कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंटेंट को रेगुलेट सरकार के बजाय खुद इंडस्ट्री के अंदर से आनी चाहिए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स को लेकर निगरानी और रेगुलेशन (नियंत्रण) की बहस लगातार तेज होती जा रही है। इस बीच कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंटेंट को रेगुलेट सरकार के बजाय खुद इंडस्ट्री के अंदर से आनी चाहिए।
उनका कहना है कि एक स्वतंत्र इंडस्ट्री बॉडी द्वारा संचालित स्व-नियामक ढांचा ज्यादा प्रभावी, लचीला और रचनात्मक स्वतंत्रता के लिए अनुकूल होगा। इससे रचनाकारों को जवाबदेही के साथ अपनी कला प्रस्तुत करने की आजादी मिल सकेगी। एक्सपर्ट्स ने चेताया कि यदि सरकार सीधे हस्तक्षेप करती है, तो इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकता है और ऑनलाइन कंटेंट पर अति-नियंत्रण की स्थिति बन सकती है।
इंडस्ट्री लीडर्स का कहना है, "नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) से दीर्घकालिक परिणाम नहीं मिलते।" उनका मानना है कि टिकाऊ और संतुलित कंटेंट रेगुलेशन सिर्फ प्रतिक्रियात्मक बैन या वैचारिक फैसलों से नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित ढांचे से संभव है। इसमें स्पष्ट कंटेंट गाइडलाइंस, एक विश्वसनीय व स्वतंत्र इंडस्ट्री-नेतृत्व वाली संस्था और दर्शकों की शिक्षा में निवेश शामिल होना चाहिए।
एक प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें यह तय करने के बजाय कि लोग क्या देख सकते हैं, उन्हें सही जानकारी देकर सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम बनाना चाहिए।” उनका मानना है कि यही तरीका रचनात्मक स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाता है, और एक स्वस्थ डिजिटल वातावरण को बढ़ावा देता है।
नियमन की जरूरत, लेकिन संतुलन के साथ
ओटीटी इंडस्ट्री के सामने इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि वयस्क कंटेंट और अश्लीलता की रेखा कहां खींची जाए और यह तय करने का अधिकार किसे हो? कुछ लोग मानते हैं कि ज्यादा रेगुलेशन से इनोवेशन रुक सकता है, वहीं कुछ का कहना है कि अगर कंटेंट की स्पष्ट लेबलिंग, उम्र आधारित फिल्टरिंग और मॉडरेशन के मानक तय कर दिए जाएं तो एक संतुलित समाधान मिल सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कंटेंट का रेगुलेशन व्यक्तिगत पसंद और राजनीति से प्रभावित होता है, तो इसके नाम पर कला, व्यंग्य, सामाजिक टिप्पणी और ऐतिहासिक प्रस्तुतियों तक को सेंसर किया जा सकता है।
"अश्लीलता की परिभाषा समय और संस्कृति के अनुसार बदलती रहती है, इसलिए किसी भी सरकार को इसे तय करने का एकतरफा अधिकार देना सेंसरशिप को बढ़ावा देना होगा," ऐसा कहना है पीटीपीएल इंडिया के सीओओ और पूर्व SonyLIV कार्यकारी पेप फिगेरेडो का।
उनका कहना है, “आज जरूरत इस बात की है कि हम एक पारदर्शी और संतुलित कंटेंट रेगुलेशन का ढांचा बनाएं जो समय की मांग के अनुसार हो। अगर कंटेंट गंभीर रूप से आपत्तिजनक नहीं है या जनविरोध नहीं हो रहा है, तो सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वैसे भी अधिकतर प्लेटफॉर्म पेवॉल (सब्सक्रिप्शन) के पीछे काम कर रहे हैं, जहां दर्शक खुद निर्णय लेते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “वैसे रचनात्मक स्वतंत्रता की बात करें तो मेरे पास जोड़ने को ज्यादा कुछ नहीं है- सच कहूं तो आजकल के कई शो में रचनात्मकता होती ही नहीं है।”
“पहले यह तो तय करें कि अश्लीलता है क्या”
उत्तराखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक अंतवाल का कहना है कि जब तक यह स्पष्ट नहीं किया जाएगा कि 'अश्लील' किसे माना जाएगा, तब तक सरकार की कार्रवाइयाँ मनमानी लगेंगी। “जब ट्विटर और फेसबुक जैसे मुख्यधारा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी खुलेआम आपत्तिजनक कंटेंट उपलब्ध है, तब कुछ ऐप्स को बैन करने से सरकार के लक्ष्य पूरे नहीं होते।”
उनका यह भी कहना है कि “भारत की प्रशासनिक व्यवस्था अक्सर देरी, निष्क्रियता और लालफीताशाही से जूझती है। इस कारण सही समाधान समय पर नहीं आ पाते। ऐप्स को बैन करने से रचनात्मक अभिव्यक्ति पर एक डर का माहौल बनता है, जो अंततः रचनात्मकता को खत्म कर सकता है। टीवी इंडस्ट्री की तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी एक स्वतंत्र, मजबूत निगरानी तंत्र की जरूरत है।”
फिगेरेडो मानते हैं, “रचनात्मक स्वतंत्रता को सामाजिक जिम्मेदारी और ब्रांड रणनीति के साथ संतुलित करना होगा। जैसे-जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म परिपक्व होंगे, उन्हें सोच-समझकर यह तय करना होगा कि वे किस तरह का कंटेंट बढ़ावा देना चाहते हैं और किस तरह के दर्शकों की सेवा करना चाहते हैं।”
वह कहते हैं कि भारत को ऐसी संस्था की जरूरत है जो सरकारी नियंत्रण से अलग, लेकिन प्रभावी हो—जैसे पहले Sony, Star और Viacom की 'One Alliance' थी—जो ओटीटी कंटेंट के नियमन में स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित कर सके, खासतौर पर नाबालिगों के लिए।
उनका स्पष्ट कहना है: “डिजिटल युग को सही तरीके से समझने के लिए नैतिक घबराहट नहीं, बल्कि शिक्षा जरूरी है। बहुत समय से ओटीटी स्पेस में अभिव्यक्ति की आजादी को सनसनीखेज आलस के साथ भ्रमित किया गया है।”
रास्ता क्या है: नैतिक दहशत नहीं, मीडिया साक्षरता
एक्सपर्ट मानते हैं कि बैन किसी भी दीर्घकालिक समाधान का रास्ता नहीं है। इससे केवल डिमांड अंडरग्राउंड चली जाती है, जहां दर्शक वीपीएन और अवैध डाउनलोड जैसे रास्ते अपनाते हैं और इस तरह वे किसी भी निगरानी से पूरी तरह बाहर हो जाते हैं।
एक पूर्व प्लेटफॉर्म कार्यकारी ने कहा, “बात केवल बैन से शुरू और खत्म नहीं होनी चाहिए। असली चर्चा मीडिया साक्षरता से होनी चाहिए। क्या हम माता-पिता, युवाओं और कंटेंट क्रिएटर्स को यह सिखा रहे हैं कि कौन सा कंटेंट हानिकारक है और क्यों? या फिर सिर्फ सुर्खियों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं?”
अधिकांश एक्सपर्ट मानते हैं कि समाधान तीन बिंदुओं पर आधारित होना चाहिए- पहला स्पष्ट कंटेंट गाइडलाइंस, दूसरा एक मजबूत इंडस्ट्री-नेतृत्व वाली संस्था और तीसरा दर्शकों की शिक्षा में निवेश।
फिगेरेडो कहते हैं, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कई बार बेवजह की सनसनी के रूप में देखा गया है। लेकिन इसका हल सेंसरशिप नहीं, बल्कि जवाबदेही, समझदारी और बेहतर कहानी कहने की कला है।”
कंटेंट रेगुलेशन: एक जटिल मसला
भारत सरकार ने पहले ‘ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2024’ का मसौदा प्रस्तावित किया था, जिसका उद्देश्य पारंपरिक मीडिया और ओटीटी दोनों को रेगुलेट करना था। नवंबर 2023 में यह ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था, जिसमें यूट्यूब, इंस्टाग्राम, न्यूजलेटर राइटर्स जैसे डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को भी रेगुलेशन के दायरे में लाने की बात थी।
इस मसौदे में एक विवादास्पद प्रावधान यह था कि अगर कोई कंटेंट क्रिएटर सरकार द्वारा तय सीमा को पार करता है, तो उन्हें कंटेंट प्री-सर्टिफिकेशन के लिए कंटेंट इवैल्यूएशन कमेटी (CEC) बनानी होगी- जैसे टीवी पर होता है।
हालांकि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अगस्त 2024 में इस बिल को औपचारिक रूप से वापस ले लिया, जो यह दर्शाता है कि सरकार या तो इसे फिर से सोच रही है या दोबारा मसौदा तैयार करेगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार इस बिल को पूरी तरह दोबारा बनाएगी या सिर्फ कुछ हिस्सों को संशोधित करेगी, क्योंकि अभी तक कोई नई घोषणा नहीं हुई है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “बिल की वापसी यह दिखाती है कि भारत के तेजी से बदलते डिजिटल मीडिया परिदृश्य में कंटेंट रेगुलेशन एक अत्यंत संवेदनशील और जटिल मामला है। अगर यह रेगुलेशन ज्यादा सख्त या व्यापक हो गया, तो यह विविध डिजिटल आवाजों को दबा सकता है।”
जैसे-जैसे सरकार आगे की रणनीति तय कर रही है, इंडस्ट्री लीडर्स लगातार यह अपील कर रहे हैं कि एक संतुलित ढांचा तैयार किया जाए- जो दर्शकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा करे, लेकिन साथ ही रचनात्मक अभिव्यक्ति और ऑनलाइन क्रिएशन की स्वायत्तता का भी सम्मान करे।
निखिल शर्मा इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ में हेड (Business Development) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) ने निखिल शर्मा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें ‘न्यूजप्वॉइंट’ (Newspoint) ऐप का बिजनेस हेड बनाया है। उनकी यह नियुक्ति नवंबर से प्रभावी होगी।
निखिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) पर खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी पोस्ट में निखिल शर्मा ने लिखा है, ‘विकास सिर्फ़ आंकड़ों की बात नहीं है, यह ऐसे इकोसिस्टम (परिस्थितियों) को बनाने की प्रक्रिया है जो लोगों को आगे बढ़ाते हैं और ऐसे लोग जो इकोसिस्टम को आगे बढ़ाते हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने टाइम्स इंटरनेट के न्यूजपॉइंट ऐप में बिजनेस हेड के रूप में नई ज़िम्मेदारी संभाली है।’
इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है, ‘पिछले कुछ वर्षों में ग्रोथ की कमान संभालने से लेकर अब भारत के सबसे बड़े कंटेंट डिस्कवरी प्लेटफॉर्म्स में से एक का नेतृत्व करने तक का सफर बेहद संतोषजनक रहा है। यह यात्रा सहयोग, प्रयोग और इस विश्वास से बनी है कि पैमाना (स्केल) और उद्देश्य साथ-साथ चल सकते हैं।’
बता दें कि निखिल शर्मा इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ में हेड (Business Development) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने फरवरी 2017 में ‘Times Internet’ जॉइन किया था।
भारत में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाते हुए PW (Physics Wallah) ने अपना नया OTT प्लेटफॉर्म ‘PW Pi OTT’ लॉन्च किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाते हुए PW (Physics Wallah) ने अपना नया OTT प्लेटफॉर्म ‘PW Pi OTT’ लॉन्च किया है। इसका मकसद देशभर के छात्रों को कम दाम में, बेहतर और बिना किसी बाधा के पढ़ाई का मौका देना है।
PW के मुताबिक, भारत में अच्छी शिक्षा हमेशा महंगी रही है। PW पहले से ही IIT-JEE, NEET, UPSC, CA जैसे एग्जाम्स के लिए सस्ते कोर्सेज देता रहा है, जिनकी कीमत आम तौर पर ₹4,000 से ₹6,000 तक होती है। लेकिन अभी भी लगभग 70% छात्र ऐसे हैं जो ये फीस नहीं दे पाते। इसी कमी को पूरा करने के लिए PW ने PW Pi OTT पेश किया है, जिसमें सब्सक्रिप्शन की कीमत है:
मासिक प्लान: ₹300
6 महीने का प्लान: ₹1,500
वार्षिक प्लान: ₹2,400
PW का कहना है कि इस मॉडल से छोटे शहरों, गांवों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र भी अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक आसानी से पहुंच सकेंगे। विज्ञापन, नोटिफिकेशन और रिकमेंडेड वीडियो की वजह से फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब या सोशल मीडिया पर छात्रों का ध्यान आसानी से भटक जाता है। PW Pi OTT इन सब परेशानियों को दूर करता है, क्योंकि यह एक ऐड-फ्री प्लेटफॉर्म है जहां छात्र सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि यह OTT प्लेटफॉर्म छात्रों को स्मार्ट और इंटरएक्टिव लर्निंग का अनुभव प्रदान करेगा। इसमें कई आधुनिक फीचर्स दिए गए हैं जैसे- AI की मदद से लाइव डाउट सॉल्विंग, प्रैक्टिस क्विज और होमवर्क असाइनमेंट, पॉकेट कोर्स जिनसे किसी खास टॉपिक पर फोकस किया जा सकता है, रिकॉर्डेड लेक्चर्स, ताकि छात्र अपनी गति से पढ़ सकें। इससे छात्र किसी भी समय और कहीं से भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं, बिना लाइव क्लास के दबाव के और PW Pi OTT पर छात्रों के लिए हर तरह की परीक्षा का कोर्स मौजूद है।
इसके साथ ही, प्लेटफॉर्म पर डाउनलोडेबल PDF, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र (PYQs), प्रैक्टिस टेस्ट, और शिक्षक, विषय या टॉपिक के अनुसार लेक्चर सर्च करने की सुविधा भी दी गई है। यह प्लेटफॉर्म कम डेटा उपयोग और ऑफ़लाइन डाउनलोड की सुविधा के साथ ग्रामीण छात्रों के लिए भी सुलभ है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी स्वयं-नियामक संस्थाओं को सलाह जारी की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी स्वयं-नियामक संस्थाओं को सलाह जारी की है। मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी फिल्म, वेब सीरीज या डॉक्यूमेंट्री को रिलीज करने से पहले खास सतर्कता और समझदारी से काम लिया जाए, खासतौर पर यदि वह गैंगस्टर्स या क्राइम पर आधारित हो।
मंत्रालय ने अपने पुराने दिशा-निर्देश (संख्या A-50013/123/2021-DM, दिनांक 22 अक्टूबर 2021) का हवाला देते हुए कहा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ऐसे कंटेंट से बचने की सलाह दी गई थी जो भारत की संप्रभुता और एकता को नुकसान पहुंचा सकता है, राज्य की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, देश के विदेशी रिश्तों को प्रभावित कर सकता है या फिर हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था को भड़का सकता है।
नए नोटिस में मंत्रालय ने साफ कहा है कि “गैंगस्टरों और अपराधियों पर आधारित किसी भी फिल्म, वेब सीरीज, बायोपिक या डॉक्यूमेंट्री को रिलीज या प्रसारित करने से पहले ऊपर दिए गए दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जाए।”
सरकार का यह कदम इस बात का संकेत है कि वह अब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले क्राइम-ड्रामा कंटेंट पर और सख्ती से नजर रख रही है। इससे उम्मीद है कि ओटीटी कंपनियां और उनकी नियामक संस्थाएं अपने अंदरूनी कंटेंट अप्रूवल सिस्टम और कम्प्लायंस प्रक्रियाओं की समीक्षा करेंगी, ताकि भविष्य में किसी विवाद या नियम उल्लंघन से बचा जा सके।
नितिन नीरा चंद्रा द्वारा निर्देशित और अभिनेत्री एवं निर्माता नीतू चंद्रा द्वारा निर्मित ‘छठ’ फिल्म बिहार की मिट्टी, लोगों और उनकी परंपराओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती है।
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सार्वजनिक प्रसारक ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के ओटीटी प्लेटफार्म ‘वेव्स’ (Waves) पर 24 अक्टूबर से बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘छठ’ का एक्सक्लूसिव वर्ल्डवाइड प्रीमियर होने जा रहा है। यह फिल्म बिहार की संस्कृति, आस्था और जीवन मूल्यों को समर्पित एक भावनात्मक सिनेमाई अनुभव है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक नितिन नीरा चंद्रा द्वारा निर्देशित और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री एवं निर्माता नीतू चंद्रा द्वारा निर्मित ‘छठ’ फिल्म बिहार की मिट्टी, लोगों और उनकी परंपराओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती है। फिल्म देश के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक छठ पूजा की भक्ति, अनुशासन और पवित्रता को खूबसूरती से दर्शाती है।

फिल्म की निर्माता नीतू चंद्रा के अनुसार, ‘छठ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि बिहार के प्रत्येक व्यक्ति के दिल की भावना है। यह हमारी पहचान, हमारी आस्था और हमारी जड़ों से जुड़ाव की कहानी है। इस फिल्म के ज़रिए हम चाहते हैं कि दुनिया बिहार की संस्कृति, सादगी और शक्ति को महसूस करे। हमें खुशी है कि वेव्स ओटीटी इस फिल्म को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचा रहा है।’
वहीं, ‘प्रसार भारती’ के सीईओ गौरव द्विवेदी का इस बारे में कहना है, ’छठ हमें याद दिलाती है कि भारत की सबसे सशक्त कहानियां उसकी मिट्टी से जन्म लेती हैं। यह फिल्म हमारी सांस्कृतिक गहराई और भावनात्मक समृद्धि को उजागर करती है। वेव्स ओटीटी के माध्यम से हम देश की ऐसी कहानियों को वह मंच दे रहे हैं, जिसकी वे सच्चे अर्थों में हकदार हैं।’
प्रसार भारती के अनुसार, 24 अक्टूबर से वेव्स ओटीटी पर ‘छठ’ को देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं आस्था, संस्कृति और सिनेमा का अनोखा संगम, जो बिहार की आत्मा से जुड़ी एक प्रेरक कहानी को जीवंत करता है।
अपने OTT प्लेटफॉर्म WAVES की गुणवत्ता और आकर्षण बढ़ाने के लिए प्रसार भारती ने नया Pay-Per-View (पे-पर-व्यू) कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी शुरू की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अपने OTT प्लेटफॉर्म WAVES की गुणवत्ता और आकर्षण बढ़ाने के लिए प्रसार भारती ने नया Pay-Per-View (पे-पर-व्यू) कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी शुरू की है। इस पहल का मकसद स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं, प्रोडक्शन हाउस और डिजिटल क्रिएटर्स को जोड़ना है, ताकि एक मजबूत और डेटा-आधारित कंटेंट इकोसिस्टम तैयार किया जा सके।
इस नई व्यवस्था के तहत, कंटेंट क्रिएटर्स को उनके कंटेंट के वैलिडेटेड व्यूज के आधार पर भुगतान किया जाएगा। वैलिडेटेड व्यू का मतलब है- जब कोई दर्शक किसी फिल्म या एपिसोड का कम से कम 30% हिस्सा देखता है। इस तरह से भुगतान सीधे दर्शकों की एंगेजमेंट यानी जुड़ाव से जुड़ा रहेगा, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
पायलट फेज, जो मार्च 2026 तक चलेगा, के दौरान WAVES पर मौजूद सारा कंटेंट दर्शकों के लिए पूरी तरह मुफ्त रहेगा। यानी दर्शकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, बल्कि प्रसार भारती कंटेंट के व्यूज के हिसाब से निर्माताओं को भुगतान करेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल WAVES को और प्रतिस्पर्धी और कंटेंट से भरपूर बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास अच्छा कंटेंट है, लेकिन प्लेटफॉर्म अभी बाकी सेवाओं जितना मजबूत नहीं है। इसलिए हमने यह नई व्यवस्था शुरू की है ताकि WAVES की गुणवत्ता और दायरा बढ़ाया जा सके।'
WAVES प्लेटफॉर्म, जो पिछले साल नवंबर 2024 में लॉन्च हुआ था, इस समय अलग-अलग भारतीय भाषाओं और विधाओं में ऑन-डिमांड कंटेंट और लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराता है। अपने पहले साल की सालगिरह के मौके पर शुरू की गई यह नई पॉलिसी उच्च गुणवत्ता वाले, एक्सक्लूसिव और क्षेत्रीय विविधता से भरे कंटेंट को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
पॉलिसी दस्तावेज के अनुसार, 'यह पॉलिसी कंटेंट ऑनबोर्डिंग और क्रिएटर्स के भुगतान के लिए एक न्यायसंगत और डेटा-आधारित मॉडल तैयार करती है।' इसके जरिए यह भी देखा जाएगा कि क्या यह परफॉर्मेंस-लिंक्ड मॉडल पब्लिक सर्विस OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए लंबे समय तक कारगर रह सकता है।
प्लेटफॉर्म पर डाले जाने से पहले हर कंटेंट को तकनीकी गुणवत्ता जांच, राइट्स वेरिफिकेशन और कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
एक इवैल्यूएशन कमेटी हर महीने कंटेंट के एनालिटिक्स, वित्तीय आंकड़ों और दर्शक रुझानों की समीक्षा करेगी। यह समिति कॉस्ट-पर-व्यू, कंटेंट की विविधता और प्रभाव का भी मूल्यांकन करेगी, ताकि नीति में समय-समय पर सुधार और दरों में समायोजन किए जा सकें।
उन्होंने सीधे वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ कर दिया कि Netflix अपने उद्देश्यों के लिए बड़ी खरीदारी पर निर्भर नहीं है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) के को-सीईओ टेड सारांडोस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्ट्रीमिंग दिग्गज को वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros. Discovery यानी WBD) में खरीदारी करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।
सारांडोस ने यह बात Netflix के तीसरे तिमाही के वित्तीय नतीजों के बाद निवेशकों के साथ हुई अर्निंग कॉल में कही। उन्होंने सीधे वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ कर दिया कि Netflix अपने उद्देश्यों के लिए बड़ी खरीदारी पर निर्भर नहीं है।
उन्होंने कहा कि Netflix के लिए ऑर्गेनिक ग्रोथ यानी अपनी ताकत से बढ़ना, बड़ी कंपनियों को खरीदने से बेहतर है। उन्होंने जोड़ा, “जब हम M&A यानी Merger (विलय) और Acquisition (अधिग्रहण) के मौके देखते हैं, तो हम सभी पर ध्यान देते हैं और वही फ्रेमवर्क अपनाते हैं जो हम निवेश के फैसले में अपनाते हैं। क्या यह बड़ा अवसर है? क्या इसमें अतिरिक्त मूल्य है?”
सारांडोस ने यह भी कहा कि Netflix मुख्य रूप से आर्गेनिक ग्रोथ, जिम्मेदारी से निवेश और शेयरधारकों को लाभ वापस करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने बताया कि बड़े अधिग्रहण से कंपनी की रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा।
वैसे बता दें कि संभावित खरीदारों में Paramount Skydance, Comcast और Netflix का नाम सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, WBD के पास रणनीतिक विकल्प है कंपनी को दो हिस्सों में बांटना (Warner Bros. और Discovery Global), पूरी कंपनी के लिए कोई लेनदेन करना या अलग-अलग लेनदेन करना। मंगलवार को CNBC ने बताया कि Warner Bros. ने Paramount Skydance के पहले ऑफर को ठुकरा दिया, जिससे Netflix और Comcast जैसी कंपनियों के लिए रास्ता खुल गया।
वहीं अब Netflix के को-सीईओ टेड सारांडोस ने भी स्पष्ट कर दिया और निवेशकों से कहा, “हमने हमेशा स्पष्ट किया है कि हमें परंपरागत मीडिया नेटवर्क में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारी रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हम चुनिंदा तरीके से ही आगे बढ़ेंगे।”
प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।
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सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।
नवंबर 2024 में लॉन्च हुए WAVES ने पहले ही शुरुआती सफलता हासिल कर ली है। प्लेटफॉर्म को अब तक 3.8 मिलियन से अधिक डाउनलोड और 2.3 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स मिल चुके हैं। इस सफलता से उत्साहित होकर प्रसार भारती अब प्लेटफॉर्म की वृद्धि और पहुंच को और तेज करने के लिए नए कदम उठा रहा है।
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई रणनीति के तहत वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन, ऐप बंडलिंग डील, ऐप-इन-ऐप इंटीग्रेशन और कंटेंट सिंडिकेशन व अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां हासिल करने पर ध्यान दिया जाएगा। एजेंसी का लक्ष्य दो साल के भीतर ऑपरेशनल और वित्तीय स्थिरता स्थापित करना है, जिसके लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग, कंटेंट पाइपलाइन को व्यवस्थित करना और राजस्व स्रोतों में विविधता लाना शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रसार भारती एक एक्सपर्ट टीम को शामिल करेगा जो कंटेंट, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, यूजर अधिग्रहण, डिस्ट्रीब्यूशन और राजस्व क्षेत्रों में रणनीतिक, संचालन और विश्लेषणात्मक समर्थन प्रदान करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य WAVES की सतत और स्केलेबल वृद्धि सुनिश्चित करना है।
टीम आने वाले कंटेंट प्रस्तावों का OTT के लिहाज से मूल्यांकन करेगी, जिसमें अनुपालन और दर्शक जुड़ाव की क्षमता देखी जाएगी। इन विशेषज्ञों की मदद से प्रसार भारती भाषा, शैली और डेमोग्राफिक के हिसाब से कंटेंट में मौजूद अंतर को भी पहचानेगा।
अधिकारियों ने कहा, “यूनिट शीर्ष OTT प्लेटफॉर्म से कंटेंट क्यूरेशन, शैली विविधता और मेटाडेटा ऑप्टिमाइजेशन की वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन और सिफारिश करेगी। यह मार्केटिंग एजेंसियों और क्रिएटिव पार्टनर्स को मास मीडिया, कम्युनिटी आउटरीच और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित इन्फ्लुएंसर साझेदारी, त्योहारी कैंपेन और इवेंट-आधारित एक्टिवेशन जैसी व्यापक प्रचार रणनीति विकसित करने में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगी।”
वर्तमान में WAVES कम से कम 65 चैनल उपलब्ध कराता है, जिनमें 40 लाइव सर्विसेज हैं, जो न्यूज, एंटरटेनमेंट नेटवर्क, मूवीज, टीवी शो और गेम्स को हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और असमिया जैसी 10 भाषाओं में पेश करती हैं। इसमें दूरदर्शन और आवाज़ भारत के क्लासिक्स के साथ-साथ एप्लिकेशन पर उपलब्ध नई प्रोग्रामिंग भी शामिल है।
ब्लूमबर्ग मीडिया ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।
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ब्लूमबर्ग मीडिया (Bloomberg Media) ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।
ब्लूमबर्ग टीवी+ और ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स के कंटेंट अब दोनों JioTV स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर उपलब्ध हैं। इससे Jio के 500 मिलियन से अधिक यूजर्स अब ब्लूमबर्ग की ग्लोबल बिजनेस और फाइनेंशियल न्यूज, साथ ही इसके पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्रीज देख सकते हैं। JioTV पर 16 भाषाओं में 200 से अधिक ब्रॉडकास्टर्स के 1,000 से ज्यादा चैनल उपलब्ध हैं, जबकि JioTV+ कनेक्टेड टीवी पर JioFiber और AirFiber के माध्यम से देखा जा सकता है।
अब भारतीय दर्शक ब्लूमबर्ग का पूरा टीवी लाइनअप स्ट्रीम कर सकते हैं, जिसमें The Asia Trade, Bloomberg Tech, The Future with Hannah Fry और Insight with Haslinda Amin जैसे शो शामिल हैं। इस कदम से भारत के डिजिटल दर्शकों को मार्केट, अर्थव्यवस्था और इनोवेशन पर विशेषज्ञ विश्लेषण और गहन कवरेज मिलेगा।
ब्लूमबर्ग मीडिया के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर रोमन मैकिविज ने कहा, “भारत ब्लूमबर्ग मीडिया के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। हमें खुशी है कि JioTV के साथ मिलकर हम अपने भरोसेमंद ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट को व्यापक दर्शकों तक पहुंचा पा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह साझेदारी Jio TV की विशाल पहुंच का इस्तेमाल करके ब्लूमबर्ग के भरोसेमंद पत्रकारिता को लाखों नए दर्शकों तक पहुँचाती है और निवेशकों को आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफलता के लिए जरूरी इनसाइट्स प्रदान करने में हमारी क्षमता को मजबूत करती है।”
इस डील के साथ ब्लूमबर्ग ने भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने मुंबई में अपना अपग्रेडेड टीवी स्टूडियो लॉन्च किया था, जिससे भारतीय दर्शकों को समय पर और विश्वसनीय बिजनेस कवरेज प्रदान करना आसान हो गया है।
देश के अपने घरेलू स्मार्ट टीवी ऑपरेटिंग सिस्टम CloudTV ने प्रसार भारती (Prasar Bharati) के OTT प्लेटफॉर्म WAVES के साथ साझेदारी की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश के अपने घरेलू स्मार्ट टीवी ऑपरेटिंग सिस्टम CloudTV ने प्रसार भारती (Prasar Bharati) के OTT प्लेटफॉर्म WAVES के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के जरिए देशभर के जुड़े हुए स्मार्ट टीवी पर जनसंपर्क और सांस्कृतिक कंटेंट अब आसानी से उपलब्ध होगा।
इस सहयोग से CloudTV के 1.2 करोड़ से अधिक यूजर्स WAVES OTT की लाइब्रेरी तक पहुंच सकेंगे, जिसमें 20 से अधिक भाषाओं में कई कैटेगरीज का कंटेंट शामिल है।
इस कैटलॉग में दूरदर्शन और आकाशवाणी के पुरालेख, साथ ही समाचार, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लाइव इवेंट और आधुनिक शोज शामिल हैं।
CloudTV के COO और सह-संस्थापक अभिजीत राजपुरोहित ने कहा, “Prasar Bharati के WAVES OTT के साथ हमारी साझेदारी भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक समृद्धि को हर किसी के लिए उपलब्ध कराने में एक मील का पत्थर है।”
उन्होंने आगे कहा, “CloudTV इस डिजिटल पुल को संभव बनाने पर गर्व करता है जो पुरानी यादों को नई तकनीक से जोड़ता है, और भारत के इतिहास, संस्कृति और ज्ञान को घर-घर तक पहुंचाता है।”
प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा, “WAVES भारत की आत्मनिर्भर डिजिटल दृष्टि का उदाहरण है। यह एक पब्लिक सर्विस OTT प्लेटफ़ॉर्म है जो दूरदर्शन, आकाशवाणी और भारत की रचनात्मक संपदा को एक डिजिटल जगह पर लाता है। CloudTV के साथ हमारी यह साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि हमारा कंटेंट देशभर के स्मार्ट टीवी यूजर्सओं तक पहुंचे और अधिक लोग भारत की संस्कृति, ज्ञान और मनोरंजन का अनुभव कर सकें।”
CloudTV, जो CloudWalker Streaming Technologies द्वारा विकसित किया गया है, भारत का पहला प्रमाणित Smart TV OS है और Lloyd, Intex, Micromax, Croma, Sansui, Hyundai और T-Series जैसे प्रमुख टीवी ब्रांड्स में इस्तेमाल होता है।
WAVES OTT वीडियो, ऑडियो, लाइव टीवी, रेडियो, मैगजीन, पॉडकास्ट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें पुरालेख डॉक्यूमेंट्री, क्षेत्रीय फिल्में, डिजिटल ओरिजिनल और आधुनिक कंटेंट शामिल हैं।
इस साझेदारी के बाद CloudTV OS यूजर्स सीधे अपने स्मार्ट टीवी पर WAVES कंटेंट तक पहुंच सकेंगे, जिससे सांस्कृतिक, शैक्षिक और मनोरंजन सामग्री घर-घर में उपलब्ध हो जाएगी।
ऋचा अनिरुद्ध का यह शो लोगों की जिंदगी से जुड़ीं सच्ची कहानियों को संवेदनशील और मानवीय नजरिये से पेश करता है, जो दर्शकों के दिल को छूता है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने अपने प्रशंसकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। उनका लोकप्रिय शो ‘जिंदगी विद ऋचा’ (Zindagi with Richa) अब ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के ओटीटी प्लेटफार्म ‘वेव्स’ (Waves) वेव्स पर भी देखा जा सकेगा!
ऋचा अनिरुद्ध ने 13 अक्टूबर की सुबह अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इसकी घोषणा की। उन्होंने इस ट्वीट में प्रसार भारती और इसके चेयरमैन नवनीत सहगल को भी टैग किया है।
Zindagi With Richa is now on Waves OTT too.... ? @prasarbharati @navneetsehgal3 https://t.co/jyaJxut2Ie
— richa anirudh (@richaanirudh) October 13, 2025
बता दें कि ऋचा अनिरुद्ध का यह शो लोगों की जिंदगी से जुड़ीं सच्ची कहानियों को संवेदनशील और मानवीय नजरिये से पेश करता है, जो दर्शकों के दिल को छूता है। पहले यह शो यूट्यूब पर उपलब्ध था, लेकिन अब वेव्स ओटीटी पर आने से इसे और ज्यादा लोग देख पाएंगे। वेव्स ऐप को गूगल प्ले स्टोर या आईओएस स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।
गौरतलब है कि ऋचा अनिरुद्ध वर्तमान में ‘नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ (Network18 Media & Investments Limited) के तेजी से उभरते डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कड़क’ में बतौर कंसल्टेंट अपनी भूमिका निभा रही हैं। यहां वह 'अनकही' शो को होस्ट कर रही हैं।