मलयाला मनोरमा समूह के चीफ एसोसिएट एडिटर व डायरेक्टर रियाद मैथ्यू को सर्वसम्मति से ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) का चेयरमैन चुना गया है
मलयाला मनोरमा समूह (Malayala Manorama Group) के चीफ एसोसिएट एडिटर व डायरेक्टर रियाद मैथ्यू को सर्वसम्मति से ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) का चेयरमैन चुना गया है। वह 2024-2025 के लिए इस पद पर रहेंगे। रियाद मैथ्यू प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के बोर्ड में अगस्त 2009 से डायरेक्टर के तौर पर भी जुड़े हुए हैं और 2016-2017 में PTI के चेयरमैन रह चुके हैं।
उन्होंने इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (IPI) इंडिया के चेयरमैन और विएना स्थित IPI के बोर्ड में भी सदस्य के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा, रियाद मैथ्यू मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल (MRUC) और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स (AIM) के बोर्ड में भी रहे हैं।
रियाद मैथ्यू ने यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और 'द वॉशिंगटन पोस्ट', 'द वॉशिंगटन टाइम्स' और 'कैपिटल न्यूज सर्विस' से ट्रेनिंग ली है।
मलयाला मनोरमा समूह के पास 5 भाषाओं में 40 से अधिक प्रकाशन हैं और टेलीविजन, रेडियो, म्यूजिक और साइबरस्पेस में भी इसकी उपस्थिति है। मलयाला मनोरमा समूह की GCC में भी मजबूत उपस्थिति है।
डिप्टी चेयरमैन:-
विज्ञापनदाताओं/ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने वाले आईटीसी लिमिटेड के करुणेश बजाज को सर्वसम्मति से वर्ष 2024-2025 के लिए ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का डिप्टी चेयरमैन चुना गया है।
माननीय सचिव:-
प्रकाशक सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के मोहित जैन को सर्वसम्मति से वर्ष 2024-2025 के लिए ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का माननीय सचिव चुना गया।
माननीय कोषाध्यक्ष:-
विज्ञापन एजेंसियों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले मैडिसन कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के विक्रम सखूजा को सर्वसम्मति से वर्ष 2024-2025 के लिए ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का माननीय कोषाध्यक्ष चुना गया।
वर्ष 2024-2025 के लिए ब्यूरो की मैनेजमेंट काउंसिस के सदस्य इस प्रकार हैं:
1. रियाद मैथ्यू - मलयाला मनोरमा कंपनी लिमिटेड, - चेयरमैन
2. प्रताप जी. पवार - सकाल पेपर्स प्राइवेट लिमिटेड
3. शैलेश गुप्ता - जागरण प्रकाशन लिमिटेड
4. प्रवीण सोमेश्वर - एचटी मीडिया लिमिटेड
5. मोहित जैन - बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड - माननीय सचिव
6. ध्रुबा मुखर्जी - एबीपी प्राइवेट लिमिटेड
7. करण दर्डा - लोकमत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड
8. गिरीश अग्रवाल - डीबी कॉर्प लिमिटेड
मिड-डे ने गौरिश पठारे को अपना नया चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) नियुक्त किया है। यह उनकी मिड-डे समूह के साथ दूसरी पारी है
मिड-डे ने गौरिश पठारे को अपना नया चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) नियुक्त किया है। यह उनकी मिड-डे समूह के साथ दूसरी पारी है। इससे पहले, वर्ष 2007 में वह संगठन में नेशनल सेल्स हेड के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
अपने नए कार्यकाल में पठारे मिड-डे ग्रुप के सभी ब्रैंड्स- मिड-डे, गुजराती मिड-डे और इंकलाब के लिए राजस्व स्रोतों को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह राजस्व वृद्धि की रणनीतियों को दिशा देंगे, चैनल पार्टनरशिप को संभालेंगे और मार्केटिंग, सेल्स, कस्टमर सपोर्ट, प्राइसिंग और रेवेन्यू मैनेजमेंट जैसे सभी विभागों में समन्वय सुनिश्चित करेंगे।
गौरिश पठारे का करियर तीन दशकों से अधिक का है और वह मार्केटिंग, मीडिया रणनीति, ब्रैंड प्लानिंग और मीडिया सेल्स के क्षेत्र में गहन अनुभव रखते हैं। उन्होंने एफएमसीजी, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, बीमा, ई-कॉमर्स, टेलीकॉम और मीडिया जैसी विविध इंडस्ट्रीज में कार्य किया है।
मिड-डे से जुड़ने से पहले पठारे कई प्रतिष्ठित संस्थानों में नेतृत्व की भूमिकाएं निभा चुके हैं। उन्होंने HIT 95 FM में कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी स्पेशलिस्ट के तौर पर काम किया, साथ ही कोबाल्ट आर्ट्स में डायरेक्टर, अपडेट जिओटारगेट और 361 डिग्री एंटरटेनमेंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में मैनेजिंग पार्टनर की भूमिका में रहे। इसके अलावा, वह टाइम्स ग्रुप (बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) और सकाल मीडिया ग्रुप में भी वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे हैं।
पठारे की वापसी के साथ मिड-डे ग्रुप को उनके अनुभव और दृष्टिकोण से नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
नई जिम्मेदारी से पहले वह इस अखबार में बतौर नयूज एडिटर दिल्ली में तैनात थे और सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, एनआईए जैसी महत्वपूर्ण बीट कवर कर रहे थे।
‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) ने वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार शर्मा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत पवन कुमार शर्मा को अंबाला का संपादकीय प्रभारी बनाया गया है। नई जिम्मेदारी से पहले वह इस अखबार में बतौर नयूज एडिटर दिल्ली में तैनात थे और सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, एनआईए जैसी महत्वपूर्ण बीट कवर कर रहे थे।
मूल रूप से सोनीपत (हरियाणा) के रहने वाले पवन कुमार शर्मा को मीडिया में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है। पत्रकारिता के क्षेत्र में पवन कुमार शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में सोनीपत में ‘पंजाब केसरी’ से की थी। इसके बाद कुछ समय वह ‘हरिभूमि’ में रहे और फिर सोनीपत में ही ‘दैनिक जागरण’ जॉइन कर लिया। यहां उन्होंने ‘रात का रिपोर्टर’ नाम से एक कॉलम शुरू किया जो काफी चर्चा में रहा और बाद में दैनिक जागरण के तमाम संस्करणों ने अपने यहां यह कॉलम शुरू किया।
इसके बाद यहां से बाय बोलकर पवन कुमार शर्मा ने वर्ष 2005 में बतौर क्राइम रिपोर्टर ‘अमर उजाला’ पंचकूला जॉइन कर लिया और कुछ समय चंडीगढ़ में भी रहे। करीब दो साल इस अखबार में अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद वर्ष 2007 में वह फिर ‘दैनिक जागरण’ आ गए। यहां उन्होंने लुधियाना, पटियाला और फिर दिल्ली में कई बीट देखीं और फिर कोर्ट की रिपोर्टिंग शुरू की।
वर्ष 2009 में वह दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो में आ गए और यहां करीब 2014 तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद ‘इनाडु’ समूह जॉइन किया और दिल्ली में उसकी वेबसाइट की लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। यहां हिंदी संस्करण के इंचार्ज की भूमिका में करीब दो साल तक उन्होंने दिल्ली-एनसीआर लीड किया। बाद में कंपनी ने उनका ट्रांसफर तेलंगाना कर दिया तो उन्होंने वहां जाने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया और वर्ष 2016 में ‘दैनिक भास्कर’ नेशनल ब्यूरो जॉइन कर लिया और सुप्रीम कोर्ट कवर करने लगे। यहां उन्होंने सीबीआई, एनआईए, इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण बीट भी कवर कीं। इसके साथ ही कई प्रमुख और एक्सक्लूसिव खबरें कीं, जो उस समय काफी चर्चा में रहीं।
करीब दो साल पहले ‘दैनिक भास्कर’ ने पवन कुमार शर्मा को स्पेशल करेसपॉन्डेंट से प्रमोशन देकर न्यूज एडिटर बना दिया था और तब से वह इस पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। अब संस्थान ने उन्हें फिर प्रमोशन देते हुए अंबाला यूनिट का संपादकीय प्रभारी बनाया है।
आपको यह भी बता दें कि पवन कुमार शर्मा ने अयोध्या में जन्मभूमि विवाद पर वर्ष 2020 में ‘सुप्रीम कोर्ट में रामलला’ नाम से किताब भी लिखी है। इस किताब में उन्होंने इस मामले का शुरू से लेकर अंत तक का सारा विवरण दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन चली मैराथन सुनवाई को भी उन्होंने विस्तारपूर्वक अपनी इस किताब में जगह दी है और यह उस समय ‘एमेजॉन’ पर बेस्ट सेलर भी रही है।
यही नहीं, किसी लीगल मैटर पर हिंदी भाषा में लिखी उनकी यह पहली किताब है और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके साथ ही रिफरेंस के तौर पर यह किताब कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई भी जा रही है।
पढ़ाई लिखाई की बात करें तो उन्होंने सोनीपत से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करने के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन का कोर्स किया है। इसके साथ ही उन्होंने मेरठ स्थित ‘चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी’ से एलएलबी की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पवन कुमार शर्मा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है
डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है, जिसका मुख्य कारण पिछले साल के उच्च आधार का प्रभाव रहा, जबकि मुनाफे और मार्जिन में सुधार लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की कीमतों में नरमी की वजह से देखने को मिला।
सालाना तुलना (Year-on-Year Analysis):
तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व ₹559.45 करोड़ रहा, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹589.85 करोड़ की तुलना में 5.74% कम है। अन्य आय समेत कुल आय 4.71% घटकर ₹587.23 करोड़ रही, जो कि Q1FY25 में ₹616.26 करोड़ थी।
नेट प्रॉफिट (शुद्ध लाभ) में 31.42% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹117.87 करोड़ से घटकर ₹80.84 करोड़ पर आ गया। विज्ञापन से प्राप्त राजस्व ₹397.8 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के चुनाव-प्रेरित उच्च आधार की तुलना में 7% कम है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि अगर चुनावी प्रभाव को हटाकर देखा जाए तो विज्ञापन राजस्व में समान आधार पर एकल अंकों में वृद्धि दर्ज की गई।
सेगमेंट स्तर पर, प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार से ₹520.59 करोड़ की आय हुई, जो कि Q1FY25 के ₹551.63 करोड़ से कम है। वहीं रेडियो सेगमेंट से ₹39.04 करोड़ की आय हुई, जो कि पिछले वर्ष की तिमाही के ₹38.64 करोड़ से थोड़ी अधिक है।
पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने विज्ञापन राजस्व में 13% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज की है — FY22 के ₹1,182.7 करोड़ से FY25 में ₹1,689.9 करोड़ तक। इसी अवधि में PAT (लाभ कर पश्चात) 38% की CAGR से ₹142.6 करोड़ से बढ़कर ₹371 करोड़ पर पहुंचा है।
तिमाही तुलना (Quarter-on-Quarter Analysis):
Q4FY25 की तुलना में Q1FY26 में परिचालन राजस्व 2.15% बढ़ा है, जो कि ₹547.66 करोड़ से बढ़कर ₹559.45 करोड़ पर पहुंचा। कुल आय में भी 3.61% की तिमाही बढ़ोतरी दर्ज की गई।
नेट प्रॉफिट Q4FY25 के ₹52.33 करोड़ से बढ़कर Q1FY26 में ₹80.84 करोड़ हो गया — यानी 54.45% की तेज तिमाही बढ़त।
प्रिंट बिजनेस का EBITDA मार्जिन 800 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 31% हो गया, और EBITDA ₹164.7 करोड़ तक पहुंचा, जो कि Q4 की तुलना में 45% अधिक है। यह लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की औसत लागत में 1% गिरावट की वजह से संभव हुआ — ₹47,400 प्रति टन से घटकर ₹47,100 प्रति टन।
प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार का राजस्व ₹510.31 करोड़ से बढ़कर ₹520.59 करोड़ हो गया, जबकि रेडियो सेगमेंट ₹37.59 करोड़ से बढ़कर ₹39.04 करोड़ पर पहुंचा।
गर्मियों के आमतौर पर सुस्त सत्र के बावजूद सर्कुलेशन स्थिर रहा और कुछ राज्यों में वृद्धि भी देखने को मिली, जिसका श्रेय लक्षित मार्केटिंग योजनाओं और फील्ड-स्तरीय कस्टमर एक्विजिशन प्रयासों को दिया गया।
डीबी कॉर्प लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल ने कहा, “पिछले साल के आम चुनावों की वजह से आधार काफी ऊंचा था, जिससे इस तिमाही में विज्ञापन राजस्व अस्थायी रूप से प्रभावित हुआ। इसके बावजूद हमारी कोर परफॉर्मेंस स्थिर रही, जिसे विज्ञापन रुझानों में स्थिरता, न्यूजप्रिंट की नरम कीमतों और अनुशासित लागत प्रबंधन का समर्थन मिला। हमारी डिजिटल बिजनेस ने इस तिमाही में 2.2 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स तक पहुंचकर मजबूती दिखाई है, जिससे हमारी स्थिति भारत की अग्रणी भारतीय भाषा न्यूज ऐप के रूप में और मजबूत हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि सरकार की ओर से आयकर सरलीकरण, ब्याज दरों में नरमी और इस वित्तीय वर्ष में 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की संभावनाएं ग्रामीण और टियर-2+ बाजारों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी। इससे भारत की खपत की कहानी को एक नई रफ्तार मिलेगी। अपनी मजबूत संपादकीय ताकत, हाइपरलोकल प्रासंगिकता और इनोवेशन के चलते, हमें विश्वास है कि हम प्रिंट और डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर और टिकाऊ विकास देने में सक्षम रहेंगे और सभी हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करते रहेंगे।”
शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।
शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।
इस भूमिका में वे दि इकोनॉमिक टाइम्स के लिए ब्रैंड स्ट्रैटेजी, पोजिशनिंग और इंटीग्रेटेड मार्केटिंग प्रयासों का नेतृत्व करेंगी। वे प्रिंट, डिजिटल और इवेंट्स/इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IP) जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ब्रैंड की पहुंच बढ़ाने, पाठकों की भागीदारी को मजबूत करने और विज्ञापनदाताओं से संबंध और बेहतर बनाने के लिए नवाचारी मार्केटिंग रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगी।
शानु एक अनुभवी मार्केटिंग लीडर हैं, जिन्हें ब्रैंड रणनीति, इंटीग्रेटेड मार्केटिंग, डिजिटल कैंपेन, UI/UX, क्लाइंट एंगेजमेंट और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में 18 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने BFSI सेक्टर की कई अग्रणी कंपनियों के साथ काम किया है।
ASK एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट (जो कि ब्लैकस्टोन की पोर्टफोलियो कंपनी है) में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीफ मार्केटिं ऑफिसर (CMO) के रूप में ब्रैंड ट्रांसफॉर्मेशन, डिजिटल मार्केटिंग और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन को दिशा दी। उससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में ब्रैंड रणनीति, हाई-इंपैक्ट मार्केटिंग कैंपेन और रणनीतिक साझेदारियों के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर चुकी हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिजिटल बैंकिंग प्रोडक्ट्स के प्रचार अभियान और यूजर्स अपनाने को बढ़ावा दिया।
दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड को और अधिक सशक्त बनाने और मार्केट में इसकी अलग पहचान कायम करने में शानु सिंह की यह नियुक्ति एक अहम कदम माना जा रहा है।
छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।
छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह निर्देश एक व्यापक अकादमिक मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है और खासतौर पर मातृभाषा में सीखने की गुणवत्ता को मजबूत करना।
इस पहल के तहत छात्रों को मलयालम में डिजिटल साक्षरता विकसित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें उन्हें कंप्यूटर पर मलयालम टाइपिंग सिखाई जाएगी। वर्ष 2025 को “शैक्षणिक गुणवत्ता का वर्ष” घोषित किया गया है, और इस थीम के अनुरूप हर स्कूल को अपना मास्टर प्लान और वार्षिक कार्यक्रम कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
मल्टी-लैंग्वेज दक्षता पर जोर
निचली प्राथमिक (Lower Primary) और उच्च प्राथमिक (Upper Primary) कक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन पढ़ने, लिखने, वाचन और रचनात्मक लेखन जैसी मूलभूत क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छात्रों को केवल मलयालम ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी और हिंदी में भी दक्षता विकसित करनी होगी, जिससे उनमें बहुभाषी संवाद क्षमता (multilingual competence) विकसित हो सके।
शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने हाल ही में घोषणा की थी कि अखबार पढ़ने से जुड़े गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को 10 अतिरिक्त ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे।
समाचार पत्र पढ़ने को लेकर सुझाई गई गतिविधियां
कक्षा में समूह में अखबार पढ़ना और उस पर चर्चा करना
छात्रों को स्पष्ट उच्चारण के साथ जोर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना
स्कूल की लाइब्रेरी में उपलब्ध पत्रिकाओं और साप्ताहिकों का उपयोग बढ़ाना
बच्चों को सप्ताह में कम से कम एक पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करना
इन गतिविधियों के फॉलो-अप के रूप में छात्रों को पढ़े गए विषयों पर नोट्स तैयार करना, उन्हें सहपाठियों के सामने प्रस्तुत करना, विषय पर आधारित विचार साझा करना और समूह चर्चाओं में भाग लेना शामिल होगा।
यह पहल केवल पढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य छात्रों में विचारशीलता, आत्म-अभिव्यक्ति और समग्र भाषा कौशल को विकसित करना है- जिससे वे न केवल शैक्षणिक रूप से समृद्ध बनें, बल्कि एक जिम्मेदार और संवादशील नागरिक भी बनें।
मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे।
मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे। ‘नया इंडिया’, भोपाल के संपादक और राज्य के प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार बैस का रविवार को निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से मीडिया और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीप सिंह बैस के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दें।”
वरिष्ठ पत्रकार और नया इंडिया भोपाल के संपादक श्री जगदीप सिंह बैस जी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 15, 2025
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “बैस जी निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल थे। उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति और समाज को समझने की एक गंभीर दृष्टि दी। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”
जगदीप बैस ने जबलपुर से प्रकाशित नवभारत अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद वे लंबे समय तक ईटीवी मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ चैनल के प्रमुख रहे। बैस की पत्रकारिता में राजनीतिक समझ, गहरी पड़ताल और संतुलित दृष्टिकोण की खास पहचान थी।
उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक स्थान सिहोरा (जबलपुर) में संपन्न हुआ। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में पत्रकार, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और उनके पाठक सहभागी हुए। सबकी आंखें नम थीं और जुबान पर एक ही बात- “हमने एक मार्गदर्शक, एक प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया।”
सीहोर, भोपाल और जबलपुर समेत कई शहरों में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वरिष्ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने कहा, “बैस जी केवल पत्रकार नहीं, बल्कि हमारे लिए संरक्षक और प्रेरणा थे। पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण अंतिम सांस तक बना रहा। आज ऐसे पत्रकार विरले हैं।”
उनकी यादों और लेखनी की गूंज लंबे समय तक मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में बनी रहेगी।
BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है
BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है- पहला, डेकोरेटिव पेंट इंडस्ट्री में मची खलबली और दूसरा, देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में शिक्षा के बदलते स्वरूप की गहराई से पड़ताल।
पेंट इंडस्ट्री के स्थिर रंगों में उथल-पुथल
कवर स्टोरी ‘Swirling Shades in the Paint Tub’ इस बात का विश्लेषण करती है कि कैसे भारत का अब तक स्थिर और मुनाफे वाला पेंट सेक्टर दशकों बाद सबसे बड़े बदलावों से गुजर रहा है। करीब ₹72,000 करोड़ की डेकोरेटिव पेंट्स मार्केट, जिस पर वर्षों से गिने-चुने बड़े ब्रैंड्स का दबदबा था, अब ग्रासिम के बिड़ला ओपस और JSW पेंट्स जैसी नई कंपनियों की आक्रामक एंट्री के चलते बुनियादी चुनौती का सामना कर रही है।
यह सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर की संरचना का पुनः संतुलन है। जहां पहले इस इंडस्ट्री को हाई-मार्जिन सेफ जोन माना जाता था, अब वह कीमतों की जंग, नियामक निगरानी और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं की चपेट में है।
रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि कैसे एशियन पेंट्स जैसे बाजार के दिग्गज ब्रैंड्स को भी अपने बिजनेस मॉडल और रणनीतियों पर दोबारा सोचने को मजबूर होना पड़ा है। लगातार बढ़ते लीगल चैलेंजेस, ऑपरेशनल रिस्क और मुनाफे में गिरावट के बीच ये कंपनियां विरोधाभासी रूप से अपनी उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रही हैं। पत्रिका इसे "स्थिरता, तात्कालिकता और पुनर्गठन का जटिल मिश्रण" करार देती है।
भविष्य के भारत के इंजीनियर्स: सोच से टेक्नोलॉजी तक
अंक की दूसरी प्रमुख रिपोर्ट भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आ रहे व्यापक बदलावों को सामने लाती है। IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT बैंगलोर और BITS पिलानी जैसे संस्थानों के नेतृत्व से बातचीत के जरिए यह विश्लेषण किया गया है कि कैसे ये संस्थान पारंपरिक तकनीकी शिक्षा से आगे बढ़कर ऐसे स्नातक तैयार कर रहे हैं जो सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी गंभीरता से लेते हैं।
रिपोर्ट में यह दिखाया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रिन्यूएबल एनर्जी अब कोर लर्निंग का हिस्सा बन रहे हैं, जो इंडस्ट्री में आ रही तकनीकी क्रांति को दर्शाते हैं। साथ ही, अब कोर्स डिजाइन में इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच अपनाई जा रही है जिससे इंजीनियरिंग की पारंपरिक सीमाएं टूट रही हैं।
रिपोर्ट यह भी इंगित करती है कि अब पहले की तुलना में कम छात्र विदेश जाने के इच्छुक हैं। वे भारत की तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी इकोनॉमी में न सिर्फ अवसर देख रहे हैं, बल्कि खुद को उसका हिस्सा भी मान रहे हैं। इसके साथ ही संस्थानों में लैंगिक समानता और सस्टेनेबिलिटी को लेकर नई सोच विकसित हो रही है, जो राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों से भी जुड़ी हुई है।
एक साझा सूत्र: बदलाव और अनुकूलन
BW Businessworld का यह अंक दिखाता है कि चाहे बात तत्काल बाजार की हो या दीर्घकालिक संस्थागत परिवर्तन की, दोनों ही भारत की आर्थिक दिशा को तय कर रहे हैं। पेंट इंडस्ट्री और इंजीनियरिंग शिक्षा जैसे अलग-अलग दिखने वाले क्षेत्रों को यह अंक बदलाव और अनुकूलन की साझा भावना से जोड़ता है।
BW Businessworld का यह विशेषांक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों संस्करणों में उपलब्ध है। इसकी डिजिटल प्रति से पूरी रिपोर्ट और विश्लेषण नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़े जा सकते हैं-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “अच्छी पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त बनाती है और यह अच्छे शासन की आधारशिला है।”
'दि इंडियन एक्सप्रेस' का यह ग्यारहवां संस्करण है, जो अब दिल्ली, मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद, वडोदरा, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता, चंडीगढ़ और पुणे के साथ-साथ अब पटना से भी प्रकाशित होगा।
नीतीश कुमार ने कहा, “मैं कॉलेज के दिनों से ही इंडियन एक्सप्रेस का नियमित पाठक रहा हूं। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि यह अखबार अब पटना से भी प्रकाशित होगा।”
इस मौके पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पटना संस्करण के आगमन का स्वागत किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “यह गर्व की बात है कि निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए पहचाना जाने वाला इंडियन एक्सप्रेस अब पटना से प्रकाशित हो रहा है। हमें उम्मीद है कि यह जमीनी स्तर से लेकर शासन तक की व्यापक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करेगा।”
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “जब आज के दौर में सनसनी को विवेक पर तरजीह दी जा रही है और कई मीडिया मंच संतुलन खो चुके हैं, ऐसे समय में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ‘खबर बनाम शोर’ के बीच समाचार का झंडा बुलंद किए हुए है। इसकी संपादकीय और विचार स्तंभ बेहतरीन गुणवत्ता वाले होते हैं, जो राजनीति, नीति, समाज और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गहन समझ विकसित करने में मदद करते हैं।”
AICC के बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु ने कहा, “पटना संस्करण के शुभारंभ की खबर सुनकर बेहद खुशी हुई। मुझे उम्मीद है कि यह संस्करण बिहार में पत्रकारिता के नए मानक स्थापित करेगा।”
पटना संस्करण का शुभारंभ उस महीने हुआ है जब देश आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ने मौलिक अधिकारों के निलंबन, प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी और प्रशासनिक ज्यादतियों का डटकर विरोध किया था। उस दौर में प्रकाशित अखबार का एक कोरा संपादकीय पन्ना आज भी प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है।
इस अवसर पर 'दि इंडियन एक्सप्रेस' के संपादक उन्नी राजेन शंकर, उत्तर भारत के विपणन उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, और पटना स्थित वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्नी राजेन शंकर ने कहा, “पटना से निकलने वाला इंडियन एक्सप्रेस बिहार की आवाज को पूरे देश तक पहुंचाएगा। आज जब तकनीक और समाज में बदलाव तीव्र हो रहे हैं, तब यह भूमिका और भी अहम हो जाती है।”
चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, “बिहार हमेशा रामनाथजी के दिल के बेहद करीब रहा है। पटना संस्करण हमारी समृद्ध विरासत से प्रेरणा लेते हुए इस राज्य और इसके लोगों के उज्जवल भविष्य की कहानी बयां करेगा।”
यह टैब्लॉइड अखबार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।
‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि ‘मुंबई मिरर’ (Mumbai Mirror) एक बार फिर से प्रिंट में वापसी कर रहा है। यह टैब्लॉइड अख़बार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।
बता दें कि हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) ने मई 2025 में ही इस बारे में जानकारी दे दी थी, जिसे अब कंपनी ने जरिये सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।
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बता दें कि कोविड-19 के प्रभाव के चलते दिसंबर 2020 में ‘मुंबई मिरर’ का प्रिंट संस्करण बंद कर दिया गया था, जिसके बाद यह केवल डिजिटल फॉर्मेट में सीमित रह गया था। अब इसे एक धारदार, बोल्ड और हाइपरलोकल अवतार में फिर से लॉन्च किया जा रहा है।
इस बारे में ‘BCCL’ के सीईओ (पब्लिशिंग) और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शिवकुमार सुंदरम का कहना है, ’मुंबई मिरर सिर्फ एक अखबार नहीं है, बल्कि शहर की स्टाइल, आत्मा और समझदारी भरी आवाज़ है। यह हमेशा से Sharp, fearless और unapologetically local रहा है। हमारे रिसर्च में साफ है कि युवा पाठक आज भी भरोसेमंद, हाइपरलोकल स्टोरीटेलिंग चाहते हैं और उन्हें प्रिंट पर पहले से कहीं ज़्यादा भरोसा है। ’
’BCCL ’ के प्रेजिडेंट (Response) सुरिंदर चावला के मुताबिक ’मुंबई मिरर ’ की वापसी न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि उन ब्रैंड्स के लिए भी एक बड़ा अवसर है जो मुंबई से गहराई से जुड़ना चाहते हैं। यह वही मंच है जो लोकल बिजनेस, ब्रैंड्स और मोहल्ले के नायकों को उनकी सही जगह देता है।
वहीं, ब्रैंड हेड (Languages & Mumbai Mirror) सुभायू बागची ने कहा कि मुंबई मिरर शहर की धड़कनों से जुड़ा ब्रैंड है। इसकी वापसी अब और बोल्ड व और बेहतरीन कंटेंट के साथ हो रही है, जिसे वे लोग बना रहे हैं जो मुंबई की नब्ज को अच्छी तरह समझते हैं।
प्रकाशन समूह के अनुसार, ‘मुंबई मिरर का वितरण सेंट्रल मुंबई, बांद्रा, अंधेरी और पश्चिमी उपनगरों जैसे शहर के प्रमुख इलाकों में केंद्रित रहेगा। कंपनी को विश्वास है कि यह टैब्लॉइड न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि स्थानीय विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक बेहद असरदार और विश्वसनीय माध्यम साबित होगा।’
निष्पक्ष और तथ्य-आधारित खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाला The Indian Express अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है
निष्पक्ष और तथ्य-आधारित खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाला The Indian Express अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है। सोमवार यानी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना संस्करण के औपचारिक शुभारंभ समारोह में शामिल होंगे। यह देशभर में प्रकाशित होने वाला इस प्रतिष्ठित अखबार का 11वां संस्करण होगा।
यह लॉन्च ऐसे समय पर हो रहा है जब देश उस दौर को याद कर रहा है जिसे लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय कहा जाता है- आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष। 1975 में जब लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन हुआ, प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया और सत्ता का दुरुपयोग अपने चरम पर था, तब The Indian Express ने रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में इन अत्याचारों के खिलाफ सबसे मुखर विरोध दर्ज कराया था। सेंसरशिप के विरोध में अखबार ने एक खाली संपादकीय प्रकाशित कर आजादी की कीमत पर सवाल खड़े किए थे।
रामनाथ गोयनका का जयप्रकाश नारायण से गहरा संबंध था। जेपी ने 1974 में पटना के गांधी मैदान से ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया और अगले ही वर्ष दिल्ली के रामलीला मैदान से इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ निर्णायक आह्वान किया। उस ऐतिहासिक आंदोलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक युवा नेता के रूप में सक्रिय थे और उन्होंने आपातकाल के खिलाफ मुखर भूमिका निभाई थी।
इस मौके पर The Indian Express Group के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक गोयनका ने कहा, “हमारे लिए यह लॉन्च एक तरह से घर वापसी जैसा है। हमारे संस्थापक रामनाथ गोयनका जी का जन्म दरभंगा में हुआ था और उनका जयप्रकाश नारायण से गहरा नाता रहा। बिहार ने हमेशा राष्ट्रीय विमर्श में अहम भूमिका निभाई है। पटना संस्करण की शुरुआत हमारे लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि बिहार के लोग अपनी राजनीतिक समझ और सामाजिक चेतना के लिए जाने जाते हैं — और वे पत्रकारिता का वह स्तर डिज़र्व करते हैं जो उनके विचारों, ज़रूरतों और आकांक्षाओं के साथ न्याय कर सके।”
The Indian Express फिलहाल देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पुणे और वडोदरा से प्रकाशित होता है।
पटना संस्करण ऐसे समय में शुरू किया जा रहा है जब कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत और हाल के वर्षों में शासन में हुए सुधार (जैसे- पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण) इसे एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य बनाते हैं, जहां जागरूक पत्रकारिता की भूमिका और भी अहम हो जाती है।