सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन विवाद के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन को कड़ी फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन विवाद के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि जब तक आप माफीनामे की अखबारों में प्रकाशित प्रति पेश नहीं करेंगे, तब तक आपकी बात नहीं सुनी जाएगी।
डॉ. आरवी अशोकन ने पतंजलि मामले में सुप्रीम कोर्ट को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणी की थी, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद कोर्ट ने अशोकन को अखबार में माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया था। अब उस माफीनामे की सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की है।
जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि माफीनामे का फॉन्ट साइज बहुत छोटा है और इसे पढ़ा नहीं जा सकता। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अशोकन सभी राष्ट्रीय अखबारों के 20 संस्करणों की प्रति दाखिल करें, जहां उन्होंने माफीनामा प्रकाशित करवाया है।
उल्लेखनीय है कि एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में डॉ. आरवी अशोकन ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड मामले में कुछ ऐसी टिप्पणियां की थी, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अशोकन को उनके बयानों के लिए अखबार में माफीनामा छपवाने का निर्देश दिया था। बीती 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अशोकन को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सोफे पर बैठक इंटरव्यू देते हुए न्यायालय का मजाक नहीं उड़ा सकते। कोर्ट ने कहा कि वह हलफनामा पेश कर माफी को स्वीकार नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना पर भी रोक लगा दी है, जिसमें औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 को हटाने का प्रावधान था। यह नियम आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाता है। कोर्ट ने कहा कि यह अधिसूचना उसके 7 मई, 2024 के आदेश के अनुरूप नहीं है।
इससे पहले, 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला बंद कर दिया था, क्योंकि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बिना शर्त माफी मांगी और अखबारों में सार्वजनिक माफीनामा प्रकाशित किया था। कोर्ट ने उन्हें भविष्य में ऐसी गलती न करने की सख्त हिदायत दी थी।
सुनील कटारिया को राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें बिजनेसवर्ल्ड द्वारा ‘देश के टॉप 30 बिजनेस लीडर्स 2020’ की लिस्ट में 26वां स्थान मिला था।
‘रेमंड लाइफस्टाइल लिमिटेड’ के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील कटारिया को एक बार फिर ‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ (ISA) का चेयरमैन चुना गया है। सोसाइटी की नवनिर्वाचित कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान यह चुनाव हुआ। सुनील कटारिया पिछले आठ वर्षों से सोसाइटी का सफल नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने इस दौरान अपने सहयोगी कार्यकारी परिषद सदस्यों, ISA के सदस्यों और अन्य इंडस्ट्री निकायों के साथ मिलकर सोसाइटी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
इस मौके पर सुनील कटारिया का कहना था, ‘हम इंडस्ट्री के भीतर सोसायटी के मूल्य और प्रभाव को बढ़ाने की अपनी यात्रा जारी रखेंगे। हमारा लक्ष्य इस संस्था को पहले से कहीं अधिक मजबूत बनाना है। देश की विकास गाथा में डिजिटल विज्ञापन सबसे आगे हैं और हम नवाचार यानी इनोवेशन की सीमाओं को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इस वर्ष हमारा मिशन इंडस्ट्री के प्रमुख भागीदारों के साथ मिलकर डिजिटल माप को और उन्नत करना है, ताकि हम उद्देश्य और प्रगति के साथ नेतृत्व कर सकें।’
बता दें कि ‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ पिछले 72 वर्षों से देशभर में विज्ञापनदाताओं की राष्ट्रीय संस्था और प्रमुख आवाज बनी हुई है। यह संस्था विज्ञापनदाताओं की शिक्षा, प्रतिनिधित्व, सुरक्षा और समर्थन के लिए कार्य करती है। यह भारतीय विज्ञापन, मार्केटिंग और मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े अन्य संगठनों के साथ सामंजस्य में काम करती है।
‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ की कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने सुनील कटारिया के चेयरमैन के रूप में किए गए जबरदस्त योगदान की सराहना की और उन्हें 2024-25 के लिए फिर से चुने जाने पर खुशी जाहिर की।
सुनील कटारिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (IMT) गाजियाबाद से मार्केटिंग में एमबीए किया है।
इससे पहले सुनील वर्ष 2015 से ‘गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ (GCPL) में भारत और साउथ एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने बिजनेस का विस्तार और रूपांतरण किया। सुनील ने अपने करियर की शुरुआत मैरिको से की, जहां उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग में एक दशक से अधिक समय बिताया।
सुनील कटारिया को राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें बिजनेसवर्ल्ड द्वारा ‘देश के टॉप 30 बिजनेस लीडर्स 2020’ की लिस्ट में 26वां स्थान मिला था। सुनील ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC), ’एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) के बोर्ड में हैं और ’फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (FICCI) की समितियों के सदस्य भी हैं।
‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ की नवनिर्वाचित एग्जिक्यूटिव काउंसिल के अन्य सदस्यों की लिस्ट में ये प्रमुख नाम शामिल हैं।
: Mr. Bharat V. Patel, Advisor to BIC Cello (India) Private Limited
: Mr. Narendra Ambwani, Director, Parag Milk Foods Ltd
: Mrs. Paulomi Dhawan, Independent Director, Whistling Woods International
: Mr. Navneet Saluja, Area General Manager, India Sub – continent, Haleon
: Mr. Angshu Mallick, Managing Director & CEO, Adani Wilmar Limited
: Mr. Subhadip Dutta Choudhury, Chairman of the Board of Directors & Chief Executive Officer, Hawkins Cookers Limited
: Mr. Srinandan Sundaram, Executive Director, Food & Refreshment, Management Committee Member for Hindustan Unilever Limited
: Dr. Ramakrishnan Ramamurthi, Advisor J. K. Enterprises
: Mr. Partho Banerjee, Head of Sales & Marketing, Maruti Suzuki India Limited
: Mr. Venkatesh Vijayaraghavan, CEO & MD, TTK Prestige Limited
: Mr. Tarun G. Arora, Chief Executive Officer & Whole Time Director, Zydus Wellness Limited
: Mr. Ashwin Moorthy, Chief Marketing Officer, Godrej consumer products Ltd.
: Mr. Gaurav Tayal, SBU Chief Executive – Matches & Agarbatti Business, ITC Ltd
: Ms. Somasree Bose Awasthi, Chief Marketing Officer, Marico Ltd
: Mr. Gunjit Jain, Executive Vice President – Marketing, Colgate-Palmolive (India) Limited
: Mr. Adrian Terron, VP – Corporate Brand & Marketing Strategy, TATA Sons Pvt Ltd.
: Mrs. Ranjani Krishnaswamy, General Manager Tanishq Marketing, Titan Company Ltd.
: Ms. Mukta Maheshwari, Chief Marketing Officer, Procter & Gamble Hygiene and Health Care Ltd
: Ms. Pragya Bijalwan, Chief Marketing Officer, Crompton Greaves Consumer Electricals Limited
ग्रुप एम मीडिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साउथ एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार को एक बार फिर ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) का अध्यक्ष चुना गया है।
ग्रुप एम मीडिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साउथ एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार को एक बार फिर ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) का अध्यक्ष चुना गया है। यह चुनाव 2024-25 के लिए मुंबई में आयोजित वार्षिक आम सभा (Annual General Body Meeting) के दौरान हुआ। प्रशांत कुमार दूसरी बार इस पद पर चुने गए हैं।
'हवास इंडिया' के ग्रुप सीईओ और साउथ ईस्ट व नॉर्थ एशिया (जापान और साउथ कोरिया) के प्रमुख राणा बरुआ को सर्वसम्मति से एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुना गया है।
अन्य चुने गए बोर्ड सदस्यों की सूची (वर्णमाला क्रम में):
1. सैम बालसारा - मैडिसन कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड
2. तान्या गोयल - एवरेस्ट ब्रांड सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड
3. तपस गुप्ता - BEI कॉन्फ्लुएंस कम्युनिकेशन लिमिटेड
4. विशनदास हरदासानी - मैट्रिक्स पब्लिसिटीज एंड मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
5. मोहित जोशी - हवस मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
6. संतोष कुमार - इनोसियन वर्ल्डवाइड कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड
7. कुणाल लालानी - क्रेयॉन ऐडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड
8. रोहन मेहता - कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड
9. चंद्रमौली मुथु - मैत्री ऐडवरटाइजिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, कोच्चि
10. विक्रम सखुजा - प्लैटिनम ऐडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड
11. कल्याण सरकार - स्टैंडर्ड पब्लिसिटी प्राइवेट लिमिटेड
12. के श्रीनिवास - स्लोका ऐडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद
पूर्व अध्यक्ष अनुप्रिया आचार्य 2024-25 के लिए AAAI बोर्ड की एक्स-ऑफिशियो सदस्य होंगी।
AAAI के अध्यक्ष बनने के अवसर पर प्रशांत कुमार ने कहा, "यह मेरे लिए गर्व की बात है कि AAAI के सदस्यों ने एक बार फिर मुझ पर विश्वास जताया है। हमारी प्रतिबद्धता नवाचार को बढ़ावा देने, उच्चतम स्तर की योजना और रचनात्मकता को बनाए रखने और अब तक प्राप्त की गई प्रगति पर काम करने की रहेगी। हमारा उद्देश्य पूरे इंडस्ट्री इकोसिस्टम को समर्थन देना है ताकि वह चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके। मुझे यकीन है कि AAAI के सदस्यों और इस व्यापक इकोसिस्टम के साथ मिलकर हम उद्योग के भविष्य को और भी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।"
वहीं, उपाध्यक्ष बनने पर राणा बरुआ ने कहा, “AAAI का उपाध्यक्ष चुना जाना मेरे लिए सम्मान की बात है और यह इंडस्ट्री के मुझ पर विश्वास का प्रतीक है। मैं इस गतिशील उद्योग में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और इसके विकास में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।”
AAAI बोर्ड में भविष्य में कुछ अनुभवी व्यक्तियों को भी शामिल किया जाएगा और बोर्ड को और व्यापक बनाने के लिए बाद में कई और पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
हवास इंडिया, साउथ ईस्ट और नॉर्थ एशिया के ग्रुप सीईओ राणा बरुआ को ‘दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब’ की वार्षिक आमसभा में एक बार फिर प्रेजिडेंट पद के लिए चुना गया है।
‘दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब’ (The Advertising Club) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी मैनेजिंग कमेटी की घोषणा कर दी है। ‘दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब’ की 70वीं वार्षिक आमसभा (AGM) में इसकी घोषणा की गई। इसके तहत हवास इंडिया, साउथ ईस्ट और नॉर्थ एशिया (जापान और साउथ कोरिया) के ग्रुप सीईओ राणा बरुआ (Rana Barua) को एक बार फिर ‘दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब’ का प्रेजिडेंट चुना गया है।
इस बारे में राणा बरुआ का कहना है, ‘प्रतिष्ठित ऐडवर्टाइजिंग क्लब का दूसरी बार प्रेजिडेंट चुना जाना मेरे लिए काफी सम्मान की बात है। इस पद पर पिछले वर्ष की यात्रा काफी अच्छे अनुभवों से भरी रही, जिसमें एक गतिशील और निरंतर विकसित हो रहे उद्योग में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गईं। अपनी टीम के सम्मानित सदस्यों के साथ मिलकर हमने उल्लेखनीय प्रगति की है और मैं आगामी वर्ष में एक नई टीम और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ इस गति को बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’
2024-2025 के लिए निर्विरोध चुने गए दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब के पदाधिकारी इस प्रकार हैं-
• Rana Barua – President
• Dheeraj Sinha – Vice President
• Dr. Bhaskar Das – Secretary
• Punitha Arumugam – Jt. Secretary
• Mitrajit Bhattacharya - Treasurer
मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों में निम्न लीडर्स भी शामिल हैं, जो तालमेल बढ़ाने और विज्ञापन क्लब की सभी पहलों की सफलता सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे-
• Avinash Kaul
• Malcolm Raphael
• Prasanth Kumar
• Mansha Tandon
• Ajay Kakar
• Sonia Huria
• Subramanyeswar S.
इसके अलावा, को-ऑप्टेड इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स की सूची में ये नाम शामिल किए गए हैं-
• Mayur Hola
• Pradeep Dwivedi
• Sagnik Ghosh
नीचे उन लीडर्स की सूची दी गई, जो विशेष आमंत्रित सदस्य हैं और अपनी विशेषज्ञता और संबंधित उद्योग क्षेत्रों की गहरी समझ के माध्यम से 'दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब' को अपना योगदान प्रदान करेंगे-
• Ajay Chandwani
• Alok Lall
• Amitesh Rao
• Lulu Raghavan
• Ashit Kukian
• Raj Nayak
• Satyanarayan Raghavan
• Vikas Khanchandani
• Vaishali Verma
पार्थ सिन्हा आगामी वर्ष के लिए तत्कालीन पूर्व प्रेजिडेंट के रूप में मैनेजिंग कमेटी के सदस्य बने रहेंगे।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने बुधवार को हुई अपनी 38वीं वार्षिक आम बैठक के बाद आयोजित बोर्ड बैठक में पार्थ सिन्हा को 2024-25 के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का चेयरमैन नियुक्त किया है।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने बुधवार को हुई अपनी 38वीं वार्षिक आम बैठक के बाद आयोजित बोर्ड बैठक में पार्थ सिन्हा को 2024-25 के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का चेयरमैन नियुक्त किया है। पार्थ सिन्हा, जो वर्तमान में बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) के प्रेसिडेंट और चीफ ब्रैंड ऑफिसर हैं, उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर सुधांशु वत्स को वाइस चेयरमैन और लिंटास इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ग्रुप सीईओ व चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर-APAC एस. सुब्रमण्येश्वर को मानद कोषाध्यक्ष (Hon. Treasurer) नियुक्त किया गया है।
पार्थ सिन्हा को कई प्रमुख संगठनों जैसे- बेनेट कोलमैन, ओगिल्वी, पब्लिसिस, बीबीएच, मैक्कैन और सिटीबैंकमें काम करने का अनुभव है। उनके ब्रैंड मार्केटिंग, मीडिया और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में मजबूत पकड़ है।
नए चेयरमैन के रूप में अपने विचार साझा करते हुए पार्थ सिन्हा ने कहा, "ASCI का चेयरमैन बनना न केवल एक सम्मान की बात है, बल्कि एक गहन जिम्मेदारी भी है, खासकर तब जब हमारा इंडस्ट्री हमारे हितधारकों द्वारा अधिक जांच के दायरे में है। डिजिटल वातावरण में तेजी से हो रहे बदलाव और नए चुनौतियों के उभरने के साथ, ASCI का उद्देश्य केवल उन बदलावों के साथ चलना नहीं है, बल्कि उनसे आगे रहना है। हम तकनीक और AI का उपयोग करके गलत विज्ञापनों की निगरानी करेंगे और रोकथाम के उपायों पर जोर देंगे, जिससे क्रिएटिविटी और जिम्मेदारी साथ-साथ बढ़ें और एक ऐसा इकोसिस्टम बने जो उपभोक्ताओं की कद्र करता हो और इनोवेशन को प्रोत्साहित करता हो।”
इस मौके पर निवर्तमान चेयरमैन सौगात गुप्ता ने कहा, "ASCI को एक ऐसे समय में नेतृत्व करना जब संगठन ने महत्वपूर्ण विकास और बदलाव देखे, मेरे लिए एक सौभाग्य की बात रही है। इस वर्ष ऐतिहासिक मील के पत्थर रहे हैं, जिसमें ASCI अकादमी का गठन भी शामिल है, जिसने जिम्मेदार और प्रगतिशील विज्ञापन को बढ़ावा देने में एक नींव का काम किया है।"
ASCI ने इस वर्ष अपने विभिन्न रणनीतिक पहलों और उपलब्धियों के माध्यम से अपने सक्रिय काम को मजबूती से आगे बढ़ाया है। ASCI अकादमी के विस्तार के साथ, यह तेजी से इंडस्ट्री ट्रेनिंग और शिक्षा के एक सक्रिय प्रवर्तक के रूप में उभर रही है, जिसने 75 से अधिक एलायंस बनाए हैं और 33,300 नए और उभरते प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित किया है।
इस वर्ष ASCI ने शोध और थॉट लीडरशिप के माध्यम से कई महत्वपूर्ण पार्टनरशिप्स में भाग लिया, जिसमें Khaitan & Co. के साथ जेनरेटिव AI के विज्ञापन पर प्रभाव को लेकर एक श्वेत पत्र, UN Women-नेतृत्व वाली Unstereotype Alliance के साथ भारत में D&I पर और Lexplosion के साथ गोपनीयता और डेटा संरक्षण पर गहन समझ शामिल हैं।
ASCI ने इस वर्ष डार्क पैटर्न्स, ग्रीन क्लेम्स और सरोगेट विज्ञापन जैसे मुद्दों पर कई सरकारी परामर्शों में सक्रिय रूप से भाग लिया। ASCI ने विभिन्न श्रेणियों में नई गाइडलाइन्स भी जारी कीं, जिनमें भ्रामक पैटर्न, चैरिटेबल की मार्केटिंग और ग्रीन क्लेम विज्ञापन आदि शामिल हैं, ताकि विज्ञापन इंडस्ट्री के बदलते परिवेश और उपभोक्ता अपेक्षाओं के साथ बने रहा जा सके।
इस वर्ष ASCI की कठोर शिकायत निवारण और निगरानी कार्यवाहियों में 10,000 से अधिक शिकायतों को प्रोसेस किया गया और 8,200 से अधिक विज्ञापनों की समीक्षा की गई, जो विज्ञापन इंडस्ट्री के सतर्क संरक्षक के रूप में उसकी भूमिका को और मजबूत करती है।
मार्केटिंग व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के दिग्गज अंकुर भट्ट का निधन हो गया है। वह दैनिक जागरण में स्ट्रैटजी व ब्रैंड डेवलपमेंट की भूमिका निभा चुके हैं।
मार्केटिंग व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के दिग्गज अंकुर भट्ट का निधन हो गया है। वह दैनिक जागरण में स्ट्रैटजी व ब्रैंड डेवलपमेंट की भूमिका निभा चुके हैं। भट्ट के निधन की खबर डॉ. कुशल संघवी ने लिंक्डइन पर साझा की है।
इंडस्ट्री जगत के दिग्गज को याद करते हुए संघवी ने लिखा, "भारी मन से मैं यह बता रहा हूं कि हमने अंकुर भट्ट को खो दिया है, जो कुछ साल पहले हवास मीडिया नेटवर्क और EURO RSCG में काम करते थे। यह खबर हमेशा लोगों की मदद करने वाली मेघा शर्मा को खोने के ठीक बाद आयी है। मेघा शर्मा (एड्रिफ्ट कम्युनिकेशंस और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की फाउंडर) को हमने कुछ समय पहले ही खो दिया है।"
लिंक्डइन पर एक भावपूर्ण नोट में डॉ. कुशल संघवी ने कहा, "मैं एक और भयानक खबर साझा कर रहा हूं, जो हमारी ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री से प्रिय पूर्व सहकर्मी के निधन की है। क्या हम बेहद ही मुश्किल भरे समय में जी रहे हैं, क्या यह हमारी जीवनशैली है, क्या हम पर काम का दबाव है या हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं, जिसके कारण हमें लगातार पूर्व सहकर्मियों से किसी ऐसे व्यक्ति के असामयिक निधन की खबर मिल रही है, जिसके साथ हमने डेस्क साझा करते थे, जिसके साथ हम ऑफिस में लंच करते थे, क्लाइंट पिच पर काम करते थे और भी बहुत कुछ।"
डॉ. कुशल संघवी ने अंकुर को याद करते हुए आगे कहा, "वह सरल, मृदुभाषी, हमेशा अपने सहकर्मियों की मदद करने के लिए तैयार रहने वाले, टीम वर्क में विश्वास रखने वाले व्यक्ति थे और हमारे दिल्ली कार्यालय में उनके साथ काम करने की कुछ बेहतरीन यादें हैं। उन्होंने ऐडवर्टाइजिंग, मीडिया व एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में कई अन्य कंपनियों के साथ काम किया है और मुझे यकीन है कि उनकी अन्य टीमों में उनके कई सहकर्मी भी उन्हें याद करते होंगे। हमें ईश्वर पर बहुत भरोसा है, लेकिन ऐसे समय आते हैं जो हमें झकझोर देते हैं, क्यों ये असामयिक मौतें होती हैं और क्यों लोग इतनी कम उम्र में ही चले जाते हैं। आइए हम सभी याद रखें कि जीवन नाजुक है, अपने कुछ पुराने सहकर्मियों से कभी-कभार मिलने की कोशिश करें जिनके साथ हमने कभी बहुत अच्छे पल बिताए थे...''
डॉ. कुशल संघवी ने कहा मैं उनके परिवार के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें इस अपूरणीय क्षति से उबरने की शक्ति प्रदान करें। मेरे दोस्त अंकुर, तुम बहुत याद आओगे!
जो विज्ञापन दिए जाएंगे, वे लंबे और छोटे फॉर्मेट के वीडियो, बैनर, पॉप-अप, ऑडियो, स्टैटिक इमैजेस और कई अन्य रूपों में होंगे।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (DIPR) द्वारा हाल ही में जारी किए गए 'कर्नाटक डिजिटल विज्ञापन दिशानिर्देश - 2024' के अनुसार, प्रभावशाली व्यक्तियों (इन्फ्लुएंसर्स) सहित डिजिटल मीडिया संस्थाएं अब सरकारी विज्ञापनों के लिए पात्र होंगी।
अगली अधिसूचना तक, दिशा-निर्देश अगले पांच वर्षों तक प्रभावी रहेंगे। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल विज्ञापन का उपयोग करके अपनी योजनाओं और नीतियों को इंटरनेट-प्रेमी जनता तक पहुंचाना है।
गूगल के यू-ट्यूब और मेटा के इंस्टाग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप आदि जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, गूगल और बिंग जैसे सर्च इंजन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स, गूगल पे और फोनपे जैसे फिनटेक प्लेटफॉर्म्स, न्यूज एग्रीगेटर, कॉल सेंटर और कई अन्य इन विज्ञापनों के लिए पात्र होंगे।
दिशानिर्देशों के अनुसार, डिजिटल मीडिया इकाई वेब पोर्टल, न्यूज एग्रीगेटर, वेबसाइट आदि जैसा कोई भी प्लेटफॉर्म है, जो सूचना या संचार के आदान-प्रदान या सेवा, माल या वाणिज्य की डिलीवरी को सक्षम करने के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट का उपयोग करता है, पात्र होगा।
पात्र प्रभावशाली व्यक्तियों को उनके फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर तीन कैटेगरीज - नैनो, माइक्रो और मैक्रो में विभाजित किया गया है। जो विज्ञापन दिए जाएंगे, वे लंबे और छोटे फॉर्मेट के वीडियो, बैनर, पॉप-अप, ऑडियो, स्टैटिक इमैजेस और कई अन्य रूपों में होंगे।
दिशा-निर्देशों में डिजिटल विज्ञापन एजेंसियों और मीडिया संस्थाओं के लिए अतिरिक्त पात्रता आवश्यकताओं की रूपरेखा दी गई है। एजेंसियों को कर्नाटक में कानूनी रूप से निगमित होना चाहिए या वहां उनका पूर्ण रूप से परिचालन कार्यालय होना चाहिए। उनके पास वैध जीएसटी पंजीकरण होना चाहिए और गूगल और मेटा जैसे प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ अनुबंध बनाए रखा होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें सरकारी अभियान चलाने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स से मंजूरी की आवश्यकता होती है। डिजिटल मीडिया संस्थाओं को कम से कम एक साल से सक्रिय होना चाहिए और बिना किसी रुकावट के लगातार सामग्री प्रकाशित करनी चाहिए।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है, जिसमें सभी मीडिया के लिए एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (SDC) की सिफारिश की गई है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है, जिसमें सभी मीडिया के लिए एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (SDC) की सिफारिश की गई है। एक न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने इस प्रस्ताव के तहत कथित तौर पर खाद्य व स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ही पोर्टल पर सभी विज्ञापनों के प्रावधान का सुझाव दिया है।
इस प्रस्ताव के तहत विशेष रूप से खाद्य और स्वास्थ्य क्षेत्रों से संबंधित विज्ञापनों के लिए एकल पोर्टल की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है।
इन क्षेत्रों को मिल सकती है छूट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने हलफनामे में सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने विज्ञापन एजेंसियों, प्रिंट मीडिया, ASCI के सदस्यों और स्टार्टअप को SDC प्रणाली से बाहर रखने की सिफारिश की है।
लफनामे में मंत्रालय ने विज्ञापन एजेंसियों, प्रिंट मीडिया, एएससीआई (ASCI) के सदस्यों और स्टार्टअप्स को मंत्रालय का कहना है कि ये संस्थाएं पहले से ही संबंधित नियमों का पालन करती हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त बोझ से मुक्त रखा जाना चाहिए। मंत्रालय का कहना है कि ये संस्थाएं पहले से ही संबंधित नियमों का पालन करती हैं, इसलिए उन्हें अतिरिक्त बोझ से मुक्त रखा जाना चाहिए।
मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय तक की अवधि को परीक्षण अवधि के रूप में मानने का सुझाव दिया है। इस दौरान SDC प्रणाली की प्रभावशीलता को परखा जा सकेगा।
हलफनामे में प्रोग्रामेटिक विज्ञापनों और यूजर-जनित सामग्री को SDC प्रणाली से बाहर रखने का भी सुझाव दिया गया है। प्रोग्रामेटिक विज्ञापन नेटवर्क एजेंसियों और ओपन मार्केट में रियल-टाइम बोली के माध्यम से संचालित होते हैं, इसलिए इन्हें SDC के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापनों पर विशेष ध्यान
मंत्रालय ने SDC प्रणाली को उन चिकित्सा से संबंधित विज्ञापनों तक सीमित करने का सुझाव दिया है जो भ्रामक स्वास्थ्य दावे करते हैं, विशेष रूप से आयुर्वेदिक उत्पादों पर।
एकल पोर्टल की मांग
हलफनामे में एक उपयोगकर्ता-अनुकूल एकल पोर्टल की सिफारिश की गई है, जो संबंधित हितधारकों के लिए सुलभ हो।
MIB का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसमें मंत्रालय को विज्ञापनों के लिए SDC प्रणाली पर सिफारिशों के साथ तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एमआईबी को SDC प्रणाली के लिए सिफारिशों वाला हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था, "हलफनामों की प्रतियां न्यायमित्र को प्रस्तुत की जाएं और राज्यों द्वारा किसी भी गैर-अनुपालन के बारे में इस अदालत को सूचित किया जाए और अगली सुनवाई से पहले एक नोट प्रस्तुत किया जाए।"
सर्वोच्च निकाय के अनुसार, अदालत का इरादा किसी को भी कोई नुकसान पहुंचाना नहीं है। इरादा केवल विशेष क्षेत्रों और विशेष पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना है। जो कुछ भी बाहरी है और किसी तरह से अन्यथा व्याख्या की जा रही है, उसे स्पष्ट किया जाए।
कथित तौर पर यह हलफनामा MIB के संयुक्त सचिव सेंथिल राजन द्वारा दायर किया गया।
न्यूज रिपोर्ट में सेंथिल राजन के हवाले से कहा गया कि क्रिएटिव एजेंसिज विज्ञापनदाताओं के जनादेश और उनके उत्पादों या सेवाओं के दावों के आधार पर विज्ञापन विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। मीडिया एजेंसिज विज्ञापनदाताओं की मीडिया प्लानिंग और पर्चेसिंग को संभालती हैं। परफॉर्मेंश एजेंसिज डिजिटल स्पेस में मदद के लिए डेटा, तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग करके सहायता करती हैं। इसलिए, राजन ने कहा कि ऐसी एजेंसिज को SDC अपलोड करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि एक ही विज्ञापनदाता के पास कई एजेंसिज हो सकती हैं।
राजन ने कथित तौर पर यह भी कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित प्रोग्रामेटिक विज्ञापन नेटवर्क एजेंसिज और खुले बाजार से वास्तविक समय की बोली के माध्यम से किए जाते हैं और इसलिए उन्हें SDC के लिए उत्तरदायी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उपयोगकर्ता द्वारा तैयार की गई सामग्री और ऑनलाइन विज्ञापनों को SDC से बाहर रखा जाना चाहिए।
हलफनामे में, राजन ने कथित तौर पर ASCI सदस्यों को SDC से छूट देने का भी सुझाव दिया क्योंकि उनके पास ASCI कोड का स्वेच्छा से अनुपालन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जो देश के विभिन्न विज्ञापन कानूनों का अनुपालन करता है। हलफनामे में प्रिंट मीडिया से SDC मांगने से छूट देने का भी सुझाव दिया गया है, क्योंकि इंडस्ट्री ASCI और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का अनुपालन करता है।
एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स फॉर इंडिया (ARON), इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AMAI), ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF), इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (INS), इंडियन सोसाइटी ऑफ ऐडवर्टाइजर्स (ISA) और ऐडवरटाइजिंग एजेंसी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) की सिफारिशें हलफनामे का हिस्सा थीं, जिसमें एकल पोर्टल के लिए अनुरोध और सुझाव शामिल था कि SDC का दायित्व निजी कंपनियों और विज्ञापनदाताओं का होना चाहिए, न कि विज्ञापन एजेंसियों का।
केंद्र सरकार ने देश के खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब कोई भी खिलाड़ी शराब या धूम्रपान का विज्ञापन करते हुए दिखाई नहीं देगा
केंद्र सरकार ने देश के खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब कोई भी खिलाड़ी शराब या धूम्रपान का विज्ञापन करते हुए दिखाई नहीं देगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) को पत्र लिखकर खिलाड़ियों से तत्काल शपथ पत्र लेने के लिए कहा है। यह पत्र स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल की ओर से लिखा गया है।
डॉ. गोयल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि खिलाड़ी, विशेषकर क्रिकेटर, देश की युवा आबादी के लिए रोल मॉडल हैं। वे युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अकसर खेल जगत के दिग्गज सितारे सिगरेट, बीड़ी, या पान मसाला का विज्ञापन करते हुए नजर आते हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बीसीसीआई के अध्यक्ष रॉजर बिन्नी से अनुरोध किया है कि वे सरकार के इस संकल्प में सहयोग दें। उन्होंने अपील की है कि आईपीएल या अन्य क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान इस तरह के विज्ञापनों का प्रसार नहीं होना चाहिए। साथ ही, खिलाड़ियों को इन विज्ञापनों से दूर रखने के लिए तत्काल उपायों पर गौर करने की सलाह दी है।
डॉ. गोयल ने सुझाव दिया है कि बीसीसीआई खिलाड़ी से एक शपथ पत्र ले सकती है, जिसमें वे इन विज्ञापनों से खुद को अलग रखने का वादा करेंगे। इसी तरह का पत्र भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान को भी लिखा गया है।
चर्चित हस्तियां तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों में
देश के कई चर्चित खिलाड़ी और फिल्म स्टार तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन करते हुए देखे जाते हैं। इनमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, वीरेंद्र सहवाग, सुनील गावस्कर और फिल्म अभिनेता अजय देवगन, अक्षय कुमार, शाहरुख खान शामिल हैं। ये विज्ञापन अकसर सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। हालांकि, अब सरकार ने इन खिलाड़ियों को कानून के दायरे में लाने का निर्णय लिया है, जिससे वे इन हानिकारक उत्पादों के प्रचार से दूर रहें।
यह कदम देश की युवा पीढ़ी को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिल सके।
सरकार कथित तौर पर उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाने के लिए कैंसर, मधुमेह और सेक्स हार्मोन दवाओं को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है
सरकार कथित तौर पर उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाने के लिए कैंसर, मधुमेह और सेक्स हार्मोन दवाओं को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे विज्ञापनों के लिए पहले स्वीकृति लेने की जरूरत होगी।
सरकार ने कथित तौर पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल, 1945 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जिसमें शेड्यूल G वाली दवा विज्ञापनों को रेगुलेट करना शामिल किया गया है।
अनुसूची जी की दवाएँ बिना डॉक्टर के पर्चे के, महत्वपूर्ण दवाएँ हैं जिन्हें अक्सर प्रशासित करने के लिए पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है। ये दवाएँ सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हार्मोनल दवाएँ, एंटीकॉन्वल्सेन्ट्स, एंटीहिस्टामाइन, मेटफ़ॉर्मिन, आदि अनुसूची जी दवाओं की श्रेणी में आती हैं।
शेड्यूल G वाली दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के मिल जाती हैं, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में ही इन दवाईयों को लिया जाता है। ये दवाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हार्मोनल दवाएं, एंटीकॉन्वल्सेन्ट्स, एंटीहिस्टामाइन, मेटफॉर्मिन आदि दवाएं जी कैटेगरी में आती हैं।
वर्तमान में, शेड्यूल H, H1 और X के अंतर्गत आने वाली दवाओं को विज्ञापन से पहले मंजूरी लेनी जरूरी है।
रिपोर्ट के अनुसार, Drugs Rules (Amendment), 2024 के नाम से यह मसौदा तैयार किया गया है और अगले 45 दिनों तक जनता से प्रतिक्रिया और आपत्तियों के लिए खुला है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कथित तौर पर औषधि और जादुई उपचार अधिनियम, 1954 में मौजूदा प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला है। ये प्रावधान ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाते हैं, जो कुछ सूचीबद्ध बीमारियों को ठीक करने का दावा करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) क्रिकेट निकायों से तम्बाकू को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापनों का प्रसारण बंद करने को कहेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कथित तौर पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि कि बीसीसीआई (BCCI) से क्रिकेट स्टेडियम्स में धूम्ररहित तम्बाकू के विज्ञापन, विशेषकर बॉलीवुड हस्तियों व पूर्व क्रिकेटरों द्वारा समर्थित गुटखा कंपनियों के विज्ञापनों के होर्डिंग्स को प्रदर्शित करने से रोकने का अनुरोध करने की योजना बना रहा है।
बिजनेस न्यूज पोर्टल 'मिंट' (Mint) की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) क्रिकेट निकायों से तम्बाकू को बढ़ावा देने वाले सरोगेट विज्ञापनों का प्रसारण बंद करने को कहेगा।
हाल ही में प्रसारित किए गए सरोगेट विज्ञापनों में सार्वजनिक हस्तियों को धूम्ररहित तम्बाकू उत्पाद कंपनियों द्वारा निर्मित ‘इलायची’ माउथ फ्रेशनर का प्रचार करते हुए दिखाया गया था।
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें क्रिकेट मैचों और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के दौरान सरोगेट धुआं रहित तंबाकू के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं। यह अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं को आकर्षित करता है।"
रिपोर्ट में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और वैश्विक स्वास्थ्य संगठन 'वाइटल स्ट्रैटेजीज' द्वारा किए गए एक अध्ययन का भी उल्लेख किया गया है, जिसे मई में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन के अनुसार, 2023 में धूम्ररहित तम्बाकू ब्रैंड्स के सभी सरोगेट विज्ञापनों में से 41.3% क्रिकेट विश्व कप के अंतिम 17 मैचों के दौरान प्रदर्शित किए गए थे।