प्रदूषण के खिलाफ उठी आवाज: ऋचा अनिरुद्ध ने उठाए ये बड़े सवाल

इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।

Last Modified:
Tuesday, 11 November, 2025
richaanirudh


दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच पहली बार बड़े स्तर पर नागरिक सड़कों पर उतरकर साफ़ हवा की मांग कर रहे हैं। इस बढ़ते जन-आंदोलन पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पूछा है कि आखिर इतने सालों तक लोग खामोश क्यों रहे।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ ऐसे विरोध प्रदर्शन तो चार–पांच साल पहले ही शुरू हो जाने चाहिए थे, जब हवा पहली बार जानलेवा स्तर तक पहुँची थी। ऋचा अनिरुद्ध का कहना है कि हम “बहुत देर” से जागे हैं, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब जागे हैं तो भी बेहतर है, लेकिन सवाल यह है कि लोग इस मुद्दे पर पहले एकजुट क्यों नहीं हुए?

उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों अब, और क्यों इतने देर बाद? दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण लगातार बढ़ा है, लेकिन सार्वजनिक भागीदारी और जनदबाव उतना मजबूत नहीं था। इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।

सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार यह नई जागरूकता भविष्य में प्रदूषण को एक जन-अभियान और चुनावी मुद्दा बनाने की दिशा में पहला कदम हो सकती है।

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एक बार फिर सीएम बनने को तैयार नीतीश कुमार: समीर चौगांवकर

नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?

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Tuesday, 11 November, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग आज सुबह 7 बजे शुरू हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आजादी के बाद पहली बार 65.08% की जबरदस्त वोटिंग दर्ज की गई। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर का कहना है कि एक बार फिर नीतीश कुमार सीएम बन सकते हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, बिहार में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी मतलब सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है।

बीजेपी की पीठ पर सवार नीतीश दूसरे नंबर की पार्टी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।फ़िलहाल तेजस्वी की आरजेडी दूसरे नंबर पर दिख रही है।नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर रहे या तीसरे नंबर पर, सम्मान उन्हें पहले नंबर से ज़्यादा मिलना तय है। ढाई दशकों में नीतीश कुमार नौ बार बिहार के सीएम बन चुके हैं।

सात बार वे बीजेपी के साथ और दो बार तेजस्वी यादव की आरजेडी के साथ। नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के लिए कमर कसकर तैयार हैं। तूफानी प्रचार करके नीतीश बाबू ने आरजेडी से ज़्यादा बीजेपी को चौकाया है। तेजस्वी और राहुल गांधी के युवा जोश के सामने ज़्यादा जोशीले और फुर्तीले नीतीश नज़र आए।

आख़िर नीतीश की राजनैतिक टिकाऊ शक्ति कहाँ से आती है। ज़ाहिर है नीतीश के दोनों हाथों में लड्डू हैं और वे जिसके साथ चाहे सरकार बना सकते हैं। नीतीश का विकल्प किसी के पास नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार के पास सभी विकल्प उपलब्ध हैं। बिहार की जनता को नीतीश से नाराजगी हो सकती है, लेकिन जैसे ही नीतीश के विकल्प पर विचार होता है, जनता नीतीश पर लौट आती है।

यही नीतीश के आकर्षण का विरोधाभास है। शिकायतें है, पर भरोसा भी उन्ही पर है। इसी कारण बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम पर पहले नीतीश से दूरी बनाई लेकिन पहले चरण के मतदान से पहले नीतीश पर लौट आई।

20 साल से नीतीश के मकड़ जाल में उलझी हुई बिहार की राजनीति क्या इस बार अपने राजनैतिक इतिहास का नया अध्याय खोलने जा रही है? नीतीश 'कमल का फूल, कभी ना भूल' का नारा लगाएंगे या लालू के लाल के साथ लालटेन थामेंगे? नीतीश फिनिश होंगे या नीतीश का तीर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सटीक लगेगा?

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शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक लोकतांत्रिक अधिकार: बरखा दत्त

प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडिया गेट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। इससे पर्यटक कर्तव्य पथ से ही इंडिया गेट देख रहे थे।

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Monday, 10 November, 2025
burkhadatt

दिल्ली में प्रदुषण के मुद्दे पर रविवार को बड़ी संख्या में लोग इंडिया गेट पर जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने स्वच्छ हवा और पानी की मांग को लेकर कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन किया। वहीं पुलिस ने शांति भंग होने की आशंका के चलते सुरक्षा बढ़ा दी और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त में भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, नागरिक जब साफ़ हवा में सांस लेने के अपने अधिकार के लिए शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं, तो उन्हें ऐसा करने से क्यों रोका जा रहा है? बच्चों का स्वास्थ्य इस प्रदूषण संकट का सबसे गंभीर पहलू है, और उनके माता-पिता पूरी तरह अधिकार रखते हैं कि उन्हें अपने साथ प्रदर्शन में लाएँ।

फिर ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर विरोध जताने वाले लोगों को हिरासत में क्यों लिया जा रहा है? शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक लोकतांत्रिक अधिकार है और इसे कुचलना समाधान नहीं, बल्कि चिंता का कारण है।

आपको बता दें, इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर अर्ध सैनिक बल के साथ भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान भी मुस्तैद रहे। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडिया गेट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। इससे पर्यटक कर्तव्य पथ से ही इंडिया गेट देख रहे थे।

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प्रदूषण पर उदासीनता: संकेत उपाध्याय की तीखी टिप्पणी

सवाल यह है कि क्या सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्रदूषण संकट से निपटने के लिए अधिक आक्रामक कदम उठाएंगे, या फिर यह मौसमी समस्या बनी रहेगी?

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Saturday, 08 November, 2025
sanketupadhyay

दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और लोगों की बढ़ती परेशानियों के बीच स्वतंत्र पत्रकार संकेत उपाध्याय ने समाज की उदासीनता पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, पॉल्यूशन का समाधान उसी दिन मिलेगा, जब यह एक असली चुनावी मुद्दा बनेगा।

सच तो यह है कि हम इसकी परवाह ही नहीं करते। प्रदूषण से जुड़ी खबरों पर ऑनलाइन कोई ध्यान नहीं देता और प्रदूषण के समाधान लोगों को बोरिंग लगते हैं। ऐसे में फिर वही पुराना दोषारोपण का खेल चलता रहता है और सच यह है कि इसकी ज़िम्मेदारी भी हमने ही अपने ऊपर लाई है।

आपको बता दें, दिल्ली‑एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर गंभीर रूप से उभरकर सामने आया है। हालिया आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया है, यानी हवा “खतरनाक” श्रेणी में है।

साथ ही, एक ऑनलाइन सर्वे में पाया गया है कि यहाँ का हर तीसरा परिवार प्रदूषण-कारण स्वास्थ्य समस्‍याओं से जूझ रहा है। सवाल यह है कि क्या सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्रदूषण संकट से निपटने के लिए अधिक आक्रामक कदम उठाएंगे, या फिर यह मौसमी समस्या बनी रहेगी?

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बिहार में हुई शांतिपूर्ण वोटिंग: अखिलेश शर्मा ने की चुनाव आयोग की सराहना

इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज एनडीए और महागठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
akhileshsharma

बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 सीटों पर लगभग 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग शांति से संपन्न होने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने राज्य में बदले चुनावी माहौल की खुलकर प्रशंसा की है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, न गोली चली, न बूथ लुटा। जहाँ पहले चुनाव के दौरान बंदूक़ें और कट्टे आपस में बात करते थे, वहाँ केवल तू-तू मैं-मैं और गाड़ी पर गोबर तक ही बात सिमट गई। बिहार में आया यह परिवर्तन सकारात्मक है। इसके लिए चुनाव आयोग और पूरे प्रशासनिक तंत्र की प्रशंसा करनी होगी।

स्थानीय प्रशासन ने भी बताया कि अधिकांश बूथों पर प्रक्रिया बिना किसी गंभीर व्यवधान के पूरी हुई। विश्लेषकों का मानना है कि यदि आगे के चरण भी इसी तरह शांतिपूर्वक संपन्न होते हैं, तो यह बिहार की चुनावी संस्कृति में स्थायी बदलाव का संकेत हो सकता है। इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज एनडीए और महागठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है।

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'डिकोड' की फीड हो रही प्रभावित, सुधीर चौधरी बोले: बड़ा खुलासा होगा

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हो गई हैं। कई यूज़र इसे तकनीकी समस्या मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे जानबूझकर फीड बाधित किए जाने की संभावना मानकर सवाल उठा रहे हैं।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
sudhirji

डीडी न्यूज़ के लोकप्रिय शो 'डिकोड' के एक एपिसोड ‘हाइड्रोजन बम फैक्ट चेक’ को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है। कई दर्शकों ने शिकायत की कि यूट्यूब पर यह कार्यक्रम बार-बार बफर, रुकावट और लैग के कारण ठीक से देखा ही नहीं जा सका। एक यूज़र ने सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्या यह तकनीकी समस्या थी या कोई और कारण?

इस पर शो के एंकर सुधीर चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि 'डीडी न्यूज़' की तकनीकी टीम जांच कर रही है कि 'डिकोड' की फीड लगातार क्यों प्रभावित हो रही थी। चौधरी ने दावा किया कि जो प्रारंभिक रिपोर्ट उन्हें मिली है, वह 'हैरान कर देने वाली' है।

उन्होंने कहा, ये कोई साधारण तकनीकी खराबी है या फिर कोई षड्यंत्र, इसकी जांच चल रही है। जो शुरुआती जानकारी आई है, वह चौंकाने वाली है। जल्द ही पूरा खुलासा होगा। ये बड़ी खबर है। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हो गई हैं।

कई यूज़र इसे तकनीकी समस्या मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे जानबूझकर फीड बाधित किए जाने की संभावना मानकर सवाल उठा रहे हैं। सुधीर चौधरी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही वह इस पूरे मामले का विस्तृत खुलासा करेंगे, जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।

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'लोकसभा चुनाव 2014' की हार से उबर नहीं पाई कांग्रेस: प्रणव सिरोही

राहुल गांधी के मुताबिक कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है।

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Thursday, 06 November, 2025
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हरियाणा को लेकर सवाल उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा और कर्नाटक में वोट चोरी पकड़ी गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा के एग्जिट पोल में जीत मिल रही थी। उन्होंने कहा कि यह किसी क्षेत्र विशेष में नहीं हो रहा। राहुल ने कहा कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस आगे थी।

वहीं पत्रकार प्रणव सिरोही का कहना है कि कांग्रेस अभी भी लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पा रही है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट करते हुए लिखा, वर्ष 2004 में भाजपा और कांग्रेस की सीटों में मामूली सा अंतर था और किसी तरह कांग्रेस सरकार बना ले गई।

भाजपा इस हार को पचा नहीं पाई और उसी ग्रंथि से जूझती रही। नतीजतन 2009 का चुनाव एक बड़े मार्जिन से हार गई। मगर उसके बाद पांच साल में पार्टी ने कोर्स करेक्शन करते हुए हार को पचाकर जीत का एपेटाइट तैयार करने पर ध्यान दिया और नतीजा 2014 में सबके सामने आ गया।

कांग्रेस के साथ समस्या यही है कि वह 2014 के बाद से हार से उबर ही नहीं पाई है और न कोई सबक सीखा और न ही सीखने के दूर-दूर तक कोई आसार दिख रहे हैं। आपको बता दें, राहुल गांधी के मुताबिक कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है।

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पारदर्शिता ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत: राजदीप सरदेसाई

हरियाणा की मतदाता सूची में जो 25,41,144 फर्जी मतदाता है, उनमें से 5.21 लाख डुप्लीकेट मतदाता, 93 हजार मतदाता गलत पते वाले और 19.26 लाख वोट एक ही नाम से कई जगहों पर दर्ज बल्क वोटर है।

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Thursday, 06 November, 2025
rajdeepsardesai

बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। हरियाणा की मतदाता सूची का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इनमें करीब 25 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए थे। यह सारी गड़बड़ियां भाजपा ने चुनाव आयोग की मिलीभगत से की थी। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी राय व्यक्त की हैं।

उन्होंने एक्स पर लिखा, राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप पर किसी की भी राय हो, लेकिन यह वाकई अजीब बात है कि आज के डिजिटल युग में भी मशीन से पढ़े जा सकने वाले मतदाता सूची (electoral rolls) सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराई जाती। क्या यही सबसे आसान तरीका नहीं है यह जानने का कि कहीं मतदाता सूची में फर्जी या दोहरे नाम तो नहीं हैं?

चुनाव आयोग को प्रक्रिया में लोगों का पूरा भरोसा कायम रखने के लिए अधिक पारदर्शी होना चाहिए, कम नहीं। सोचिए ,पारदर्शिता ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। आपको बता दें, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बताया कि हरियाणा की मतदाता सूची में जो 25,41,144 फर्जी मतदाता है, उनमें से 5.21 लाख डुप्लीकेट मतदाता, 93 हजार मतदाता गलत पते वाले और 19.26 लाख वोट एक ही नाम से कई जगहों पर दर्ज बल्क वोटर है।

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बिहार में पहले चरण का मतदान आज: ऋचा अनिरुद्ध ने की ये अपील

कुल 45,341 बूथ बनाए गए हैं, जहां 3 करोड़ 75 लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे। इनमें 122 महिला उम्मीदवार समेत कुल 1,314 प्रत्याशियों का भविष्य आज ईवीएम में कैद होगा।

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Thursday, 06 November, 2025
richaanirudh

बिहार में आज लोकतंत्र का सबसे बड़ा जश्न मनाया जा रहा है। सख्त सुरक्षा इंतजामों के बीच पहले चरण की वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होकर और शाम 6 बजे तक चलेगी। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार को सलेक्ट करेंगे। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर एक अपील की हैं।

उन्होंने लिखा, बिहार को शहाबुद्दीन जैसे कल और अनंत सिंह जैसे आज को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। हर बाहूबली हर अपराधी को हराना होगा। जाति की आड़ में गैंगस्टर बने शातिर बदमाशों को राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाना होगा तभी सभी दलों को ये संदेश जाएगा कि साफ छवि वालों को टिकट दिए जाएं। क्या ये संभव है? आपको क्या लगता है?

आपको बता दें, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा सहित नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों की किस्मत का फैसला पहले चरण में होगा। राज्यभर में कुल 45,341 बूथ बनाए गए हैं, जहां 3 करोड़ 75 लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे। इनमें 122 महिला उम्मीदवार समेत कुल 1,314 प्रत्याशियों का भविष्य आज ईवीएम में कैद होगा।

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घर के भीतर ही भटक गया महागठबंधन: पंकज शर्मा

पहले चरण की जिन 121 सीटों पर चुनाव हो रहा है, उसमें पिछली बार (2020) दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की लड़ाई हुई थी। एक ओर जहां महागठबंधन को 61 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
pankajsharma

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में 6 नवंबर को पहले चरण के लिए वोट पड़ेंगे। इस दौरान 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से ठीक पहले महागठबंधन के सीट बंटवारे पर तीखी टिप्पणी की है।

उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि अगर सीट बंटवारे का मक़सद वास्तव में महागठबंधन की जीत के अवसर बढ़ाना होता, तो यह सुनिश्चित किया जाता कि राजद और कांग्रेस को ऐसे निर्वाचन क्षेत्र मिलें जहां उनकी जीत की संभावनाएं सबसे अधिक हों ,कुछ पक्के वाले और कुछ ऐसे जहां मेहनत से जीत संभव हो।

शर्मा के मुताबिक, ऐसा निष्पक्ष मिश्रण दोनों दलों के लिए फ़ायदेमंद साबित होता, लेकिन हुआ उल्टा। कांग्रेस को परंपरागत रूप से हारने वाले क्षेत्रों की 'पोटली' थमा दी गई, जबकि राजद विजयी क्षेत्रों की 'गठरी' लेकर निकल पड़ा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए लिखा, अगर महागठबंधन मेले में भटक गया होता, तो कोई उसे घर पहुंचा देता, लेकिन अब तो वह घर के भीतर ही भटक गया है। अब कैसे ठौर-ठिकाने आएगा?

आपको बता दें, पहले चरण की जिन 121 सीटों पर चुनाव हो रहा है, उसमें पिछली बार (2020) दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की लड़ाई हुई थी। एक ओर जहां महागठबंधन को 61 सीटों पर जीत हासिल हुई थी वहीं एनडीए 59 सीटों पर चुनाव जीत सका था।

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तेजस्वी के इस बयान पर बोले अजय कुमार: टोपी पहनाने का अंदाज अच्छा

महागठबंधन की सरकार बनने पर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 'माय बहन योजना' के तहत हर परिवार की महिला के खाते में ₹30 हजार रुपए भेजे जाएंगे।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
ajaykumar

पटना में तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि अगर हमारी सरकार बनती है तो माई बहिन योजना के तहत एक साल की पूरी राशि 30 हजार रुपए एक साथ महिलाओं के खाते में भेजेंगे। माई बहिन योजना के तहत राजद ने महीने में ढाई हजार देने का वादा किया है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा, पत्रकारों ने जब यह सवाल उठाया कि तेजस्वी यादव की रैलियों में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है, तो उन्होंने पहले चरण का प्रचार खत्म होने से पहले ही कमाल का आइडिया लगा दिया। माई-बहन योजना के तहत पहले यह घोषणा की गई थी कि प्रदेश की हर महिला को ₹2,500 प्रति महीना दिया जाएगा, लेकिन इतनी रकम से बड़ा असर नहीं पड़ता।

इसलिए अब राष्ट्रीय जनता दल ने चतुराई दिखाते हुए घोषणा की है कि 14 जनवरी 2026 को हर महिला को एकमुश्त ₹30,000, यानी पूरे साल का पैसा, दिया जाएगा। अगर यही हिसाब पांच साल के लिए जोड़ दिया जाए तो यह राशि ₹1,50,000 बनती है।

राजनीति में आर्थिक गणित और चुनावी रणनीति का यह संगम वाकई दिलचस्प है। टोपी पहनाने का यह अंदाज़ वाकई लाजवाब है, श्रीमान जी। आपको बता दें, तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद 14 जनवरी 2026 को महिलाओं के बैंक खातों में यह राशि भेजी जाएगी।

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