अंकल और कजिन का मोदी संग विडियो शेयर करने पर घिरीं निधि राजदान

लोगों ने उठाए सवाल तो निधि ने एक ट्वीट के जरिये समझाने का भी किया प्रयास, बाद में साधी इस मुद्दे पर चुप्पी

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 23 September, 2019
Last Modified:
Monday, 23 September, 2019
Nidhi Razdan

एनडीटीवी को आमतौर पर मोदी समर्थक पसंद नहीं करते हैं। भले ही वहां हर पत्रकार मोदी विरोधी न हो, लेकिन माना यही जाता है कि कोई भी एनडीटीवी पत्रकार मोदी के सपोर्ट में नहीँ आ सकता है। ऐसे माहौल में अगर कोई सीनियर एंकर बड़ी खुशी के साथ अपने अंकल और कजिन का विडियो पीएम मोदी से मुलाकात करते हुए शेयर करे तो लोगों का चौंकना स्वभाविक है।

ऐसा ही हुआ एनडीटीवी की मशहूर एंकर और एग्जिक्यूटिव निधि राजदान के साथ, उन्होंने ट्विटर पर एक विडियो शेयर किया है। इस विडियो के साथ वो लिख रही हैं, ‘Hello  to my first cousin Shakun Malik standing next to the PM in front and to my uncle Subhash Razdan right behind her'। एक तरह से वो शकुन को हैलो करने के बजाय दुनिया को दिखा रही हैं कि कैसे हाउडी मोदी ईवेंट से ठीक पहले मोदी अमेरिका में उनके परिवार से भी मिले।

निधि राजदान के इतना लिखते ही मानो बवाल हो गया। दरअसल, मोदी का जो विडियो निधि राजदान ने शेयर किया, उसमें मोदी ह्यूस्टन में कश्मीरी पंडितों से मिल रहे थे। उसी ग्रुप में वो निधि के अंकल और कजिन शकुन से भी मिले और शायद मोदी को भी इसका अंदाजा नहीं होगा। लेकिन निधि की ट्वीट के बाद तमाम लोगों को पता लगा कि वो कश्मीरी पंडित हैं, तो वो मोदी के प्रति उनके रुख पर सवाल उठाने लगे।

निधि ने एक ट्वीट करके ये समझाने की भी कोशिश की कि जरूरी नहीं है कि मेरे विचार मेरे परिवार से भी मिलते हों, उनके विचार अलग हो सकते हैं। उन्होंने लिखा, ‘My family are entitled to their views. I have mine. Maybe you could stop sermonising for a minute and see the world isn’t black and white. Save the sanctimony please’।

लेकिन ट्विटरत्तियों का क्या है, वो एक बार शुरू हो गए तो फिर हो गए और ऐसा ही हुआ निधि के साथ भी, जब उन्हें लगा कि उनकी सफाई से भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो भी फिऱ खामोश हो गईं। सोच रही होंगी कि किस घड़ी उन्होंने मोदी और अपने परिवार का कनेक्शन दुनिया के साथ शेयर करने की सोची।

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इस बड़ी घटना पर बोले हर्षवर्धन त्रिपाठी, गोली के साथ बोली नहीं चल सकती

गृह मंत्रालय ने 16 दिन पहले ही यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) पर पांच सालों के प्रतिबंध बढ़ाया था।

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Published - Thursday, 30 November, 2023
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Thursday, 30 November, 2023
harshvardhan

मणिपुर के प्रतिबंधित और सबसे बड़े आतंकी संगठन को शांति की टेबल पर लाने में केंद्र सरकार की रणनीति कारगर साबित हुई। राज्य में स्थायी शांति के प्रयासों में जुटी केंद्र सरकार को आखिरकार कामयाबी मिल ही गई। गृह मंत्रालय ने 16 दिन पहले ही यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) पर पांच सालों के प्रतिबंध बढ़ाया था। गृह मंत्रालय के फैसले के 17 वें दिन उग्रवादी संगठन ने शांति समझौते पर दस्तखत कर दिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन  त्रिपाठी ने एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है।

उन्होंने लिखा, किसी सेना जैसी वर्दी पहने खड़े यह सारे मणिपुरी उग्रवादी संगठन "UNLF" से जुड़े हैं। यह भारत में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन था। आज से पहले तक यह सभी भारत के दुश्मन बने हुए थे। भारत सरकार और सेना से संघर्ष कर रहे थे। 24 नवंबर 1964 को यह बना, इसका उद्देश्य स्वतंत्र मणिपुर बनाना था।

अब पूर्वोत्तर के इस सबसे पुराने उग्रवादी संगठन ने हथियार डाल दिया है। भारत सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों के लिहाज से सबसे सुखद समाचार है। इस आत्मसमर्पण में मणिपुर के मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अमित शाह जो कि गृह मंत्री है वह स्पष्ट कह चुके हैं कि, मणिपुर की समस्या का पूर्ण समाधान निकालकर रहेंगे। पिछले 10 वर्षों की मोदी सरकार में पूर्वोत्तर के करीब एक दर्जन उग्रवादी संगठनों ने हथियार छोड़ दिया है। सरकार ने उनके लिए रास्ता तैयार किया है। कल्पना कीजिए कि, अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह मणिपुरी अगर हिंसा के रास्ते पर रहते तो शांति कितनी और कब तक हो पाती।

गोली के साथ बोली नहीं चल सकती। काम भी नहीं करती, लेकिन आखिरी रास्ता बोली ही है अगर गोली चलाने वाले गोली चलाना छोड़कर बोली के लिए तैयार हो तो। भारत की सरकार यह करा पा रही है तो सही रास्ते पर है। हर भारतवासी पूर्ण शांति की कामना कर रहा है।

 

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टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर बोले सुशांत सिन्हा, इस देश में गरीब की जान की भी कीमत

उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि इन श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
sushant

उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूरों को एक-एक करके 800 मिमी के उस पाइप के जरिए बाहर निकाला जा गया है, जिसे मलबे में ड्रिल करके डाला गया था। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने 'एक्स' पर पोस्ट कर पीएम मोदी और भारत सरकार की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, 'उत्तरकाशी के टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का एक बहुत बड़ा मेसेज ये है कि इस देश में गरीब के जान की भी कीमत है। जिस तरह से विदेश से एक्सपर्ट बुलाने से लेकर, महंगी से महंगी मशीन, हवाई जहाज, दसियो डिपार्टमेंट और भरपूर मैन पावर लगाए गए और ऐसा लगा कि मोदी सरकार ने घोड़े खोल दिए हैं गरीब की जान बचाने के लिए। ये देश के लिए बहुत सुखद और बहुत बड़ा संदेश है। आज गरीब के जान की भी कीमत है।'

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।'

 

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सिल्क्यारा सुरंग से 17 दिन बाद सुरक्षित निकाले गए मजदूर, रुबिका लियाकत ने कही ये बड़ी बात

पीएम ने हर डग पर टोह ली, सीएम धामी ने मिशन की ख़ुद जिम्मेदारी ली, जनरल सिंह ने सारी एजेंसियों और मजदूरों का मनोबल बांधे रखा।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
rubika

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से 17 दिन बाद सुरक्षित निकाले गए मजदूरों से पीएम मोदी ने बातचीत की। मंगलवार देर रात बचाए गए मजदूरों के साथ अपनी फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि इतने दिनों तक खतरे में रहने के बाद सुरक्षित बाहर आने पर मैं आपको बधाई देता हूं। यह मेरे लिए खुशी की बात है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'न पसंद आए न सही। सत्य ये है कि मिशन जिंदगी को पीएम मोदी से लेकर, सीएम पुष्कर धामी, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह से लेकर आख़िरी कर्मचारी तक पूरी तन्मयता और संजीदगी से निभाया गया। आस्था का पूर्ण सम्मान और विज्ञान पर सम्पूर्ण भरोसे ने 41 श्रमवीरों को बचा लिया। पीएम ने हर डग पर टोह ली, सीएम धामी ने मिशन की ख़ुद ज़िम्मेदारी ली, जनरल सिंह ने सारी एजेंसियों और मजदूरों का मनोबल बांधे रखा। जब पूरा अमला लग जाता है तो ज़मीन पर बचाने वाले और टनल में फंसे लोगों का हौसला बुलंद रहता है। इस भावना के साथ कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जय हिंद करते रहिए, लानत-मलानत। किसी में तो महारत हो।'

आपको बता दें कि पीएम ने कहा कि मेरे पीएमओ के अधिकारी भी वहां बैठे थे। लेकिन सिर्फ सूचना मिलने से चिंता कम नहीं होती। इस दौरान बिहार के रहने वाले युवा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के सबा अहमद ने प्रधान मंत्री को बताया कि वो कई दिनों तक सुरंग में फंसे रहे, लेकिन उन्हें कोई डर या घबराहट महसूस नहीं हुई।

 

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पंकज शुक्ल की इस पोस्ट पर बोले विनोद अग्निहोत्री, यह है अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि

पंकज त्रिपाठी की 'मैं अटल हूं' अगले साल 19 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
vinodagnihotri

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पंकज त्रिपाठी मौजूदा वक्त में अपनी आगामी फिल्म 'मैं अटल हूं' को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में अभिनेता देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन पर्दे पर उतारने वाले हैं। पंकज त्रिपाठी की 'मैं अटल हूं' अगले साल 19 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। उन्होंने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर फिल्म से अपनी कुछ झलकियां साझा की हैं।

खास बात यह है कि यह पोस्टर हिंदी भाषा में रिलीज किए गए है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर फिल्म समीक्षक पंकज शुक्ल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट की और लिखा, 'हिंदी सिनेमा में इन दिनों जब अधिकतर पोस्टर अंग्रेज़ी में ही जारी हो रहे हैं तो ऐसे में पंकज त्रिपाठी की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म के पहले पोस्टर हिंदी में ही जारी होना एक सुखद एहसास भी है और हिंदी सिनेमा में हिंदी की महत्ता को स्थापित करने का सराहनीय प्रयास भी है।'

उनकी इस पोस्ट को वरिष्ठ पत्रकार और लेखक विनोद अग्निहोत्री ने रिपोस्ट किया और अटल जी की याद किया। उन्होंने लिखा, 'ये संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार हिन्दी में भाषण देने वाले तत्कालीन विदेश मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है। इसके लिए फ़िल्म निर्माता और अभिनेता पंकज त्रिपाठी को साधुवाद।'

आपको बता दें कि फिल्म निर्माता रवि जाधव ने इस फिल्म का निर्देशन किया है जो ‘नटरंग’ और ‘बालगंधर्व’ जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। इसकी पटकथा उत्कर्ष नैथानी ने लिखी है। ‘मैं अटल हूं’ फिल्म का निर्माण विनोद भानुशाली, संदीप सिंह और कमलेश भानुशाली ने किया है। वहीं, भावेश भानुशाली और सैम खान फिल्म के सह-निर्माता हैं।

 

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इस मसले पर बोले मानक गुप्ता, ‘देश के असली दुश्मन’ की परिभाषा समझ लीजिए

कश्मीर घाटी के गांदरबल जिले के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शुहामा कैंपस में छात्रों के बीच में टकराव होने का मामला सामने आया है।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
manak

कश्मीर घाटी के गांदरबल जिले के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शुहामा कैंपस में छात्रों के बीच में टकराव होने का मामला सामने आया है। इसमें सात छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन छात्रों ने 19 नवंबर को क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद जश्न मनाया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मानक गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, '7 कश्मीरी छात्रों ने क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत की हार पर पटाख़े फोड़े, ’पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाये। UAPA के तहत धरे गए हैं। पहले भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तान का साथ देते थे, पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाते थे। अब तो ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार पर भी ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’? देश में छुपे ‘देश के असली दुश्मन’ की परिभाषा समझ लीजिए। ‘आस्तीन के सांप’ भी कह सकते हैं।'

आपको बता दें कि इस मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार, छात्रों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13 और सार्वजनिक शरारत व आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

 

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पूर्व पीएम वीपी सिंह के बहाने मिले अखिलेश और स्टालिन, अशोक श्रीवास्तव ने कसा तंज

उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, हजारों साल से न्याय और बराबरी की उम्मीद करने वाले हमारे से खड़े होकर इस लड़ाई को और मजबूत बनाएंगे।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
ashok

पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की आदमकद प्रतिमा का चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में तमिलनाडु के सीएम व द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सोमवार को अनावरण किया। उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित किया। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ी बात कही है।

उन्होंने लिखा, 'पहले बोफोर्स तोप सौदे में देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दलाली खाने वाला बताकर और फिर भारत में मंडल की राजनीति का बीज बोने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के ऐसे अभागे राजनेता हैं जो प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे लेकिन उनकी मृत्यु पर देश के पास आंसू बहाने का भी वक्त नहीं था। क्योंकि 27 नवंबर 2008 को जब उनकी मृत्यु हुई तब मुंबई पर आतंकी हमला हो चुका था और ताज होटल में आतंकियों ने सैंकड़ों लोगों को बंधक बना रखा था और आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों की कार्यवाई चल रही थी, जिसकी लाइव कवरेज पूरी दुनिया देख रही थी।

तब वीपी सिंह के लिए वक्त किसके पास था। लेकिन 2008 से 2023 तक के 15 सालों में भी वीपी सिंह किसी को याद नहीं आए और आज अचानक पुण्य तिथि पर फुल पेज विज्ञापन और प्रतिमा का अनावरण। इतनी शिद्दत से आज जो स्टालिन और अखिलेश यादव ने वीपी सिंह को याद किया, वो और कुछ नहीं भारत ने "मंडल - 2" को लांच करने की तैयारी है।

तलिमनाडू में कार्यक्रम है जहां डीएमके और कांग्रेस की सरकार है,लेकिन इस विज्ञापन में अखिलेश तो हैं पर सरकार में शामिल कांग्रेस के किसी नेता की तस्वीर नहीं। आखिर क्यों?'

 

 

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'एक्स' पर पत्रकार विनीता यादव पर की गईं जातिगत टिप्पणी, वीडियो शेयर कर हुईं भावुक

दरअसल विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था।

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Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
vinita

डिजिटल न्यूज चैनल 'न्यूज नशा' की संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विनीता यादव पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कुछ यूजर्स द्वारा जातिगत टिप्पणी करने का मामला सामने आया है। दरअसल, विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था। अपने इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'चांद पर पहुंच गये , लेकिन 10-15 दिनों से सुरंग में फंसे 40 मजदूरों तक नहीं पहुंच सकते।' इसके बाद से ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। इस वीडियो पर आए अधिकतर कमेंट नकारात्मक थे।

इसके बाद खुद विनीता यादव ने एक वीडियो जारी किया और बताया कि किस प्रकार उन्हें ना सिर्फ ट्रोल किया गया है बल्कि उनकी 'जाति' को लेकर भी उन्हें कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। जबकि एक पत्रकार होने के नाते उन्होंने सिर्फ सरकार से एक सवाल किया था।

वीडियो में विनीता यादव ने कहा, 'मैंने एक पत्रकार के तौर पर सदैव सही को सही और गलत को गलत कहा है, मैंने कभी किसी की जाति और धर्म देखकर एकतरफा बात नहीं की है। लेकिन मेरे वीडियो पर आए कमेंट मुझे निराशा करते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि मेरे और परिवार को लेकर बहुत कुछ गलत लिखा गया है। ये जो ट्रोल आर्मी है, इन्हें कभी भी किसी पत्रकार का अच्छा काम नहीं दिखाई देता है। मेरी जाति को लेकर लोग बात कर रहे हैं और मुझे दूध बेचने के लिए कहा जा रहा है।

इस वीडियो में अपनी बात कहते-कहते विनीता यादव भावुक भी हो जाती हैं। समाचार4मीडिया किसी भी पत्रकार को लेकर इस प्रकार किए गए भद्दे कमेंट्स का समर्थन नहीं करता है। एक पत्रकार को हमेशा अपनी बात कहने का हक है और उसकी जाति और धर्म के नाम पर उसे अपमानित करना निंदनीय कार्य है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।

 

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संशोधित नागरिकता कानून को जल्द लागू करेगी सरकार, राहुल शिवशंकर ने कही ये बड़ी बात

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है।

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Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
rahul

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है। यह बातें उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं। सीएए में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं।

उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'केंद्र का अब कहना है कि सीएए को इस साल मार्च में अधिसूचित किया जाएगा। 2015 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए सीएए को 2020 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

सीएए अधर में लटका हुआ है क्योंकि इसे लागू करने के नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। कल्पना करना, यह तब है, जब 2020 के बाद से पाकिस्तान में औसतन हर साल 1000 हिंदू महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। जो लोग विरोध करते हैं उनका उल्लंघन किया जाता है या उन्हें मार दिया जाता है।'

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‘X’ पर इस फीचर को लेकर एलन मस्क ने बदला अपना फैसला, कही ये बात

एलन मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह फीचर दोबारा से कब शुरू होगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 27 November, 2023
Last Modified:
Monday, 27 November, 2023
Elon Musk

खरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क ने जब से 'एक्स' (X) की कमान संभाली है, तब से यह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म किसी न किसी वजह से लगातार चर्चा में बना हुआ है। अब यह प्लेटफॉर्म एक बार फिर खबरों में है।

दरअसल, यह घोषणा करने के महीनों बाद कि ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए न्यूज लिंक में हेडलाइंस नहीं होंगी, एलन मस्क ने अब घोषणा की है कि वह इस निर्णय को वापस लेंगे। ऐसे में अब इस प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गईं न्यूज रिपोर्ट्स और आर्टिकल्स में फिर से हेडलाइंस दिखाई देंगी।

हालांकि, मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह फीचर दोबारा से कब शुरू होगा। अपने एक पोस्ट में मस्क ने लिखा है, ‘आने वाले समय में एक्स यूआरआल कार्ड की इमेज के ऊपरी भाग में टाइटल को प्रदर्शित करेगा।’

गौरतलब है कि अगस्त में मस्क ने घोषणा की थी कि ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए न्यूज आर्टिकल्स के साथ हेडलाइंस नहीं होंगी। यदि आसान से शब्दों में बात करें तो जब कोई न्यूज पब्लिशर्स या फिर कोई क्रिएटर ‘एक्स’ पर कोई लिंक शेयर करते थे तो फोटो के ऊपर न्यूज अथवा आर्टिकल की हेडलाइन नजर आती थी।

यह फीचर बंद होने के बाद से तमाम यूजर्स उस न्यूज अथवा आर्टिकल को नहीं पढ़ते थे। हालांकि इस फीचर के बंद होने के बाद तमाम न्यूज पब्लिशर्स फोटो के ऊपर हेडिंग लिखने लगे थे, लेकिन इसमें काफी समय बर्बाद होता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कदम अधिक यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर बनाए रखने और उन्हें बाहरी लिंक पर क्लिक करने से हतोत्साहित करने के लिए उठाया गया था।

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बंगाल की सीएम के इस बयान पर सुधीर चौधरी ने किया 'पलटवार', जानें क्या है पूरा मामला

वर्ष 1996 का वर्ल्ड कप भी भारत में ही खेला गया था और उस समय भारत की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई थी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 25 November, 2023
Last Modified:
Saturday, 25 November, 2023
sudhircgaudhary

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर वर्ल्ड कप का फाइनल कोलकाता में होता तो टीम इंडिया जीत जाती। भारतीय क्रिकेट टीम ने विश्व कप में सभी मैच जीते, सिवाय एक मैच के, जिसमें पापी मौजूद थे। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी न्यूज़ चैनल 'आजतक' के प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में बात की और उनके इस बयान को बेतुका बताया।

उन्होंने कहा, 'वर्ष 1996 का वर्ल्ड कप भी भारत में ही खेला गया था और उस समय भारत की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई थी और सेमीफाइनल का यह मैच कोलकाता के इसी ईडन गार्डन्स में खेला गया था, जिसका जिक्र ममता बनर्जी ने किया। लेकिन श्रीलंका की टीम ने तब भारत की टीम को इसी स्टेडियम में हरा दिया था और भारत वर्ल्ड कप जीतने से एक बार फिर चूक गया था और सेमीफाइनल के बाद बाहर हो गया था।

तो क्या उस मैच में कोलकाता का यह स्टेडियम भारत की हार के लिए पनौती था? और आपको याद होगा कोलकाता के जो लोग थे वह इतने नाराज हुए थे, उन्होंने प्रोटेस्ट करने शुरू कर दिए थे। इस तरह की आगजनी शुरू कर दी थी स्टेडियम में, क्योंकि वह इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे, तो अगर ऐसी ही बात है तो फिर 1996 के वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल भारत की टीम इसी कोलकाता के ईडन गार्डन्स में क्यों हारी? इस सवाल का जवाब होना चाहिए।'

 

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