देश की शीर्ष प्रिंट मीडिया कंपनियों ने Q1 FY26 में मिश्रित प्रदर्शन दर्ज किया, जिसने यह दर्शाया कि एक ओर विज्ञापन मांग में मजबूती रही तो दूसरी ओर प्रसार पर लगातार बने ढांचागत दबाव ने चुनौती पेश की।
चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।
देश की शीर्ष प्रिंट मीडिया कंपनियों ने Q1 FY26 में मिश्रित प्रदर्शन दर्ज किया, जिसने यह दर्शाया कि एक ओर विज्ञापन मांग में मजबूती रही तो दूसरी ओर प्रसार पर लगातार बने ढांचागत दबाव ने चुनौती पेश की। जहां कुछ हिस्सों में विज्ञापन मजबूत रहा, वहीं सब्सक्रिप्शन राजस्व पर दबाव बना रहा, जो बदलते कंजप्शन पैटर्न के बीच पाठकों से कमाई की लगातार चुनौती को उजागर करता है।
DB कॉर्प, एचटी मीडिया और जागरण प्रकाशन के लाभप्रदता रुझानों ने कंपनी-विशेष रणनीतियों और व्यापक उद्योग गतिशीलताओं दोनों को दर्शाया- चाहे वह उच्च लागत वाले इवेंट हों या डिजिटल विस्तार की पहल। तिमाही ने क्षेत्रीय और अंग्रेजी भाषा के प्रकाशकों के बीच स्पष्ट अंतर भी दिखाया। हिंदी अखबार, जिनकी स्थानीय बाजारों में गहरी पैठ है, अपेक्षाकृत मजबूत रहे और मुख्य बाजारों में स्थिर विज्ञापन खर्च से लाभान्वित हुए। वहीं, अंग्रेजी प्रकाशकों को अधिक दबाव झेलना पड़ा, क्योंकि मौसमी सुस्ती और प्रसार से कमाई की चुनौतियों ने राजस्व और लाभ दोनों को प्रभावित किया।
प्रिंट के लिए विज्ञापन जीवनरेखा बना हुआ है, लेकिन तीनों प्रकाशकों के प्रदर्शन में अलग-अलग रुझान दिखे।
DB कॉर्प का विज्ञापन राजस्व साल-दर-साल 7% घटा, जिसका मुख्य कारण Q1FY25 में चुनाव से जुड़े बड़े खर्चों से बनी उच्च आधार रेखा रही। हालांकि समायोजित आधार पर प्रबंधन ने उच्च सिंगल-डिजिट वृद्धि पर जोर दिया, जो मुख्य बाजारों में मजबूत विज्ञापनदाता मांग को दर्शाता है।
जागरण ने सुस्ती को मात देते हुए विज्ञापन राजस्व में 5% की वृद्धि दर्ज की, जो बढ़कर ₹311.6 करोड़ हो गया। वृद्धि कई श्रेणियों में व्यापक रही, जिसमें एफएमसीजी, शिक्षा और सरकारी अभियानों ने गति दी। डिजिटल राजस्व ने भी सहारा दिया, जो साल-दर-साल लगभग 5% बढ़कर ₹23.4 करोड़ हो गया।
एचटी मीडिया ने विज्ञापन राजस्व में 17% साल-दर-साल बढ़त दर्ज की, जो ₹255 करोड़ तक पहुंचा। इसके अंग्रेजी अखबारों का विज्ञापन राजस्व 19% बढ़कर ₹140 करोड़ रहा, जबकि हिंदी खंड में 14% की वृद्धि होकर ₹116 करोड़ तक पहुंचा। हालांकि क्रमिक आधार पर, मार्च तिमाही के बाद मौसमी कमजोरी के चलते अंग्रेजी और हिंदी दोनों विज्ञापन राजस्व घटे।
प्रसार आय के मोर्चे पर मिश्रित तस्वीर रही।
DB कॉर्प का प्रसार राजस्व स्थिर रहा, जो ₹120.3 करोड़ रहा जबकि पिछले साल यह ₹119.2 करोड़ था। कंपनी को अनुशासित सब्सक्रिप्शन प्राइसिंग और स्थिर पाठक आधार से लाभ हुआ।
जागरण का प्रसार राजस्व भी लगभग अपरिवर्तित रहा, ₹84.9 करोड़ जबकि पिछले साल यह ₹85.5 करोड़ था, जो बताता है कि मूल्य निर्धारण अनुशासन और वॉल्यूम प्रबंधन ने कठिनाइयों के बावजूद आय को स्थिर बनाए रखा।
एचटी मीडिया का प्रसार राजस्व 22% घटकर ₹39 करोड़ रहा। प्रबंधन ने इसका कारण छूट वाले सब्सक्रिप्शन ऑफ़र्स के जरिए पाठक आधार बढ़ाने की रणनीति को बताया, जिसने अस्थायी रूप से राजस्व को दबा दिया, भले ही प्रसार वॉल्यूम में सुधार हुआ।
रेडियो और डिजिटल जैसे सहायक कारोबारों ने प्रिंट-विशेष दबाव को संभालने और धीरे-धीरे मल्टी-प्लेटफॉर्म राजस्व मॉडल की ओर बढ़ने में मदद की।
DB कॉर्प की रेडियो डिवीजन ने स्थिर आय दी। रेडियो विज्ञापन राजस्व ₹39.2 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹38.8 करोड़ से थोड़ा अधिक है। हालांकि, रेडियो EBITDA ₹13.2 करोड़ से घटकर ₹11.5 करोड़ रह गया। प्रबंधन ने कहा कि स्थानीय विज्ञापन मांग बढ़ रही है, लेकिन मार्जिन पर दबाव बना हुआ है।
जागरण के डिजिटल राजस्व Q1FY26 में बढ़कर ₹23.4 करोड़ हो गए, जो पिछले साल ₹22.3 करोड़ थे। यह वृद्धि कंपनी के मल्टी-प्लेटफॉर्म उपस्थिति बनाने में किए निवेश को दर्शाती है।
एचटी मीडिया को अपने रेडियो सेगमेंट में दबाव झेलना पड़ा। रेडियो राजस्व घटकर ₹31 करोड़ रह गया, जो पिछले साल ₹36 करोड़ था। कंपनी ने कहा कि यह आंशिक रूप से उच्च आधार प्रभाव के कारण हुआ। मार्जिन माइनस 21% रहा। इसके विपरीत, एचटी मीडिया के डिजिटल पोर्टफोलियो ने स्वस्थ वृद्धि दिखाई। इस खंड का राजस्व बढ़कर ₹56 करोड़ हो गया, जो साल-दर-साल 21% की वृद्धि है, हालांकि परिचालन मार्जिन अभी भी माइनस 38% पर है।
तीनों कंपनियों के शुद्ध लाभ में तीखा अंतर रहा।
DB कॉर्प का PAT 31% घटकर ₹80.8 करोड़ रहा, जो कम विज्ञापन राजस्व और EBITDA में कमी (₹190.9 करोड़ से घटकर ₹138.4 करोड़) के कारण हुआ। हालांकि क्रमिक आधार पर EBITDA 45% बढ़ा, क्योंकि न्यूजप्रिंट लागत में नरमी और खर्च प्रबंधन से मार्जिन 31% तक सुधरा।
जागरण ने 62.8% की मजबूत वृद्धि के साथ PAT ₹66.8 करोड़ दर्ज किया। इसे उच्च विज्ञापन राजस्व और अन्य आय में 123% उछाल (₹51.5 करोड़) से समर्थन मिला। हालांकि परिचालन लाभ ₹65.5 करोड़ से घटकर ₹63.8 करोड़ रहा, जिससे स्पष्ट हुआ कि शुद्ध लाभ वृद्धि में गैर-परिचालन आय का बड़ा योगदान था।
एचटी मीडिया Q1FY26 में ₹11.4 करोड़ के घाटे में चला गया, जबकि पिछली तिमाही में इसे ₹51.4 करोड़ का लाभ हुआ था। प्रबंधन ने कमजोर प्रसार राजस्व और उच्च लागत को मुख्य कारण बताया। हालांकि घाटा Q1FY25 के ₹27.6 करोड़ से कम रहा, जो साल भर में परिचालन लाभांश में कुछ सुधार को दर्शाता है।
प्रिंट क्षेत्र विज्ञापनदाताओं के भरोसे पर टिका हुआ है, लेकिन प्रसार पर संरचनात्मक दबाव और डिजिटल की ओर बदलाव चुनौती बने हुए हैं।
DB कॉर्प और जागरण के स्थिर विज्ञापन और प्रसार आंकड़े क्षेत्रीय बाजारों में हिंदी अखबारों की मजबूती को रेखांकित करते हैं। वहीं, एचटी मीडिया की मुश्किलें अंग्रेजी प्रकाशन की कठिनाइयों को उजागर करती हैं, जहां प्रसार से कमाई अभी भी कठिन बनी हुई है।
आने वाले समय में लागत प्रबंधन और न्यूजप्रिंट मूल्य प्रवृत्तियां मार्जिन को बनाए रखने में अहम होंगी। साथ ही, रेडियो और डिजिटल जैसे सहायक कारोबार राजस्व की अस्थिरता को संतुलित करने में और भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
दिल्ली में हुई ‘AIM’ की वार्षिक आम बैठक में मनोज शर्मा को नया प्रेजिडेंट, धवल गुप्ता को वाइस प्रेजिडेंट, डॉ. अनुराग बत्रा को जनरल सेक्रेट्री और रियाद मैथ्यू को कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) ने दस अक्टूबर को नई दिल्ली में अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) का आयोजन किया। बैठक के बाद संस्था के नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई। इसके तहत ‘Living Media India’ के सीईओ (Publishing & Experiential) मनोज शर्मा को नया प्रेजिडेंट चुना गया है। इसके साथ ही ‘CyberMedia’ के डायरेक्टर धवल गुप्ता को वाइस प्रेजिडेंट चुना गया है। वहीं, ‘BW Businessworld’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा को जनरल सेक्रेट्री और ‘The Week’ के चीफ एसोसिएट एडिटर और डायरेक्टर रियाद मैथ्यू को कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
वार्षिक आम बैठक में ‘AIM’ के निवर्तमान प्रेजिडेंट और ‘दिल्ली प्रेस’ के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ ने AIM के सदस्यों और टीम का उनके समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में AIM की उन पहलों को रेखांकित किया, जिन्होंने मैगजीन ईकोसिस्टम को मजबूत किया और इसे एक भरोसेमंद मल्टीप्लेटफॉर्म माध्यम के रूप में स्थापित किया।
अनंत नाथ का कहना था, ‘सब्सक्रिप्शन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को सशक्त करना, डिजिटल स्टोरफ्रंट का विस्तार, सरकारी नीतियों में भागीदारी और मीडिया व विज्ञापन में मैगजींस की प्रमुखता को फिर से लाना AIM की महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं। उन्होंने नए नेतृत्व को इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए तैयार बताया।’
वहीं, भविष्य की योजनाओं के बारे में ‘AIM’ के नए प्रेजिडेंट मनोज शर्मा ने कहा, ‘मैगजीन माध्यम के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। AIM ने पिछले कुछ वर्षों में डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत किया और हमारी आवाज को सशक्त किया। नया नेतृत्व इसे और ऊर्जा, ध्यान और सहयोग के साथ आगे बढ़ाएगा, ताकि पाठक संख्या, विज्ञापन और मैगजीन की प्रासंगिकता बढ़ाई जा सके।’
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में AIM ने कई महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया है। इनमें भारतीय डाक विभाग के साथ मिलकर डिस्ट्रीब्यूशन और सब्सक्रिप्शन को सशक्त बनाना, भारतीय रेलवे और IRCTC के साथ साझेदारी के माध्यम से रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार करना, WAVES OTT मैगजीन स्टोर की लॉन्चिंग और ONDC पर साझा डिजिटल स्टोरफ्रंट तैयार करना शामिल है। साथ ही, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय और इंडिया पोस्ट के साथ नीतिगत संवाद को और गहरा किया गया।
इस साल आयोजित इंडियन मैगजीन कांग्रेस (IMC 2025) ने भी AIM की उपलब्धियों को उजागर किया। ‘The Deep Connect: Building Communities, Nurturing Trust, Re-imagining the Future” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में शीर्ष पब्लिशर्स, विज्ञापनदाता, मीडिया प्लानर, नीति निर्माता और ग्लोबल एक्सपर्ट्स शामिल हुए। IMC 2025 में WAVES OTT स्टोर, ONDC / DigiHaat पर साझा स्टोरफ्रंट और IRCTC के साथ ‘Magazines on the Move’ कार्यक्रम जैसी नई पहलें पेश की गईं। इसके साथ ही, Magzimise Awards 2025 ने मैगजीन विज्ञापन में उत्कृष्टता और इनोवेशन को सम्मानित किया।
वीकली मैगजीन Indian Currents के पूर्व संपादक फादर सुरेश मैथ्यू को मैगनेट मंथली का चीफ एडिटर नियुक्त किया गया है।
वीकली मैगजीन Indian Currents के पूर्व संपादक फादर सुरेश मैथ्यू को मंथली मैगजीन 'मैगनेट' (Magnet) का चीफ एडिटर नियुक्त किया गया है। यह पत्रिका Conference of Religious India (CRI) का प्रकाशन है। उन्होंने इस सप्ताह दिल्ली स्थित CRI के राष्ट्रीय कार्यालय में अपना पदभार संभाला।
यह नियुक्ति फादर सजू चकलकल, राष्ट्रीय CRI के अध्यक्ष द्वारा की गई, और इसे फादर रैफी पालीकरा, Capuchins of Krist Jyoti Province, North India के प्रांतीय की मंजूरी से स्वीकृत किया गया।
एक Capuchin पादरी, फादर सुरेश मैथ्यू वर्तमान में Catholic Connect के न्यूज सेक्शन का संचालन कर रहे हैं, जो Conference of Catholic Bishops of India (CCBI) का डिजिटल प्लेटफ़र्म है। वे अपनी नई जिम्मेदारी के साथ इस पद का संचालन भी जारी रखेंगें।
मैगनेट की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी। यह पत्रिका धार्मिक व्यक्तियों और व्यापक धार्मिक समुदाय के व्यक्तिगत, सामाजिक और आध्यात्मिक समन्वय पर केंद्रित है। इसे तब CRI के राष्ट्रीय सचिव के रूप में सेवा दे रहे फादर जो मन्नाथ SDB ने सोचा और विकसित किया। 2017 से 2022 तक उन्होंने इसे विश्व-स्तरीय प्रकाशन में बदल दिया। हालांकि वे फरवरी 2022 में राष्ट्रीय सचिव के पद से इस्तीफा दे दिए, लेकिन अक्टूबर 2022 तक उन्होंने पत्रिका का संपादन जारी रखा।
अक्टूबर 2022 में संपादकीय जिम्मेदारी डॉ. पुष्पा जोसेफ, महिला विमर्शवादी और शोधकर्ता को सौंप दी गई। अपने मार्गदर्शक के कदमों पर चलते हुए उन्होंने पत्रिका की गुणवत्ता को समर्पण और जुनून के साथ बनाए रखा और खासतौर पर नई लेखिकाओं, विशेषकर महिलाओं, को पेश किया।
फादर सुरेश मैथ्यू की नियुक्ति उनके हाल ही में Indian Catholic Press Association (ICPA) के अध्यक्ष चुने जाने के बाद आई है। यह संस्था 60 साल पुरानी है और इसमें कैथोलिक पत्रकार और प्रकाशक शामिल हैं। उन्हें यह पद 21 सितंबर को पुणे में दिया गया।
वर्तमान में वे St. Joseph’s Church, Amritsar के पादरी और St. Joseph’s School, Amritsar के प्रबंधक भी हैं, दोनों पंजाब के Jalandhar Diocese के अधीन कार्यरत हैं।
देश प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना नवीनतम अंक जारी किया है। इस अंक में भारत के तेजी से बदलती ऊर्जा प्रणाली (Energy Transition) पर गहराई से चर्चा की गई है
देश प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना नवीनतम अंक जारी किया है। इस अंक में भारत के तेजी से बदलती ऊर्जा प्रणाली (Energy Transition) पर गहराई से चर्चा की गई है और उन नए लीडर्स को उजागर किया गया है जो इस क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव ला रहे हैं।
भारत के ऊर्जा संक्रमण की कहानी
इस अंक की कवर स्टोरी में देवांश जैन, InoxGFL के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Executive Director) का प्रोफाइल शामिल है। जैन के नेतृत्व में InoxGFL ने मात्र पांच साल में ₹8,000 करोड़ के परंपरागत व्यवसाय से ₹1.5 लाख करोड़ के इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी प्लेटफॉर्म में बदलाव किया, जो लगभग 1,900 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अंक में जैन की उपलब्धियों को भारत के व्यापक ऊर्जा संक्रमण के संदर्भ में रखा गया है, जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदानी ग्रुप जैसे पारंपरिक दिग्गज बड़े निवेश कर रहे हैं। हालांकि, इस अंक में InoxGFL को भारत का ‘तीसरा विश्वसनीय मंच’ (credible third front) बताया गया है, जिसने पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज और एडवांस्ड मटेरियल्स सहित कई वर्टिकल्स में रणनीतिक रूप से अपनी जगह बनाई है।
BW Businessworld के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा, “भारत का ऊर्जा संक्रमण केवल मेगावॉट्स और निवेश की कहानी नहीं है। यह दृष्टि, नेतृत्व और बड़े पैमाने पर निष्पादन की कहानी है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत की ऊर्जा कहानी इस दशक में वैश्विक स्थिरता के नतीजे तय करेगी। देवांश जैन जैसे नेता साबित कर रहे हैं कि भारतीय उद्यम नवाचार कर सकते हैं, अनुकूलन कर सकते हैं और वैश्विक महत्व के क्लीन एनर्जी इकोसिस्टम बना सकते हैं, साथ ही घर पर लाखों लोगों के लिए किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा सुनिश्चित कर सकते हैं।”
BW Businessworld की ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर नूर फातिमा वर्सिया ने कहा, “InoxGFL का ₹1.5 लाख करोड़ का विकास वर्तमान भारत के लिए महत्वपूर्ण सबक देता है। ऊर्जा संक्रमण जैसी जटिल क्षेत्र में, जहां पैमाना और निष्पादन अक्सर सफलता तय करते हैं, समूह की रणनीति यह दिखाती है कि स्पष्ट रणनीति और समय पर जोखिम लेना परिणाम बदल सकता है।”
देवांश जैन की रणनीति और कंपनी का बदलाव
देवांश जैन की रणनीति ने InoxGFL के बाजार में स्थान को पूरी तरह बदल दिया है। कंपनी की पुनरुद्धार यात्रा एक दिवालिया पवन ऊर्जा परियोजना से शुरू हुई, जिसे जैन ने सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया और एक बड़े परिचालन संपत्ति में परिवर्तित किया। साथ ही, उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा कार्यक्रमों में तेजी से कदम रखा और InoxGFL को देश के तेजी से बढ़ते सौर विकासकर्ताओं में स्थान दिलाया।
ऊर्जा भंडारण के महत्व को देखते हुए, जैन ने बैटरी केमिकल्स में प्रारंभिक बाजार स्थिति सुनिश्चित की और तेजी से बढ़ते ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाई। इन पहलों का नतीजा एक इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी प्लेटफॉर्म बनाना रहा, जो पवन और सौर ऊर्जा से लेकर एडवांस्ड स्टोरेज और विशेष मटेरियल्स तक पूरे स्पेक्ट्रम में फैला है। इससे InoxGFL केवल एक सेक्टर ऑपरेटर नहीं बल्कि भारत के ऊर्जा संक्रमण का एक व्यापक खिलाड़ी बन गया है।
भारत की ऊर्जा का द्वैध स्वरूप
नवीनत अंक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की जटिलताओं को भी समझाया गया है, जहां रिकॉर्ड नवीकरणीय क्षमता वृद्धि के साथ ही थर्मल पावर में निवेश भी जारी है। यह द्वैध दर्शाता है कि कैसे भारत स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रख रहा है, जबकि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बिजली मांग को पूरा कर रहा है।
डिजाइन रणनीति पर विशेष ध्यान
ऊर्जा के अलावा, इस अंक में डिजाइन की बदलती भूमिका पर भी विशेष फिचर शामिल है। यह बताता है कि आधुनिक व्यवसाय रणनीति में डिजाइन थिंकिंग कैसे केंद्रीय भूमिका निभा रही है, ग्राहक अनुभव को आकार दे रही है और ब्रांड पहचान और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को फिर से परिभाषित कर रही है।
BW Businessworld का नवीनतम अंक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। अधिक जानकारी और पूरी खबरें पढ़ने के लिए BW Businessworld का डिजिटल संस्करण देखें।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब FT नई लीडरशिप के तहत व्यापक कमर्शियल लक्ष्यों को साध रहा है और पेड रीडरशिप पर अपना फोकस बनाए हुए है।
फाइनेंशियल टाइम्स (FT) ने न्यू कमर्शियल आर्ट्स (NCA) को अपना लीड क्रिएटिव एजेंसी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति Ingenuity+ द्वारा संचालित एक प्रतिस्पर्धी रिव्यू के बाद हुई है। एजेंसी को ग्लोबल ब्रैंड और सब्सक्रिप्शन से जुड़े काम की जिम्मेदारी दी गई है। इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला FT द्वारा सितंबर में शुरू किए गए क्रिएटिव रिव्यू के बाद आया है और ऐसे समय में लिया गया है जब पब्लिशर नए मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के तहत ऑडियंस ग्रोथ पर जोर दे रहा है।
NCA को WPP ने 2024 में अधिग्रहित किया था और अब यह ओगिल्वी के साथ जुड़ा हुआ है। यह एजेंसी एक नया क्रिएटिव प्लेटफॉर्म तैयार करेगी, जिसका मकसद FT की पहुंच को उसके कोर बिजनेस रीडर्स से आगे बढ़ाना और उसके प्रीमियम पोजिशनिंग को और मजबूत करना है। यह कदम मीडिया साइड पर हुए बदलावों के अनुरूप है। अप्रैल 2025 में FT ने एक रिव्यू के बाद the7stars को अपनी ग्लोबल मीडिया एजेंसी नियुक्त किया था।
पिछले 18 महीनों से FT अपने ब्रैंड वर्क को लगातार नया रूप दे रहा है। 2024 में कंपनी ने Orange Panther Collective (OPC) को ग्लोबल ऑडियंस एक्विजिशन कैंपेन की जिम्मेदारी दी थी। इस प्रोजेक्ट ने बाद की स्ट्रैटेजिक वर्क, मैसेज और पोजिशनिंग के लिए आधार तैयार किया। अब नई एजेंसी ऑफ रिकॉर्ड (AOR) के साथ फोकस प्रोजेक्ट-बेस्ड काम से हटकर एक स्थायी क्रिएटिव पार्टनरशिप पर होगा, जो अलग-अलग मार्केट्स में सब्सक्रिप्शन ग्रोथ को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाएगा।
NCA से उम्मीद की जा रही है कि वह मल्टी-चैनल कैंपेन तैयार करेगी। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब FT नई लीडरशिप के तहत व्यापक कमर्शियल लक्ष्यों को साध रहा है और पेड रीडरशिप पर अपना फोकस बनाए हुए है।
इस बार उन्होंने संभाजीनगर में भास्कर समूह के मराठी अखबार दिव्य मराठी के संपादक का दायित्व संभाला है।
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र भजनी एक बार फिर नए सफर पर निकल पड़े हैं। उन्होंने ‘लोकमत’ (Lokmat) समूह का साथ छोड़कर ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) के साथ अपनी नई पारी शुरू की है।
रवीन्द्र भजनी का भास्कर समूह के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है। लिहाजा, इसे उनकी घर वापसी कहा जा सकता है। इस बार उन्होंने संभाजीनगर में दिव्य मराठी के संपादक का दायित्व संभाला है। दिव्य मराठी, भास्कर समूह का मराठी अखबार है। इससे पहले 2018-2020 तक उन्होंने इस समूह में सेंट्रल डेस्क हेड (महाराष्ट्र) के तौर पर काम किया था।
बता दें कि भजनी ने इस साल की शुरुआत में लोकमत समूह जॉइन किया था। उन्हें 'लोकमत समाचार' के नागपुर और अकोला संस्करण का संपादक बनाया गया था। भजनी को प्रिंट के साथ ही डिजिटल में भी काफी अनुभव है। भजनी ने वर्ष 2000 में दैनिक भास्कर से अपने करियर के शुरुआत की थी।
इसके बाद वह नवभारत, राज एक्सप्रेस, नवदुनिया (नईदुनिया) होते हुए वर्ष 2011 में दैनिक भास्कर के नेशनल न्यूजरूम, भोपाल से जुड़े। वह भास्कर समूह के अंग्रेजी अखबार डीबी पोस्ट में भी काम कर चुके हैं। वर्ष 2018-2020 के बीच भजनी ने भास्कर समूह के मराठी और वर्ष 2020-2021 में डीबी डिजिटल में डीबी ओरिजिनल्स के लिए अपनी सेवाएं दीं।
इसके बाद वह अमर उजाला (डिजिटल) से जुड़े और यहां नॉन प्रिंट सेक्शन की नींव रखी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार में डिजिटल ऑपरेशंस को शुरू कर विस्तार दिया। इसके बाद लोकमत होते हुए अब वह फिर दैनिक भास्कर पहुंचे हैं। समाचार4मीडिया की ओर से रवीन्द्र भजनी को नए सफर की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (INS) की 86वीं वार्षिक आम बैठक गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस/अन्य ऑडियो-विज़ुअल माध्यम से आयोजित हुई।
देशभर के अखबारों, पत्रिकाओं और पीरियोडिकल्स के प्रकाशकों की सबसे बड़ी संस्था 'इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी' (INS) की 86वीं सालाना जनरल मीटिंग गुरुवार को हुई। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस / ऑडियो-वीजुअल माध्यम से आयोजित की गई।
इस बैठक में विवेक गुप्ता (सन्मार्ग) को वर्ष 2025-26 के लिए INS का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने एम. वी. श्रेयांस कुमार (मातृभूमि) का स्थान लिया है। करण राजेंद्र डार्डा (लोकमत) उपाध्यक्ष (Deputy President),
तनमय महेश्वरी (अमर उजाला) उपाध्यक्ष (Vice President) और अनंत नाथ (गृहशोभिका) मानद कोषाध्यक्ष (Honorary Treasurer) चुने गए हैं। वहीं, मैरी पॉल सोसाइटी की महासचिव (Secretary General) बनीं हैं।
वर्ष 2025-26 के लिए INS की कार्यकारी समिति के अन्य सदस्य इस प्रकार हैं—
एस. बालासुब्रमणियन आदित्यन (डेली थांथि)
गिरीश अग्रवाल (दैनिक भास्कर, भोपाल)
समाहित बल (प्रगतिवादी)
समुद्र भट्टाचार्य (हिन्दुस्तान टाइम्स, पटना)
हॉरमुजजी एन. कामा (बॉम्बे समाचार)
गौरव चोपड़ा (फिल्मी दुनिया)
विजय कुमार चोपड़ा (पंजाब केसरी, जालंधर)
डॉ. विजय जवाहरलाल डार्डा (लोकमत, नागपुर)
जगजीत सिंह दर्डी (चरदीकला डेली)
पल्लवी एस. डेम्पो (द नवहिंद टाइम्स)
विवेक गोयनका (द इंडियन एक्सप्रेस, मुंबई)
महेंद्र मोहन गुप्ता (दैनिक जागरण)
प्रदीप गुप्ता (डेटाक्वेस्ट)
संजय गुप्ता (दैनिक जागरण, वाराणसी)
श्री शैलेश गुप्ता (मिड-डे)
शिवेंद्र गुप्ता (बिजनेस स्टैंडर्ड)
योगेश पी. जाधव (पुढारी)
राजेश जैन (न्यू इंडिया हेराल्ड)
सरविंदर कौर (अजीत)
विलास ए. मराठे (दैनिक हिन्दुस्तान, अमरावती)
हर्षा मैथ्यू (वनिता)
ध्रुब मुखर्जी (आनंदबाजार पत्रिका)
पी. वी. निधीश (बालभूमि)
प्रताप जी. पवार (साकाल)
राहुल राजखेवा (द सेंटिनल)
आर. एम. आर. रमेश (दिनाकरन)
अतीदेव सरकार (द टेलीग्राफ)
अमम एस. शाह (गुजरात समाचार, बड़ौदा और सूरत)
डॉ. किरण डी. ठाकुर (तरुण भारत, बेलगाम)
सौभाग्यलक्ष्मी कणेकल तिलक (मयूरा)
बीजू वर्गीस (मंगलम प्लस)
आई. वेंकट (ईनाडु)
कुंदन आर. व्यास (व्यापार - जन्मभूमि)
किरण बी. वडोदरिया (वेस्टर्न टाइम्स)
सोमेश शर्मा (राष्ट्रदूत साप्ताहिक)
जयंन मम्मन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा)
एल. आदिमूलम (हेल्थ एंड द एंटीसैप्टिक)
मोहित जैन (इकॉनॉमिक टाइम्स)
के. आर. पी. रेड्डी (साक्षी)
राकेश शर्मा (आज समाज)
एम. वी. श्रेयांस कुमार (मातृभूमि)
‘एबीपी’ के ध्रुबा मुखर्जी को वाइस चेयरमैन और शशि सिन्हा को IRS Technical Committee का नया चेयरमैन चुना गया है।
विज्ञापन इंडस्ट्री के जाने-माने नाम विक्रम सखूजा को ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (MRUCI) का नया चेयरमैन चुना गया है। इंडस्ट्री से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) को यह जानकारी दी है। सखूजा ने जागरण मीडिया के शैलेश गुप्ता की जगह ली है।
वर्तमान में मैडिसन मीडिया और OOH के ग्रुप सीईओ सखूजा इससे पहले ‘MRUCI’ में वाइस चेयरमैन के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। सोमवार को हुई MRUCI की वार्षिक आम बैठक (AGM) में बोर्ड ने उनके नाम को मंजूरी दी। ‘एबीपी नेटवर्क प्रा. लि. (ABP Network Pvt Ltd) के डायरेक्टर ध्रुबा मुखर्जी को वाइस चेयरमैन चुना गया है।
वहीं, ‘आईपीजी मीडियाब्रैंड्स’ (IPG Mediabrands) के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन शशि सिन्हा को IRS टेक्निकल कमेटी का नया चेयरमैन चुना गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी सखूजा के पास थी।
आईआईटी दिल्ली और आईआईएम कोलकाता के पूर्व छात्र विक्रम सखूजा के पास मार्केटिंग (P&G, कोका-कोला), मीडिया (स्टार टीवी) और विज्ञापन (Mindshare, Group M, Maxus WW, Madison) में 38 से अधिक वर्षों का अनुभव है। मैडिसन वर्ल्ड से जुड़ने से पहले वे मैक्सस वर्ल्डवाइड के ग्लोबल सीईओ, ग्रुप एम के ग्लोबल स्ट्रैटेजी डेवलपमेंट ऑफिसर, ग्रुपएम साउथ एशिया के सीईओ और माइंडशेयर साउथ एशिया के सीईओ रह चुके हैं।
ध्रुबा मुखर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस के भी पूर्व छात्र रहे हैं और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के सीनियर एग्जिक्यूटिव लीडरशिप प्रोग्राम से भी ग्रेजुएट हैं। वे 1997 से ABP ग्रुप से जुड़े हुए हैं।
वहीं, शशि सिन्हा भी आईआईटी के पूर्व छात्र और आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए कर चुके हैं। उनका करियर लगभग चार दशकों का है। उन्होंने देश की पहली स्पेशलाइज्ड मीडिया एजेंसी लॉडस्टार की लॉन्चिंग से लेकर 2012 में IPG Mediabrands इंडिया की एंट्री के बाद से बतौर सीईओ उसका नेतृत्व किया है। सिन्हा इससे पहले BARC, द ऐड क्लब और ABC जैसी संस्थाओं की भी अगुवाई कर चुके हैं।
आखिरी बार यह सर्वे वर्ष 2019 में किया गया था। इसके बाद कोविड महामारी और फंडिंग की चुनौतियों के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पाई।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल ऑफ इंडिया (MRUCI) के बोर्ड ने छह साल के अंतराल के बाद आखिरकार पाठकों के बदलते व्यवहार पर नजर रखने के लिए पायलट को अपनी हरी झंडी दे दी है। इंडस्ट्री से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) को यह जानकारी दी है।
सोमवार सुबह MRUCI की वार्षिक आम बैठक (AGM) में सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। अभी इस बारे में विस्तार से जानकारी आनी बाकी है। MRUCI के चेयरमैन शैलेश गुप्ता से इस मामले में संपर्क नहीं हो सका।
गौरतलब है कि 28 अगस्त को ‘e4m’ ने पायलट सर्वे की चर्चा की थी। बोर्ड मीटिंग में तीन मार्केट्स में यह पायलट सर्वे करने पर विचार हुआ था, जिसमें प्रिंट और डिजिटल दोनों तरह की न्यूज रीडरशिप को शामिल किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस पायलट सर्वे में शामिल किए जाने वाले मार्केट्स के नाम गुप्त रखे जा सकते हैं, ताकि पब्लिशर्स की ओर से किसी तरह की छेड़छाड़ न हो सके। इसमें एक अर्बन (शहरी) और एक सेमी-अर्बन (अर्ध-शहरी) आबादी को शामिल किए जाने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक, काउंसिल इस सर्वे को अंजाम देने के लिए ‘इंटेलिफाइल’ (Inteliphyle) नामक रिसर्च फर्म की मदद ले सकती है। इस फर्म का नेतृत्व प्रसून बसु कर रहे हैं, जो पहले Kantar और Nielsen से जुड़े रह चुके हैं।
गौरतलब है कि MRUCI ने पिछले एक साल में इस सर्वे को लेकर कई बैठकें कीं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। फंडिंग फॉर्मूला, सर्वे मेथडोलॉजी, एजेंसी का चुनाव और सर्वे का दायरा—इन सभी मुद्दों पर काफी बहस हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
‘e4m’ की पिछली रिपोर्ट्स के अनुसार, काउंसिल के कई सदस्य पारंपरिक डोर-टू-डोर सर्वे मॉडल को लेकर संशय में हैं। कोविड के बाद हाउसिंग सोसायटीज में एंट्री प्रतिबंध, गोपनीयता को लेकर बढ़ती चिंताओं और लंबे इंटरव्यूज के लिए लोगों की अनिच्छा को देखते हुए आशंका जताई गई थी कि इससे अर्बन डेटा की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है और IRS की क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठ सकते हैं।
पब्लिशर्स का यह भी तर्क था कि इस सर्वे को दोबारा शुरू करने की लागत और जटिलता इतनी ज्यादा है कि इसकी प्रासंगिकता पर ही सवाल उठने लगे हैं, खासकर ऐसे समय में जब डिजिटल-प्लानिंग तेजी से बढ़ रही है।
2019 में हुआ था आखिरी सर्वे
आखिरी बार यह सर्वे वर्ष 2019 में किया गया था। इसके बाद कोविड महामारी और फंडिंग की चुनौतियों के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पाई। इस बीच, भारत का विज्ञापन बाजार 2024 में 1.1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है, जिसमें प्रिंट की हिस्सेदारी 15–16 प्रतिशत है। यानी प्रिंट इंडस्ट्री अब भी 15,000–16,000 करोड़ रुपये के विज्ञापन राजस्व पर काबिज है। ऐसे में विज्ञापनदाताओं के लिए यह करंसी बेहद अहम है, खासकर मौजूदा आर्थिक हालात में, जब हर मार्केटिंग रुपया बारीकी से देखा जा रहा है।
इस गतिरोध ने पूरे इंडस्ट्री में यह बहस छेड़ दी है कि क्या पारंपरिक रीडरशिप सर्वे आज की मीडिया खपत की सच्ची तस्वीर दिखा सकता है, जबकि डिजिटल न्यूज, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो और सोशल मीडिया की खपत तेजी से बढ़ रही है। कई लोग इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि सर्वे का दायरा बढ़ाकर सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स को शामिल किया जाए।
अब देखना यह है कि IRS खुद को एक टेक-ड्रिवन हाइब्रिड मेजरमेंट सिस्टम में बदलता है, या फिर पुरानी प्रिंट-फर्स्ट पद्धति पर कायम रहता है और धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो जाता है।
भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्ज करते हुए, द संडे गार्जियन ने ‘ट्रांसफॉर्मिंग भारत: मोदी@75’ शीर्षक से 75 पन्नों का विशेष संस्करण जारी किया है।
भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्ज करते हुए 'द संडे गार्जियन' ने ‘ट्रांसफॉर्मिंग भारत: मोदी@75’ शीर्षक से 75 पन्नों का विशेष संस्करण जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर प्रकाशित इस विशेषांक को प्रतीकात्मक और ठोस दोनों माना जा रहा है, क्योंकि यह 75 पृष्ठ उनके 75 वर्ष की आयु को दर्शाते हुए उनके नेतृत्व में भारत के परिवर्तन की यात्रा को दर्ज करता है।
इस विशेष संस्करण में भारत की उल्लेखनीय यात्रा को अनेक क्षेत्रों में समेटा गया है- आर्थिक सुधार, तकनीकी नवाचार, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, युवा उद्यमिता, रक्षा आधुनिकीकरण, विदेश नीति, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और वैश्विक मंच पर भारत का उदय। गहन रिपोर्टिंग, विश्लेषणात्मक निबंध, विचारोत्तेजक आलेख और दुर्लभ अभिलेखीय सामग्री के साथ, यह संस्करण पाठकों को इस बात की व्यापक झलक देता है कि बीते दशक में भारत ने अपनी पहचान और आकांक्षाओं को कैसे नया रूप दिया है। यह केवल पत्रकारिता की श्रद्धांजलि नहीं है, बल्कि उस युग का जीवंत लेखा-जोखा है, जहां सुशासन और दृष्टि ने मिलकर राष्ट्र में व्यापक परिवर्तन लाए।
यह पहल 'द संडे गार्जियन' की उस सोच को दर्शाती है जिसमें साधारण रिपोर्टिंग से आगे बढ़कर ऐसी पत्रकारिता प्रस्तुत करने का प्रयास है जो राष्ट्रीय महत्व के ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में स्थायी बनी रहे। हाल के समय में अभूतपूर्व 75 पन्नों के इस विस्तृत स्वरूप ने स्मरणीय प्रकाशन के क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित किया है। यह विशेष संस्करण न केवल प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों का पुनरावलोकन है, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ की राह पर देश की आकांक्षाओं को भी सामने रखता है। प्रतीकात्मकता और ठोस सामग्री को जोड़ते हुए, 'द संडे गार्जियन' ने यह दिखाया है कि मीडिया किस तरह नेतृत्व और राष्ट्र-निर्माण को इस ढंग से दर्ज कर सकता है, जो सूचनात्मक, प्रेरणादायी और स्थायी हो।
‘ट्रांसफॉर्मिंग भारत: मोदी@75’ को प्रभावशाली बनाने वाली बात इसकी गहराई और सहजता का मेल है। यह जहां नीति-निर्माताओं और बुद्धिजीवियों से संवाद करता है, वहीं उन साधारण पाठकों से भी जुड़ता है जो प्रत्यक्ष रूप से कल्याणकारी योजनाओं, डिजिटल समावेशन, बुनियादी ढांचे के विस्तार और भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति से उत्पन्न अवसरों के लाभार्थी रहे हैं। इस विशेषांक में यह भी रेखांकित किया गया है कि नीतियां कैसे वास्तविक जीवन में बदलाव लेकर आई हैं और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना ने किस प्रकार समाज के सभी वर्गों में नवाचार और आत्मविश्वास को प्रेरित किया है।
इस पहल पर बोलते हुए 'द संडे गार्जियन' की संपादक जॉयता बसु ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित यह परिशिष्ट न केवल उनके ऐतिहासिक जन्मदिन का उत्सव है, बल्कि उनके भारत के प्रति योगदान की व्यापकता और गहराई को भी प्रतिबिंबित करता है। यह उस असाधारण बदलाव को समेटता है जो उन्होंने एक दूरदर्शी नेता और कर्मयोगी के रूप में भारत और उसकी जनता के कल्याण हेतु अपने जीवन को समर्पित कर लाया है। जैसे-जैसे राष्ट्र प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के विज़न की ओर अग्रसर है, हम देखते हैं कि यह संस्करण अभिलेखीय महत्व रखता है और आने वाली पीढ़ियों तक प्रासंगिक रहेगा।”
बड़ी दृष्टि पर प्रकाश डालते हुए आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, “‘ट्रांसफॉर्मिंग भारत: मोदी@75’ संस्करण इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि मीडिया किस प्रकार जिम्मेदारी और सार्थकता के साथ नेतृत्व का उत्सव मना सकता है। यह अपनी अवधारणा में अभिनव, क्रियान्वयन में व्यापक और संदेश में गहन है। भारत के परिवर्तन और एक आत्मविश्वासी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने की तस्वीर प्रस्तुत कर यह संस्करण नागरिकों में गर्व और आत्मचिंतन की भावना जगाता है।”
‘ट्रांसफॉर्मिंग भारत: मोदी@75’ के साथ, 'द संडे गार्जियन' ने भारत में स्मरणीय पत्रकारिता को नए सिरे से परिभाषित किया है। यह संस्करण सिर्फ एक नेता को समर्पित नहीं है, बल्कि परिवर्तनशील राष्ट्र का प्रतिबिंब, उपलब्धियों का लेखा-जोखा और आने वाली संभावनाओं की याद दिलाने वाला दस्तावेज है। प्रतीकात्मक कहानी कहने और ठोस विश्लेषण के अभिनव संयोजन के साथ, इसने मीडिया इंडस्ट्री के लिए नया मानक तय किया है और राष्ट्रीय स्मृति को आकार देने में पत्रकारिता की स्थायी भूमिका को रेखांकित किया है।
इस नवीनतम अंक में बिहार के विकास मॉडल और GST 2.0 के राष्ट्रीय लागू होने पर विस्तार से चर्चा शामिल है, जो देश की स्थायी आर्थिक वृद्धि और नीति-आधारित विकास को दर्शाती है।
देश की प्रमुख बिजनेस मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना नवीनतम अंक जारी किया है। इस अंक में मैगजीन ने देश में चल रहे आर्थिक बदलाव के दो अहम पहलुओं का विश्लेषण पेश किया है। इस अंक में बिहार की राजनीति से विकास-केंद्रित शासन की यात्रा और GST 2.0 के राष्ट्रीय स्तर पर लागू होने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। ये दोनों पहल देश की स्थायी आर्थिक वृद्धि और नीति-आधारित विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
बिहार: राजनीति से नीति केंद्रित शासन की ओर
इस अंक की मेन स्टोरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की बदलती छवि पर केंद्रित है। बिहार लंबे समय तक पहचान आधारित राजनीति से संघर्ष करता रहा है, लेकिन अब विकास और व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व मुख्य सचिव अमृता लाल मीणा और नए मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ विशेष इंटरव्यू के माध्यम से प्रशासनिक बदलाव और नीतियों की दिशा को समझाया गया है। लेख में बताया गया है कि कैसे औद्योगिक पार्क, उन्नत विद्युत व्यवस्था, बढ़ती हुई हाईवे नेटवर्क और डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम को राज्य की सांस्कृतिक और कृषि संपदा के साथ संतुलित करके विकास की रणनीति बनाई जा रही है।
साथ ही यह भी विश्लेषण किया गया है कि क्या राज्य के महत्वाकांक्षी समझौते (MoUs) वास्तविक उत्पादन इकाइयों में बदल पाएंगे और क्या राज्य की इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ती युवा जनसंख्या को संभाल पाएगी। ये प्रश्न भारत की स्थायी आर्थिक वृद्धि की क्षमता के समक्ष मौजूद व्यापक चुनौतियों को भी दर्शाते हैं।
GST 2.0 का राष्ट्रीय रोलआउट: दूसरी बड़ी स्टोरी GST 2.0 पर केंद्रित है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित की गई थी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा व्याख्यायित की गई। इस सुधार के तहत आवश्यक वस्तुओं और उपभोक्ता सामानों पर टैक्स कम किए गए हैं, छोटे कार निर्माताओं और इलेक्ट्रिक व्हीकल घटक निर्माताओं को राहत दी गई है, और सूक्ष्म उद्यमों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल बनाई गई है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, इन सुधारों से घरेलू खपत बढ़ाने, कर अनुपालन सुधारने और देश के कर संग्रह आधार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति बढ़ सकती है, विशेषकर वैकल्पिक खर्च वाले क्षेत्रों में।
सुधारों की व्याख्या: दोनों स्टोरीज इस बात पर जोर देती हैं कि असली सुधार केवल नीतिगत घोषणाओं से नहीं, बल्कि लगातार और आपस में जुड़े प्रयासों से ही संभव है। बिहार का विकास पूर्वी भारत के औद्योगिक गलियारे के लिए उदाहरण बन सकता है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कृषि प्रथाओं में भी आधुनिकरण होगा। वहीं, GST 2.0 से उपभोक्ता खर्च के पैटर्न में बदलाव आएगा और छोटे व्यवसायों के लिए कर अनुपालन सरल होगा, जिससे पूरे आर्थिक ढांचे में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
'BW बिजनेसवर्ल्ड' का यह नया अंक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। पूरी स्टोरी और विश्लेषण पढ़ने के लिए BW Businessworld के डिजिटल एडिशन को आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
'BW बिजनेसवर्ल्ड' के बारे में: 44 साल की विरासत के साथ 'BW बिजनेसवर्ल्ड' भारत का सबसे तेजी से बढ़ता 360-डिग्री बिजनेस मीडिया हाउस है। 23 विशेष व्यावसायिक समुदायों और 10 मैगजीन के नेटवर्क के साथ, यह घरेलू और वैश्विक वर्टिकल्स में सक्रिय है, जहां सम्मेलन और मंच आयोजित करके व्यावसायिक नेताओं के बीच संवाद और सहयोग का अनुकूल माहौल बनाया जाता है। BW के सभी अंक डिजिटल रूप से भी उपलब्ध हैं, जिनमें ऑनलाइन और वीडियो स्टोरीज शामिल होती हैं, और हर अंक का ई-मैगजीन भी मिलता है।