गुजरात विधानसभा चुनाव में बस अब कुछ महीनों का ही समय है और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस समय पूरे जोर-शोर से ‘आम आदमी पार्टी‘ की सफलता के लिए प्रचार कर रहे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव में बस अब कुछ महीनों का ही समय है और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस समय पूरे जोर-शोर से ‘आम आदमी पार्टी‘ की सफलता के लिए प्रचार कर रहे हैं। कल ऑटो से जाते समय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अरविंद केजरीवाल और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई।
दरअसल, केजरीवाल उस दौरान ऑटो चालक के घर उसके ऑटो में ही बैठकर जाने की जिद पर अड़े थे, जबकि पुलिसकर्मी उन्हें सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से इसकी इजाजत नहीं देना चाहते थे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं चाहिए।
उन्होंने यहां तक कहा कि यदि उनके साथ कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार वह खुद होंगे। लेकिन अगर देखा जाए तो 21 अगस्त को ही 'आप' द्वारा गुजरात में अरविंद केजरीवाल पर हमले की आशंका जाहिर करते हुए डीजीपी से सुरक्षा देने की मांग की गई थी।
इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार और 'टाइम्स नाउ नवभारत' में सीनियर एंकर सुशांत सिन्हा ने एक ट्वीट कर देश के गृहमंत्री अमित शाह से एक अनोखी मांग कर डाली।
सुशांत सिन्हा ने अपने ट्विटर पर लिखा, ' गुजरात जाकर केजरीवाल जी कह रहे हैं कि उन्हें सिक्योरिटी नहीं चाहिए, ऑटो में चलना है। सिक्योरिटी में बंधा हुआ महसूस करते हैं। गृहमंत्री अमित शाह जी से निवेदन है कि जब केजरीवाल जी दिल्ली लौटें तो उनकी सारी सिक्योरिटी हटाकर और सरकारी गाड़ी की जगह ऑटो देकर उन्हें स्वतंत्र महसूस कराएं।‘
सुशांत सिन्हा द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।गुजरात जाकर @ArvindKejriwal जी कह रहे उन्हें सिक्योरिटी नहीं चाहिए, ऑटो में चलना है,सिक्योरिटी में बंधा हुआ महसूस करते हैं।गृहमंत्री @AmitShah जी से निवेदन है कि जब केजरीवाल जी दिल्ली लौटें तो उनकी सारी सिक्योरिटी हटाकर और सरकारी गाड़ी की जगह ऑटो देकर उन्हें स्वतंत्र महसूस कराएं। pic.twitter.com/x7oJdnyd0s
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 12, 2022
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 4 छात्र हिरासत में लिए गए हैं। जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है।
पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश में बवाल खड़ा हो गया है। बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भी हंगामा हुआ।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने मंगलवार रात 9 बजे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया था। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि जब वे अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब उन पर हमला किया गया।
वहीं, इसके बाद अब जामिया यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 4 छात्र हिरासत में लिए गए हैं।
जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामिया की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
इस पूरे मसले पर 'एबीपी न्यूज़' के वरिष्ठ पत्रकार 'अभिषेक उपाध्याय' ने एक ट्वीट कर अपनी राय सामने रखी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी को मालूम था कि अगर PM मोदी पर बनाई BBC की डॉक्यूमेंट्री बैन होगी तो सबसे पहले वामपंथी चीखेंगे। वे इसे दिखाने पर अड़ जायेंगे। डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगे का चैप्टर है। ये चैप्टर जितना चर्चा में आएगा, BJP के लिए उतना मुफीद होगा। ये एक "ट्रैप" था जिसमे वामपंथी फंस चुके हैं।
'एबीपी न्यूज़' के वरिष्ठ पत्रकार 'अभिषेक उपाध्याय' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
बीजेपी को मालूम था कि अगर PM मोदी पर बनाई BBC की डॉक्यूमेंट्री बैन होगी तो सबसे पहले वामपंथी चीखेंगे। वे इसे दिखाने पर अड़ जायेंगे। डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगे का चैप्टर है। ये चैप्टर जितना चर्चा में आएगा, BJP के लिए उतना मुफीद होगा।
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) January 25, 2023
ये एक "ट्रैप" था जिसमे वामपंथी फंस चुके हैं।
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इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र के वजीर हसन रोड पर स्थित एक इमारत के गिरने से बड़ा हादसा हो गया है। इमारत का नाम अलाया अपार्टमेंट है। दरअसल, यह एक पुरानी इमारत थी। हाल ही में आए भूकंप के बाद इमारत में दरारें आ गई थीं। लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया। बताया जा रहा है कि करीब 30 से 40 के करीब लोग नीचे मलबे में दब गए।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इमारत गिरने की दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि आलिया अपार्टमेंट याजदान बिल्डर ने बनाया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इमारत में कोई रिपेयर वर्क चल रहा था। ड्रिलिंग की आवाज आ रही थी। तभी बिल्डिंग गिरी। इस पूरी घटना पर 'भारत समाचार' के एडिटर-इन-चीफ और वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' ने भी ट्वीट कर अपना रोष प्रकट किया है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, ऊंची इमारत। कमजोर बुनियाद। न नक्शा पास और न कोई मंजूरी। लखनऊ के हजरतगंज में एक ऐसी ही मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ताश के पत्ते माफिक ढह गई। न जाने कितनी जिंदगियां मलबे में है। कुछ खुशकिस्मत बाहर निकल आए। बाकियों के लिए मलबा ही कब्र बन गया है। बिल्डर,अथॉरिटी और पुलिस का "यमराज गठजोड़" है।
वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
ऊंची इमारत। कमजोर बुनियाद। न नक्शा पास और न कोई मंजूरी। लखनऊ के हजरतगंज में एक ऐसी ही मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ताश के पत्ते माफिक ढह गई। न जाने कितनी जिंदगियां मलबे में है। कुछ खुशकिस्मत बाहर निकल आए। बाकियों के लिए मलबा ही कब्र बन गया है। बिल्डर, अथॉरिटी और पुलिस का "यमराज गठजोड़"है pic.twitter.com/T8kGHczRTe
— Brajesh Misra (@brajeshlive) January 24, 2023
INS ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से संबंधित खबरों को तथ्यात्मक कसौटी पर रखने के लिए प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 संशोधन प्रारूप पर चिंता व्यक्त की
इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से संबंधित खबरों को तथ्यात्मक कसौटी पर रखने के लिए प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 संशोधन प्रारूप पर चिंता व्यक्त की और इसे वापस लेने की मांग की है।
आईएनएस ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्रस्तावित नियम वापस लेने के साथ ही खबरों को परखने के वास्ते एक तंत्र बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने की मांग की है।
आईएनएस ने केंद्रीय सूचना मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से खबरों की तथ्यात्मक परख करने का प्रावधान करने वाले प्रस्तावित नियम की धारा 3 (1) (बी)(5)पर विशेष रूप से चिंता व्यक्त की। सोसायटी का मानना है कि यह नियम भारत में प्रेस के कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को झूठा करार दिया, जिसके बाद उनके बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है।
दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा था कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर चल रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रिपोर्टर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से सवाल पूछ रहे है लेकिन पीछे से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश आकर उस रिपोर्टर को रोकने का प्रयास करते है और उसे पीछे धकेल देते हैं। ऐसे में उनके इस रवैये की बड़ी आलोचना हो रही है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार 'सुमित अवस्थी' ने भी एक ट्वीट कर उन्हें एक नसीहत दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'जयराम रमेश साहब को मीडिया के माइक पर हाथ मारने और आजतक रिपोर्टर को झटकने की बजाये अपने साथी दिग्विजय सिंह जी को वैसे ही झटकना चाहिए था! क्या वो ऐसा करते किसी को दिखे? अपने घर और घरवालों पर ध्यान देंगे तो बेहतर होता।
हालांकि राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति जताई है और उसे पार्टी का बयान नहीं मानने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि वो सेना का पूरा सम्मान करते है। इस पर सुमित अवस्थी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इसे तो राहुल गांधी की दिग्विजय सिंह पर सर्जिकल स्ट्राइक ही कहा जायेगा! वर्ना सरेआम अपनी पार्टी के दिग्गी राजा जैसे बड़े नेता के बयान को ‘हास्यास्पद’ कहकर क्यों उनका माखौल उड़ाते।
पत्रकार सुमित अवस्थी के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते है-
जयराम रमेश साहब को मीडिया के माइक पर हाथ मारने और आजतक रिपोर्टर को झटकने की बजाये अपने साथी दिग्विजय सिंह जी को वैसे ही झटकना चाहिए था! क्या वो ऐसा करते किसी को दिखे?? अपने घर और घरवालों पर ध्यान देंगे तो बेहतर होता..
— Sumit Awasthi (@awasthis) January 23, 2023
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दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर ही चल रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर ही चल रही है।
उन्होंने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं और उन्होंने इतने लोगों को मारा है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। 'दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अब सियासत तेज हो गई है और बीजेपी भी उनके ऊपर हमलावर है। इसी बीच 'इंडिया न्यूज' के मैनेजिंग एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार 'राणा यशवंत' ने ट्वीट कर उनके इस बयान पर हैरानी जताई है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, दिग्विजय सिंह बयान नहीं देते,रायता फैलाते हैं। आज इनको याद आया कि बालाकोट हमले का सबूत मोदी सरकार ने नहीं दिया। 2019 में ही 14 अगस्त यानी पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर तब के पीएम इमरान खान ने कहा था कि सूचना है कि भारत बालाकोट से भी बड़ा हमला कर सकता है, ये सबूत नहीं है?
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि जहां तक 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का सवाल है तो उस अभियान पर गए कमांडोज ने मीडिया से बात की थी। पीएम ने उस पर इंटरव्यू दिया था। क्या ये सब सबूत नहीं है? उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में कांग्रेस नेता से पूछा कि क्या आपको सेना पर यकीन नहीं है?
राणा यशवंत द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।जब ऑपरेशन पूरा हो गया, कमांडो लौट आए उसके बाद यानी 29 सितंबर 2016 को भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया था कि सेना ने सीमा पर आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की है. वह भी सबूत नहीं था? या सेना पर यकीन नहीं?
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) January 23, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है,यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।
गोस्वामी तुलसीदास विरचित 'रामचरितमानस' इस समय विवादों में है। दरअसल बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस को लेकर बयान का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, इसके कुछ हिस्से पर मुझे आपत्ति है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी अनुचित बयानबाजी की। उनके इस बयान के बाद वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल न्यूज़ पोर्टल 'न्यूज़ नशा' की संपादक विनीता यादव ने ट्वीट कर उनकी कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि विपक्ष को ऐसे आत्मघाती हमलों से बचना चाहिए ,एक तरफ़ अखिलेश जाति समीकरण को मज़बूत करना चाहते हैं दूसरी तरफ़ धर्म पर जाकर ये बीजेपी के लिए काम रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को टैग भी किया है।
विनीता यादव के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
विपक्ष को ऐसे आत्मघाती हमलों से बचना चाहिए , एक तरफ़ अखिलेश जाति समीकरण को मज़बूत करना चाहते हैं दूसरी तरफ़ धर्म पर जाकर ये बीजेपी के लिए काम रहे हैं ।@yadavakhilesh https://t.co/VtktxAM1HT
— Vineeta yadav (@vineetanews) January 23, 2023
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लगभग हर मीडिया हाउस के कैमरे उनकी कथा और भक्तों को कवर करने में लगे हुए है। इसके पीछे का कारण बाबा का कथित चमत्कार बना हुआ है।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस समय मीडिया की पहली पसंद बने हुए हैं। लगभग हर मीडिया हाउस के कैमरे उनकी कथा और भक्तों को कवर करने में लगे हुए हैं। इसके पीछे का कारण बाबा का कथित चमत्कार बना हुआ है। जाहिर सी बात है कि एक वर्ग इसे पाखंड बता रहा है वहीं दूसरा वर्ग इसे आस्था कह रहा है।
हिन्दू धर्म के कई संगठनों का यह कहना है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन से बचा रहे हैं, जिसके कारण योजनाबद्ध तरीके से उन्हें बदनाम किया जा रहा है। इस पूरे मामले पर टीवी9 उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड के सलाहकार संपादक अमिताभ अग्निहोत्री ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्ति की है।
उन्होंने लिखा, झाड़ -फूंक, तंत्र- मंत्र, प्रेत बाधा, दैवीय कृपा और गंडा तावीज ये सब धर्मों में व्यावहारिक रूप से प्रचलित है। इनके नाम अलग अलग हो सकते हैं लेकिन ये हैं हर जगह फिर सेलेक्टिव एप्रोच क्यों ?? सवाल उठाने वाले अगर निरपेक्ष और तटस्थ नहीं हैं तो उन्हें गंभीरता से क्यों लिया जाए ?
अमिताभ अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।झाड़ -फूंक, तंत्र- मंत्र, प्रेत बाधा, दैवीय कृपा और गंडा -तावीज ये सब धर्मों में व्यावहारिक रूप से प्रचलित है--इनके नाम अलग -अलग हो सकते हैं लेकिन ये हैं हर जगह--फिर सेलेक्टिव एप्रोच क्यों ?? सवाल उठाने वाले अगर निरपेक्ष और तटस्थ नहीं हैं तो उन्हें गंभीरता से क्यों लिया जाए --
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) January 22, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर अब महिलाओं के यौन शोषण के आरोप हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि वह शाम को प्रेस वार्ता कर इस साजिश का खुलासा करने वाले हैं
डब्लूएफआई (WFI) यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह अब मुश्किल में हैं। दरअसल, पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, अंशु मलिक और रवि दहिया समेत देश के दिग्गज पहलवान सड़कों पर उतर आए हैं और दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर अब महिलाओं के यौन शोषण के आरोप हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि वह शाम को प्रेस वार्ता कर इस साजिश का खुलासा करने वाले हैं। वहीं इस पूरे मामले पर हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' की सीनियर एंकर 'अंजना ओम कश्यप' ने भी एक ट्वीट कर अपनी बात कही है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, बृज भूषण शरण सिंह यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं बने रह सकते। इस्तीफा हो, निष्पक्ष जांच हो और देश की शान बढ़ाने वाली हमारी बेटियों के आरोप सही साबित होने पर एक एक बच्ची को वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए ताकि आने वाले काल में सामने आने के लिए नजीर बने।
'अंजना ओम कश्यप' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
बृज भूषण शरण सिंह यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं बने रह सकते। इस्तीफ़ा हो, निष्पक्ष जाँच हो और देश की शान बढ़ाने वाली हमारी बेटियों के आरोप सही साबित होने पर एक एक बच्ची को वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए ताकि आने वाले काल में सामने आने के लिए नज़ीर बने।
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) January 20, 2023
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कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट अब आए दिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के इस वर्चस्व को चुनौती देते हुए नजर आते हैं।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बारे में बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि वह 'जादूगरों' के परिवार से आते हैं और इसलिए ही जब वह राजनीति में सफल हुए तो उन्हें 'जादूगर' की संज्ञा दी गई। राजस्थान की राजनीति के बारे में कहा जाता है कि यहां ऐसे-ऐसे जादूगर हैं, जिनकी जादूगरी के आगे सब फीका पड़ जाता है। लेकिन कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट अब आए दिन उनके इस वर्चस्व को चुनौती देते हुए नजर आते हैं।
राजस्थान में पिछले कुछ समय से लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। झुंझुनूं के गुढ़ा में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन 'जादूगर' शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने कहा, 'अब ये कहा जा रहा है कि कोई अधिकारी, कोई नेता इसमें लिप्त नहीं था। तो भाई जो एग्जाम की कॉपी होती है, वो तिजोरी में बंद होती है। वो तिजोरी में बंद होकर भी बाहर बच्चों तक पहुंच गई। ये तो जादूगरी हो गई भई, ऐसा कैसे हो सकता है?
उनके इस बयान पर डीडी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी ट्वीट कर अपनी राय दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘तिजोरी में बंद पेपर क्या जादूगरी से लीक हो गए’ सचिन पायलट का ये बयान सीधा-सीधा अशोक गहलोत पर निजी हमला है, क्योंकि अशोक गहलोत को राजस्थान में राजनीति का जादूगर कहा जाता है।
'अशोक श्रीवास्तव' के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
"तिजोरी में बंद पेपर क्या जादूगरी से लीक हो गए" #सचिन_पायलट का ये बयान सीधा सीधा अशोक गहलोत पर निजी हमला है।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) January 19, 2023
क्योंकि अशोक गहलोत को राजस्थान में राजनीति का जादूगर कहा जाता है।
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भारतीय कुश्ती संघ इस समय आरोपों के घेरे में है। दरअसल, विनेश फोगाट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं।
भारतीय कुश्ती संघ इस समय आरोपों के घेरे में है। दरअसल, विनेश फोगाट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विनेश ने कहा कि अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन शोषण किया है।
इसके बाद जंतर-मंतर पर देश के कई दिग्गज पहलवान धरने पर बैठ गए हैं, जिनमें बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे मेडलिस्ट रेसलर्स के नाम हैं, जिन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारत का नाम रोशन किया है।
वहीं अपनी सफाई में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि अगर दोषी हुआ तो फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं। इस पूरे मामले पर 'आजतक' की सीनियर एंकर 'चित्रा त्रिपाठी' ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, जो आरोप ब्रजभूषण शरण सिंह पर लगे हैं, उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। खेल की गरिमा उसकी मर्यादा और खिलाड़ी देश के लिये सबसे पहले हैं। जांच होने के बाद जो भी सच होगा, वो सामने आजाएगा। दंगल का मैदान खिलाड़ियों के लिये हर तरह से अनुकूल हो, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा ना बनें।'
वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर 'चित्रा त्रिपाठी' के ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
जो आरोप ब्रजभूषण शरण सिंह पर लगे हैं,उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.खेल की गरिमा उसकी मर्यादा और खिलाड़ी देश के लिये सबसे पहले हैं.जाँच होने के बाद जो भी सच होगा वो सामने आजाएगा.दंगल का मैदान खिलाड़ियों के लिये हर तरह से अनुकूल हों ताकि ऐसी स्थिति दोबारा ना बनें.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) January 19, 2023
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