मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस होता है क्योंकि मोदी की उपलब्धियाँ उसका प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर खुलकर बात की। सोशल मीडिया पर उनका यह पॉडकास्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच पत्रकार और एंकर गौरव शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, पीएम मोदी का पॉडकास्ट पूरा सुना और समय निकाल कर आप भी सुनिए। देश समाज या अपने लिए भी कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहते हैं तो इसमें आपको बहुत सारे मंत्र और टिप्स मिलेंगे। मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस होता है क्योंकि मोदी की उपलब्धियाँ उसका प्रमाण हैं।
आपको बता दें, पीएम मोदी ने कहा कि तीसरे टर्म में मेरी सोच बदल गई है। मेरा मनोबल ऊंचा है। मैं विकसित भारत के लिए 2047 तक सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूं। सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए। यही वास्तविक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है। इसके पीछे प्रेरक शक्ति है - AI- 'एस्पिरेशनल इंडिया'।
पीएम मोदी का पॉडकास्ट पूरा सुना और समय निकाल कर आप भी सुनिए। देश समाज या अपने लिए भी कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहते हैं तो इसमें आपको बहुत सारे मंत्र और टिप्स मिलेंगे। मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस…
— Saurav Sharmma (@journosaurav) January 12, 2025
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि हम भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य में पाकिस्तान के विशिष्ट संदर्भ को एकतरफा, भ्रामक और राजनयिक मानदंडों के विपरीत मानते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाशिंगटन में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद से पाकिस्तान परेशान है। संयुक्त बयान में पाकिस्तान से कहा गया है कि वह मुंबई आतंकी हमले और पठानकोट हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, भारत अमेरिका साझा बयान तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संयुक्त प्रेस वार्ता में पाकिस्तान और आतंकवाद पर कही गई बात काफी महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान में इसे लेकर खलबली है और उसे प्रतिक्रिया देनी पड़ी है। कारण इतना है कि साझा बयान में भी पाकिस्तान का स्पष्ट उल्लेख है साथ ही इसमें आतंकवाद और चरमपंथ के साथ इस्लामी शब्द लिखा गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने सहमति व्यक्त की है कि पाकिस्तान को अपनी भूमि का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद में नहीं करना चाहिए।
2008 के मुंबई हमलों के जिम्मेवारों को पाकिस्तान को कानून के कटघरे में खड़ा करना चाहिए यह भी बयान में है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे भ्रामक बताया और दुखी होते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लेकर दिए गए बलिदान की अनदेखी की गई है।
भारत में ऐसे लोग हैं जिनको यात्रा की उपलब्धियां दिखाई ही नहीं देंगे। ऐसा नहीं है कि अमेरिका अपने राष्ट्रीय हित को छोड़कर भारतीय के राष्ट्रीय हित को पूरा करेगा और व्यापार आदि के क्षेत्र में वह बिल्कुल भारत को रियायत देने लगेगा। किंतु इस यात्रा में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जो भारत के हित में है। इससे पता चलता है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत के महत्व को समझते हुए ऐसे मामलों पर साथ देना चाहता है जिनसे इसकी सुरक्षा को एकता अखंडता को खतरा पहुंचता है।
आपको बता दें, पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि हम भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य में पाकिस्तान के विशिष्ट संदर्भ को एकतरफा, भ्रामक और राजनयिक मानदंडों के विपरीत मानते हैं।
भारत अमेरिका साझा बयान तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संयुक्त प्रेस वार्ता में पाकिस्तान और आतंकवाद पर कही गई बात काफी महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान में इसे लेकर खलबली है और उसे प्रतिक्रिया देनी पड़ी है। कारण इतना है कि साझा बयान में भी पाकिस्तान…
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) February 14, 2025
माननीय सदस्य आप किस देश में जी रहे हैं। यह भारत है। संस्कृत भारत की प्राथमिक भाषा रही है। मैंने 22 भाषाओं के बारे में बात की, सिर्फ संस्कृत की नहीं। आपको संस्कृत पर ही क्यों आपत्ति है?
सदन की कार्यवाही का संस्कृत भाषा में तत्काल अनुवाद रूपांतरण कराए जाने का द्रमुक सांसद दयानिधि मारन द्वारा विरोध किए जाने को लेकर लोकसभा में मंगलवार को तीखी नोंक-झोंक हुई। द्रमुक सांसद ने आरोप लगाया कि आरएसएस की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए करदाताओं का पैसा इस पर बर्बाद किया जा रहा है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट की और लिखा, डीएमके को इस बात पर आपत्ति है कि संसद की कार्यवाही का अनुवाद संस्कृत में क्यों किया जाए? डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने आज लोक सभा में कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 73 हजार लोग संस्कृत बोलते हैं इसलिए इस पर करदाताओं का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है?
उन्हीं के तर्क से देखा जाए तो संस्कृत का प्रचार-प्रसार इसीलिए आवश्यक है क्योंकि इसका प्रयोग करने वाले लोग लगातार कम होते जा रहे हैं। आपको बता दें, लोकसभा स्पीकर इतने नाराज हुए कि उन्होंने दयानिधि मारन को कड़ी फटकार लगा दी।
कहा, माननीय सदस्य आप किस देश में जी रहे हैं। यह भारत है। संस्कृत भारत की प्राथमिक भाषा रही है। मैंने 22 भाषाओं के बारे में बात की, सिर्फ संस्कृत की नहीं। आपको संस्कृत पर ही क्यों आपत्ति है?
डीएमके को इस बात पर आपत्ति है कि संसद की कार्यवाही का अनुवाद संस्कृत में क्यों किया जाए? डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने आज लोक सभा में कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 73 हजार लोग संस्कृत बोलते हैं इसलिए इस पर करदाताओं का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है? उन्हीं के तर्क से देखा…
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) February 11, 2025
जिस तरह से ये दोनों एक्सपोज हुए हैं उससे ये साफ होता है कि सोशल मीडिया पर इंस्टेंट व्यू और लाइक के लिए दुनिया भर के हर हथकंडे का इस्तेमाल किया जाता है।
पेरेंट्स और महिलाओं पर भद्दे कमेंट मामले में यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपूर्वा मखीजा, कॉमेडियन समय रैना और शो इंडियाज गॉट लेटेंट के ऑर्गनाइजर के खिलाफ मुंबई में FIR दर्ज हुई है। विवाद बढ़ने के बाद रणवीर अलाहबादिया ने माफी मांग ली है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा, रणवीर अल्लाहबादिया औऱ समय रैना को इन्फ्लुएंसर या फिर यूथ आइकॉन कहना इस शब्द का अपमान है। जिस तरह से ये दोनों एक्सपोज हुए हैं उससे ये साफ होता है कि सोशल मीडिया पर इंस्टेंट व्यू और लाइक के लिए दुनिया भर के हर हथकंडे का इस्तेमाल किया जाता है।
बिग बॉस में भी मैंने ये बात सार्वजनिक तौर पर कही थी कि ऐसे लोगों को इन्फ्लुएंसर नहीं मानना चाहिए क्योंकि उन बारे में सलाहें और राय देने लगते हैं जिनके बारे में इनका जिंदगी में कोई अनुभव नहीं है। मेरा मानना है कि समय रैना औऱ रणवीर अल्लाहबादिया पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसा करने से पहले कोई दूसरा शख्स 100 बार सोचे।
आपको बता दें, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अलाहबादिया को 2024 में पीएम मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड्स कार्यक्रम में सम्मानित किया था। उन्हें डिसरप्टर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला था।
रणवीर अल्लाहबादिया औऱ समय रैना को इन्फ्लुएंसर या फिर यूथ आइकॉन कहना इस शब्द का अपमान है. जिस तरह से ये दोनों एक्सपोज हुए हैं उससे ये साफ होता है कि सोशल मीडिया पर इंस्टेंट Views और Like के लिए दुनिया भर के हर हथकंडे का इस्तेमाल किया जाता है. बिग बॉस में भी मैंने ये बात सार्वजनिक…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) February 11, 2025
समस्या केवल समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया आदि-इत्यादि की नहीं, बल्कि समाज के स्तर पर भी है जो उनकी फूहडता को अपना समय और दुलार देता है।
यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया, कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में विवादित बयान देने के बाद सुर्खियों में आ गए है। उनके खिलाफ असम में एफआईआर दर्ज कराई गई है। अब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने रणवीर के कमेंट्स पर संज्ञान लेते हुए यूट्यूब को पत्र लिखा है। उनके खिलाफ कई जगह पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
इस बीच पत्रकार प्रणव सिरोही ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा कि फूहड़ता फैलाने में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा, समस्या केवल समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया आदि-इत्यादि की नहीं, बल्कि समाज के स्तर पर भी है जो उनकी फूहडता को अपना समय और दुलार देता है।
स्टैंडअप कॉमेडी पर अश्लीलता प्रो मैक्स का जो खेल चल रहा है उसे देखकर यही हैरानी होती है कि ऐसी वाहियात बातों के लिए महंगी टिकट खरीदने वाले और मूल्यवान समय देने वाले लोग कोई और नहीं, बल्कि इनकम टैक्स श्रेणी की सबसे ऊंची दरों पर कर चुकाने वाले होते हैं।
मिडिल क्लास जैसे उनकी हर जूठन को चाव से चाटता है वैसे ही हास्य के नाम पर इस कचरे को भी दिल से लगाता है। दुख की बात है स्टैंडअप कॉमेडी की आड़ में फूहड़ता फैलाने में महिलाएं पुरुषों से कम नहीं। आपको बता दें, रणवीर इलाहबादिया के साथ आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा, समय रैना और अन्य के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है।
समस्या केवल समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया आदि-इत्यादि की नहीं, बल्कि समाज के स्तर पर भी है जो उनकी फूहडता को अपना समय और दुलार देता है। स्टैंडअप कॉमेडी पर अश्लीलता प्रो मैक्स का जो खेल चल रहा है उसे देखकर यही हैरानी होती है कि ऐसी वाहियात बातों के लिए महंगी टिकट खरीदने वाले और…
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) February 10, 2025
शो में रणवीर ने एक कंटेस्टेंट से पूछा था कि वो पूरी जिंदगी हर दिन अपने पेरेंट्स को इंटीमेट होते देखना या फिर एक बार उन्हें ज्वॉइन करना ! दोनों में से क्या चुनोगे ?
कॉमेडियन समय रैना का शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' विवादों में आ गया है। इस शो के नए एपिसोड में यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने अपने माता पिता की इंटीमेट लाइफ को लेकर कमेंट किया था। इसके बाद वो विवादों में आ गए। सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना हुई वहीं उन पर अब केस भी दर्ज किया जा चुका है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, जब सरकार को भी ये गालीबाज़ सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए पसंद आते हैं। प्रधानमंत्री के हाथों ये सम्मानित कराए जाते हैं। इनसे मंत्रियों के इंटरव्यू कराए जाते हैं। 'कौन बनेगा करोड़पति' को भी इनसे टीआरपी मिलने की उम्मीद होगी तभी बुलाया। तो हम और आप विरोध दर्ज कर के क्या कर लेंगे?
आपको बता दें, कि शो में रणवीर ने एक कंटेस्टेंट से पूछा था कि वो पूरी जिंदगी हर दिन अपने पेरेंट्स को इंटीमेट होते देखना या फिर एक बार उन्हें ज्वॉइन करना ! दोनों में से क्या चुनोगे ? हाल ही में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'डिसरप्टर ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया था।
जब सरकार को भी ये गालीबाज़ सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए पसंद आते हैं..प्रधानमंत्री के हाथों ये सम्मानित कराए जाते हैं,इनसे मंत्रियों के इंटरव्यू कराए जाते हैं..KBC को भी इनसे TRP मिलने की उम्मीद होगी तभी बुलाया..तो हम और आप विरोध दर्ज कर के क्या कर लेंगे? #RanveerAllahabadia
— richa anirudh (@richaanirudh) February 10, 2025
भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वह पिछले 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर थी। वहीं, आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही हासिल हुईं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों में बीजेपी ने अपना विजयी परचम लहराया दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वह पिछले 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर थी। वहीं, आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही हासिल हुईं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि आगे की राह इस पार्टी के लिए कठिन होगी। उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, आम आदमी पार्टी की हार महज़ एक चुनावी हार नहीं है, बल्कि विकल्प की राजनीति के नाम पर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ के कुत्सित प्रयास की भी हार है।
ईमानदारी-नेक नीयत का हवाला देकर बदलाव-बेहतरी के लिए भविष्य में किए जाने वाले किसी भी आंदोलन का गर्भ उच्छेदन भी है। देश को सब्जबाग दिखाकर आगे जाने और राजनीति की उसी सड़ांध को खींच लाने के बावजूद, स्वीकार नहीं करने के केजरीवाल के दुस्साहस ने आगे कई संभावनाओं की हत्या कर दी है।
अब लंबे समय तक लोग ऐसे किसी भी ‘केजरीवाल’ पर यकीन नहीं करेंगे। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के अस्तित्व को लेकर चर्चा तेज है। जिस बुनियाद पर आम आदमी पार्टी खड़ी हुई और सरकार के ज़रिए गवर्नेंस का जो मॉडल तैयार किया गया, वही काठ की हांडी निकले।
व्यक्ति या परिवार आधारित दलों के बचे होने का कारण उनका अपना जातीय आधार रहा है। इसलिए वे हार कर, फिर जीतने का माद्दा रखते हैं। आम आदमी पार्टी के साथ ऐसा नहीं है। उसके पास सैलरी वाले एडवाइजर और कोई ना कोई काम पकड़े हुए वालंटियर हैं। डेरा डंडा उठाकर कभी भी निकल सकते हैं। सरकार नहीं तो उनको साधे रखना संभव नहीं। कार्यकर्ता वाला मामला तो है नहीं कि जूझता-लड़ता रहेगा। इसलिए आने वाले वक्त में बहुत संभव है कि आप कहें, एक थी आम आदमी पार्टी।
आम आदमी पार्टी की हार महज़ एक चुनावी हार नहीं है, बल्कि विकल्प की राजनीति के नाम पर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ के कुत्सित प्रयास की भी हार है. ईमानदारी-नेक नीयत का हवाला देकर बदलाव-बेहतरी के लिए भविष्य में किए जाने वाले किसी भी आंदोलन का गर्भ उच्छेदन भी है.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) February 9, 2025
देश को सब्जबाग दिखाकर…
विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सरकार ने लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना भी शामिल है।
पिछले महीने के अंत तक देश की विभिन्न अदालतों में 5.19 करोड़ से ज़्यादा मामले लंबित हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट में लगभग 83 हज़ार मामले शामिल हैं। विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रीय न्यायिक डेटा के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्यसभा को एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय का कहना है कि भारतीय न्यायपालिका को इस संकट को समझना चाहिए। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, भारतीय न्यायपालिका को खुद को सबसे बड़े संभावित संकट के बीच में समझना चाहिए। मिलॉर्ड्स, 5.19 करोड़ लंबित मामलों को सामान्य कर दिया गया है। यही कारण है कि आप बुलडोजर न्याय और एनकाउंटर न्याय जैसे राजनीतिक शॉर्टकट देखते हैं।
आपको बता दें, विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सरकार ने लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना भी शामिल है। मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साल के अंत तक 747 फास्ट-ट्रैक कोर्ट चालू हो गए थे।
Indian judiciary must consider itself in the midst of the biggest possible crisis. Milords, 5.19 Cr pendencies has been normalised. Which is why you see political short cuts like bulldozer nyay & encounter nyay. https://t.co/AueuPQSotg
— Sanket Upadhyay (@sanket) February 7, 2025
अपनी एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, यह नादानी ही है कि अवैध तरीके से विदेश जाया जाए और फिर भी यह मान लिया जाए कि कहीं कोई समस्या नहीं होगी।
अमेरिका में रह रहे भारत समेत विभिन्न देशों के अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप ने सख्ती करते हुए उन्हें देश से निकालना शुरू कर दिया है। 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का एक विमान भारत पहुंचा। गुजरात, पंजाब, हरियाणा आदि के रहने वाले इन भारतीयों के हाथों में अमेरिका से ही हथकड़ी बंधी थी और पैरों में बेड़ियां थीं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यह नादानी ही है कि अवैध तरीके से विदेश जाया जाए और फिर भी यह मान लिया जाए कि कहीं कोई समस्या नहीं होगी। 50-60 लाख और कुछ मामलों में तो 80-90 लाख रुपये ट्रैवल एजेंटों को देकर अवैध रूप से विदेश जाना आत्माघात है।
इतने पैसे में तो देश में ही कोई अच्छा काम-धंधा किया जा सकता है। अपनी एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, अमेरिका ने सैन्य विमान से जिन 104 अवैध प्रवासियों को भारत भेजा, उन्हें हवाई यात्रा के दौरान हथकड़ी पहनाई और पैरों को जंजीरों से बांधे रखा। आखिर इसकी क्या जरूरत थी? विमान में सवार होने के बाद न तो उनके प्रतिरोध की कोई आशंका थी और न ही कहीं भाग जाने की।
आपको बता दें, सवाल उठ खड़ा हुआ है कि एक तो पहले भारतीयों के साथ ऐसा सलूक किया गया और फिर उसके बाद वीडियो जारी करके अमेरिकी सरकार क्या जताना चाहती है?
अमेरिका ने सैन्य विमान से जिन 104 अवैध प्रवासियों को भारत भेजा, उन्हें हवाई यात्रा के दौरान हथकड़ी पहनाई और पैरों को जंजीरों से बांधे रखा। आखिर इसकी क्या जरूरत थी? विमान में सवार होने के बाद न तो उनके प्रतिरोध की कोई आशंका थी और न ही कहीं भाग जाने की।
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) February 7, 2025
हिंदुस्तानियों को डिपोर्ट करने का वीडियो ख़ुद अमेरिकी सरकार ने जारी किया है। हाथों-पैरों में बेड़ियाँ डालने की ज़रूरत क्या थी? क्या ये क़ानूनी बाध्यता थी?
अमेरिका में रह रहे भारत समेत विभिन्न देशों के अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप ने सख्ती करते हुए उन्हें देश से निकालना शुरू कर दिया है। 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का एक विमान भारत पहुंचा। गुजरात, पंजाब, हरियाणा आदि के रहने वाले इन भारतीयों के हाथों में अमेरिका से ही हथकड़ी बंधी थी और पैरों में बेड़ियां थीं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मानक गुप्ता का कहना है कि ट्रम्प अतिउत्साह में अपने मित्रों को नाराज करने का काम नहीं करें। उन्होंने एक्स पर लिखा, हिंदुस्तानियों को डिपोर्ट करने का वीडियो ख़ुद अमेरिकी सरकार ने जारी किया है। हाथों-पैरों में बेड़ियाँ डालने की ज़रूरत क्या थी?
क्या ये क़ानूनी बाध्यता थी या सिर्फ़ दुनिया को एक संदेश देने के लिए या फिर अपने वोटरों को खुश करने के लिए किया है? ट्रम्प को समझना चाहिए कि अतिउत्साह में आ कर दोस्तों को नाराज़ न कर दें। हर देश की सरकार को भी अपनी जनता को जवाब देना होता है, ऐसा न हो कि दुनिया भर में अमेरिकी नागरिकों के लिए भी मुसीबत खड़ी हो जाए।
आपको बता दें, सवाल उठ खड़ा हुआ है कि एक तो पहले भारतीयों के साथ ऐसा सलूक किया गया और फिर उसके बाद वीडियो जारी करके अमेरिकी सरकार क्या जताना चाहती है?
हिंदुस्तानियों को डिपोर्ट करने का ये वीडियो ख़ुद अमेरिकी सरकार ने जारी किया है. हाथों-पैरों में बेड़ियाँ डालने की ज़रूरत क्या थी? क्या ये क़ानूनी बाध्यता थी…या सिर्फ़ दुनिया को एक संदेश देने के लिए…या फिर अपने वोटरों को खुश करने के लिए किया है?
— Manak Gupta (@manakgupta) February 6, 2025
ट्रम्प को समझना चाहिए कि…
उनके परिवार का दावा है कि लाखों क़र्ज़ लेकर ये लोग ग़ैर क़ानूनी तरीके से अमेरिका में घुस कर काम की तलाश में गए थे। क्या इन्हें पता नहीं था कि ये ग़ैरक़ानूनी काम करने जा रहे हैं?
अमेरिका में अवैध तरीके से घुसे 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। इस लिस्ट में हरियाणा के 33 और पंजाब के 30 और चंडीगढ़ के 2 लोग हैं। इसके अलावा कुछ परिवार भी हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, 104 भारतीय जिन्हें डिपोर्ट किया गया है, उनके परिवार का दावा है कि लाखों क़र्ज़ लेकर ये लोग ग़ैर क़ानूनी तरीके से अमेरिका में घुस कर काम की तलाश में गए थे।
क्या इन्हें पता नहीं था कि ये ग़ैरक़ानूनी काम करने जा रहे हैं? जब क़र्ज़ लिया, तो भारत में अपनी ज़मीन पर काम क्यों नहीं शुरू किया? अपने परिवार के बीच, क्या सफल नहीं होते, जो विदेश में ग़ैर क़ानूनी गुलाम बनने के लिए तैयार हो गए।
घर परिवार, संबंधियों और सबकी नज़रों में खुद को एनआरआई बनाकर स्टेटस बढाने की ये कोशिश नहीं है, क्या? ऐसे में, सवाल ये उठता है कि क्या इनके साथ सहानुभूति होनी चाहिए? आपको बता दें, पंजाब सरकार की तरफ से कुछ बसें भी एयरपोर्ट परिसर में खड़ी की गई, जिनसे डिपोर्ट किए भारतीयों को उनके घरों की तरफ रवाना किया गया।
104 भारतीय जिन्हें Deport किया गया है, उनके परिवार का दावा है कि लाखों क़र्ज़ लेकर ये लोग ग़ैरक़ानूनी तरीके से अमेरिका में घुस कर काम कि तलाश में गए थे।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) February 6, 2025
1. क्या इन्हें पता नहीं था कि ये ग़ैरक़ानूनी काम करने जा रहे हैं ?
2. जब क़र्ज़ लिया, तो भारत में अपनी ज़मीन पर काम क्यों नहीं… https://t.co/deTHTIuWPg