इंडिया गेट पर प्रदूषण विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक नक्सल समर्थक नारे लगे। वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने युवाओं की सोच और दिशा पर कड़े सवाल उठाए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन ने अचानक एक विवादित मोड़ ले लिया, जब इंडिया गेट के पास जुटे कुछ युवाओं ने नक्सलियों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रोटेस्ट का मुद्दा प्रदूषण था, लेकिन माहौल अचानक बदल गया और भीड़ में से ‘लाल सलाम’ तथा ‘जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा’ जैसे नारे गूंजने लगे।
नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में उठी इस आवाज़ ने सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सामाजिक हलकों तक चिंता बढ़ा दी है। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने एक्स पर कड़ा रिएक्शन देते हुए कहा कि इन युवाओं को परिवार ने पढ़ने भेजा था ताकि वे समाज और देश के काम आएं, लेकिन वे गलत दिशा में भटक गए हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली के प्रदूषण का नक्सली हिडमा के मारे जाने से क्या संबंध? क्या ये युवा उसे हीरो मानते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि अगर नक्सलवाद इतनी अच्छी व्यवस्था देता है, तो इन लोगों को पहले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर देखना चाहिए।
राणा यशवंत ने कहा कि किसी भी विचारधारा का समर्थन करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन खून-खराबे और हिंसा वाली राह को सही मानना इस बात का संकेत है कि युवाओं को भटका दिया गया है। घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है -क्या कुछ युवा सोशल मीडिया और बहकावे में आकर हिंसक विचारधारा को ग्लोरिफाई करने लगे हैं?
इन सभी को माता-पिता ने पढ़ने भेजा कि काबिल बनेंगे, परिवार और देश के काम आयेंगे. लेकिन अफ़सोस कि ये दिमाग़ी तौर पर ही बीमार निकले.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 24, 2025
- दिल्ली में प्रदूषण का दुर्दांत नक्सली हिडमा को मारे जाने से क्या लेना देना?
- क्या इनके लिए हिडमा हीरो है? फिर तो बड़ा सवाल है!
- उसके लिए छाती… pic.twitter.com/699ZG1fXfC
यशस्वी ने 97 गेंदों का सामना किया और 58 रन बनाए। उनके बल्ले से 7 चौके और 1 छक्का निकला। उनकी स्ट्राइक रेट 59.79 की रही। मार्को यानसन ने सबसे ज्यादा 6 विकेट चटकाए।
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दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक उनकी बढ़त 314 रनों की हो गई है। भारत की पहली पारी 489 रन के जवाब में केवल 201 रन पर समाप्त हो गईं। जवाब में स्टंप्स तक दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 26 रन बना लिए थे।
इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, दक्षिण अफ्रीका की बढ़त 314 रन की हो गई है। तकनीकी तौर पर मैच में अभी दो दिन बचे हैं। हर दिन खराब रोशनी (Bad Light) के कारण अगर 10–12 ओवर निकल भी जाएँ, तो मेरा मानना है कि बावुमा शायद कल लंच से लगभग एक घंटा पहले भारत को बल्लेबाज़ी के लिए भेज देंगे।
शायद वे 314 की बढ़त में लगभग 160–170 रन और जोड़कर भारत को करीब 480–490 रन का लक्ष्य देंगे जो कि लगभग 120 ओवरों में हासिल करना होगा। आपकी क्या राय है? आपको बता दें, भारत ने दूसरे दिन 9 रन से आगे खेलना शुरू किया और टीम का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया। भारत की पारी 201 रन पर समाप्त हो गईं।
South Africa lead by 314 runs, technically two days left. And if you take out 10-12 overs to bad light each day, I suppose Bavuma would look at putting India in an hour before lunch tomorrow- maybe try and add 160-170 to 314 and ask India about 480-490 in a possible 120 overs…
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 24, 2025
इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि आज भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
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भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय चेहरों में से एक धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे धर्मेंद्र को कुछ दिन पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और घर पर ही उनका उपचार जारी था।
कल उनकी हालत बिगड़ी और इस महान अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। यह खबर सामने आते ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री, उनके प्रशंसक और देशभर में फैले उनके चाहने वाले गहरे सदमे में डूब गए। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा - भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
धर्मेंद्र जी हमें धीरे से, शालीनता से छोड़कर चले गए जैसे वे जिए थे। वे बिना अहंकार की शक्ति थे, बिना शोर की प्रसिद्धि। ऐसा नायक जिसने दयालुता को वीरता बना दिया और सादगी को दिव्यता। धर्मेंद्र के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड के कई सितारे, जिनमें अमिताभ बच्चन, आमिर खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, सलमान खान और अन्य बड़े नाम शामिल हैं, मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पहुंचे और उन्हें भावभीनी विदाई दी। बेटे सनी देओल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं।
धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ होगी। इससे पहले वे ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में दादू की भूमिका में नजर आए थे। धर्मेंद्र भले ही दुनिया से चले गए हों, लेकिन उनकी मुस्कान, उनका सादापन और उनकी अदाकारी आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा बनकर जीवित रहेगी।
इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ।
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दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 16 साल के स्टूडेंट ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। वो अशोक पैलेस इलाके के सेंट कोलंबिया स्कूल में पढ़ता था। छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने लिखा कि उसके अंग दान कर दिए जाएं और उसके जैसी पीड़ा किसी भी बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने भी एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था। टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। यह मन अपशब्दों को सहन नहीं कर पाता है। परिवार और टीचर दोनों की भूमिका होती है की बच्चों की परेशानियों को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ ना करें।
बच्चों से बात करें, समस्या का हल ढूँढे। इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ। मेरे जो-जो डर थे वह सब सही साबित होते जा रहे हैं।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा की मौत की सीबीएसई की जाँच में सुरक्षा, बाल संरक्षण और स्कूल की प्रतिक्रिया में गंभीर खामियाँ पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी मंजिल से कूदने के बाद मरने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, जिसमें यौन संदर्भों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार भी शामिल था, और घटना वाले दिन अपनी शिक्षिका से दो बार संपर्क करने के बावजूद, उसे कभी भी काउंसलर के पास नहीं भेजा गया।
बच्ची परेशान थी माँ बाप ने उस से बात क्यों नहीं की? टीचर जानती थी तो बच्ची की काउंसलिंग क्यों नहीं कराई? स्कूल सिर्फ़ सर्विस प्रोवाइडर नहीं होना चाहिए। टीचर का 40-45 छात्रों के साथ इमोशनल कनेक्ट बनाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बच्चा परेशान है फिर भी टीचर आँख बंद कर ले ऐसे टीचर स्कूल में कभी भी नहीं होने चाहिए।
मैं #शौर्य की खबर पढ़ रही हूँ । दसवी के बच्चे ने मेट्रो स्टेशन से कूद कर आत्महत्या कर ली ।
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) November 21, 2025
उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था । टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे ।
बच्चों का मन बहुत कोमल होता…
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
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दिल्ली पुलिस ने 2020 दिल्ली दंगे मामले में आरोपी एक्टिविस्ट शरजील इमाम की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कोर्ट के समक्ष कई वीडियो पेश किए हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन वीडियो में हिंसा से कुछ दिन पहले शरजील इमाम द्वारा युवा प्रदर्शनकारियों को दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के अंश हैं।
इस मामले पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बौद्धिक आतंक (Intellectual Terror) तो और भी ज़्यादा खतरनाक होता है। क्या भारत को तोड़ने की बात करना और असम/उत्तर-पूर्व को अलग करने की बात करना, CAA के खिलाफ कोई 'वैध विरोध' कहा जा सकता है?
क्या भारतीय मुसलमानों को भड़काना एक वैध विरोध माना जा सकता है? जो लोग ‘ब्रेक इंडिया फ़ोर्सेज़’ (देश तोड़ने वाली ताकतों) को बौद्धिक सहारा देते हैं, वे देश के साथ बड़ा अन्याय करते हैं। आपको बता दें, शरजील इमाम 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
intellectual terror is even more dangerous.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) November 21, 2025
Talking of cutting off India & separating Assam/N-E legitimate form of protes against CAA?
Is inciting Indian Muslims a legitimate form of protest?
Those who give intellectual cover fire to 'break India forces' do disservice to nation! https://t.co/VB52TpjDz3
मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
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बिहार में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के सीएम बने। एनडीए गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी शामिल हैं। उनके बेटे ने भी मंत्री पद की शपथ ली जिसके कारण विपक्ष उनकी कड़ी आलोचना भी कर रहा हैं। इस बीच पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी से बातचीत के दौरान उन्होंने इसका कारण दिया।
उन्होंने कहा, दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग मेहनत करके सबकुछ खड़ा करें और कोई इधर से उधर हो जाए और पार्टी का नुकसान हो।'
आपको बता दें, उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट करते हुए लिखा, मेरा पक्ष है कि अगर आपने हमारे निर्णय को परिवारवाद की श्रेणी में रखा है, तो जरा समझिए मेरी विवशता को। पार्टी के अस्तित्व व भविष्य को बचाने व बनाए रखने के लिए मेरा यह कदम जरुरी ही नहीं अपरिहार्य था। मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
बेटे दीपक प्रकाश के बिहार सरकार में मंत्री बनने पर उठ रहे सवालों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने बताया कि दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग… pic.twitter.com/AqrvuDIn68
— ABP News (@ABPNews) November 20, 2025
एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से 14, जदयू कोटे से 8, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कोटे से 2, जीतन राम मांझी की पार्टी से उनके बेटे डॉ. संतोष सुमन और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से भी उनका बेटा दीपक प्रकाश मंत्री बने हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा कि यह वंशवाद की राजनीति आखिर कब बंद होगी? उन्होंने एक्स पर लिखा, जीतन राम मांझी के बेटे मंत्री बन गए, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे- जो न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य उन्हें भी मंत्री बना दिया गया। कई और लोग भी इसी तरह शामिल हुए। यानी वंशवाद की राजनीति अभी भी खूब चल रही है। महिलाओं ने एनडीए की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाई, लेकिन 27 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 महिलाएँ शामिल की गईं। नेता लोग कब अपने कहे पर अमल करेंगे?
आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
Interesting: Jitan Ram Manjhi son becomes minister, Upendra Khushwaha son (who is not even MLA or MLC) becomes minister. Many others too. Dynasty politics alive and kicking. Mahila played key role in big NDA win but just 2 women in 27 member cabinet. When will netas walk the…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 20, 2025
जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है।
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राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर मंगलवार दोपहर एक छात्र ने प्लेटफॉर्म से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक करोल बाग स्थित एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र था। प्रिसिंपल, कोऑर्डिनेटर, सोशल स्टडीज की शिक्षिका सहित चार महिला शिक्षिकाएं छोटी-छोटी बातों पर उसे डांटती-फटकारती थीं।
इस हृदय विदारक घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर अपना दर्द व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, प्रिय शिक्षकों, हम जानते हैं कि अब आप शिक्षा के मंदिर में नहीं, दुकानों में काम कर रहे हैं। आप पर प्रबंधन का अत्यधिक दबाव होता है सबसे अच्छे परिणाम लाने का ताकि वे इसकी नुमाइश कर दूसरे बच्चों को अपने स्कूलों में ला सकें।
कई बार आपका इरादा गलत नहीं होता। आपके कड़े व्यवहार में बच्चों की भलाई छुपी होती है। लेकिन अब आप भी मानिए कि जमाना बदल गया है। आज कल बच्चे मां-पिता को पाल रहे हैं, मां-पिता बच्चों को नहीं। अभावों से उठ कर यहां तक पहुंचे माता-पिता अपने बच्चों को वे तमाम सुख-सुविधाएं देना चाहते हैं जिनसे वे वंचित रहे।
वे नहीं जानते कि इसमें उनके बच्चों का हित है या अहित। बच्चे क्या सोचते हैं, क्या चाहते हैं- यह जाने बिना ही एक अंधी दौड़ चल रही है। सोसाइटी में स्टेटस इस बात से बनता है कि बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। कितने पर्सेंट आए। इस बात से नहीं कि वह समाज का हिस्सा और एक अच्छा इंसान बन पा रहा है या नहीं।
यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर मिलना आसान नहीं। आप भी इनका उत्तर ढूंढिए। जब तक नहीं मिलता, बच्चों से नर्मी से पेश आएं। जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है। उसकी सोच भी अलग होती है और जरूरत भी।
दिल्ली में एक प्रतिष्ठित स्कूल के 16 वर्ष के बच्चे ने स्कूल टीचर्स पर परेशान करने काआरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र में आरोप है कि एक टीचर ने एक बच्ची से देरी से आने के कारण भारी बैग के साथ सौ बार उठक-बैठक कराई और इससे उसकी मृत्यु हो गई।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 20, 2025
प्रिय शिक्षकों
हम जानते हैं…
सीएम बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जारी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर 'सीईसी' को यह पत्र लिखना पड़ा है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने एक टीवी डिबेट में कहा कि एसआईआर का काम बंगाल में अवश्य होगा।
उन्होंने डिबेट में कहा, बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा। अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा।
आपको बता दें, मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, 'यह प्रक्रिया जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने पहले दिन से ही पूरे अभियान को पंगु बना दिया है।'
बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा । अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा। https://t.co/0dBSdvAacK
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) November 20, 2025
पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अमेरिका के करीब जा रहा पाकिस्तान चीन को अपना असली रंग दिखाने लगा है। दरअसल, पाकिस्तान के टैक्स प्रमुख ने चीनी कंपनियों को चेतावनी दी कि वो या तो अपने प्रोडक्शन की पूरी डिटेल दें या फिर पाकिस्तान में अपना कामकाज बंद कर दें। दरअसल, पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां भी शामिल हैं। इस पुरे मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी अपनी राय दी।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है। कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं। इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है।
हर साल 30 अरब की टैक्स चोरी में पकड़ी गई चीनी कंपनियां इससे बौखलाई हुई हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि 'पालक' चीन अपने ‘बालक’ पाकिस्तान के इस अलसी रंग पर क्या तमाशा खड़ा करता है? आपको बता दें, पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है. कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं. इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है. हर साल 30…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 20, 2025
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 21 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहे 20वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी जी दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हुए, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने बताया कि अमेरिका को अपना बहिष्कार वापस लेने और G20 में शामिल होने के लिए आख़िरी समय में बातचीत चल रही है।
क्या ट्रंप G20 में आएंगे? क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात हो सकती है? अब बस इंतज़ार कीजिए और देखते रहिये। आपको बता दें, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित की जा रही इंडिया-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स बैठक में भी भाग लेंगे।
AS PM MODI SETS OUT FOR G20 SUMMIT IN SOUTH AFRICA,
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) November 20, 2025
PTI reports that South Africa's leader says there are last-minute talks going on to get the US to reverse its boycott and take part in G20 summit. WILL TRUMP HEAD TO G20? WILL MODI-TRUMP CROSS PATHS?
Let's wait and watch...