इंग्लिश डिजिटल स्पेस में एक मजबूत मौजूदगी और विश्वसनीय कंटेंट के साथ युवा वर्ग को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है।

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    'एक्सचेंज4मीडिया' ने लॉन्च की नई AI-समर्थित वेबसाइट MartechAI.com, इन मायनों में है खास

    मार्केटिंग की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। exchange4media (e4m) ने एक नई और बेहद आधुनिक AI-समर्थित वेबसाइट 'MartechAI.com' लॉन्च कर दी है

    Samachar4media Bureau by
    Published - Friday, 06 June, 2025
    Last Modified:
    Friday, 06 June, 2025
    MartechAI542

    मार्केटिंग की दुनिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, देश की मार्केटिंग व टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को अब एक नया प्लेटफॉर्म मिल गया है। एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप (e4m) ने एक नई और बेहद आधुनिक AI-समर्थित वेबसाइट 'MartechAI.com' लॉन्च कर दी है, जो खास तौर पर उन मार्केटर्स के लिए तैयार की गई है जो बदलते दौर में बढ़त बनाना चाहते हैं। 

    MarTechAI.com पूरी तरह मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित देश की पहली न्यूज वेबसाइट है। यह सिर्फ एक और वेबसाइट नहीं, बल्कि आधुनिक मार्केटिंग का लॉन्चपैड है। यहां आपको न सिर्फ स्मार्ट रणनीतियों की झलक मिलेगी, बल्कि रीयल-टाइम डेटा पर आधारित फैसले लेने के लिए जरूरी टूल्स और इनसाइट्स भी उपलब्ध होंगे। यानी अब मार्केटर्स के पास वह सब कुछ होगा जो उन्हें लगातार बदलते डिजिटल इकोसिस्टम में आगे बनाए रखेगा।

    इस वेबसाइट को नई दिल्ली में Pitch CMO Summit 2025 के मंच से आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। इस खास मौके पर देश के प्रमुख मार्केटिंग लीडर्स, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपर्ट्स और टेक्नोलॉजी इनोवेटर्स मौजूद रहे। लॉन्चिंग सेरेमनी में मंच से डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ, BW बिज़नेसवर्ल्ड और फाउंडर, exchange4media), नवल आहूजा (को-फाउंडर, exchange4media) और चंदन मुखर्जी (डायरेक्टर और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट – मार्केटिंग, नेस्ले इंडिया) द्वारा औपचारिक उद्घाटन किया गया

    लॉन्च के दौरान डॉ. बत्रा ने कहा, “MarTechAI.com के साथ अब भारत के मार्केटिंग इनोवेटर्स पर फोकस शिफ्ट हो रहा है। यह प्लेटफॉर्म सिर्फ ट्रेंड्स को ट्रैक नहीं करेगा, बल्कि इंडस्ट्री में बातचीत की दिशा भी तय करेगा।”

    वहीं, नवल आहूजा ने कहा, “मार्केटिंग तेज़ी से बदलती है, लेकिन MarTech उससे भी तेज गति से। यही वजह है कि इस प्लेटफॉर्म का जन्म हुआ है। इसे मार्केटर्स ने मार्केटर्स के लिए बनाया है, जिसका मकसद ये समझना है कि कैसे एआई, डेटा और ऑटोमेशन ब्रैंड बिल्डिंग के नियमों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं।”

    यदि आप भी मार्केटिंग में अगला कदम उठाने के लिए तैयार हैं, तो इस नई वेबसाइट पर जरूर जाएं: www.martechai.com

    यह शुरुआत है एक नए युग की, जहां AI, डेटा और इनोवेशन मिलकर तय करेंगे सफलता की दिशा।

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    New York Times ने Amazon के साथ मिलाया हाथ, कंटेंट इस्तेमाल के लिए AI डील

    एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (The New York Times) और एमेजॉन (Amazon) के बीच बहुवर्षीय लाइसेंसिंग समझौता हुआ है।

    Samachar4media Bureau by
    Published - Saturday, 31 May, 2025
    Last Modified:
    Saturday, 31 May, 2025
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    एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (The New York Times) और एमेजॉन (Amazon) के बीच बहुवर्षीय लाइसेंसिंग समझौता हुआ है। इस ऐतिहासिक करार के जरिए Amazon को The Times की व्यापक एडिटोरियल कंटेंट का उपयोग अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडलों के ट्रेनिंग और अपने विभिन्न AI-संचालित अनुभवों (जैसे- Alexa) में एकीकृत करने की अनुमति मिलेगी।

    यह साझेदारी The New York Times की रणनीति में उल्लेखनीय बदलाव का संकेत देती है। Times अब तक OpenAI और Microsoft जैसी AI कंपनियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई में अग्रणी रहा है, जिन पर उसकी सामग्री को बिना अनुमति अपने बड़े भाषा मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि OpenAI और Microsoft के खिलाफ मुकदमा अभी भी जारी है, लेकिन Amazon के साथ हुआ यह समझौता इस दिशा में एक व्यावहारिक रुख दिखाता है यानी एक ऐसा कदम जो जनरेटिव AI के दौर में अपनी मूल्यवान पत्रकारिता को आर्थिक रूप से भुनाने की कोशिश है।

    इस समझौते की वित्तीय शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इसके तहत Amazon को The New York Times की मुख्य न्यूज रिपोर्टिंग के साथ-साथ उसके लोकप्रिय वर्टिकल्स, जैसे NYT Cooking और The Athletic का कंटेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस सामग्री का उपयोग Amazon अपने AI उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए करेगा, जिसमें Alexa जैसे प्लेटफॉर्म्स पर वास्तविक समय में सार-संक्षेप और छोटे अंश देना शामिल है। साथ ही, यह सामग्री Amazon के खुद के फाउंडेशन मॉडल्स के प्रशिक्षण के लिए भी उपयोग में लाई जाएगी।

    Amazon के लिए यह समझौता एक उच्च गुणवत्ता वाली, भरोसेमंद और लगातार अपडेट होने वाली पत्रकारिता सामग्री तक पहुंच सुनिश्चित करता है, जो ज्यादा परिष्कृत और विश्वसनीय AI सिस्टम बनाने के लिए बेहद जरूरी तत्व है। जैसे-जैसे AI प्रशिक्षण के लिए प्रमाणित और तथ्य-जांच की गई सामग्री की मांग बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे The New York Times जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशकों के साथ साझेदारी करना अनिवार्य होता जा रहा है।

    इस समझौते का व्यापक मीडिया उद्योग पर असर गहरा हो सकता है। यह सहयोग भविष्य में कंटेंट निर्माताओं और AI डेवलपर्स के बीच लाइसेंसिंग समझौतों के लिए एक मिसाल बन सकता है, जिससे केवल टकराव की बजाय आपसी लाभ के मॉडल की ओर रुख किया जा सकेगा। यह रेखांकित करता है कि गुणवत्ता वाली पत्रकारिता AI पारिस्थितिकी तंत्र में कितना मूल्य रखती है और यह कि प्रकाशकों को उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों का न्यायसंगत मुआवजा मिलना चाहिए।

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