राजनीतिक पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2001 में उन्हें ‘प्रेम भाटिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2003 में कश्मीर पर एक किताब पर काम करने के लिए उन्हें अप्पन मेनन फ़ेलोशिप भी मिली थी।
‘साइबरमीडिया’ के अनुसार, सुनील राजगुरु ने सोमवार की दोपहर करीब 2:30 बजे अस्पताल में आखिरी सांस ली। सुनील राजगुरु करीब एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे।
मशहूर शायर इरशाद खान सिकंदर को श्रद्धांजलि देते हुए लेखक-डायरेक्टर अविनाश दास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक भावुक पोस्ट लिखी है।
उर्दू साहित्य में जाना-माना नाम इरशाद खान सिकंदर (42 साल) को 18 मई की शाम तकरीबन छह बजे हार्ट अटैक आया, जिससे उनका इंतकाल हो गया।
प्रसिद्ध ऐडवर्टाइजिंग क्रिएटिव लीडर Ari Weiss का निधन हो गया। वह 46 वर्ष के थे।
वरिष्ठ पत्रकार और रांची प्रेस क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य राणा गौतम का बुधवार को रांची स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 55 साल के थे
आचार्य किशोर कुणाल का निधन स्तब्धकारी है। वीपी सिंह और चंद्रशेखर के समय में अयोध्या मसले पर वे जब केंद्र में सक्रिय थे तब उनसे परिचय हुआ था।
यूपीए 2 में आए दिन मंत्रियों पर कोई न कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे। तब कुछ एंकर्स चीख-चीख कर इन आरोपों को दोहराते थे। टीवी न्यूज़ चैनलों पर केवल यही खबरें चला करती थीं।
मीरचंदानी ने Epigamia को भारतीय डेयरी बाजार में एक अग्रणी ब्रैंड के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऐसी प्रतिभा के लोग आजकल के राजनीति में बेहद बिरले ही नजर आते हैं। उनका अंतिम वक्त संघर्षपूर्ण रहा, लेकिन चौटाला अपने किए गए कामों के लिए हरियाणा में हमेशा याद रखे जाएंगे।