मुंबई में 24 सितंबर को पिच BFSI समिट व अवॉर्ड्स का तीसरा एडिशन होने जा रहा है।
मुंबई में 24 सितंबर को पिच BFSI समिट व अवॉर्ड्स का तीसरा एडिशन होने जा रहा है। इस बार भी बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर के बड़े उद्योगपति, इनोवेटर्स और मार्केटिंग से जुड़े दिग्गज एक ही मंच पर जुटेंगे। यह कॉन्फ्रेंस हर साल काफी चर्चा में रहती है और इस बार भी इसे लेकर इंडस्ट्री जगत में उत्सुकता है।
कॉन्फ्रेंस की सबसे खास झलकियों में से एक पैनल डिस्कशन होगा, जिसका विषय है – ‘Creators, Credibility & Compliance: Winning with FinFluence’। इसमें एक्सपर्ट्स इस बात पर चर्चा करेंगे कि तेजी से बदलती फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दुनिया को कैसे समझा जाए। यहां रचनात्मकता, जिम्मेदारी और नियम-कायदों का मेल अब पहले से ज्यादा अहम हो गया है, जिस पर गहराई से बातचीत होगी।
अब जब क्रिएटर्स फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के बारे में लोगों की समझ बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, तो इस चर्चा में उनके साथ जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों दोनों पर बात होगी। एक्सपर्ट्स बताएंगे कि फाइनेंशियल ब्रैंड्स कैसे ऐसे क्रिएटर्स के साथ काम कर सकते हैं, जो न सिर्फ लोगों को जोड़ें बल्कि उनका भरोसा भी बनाए रखें।
पैनलिस्ट्स इस पर भी चर्चा करेंगे कि इन्फ्लुएंसर्स को परखने के बेहतर तरीके क्या हो सकते हैं, उनसे सही उम्मीदें कैसे तय की जाएं और यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि पार्टनरशिप से ब्रैंड की साख मजबूत हो, न कि खतरे में पड़े। बातचीत में यह भी शामिल होगा कि ब्रैंड्स कैसे क्रिएटिव फ्रीडम और नियमों के बीच संतुलन बना सकते हैं, ब्रैंड सेफ्टी को मैनेज कर सकते हैं, जब क्रिएटर्स जटिल फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को आसान बनाकर समझाते हैं तब जानकारी बिल्कुल सही रहे और कंटेंट को लोकलाइज करते समय भी कंप्लायंस बरकरार रखा जाए।
कॉनफ्रेंस में चर्चा का बड़ा फोकस इस बात पर रहेगा कि बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़े ब्रैंड्स कैसे ऐसे क्रिएटर्स के साथ काम करें जो ग्राहकों का भरोसा जीतें, न कि उसे नुकसान पहुंचाएं। इसमें यह भी देखा जाएगा कि इन्फ्लुएंसर कैंपेन में क्रिएटिव आइडियाज और नियम-कायदों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए, ब्रैंड सेफ्टी और सही जानकारी कैसे बरकरार रखी जाए, खासकर जब क्रिएटर्स जटिल फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को आसान भाषा में समझाते हैं। साथ ही, यह भी चर्चा होगी कि लोकल लेवल पर कंटेंट को कैसे ढाला जाए और फिर भी कंप्लायंस बना रहे।
इस पैनल में कई बड़े नाम शामिल होंगे, जैसे- सोमेश सुराना, जॉइंट प्रेजिडेंट - डिजिटल बिजनेस ग्रुप व मार्केटिंग, HDFC Ergo; विक्रमजीत भायाना, हेड ऑफ मार्केटिंग, बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस; सपना देसाई, CMO, मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस; नेहा सावंत, वाइस प्रेजिडेंट व हेड ऑफ मार्केटिंग, ZebPay; श्वेता पाप्रिवाल, सीनियर वाइस प्रेजिडेंट, मार्केटिंग व कम्युनिकेशन, BlinkX बाय जेएम फाइनेंशियल; और प्रशांत चौधरी, हेड ऑफ मार्केटिंग, फिनो पेमेंट्स बैंक। सेशन की अगुवाई YAAP के सीनियर पार्टनर मनन कपूर करेंगे।
इस कॉन्फ्रेंस में YAAP को-प्रेजेंटिंग पार्टनर है, जबकि Frodoh और The Hindu Group गोल्ड पार्टनर्स हैं और Admattic को-पार्टनर है। इवेंट की खासियत होगी पावर-पैक्ड एजेंडा जिसमें स्टैंडअलोन सेशन्स, फायरसाइड चैट्स और दिलचस्प पैनल डिस्कशन्स होंगे। एक्सपर्ट्स इसमें BFSI इंडस्ट्री के बदलते ट्रेंड्स, नए अवसरों और चुनौतियों पर अपनी राय साझा करेंगे।
FY25 में एमेजॉन इंडिया के विज्ञापन कारोबार ने 25% की वृद्धि दर्ज की। यह आंकड़ा ₹6,649 करोड़ से बढ़कर ₹8,342 करोड़ तक पहुंच गया। विज्ञापन कारोबार इस साल का गेमचेंजर साबित हुआ।
भारत में अपनी मार्केटप्लेस ऑपरेटर कंपनी 'Amazon Seller Services' के जरिए कारोबार करने वाली एमेजॉन इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 (FY25) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने साल-दर-साल आधार पर 19% की मजबूत वृद्धि दर्ज करते हुए ₹30,139 करोड़ का राजस्व हासिल किया। वहीं, नेट लॉस में भारी गिरावट देखने को मिली और यह घटकर सिर्फ ₹374.3 करोड़ रह गया, जो पिछले साल की तुलना में 89% कम है।
एमेजॉन इंडिया के इस टर्नअराउंड का बड़ा कारण बेहतर कैश फ्लो, बढ़ा हुआ राजस्व और सख्त कास्ट कंट्रोल है। खासतौर पर कंपनी का विज्ञापन कारोबार इस साल का गेमचेंजर साबित हुआ। FY25 में एमेजॉन इंडिया के विज्ञापन कारोबार ने 25% की वृद्धि दर्ज की।
यह आंकड़ा ₹6,649 करोड़ से बढ़कर ₹8,342 करोड़ तक पहुंच गया। दिलचस्प बात यह है कि अब विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व कंपनी की कुल आय का लगभग 28% हिस्सा है। यह सेगमेंट कंपनी के लिए मार्केटप्लेस सेवाओं के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर बन चुका है।
एमेजॉन इंडिया के विज्ञापन कारोबार की तेज़ ग्रोथ से यह साफ है कि ब्रैंड्स अब रिटेल मीडिया को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्लेटफॉर्म पर बढ़ती टारगेटिंग क्षमताएं और विज्ञापन के नए मॉडल ने कंपनियों को आकर्षित किया है।
एक्सचेंज4मीडिया जल्द ही इंडिपेंडेंट डिजिटल एजेंसी कनेक्ट (iDAC) कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रही है, जो इसका तीसरा संस्करण होगा।
एक्सचेंज4मीडिया जल्द ही इंडिपेंडेंट डिजिटल एजेंसी कनेक्ट (iDAC) कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रही है, जो इसका तीसरा संस्करण होगा। यह कॉन्फ्रेंस उन लोगों के लिए एक मंच बनेगी जो स्वतंत्र (यानी बड़ी नेटवर्क कंपनियों से अलग) डिजिटल एजेंसियां चलाते हैं- जैसे उनके मालिक, संस्थापक और लीडर। यहां वे लोग आपस में बातचीत करके डिजिटल दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों पर अपने विचार साझा करेंगे।
इसमें कई सत्र होंगे, जिनमें से एक खास चर्चा होगी: ‘Winning & Keeping: How Independent Agencies Can Thrive Amid Big Shark Pressure’. इसमें इस बात पर चर्चा होगी कि छोटी एजेंसियां किस तरह से काम करती हैं ताकि वे न सिर्फ बड़ी-बड़ी नेटवर्क एजेंसियां के दबाव में जीवित रह सकें बल्कि अच्छा प्रदर्शन करके और भी आगे बढ़ सकें।
स्वतंत्र एजेंसियां के पास मौजूद सबसे शक्तिशाली फायदों में से एक है प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त के रूप में उनकी फुर्ती, क्योंकि उनके पास तेजी से आगे बढ़ने, नए अवसरों के अनुकूल होने और त्वरित निर्णय लेने की शक्ति होती है, जो आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुरूप होती है। इस प्रकार गति और अनुकूलनशीलता नए क्लाइंट्स को जीतने और मौजूदा क्लाइंट्स को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हथियार बन जाते हैं। यह सत्र स्वतंत्र एजेंसियां को अलग पहचान देने में संस्कृति और रचनात्मकता के महत्व पर भी जोर देगा।
यह सत्र संस्कृति, रचनात्मकता और विशेष विशेषज्ञता पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, यह दिखाते हुए कि स्वतंत्र एजेंसियां कैसे विशिष्ट एजेंसी संस्कृतियों का निर्माण करती हैं, क्रांतिकारी विचार प्रस्तुत करती हैं और उन श्रेणियों में गहन विशेषज्ञता रखती हैं जहाँ बड़ी एजेंसियां की गहराई की कमी होती है। अंततः, यह चर्चा क्लाइंट-केंद्रित साझेदारी और सहयोग की भूमिका को उजागर करेगी।
स्वतंत्र एजेंसियां अक्सर व्यवसाय बनाए रखती हैं वरिष्ठ स्तर की भागीदारी सुनिश्चित करके, विश्वास पैदा करके और हाथों-हाथ नेतृत्व की पेशकश करके, जिसे क्लाइंट गहराई से महत्व देते हैं। साथ ही, वे अकेले प्रतिस्पर्धा करने के बजाय सहयोग को अपनाना सीख रही हैं, गठजोड़ बनाकर, तकनीकी साझेदारियां कर और यहां तक कि क्रॉस-एजेंसी नेटवर्क तैयार करके।
आगामी कॉन्फ्रेंस एक पॉवर-पैक्ड एजेंडा का वादा करती है, जिसमें कीनोट सत्र, आकर्षक फायरसाइड चैट्स और डिजिटल इकोसिस्टम की कुछ सबसे प्रभावशाली आवाज़ों के साथ गहन पैनल चर्चाएँ शामिल होंगी।
The Trade Desk इस कॉन्फ्रेंस का को-प्रेजेंटिंग पार्टनर है, Hybrid टेक्नोलॉजी पार्टनर है, जबकि को-पार्टनर Eyeota है।
‘दंगल टीवी’ का यूट्यूब चैनल लगातार दो महीनों—जून और जुलाई में—'ओवरऑल क्रिएटर्स' और 'मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (ग्लोबल | फिल्म्स एंड मूवीज | यूट्यूब)' कैटेगरी में नंबर 1 पर रहा है।
‘दंगल टीवी’ (Dangal TV) ने पांच करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इसी के साथ यह टॉप 100 यूट्यूब चैनल्स की लिस्ट में शामिल हो गया है।
ट्यूब्युलर लीडरबोर्ड के मुताबिक, ‘दंगल टीवी’ का यूट्यूब चैनल लगातार दो महीनों—जून और जुलाई 2025 में—'ओवरऑल क्रिएटर्स' और 'मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (ग्लोबल | फिल्म्स एंड मूवीज | यूट्यूब)' कैटेगरी में नंबर 1 पर रहा है।
इस लीडरशिप रैंकिंग के साथ ही, ‘दंगल टीवी’ का यूट्यूब चैनल पांच करोड़ सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा भी पार कर चुका है, जिससे उसने टॉप 100 ग्लोबल यूट्यूब चैनल्स में अपनी मजबूत जगह बना ली है।
‘दंगल टीवी’ के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष सिंघल के अनुसार, ‘ग्लोबल लीडरबोर्ड पर लगातार दो महीने नंबर 1 रहना हमारी डिजिटल यात्रा का एक गर्व का पल है। यह दर्शकों का हम पर विश्वास दिखाता है, हमारे विज़न को और मजबूत करता है कि हम भारत की दिल से जुड़ी कहानियों को दुनिया के मंच तक पहुंचाएं और हमें आगे भी कई बड़े मुकाम हासिल करने का आत्मविश्वास देता है।’
इस उपलब्धि पर चार्टबीट और ट्यूब्युलर की कंटेंट मार्केटिंग डायरेक्टर कैंडीस गॉडिनियर ने कहा, ‘ट्यूब्युलर का मकसद हमेशा से ऐसे प्लेटफॉर्म्स और क्रिएटर्स को सामने लाना रहा है, जो बड़े स्तर पर दर्शकों से जुड़ाव कायम करते हैं। दंगल टीवी का भारत और दुनिया, दोनों जगह फिल्म्स और मूवीज जॉनर में यूट्यूब पर नंबर 1 रहना वाकई उल्लेखनीय है। यह बताता है कि भारत की दिल से जुड़ी कहानियां न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के दर्शकों के साथ जुड़ाव बना सकती हैं और डिजिटल एंटरटेनमेंट के लिए नए मानक तय कर सकती हैं।’
दंगल टीवी के यूट्यूब चैनल को आप यहां क्लिक कर देख सकते हैं
यह इश्यू 22 सितंबर को खुलेगा और 8 अक्टूबर को बंद होगा। वहीं, ऑन-मार्केट Renunciation of Rights Entitlements (अपने अधिकार छोड़ने/बेचने की प्रक्रिया) की आखिरी तारीख 3 अक्टूबर तय की गई है।
‘एनडीटीवी’ (NDTV) ने इक्विटी शेयरों के राइट्स इश्यू के जरिए 396.5 करोड़ रुपये जुटाने की पूरी योजना बना ली है। आठ सितंबर को बोर्ड की मीटिंग के बाद कंपनी ने अब प्राइसिंग, अनुपात और शेड्यूल भी तय कर दिया है।
यह कदम उस फैसले के बाद आया है, जिसमें कंपनी के बोर्ड ने दो सितंबर को हुई बैठक में पूरी तरह से चुकता इक्विटी शेयर जारी कर 400 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद 4 सितंबर को ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (बीएसई) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (एनएसई) से भी इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।
स्टॉक एक्सचेंज में पहले दाखिल सूचना के मुताबिक, कंपनी 82 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पूरी तरह से चुकता (fully paid-up) इक्विटी शेयर जारी करेगी, जिनका फेस वैल्यू प्रति शेयर 4 रुपये होगा। इसमें 78 रुपये प्रीमियम शामिल है। ये शेयर मौजूदा शेयरधारकों को दिए जाएंगे।
यह इश्यू 22 सितंबर को खुलेगा और 8 अक्टूबर को बंद होगा। वहीं, ऑन-मार्केट Renunciation of Rights Entitlements (अपने अधिकार छोड़ने/बेचने की प्रक्रिया) की आखिरी तारीख 3 अक्टूबर तय की गई है।
कंपनी ने कहा है कि यह फंड जुटाने की प्रक्रिया कंपनी अधिनियम 2013 और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के Issue of Capital and Disclosure Requirements Regulations, 2018 के प्रावधानों के तहत पूरी की जाएगी।
गौरतलब है कि कंपनी जब अपने मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर खरीदने का विशेष अधिकार देती है और उनसे पूंजी जुटाती है, तो इसे राइट्स इश्यू कहते हैं।
वीजा इंडिया (Visa India) के कंट्री मैनेजर ऋषि छाबड़ा पिच BFSI समिट 2025 में कीनोट स्पीकर के रूप में शामिल होंगे
वीजा इंडिया (Visa India) के कंट्री मैनेजर ऋषि छाबड़ा पिच BFSI समिट 2025 में कीनोट स्पीकर के रूप में शामिल होंगे, जहां वे तेजी से बदलते डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम पर चर्चा करेंगे। जैसे-जैसे भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ा रहा है, सुरक्षित, सुगम और स्केलेबल समाधानों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। छाबड़ा इस विषय पर अपने विचार साझा करेंगे- ‘सिक्योरिंग इंडिया’स डिजिटल फ्यूचर: ट्रस्ट, स्पीड एंड स्केल इन पेमेंट्स’। पिच BFSI समिट और अवॉर्ड्स का तीसरा संस्करण 24 सितंबर को मुंबई में आयोजित होगा।
अपने संबोधन में छाबड़ा इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में भरोसा कायम करना, ग्राहकों के लिए स्पीड सुनिश्चित करना और स्केलेबल सिस्टम तैयार करना, देशभर में डिजिटल पेमेंट्स को अपनाने के लिए बेहद जरूरी है। वे यह भी बताएंगे कि इनोवेशन और सहयोग भारत के वित्तीय परिदृश्य के अगले चरण को कैसे आकार दे रहे हैं। इस सम्मेलन में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर के प्रमुख मार्केटर्स, इनोवेटर्स और थॉट लीडर्स एक साथ जुटेंगे।
छाबड़ा अपने साथ गहरा अनुभव और दृष्टिकोण लेकर आते हैं कि तकनीक, नीतियां और इंडस्ट्री पार्टनरशिप मिलकर भारत के डिजिटल भविष्य को कैसे सुरक्षित बना सकती हैं। उनका यह संबोधन बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और फिनटेक के लीडर्स के लिए मूल्यवान इनसाइट्स प्रदान करेगा।
ऋषि छाबड़ा पेमेंट्स इकोसिस्टम में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव रखते हैं और उन्होंने अमेरिका, भारत और श्रीलंका में काम किया है। वे ग्रोथ स्ट्रैटेजी, बिजनेस डेवलपमेंट, इकोसिस्टम ऑप्टिमाइजेशन और डिजिटल मार्केटिंग इनोवेशन्स में मजबूत पृष्ठभूमि रखते हैं। वीजा के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है और अपने मौजूदा पद पर वे भारत के बिजनेस की जिम्मेदारी संभालते हैं, सीनियर क्लाइंट रिलेशनशिप्स का प्रबंधन करते हैं और मार्केट के लिए कंपनी की पहलों का नेतृत्व करते हैं। वे छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने पर फोकस करते हुए डिजिटल पेमेंट पहलों को भी आगे बढ़ाते हैं।
वीजा इंडिया के कंट्री मैनेजर बनने से पहले, ऋषि वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ मर्चेंट सेल्स एंड एक्वायरिंग (MS&A) रहे, जो भारत और दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए जिम्मेदार थे। वीजा से पहले, वे फिसर्व में मैनेजिंग डायरेक्टर और कंट्री हेड, इंडिया और श्रीलंका रहे। इसके अलावा उन्होंने फर्स्ट डेटा कॉर्प, पेपाल जैसी कंपनियों में एग्जीक्यूटिव नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाईं और जेपी मॉर्गन, एबीएन एमरो और जनरल इलेक्ट्रिक के साथ भी कार्य किया।
इस सम्मेलन का एजेंडा विभिन्न स्टैंडअलोन सेशंस, फायरसाइड चैट्स और आकर्षक पैनल डिस्कशंस से भरपूर होगा, जहां विशेषज्ञ BFSI इंडस्ट्री को आकार देने वाले ट्रांसफॉर्मेटिव बदलावों पर अपने विचार साझा करेंगे। सम्मेलन के को-प्रेजेंटिंग पार्टनर YAAP हैं, गोल्ड पार्टनर Frodoh है और Admattic इसका को-पार्टनर है।
‘स्विगी’ (Swiggy) की ओर से प्रस्तुत की गई इस छह-एपिसोड वाली सीरीज में चुने गए कुछ प्रतिभाशाली और बेबाक किशोरों को शामिल किया गया है, जो तमाम अहम मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप के GenZ ब्रैंड ‘MO’ ने हाल ही में एक नया इंस्टा-फर्स्ट सीरीज ‘Secret Lives of Teenagers’ (SLOT) लॉन्च किया है। इस सीरीज का उद्देशय नई पीढ़ी यानी GenZ को केंद्र में रखकर उनकी ही आवाज को सामने लाने की कोशिश है।
‘स्विगी’ (Swiggy) की ओर से प्रस्तुत की गई इस छह-एपिसोड वाली सीरीज में चुने गए कुछ प्रतिभाशाली और बेबाक किशोरों को शामिल किया गया है, जिनमें से कई दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। ये सभी पहचान और महत्वाकांक्षा से लेकर मानसिक स्वास्थ्य, प्यार और डिजिटल लाइफ जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं।
कंपनी के अनुसार, यह सीरीज़ मजेदार, सच्ची और बेहद व्यक्तिगत है। ‘Secret Lives of Teenagers’ युवाओं की उस दुनिया की झलक दिखाती है, जिसमें वे हाइपर-कनेक्टेड दौर में युवा होने के दौरान मुश्किल सवालों से जूझ रहे हैं।
मार्केटर्स, पैरेंट्स, एजुकेटर्स और ब्रैंड्स के लिए यह सीरीज इस नई पीढ़ी के मूल्यों की झलक पेश करती है। वहीं, किशोरों के लिए यह मंच उनकी सच्ची और बेबाक आवाज को दुनिया तक पहुंचाने का काम करता है।
यह सीरीज MO के तहत बनाई गई है, जो इंडिया टुडे ग्रुप का इंस्टाग्राम-फर्स्ट यूथ ब्रैंड है। यह पॉडकास्ट, रील्स, मीम्स और बिहाइंड-द-सीन्स कॉन्टेंट के जरिये इंटरनेट की भाषा में बात करने के लिए डिजाइन किया गया है। ‘Secret Lives of Teenagers’के जरिये MO ने खुद को भारत की सबसे प्रभावशाली पीढ़ी के लिए एक सांस्कृतिक मंच के रूप में और मजबूत किया है।
इस बारे में ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने कहा, ‘SLOT के जरिये हमने एक ऐसा मंच तैयार किया है जो पूरी तरह रॉ, रियल और GenZ का है। डिजिटल-फर्स्ट ब्रैंड MO और SLOT सीरीज सोशल स्टोरीटेलिंग की मौलिकता को सामने लाती है। यह उन सभी लोगों के लिए एक संसाधन है, जो देश की इस नई पीढ़ी को समझना चाहते हैं।’
हर एपिसोड के अंत में ‘स्विगी मार्केटप्लेस’ के सीईओ रोहित कपूर CMO’s के लिए Gen Z पर अपना विजन शेयर करेंगे। रोहित कपूर के अनुसार, ‘इस नई पीढ़ी ने खाने, शॉपिंग और ऑनलाइन जीने के तरीके पूरी तरह बदल दिए हैं। वे ट्रेंड्स को फॉलो नहीं करते, बल्कि खुद सेट करते हैं। ‘Secret Lives of Teenagers’ ईमानदार, मजेदार और बेबाक नजरिये के साथ उनकी दुनिया की पहली पंक्ति से झलक देता है। जो भी ब्रैंड या पैरेंट्स GenZ को समझना चाहते हैं, उनके लिए यह सीरीज सबसे बेहतर शुरुआत है।’
इस सीरीज को आप यहां क्लिक कर देख सकते हैं।
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ने बुधवार, 3 सितंबर को e4m D2C रेवोल्यूशन अवॉर्ड्स का चौथे संस्करण आयोजित किया।
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ने बुधवार, 3 सितंबर को e4m D2C रेवोल्यूशन अवॉर्ड्स का चौथे संस्करण आयोजित किया। गुरुग्राम में हुए इस शानदार अवॉर्ड समारोह में देश के D2C इकोसिस्टम से जुड़े कुछ सबसे प्रभावशाली लीडर्स, मार्केटर्स और इनोवेटर्स मौजूद रहे। अवॉर्ड नाइट में कुछ प्रमुख विजेताओं में ड्यूरोफ्लेक्स, WOW स्किन साइंस, Aaccho, बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और एमेजॉन ऐड्स शामिल रहे। इसी दौरान, अन्वेषण (Anveshan) की फाउंडर आयुषी खंडेलवाल को ‘बेस्ट D2C गेमचेंजर एंटरप्रेन्योर– फीमेल’ खिताब से सम्मानित किया गया।
e4m D2C रेवोल्यूशन अवॉर्ड्स का उद्देश्य डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर इकोसिस्टम में हो रही असाधारण वृद्धि और रचनात्मकता का जश्न मनाना है। e4m D2C अवॉर्ड्स के विजेताओं को पांच मुख्य श्रेणियों में सम्मानित किया गया, जो D2C जगत की विविधता को दर्शाती हैं। इन श्रेणियों को खासतौर पर इनोवेशन, क्रिएटिविटी, ब्रैंड बिल्डिंग और प्रभावी स्टोरीटेलिंग को उजागर करने के लिए तैयार किया गया है।
इस बार जिन प्रमुख ब्रैंड्स और एजेंसियों ने बड़ी जीत दर्ज की, उनमें बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हेल्थकार्ट का HK Vitals, WOW स्किन साइंस, आचो और ड्यूरोफ्लेक्स शामिल हैं। वहीं, जिन एजेंसियों ने सबसे ज्यादा मेडल्स अपने नाम किए उनमें एमेजॉन ऐड्स, Lyxel & Flamingo, The Starter Labs, डेंट्सु X और pROwth शामिल हैं।
मेडल टैली में बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने 6 मेडल्स (5 गोल्ड और 1 सिल्वर) जीते। HK Vitals by HealthKart ने 2 गोल्ड मेडल्स, WOW स्किन साइंस ने 3 सिल्वर मेडल्स, आचो ने 1 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल तथा ड्यूरोफ्लेक्स ने 1 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किए। वहीं एजेंसियों में एमेजॉन ऐड्स ने कुल 18 मेडल्स (6 गोल्ड, 8 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज), Lyxel & Flamingo ने कुल 10 मेडल्स (5 गोल्ड और 5 सिल्वर), The Starter Labs ने 3 मेडल्स (2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज) और डेंट्सु X ने 1 गोल्ड मेडल जीता।
डिसरप्टिव आइडियाज और बोल्ड कैंपेन को मान्यता देकर यह अवॉर्ड्स D2C स्पेस के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करते हैं। ब्रेकथ्रू कैंपेन से लेकर उन ब्रैंड्स को सम्मानित करने तक जिन्होंने परफॉर्मेंस और कस्टमर एंगेजमेंट में उत्कृष्टता दिखाई है, यह अवॉर्ड्स भारत भर के D2C इकोसिस्टम में हो रहे शानदार काम को परिभाषित करते हैं।
यहां देखें विजेताओं की पूरी लिस्ट:
यह फैसला आज हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया। स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल जानकारी के मुताबिक, कंपनी पूरी तरह से चुकता (fully paid-up) इक्विटी शेयर जारी करेगी, जिनका फेस वैल्यू प्रति शेयर 4 रुपये होगा।
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहायक कंपनी ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के निदेशक मंडल ने इक्विटी शेयरों के राइट्स इश्यू के माध्यम से 400 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला आज हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया।
स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल जानकारी के मुताबिक, कंपनी पूरी तरह से चुकता (fully paid-up) इक्विटी शेयर जारी करेगी, जिनका फेस वैल्यू प्रति शेयर 4 रुपये होगा। ये शेयर मौजूदा शेयरधारकों को दिए जाएंगे, जिनकी पात्रता तय करने के लिए एक रिकॉर्ड डेट अलग से घोषित की जाएगी।
कंपनी ने बताया कि यह राइट्स इश्यू कंपनी अधिनियम, 2013 और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (पूंजी जारी और प्रकटीकरण आवश्यकताएं) विनियम, 2018 के प्रावधानों के अनुरूप किया जाएगा।
गौरतलब है कि कंपनी जब अपने मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर खरीदने का विशेष अधिकार देती है और उनसे पूंजी जुटाती है, तो इसे राइट्स इश्यू कहते हैं।
ICYMI रिपोर्ट में खुलासा—भारत में चाय बनी पहली पसंद, लेकिन दक्षिण भारत में कॉफी का दबदबा बरकरार
भारत में अधिकांश घरों में सुबह की शुरुआत घड़ी के अलार्म से नहीं, बल्कि गरम चाय की प्याली से होती है। दरअसल, ‘ICYMI’ ने राज्य-दर-राज्य चाय और कॉफी की पसंद का नक्शा तैयार किया है। इस रिपोर्ट में नेशनल सैंपल सर्वे का हवाला देते हुए बताया गया है कि भारतीय लोग कॉफी की तुलना में करीब 15 गुना ज्यादा बार चाय पीते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यही वजह है कि चाय को इस देश का अघोषित रूप से राष्ट्रीय पेय माना जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 1,197 मिलियन किलोग्राम चाय की खपत होती है। यह आंकड़ा भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उपभोक्ता बनाता है। वहीं कॉफी के मामले में भारत सातवें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘ज्यादातर भारतीयों के लिए कॉफी साल में औसतन 20 कप तक होती है, लेकिन दक्षिण भारत में कॉफी के लिए यह आंकड़े नहीं, बल्कि दीवानगी जैसी देखी जाती है।’
चाय प्रेमियों की बात करें तो गुजरात सबसे आगे है, जहां लोग अपनी चाय को ‘कड़क, इलायची और अदरक’ वाली पसंद करते हैं। इसके बाद गोवा आता है, जहां की खासियत है गुलाब वाली चाय। वहीं हरियाणा, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश भी अपनी विशिष्ट चाय परंपराओं के लिए जाने जाते हैं।’
कॉफी के मामले में बाजी दक्षिण भारत के हाथ लगती है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘अगर उत्तर भारत की ऊर्जा चाय है, तो दक्षिण भारत की ताकत कॉफी।’ तमिलनाडु देश की 36% कॉफी खपत के साथ सबसे आगे है, जहां चिकोरी मिली फ़िल्टर कॉफी को पहचान माना जाता है। कर्नाटक, जिसे ’बीन बेल्ट’ कहा जाता है, न सिर्फ देश की 71% कॉफी बीन्स का उत्पादन करता है, बल्कि 31% खपत में भी हिस्सेदार है। आंध्र प्रदेश की अराकू अरेबिका और केरल की प्लांटेशन कॉफी भी बड़ी हिस्सेदारी रखती हैं।
रिपोर्ट के अंत में कहा गया है, ‘चाहे बात ‘एक गरम चाय की प्याली हो’ की या ‘फिल्टर कॉफी, प्लीज’ की, आंकड़ों में चाय आगे है, लेकिन कॉफी भी कई जगह अपनी अलग छाप छोड़ती है। यानी, दोनों मिलकर भारत की रोजमर्रा की जिंदगी को एक नई ऊर्जा देते हैं।’
लग्जरी इंफ्लुएंसर मार्केटिंग और इवेंट्स कंपनी ‘Ykone India’ ने वरुण बधवार को अपना नया कंट्री डायरेक्टर नियुक्त किया है। वरुण इससे पहले ‘Condé Nast India’ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
लग्जरी इंफ्लुएंसर मार्केटिंग और इवेंट्स कंपनी ‘Ykone India’ ने वरुण बधवार को अपना नया कंट्री डायरेक्टर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के साथ ही कंपनी ने भारत के तेजी से बढ़ते लग्जरी और लाइफस्टाइल सेगमेंट में अपने विस्तार की योजनाओं को और मजबूती देने का संकेत दिया है।
वरुण बधवार इससे पहले ‘कॉनडे नास्ट इंडिया’ (Condé Nast India) से जुड़े थे। वहां उन्होंने Vogue, GQ, Architectural Digest और Condé Nast Traveler जैसे दुनिया के प्रतिष्ठित मीडिया ब्रैंड्स के साथ काम किया। इस दौरान उन्होंने कई बड़े स्तर की पार्टनरशिप और प्रोजेक्ट्स को लीड किया, जिनमें एडिटोरियल क्रिएटिविटी और कमर्शियल इनोवेशन का शानदार मेल देखने को मिला। उनकी पहल से भारतीय मार्केट में लग्जरी ऑडियंस के कंटेंट अनुभव का नया रूप मिला।
आईआईएम कलकत्ता (IIM Calcutta) से ग्रेजुएट बधवार को एक ऐसे मीडिया और मार्केटिंग लीडर के रूप में जाना जाता है, जो स्ट्रैटेजिक सोच को क्रिएटिव विजन के साथ जोड़ते हैं। अपने करियर में उन्होंने कंटेंट-ड्रिवन पार्टनरशिप्स को नया आयाम दिया, कई बड़े कैंपेन को सफल बनाया और ग्लोबल ब्रैंड्स को भारतीय कंज्यूमर्स तक मजबूती से पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
‘Ykone India’ में अब बधवार का फोकस हाई-इम्पैक्ट इंफ्लुएंसर कैंपेन और कस्टमाइज्ड ब्रैंड एक्सपीरियंस के जरिये कंपनी की लग्जरी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को मजबूत करना होगा। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी को और विस्तार देने के लिए शीर्ष स्तर पर ठोस निवेश कर रही है।