मीडिया इंडस्ट्री पर अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार का प्रभाव पड़ने के बावजूद अस्तित्व में आ रहे हैं नए चैनल भी
अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार के बीच एक ओर जहां कई चैनल्स अपना कारोबार समेट रहे हैं और कुछ ने तो ताला भी लगा दिया है, वहीं इन सबके बीच कुछ नए चैनल शुरू भी हो रहे हैं। चार एंटरप्रिन्योर्स ने मिलकर ‘R9 TV’ के नाम से नया हिंदी न्यूज चैनल शुरू किया है। यह चैनल ‘एयरटेल टीवी’ पर पहले से ही मौजूद है और जल्द ही ‘टाटा स्काई’ व अन्य प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई देने लगेगा।
चैनल के चारों फाउंडर्स सुनील त्रिपाठी, अविनाश कुमार, विनोद सिंह और करण मोहन का डिजिटल के क्षेत्र में काफी मजबूत बैकग्राउंड है। इन चारों का कहना है कि उनका चैनल ‘राष्ट्रधर्म सर्वप्रथम’ के सिद्धांत पर आधारित है और यह देश में न्यूज मीडिया के क्षेत्र में एक ताजी हवा के झोंके की तरह अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा।
हालांकि चारों फाउंडर्स ने चैनल शुरू करने में हुए निवेश के बारे में नहीं बताया, लेकिन यह जरूर कहा कि कंपनी के पास पहले से ही 100 से ज्यादा लोगों का स्टाफ है। यही नहीं, ‘R9TV’ के प्रमोटर्स डीडी फ्रीडिश के लिए भी बोली लगा रहे हैं, ताकि हिंदी और रीजनल न्यूज जॉनर में ज्यादा से ज्यादा पहुंच बनाई जा सके।
इस बारे में चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर अविनाश कुमार का कहना है, ‘हम समझते हैं कि मीडिया इंडस्ट्री इस समय काफी कठिन दौर से गुजर रही है। हम बिजनेस की बारीकियों को भी समझते हैं। हमारा मुकाबला ‘आजतक’ और ‘रिपब्लिक भारत’ जैसे चैनल्स से है। चैनल्स की भीड़ में हमारा चैनल काफी अलग होगा।’
उन्होंने कहा, ‘जनसरोकारों के लिए काम करने के अपने मिशन के तहत चैनल अपने ऑडियंस को निष्पक्ष और हाई क्वालिटी का आउटपुट देगा, जो न सिर्फ सूचना देने का काम करेगा बल्कि एजुकेट करने का काम भी करेगा। ट्रेडिशनल न्यूज और साहित्यिक कहानियों से अलग हटकर यह कुछ खास अंदाज में काम करेगा। कहने का मतलब है कि चैनल की न्यूज कवरेज निष्पक्ष और इंडिपेंडेंट होगी और इसकी प्रेजेंटेशन भी काफी यूनिक होगी।’
कुमार ने कहा, ‘फिलहाल बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में हमारे ऑडियंस हैं और हम जल्द ही अन्य हिंदी भाषी राज्यों में केबल, डीटीएच और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी पहुंच बढ़ाएंगे।’ उन्होंने बताया कि चैनल की डिजिटल मंच पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने की योजना है। आने वाले छह महीनों में इसके पास मराठी, पंजाबी समेत कई भाषाओं में कम से कम आठ रीजनल प्लेटफॉर्म्स होंगे। इसके अलावा तीन-चार रीजनल चैनल्स भी होंगे।
बताया जाता है कि राष्ट्र की आवाज बनने के अपने मिशन के तहत चैनल ने एक खास पहल भी शुरू की है। इसके तहत न्यू इंडिया के विजन को शेयर करने के लिए विकास समेत कई मुद्दों पर बातचीत का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को भारी पड़ गया।
न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को भारी पड़ गया। अवमानना और जजों के अपमान के आरोप में पाकिस्तान की मीडिया की निगरानी करने वाली संस्था ने चैनल को 30 दिन के लिए बंद कर दिया है। यह कार्रवाई जिस चैनल पर की गई है उसका नाम ‘बोल टीवी’ है। वहीं, इस चैनल के ऊपर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
चैनल के खिलाफ इस कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की मीडिया निगरानी संस्था PEMRA ने बताया कि इस चैनल के एंकर सामी इब्राहिम (Sami Ibrahim) ने 13 जनवरी को प्रसारित कार्यक्रम में लाहौर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों पर नियुक्तियों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। एंकर ने संविधान के अनुच्छेद 68 और पीईएमआरए आचार संहिता 2015 के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन किया था और जजों के खिलाफ अपमानजनक बातें की थीं।
संस्था ने कहा कि जब चैनल को नोटिस दिया गया तो उसने खेद व्यक्त करने के बजाय नोटिस वापस लेने पर जोर डाला। इससे पहले अप्रैल 2019 में लाहौर हाई कोर्ट ने जजों के संबंध में एक अन्य खबर के मामले में भी नोटिस दिया था। 2019 में इस एंकर का प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक टॉक शो के कारण विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी के साथ विवाद हो चुका है। फवाद चौधरी ने एंकर इब्राहिम को एक विवाह समारोह में थप्पड़ मार दिया था।
वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में जारी आदेश में PEMRA ने नियमित शो करने वाले एंकर्स को निर्देश दिया था कि वे अपने या दूसरे चैनलों के टॉक शो में 'विशेषज्ञ की तरह पेश न हों।' साथ ही आदेश में मीडिया हाउसों को यह भी निर्देश दिया कि वे टॉक शो के लिए अतिथि का चयन बेहद सतर्कता से करें। चयन के दौरान उस खास विषय पर उनके ज्ञान और विशेषज्ञता का भी ध्यान रखें।
दरअसल, इस्लामाबाद हाई कोर्ट के 26 अक्टूबर के एक आदेश के बाद सभी सेटेलाइट टीवी चैनलों को यह आदेश जारी किया गया। कोर्ट ने शहबाज शरीफ बनाम सरकार के मामले में विभिन्न टीवी टॉक शो पर संज्ञान लिया, जहां एंकर्स ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए न्यायपालिका और उसके फैसलों की छवि खराब करने की कोशिश की। कोर्ट ने ऐसे उल्लंघनों पर PEMRA द्वारा की गई कार्रवाई और सजा पर रिपोर्ट भी मांगी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।दीप्ति सचदेवा इससे पहले लगभग तीन साल तक रिपब्लिक टीवी से जुड़ी रही हैं
वरिष्ठ टीवी पत्रकार दीप्ति सचदेवा ने ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) में वापसी की है। उन्होंने अक्टूबर 2019 में ‘रिपब्लिक टीवी’ में सीनियर एडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया था। दीप्ति सचदेवा इससे पहले लगभग तीन साल तक ‘रिपब्लिक टीवी’ से जुड़ी रही हैं।
दीप्ति सचदेवा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का काफी अनुभव है। 'रिपब्लिक टीवी' से पहले बतौर सीनियर एंकर वह करीब पांच साल 'टाइम्स नाउ' (Times Now) चैनल के साथ भी काम कर चुकी हैं।
इससे पहले करीब साढ़े छह साल तक वह 'एनडीटीवी' (NDTV) में एंकर/स्पेशल करेसपॉन्डेंट के अलावा करीब सवा दो साल तक 'जी न्यूज' (Zee News) में एंकर/करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।अब टाइम्स नेटवर्क/बेनेट कोलमैन ऐंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) बार्क पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
टीआरपी हेरफेर के मामले में मुंबई पुलिस की ओर से ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) की भूमिका सवालों के घेरे में खड़े किए जाने के बाद अब टाइम्स नेटवर्क/बेनेट कोलमैन ऐंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) बार्क पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। साथ ही कंपनी टीआरपी मामले में शामिल रहे लोगों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई पर विचार किया कर रही है।
बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) का अंग्रेजी न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ' टाइम्स नेटवर्क के तहत चल रहा है और इसके व्युअरशिप डेटा के लिए वह ब्रॉडकास्ट रिसर्च काउंसिल (बार्क) की सब्सक्राइबर है। असल में साल 2017 से, जबसे रिपब्लिक टीवी लॉन्च हुआ था, यानी मई, 2017 से बीसीसीएल/टाइम्स नेटवर्क बड़े पैमाने पर टीआरपी में हेरफेर का शक जताती आयी है, जिसमें अवैध तरीके से रिपब्लिक की ओर से एक से ज्यादा लॉजिकल चैनल नंबर (LCNs) का इस्तेमाल, इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड (EPG) से इतर इस्तेमाल शामिल है।
टाइम्स नेटवर्क का कहना है कि उसने मार्केट के लिहाज से भी उस चैनल की रेटिंग में गड़बड़ियां पाईं जो इस बात का संकेत था कि जमीनी स्तर पर मूल डेटा से छेड़छाड़ करके उस चैनल को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
नेटवर्क का कहना है कि वह लगातार दो साल तक बार्क से इन अनियमितताओं की शिकायत करता रहा, मगर कभी कोई समाधान नहीं निकाला गया, सिर्फ कोरे जवाब मिले।
नेटवर्क के मुताबिक, वहीं मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) ने बार्क टीआरपी घोटाले के संबंध में 25 दिसंबर 2020 को प्रेस में जो बयान जारी किया, उससे साफ है कि 2017/18 में रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुंचाने के लिए बार्क के अधिकारियों की हेराफेरी के सबूत सामने आ चुके हैं। बार्क की जुलाई 2020 की फरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट और उस दौर के कई ईमेल और वॉट्सऐप चैट जो पुलिस के हाथ लगे हैं, उनसे साफ होता है कि टाइम्स नाउ की टीआरपी को बार्क के अधिकारियों ने पब्लिश करने से पहले जानबूझकर इंसानी दखल के जरिए घटाया था।
नेटवर्क ने आगे कहा कि पार्थो दासगुप्ता और रोमिल रामगढ़िया की अगुआई वाले बार्क ने अंग्रेजी न्यूज चैनलों की श्रेणी में फर्जी तरीके से रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुंचाया और उसे नंबर-1 घोषित किया। जबकि वास्तव में टाइम्स नाउ बराबर बड़े मार्जिन के साथ आगे बढ़ रहा था और अंग्रेजी न्यूज चैनलों में अविवादित रूप से नंबर वन पर था।
उसका कहना है कि इस पूरे घपले से टाइम्स नेटवर्क को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस पूरे मामले ने बार्क के मौजूदा बोर्ड और मैनेजमेंट के तौर तरीकों और नैतिकता पर सवाल खड़ा कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे बोर्ड और मैनेजमेंट को बने रहना चाहिए। टाइम्स नेटवर्क ने बीते कई हफ्तों में बार्क की ओर से इस मसले पर आधिकारिक बयान लेने की कोशिशें कीं मगर जवाब नहीं मिला। ऐसे में टाइम्स नेटवर्क/बीसीसीएल अपनी शिकायतों की अनसुनी होने और खुद को पहुंचे नुकसान के खिलाफ हर संभव कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) और ‘पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड’ (PCB) तीन साल के लिए एक प्रसारण सौदे (broadcast deal) पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं।
‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) और ‘पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड’ (PCB) तीन साल के लिए एक प्रसारण सौदे (broadcast deal) पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं। क्रिकेट की खबरें देने वाली वेबसाइट ‘क्रिकवज’ (Cricbuzz) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस एग्रीमेंट के तहत ‘सोनी’ पाकिस्तान की घरेलू सरजमीं पर होने वाली टी-20 'पाकिस्तान सुपर लीग' (पीएसएल) के अलावा पाकिस्तान के घरेलू और विदेशी मैचों का प्रसारण करेगी।
‘पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड’ द्वारा पिछले साल ‘टेन स्पोर्ट्स’ (Ten Sports) के साथ अपनी दीर्घकालिक पारी समाप्त करने के बाद इन प्रसारण अधिकार को लेकर इन दोनों के बीच बातचीत चल रही थी। बता दें कि ‘टेन स्पोर्ट्स’ का अधिग्रहण सोनी द्वारा किया गया है।
‘पीसीबी’ के चेयरमैन एहसान मनी (Ehsan Mani) का कहना है, ‘मैं इस तरह की बातों पर टिप्पणी नहीं करता। यह सच है कि ये मैच भारत में दिखाए जाएंगे। मैं इस तरह की डील नहीं करता, मेरा कॉमर्शियल डिपार्टमेंट ऐसी डीलिंग कर रहा है। हां, हम सोनी के साथ एक डील के करीब हैं।’
‘क्रिकवज’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में सोनी के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि आगामी पाकिस्तान-दक्षिण अफ्रीका सीरीज के साथ इसकी शुरुआत हो सकती है। सोनी के उक्त अधिकारी का कहना है, ‘हमने सैद्धांतिक रूप से सभी बातों पर सहमति जताई है और यदि सब कुछ सही रहता है तो हम 26 जनवरी को ही गेम्स दिखाना शुरू कर सकते हैं। उनके सभी खेल चाहे पाकिस्तान में हों या यूएई में, तीन साल तक सोनी स्पोर्ट्स पर दिखाए जाएंगे।’
बता दें कि वर्ष 2015 में ‘टेन स्पोर्ट्स’ ने पांच साल के लिए ‘पीसीबी’ के साथ अपनी डील रिन्यू की थी। ‘टेन स्पोर्ट्स’, जिसे अब ‘सोनी टेन’ के रूप में रीब्रैंड किया गया है, वर्ष 2003 से पीसीबी का ब्रॉडकास्ट पार्टनर है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।नम्बूदरी इससे पहले ब्रिटानिया, टाटा कंज्यूमर, कोका कोला और यूनिलीवर जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स के साथ जुड़े रहे हैं।
‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEE Entertainment Enterprises Ltd) ने अशोक नम्बूदरी को चीफ बिजनेस ऑफिसर (इंटरनेशनल बिजनेस) के पद पर नियुक्त किया है। इस भूमिका में अशोक के पास इंटरनेशनल मार्केट्स में टीम का नेतृत्व कर कंपनी की स्ट्रैटजिक ग्रोथ बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी।
अशोक इससे पहले ‘स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (Star India Pvt. Ltd) के साथ जुड़े हुए थे और रीजनल स्पोर्ट्स बिजनेस के साथ-साथ कन्नड़ मार्केट में जनरल एंटरटेनमेंट बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अपने दो दशक से ज्यादा के करियर में अशोक ‘ब्रिटानिया’, ‘टाटा कंज्यूमर’, ‘कोका कोला’ और ‘यूनिलीवर’ जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स के साथ जुड़े रहे हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा नवंबर में गठित की गई थी चार सदस्यीय समिति
टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार सदस्यीय इस समिति ने सुझाव दिया है कि व्युअरशिप डाटा की गणना के लिए कम से कम पांच लाख घरों से सैंपल लेने चाहिए। फिलहाल टीवी रेटिंग्स के लिए 50,000 घरों का सैंपल लिया जाता है।
यह भी पढ़ें: टेलिविजन रेटिंग सिस्टम की समीक्षा के लिए गठित कमेटी ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार, समिति ने कथित रूप से यह भी सुझाव दिया है कि सर्वे में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों (untapped areas) को ज्यादा शामिल करना चाहिए। बताया जाता है कि सरकार सिस्टम की सहायता के लिए तकनीकी समाधान (technological solutions) भी तलाश रही है। इसके अलावा यह मोबाइल पर टीवी देखने को भी ध्यान में रख रही है, जिसका इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग इन दिनों कंटेंट देखने के लिए कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) द्वारा चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharati) के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई थी। रेटिंग के कथित रूप से हेरफेर को लेकर हंगामे के बाद इसे देश में टीआरपी सिस्टम को मजबूत करने के लिए नियुक्त किया गया था। इस समिति में तीन अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। समिति ने पिछले सप्ताह सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।मुंबई पुलिस ने ‘महा मूवी’ (Maha Movie) टेलीविजन चैनल के सीईओ संजय वर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया
मुंबई पुलिस ने ‘महा मूवी’ (Maha Movie) टेलीविजन चैनल के सीईओ संजय वर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया, उन पर कथित कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप है। मंगलवार को मुंबई क्राइम ब्रांच ने उनसे थोड़ी देर पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वह कथित टीआरपी घोटाले में भी एक वांछित आरोपी हैं।
मामले की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्मा को मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने गिरफ्तार किया। कॉपीराइट मामलों का उल्लंघन करने की शिकायत संजय वर्मा के खिलाफ मुंबई के जुहू स्थित पुलिस स्टेशन दायर की गई थी। इसके बाद मामले की जांच सीआईयू को सौंपी गई थी। जांच में संजय वर्मा की कथित भूमिका सामने आई, जिसके बाद सीआईयू की टीम ने उनसे पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान वर्मा ने अपराध शाखा के अधिकारियों को बताया कि महा मूवी चैनल ने 10 जून से 10 नवंबर 2020 के बीच अवैध रूप से 'जंजीर', 'लावारिस', 'जादूगर', 'मोहब्बत के दुश्मन', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी फिल्मों का प्रसारण किया।
उन्होंने बताया कि इन फिल्मों के कॉपीराइट पुनीत मेहरा की कंपनी के पास हैं, जोकि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता प्रकाश मेहरा के बेटे हैं। मेहरा ने कभी इन फिल्मों के कॉपीराइट किसी अन्य कंपनी या व्यक्ति को नहीं बेचे थे। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में नौ और लोग वांछित हैं।
बता दें कि इससे पहले टीआरपी मामले में धांधली करने का भी मुकदमा संजय वर्मा के ऊपर चल रहा है। कथित टीआरपी से हेरफेर करने के मामले में हाल में दाखिल एक आरोप पत्र में कहा गया है कि हंसा रिसर्च एजेंसी के एक अधिकारी ने कुछ घरों को ‘महा मूवी’, ‘बॉक्स सिनेमा’, ‘फक्त मराठी’ और ‘रिपब्लिक टीवी’ चैनल देखने के लिए धन दिया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले को लेकर इन दिनों 'घमासान' मचा हुआ है।
निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ (Indian Broadcasting Foundation) में ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) की सदस्यता को निलंबित करने की मांग की है। ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पार्थो दासगुप्ता और ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी के बीच वॉट्सऐप चैट का हवाला देते हुए ‘एनबीए’ ने यह भी मांग की है कि जब तक इस मामले में अदालत का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक रिपब्लिक टीवी को BARC के रेटिंग सिस्टम से बाहर रखा जाए।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ का कहना है कि पार्थो दासगुप्ता और अरनब गोस्वामी के बीच कथित रूप से किए गए सैकड़ों वॉट्सऐप चैट को देखकर काफी झटका लगा है। ‘एनबीए’ के अनुसार, ‘इस मैसेजों को देखकर स्पष्ट रूप से पता चलता है कि रिपब्लिक टीवी की व्युअरशिप ज्यादा दिखाने और अन्य चैनल्स की व्युअरशिप को कम दिखाने के लिए मिलीभगत कर रेटिंग से छेड़छाड़ की गई। ये वॉट्सऐप मैसेज न सिर्फ रेटिंग्स में हेरफेर को दर्शाते हैं, बल्कि शक्ति के दुरुपयोग (Power Play) को भी दिखाते हैं। इससे पुष्टि होती है कि एनबीए की ओर से जो आरोप लगाए जाते रहे हैं कि बार्क के शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत से एनबीए के गैरसदस्य ब्रॉडकास्टर द्वारा रेटिंग्स में छेड़छाड़ की जा रही है, वह सही हैं।’
एनबीए ने मांग की है कि जब तक टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला कोर्ट में है, तब तक रिपब्लिक टीवी की इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन की सदस्यता निलंबित कर देनी चाहिए। एनबीए बोर्ड का यह भी विचार है कि रिपब्लिक टीवी द्वारा रेटिंग में हेरफेर ने ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री की प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया है और इसलिए इस मामले में अदालत के अंतिम आदेश तक इसे BARC की रेटिंग प्रणाली से बाहर रखा जाना चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्थान बार्क (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें बढ़ा सकती है।
टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें तक बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबर निकलकर सामने आई हैं।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था, जिसकी समय-सीमा का आखिरी दिन 15 जनवरी (शुक्रवार) था। बताया जा रहा है कि इस ब्लैकआउट की समय-सीमा को मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले की जांच के चलते बढ़ाया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के विचारों में भिन्नता दिखाई दे रही है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए, जबकि वरिष्ठ टीवी पत्रकार अरनब गोस्वामी के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
टीआरपी से छेड़छाड़ को लेकर जब पहली खबर सामने आई तो बार्क ने अपनी टेक्निकल टीम को इस मामले के जांच आदेश दिए थे और तब तक के लिए सभी हिंदी, अंग्रेजी और बिजनेस न्यूज चैनल्स के रेटिंग को यह कहते हुए सस्पेंड कर दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक रेटिंग प्रकाशित नहीं की जाएगी और यह भी बताया था कि इस पूरी जांच में 8 से 12 सप्ताह लग सकता है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
पिछले साल जून में निधि राजदान ने 21 साल की पारी के बाद एनडीटीवी से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। एक ट्वीट के जरिये उन्होंने इसकी वजह भी बताई थी।
वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने शुक्रवार को एक ट्वीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस ट्वीट में निधि राजदान का कहना है कि वह प्रतिष्ठित ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू नहीं करने जा रही हैं। इस ट्वीट में निधि राजदान ने कहा है कि दरअसल, उन्हें ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ ने इस तरह का कोई ऑफर दिया ही नहीं था। निधि राजदान का कहना है कि वह फिशिंग अटैक (ऑनलाइन धोखाधड़ी, जहां ईमेल के जरिये धोखा देकर सारी जानकारी ले ली जाती है) का शिकार हुई हैं।
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ' जून 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी, इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेज जनवरी 2021 में शुरू होंगी।'
यह भी पढ़ें: वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने NDTV छोड़ने का लिया फैसला, बताई ये वजह
निधि का कहना है, 'लगातार हो रही देर के बीच शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब नॉर्मल है पर हाल ही में जो कुछ हुआ, वो ज्यादा परेशान करने वाला था। मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।’
यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं साइबर फ्रॉड की शिकार हुई हूं और दरअसल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुझे उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर भेजा ही नहीं था। राजदान का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लेटर लिखकर उनसे भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
गौरतलब है कि पिछले साल जून में निधि राजदान का एक ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह एनडीटीवी में 21 साल की अपनी पारी को विराम देकर साल के अंत तक ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू करेंगी। निधि राजदान की ओर से उस समय किए गए ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स आप यहां देख सकते हैं।