'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस' पर सुधीर चौधरी ने की ये बड़ी अपील

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर 'डिकोड' उन महान आत्माओं को नमन करता है जिन्होंने हमें इस दुनिया में लाया, हमारे जीवन को सँवारा और हमें आज वह बनाया जो हम हैं।

Last Modified:
Friday, 22 August, 2025
sudhirji


विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हर साल 21 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य समाज में बुज़ुर्गों के योगदान को सम्मान देना और उनकी समस्याओं पर जागरूकता फैलाना है। यह दिवस पहली बार 1988 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की पहल पर शुरू हुआ था। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी अपने शो 'डिकोड' में इस पर चर्चा की।

उन्होंने एक संदेश देते हुए कहा, विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर 'डिकोड' उन महान आत्माओं को नमन करता है जिन्होंने हमें इस दुनिया में लाया, हमारे जीवन को सँवारा और हमें आज वह बनाया जो हम हैं। लेकिन क्या हम उन्हें उतना लौटा पाए हैं, जितना उन्होंने हमें दिया? दुर्भाग्य से जवाब ‘नहीं’ है।

आज हमारे बुज़ुर्ग उपेक्षा, अकेलेपन और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, खासकर इस तेजी से डिजिटल होती दुनिया में। 'Decode 4 Dada Dadi' केवल हमारे बड़ों को श्रद्धांजलि ही नहीं, बल्कि समाज के लिए एक आईना है जो हमें याद दिलाता है कि हमें उनके प्रति अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभानी होंगी।

इस अवसर पर आप भी अपने दादा-दादी या परिवार के बुज़ुर्गों के लिए एक छोटा-सा वीडियो बनाकर हमें भेजें, जिसे हम रीपोस्ट करेंगे। आइए, इस विशेष दिन पर अपने दादा-दादी के साथ खड़े हों, क्योंकि वही हमारी असली जड़ और हमारी सबसे बड़ी ताक़त हैं।

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कूटनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता: अखिलेश शर्मा

हम भारतीय सामान को अपने बाजार में और स्वागत करेंगे। भारत की आईटी, सॉफ्टवेयर और बायोमेडिसिन में ताकत है, जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नई ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ रहा है।

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Friday, 22 August, 2025
akhileshsharma

चीन के राजदूत शू फीहोंग ने भारत के साथ मजबूत दोस्ती और सहयोग की वकालत करते हुए अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ को 'गुंडागर्दी' करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50% तक का टैरिफ लगाया और और भी बढ़ाने की धमकी दी है, जिसका चीन पुरजोर विरोध करता है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी।

उन्होंने लिखा, कूटनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता न मित्र और न ही शत्रु। अगर कुछ स्थायी है तो वह है केवल अपना हित। वह चीन जो गलवान संघर्ष के बाद शत्रु की भूमिका में आ गया था, अब उससे रिश्ते सामान्य हो रहे हैं। वह अमेरिका जो चीन से संघर्ष के समय मित्र दिख रहा था, अब उससे रिश्ते कड़वे हो गए।

आपको बता दें, फीहोंग ने भारतीय सामान को चीनी बाजार में और जगह देने का वादा किया। उन्होंने कहा, हम भारतीय सामान को अपने बाजार में और स्वागत करेंगे। भारत की आईटी, सॉफ्टवेयर और बायोमेडिसिन में ताकत है, जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नई ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है।

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सीएम रेखा गुप्ता पर नहीं दिल्ली के लोगों पर हुआ हमला : रुबिका लियाकत

सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह हमला उनका नहीं बल्कि जनता की सेवा के संकल्प पर हमला है और इससे उनका हौसला और मज़बूत होगा।

Last Modified:
Thursday, 21 August, 2025
rubika

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ। राजकोट, गुजरात का रहने वाला 41 वर्षीय व्यक्ति शिकायतकर्ता बनकर पहुंचा और अचानक सीएम पर थप्पड़ मारने व बाल खींचने की कोशिश की।

इस मामले पर एंकर और पत्रकार रुबिका लियाकत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपना रोष प्रकट किया। उन्होंने लिखा, एक मुख्यमंत्री जो खुलकर जनता से संवाद करती हैं। लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनती हैं। अपने निवास पर जन सुनवाई करती हैं। और बेरोकटोक आम जनता से मिलतीं है। उन पर इस तरह का हमला असल में आम लोग और सीएम के बीच दूरी बनाने की कोशिश है।

क्या ये दिल्ली के लोगों पर सबसे बड़ा हमला नहीं है? आपको बता दें, सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह हमला उनका नहीं बल्कि जनता की सेवा के संकल्प पर हमला है और इससे उनका हौसला और मज़बूत होगा। घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं। फिलहाल उनकी सुरक्षा बढ़ाने और उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा कवर देने की तैयारी की जा रही है।

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पीएम-सीएम को हटाने वाला बिल पेश : राजदीप सरदेसाई ने उठाया ये बड़ा सवाल

विपक्ष का कहना है कि इस विधेयक का दुरुपयोग संभावित है, खासकर एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति को देखते हुए।

Last Modified:
Thursday, 21 August, 2025
amitshah

केंद्र सरकार ने संसद में भ्रष्टाचार और गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे नेताओं पर सख़्ती के लिए बड़ा क़दम उठाया है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसके तहत यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिनों से अधिक जेल में रहता है, तो उसे स्वतः पद से हटाना अनिवार्य होगा। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, पहली नज़र में तो ऐसा कोई क़ानून बुरा नहीं लगता, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री, या प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल चला जाता है तो उसे तुरंत अपने पद से हटा दिया जाए। यह तो ठीक और तार्किक लगता है।लेकिन असली समस्या यह है कि पिछले दस सालों में ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल सिर्फ़ विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ़ किया गया है।

विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गिरफ़्तार किया जाता है, जबकि बीजेपी के मंत्री या जो नेता बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, उन्हें अचानक ‘साफ़-सुथरा’ बता दिया जाता है।

ऐसे में अगर इतना सख़्त क़ानून बनाया जाएगा और उसका इस्तेमाल सिर्फ़ चुन-चुनकर विपक्ष के ख़िलाफ़ किया जाएगा, तो यह न्याय नहीं बल्कि तानाशाही होगी। यानी असली राजनीतिक सफाई नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे लोगों द्वारा विरोधियों को कुचलने का हथियार बन जाएगा।

आपको बात दें, विपक्ष का कहना है कि इस विधेयक का दुरुपयोग संभावित है, खासकर एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति को देखते हुए और इसकी प्रक्रिया न्यायपालिका और लोकतांत्रिक सुरक्षा तंत्र को कमजोर कर सकती है।

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उपराष्ट्रपति चुनाव में चंद्रबाबू नायडू का रुख महत्वपूर्ण: अवधेश कुमार

चंद्रबाबू नायडू या पवन कल्याण न्यायमूर्ति रेड्डी को संयुक्त आंध्र के होने के आधार पर समर्थन दे देंगे कम से कम इस समय तो इसकी संभावना क्षीण है।

Last Modified:
Wednesday, 20 August, 2025
avdheshkumar

विपक्षी INDIA ब्लॉक ने सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 19 अगस्त को इसका औपचारिक ऐलान किया और कहा कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ऐसा लगता है विपक्ष के लिए किसी राजनीतिक दल के नेता या ऐसे किसी राजनीतिक नाम पर सहमति बनाना कठिन था। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जगदीप धनखड़ के विरुद्ध अपनी नेत्री मार्गरेट अल्वा को खड़ा किया था।

इस बार भी कई नाम पर चर्चा की सूचना थी जिनमें तमिलनाडु के तिरुचि शिवा, अन्नादुरई से लेकर अन्य नाम थे। सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय एवं गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहने के बाद उच्चतम न्यायालय में भी न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मूलतः आंध्र प्रदेश के हैं इसलिए शायद विपक्ष की कोशिश भाजपा के उसे राज्य के साझेदारों के सामने दुविधा उत्पन्न करने की है।

जगनमोहन रेड्डी ने सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की पार्टियों का व्यवहार इस चुनाव में महत्वपूर्ण हो गया है। चंद्रबाबू नायडू या पवन कल्याण न्यायमूर्ति रेड्डी को संयुक्त आंध्र के होने के आधार पर समर्थन दे देंगे कम से कम इस समय तो इसकी संभावना क्षीण है। बावजूद उनके रुख पर पूरे‌ देश की दृष्टि टिकी है।

आपको बता दें, तेलंगाना के निवासी न्यायमूर्ति रेड्डी देश के प्रतिष्ठित विधिवेत्ता माने जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जिनमें सबसे चर्चित नंदिनी सुन्दर बनाम छत्तीसगढ़ मामला है, जिसमें राज्य समर्थित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित किया गया था।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए शताब्दी वर्ष गर्व का विषय : अमिताभ अग्निहोत्री

किसी भी गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन के लिए यह असाधारण उपलब्धि मानी जाएगी, क्योंकि यह न केवल उसकी संगठनात्मक क्षमता और वैचारिक दृढ़ता को दर्शाती है।

Last Modified:
Tuesday, 19 August, 2025
amitabhagnihotri

एनडीए (NDA) ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को नामित किया है। आगामी 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है, जिसमें राधाकृष्णन 'NDA' के उम्मीदवार होंगे। सी.पी. राधाकृष्णन लंबे समय से 'RSS' से जुड़े हुए माने जाते हैं। वे तमिलनाडु के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जिन्होंने संघ की विचारधारा के साथ खुद को जोड़ा और उसे जमीनी स्तर तक पहुँचाने का काम किया।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए शताब्दी वर्ष गर्व का विषय होने जा रहा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लिए उसका शताब्दी वर्ष (2025) वास्तव में गर्व का अवसर है।

आज देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और लोकसभा अध्यक्ष जैसे सर्वोच्च संवैधानिक व कार्यकारी पदों पर संघ के स्वयंसेवक विराजमान हैं। अब कुछ ही दिनों में जब उपराष्ट्रपति पद पर भी एक स्वयंसेवक (सी.पी. राधाकृष्णन) आसीन होंगे, तो यह संघ के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। किसी भी गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन के लिए यह असाधारण उपलब्धि मानी जाएगी, क्योंकि यह न केवल उसकी संगठनात्मक क्षमता और वैचारिक दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि समाज में उसकी स्वीकार्यता और प्रभाव को भी प्रमाणित करती है।

आपको बता दें, तमिलनाडु जैसे राज्य में, जहाँ परंपरागत रूप से द्रविड़ राजनीति का वर्चस्व रहा है, राधाकृष्णन का 'RSS पृष्ठभूमि वाला चेहरा' होना भाजपा के लिए महत्त्वपूर्ण रहा। वे दो बार कोयंबटूर से सांसद चुने गए और राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी पहचान संघनिष्ठ नेता की रही है।

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भुनी टोल प्लाज़ा घटना : हर्षवर्धन त्रिपाठी ने की 'NHAI' के इस कदम की सराहना

यह ठीक काम किया। लेकिन इतने हंगामे और उसमें सैनिक के शामिल होने के बाद आप यह कार्यवाही कर पाए। ऐसी घटनाएँ प्रतिदिन देश के अलग-अलग हिस्सों में होती हैं।

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Tuesday, 19 August, 2025
nhai

17 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय राजमार्ग-709A (मेरठ–करनाल खंड) के भुनी टोल प्लाज़ा पर टोल कर्मचारियों द्वारा सेना के जवानों के साथ की गई बदसलूकी के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सख़्त कार्रवाई की है। NHAI ने टोल संचालित करने वाली कंपनी धर्म सिंह एंड कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने 'NHAI' के इस कदम की सराहना की। उन्होंने एक्स पर लिखा, यह ठीक काम किया। लेकिन इतने हंगामे और उसमें सैनिक के शामिल होने के बाद आप यह कार्यवाही कर पाए। ऐसी घटनाएँ प्रतिदिन देश के अलग-अलग हिस्सों में होती हैं और उस पर कुछ नहीं किया जाता। उससे अपराधिक प्रवृत्ति के टोलकर्मियों का मन बढ़ता है।

आपको बता दें, NHAI ने इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा की है और कहा है कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों पर लोगों को सुरक्षित और निर्बाध यात्रा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कपिल सिंह पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में शामिल थे। वह छुट्टी पर घर आए थे और 18 अगस्त से उन्हें ड्यूटी जॉइन करनी थी। इसीलिए वह दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से श्रीनगर के लिए फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे।

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घुसपैठियों को नहीं मिलेगा वोट देने का अधिकार : डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

इस एक्ट में यह प्रावधान था कि अगर आपको लगता है कि आपके आस-पास कोई बांग्लादेशी व्यक्ति रह रहा है तो उसकी जिम्मेदारी नहीं है यह साबित करना कि वह भारत का नागरिक नहीं है।

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Tuesday, 19 August, 2025
sir in bihar

Special Intensive Revision (SIR) के तहत मतदाता सूची को साफ़ करने की प्रक्रिया राजनीतिक रूप से गरमाई हुई है। दरअसल बंगाल बीजेपी ने 'No SIR, No Vote' अभियान शुरू किया, आरोप लगाते हुए कि TMC 'SIR' में बाधा डाल रही है और यह चुनाव की पारदर्शिता के लिए खतरा है।

इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में कहा कि आज घुसपैठियों का वोट सभी इंडी गठबंधन के दलों को चाहिए। उन्होंने कहा, भारत के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार है, लेकिन ये अधिकार घुसपैठियों को नहीं है।

लेकिन आज इन्हीं घुसपैठियों का वोट सभी इंडी गठबंधन के दलों को चाहिए। जब भी हम घुसपैठिया बोलते हैं तो इंडी गठबंधन वाले इसे सीधा मुसलमानों से जोड़ देते हैं। इनकी इसी सोच के कारण देश का भी नुकसान हो रहा है और मुसलमानों का भी। रही बात घुसपैठ की, तो घुसपैठियों के आने की व्यवस्था 1983 में इंदिरा जी की सरकार के समय शुरू होती है, जब एक कानून लाया गया था IMDT एक्ट।

इस एक्ट में यह प्रावधान था कि अगर आपको लगता है कि आपके आस-पास कोई बांग्लादेशी व्यक्ति रह रहा है तो उसकी जिम्मेदारी नहीं है यह साबित करना कि वह भारत का नागरिक नहीं है, बल्कि अगर आपको शिकायत है तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप साबित करें कि वह बांग्लादेश का नागरिक है।

इस एक्ट के खिलाफ हमारे नेता सर्वानंद सोनोवाल सुप्रीम कोर्ट गए और 2006 में, इनकी सरकार के समय, इसे रद्द किया गया।बतौर गृह राज्य मंत्री, श्रीप्रकाश जायसवाल का 2006 का बयान है कि भारत में ढाई से तीन करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। इसके अलावा, 2012 में मुंबई के आजाद मैदान में बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम आया था या नहीं? जयपुर ब्लास्ट में बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम आया था या नहीं?इसीलिए, जब हमारी सरकार आई और जांच की बात की, NRC लाने की बात की, तो ये लोग धरने पर बैठ गए।

अब S.I.R का उद्देश्य भी सही वोटर की जांच करना है, लेकिन घुसपैठिया तो साइड इफेक्ट में अपने आप सामने आ रहा है। इसीलिए मैं कहता हूं कि विपक्ष का एकमात्र एजेंडा है कि 'कोई सूरत बदलना मेरा मकसद नहीं है, मेरा मकसद है हंगामा होना चाहिए।'

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मुंबई में भारी बारिश : रजत शर्मा ने उठाये ये बड़े सवाल

BMC का इस साल का बजट लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपये है, जो कि सिक्किम, मिज़ोरम, मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड—इन पाँचों पूर्वोत्तर राज्यों के संयुक्त वार्षिक बजट से भी ज़्यादा है।

Last Modified:
Tuesday, 19 August, 2025
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मुंबई में पिछले 2–3 दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर में महज़ 6–8 घंटों में 177 मिमी और तीन दिनों में लगभग 550 मिमी बारिश दर्ज हुई, जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, हर साल जब मुंबई में बारिश होती है, तो वही पुराना नज़ारा दोहराया जाता है। सड़कों पर, गलियों में और घरों तक पानी भर जाता है। लोग परेशान होते हैं, मुश्किलें झेलते हैं, लेकिन अब तो मानो उन्होंने इसे अपनी ज़िंदगी का 'नॉर्मल' हिस्सा मान लिया है।

सोचिए, ऐसा नहीं है कि मुंबई में पानी निकालने के लिए नालियां नहीं बनीं। शहर में लगभग 2000 किलोमीटर लंबे सतही नाले हैं, अंग्रेज़ों के ज़माने से चले आ रहे 440 किलोमीटर लंबे भूमिगत नाले हैं, इसके अलावा 269 किलोमीटर बड़े नाले और 87 किलोमीटर छोटे नाले फैले हुए हैं। फिर भी, ज़रा सी ज़्यादा बारिश होते ही ये पूरा सिस्टम फेल हो जाता है।

पैसे की भी कोई कमी नहीं है। BMC का इस साल का बजट लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपये है, जो कि सिक्किम, मिज़ोरम, मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड—इन पाँचों पूर्वोत्तर राज्यों के संयुक्त वार्षिक बजट से भी ज़्यादा है। पिछले कई वर्षों में 'फ्लड कंट्रोल' और 'वॉटर लॉगिंग रोकने' के नाम पर हज़ारों करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन हालात वही के वही हैं। लगता है जैसे वह सारा पैसा पानी बनकर मुंबई की सड़कों पर उतर आया हो। नतीजा यह है कि हर साल बरसात आते ही स्कूल बंद, कॉलेज बंद, ट्रेनें रुकी हुईं, बसें ठप, और लोगों से कहा जाता है कि घर से बाहर न निकलें।

लेकिन सवाल यह है कि जब BMC खुद मान लेती है कि वह कुछ नहीं कर सकती, तो फिर इतना बड़ा बजट किस काम का? और फिर भी, अगर आप कभी मुंबई बरसात के मौसम में देखें, तो वहां के लोगों का जज़्बा आपको हैरान कर देगा। भारी बारिश, घुटनों तक पानी, रुकी हुई ट्रेनें, जाम हुई सड़कें, फिर भी मुंबईकर हिम्मत नहीं हारते। किसी तरह काम पर निकलते हैं, ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं। आखिर उनका गुनाह क्या है? उन्हें हर साल किस बात की सज़ा दी जाती है? क्या BMC इसका जवाब देगी?

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया 'तन समर्पित, मन समर्पित' पुस्तक का भव्य लोकार्पण

डॉ. मोहन भागवत ने रमेश जी के प्रेरणादायक गुणों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि कैसे उनके जीवन में त्याग, अनुशासन के प्रति अथक प्रतिबद्धता के आदर्श प्रतिबिम्बित हुए।

Last Modified:
Tuesday, 19 August, 2025
mohanbhagwat

नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में स्वर्गीय रमेश प्रकाश के जीवन और योगदान को समर्पित उनकी जीवनी प्रधान पुस्तक "तन समर्पित, मन समर्पित" का अत्यंत ही मार्मिक और प्रेरक लोकार्पण हुआ। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी, इंडिया टुडे समूह की अध्यक्ष श्रीमती कली पुरी जी और स्वर्गीय रमेश प्रकाश की पत्नी श्रीमती आशा शर्मा जी की गरिमामयी उपस्थिति ने इस अवसर को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया, क्योंकि प्रत्येक ने रमेश जी की असाधारण जीवन-यात्रा को प्रतिबिंबित किया, जिसमें समाज कल्याण के प्रति उनके समर्पण, उनकी अटूट सेवा भावना और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट प्रेम का जश्न मनाया गया।

सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. मोहन भागवत ने रमेश जी के प्रेरणादायक गुणों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि कैसे उनके जीवन में त्याग, अनुशासन और सामाजिक सद्भाव के प्रति अथक प्रतिबद्धता के आदर्श प्रतिबिम्बित हुए। एक समर्पित कार्यकर्ता की पहचान उपाधियों, धन या सार्वजनिक प्रशंसा से नहीं, बल्कि आंतरिक अनुशासन, विनम्रता और व्यापक हित के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता से होती है। ऐसा व्यक्ति शांत, त्याग की भावना से परिपूर्ण होता है, हमेशा ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए तत्पर रहता है, कभी भी पहचान की चाह नहीं रखता, और हमेशा अपने उदाहरण से दूसरों को प्रेरित करता रहता है। रमेश जी इन गुणों के प्रतीक थे। उनकी सबसे बड़ी शिक्षाओं में से एक थी - राष्ट्र सेवा पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।

गृहस्थ आश्रम के ढांचे के भीतर, उन्होंने हमें दिखाया कि कैसे परिवार का पालन-पोषण प्रेम और जिम्मेदारी से किया जा सकता है, और साथ ही, उसी भावना को समाज और राष्ट्र तक भी पहुँचाया जा सकता है। व्यक्तिगत कर्तव्यों को जनसेवा के साथ सामंजस्य बिठाकर, उन्होंने प्रदर्शित किया कि दोनों अलग नहीं, बल्कि पूरक हैं। डॉ. भागवत ने प्रकाश जी की असाधारण सादगी और समर्पण पर भी विचार किया, और इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे व्यक्तित्व समाज के नैतिक ताने-बाने को मज़बूत करते हैं और बिना किसी पहचान या सामाजिक प्रतिष्ठा की लालसा के, रमेश जी ने राष्ट्र और उसके लोगों के कल्याण के लिए निरंतर परिश्रम किया, और अपने आदर्श की शांत उदात्तता से सभी को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे उनके मूल्य समाज की सेवा में पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

भारत के बौद्धिक और मीडिया जगत की ओर से बोलते हुए, श्रीमती कली पुरी ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह राष्ट्र निर्माण में व्यक्तिगत त्याग के महत्त्व की समयोचित याद दिलाती है और पंच परिवर्तन के विचार के महत्त्व पर भी प्रकाश डालती है। यह पुस्तक रमेश प्रकाश जी की अथक यात्रा को दर्शाती है, जिनका जीवन निस्वार्थ सेवा, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित था। सुरुचि प्रकाशन से सद्य: प्रकाशित यह पुस्तक रमेश प्रकाश जी की अथक जीवन-यात्रा को प्रकाशित करती है। एक ऐसा जीवन जो अनवरत निस्वार्थ सेवा, समाज कल्याण और राष्ट्र उत्थान के लिए समर्पित रहा।

प्रकाश जी सत्यनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित तो थे ही, वे त्याग और देशभक्ति के उन आदर्शों के प्रतीक थे, जिन्हें आरएसएस ने सदैव पोषित किया है। सामुदायिक विकास और युवा लामबंदी से लेकर सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों तक, उनका कार्य पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। श्री सुमित मलुजा जी ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और कहा- राष्ट्र के उत्थान और परम वैभव को अपने आचरण में उतार कर रमेश प्रकाश जी अमर हो गए।

इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता और रमेश जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरित-प्रभावित प्रशंसकों ने शिरकत की तथा राष्ट्र एवं समाज कल्याण के प्रति उनके सरल, विनम्र एवं पूर्णतः समर्पित जीवन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही काफी बड़ी संख्या में विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, शोधार्थी, विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। इतनी भारी संख्या के बीच "तन समर्पित, मन समर्पित" का लोकार्पण उसकी इस महत्ता को दर्शाता है कि यह केवल साहित्यिक अवसर मात्र नहीं, बल्कि जीवन-मूल्यों का उत्सव भी था, जिसने समस्त उपस्थित जनों को पुनः स्मरण कराया कि सेवा का सार राष्ट्र और उसकी जनता के प्रति अटूट समर्पण में सन्निहित है। सुरुचि प्रकाशन के श्री रजनीश जिंदल जी ने सभागार में उपस्थित सभी जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया तथा वंदे मातरम् गीत से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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क्या सी.पी. राधाकृष्णन का विरोध कर पाएगी डीएमके: राजदीप सरदेसाई

एनडीए का यह फैसला राजनीतिक तौर पर रणनीतिक माना जा रहा है, क्योंकि तमिलनाडु में बीजेपी लंबे समय से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

Last Modified:
Monday, 18 August, 2025
rajdeepsardesai

एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। राधाकृष्णन अपनी साफ-सुथरी और गैर-विवादास्पद छवि के लिए जाने जाते हैं और तमिलनाडु के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को चुनकर एक दिलचस्प फैसला लिया है। तमिलनाडु से आने वाले इस बीजेपी के वरिष्ठ नेता और आरएसएस के पसंदीदा चेहरे को चुनना राजनीतिक तौर पर प्रतीकात्मक है, क्योंकि यह वही राज्य है जहाँ बीजेपी अब तक मज़बूती से अपनी पकड़ नहीं बना पाई है और जहाँ आठ महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।

क्या डीएमके उनके विरोध का जोखिम उठा पाएगी? क्या विपक्ष ऐसा मज़बूत उम्मीदवार ला पाएगा जो इस चुनाव में उन्हें वास्तविक चुनौती दे सके, जबकि हार लगभग तय मानी जा रही है? या फिर यह चुनाव बिना किसी टक्कर के हो जाएगा? और क्या हमें एक ऐसा उपराष्ट्रपति मिलेगा जो ‘रूल-बुक’ के हिसाब से काम करेगा न कि राजनीतिक प्लेबुक के हिसाब से? और आख़िरी सवाल: श्री धनखड़ कहाँ हैं?

आपको बता दें, एनडीए का यह फैसला राजनीतिक तौर पर रणनीतिक माना जा रहा है, क्योंकि तमिलनाडु में बीजेपी लंबे समय से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। उनकी आरएसएस से जुड़ाव और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंधों को भी उनकी बड़ी ताकत माना जा रहा है।

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