सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क को झटका, TDSAT ने दो केबल ऑपरेटर्स का बकाया चुकाने का दिया आदेश

सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं।

Vikas Saxena by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
sahara


सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं। ट्रिब्यूनल ने हाल ही में सहारा और उसके डिस्ट्रीब्यूटर ABS Media Services Pvt. Ltd. को दो अलग-अलग मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (MSO) कंपनियों- Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. और Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को मिलाकर 1.10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया प्लेसमेंट फीस दो महीने के भीतर चुकाने का आदेश दिया है।

इन दोनों फैसलों में TDSAT के सदस्य जस्टिस राम कृष्ण गौतम ने माना कि सहारा की ओर से पेश किया गया जवाब न केवल प्रक्रिया के हिसाब से गलत था, बल्कि उसमें अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं थे।

विवाद किस बात को लेकर हुआ?

Konark और Den, दोनों MSO कंपनियों ने TDSAT में याचिकाएं दायर कर कहा कि वे 2011 से सहारा के चैनल Sahara One और Filmy को अपने नेटवर्क पर चलाते आ रहे हैं। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि 2013 में ABS Media, जो सहारा का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर है, के साथ एक नया एग्रीमेंट हुआ था। दोनों कंपनियों का आरोप था कि सहारा और ABS ने सालों तक प्लेसमेंट फीस का भुगतान नहीं किया, जबकि चैनल लगातार उनके नेटवर्क पर प्रसारित होते रहे। Konark ने ₹66,18,940 और Den ने ₹44,12,627 की वसूली की मांग की थी।

सहारा का दावा- ‘न एग्रीमेंट साइन किया, न कोई बकाया है’

सहारा इंडिया TV नेटवर्क ने दोनों मामलों में लगभग एक जैसी दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि 2013 का एग्रीमेंट सहारा ने साइन नहीं किया है। साथ ही उनका कहना था कि केबल कंपनियों ने मनमाने ढंग से इनवॉइस भेज दिए हैं और उन्हें कोई डिमांड नोटिस भी प्राप्त नहीं हुआ। सहारा का यह भी दावा था कि उन पर कोई बकाया नहीं बनता।

लेकिन ट्रिब्यूनल में ये दलीलें टिक नहीं सकीं।

सहारा की सबसे बड़ी गलती- गलत तरीके से दाखिल किया गया जवाब

ट्रिब्यूनल ने पाया कि सहारा ने जो जवाब दाखिल किया, उसमें कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां थीं। सबसे पहली बात, जवाब सहारा के अधिकृत प्रतिनिधि की बजाय एक लॉ फर्म की तरफ से दाखिल किया गया था। इसके अलावा जवाब में जरूरी वेरिफिकेशन क्लॉज पर हस्ताक्षर नहीं थे, जो सिविल प्रक्रिया संहिता का सीधा उल्लंघन है। सहारा की ओर से जो हलफनामा लगाया गया था, वह Trilogic Digital Media Ltd. नाम की एक दूसरी कंपनी के व्यक्ति ने दायर किया था, जिसका सहारा से कोई संबंध नहीं था। सबसे अहम बात यह रही कि सहारा का एक भी गवाह अदालत में क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन के लिए पेश नहीं हुआ, जिससे उनका पूरा पक्ष कमजोर पड़ गया।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन सभी खामियों के चलते सहारा का बचाव “कानूनी रूप से अस्वीकार्य” है, क्योंकि बिना सबूत किसी भी दावा या दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

MSO कंपनियों ने ठोस सबूत पेश किए

दूसरी ओर, दोनों MSO कंपनियों ने अपने दावों को सही ठहराने के लिए 2011 और 2013 के एग्रीमेंट, लेजर, इनवॉइस, ईमेल बातचीत, अधिकृत दस्तावेज और डिजिटल सबूतों के लिए Section 65B सर्टिफिकेट भी अदालत में जमा किए। सहारा की ओर से इन सबूतों का कोई प्रभावी विरोध नहीं किया गया। ABS Media, जो सहारा का डिस्ट्रीब्यूटर है, ने दोनों मामलों में कोई जवाब ही नहीं दिया और न ही सुनवाई में हिस्सा लिया, इसलिए ट्रिब्यूनल ने उसे एक्स-पार्टी माना।

ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि भले ही सहारा ने 2013 के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर न किए हों, लेकिन ABS Media पहले भी सहारा की ओर से इसी तरह के एग्रीमेंट साइन करता रहा है। एग्रीमेंट में पहले जैसी ही शर्तें और फॉर्मैट होने की वजह से इसे वैध और बाध्यकारी माना गया।

ट्रिब्यूनल का आदेश

पहले मामले में Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. को ₹66,18,940 के साथ 9% साधारण ब्याज देने का आदेश दिया गया। दूसरे मामले में Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को ₹44,12,627 के साथ 9% साधारण ब्याज चुकाने का निर्देश दिया गया। दोनों रकम सहारा और ABS Media को मिलकर चुकानी होंगी और इसके लिए दो महीने की समयसीमा तय की गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ऐसे मामलों में 9% ब्याज दर उचित मानी जाती है, क्योंकि पहले भी कई विवादों में यही दर लागू की गई है।

ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सहारा और ABS Media तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो दोनों MSO कंपनियां कानूनी रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने MIB से की लैंडिंग पेज का नियम रद्द करने की अपील

देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
broadcasters

देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि यह बदलाव ऐसा तरीका वापस लाता है जिसे पहले ही तकनीकी कारणों से अस्वीकार किया जा चुका है और इससे चैनलों को नुकसान होगा क्योंकि पहली बार दर्शकों की सही संख्या को रेटिंग से हटा दिया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अपील में NDTV, News18 और Times Now जैसे बड़े नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने MIB को लिखा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह रद्द कर दिया जाए क्योंकि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उनके अनुसार, इस समय कोई प्रशासनिक बदलाव करना सही नहीं होगा और यह नियम कानून के नजरिए से टिकाऊ भी नहीं है।

इन ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि 2018 में TRAI ने इसी तरह की तकनीक को “अनुचित” बताते हुए खारिज किया था। उस समय कहा गया था कि इससे सही दर्शक आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि लैंडिंग पेज वैसे ही काम करता है जैसे सुपरमार्केट में खास जगह पर सामान रखना या अखबार में जैकेट ऐड। यह दर्शकों को पहला अनुभव देता है और उनकी पसंद सही तरीके से दिखाता है। अगर इसे रेटिंग से हटाया गया, तो TRP में गड़बड़ी होगी और छोटे चैनल्स को नुकसान होगा।

इस अपील में All India Digital Cable Federation (AIDCF) और कई छोटे चैनल्स ने भी समर्थन दिया है। विज्ञापन से होने वाली कमाई घट रही है, इसलिए इंडस्ट्री के बड़े और छोटे समूह मिलकर रेटिंग सिस्टम में बदलाव के खिलाफ खड़े हैं। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI से अलग करने पर मंथन तेज

केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
MIB4

देश में मीडिया रेगुलेशन का ढांचा अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह बदल सकता है। 'स्टोरीबोर्ड18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव फिलहाल उच्च स्तर पर समीक्षा में है और अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है, तो 2026 के मध्य तक इसका क्रियान्वयन शुरू हो सकता है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रॉडकास्टर्स इस प्रस्ताव का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रॉडकास्टिंग को लंबे समय से टेलीकॉम की तरह रेगुलेट किया जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। उनका तर्क है कि कंटेंट और संस्कृति से जुड़ा यह क्षेत्र टेलीकॉम ढांचे में फिट नहीं बैठता। सवाल यह है कि क्या सरकार TRAI एक्ट में संशोधन किए बिना सिर्फ एक नए नोटिफिकेशन के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के दायरे से बाहर निकाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्रॉडकास्टिंग पर TRAI की पकड़ किसी अलग कानून से नहीं, बल्कि 1997 के TRAI एक्ट से आती है। 2004 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के अधिकार क्षेत्र में जोड़ा था। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसी नोटिफिकेशन को वापस लेकर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI से हटाया भी जा सकता है। हालांकि, यह तरीका कानूनी रूप से जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि किसी भी पक्ष द्वारा इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

इंडस्ट्री जगत की नाराजगी हाल ही में तब और बढ़ गई, जब TRAI ने 10+2 एड कैप के उल्लंघन को लेकर 250 से ज्यादा ब्रॉडकास्टर्स को नोटिस भेज दिए, जबकि इस नियम पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से स्टे जारी है। ब्रॉडकास्टर्स का मानना है कि लगातार ऐसे फैसलों ने टीवी इंडस्ट्री को दबाव में डाल दिया है और अब जरूरत है कि ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी पूरी तरह MIB को दी जाए।

यदि सरकार TRAI एक्ट की धारा 2 और 11 में संशोधन करती है, तो यह बदलाव पूरी तरह सुरक्षित और स्थायी माना जाएगा। इतिहास भी यही दिखाता है कि इस स्तर के बड़े रेगुलेटरी सुधार आमतौर पर संसद के जरिए ही किए जाते हैं। दूसरी ओर, सिर्फ नोटिफिकेशन के दम पर बदलाव करने का रास्ता तेज जरूर है, लेकिन इसमें कानूनी उलझनें ज्यादा हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है- फिल्म सर्टिफिकेशन से जुड़ा सरकारी नोटिफिकेशन रद्द किया गया, OTT के IT रूल्स अब भी अदालत में अटके हुए हैं, और केबल टीवी नियमों में बदलाव भी मुकदमों तक पहुंचे थे।

सरकार और इंडस्ट्री दोनों ही मानते हैं कि टीवी और OTT को अलग-अलग नियमों के तहत चलाना अब व्यावहारिक नहीं रह गया है। टीवी चैनल जहां एड कैप और रेट कंट्रोल जैसे सख्त नियमों से बंधे हैं, वहीं OTT प्लेटफॉर्म काफी हद तक लचीले दायरे में काम कर रहे हैं। दर्शक भी अब प्लेटफॉर्म से ज्यादा कंटेंट के आधार पर चुनाव कर रहे हैं। इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी के शब्दों में, “हम एक ही दर्शक के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी नियामकीय दुनिया अलग-अलग है।”

आने वाले महीनों में यह तय होगा कि सरकार कौन सा रास्ता चुनती है- संसदीय संशोधन का स्थायी समाधान या नोटिफिकेशन का त्वरित लेकिन जोखिम भरा तरीका। अगर बदलाव लागू होता है, तो यह 2000 के बाद भारत के मीडिया रेगुलेशन में सबसे बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है। इंडस्ट्री जगत की निगाहें अब इसी पर टिकी हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अब इस न्यूज चैनल पर नजर आएंगे वरिष्ठ टीवी पत्रकार सुमित अवस्थी

सुमित अवस्थी इससे पहले ‘एनडीटीवी इंडिया’ से बतौर कंसल्टिंग एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट करते थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
Sumit Awasthi Ji

टीवी न्यूज की दुनिया के जाने-माने चेहरे और सीनियर न्यूज एंकर सुमित अवस्थी के बारे में खबर है कि उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) जॉइन कर लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक उन्होंने इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।

बता दें कि सुमित अवस्थी ने कुछ दिनों पहले ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब ढाई साल से ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट कर रहे थे।

सुमित अवस्थी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। ‘एनडीटीवी’ में जुलाई 2023 में अपनी पारी शुरू करने से पहले वह ‘एबीपी न्यूज’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज व प्रॉडक्शन) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुमित अवस्थी ने वर्ष 2018 में ‘एबीपी न्यूज’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘नेटवर्क18’ (Network 18) में डिप्टी मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में रेजिडेंट एडिटर भी रह चुके हैं।

सुमित अवस्थी करीब पांच साल तक ‘आजतक’ (Aaj Tak) में भी रह चुके हैं। यहां वह डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत थे। सुमित राजनीति में अच्छी पकड़ और बेहतर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक ‘दादा साहेब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड‘ और ‘माधव ज्योति अवॉर्ड‘ समेत प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) से भी नवाजा जा चुका है।

सुमित अवस्थी का जन्म लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ है। केंद्रीय विद्यालय, इंदौर से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर में ही ‘होलकर साइंस कॉलेज’ से ग्रेजुएशन की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित ‘भारतीय विद्या भवन‘ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से सुमित अवस्थी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

राज टीवी नेटवर्क में दो नए स्वतंत्र निदेशक नियुक्त, शेयरधारकों ने दी मंजूरी

राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
rajtelevision89

राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह वोटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन ई-वोटिंग के माध्यम से कराई, जिसमें फिजिकल बैलट भेजे नहीं गए।

कंपनी की पोस्टल बैलट प्रक्रिया 5 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चली। कंपनी ने 5 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक यह ई-वोटिंग प्रक्रिया चलायी थी। इस दौरान शेयरहोल्डर्स ने अपनी सहमति या असहमति सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज कराई। इसके तहत शेयरधारकों ने दो विशेष प्रस्तावों पर मतदान किया:

  1. पेचिमुथु उदयकुमार को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।

    • इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,037 शेयर (99.9995%)

    • विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 238 शेयर (0.0005%)

  2. कृष्ण सिंह बालाजी सिंह को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।

    • इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,007 शेयर (99.9994%)

    • विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 268 शेयर (0.0006%)

राज टीवी नेटवर्क अब अपने बोर्ड में इन दो नए डायरेक्टर्स के साथ काम करेगा, जिनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और यह पांच साल के लिए रहेगी।

कंपनी के स्क्रूटिनाइजर ने पुष्टि की कि दोनों प्रस्तावों को आवश्यक बहुमत के साथ पारित किया गया है और वोटिंग पूरी तरह से पारदर्शी और नियमों के अनुसार हुई। किसी भी वोट को अमान्य नहीं माना गया और जिन शेयरों पर वोटिंग अधिकार नहीं थे, उन्हें गिना नहीं गया। वोटिंग के परिणाम और स्क्रूटिनाइजर की रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर भी उपलब्ध कर दी गई है।

इस तरह राज टीवी नेटवर्क ने अपने बोर्ड को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

RT इंडिया के CEO बने जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बाग्रिया

RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बागरिया।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
AshokBagriya6523

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई दिल्ली के दौरे के दौरान आधिकारिक तौर पर RT (Russia Today) के इंडिया चैप्टर की शुरुआत कर दी। यह RT का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी प्रोजेक्ट है। लॉन्च कार्यक्रम में भारत और रूस के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। इसी के साथ दोनों देशों के मीडिया सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो गया।

RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बाग्रिया। वह पहले हिन्दुस्तान टाइम्स और CNN-News18 में लीगल एडिटर रह चुके हैं। बाग्रिया ने मॉस्को स्थित मुख्य टीम के साथ मिलकर भारत में RT का सबसे बड़ा ऑफिस तैयार किया है, जिसमें अत्याधुनिक स्टूडियो, एक आधुनिक न्यूजरूम और 100 से ज्यादा प्रोफेशनल्स की टीम शामिल होगी। इस नेटवर्क का मकसद भारतीय दर्शकों तक ग्लोबल न्यूज पहुंचाना है।

लॉन्च के दिन अशोक बाग्रिया ने रूस की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था स्बेरबैंक (Sberbank) के चेयरमैन और CEO हर्मन ग्रेफ के साथ बातचीत और इंटरव्यू किया। इसी दौरान ग्रेफ ने भारत में बैंक के विस्तार के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया। यह निवेश दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

RT इंडिया शुरुआत में रोज चार इंग्लिश न्यूज शो पेश करेगा, जिनमें भारत-रूस संबंधों, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और बदलती वैश्विक व्यवस्था पर खास फोकस रहेगा। रूस का मानना है कि इस चैनल के जरिए भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय मामलों पर एक अलग और नया नजरिया मिलेगा।

RT का भारत में आना ऐसे समय हुआ है जब यूक्रेन युद्ध के बाद इस सरकारी नेटवर्क को कई पश्चिमी देशों में बैन कर दिया गया था। ऐसे माहौल में भारत में RT की एंट्री रूस की नई रणनीति भी बताती है और दुनिया के सबसे बड़े मीडिया बाजारों में से एक में अपनी मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश भी।

रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री दिमित्री पेस्कोव ने इस लॉन्च को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “मैं शानदार RT टीम और इसके दर्शकों को भारत में प्रसारण शुरू करने पर बधाई देता हूं। कभी-कभी छोटी-छोटी तथाकथित लोकतंत्रों में ब्रॉडकास्ट का अधिकार खो देना बेहतर होता है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में शुरू करना उससे भी बेहतर।”

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

MSO ने सरकार से TRP सिस्टम में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप बनाए रखने का किया आग्रह

केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 06 December, 2025
Last Modified:
Saturday, 06 December, 2025
TVopreators

अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि ऐसा करना तकनीकी रूप से सही नहीं है और इससे ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर के लिए नियमों में असमानता पैदा होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में अपनी नई ड्राफ्ट पॉलिसी में TRP सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है।

लैंडिंग-पेज का सवाल

नई व्यवस्था में राष्ट्रीय रेटिंग पैनल को करीब 1,20,000 घरों तक बढ़ाने, BARC के मॉनोपोली खत्म करने, कई माप एजेंसियों को मान्यता देने, कन्फ्लिक्ट-ऑफ-इंटरेस्ट नियम सख्त करने और डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाने जैसे बदलाव शामिल हैं।

एक बड़ा सुझाव है लैंडिंग-पेज इम्प्रेशन को आधिकारिक रेटिंग से हटाना, ताकि चैनल डिफ़ॉल्ट प्लेसमेंट के जरिए दर्शक बढ़ाने का फायदा न उठा सकें। ये प्रस्ताव जनता और इंडस्ट्री की राय के लिए खुले हैं और इन्हीं सुझावों के आधार पर फाइनल रेटिंग सिस्टम तय होगा।

केबल ऑपरेटर्स की राय

सूत्रों के अनुसार, MSOs ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दी है। उन्होंने मंत्रालय के पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की और कई बदलावों का समर्थन किया, जैसे कि कंपनियों के पुराने एक्ट 1956 की जगह कंपनियों का एक्ट 2013 लागू करना, रेटिंग एजेंसियों को स्वतंत्र बनाए रखना और न्यूनतम नेटवर्थ की जरूरत को 20 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ करना।

लेकिन उन्होंने कनेक्टेड टीवी को मान्यता देने के प्रस्ताव पर चिंता जताई। उनका कहना है कि इससे भ्रम पैदा हो सकता है और कनेक्टेड टीवी ऑपरेटर्स इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। कई कनेक्टेड टीवी प्लेटफॉर्म FAST यानी फ्री ऐड-सपोर्टेड स्ट्रीमिंग सर्विसेज के जरिए पेड चैनल मुफ्त दिखा रहे हैं, जो MIB और TRAI नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि क्लॉज 5.2.1 से कनेक्टेड टीवी हटाया जाए और सभी ब्रॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म को एक एकीकृत लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क में लाया जाए।

रेटिंग पैनल और सैंपल साइज

मंत्रालय ने पैनल को 1.2 लाख घरों तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन MSOs ने इसे कम बताया और 5 लाख घरों तक पैनल बढ़ाने की सिफारिश की। उनका कहना है कि बड़ा सैंपल असली रेटिंग दिखाने और गलत प्रभाव कम करने में मदद करेगा।

लैंडिंग-पेज व्युअरशिप पर विरोध

सबसे ज़्यादा विरोध लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को रेटिंग से हटाने के प्रस्ताव पर था। केबल ऑपरेटर्स का कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप असल और मापने योग्य संपर्क है और भारत में केबल और सेट-टॉप-बॉक्स सिस्टम का अहम हिस्सा है।

वे कहते हैं कि लैंडिंग-पेज वह पहला चैनल है जो दर्शक टीवी ऑन करते ही देखते हैं। इसे न मानना दर्शकों के असली व्यवहार को नहीं दिखाता। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि जैसे अखबार में फ्रंट-पेज विज्ञापन या रिटेल में प्रोडक्ट का प्रीमियम स्थान गिने जाते हैं, वैसे ही टीवी में लैंडिंग-पेज की व्युअरशिप को भी गिना जाना चाहिए।

केबल इंडस्ट्री ने यह भी कहा कि लैंडिंग-पेज कुछ चैनलों को टॉप रेटिंग देने वाला नहीं है, बल्कि स्थायी लीडरशिप कंटेंट, ब्रांड और लगातार प्रोग्रामिंग पर निर्भर करती है। दर्शक ही तय करते हैं कि चैनल को देखना है या नहीं।

अंत में उनका कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को शामिल करना सही और न्यायसंगत है, और इसे पूरी तरह छोड़ देना TRP सिस्टम पर अप्रत्याशित असर डाल सकता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल पर पूरी की सभी पक्षों से बातचीत

केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023 पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 06 December, 2025
Last Modified:
Saturday, 06 December, 2025
TVChannels8541

केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023 पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की प्रक्रिया पूरी कर ली है। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने शुक्रवार को राज्यसभा में दी।

यह ड्राफ्ट बिल पहली बार 10 नवंबर 2023 को जनता की राय के लिए जारी किया गया था। शुरुआत में सुझाव भेजने की आखिरी तारीख 9 दिसंबर 2023 रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 जनवरी 2024 किया गया। इसके बाद मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ओर से बड़ी संख्या में सलाहें आने पर इस प्रक्रिया की समयसीमा एक बार फिर बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2024 कर दी गई।

डॉ. मुरुगन ने बताया कि अब तक मिले सभी सुझावों की जांच कर ली गई है। उन्होंने कहा कि सरकार “विस्तृत और व्यापक स्तर पर सलाह-मशविरा करने में विश्वास रखती है।” यह जानकारी उन्होंने सांसद साकेत गोखले द्वारा पूछे गए एक अनस्टार्ड प्रश्न के जवाब में दी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में भारत में शुरू हुई रूस समर्थित RT नेटवर्क की सेवा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली में RT India की शुरुआत कर दी है। यह रूस की सरकारी फंडिंग से चलने वाले टीवी नेटवर्क RT का भारतीय संस्करण है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 06 December, 2025
Last Modified:
Saturday, 06 December, 2025
RTIndia841

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली में RT India की शुरुआत कर दी है। यह रूस की सरकारी फंडिंग से चलने वाले टीवी नेटवर्क RT का भारतीय संस्करण है। RT India हर दिन चार इंग्लिश न्यूज प्रोग्राम दिखाएगा, जिनमें भारत–रूस रिश्तों और दोनों देशों के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर खास फोकस रहेगा।

शाम को पुतिन ने दिल्ली के एक फाइव-स्टार होटल में बनाए गए अस्थायी स्टूडियो से RT India का औपचारिक लॉन्च किया। दिल्ली में आधुनिक तकनीक वाला स्टूडियो और 100 से ज्यादा लोगों की टीम के साथ, यह RT का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी प्रोजेक्ट माना जा रहा है। यह लॉन्च दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व मीडिया सहयोग का संकेत देता है।

मॉस्को-आधारित इस ग्लोबल न्यूज नेटवर्क का कहना है कि इससे भारत और रूस के पारंपरिक रिश्ते और मजबूत होंगे और दोनों देश एक बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी भूमिका को और आगे बढ़ा सकेंगे।

RT India का कामकाज फिलहाल नोएडा फिल्म सिटी के एक अस्थायी स्टूडियो से चलेगा। यहां सौ से ज्यादा कर्मचारियों की टीम और पूरी तरह तैयार न्यूज रूम बनाया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को भारत सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है, जो प्रसार भारती के साथ पहले से मौजूद समझौते के तहत दी गई।

RT के 2005 में शुरू होने के बाद से यह उसका सबसे बड़ा विदेशी ऑपरेशन माना जा रहा है। भारत में इसका मकसद अंग्रेजी भाषा में ऐसे न्यूज प्रोग्राम लाना है जिनमें भारत–रूस रिश्तों को मजबूत दिखाया जाए और दोनों देशों के नजरिए को एक बहुध्रुवीय दुनिया के संदर्भ में रखा जाए।

RT India का यह लॉन्च भारत–रूस के बीच इस साल मॉस्को में हुई 26वीं इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन मीटिंग में हुई चर्चाओं के आधार पर आगे बढ़ाया गया है।

जिस दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत में RT (Russia Today) के भारतीय वर्जन की शुरुआत की, उसी दिन भारत और रूस ने प्रसार भारती और रूस की कई मीडिया कंपनियों के बीच 5 बड़े मीडिया समझौते भी किए।

इन समझौतों में Gazprom-media Holding, National Media Group, BIG ASIA Media Group, ANO TV-Novosti और TV BRICS शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ये सभी MoU प्रसार भारती और रूसी मीडिया संगठनों के बीच हुए हैं, जिनमें ब्रॉडकास्टिंग, कंटेंट शेयरिंग और जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर सहमति बनी है।

प्रसार भारती का पहले से ही TV-Novosti (जो RT India चलाता है) के साथ एक समझौता था, लेकिन शुक्रवार को दोनों देशों के नेताओं की मौजूदगी में उसमें एक नया ऐडेंडम (अतिरिक्त हिस्सा) जोड़ा गया।

इसी मौके पर प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) और रूस की न्यूज एजेंसी TASS के बीच एक बड़ा समझौता भी हुआ। इस करार के तहत दोनों देशों की खबरों और कंटेंट का नियमित आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि खबरों की पहुंच, विविधता और पारदर्शिता बढ़ सके।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

मॉस्को में इंडिया टुडे ग्रुप के ऐतिहासिक इंटरव्यू पर जानें क्या बोले अरुण पुरी व कली पुरी

‘इंडिया टुडे’ समूह के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी व वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने रिपोर्ट्स संग की बैठक, निकाले इस बातचीत के निहितार्थ

Vikas Saxena by
Published - Friday, 05 December, 2025
Last Modified:
Friday, 05 December, 2025
KaliPuri5421

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगभग दो दशकों में पहली बार किसी भारतीय टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। यह इंटरव्यू India Today और Aaj Tak के साथ हुआ और इसे मॉस्को के ऐतिहासिक एकातेरिना हॉल में रिकॉर्ड किया गया। इस हॉल में पुतिन अपने राष्ट्रीय परिषद की बैठकों का आयोजन करते हैं और लोगों को सम्मानित करते हैं।

India Today ग्रुप की पत्रकार अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन ने पुतिन से बातचीत की। दोनों पत्रकारों के मुताबिक यह एक "वैश्विक स्तर का इंटरव्यू" था, जिसमें सिर्फ भारत-रूस संबंध ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया और वैश्विक मुद्दों पर पुतिन के विचार सामने आए।

इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने अपने 25 साल के शासनकाल, रूस और दुनिया के बदलते परिदृश्य, यूक्रेन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मामलों पर खुलकर बात की। पुतिन ने हर सवाल का जवाब स्पष्ट और सीधे तरीके से दिया। पत्रकारों ने बताया कि पुतिन को अक्सर पश्चिमी मीडिया में गंभीर या कठोर नेता के रूप में दिखाया जाता है, लेकिन इंटरव्यू में वह बहुत मैत्रीपूर्ण, विनम्र और ह्यूमर के साथ नजर आए।

India Today की टीम को यह सम्मान मिला कि उन्हें रूसी प्रेस टीम ने चुना। पुतिन ने इंटरव्यू के बाद भी अनौपचारिक बातचीत में टीम के साथ खुलकर संवाद किया, जिनमें  इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के साथ इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी भी मौजूद रहीं। यह इंटरव्यू करीब 100 मिनट तक चला, जबकि तय समय सिर्फ 60 मिनट का था। पुतिन ने सभी कठिन सवालों का जवाब देते हुए बहुत सहयोगी रवैया दिखाया।

टीम ने बताया कि इंटरव्यू रिकॉर्ड करने में बहुत मेहनत लगी। हर फ्रेम, हर एंगल पर ध्यान दिया गया ताकि दर्शक भी वही अनुभव महसूस कर सकें जो टीम को हुआ। पुतिन को भी यह पेशेवर अंदाज बहुत पसंद आया और उन्होंने India Today की टीम की तारीफ की।

अंजना ओम कश्यप ने कहा कि पूरी दुनिया के कुछ ही नेता ऐसे होते हैं जो वैश्विक स्तर पर देशों की किस्मत बदलते हैं, और उनमें से एक पुतिन आज तक पर मौजूद थे। गीता मोहन ने इस पल को बेहद दुर्लभ बताते हुए कहा कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि इंडिया टुडे ग्रुप यहां तक पहुंचा।

इंटरव्यू के बाद एक टीम वार्तालाप में कली पुरी ने बताया कि यह पहला मौका था जब दो महिला एंकर्स ने राष्ट्रपति पुतिन का इंटरव्यू किया। उन्होंने कहा कि बातचीत केवल भारत-रूस संबंधों तक सीमित नहीं रही, बल्कि वैश्विक मुद्दों को भी गहराई से छुआ गया। यह भारतीय मीडिया के लिए एक बड़ा कदम था, क्योंकि अब हम वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति और मजबूत तरीके से दर्ज करा रहे हैं।

अरुण पुरी ने कहा- यह भारतीय मीडिया के लिए ऐतिहासिक मौका

अंजना ने जब अरुण पुरी से इंटरव्यू की अहमियत पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा कि यह इंडियन मीडिया ग्रुप के लिए बहुत महत्वपूर्ण अवसर था। वह पूरी टीम पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में अक्सर पुतिन की छवि “विलेन” जैसी दिखाई जाती है, लेकिन इंटरव्यू में वे बेहद संतुलित, स्पष्ट और हर सवाल का जवाब देने को तैयार दिखे।

उन्होंने बताया कि कैमरे के बाहर जब उनसे पूछा गया कि 25 साल की नेतृत्व यात्रा में कोई पछतावा है, तो पुतिन ने साफ कहा, “मैं कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता।”

संवाद के दौरान कली पुरी ने कहा कि पुतिन का यह दोस्ताना और नरम स्वभाव कई लोगों के लिए अप्रत्याशित था। वे पर्यावरण जैसे मुद्दों पर भी गंभीरता से बात करते दिखे और खुले मन से हर कठिन सवाल का जवाब दिया।

भारतीय चैनलों में से सिर्फ इंडिया टुडे का चयन

कली ने गर्व से बताया कि रूस की प्रेस टीम ने सभी भारतीय चैनलों में से केवल इंडिया टुडे को चुना, क्योंकि उन्हें पता है कि ये ग्रुप बड़े इंटरव्यू को किस स्तर पर पेश करता है। इंटरव्यू 60 मिनट का तय था, लेकिन पुतिन बातचीत का इतना आनंद ले रहे थे कि यह लगभग 100 मिनट तक चला। इसके बाद भी उन्होंने अनौपचारिक बातचीत जारी रखी।

टीम की मेहनत ने रूसी प्रेस को भी प्रभावित किया

राष्ट्रपति पुतिन की टीम ने कहा कि उन्होंने इतनी संगठित और बारीकी से काम करने वाली टीम कभी नहीं देखी। फ्रेमिंग से लेकर सेटअप तक- हर पहलू ने उन्हें प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब इस हॉल में रखी मूर्ति के सामने किसी इंटरव्यू की अनुमति दी गई।

गाीता मोहन ने बताया कि आम तौर पर टीम को सिर्फ जगह दे दी जाती है, लेकिन इस बार भारत टुडे ग्रुप की तैयारी और प्रेजेंटेशन को विशेष प्रशंसा मिली। अंजना ने कहा कि पूरी टीम हर फ्रेम को इस तरह तैयार करती है कि दर्शक टीवी पर इंटरव्यू देखते वक्त वही अनुभव महसूस करें जो टीम को मिला।

“इंडिया टुडे का अंदाज ही अलग है”

कली पुरी ने कहा कि इंडिया टुडे को बस थोड़ा सा स्पेस दे दो, और टीम उसे भी परफेक्ट बनाने में पूरी मेहनत लगा देती है। सुरक्षा गार्ड भी मजाक में कह रहे थे कि “दो लेडीज… सॉरी!” क्योंकि पुतिन आप दोनों से काफी प्रभावित दिखे। वे लगातार मुस्कुरा रहे थे और बेहद सहज थे। उन्होंने हर कठिन सवाल का भी बेझिझक जवाब दिया।

मॉस्को की विंटर वंडरलैंड में ऐतिहासिक इंटरव्यू

कली पुरी ने कहा कि मॉस्को में होना अपने-आप में एक सपना जैसा लगा। साल के इस समय शहर सच में किसी विंटर वंडरलैंड की तरह दिखता है- चारों तरफ लाइटें, क्रिसमस ट्री, सजावट, त्योहारों का माहौल। और आप खुद से पूछते रह जाते हैं कि ये सब असल है या कोई जादुई दुनिया?

अरुण पुरी ने इंटरव्यू को दिए '10 में से 10 नंबर'

अरुण पुरी ने कहा कि यह इंटरव्यू इस समय की सबसे बड़ी खबर है। यूक्रेन पर महत्वपूर्ण बातचीत जारी है और ऐसे वक्त में यह इंटरव्यू भारतीय मीडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा, “जब इंडिया टुडे नेटवर्क किसी खबर को फॉलो करने की ठान लेता है, तो उसे पूरी तरह अपना बना लेता है।”

यहां देखें पूरा वीडियो- 


न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले India Today रूस में आयोजित करेगा विशेष राउंडटेबल

इंडिया टुडे (India Today) BnW Developers के साथ मिलकर मॉस्को में एक खास राउंडटेबल आयोजित करने जा रहा है, जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले होगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 03 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 03 December, 2025
IndiaTodayRoundtable521

इंडिया टुडे (India Today) BnW Developers के साथ मिलकर मॉस्को में एक खास राउंडटेबल आयोजित करने जा रहा है, जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले होगा।

इस राउंडटेबल में भारत–रूस साझेदारी के कई पहलुओं पर चर्चा होगी। इसमें ऊर्जा (oil, gas, nuclear, renewables, mining और critical minerals) पर खास ध्यान दिया जाएगा। रूस के इन प्रमुख क्षेत्रों के लीडर्स के साथ लंबी अवधि के सहयोग को मजबूत करने पर विचार-विमर्श होगा। भारत का रूस में बढ़ता हुआ ऊर्जा क्षेत्र में जुड़ाव इस चर्चा को और अहम बनाता है।

इसके अलावा, रूस में रहने वाले भारतीयों की जिंदगी पर भी बातचीत होगी। इसमें समुदाय समूह, सांस्कृतिक संगठन और व्यापार चैम्बर्स शामिल होंगे, जो वहां की भारतीय डायस्पोरा की सक्रिय उपस्थिति बनाए रखते हैं।

रूस भारतीय छात्रों के लिए आकर्षक गंतव्य है या नहीं, इस पर भी एक सत्र होगा। इसमें Association of Indian Students in Russia और प्रमुख मेडिकल और तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि शिक्षा की गुणवत्ता, सुरक्षा, अवसर और बदलती अपेक्षाओं पर चर्चा करेंगे।

भारत और रूस के बीच गहरी सैन्य साझेदारी को देखते हुए रक्षा सहयोग पर भी विशेष बातचीत होगी। इसमें रूसी रक्षा, एयरोनॉटिक्स और तकनीकी क्षेत्र के उद्योग नेता और भारत के फार्मा, FMCG, IT, इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स, टेक्सटाइल और चाय क्षेत्र के उद्यमी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को आगे बढ़ाना है।

India Today अपने प्लेटफॉर्म पर इस राउंडटेबल की लाइव कवरेज, विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया, एक्सक्लूसिव इंटरव्यू और राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे की पूरी जानकारी साझा करेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए