दो महीने में ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे कि कुछ गड़बड़ है इन्हें हटाओ। फिर मैं इन्हें हटाकर सीएम बन गया।
नीतीश सरकार ने बिहार की जातिगत सर्वे रिपोर्ट विधानमंडल में पेश कर दी। कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए और इन आंकड़ों से ये राज भी खुल गया कि नीतीश कुमार ने सर्वे क्यों कराया।
नीतीश कुमार ने शिक्षा की भूमिका और जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की भूमिका समझाने के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
इस रिपोर्ट में सामने आया है कि सामान्य वर्ग में हिंदू की चार और मुसलमानों की तीन जातियों में सबसे खराब हाल भूमिहारों का है।
बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद राहुल गांधी इस मुद्दे को और तेजी से उठा रहे हैं।
देश में पत्रकारों के प्रमुख संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJI) ने चीनी फंडिंग के आरोपों से घिरी एक वेबसाइट और उससे जुड़े लोगों पर छापे को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को फिर पत्रकारों से बातचीत में उनकी आजादी को लेकर चिंता जताई।
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई नए संसद भवन में शुरू होने के साथ यह पुरानी इमारत का स्थान ले लेगी, जिसमें अब कई खामियां आ चुकी हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि वह पत्रकारों के समर्थन में हैं और सभी के अपने अधिकार हैं।
सरकार ने कोई इंतजाम किया नहीं, टेंट तक नहीं लगवाए कि परीक्षा देने आए पहुंचे छात्र धूप और बारिश से बचने के लिए उनका सहारा ले सकें।