मीडिया हलकों मे चर्चा का विषय बन गया है दोनों पत्रकारों का इस तरह आपस में भिड़ना
ये तो सबको पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडियाकर्मियों के बीच चीफ डिवाइडर का काम किया है, अधिकांश मीडिया दो खानों में बंट गई है। सो दोनों तरफ के लोग आपस में ट्विटर पर भिड़ते ही रहते हैं। एक-दूसरे पर भक्ति और एजेंडे का आरोप लगाते ही रहते हैं, ये कोई नई बात नहीं। लेकिन, एबीपी न्यूज की एंकर रोमाना आमतौर पर इन दोनों ही खानों में कभी सक्रिय नहीं दिखतीं, फिर भी वो एक मोदी विरोधी पत्रकार रोहिणी सिंह से जिस तरह से भिड़ गईं, वो मीडिया हलकों मे चर्चा का विषय बन गया है।
रोहिणी सिंह कभी इकनॉमिक टाइम्स में हुआ करती थीं। कहा जाता है कि उनकी नौकरी अमित शाह और मोदी के खिलाफ चलाए किसी कैम्पेन के चलते ही गई थी। फिर वो 'द वायर' से जुड़ीं और फिर अमित शाह के बेटे के खिलाफ ‘चमत्कारिक कमाई’ की स्टोरी छाप दी। इस मामले में मानहानि का केस हुआ, जिससे अभी उन्हें छुटकारा नहीं मिला है। पिछली बार सुप्रीम कोर्ट में केस रद्द करने की एप्लिकेशन वापस ली तो सुप्रीम कोर्ट के जज ने उन पर पीत पत्रकारिता करने जैसी टिप्पणी भी कर दी थी।
ऐसे में रोहिणी सिंह भी अभिसार और पुण्य प्रसून की तरह मोदी विरोध का चेहरा बन गई हैं। वो रोमाना से कभी सोशल मीडिया पर इंटरेक्शन करती नहीं दिखीं, लेकिन मोदी के जन्मदिन पर रोमाना ने मोदी से जुड़े एक सवाल पर अपने शो का टीजर पोस्टर ट्विटर पर शेयर किया तो उसे शेयर करते हुए रोहिणी सिंह ने कुछ ऐसा लिख दिया, जिससे रोमाना भड़क उठीं और फिर हुए वार पर वार, जिसमें कई लोग कूद पड़े और वो ट्वटिर वॉर 48 घंटे बाद तक चल रही थी।
रोमाना एबीपी न्यूज पर जो शो करती हैं, उसका नाम है 'संविधान की शपथ', जो चार बजे प्रसारित होता है। मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर पर उन्होंने एक सवाल अपने ट्विटर एकाउंट पर हमेशा की तरह दर्शकों से पूछा- ’क्या पीएम मोदी का जन्मदिन देश के लिए उत्सव होना चाहिए? अपने जवाब के समर्थन में कम से कम दो वजह ज़रूर गिनाएं। करेंगे चर्चा, शाम 4 बजे।’
इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए रोहिणी सिंह ने लिखा, ’बिलकुल होना चाहिए। आदेश पारित किया जाए कि सबको 17 सितंबर को, प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर, अपने घर पर दीये जलाने चाहिए और लाइटिंग करनी चाहिए। जो ऐसा नहीं करेगा उसको PSA में 2 साल के लिए बंद किया जाएगा।’
रोहिणी सिंह मोदी पर वार का मौका तलाशती हैं, इसलिए शायद पहली बार रोमाना की वॉल पर चली आईं, लेकिन रोमाना को ये अखर गया कि कोई अपने एजेंडे के लिए उनके ट्वीट उनके शो का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने फिर रिप्लाई ट्वीट शेयर करते हुए लिखा और बेहद तीखे अंदाज में, ’What Crap @rohini_sgh Have you forgotten the basics of #Journalism ? Cant you differentiate between A Statement and A Question. Kindly dont make Judgements to suit Your #Propoganda’।
रोमाना के साथ मैदान में एबीपी के वरिष्ठ पत्रकार निखिल दुबे भी कूद गए, रोमाना के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि ’#सवालहैविचारनहीं सवाल और फैसले में फर्क भूल गए? किसी घटना पर देश के सवाल को क्या किसी का फैसला मान लेना चाहिए? कोई आयोजन जब प्रायोजित लगे,निजी खुशी सार्वजिनक उत्सव लगे तो सवाल उठते हैं? जवाब के लिए बहस होती है, पूर्वाग्रह से भरी सोच को ये समझ पाना मुश्किल है’।
उधर रोहिणी सिंह के समर्थन में एक और मोदी विरोधी एंकर सैटायरिस्ट आकाश बनर्जी कूद पड़े। रोमाना के ट्वीट को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘Ok Ok! I have a question. NOT a statement or a judgement.... "Should India have a #BlackDay to remember & reflect how most of the media & senior anchors have sold themselves at the alter of power & money?" I hope this meets your high standards of journalism’’।
उन्होंने रोमाना को टैग किया तो वो भी भिड़ गईं। जवाब में लिखा, ‘’So @TheDeshBhakt @kapsology in the garb of Teaching & Preaching about Journalism are here to defend @rohini_sgh #MobDefence I must Say Carry on with your #Propaganda #Agenda’’।
इधर रोहिणी सिंह ने भी रोमाना की बात का जवाब दिया, ‘Ma’am, I haven’t forgotten journalism but you seem to have confused propaganda for journalism. And I was merely giving a suggestion which you were crowd sourcing! Now don’t have a meltdown before the show’। रोमाना ने भी जवाब दिया, वो भी अपने शो के उन पुराने सवालों वाले पोस्टर्स के साथ, जिनमें वो सरकार से सवाल कर रही हैं, ‘मैं तो रोज सवालों के जवाब तलाशती हूं इनपे टिप्पणी करने कभी नहीं आये। आज ही क्यों???’।
हालांकि रोहिणी ने फिर रिप्लाई ट्वीट किया, ‘आपके सवाल-मिसाल में ही मेरा जवाब और सवाल दोनों हैं। दुनिया की हर चीज के लिए 24x7 क्रेडिट और फोकस अगर एक ही व्यक्ति पर होता है तो सवाल भी उसी से पूछे जाते हैं। सुस्ती पर सवाल निर्मला से और बाकी समय वाह मोदीजी वाह। Propaganda और Journalism के बीच का अंतर समझिए’।
और ये चलता ही रहा, रोमाना कभी रोहिणी को कुछ लिखतीं, कभी रोहिणी रोमाना को, कभी आकाश बनर्जी बीच में कूदते तो रोमाना उन्हें निशाने पर लेतीं। बीच में निखिल दुबे आकाश बनर्जी का पूरा प्रोफाइल निकाल लाए कि कैसे वो रेडियो मिर्ची के रात के शो में निजी समस्याओं पर अश्लील शो करते थे। कुछ और भी लोग बीच में कूदे और खबर लिखे जाने तक भी इस ट्विटर वॉर में ट्वीट गिर ही रहे थे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।10 वर्षों की छोटी सी अवधि में, भारत ने मैक्रो और मार्केट आउटलुक के लिए महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणामों के साथ विश्व व्यवस्था में स्थान हासिल किया है।
मॉर्गन स्टैनली रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 10 साल की छोटी सी अवधि में भारत ने दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस दौरान वृहद व बाजार परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह भारत 2013 की तुलना में अलग है। 10 वर्षों की छोटी सी अवधि में, भारत ने मैक्रो और मार्केट आउटलुक के लिए महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणामों के साथ विश्व व्यवस्था में स्थान हासिल किया है। इस रिपोर्ट पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर भूपेंद्र चौबे ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।
उन्होंने लिखा, जब भी कोई विदेशी क्रेडिट एजेंसी हमारे बारे में कुछ अच्छा कहती है तो क्या हम खुशी से झूमना बंद नहीं कर सकते? क्योंकि कल फिर जब कोई एजेंसी कुछ नकारात्मक कहेगी, तो हम फिर इस बात पर लौट आएंगे कि दुनिया हमारे खिलाफ कैसे साजिश कर रही है। सबसे अच्छी बात यह है कि तथ्यों को बोलने दें। भारत में निचले हिस्से तक वास्तविक विकास देखा गया है। कोई एजेंसी कुछ कहे या न कहे, वह उस मूल तथ्य को नहीं बदल सकती। मैंने यह पहले भी कहा है। नए भारत को पुराने विश्व अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों से सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। इसका सत्यापन उन लोगों से होता है जो वास्तविक लाभार्थी हैं।
आपको बता दें कि मॉर्गन स्टेनली ने 18 मई को कहा था कि भारत चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने के लिए तैयार है। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर भूपेंद्र चौबे के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
Can we not stop jumping with joy whenever a foreign credit agency says something nice about us ? Coz tomorrow again when some agency will say something negative, it will be back to how the world is conspiring against us. Best thing to do is to let facts speak. There is genuine…
— bhupendra chaubey (@bhupendrachaube) June 1, 2023
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बृजभूषण ने कहा,आरोप लगाए जाने के बाद से मैं पूछ रहा हूं कि ये सब कहां और कब हुआ? मुझ पर आरोप लगे 4 महीने हो चुके हैं।
बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने पहलवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बृजभूषण ने एक बार फिर कहा कि मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ, तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।
बृजभूषण ने कहा,आरोप लगाए जाने के बाद से मैं पूछ रहा हूं कि ये सब कहां और कब हुआ? मुझ पर आरोप लगे 4 महीने हो चुके हैं और मैं अपने बयान पर आज भी कायम हूं।
उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पहलवानों और बृजभूषण के मामले सबसे खराब बात होगी कि, मामला अंत तक न पहुंचे। आवश्यक है कि, इस मामले का पूरा सच सामने आए और, दोषी को सजा मिले। अपना-अपना सच तो दोनों पक्ष पूरी शक्ति से बता ही रहे हैं। साथ ही खेल संघों की मूलभूत गड़बड़ दूर करने पर भी कुछ हो। वरना, एक और बनकर रह जाएगा।
आपको बता दें कि पहलवानों के गंगा में मेडल बहाने को उन्होंने इमोशनल ड्रामा बताया। बृजभूषण ने कहा, गंगा में मेडल बहाने से कुछ हासिल नहीं होगा।
वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
पहलवानों और बृजभूषण के मामले सबसे खराब बात होगी कि, मामला अंत तक न पहुँचे। आवश्यक है कि, इस मामले का पूरा सच सामने आए और, दोषी को सजा मिले। अपना-अपना सच तो दोनों पक्ष पूरी शक्ति से बता ही रहे हैं। साथ ही खेल संघों की मूलभूत गड़बड़ दूर करने पर भी कुछ हो। वरना, एक और बनकर रह जाएगा
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) May 31, 2023
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भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है।
हरिद्वार में गंगा में मेडल विसर्जन करने पहुंचे पहलवानों को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और खाप चौधरियों ने रोक लिया और उनसे पांच दिन का समय मांगा है।
टिकैत ने रेसलर्स से कहा कि अगर उन्हें मेडल नहीं रखने हैं तो वह उन्हें गंगा में प्रवाहित करने की जगह सीधे राष्ट्रपति को सौंप दें और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, संतोष है खेल पुत्रियों ने अपने अंतरराष्ट्रीय विजेता पदक गंगा में विसर्जित करने का फैसला किसान नेता खाप चौधरी नरेश टिकैत के आग्रह पर टाल दिया है। सरकार के पास पांच दिन हैं। सरकार इनकी कानून सम्मत मांगों का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे। ये सरकार की साख बेटियों के सम्मान का सवाल है।
आपको बता दें कि टिकैत ने ऐलान किया है कि एक जून को मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में ऐतिहासिक चौपाल पर पंचायत होगी, जिसमें हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और यूपी के खाप चौधरी हिस्सा लेंगे। इसमें चर्चा की जाएगी कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर पांच दिनों में कैसे दवाब बनाया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
संतोष है खेल पुत्रियों ने अपने अंतर्राष्ट्रीय विजेता पदक गंगा में विसर्जित करने का फ़ैसला किसान नेता खाप चौधरी नरेश टिकैत के आग्रह पर टाल दिया है।सरकार के पास पाँच दिन हैं वो इनकी क़ानून सम्मत माँगों का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे।ये सरकार की साख बेटियों के सम्मान का सवाल है ।
— विनोद अग्निहोत्री Vinod Agnihotri (@VinodAgnihotri7) May 31, 2023
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पत्रकार और एंकर अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो जारी किया और इस वीडियो में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या मेडल विसर्जन का पूरा कार्यक्रम सुनियोजित था।
महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल्स को गंगा में बहाने का ऐलान किया था। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल्स को गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अपने मेडल विसर्जन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
दरअसल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से बात की, काफी देर तक उन्होंने पहलवानों को समझाया। इस बातचीत के दौरान पहलवान भावुक भी हुए। टिकैत ने अपने मन की बात कही। उन्होंने पहलवानों को यह भरोसा दिलाया कि वह उनको इंसाफ दिलाने के लिए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए बात करेंगे। उन्होंने पहलवानों से 5 दिन का समय भी मांगा है।
नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने 2 घंटे के बाद वापस दिल्ली लौट गए। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो जारी किया और इस वीडियो में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या मेडल विसर्जन का पूरा कार्यक्रम सुनियोजित था।
वह वीडियो की शुरुआत में कहते हुए दिखाई देते हैं कि शाम को मेडल विसर्जन का कार्यक्रम था, इसके बाद नरेश टिकैत अचानक से प्रकट हो जाते हैं! पहनवालों से मेडल ले लेते हैं और उसके बाद उन्हें 5 दिन का समय दे देते हैं। 5 दिन के बाद हो सकता है कि मेडल विसर्जन का कार्यक्रम दोबारा किया जाए या नहीं किया जाए, उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
वीडियो में वह आगे कहते हैं कि लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेडल विसर्जन का यह पूरा कार्यक्रम स्क्रिप्टेड तो नहीं था? उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि उन्होंने इस मेडल विसर्जन के कार्यक्रम का पहले भी विरोध किया था क्योंकि व्यक्तिगत रूप से उनका यह मानना है कि मेडल किसी खिलाड़ी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं होती है, वह राष्ट्र के सम्मान में आपको मिलता है और वह राष्ट्र को रिप्रेजेंट करता है।
वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर अमन चोपड़ा के द्वारा जारी वीडियो को आप यहां देख सकते हैं-
मेडल विसर्जन होना भी था या सब कुछ scripted था जिसके climax में टिकैत जी की sudden एंट्री ने अब suspense को और बढ़ा दिया है। pic.twitter.com/wTq8M2PT38
— Aman Chopra (@AmanChopra_) May 30, 2023
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राजनीतिक दल अपने समीकरण को बिठाने के लिए विधायक और सांसदों को किसी भी प्रकार का लालच देने से नहीं चूकते हैं।
2024 के आम चुनाव के पहले एक तरफ तो राजनीतिक दल विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ यदि उनके राज्यों की बात की जाए तो उनके अंदर वही एकता नहीं है। राजनीति में कब क्या हो जाए इसका अंदाजा तो बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित में नहीं लगा सकते क्योंकि राजनीतिक दल अपने समीकरण को बिठाने के लिए विधायक और सांसदों को किसी भी प्रकार का लालच देने से नहीं चूकते हैं।
ऐसा ही कुछ मामला पश्चिम बंगाल में सामने आया जब कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विश्वास ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए। अब एक तरफ तो दिल्ली में टीएमसी और कांग्रेस विपक्षी एकता की बात करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने की बात करते हैं, लेकिन जब राज्य की बात आती है तो कांग्रेस के एकमात्र विधायक को भी ममता बनर्जी अपनी पार्टी में शामिल करा देती है।
इस घटना के बाद वरिष्ठ नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि इस प्रकार की जो खरीद-फरोख्त है वह बीजेपी के उद्देश्यों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की खरीद-फरोख्त जो पहले गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य राज्यों में भी हो चुकी है इससे विपक्षी एकता कैसे मजबूत होगी?
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी ट्वीट किया और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में लोकतंत्र की रक्षा के लिए राहुल गांधी की कांग्रेस और ममता बनर्जी की टीएमसी मिलकर नई संसद भवन के लोकार्पण का बहिष्कार कर रहे थे लेकिन बंगाल में ममता दीदी ने लोकतंत्र की रक्षा करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर से 0 पर पहुंचा दिया। सागरदीघे उपचुनाव जीतकर भी कांग्रेस इस चुनाव को हार चुकी है।
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव के द्वारा किए गए इस पीठ को आप यहां देख सकते हैं-
दिल्ली में "लोकतंत्र" की रक्षा के लिए राहुल की कांग्रेस और ममता की टीमसी मिलकर नए #संसद_भवन के लोकार्पण का बहिष्कार कर रहे थे,उधर बंगाल में दीदी ने "लोकतंत्र" की रक्षा करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर शून्य पर पहुंचा दिया।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 30, 2023
सागरदीघे उपचुनाव जीतकर भी हार गई कांग्रेस। pic.twitter.com/sQIXmtvPWW
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पहलवानों ने यह कहा है कि वह अपने सारे जीते हुए पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे।
भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण के आरोप लगे हुए हैं। उनके विरोध में पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस के द्वारा हिरासत में लेकर उन्हें जंतर मंतर के धरना स्थल से हटा दिया गया।
सरकार की इस कार्यवाही के बाद पहलवानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। आपको बता दें कि पहलवानों ने यह कहा है कि वह अपने सारे जीते हुए पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस बात की जानकारी ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने ट्वीट करके दी है।
देश के पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा सरकार विरोध प्रदर्शनों से निपटने में सक्षम नहीं है। उन्होंने लिखा कि जिस तरह से पहलवानों के साथ व्यवहार किया गया और मीडिया के सामने जो खराब दृश्य सामने आए वह नहीं आने चाहिए थे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय भी ऐसा ही दृश्य लोगों के सामने आया था। ऐसा लगता है कि अरुण जेटली जैसे नेताओं के निधन के बाद कम्युनिकेशन की भारी कमी सरकार को परेशान कर रही है।
वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
BJP govt is not capable to deal with protests.The way wrestlers were treated & bad press scenerio emerged, could be undone. Same happened wth farmers protests & others.
— सुशांत झा Sushant Jha (@jhasushant) May 30, 2023
It seems a huge deficit in communication mgt is marring the govt after the demise of leaders like Jaitley.
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी दफ्तर में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने बातचीत की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनो विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन जुटा रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विपक्षी नेताओं के समर्थन की बेहद आवश्यकता है।
इसी को लेकर उन्होंने लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने बातचीत की और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को लेकर एक बयान दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा यदि कल राजस्थान के खिलाफ सरकार कोई ऐसा अध्यादेश लाती है तो वह निश्चित तौर से कांग्रेस सरकार का साथ देंगे। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने ट्वीट कर बड़ी बात कही।
उन्होंने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आपकी यह सोच तो बिल्कुल सही है कि विपक्ष को एकजुट होकर सत्ता पक्ष से लोहा लेना चाहिए लेकिन गुजरात, पंजाब, हिमाचल और गोवा के चुनाव में आपकी यह सोच कहां चली गई थी। क्या आप यह कह रहे हैं कि अब राजस्थान के चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेंगे? क्या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी?
उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस को यह भरोसा दे दीजिए और विपक्षी एकजुटता की बात कीजिए! क्या कर सकेंगे? पूरे विपक्ष में यही तो सबसे बड़ी चुनौती है हर किसी को अपने अपने किले की पड़ी है, देश के बारे में कौन सोच रहा है। आगे उन्होंने यह भी लिखा कि अब तो आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी बन गई है।
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
केजरीवाल - मुद्दा केजरीवाल का नहीं है, मुद्दे पूरे देश का है। 140 करोड़ भारतीयों का है, अब #Congress को तय करना है कि वो देश के साथ खड़ी है या #BJP के साथ, हम सबको एकजुट होकर #BJP का मुक़ाबला करना चाहिये। पत्ते की बात कही आपने #Kejriwal जी। विपक्ष को एकजुट होकर सत्ता पक्ष से लोहा… https://t.co/hGvk5me0lS
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) May 30, 2023
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सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है वह इस प्रकार की धारणाओं को और भी बल दे रही है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा नहीं लगता है।
राजधानी दिल्ली में एक मोहम्मद साहिल नाम के लड़के ने अपनी दोस्त साक्षी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने उससे बात करना बंद कर दिया था। हालांकि मोहम्मद साहिल को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके बाद जो तस्वीर सामने आई है वह कई सवाल खड़े कर रही है।
दरअसल साहिल के हाथ में कलावा बंधा हुआ है जो कि हिंदू धर्म में एक पवित्र रक्षा सूत्र की तरह माना जाता है। इस फोटो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या साक्षी ने जब मोहम्मद साहिल से दोस्ती की थी तो क्या उसको पता था कि वह मुस्लिम है?
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे के मुताबिक यह लव जिहाद का भी मामला हो सकता है। सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है वह इस प्रकार की धारणाओं को और भी बल दे रही है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा नहीं लगता है।
उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि मोहम्मद साहिल ने नाबालिग लड़की को मारा और उसकी हत्या कर दी। उन्होंने आगे लिखा कि इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि उस गली से लोग जब गुजर रहे थे तो किसी ने भी मोहम्मद साहिल को रोकने की कोशिश नहीं की। यह भयानक है, आगे राजदीप सरदेसाई लिखते हैं कि हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सिर्फ 3 महीने पहले एक और साहिल गहलोत ने अपनी गर्लफ्रेंड नेहा की हत्या कर उसकी लाश को फ्रीज में ठूस दिया था इसलिए पागलपन से लव जिहाद चिल्लाने से पहले यह स्पष्ट करें कि अपराधी सभी समुदायों में है और सभी को इस मामले में कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
Delhi shocker: a young man Mohammad Sahil stabbed a minor girl Sakshi several times, kicked and eventually bludgeoned her to death with a stone . What is even more shocking is that people were passing by the lane and no one even tried to stop it. Just awful. Don’t also forget…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) May 29, 2023
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वारदात को अंजाम देने वाले लड़के का नाम साहिल है जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके से एक ऐसी सनसनीखेज हत्या की वारदात सामने आई है जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। एक नाबालिग हिंदू लड़की की उसके बॉयफ्रेंड ने 21 बार चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
चाकू से वार करने के बाद आरोपी ने पत्थर से भी लड़की को बार-बार कुचला और इस दौरान वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे और किसी ने भी मासूम नाबालिग को बचाने की कोशिश नहीं की।
वारदात को अंजाम देने वाले लड़के का नाम साहिल है, जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले पर पत्रकार प्रदीप भंडारी ने ट्वीट कर बड़ी साजिश की आशंका व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, 16 साल की मासूम नाबालिग साक्षी की बेरहमी से हत्या करने वाले के हाथ में कलावा है और उस 20 साल के दरिन्दे का नाम है 'मुहम्मद साहिल' उर्फ 'सरफराज'! कहीं ऐसा तो नहीं की बच्ची को मालूम ही नहीं था कि वह जिसके साथ रिलेशन में है, वो एक मुस्लिम है? और उसको गुमराह कर इसने अपने जाल में फंसाया हो और जब उसको सच्चाई मालूम चल गयी, तो उसकी हत्या कर दी? क्या ये लव जिहाद का केस है? क्या ये एक सुनियोजित साजिश है? सवाल तो खड़े होते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में हुए इस वीभत्स हत्याकांड के बाद लड़की की मां का बयान भी सामने आया है। लड़की की मां का कहना है कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। लड़की की मां ने यह भी बताया कि वह पिछले 10 दिनों से अपनी एक दोस्त के घर में रह रही थी और उस नाबालिग लड़की ने इसी साल दसवीं की परीक्षा भी पास की थी।
पत्रकार प्रदीप भंडारी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
16 साल की मासूम नाबालिक साक्षी की बेरहमी से हत्या करने वाले के हाथ में कलावा है और उस 20 साल के दरिन्दे का नाम है 'मुहम्मद साहिल' उर्फ़ 'सरफ़राज़'
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)?? (@pradip103) May 29, 2023
कहीं ऐसा तो नहीं की बच्ची को मालूम ही नहीं था की वो जिसके साथ रिलेशन में है वो एक मुस्लिम है?
और उसको गुमराह कर इसने अपने जाल में… pic.twitter.com/w1kfjUyfmQ
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साहिल लगातार 16 वर्षीय लड़की पर चाकू से वार करता दिख रहा है। वह पत्थर से भी नाबालिग को कुचलता है।
राजधानी दिल्ली से बेहद सनसनीखेज वारदात सामने आई है। शाहबाद डेयरी इलाके में एक युवक ने नाबालिग लड़की को चाकू और पत्थर से वार कर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी की पहचान साहिल पुत्र सरफराज के रूप में हुई है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साहिल लगातार 16 वर्षीय लड़की पर चाकू से वार करता दिख रहा है। वह पत्थर से भी नाबालिग को कुचलता है। वीडियो इतना विभत्स है कि देखकर दिल कांप जाए। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह ने ट्वीट कर अपनी पीड़ा और रोष व्यक्त किया है।
उन्होंने लिखा, हर साहिल के पीछे पूरी जमात खड़ी है जो वहशियाना मानसिकता को जन्म देती है, उसे संरक्षण देती है और पूरी ताकत से उसे कानून के कमजोर सीखचों से छुड़ाने का काम करती है! साहिल कोई अकेला नहीं है, उसे अकेले गाली देकर कोई फायदा नहीं, इस देश में सेक्युलरिज्म भी अपराधी का चेहरा देखकर चलती है!
आपको बता दें कि किसी ने भी साहिल को रोकने की कोशिश तक नहीं की। पुलिस टीम को लड़की का शव सड़क पर मिला। बताया जा रहा है कि नाबालिग जेजे कॉलोनी की रहने वाली थी। जब वह रविवार शाम बर्थडे पार्टी में जा रही थी, तब अचानक साहिल ने उसे रोका और हमला कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
हर साहिल के पीछे पूरी जमात खड़ी है जो वहशियाना मानसिकता को जन्म देती है, उसे संरक्षण देती है और पूरी ताकत से उसे कानून के कमजोर सीखचों से छुड़ाने का काम करती है! साहिल कोई अकेला नहीं है, उसे अकेले गाली देकर कोई फायदा नहीं, इस देश में सेक्युलरिज्म भी अपराधी का चेहरा देखकर चलती है!
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) May 29, 2023
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