समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। वरिष्ठ पत्रकार व मशहूर साहित्यकार वीरेन डंगवाल का सोमवार को निधन हो गया। उन्होने सुबह 4 बजे अंतिम सांस ली। वह 68 साल के थे और मुंह के कैंसर से ग्रसित थे। कैंसर की बीमारी के लिए उनका काफी लंबे समय से इलाज चल रहा था। डॉ. डंगवाल ने अपने पीछे पत्नी डॉ. रीता डंगवाल, बेटे प्रफुल्ल और प्रशांत छोड़ गए हैं।
भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र पर केंद्रित स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म 'क्लियर कट' मैगजीन का पहला संस्करण नई दिल्ली स्थित जयशंकर मेमोरियल सेंटर (JMC) में लॉन्च किया गया।
मशहूर हस्तियों की चकाचौंध से हटकर एक अलग पहल के तहत, भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र पर केंद्रित स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म 'क्लियर कट' मैगजीन का पहला संस्करण नई दिल्ली स्थित जयशंकर मेमोरियल सेंटर (JMC) में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर मंच पर मशहूर शख्सियतें नहीं, बल्कि JMC के रेमेडियल एजुकेशन प्रोग्राम से जुड़े बच्चों ने नेतृत्व किया, जिससे यह आयोजन यादगार बन गया। मंच पर उनकी मौजूदगी ने याद दिलाया कि भारत का भविष्य उसके युवाओं और उन आवाजों में है, जिन्हें अक्सर हाशिये पर डाल दिया जाता है।
इस कार्यक्रम में JMC प्रबंधन टीम से विद्या राघवन और राघवन श्रीनिवासन, साथ ही JMC का स्टाफ, शुभचिंतक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चे शामिल हुए, जो JMC के परिवर्तनकारी कार्यों के केंद्र में हैं।
लॉन्च पर बोलते हुए विद्या राघवन ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “क्लियर कट मैगजीन अपनी यात्रा शुरू करने का इससे अधिक सार्थक तरीका नहीं चुन सकती थी। बच्चों को इस लॉन्च के केंद्र में रखना बेहद सोच-समझकर किया गया कदम है। यह पल JMC और क्लियर कट मैगजीन दोनों की आत्मा को दर्शाता है—एक ऐसा भारत, जहां सामाजिक प्रभाव केवल एक आकांक्षा नहीं बल्कि जीती-जागती हकीकत है।”
क्लियर कट मैगजीन के प्रबंध संपादक परेश कुमार ने JMC का आभार जताते हुए कहा, “हमारे पहले अंक को इतने प्रेरणादायी संस्थान से लॉन्च करना वास्तव में सम्मान की बात है।” उन्होंने आगे कहा कि यह स्थान उनके लिए और भी खास है, क्योंकि यही वह जगह है, जहां से उन्होंने अपने करियर के शुरुआती चरण में अपनी यात्रा शुरू की थी। उन्होंने कहा, “बच्चों द्वारा इस लॉन्च का नेतृत्व करना केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि यह हमारे मिशन और उन मूल्यों को पूरी तरह दर्शाता है, जिन्हें हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।”
कुमार ने दोनों संगठनों के साझा दृष्टिकोण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा और सामुदायिक विकास के जरिए सामाजिक बदलाव लाकर जयशंकर की विरासत का सम्मान करने का मिशन हमारे दिल के बहुत करीब है। क्लियर कट में हम मानते हैं कि कहानियों की ताकत ही असली बदलाव ला सकती है, और JMC में रोज जी जा रही और लिखी जा रही कहानियां अब तक की सबसे प्रभावशाली हैं, जिन्हें हमने देखा है।”
'क्लियर कट' मैगजीन के बारे में
'क्लियर कट' एक स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल मैगजीन है, जिसे भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र से जुड़े शोध और मीडिया पेशेवरों ने बनाया है। क्लियर कट की स्थापना एक सरल उद्देश्य के साथ हुई: उन कहानियों को सामने लाना जो वास्तव में मायने रखती हैं। ऐसी कहानियां जो डेटा, साक्ष्यों और जीते-जागते अनुभवों पर आधारित हों। डेटा दिशा दिखा सकता है, लेकिन कार्रवाई के लिए प्रेरित करने का काम कहानियां ही करती हैं।
क्लियर कट बदलाव के उदाहरणों को बढ़ाने, जमीनी अनुभवों से सीखों को सामने लाने और वहां सवाल खड़े करने की कोशिश करता है जहां नीतियां और व्यवस्थाएं कमजोर पड़ जाती हैं। हर संस्करण शोध, अनुभव और मानवीय कहानियों को जोड़कर भारत की सामाजिक यात्रा को गहराई से समझने में मदद करता है- शार्प एनालिसिस। क्लियर वॉयस। यही क्लियर कट का वादा है।
हर अंक को एक केंद्रीय थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया जाता है और इसमें शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशनर्स, स्टोरीटेलर्स और वास्तविक अनुभवों से जुड़े लोगों के नए दृष्टिकोण शामिल होते हैं। स्लो जर्नलिज्म की अपनी प्रतिबद्धता के साथ, जो सोच-समझकर, समावेशी और उद्देश्यपूर्ण कहानी कहने पर आधारित है, क्लियर कट का लक्ष्य है- महत्वपूर्ण बातचीत की शुरुआत करना, जमीनी आवाजों को सामने लाना और पाठकों को भारत की सामाजिक वास्तविकताओं की परतों से गहराई से जोड़ना।
जैसा कि परेश कुमार ने कहा, “हम मानते हैं कि असली बदलाव साफ और साहसी बातचीत से शुरू होता है। क्लियर कट के जरिए हम ऐसा मंच बनाना चाहते हैं, जो सिर्फ जानकारी ही न दे बल्कि प्रेरित भी करे; उन आवाजों को आगे लाए जो भारत को और न्यायपूर्ण और संवेदनशील बना रही हैं।”
एक प्रतीकात्मक शुरुआत
JMC के बच्चों को लॉन्च का नेतृत्व सौंपकर, क्लियर कट मैगजीन ने यह साफ संदेश दिया कि भारत का भविष्य युवाओं का है। उनकी आवाजें ही बदलाव की वे कहानियां गढ़ेंगी, जिन्हें आने वाला कल याद रखेगा।
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थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित भव्य समारोह में 30 से अधिक देशों से आए फिल्मकारों, निर्देशकों, कलाकारों और सुपरस्टार्स ने शिरकत की।
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित भव्य समारोह में 30 से अधिक देशों से आए फिल्मकारों, निर्देशकों, कलाकारों और सुपरस्टार्स ने शिरकत की। ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म साइंस एंड आर्ट्स’ (IIFSA) द्वारा आयोजित इस समारोह में Astar Awards ने कला, विज्ञान, टेक्नोलॉजी और समाज को जोड़ने में सिनेमा की ताकत को प्रदर्शित किया।
20 से अधिक कैटेगिरी में दिए गए इन पुरस्कारों के जरिये फिल्म निर्माण, रिसर्च, सांस्कृतिक संवाद, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन में बेहतरीन योगदान को सम्मानित किया गया।
इस शाम का सबसे बड़ा सम्मान Astar Lifetime Achievement Award in Media Innovation and Cultural Communication प्रो. फरहत बसीर खान को दिया गया। यह सम्मान IIFSA के सेक्रेटरी जनरल माइकल ने प्रदान किया। प्रो. खान की चार दशक लंबी यात्रा एक शिक्षाविद, फिल्मकार और मेंटर के रूप में कई पीढ़ियों के कहानीकारों को दिशा देती रही है।
इस सम्मान को ग्रहण करते हुए प्रो. खान ने कहा, ‘यह पुरस्कार सिर्फ अतीत की उपलब्धियों का सम्मान नहीं है, बल्कि यह याद दिलाता है कि सांस्कृतिक संवाद का काम कभी खत्म नहीं होता। दुनिया को ऐसे किस्सों की ज़रूरत है जो जोड़ें, जो प्रेरित करें और हमें बेहतर भविष्य में विश्वास दिलाएं।’
उन्होंने जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, खासतौर पर वाइस चांसलर प्रो. एम. अफशार आलम और प्रो. रेशमा नसरीन को अपनी क्रिएटिव सोच और शैक्षणिक नवाचारों को दिशा देने का श्रेय दिया। अपने छात्रों को, जो आज वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुके हैं, उन्होंने अपनी सबसे बड़ी विरासत बताया।
प्रो. खान ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि उनके परिवार ने हमेशा उनकी अदृश्य ताकत बनकर सहयोग किया है। उन्होंने अपनी पत्नी सीमी, बेटी ज़रीन, बेटे मंसूर, दामाद अबी़र और 9 साल की पोती ज़ारा का ज़िक्र करते हुए कहा कि यही परिवार उन्हें याद दिलाता है कि जिंदगी अंततः प्यार, उम्मीद और निरंतरता पर टिकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘सिनेमा सिर्फ स्क्रीन पर दिखने वाली चीज नहीं है, बल्कि वह है जो हम समाज के रूप में आगे बढ़ाते हैं। यह हमारा आईना है, हमारा शिक्षक है और हमें जोड़ने वाला पुल है।’
समारोह में अन्य अंतरराष्ट्रीय विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। Mascha Schilinski की फिल्म Sound of Falling ने बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट फीचर फिल्म दोनों अवॉर्ड जीते। स्पेनिश ड्रामा Sorda, जिसमें बहरी अभिनेत्री Miriam Garlo ने अभिनय किया है, को Best Inclusion & Diversity Film और Best Cinematography का सम्मान मिला। क्रोएशिया–इटली–स्लोवेनिया की साहसिक डॉक्यूमेंट्री Fiume o morte को Best Documentary और Best International Co-Production पुरस्कार मिले। वहीं ईरानी निर्देशक Mohammad Rasoulof को उनकी फिल्म The Seed of the Sacred Fig के लिए Best Screenplay मिला, जिसे कान्स फिल्म फेस्टिवल में Special Jury Prize भी मिला था।
अभिनय श्रेणी में Elliott Crosset Hove को Best Actor और भारत के अनुभवी कलाकार विपिन शर्मा को Best Supporting Actor के अवॉर्ड से नवाजा गया। विपिन शर्मा को फिल्म Taare Zameen Par में उनके यादगार अभिनय के लिए जाना जाता है, जबकि उन्हें यह सम्मान Monkey Man में दमदार अभिनय के लिए मिला।
इस प्रतिष्ठित समारोह की शोभा बढ़ाई अंतरराष्ट्रीय जूरी ने, जिसमें NYU Tisch के Karl Bardosh, Oscar Technical Award विजेता Demetri Terzopoulos, प्रसिद्ध फिल्म थ्योरिस्ट Patricia Pisters, और UCLA के George Huang शामिल रहे।
यह बैठक सार्थक संवाद का एक मंच है, जो बिहार के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य की कुछ प्रमुख हस्तियों को शासन, विकास और ज्वलंत क्षेत्रीय मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के डिजिटल-फर्स्ट न्यूज प्लेटफॉर्म ‘बिहार तक’ (Bihar Tak) आज पटना में अपने प्रमुख कार्यक्रम 'बिहार तक बैठक' का आयोजन कर रहा है। यह बैठक सार्थक संवाद का एक मंच है जो बिहार के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य की कुछ प्रमुख हस्तियों को शासन, विकास और ज्वलंत क्षेत्रीय मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इस साल के अंत में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, यह बैठक विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह बिहार की राजनीतिक प्राथमिकताओं, विकास के एजेंडे और लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावशाली चर्चाओं का मंच तैयार करती है।
इस विशेष बैठक में जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, भाजपा नेता नितिन नवीन, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर, पुष्पम प्रिया, विकास आयुक्त एस. सिद्धार्थ, आरएलएम सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा,बिहार सरकार में मंत्री जीवेश मिश्रा, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल होंगे। इसके साथ ही सांसद शांभवी चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री संतोष मांझी के साथ पत्रकार चौपाल का भी आयोजन किया जाएगा।
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार, रितु जायसवाल, बीजेपी नेता मनीष कश्यप और विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इस संवाद का हिस्सा होंगे, जबकि सांसद पप्पू यादव की उपस्थिति संभावित है।
इस पहल के बारे में Tak चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने कहा, ‘बिहार तक बैठक बिहार के दिल से आवाज उठाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे राज्य एक महत्वपूर्ण चुनाव की ओर बढ़ रहा है, पारदर्शी और सार्थक बातचीत की ज़रूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। इस मंच के माध्यम से, हमारा उद्देश्य प्रमुख हित धारकों को लोगों की चिंताओं से रूबरू कराना है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमारे दर्शकों का भारी समर्थन हमें ऐसे और भी मंच बनाने के लिए प्रेरित करता है जो नीतियों को लोगों से जोड़ते हैं और विश्वसनीय डिजिटल पत्रकारिता के माध्यम से बिहार के मुद्दों को उजागर करते हैं।’
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बिहार तक बैठक से संबंधित बातचीत, साक्षात्कार और पैनल चर्चाएं बाद में बिहार तक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होंगी, ताकि दर्शक इस आयोजन की प्रमुख चर्चाओं को देख सकें और उनसे जुड़ सकें।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने अपनी 65वीं स्थापना दिवस के अवसर पर कई नई पहलों की शुरुआत की।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने सोमवार को अपनी 65वीं स्थापना दिवस के अवसर पर कई नई पहलों की शुरुआत की। इसमें एक टीवी चैनल, डिजिटल लर्निंग को बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म और एक मोबाइल ऐप शामिल है, जो एक केंद्रीकृत डिजिटल लर्निंग गेटवे के रूप में काम करेगा।
NCERT ने बाल वाटिका – PM eVidya डीटीएच चैनल नंबर 35 लॉन्च किया। यह चैनल 3 से 6 वर्ष के बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अभिभावकों के लिए विशेष रूप से ऑडियो-विज़ुअल कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म DIKSHA 2.0 का अपग्रेडेड संस्करण भी लॉन्च किया गया। यह प्लेटफॉर्म संरचित पाठ, अनुकूलनशील मूल्यांकन, प्रदर्शन प्रतिक्रिया और 12 भाषाओं में उपलब्ध एआई-संचालित अनेक सुविधाएं प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली के औरंगजेब मार्ग पर बने एक नए प्रवेश परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने हिंदी, संस्कृत और कोया भाषाओं में प्राइमर भी जारी किए, पीएम eVidya मोबाइल ऐप लॉन्च किया और चार डेमोंस्ट्रेशन स्कूलों में वर्चुअल रियलिटी (VR) लैब्स का उद्घाटन भी किया।
NCERT ने PRASHAST 2.0 भी पेश किया, जो विकलांग बच्चों की प्रारंभिक पहचान के लिए एक उन्नत स्क्रीनिंग टूल है। इसे UDISE+, APAAR और स्वावलंबन कार्ड जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ एकीकृत किया गया है।
पिछले छह महीनों में दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने उल्लेखनीय आयोजन किए हैं। मैं माता चकेरी देवी फाउंडेशन को इस अद्भुत कार्यक्रम के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।
सोमवार को मानसून को विदा करने के लिए राजधानी दिल्ली में ‘बदरिया’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का स्वागत भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और माता चकेरी देवी फाउंडेशन के ट्रस्टी उपेन्द्र राय ने किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सीएमडी उपेन्द्र राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इससे पूर्व श्री उपेन्द्र राय ने मुख्यमंत्री का औपचारिक स्वागत किया, जबकि माता चकेरी देवी फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी बृजेश राय ने दिल्ली सरकार के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा का अभिनंदन किया। कार्यक्रम की शुरुआत साद्यांत कौशल की मधुर सरस्वती वंदना से हुई, जिसने पूरे वातावरण को भक्ति और सौम्यता से भर दिया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, बदरिया शब्द सुनते ही मैंने तय कर लिया था कि इस कार्यक्रम में अवश्य आऊँगी। एनडीएमसी में महिला एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष रहते हुए हमने कई ऐतिहासिक कार्य किए। आज कपिल मिश्रा लगातार ऐसे उत्कृष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
पिछले छह महीनों में दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने उल्लेखनीय आयोजन किए हैं। मैं माता चकेरी देवी फाउंडेशन को इस अद्भुत कार्यक्रम के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सांस्कृतिक मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, दिल्ली में भोजपुरी–मैथिली समाज का यह पहला बड़ा आयोजन है और इसमें स्वयं मुख्यमंत्री की उपस्थिति इसे और विशेष बनाती है।
इस वर्ष दिल्ली में ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा का आयोजन हुआ, और आने वाले समय में छठ पूजा भी अभूतपूर्व स्तर पर मनाई जाएगी। कार्यक्रम में लोक गायिका पद्म श्री मालिनी अवस्थी ने भोजपुरी लोकगीतों का पिटारा खोला तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनकी सराहना की।
वहीं मैथिली लोक गायक श्री कुंज बिहारी मिश्रा, तबला वादक रिम्पा शिवा, बांसुरी वादक वैष्णवी जोशी, सितार वादक मेघा राउत ने भी शानदार प्रस्तुति दी। साथ ही नयनिका घोष एंड टीम ने कथक नृत्य कर मनमोहक प्रदर्शन किया। माता चकेरी देवी फाउंडेशन के ट्रस्टी उपेन्द्र राय की अगुवाई में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका मकसद था दिल्ली में भोजपुरी और मैथली संस्कृति को बढ़ावा देना। ट्रस्ट संस्थापक बृजेश राय के अलावा ट्रस्ट के अन्य सदस्य अपूर्वा सिंह, योगिता सिंह और प्रमोद कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
‘साइबरमीडिया’ के अनुसार, सुनील राजगुरु ने सोमवार की दोपहर करीब 2:30 बजे अस्पताल में आखिरी सांस ली। सुनील राजगुरु करीब एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘साइबरमीडिया’ (CyberMedia) के डिजिटल पब्लिकेशंस ‘Dataquest’ व ‘PCQuest’ के संपादक सुनील राजगुरु का निधन हो गया है। ‘साइबरमीडिया’ के अनुसार, सुनील राजगुरु ने सोमवार की दोपहर करीब 2:30 बजे अस्पताल में आखिरी सांस ली। सुनील राजगुरु करीब एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे। राजगुरु के परिवार में पत्नी सुमा रामचंद्रन और एक बेटा हैं।
राजगुरु एक प्रतिष्ठित पत्रकार थे। साइबरमीडिया में उन्होंने Dataquest और PCQuest के संपादन की जिम्मेदारी निभाई। इससे पहले वे साइबरमीडिया की अन्य पत्रिका Living Digital और रिसर्च एजेंसी IDC India से भी जुड़े रहे।
वे तकनीकी विषयों को सरल और समझने योग्य भाषा में पेश करने, पैनल डिस्कशन्स मॉडरेट करने, वीडियो इंटरव्यू करने और इंडस्ट्री के सम्मेलन व वेबिनार संचालित करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।
साइबरमीडिया के अलावा उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स और Centre for Science & Environment के लिए भी काम किया। इसके साथ ही Sify और India Today के DailyO प्लेटफॉर्म पर कॉलम लिखे। वे बेंगलुरु के एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म (Asian College of Journalism) के पूर्व छात्र थे।
बता दें कि Dataquest भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) मैगजीन है, जिसकी शुरुआत 1982 में हुई थी। यह आईटी इंडस्ट्री, डिजिटल इनोवेशन और ई-गवर्नेंस से जुड़ी ख़बरों, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती है। वहीं PCQuest एक प्रमुख टेक्नोलॉजी मैगजीन है जो कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और डिजिटल सॉल्यूशंस से जुड़े रुझानों, गाइड्स और समीक्षाओं को प्रस्तुत करती है। दोनों ही पत्रिकाएँ साइबरमीडिया समूह के अंतर्गत प्रकाशित होती हैं और तकनीकी पत्रकारिता के क्षेत्र में इनकी विशेष पहचान है।
राजेश उपाध्याय और डॉ. शिशिर कुमार सिंह की पुस्तक “मीडिया कानून और नैतिकता: एक समकालीन परिप्रेक्ष्य, 2025” डिजिटल युग में मीडिया के कानूनी और नैतिक पहलुओं का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
विधि एवं न्याय तथा संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने "मीडिया कानून और नैतिकता" पुस्तक का विमोचन करते हुए आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक मीडिया के बदलते स्वरूप में जवाबदेही की मानक आवश्यकताओं को रेखांकित करेगी। केंद्रीय मंत्री ने लेखकों को उनके समयानुकूल लेखन प्रयासों के लिए बधाई भी दी।
राजेश उपाध्याय और डॉ. शिशिर कुमार सिंह द्वारा लिखित पुस्तक "मीडिया कानून और नैतिकता: एक समकालीन परिप्रेक्ष्य, 2025", विशेष रूप से डिजिटल युग में, मीडिया के कानूनी और नैतिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
यह पुस्तक मानहानि कानून, बौद्धिक संपदा कानून, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, गोपनीयता और डेटा संरक्षण कानून, और भारतीय डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम पर सुदाहरण जानकरी देती है।
इस पुस्तक का एक महत्वपूर्ण भाग मीडिया नैतिकता पर है। पुस्तक पत्रकारों के लिए मूल नैतिक सिद्धांतों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। यह विशेष रूप से सोशल मीडिया के अनियंत्रित परिदृश्य में, फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए इन नैतिकताओं की सख्त आवश्यकता पर बल देती है।
वह कुछ समय से फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी की माता श्रीमती कुसुम वाजपेयी का सोमवार को निधन हो गया है। करीब 83 वर्षीय कुसुम वाजपेय कुछ समय से फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। परिजनों के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था, जहां चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कुसुम वाजपेयी का अंतिम संस्कार आज सुबह 11 बजे हिंडन नदी के तट पर किया जाएगा। वे अपने पीछे तीन बेटों, नाती-पोतों और भरे-पूरे परिवार को छोड़ गई हैं। कुसुम जी अपने सबसे छोटे बेटे पुण्य प्रसून वाजपेयी के साथ गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में रहती थीं। उनके दो बड़े बेटों में से एक बैंक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं। उनके पति का निधन वर्ष 2014 में हो चुका था।
इस दुखद समाचार के बाद मीडिया जगत, मित्रों और शुभचिंतकों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोकाकुल परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्राप्त हो।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राकेश खंडूड़ी के डोईवाला (देहरादून) स्थित आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
वरिष्ठ पत्रकार और अमर उजाला अखबार के ब्यूरो प्रमुख राकेश खंडूरी का निधन हो गया है। वे बीते कुछ समय से हृदय रोग से जूझ रहे थे और उनका इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा था। हाल ही में उनका ऑपरेशन हुआ था, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और बुधवार-गुरुवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
राकेश खंडूरी लंबे समय से अमर उजाला की देहरादून यूनिट में कार्यरत थे। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सेवाएं दी थीं। वे प्रतिदिन डोईवाला से देहरादून आकर जिम्मेदारी निभाते थे। कठिन परिस्थितियों और मौसम की परवाह किए बिना उनकी नियमितता और समर्पण ने उन्हें साथियों और पाठकों के बीच विशेष पहचान दिलाई।
अपने करियर के दौरान उन्होंने अनगिनत ऐसी कहानियों पर काम किया जो जनता और राज्य से जुड़े मुद्दों को सामने लाती थीं। सरकारी तंत्र और नौकरशाही में उनकी गहरी पकड़ रही, लेकिन इसके बावजूद वे हमेशा सरल, जमीनी और सच्चे इंसान बने रहे। सहयोगियों का कहना है कि वे न केवल एक बेहतरीन पत्रकार थे, बल्कि अपने शालीन और विनम्र स्वभाव से सबका दिल जीत लेते थे।
पत्रकारिता के अलावा उनका एक और रूप भी लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय था। वे माउथ ऑर्गन बजाने में माहिर थे और अक्सर सोशल मीडिया पर फिल्मी धुनें साझा करते थे, जिससे उनके प्रशंसकों की संख्या और बढ़ जाती थी।
उनके निधन से मीडिया जगत, सहयोगियों, मित्रों और शुभचिंतकों में गहरा शोक है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राकेश खंडूड़ी जी के डोईवाला (देहरादून) स्थित आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला, उत्तराखण्ड के स्टेट ब्यूरो प्रमुख एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश खंडूड़ी जी के डोईवाला (देहरादून) स्थित आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) August 28, 2025
इस दौरान मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की। pic.twitter.com/17gz1dCUJY
मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि मैंने पब्लिसिस ग्रुप में एक बार फिर वापसी की है और अब मैं पब्लिसिस ग्लोबल डिलीवरी (PGD) की ग्लोबल एग्ज़िक्यूटिव लीडरशिप टीम का हिस्सा हूँ।
मयूरी कांगो ने एक बार फिर पब्लिसिस ग्रुप (Publicis Groupe) में वापसी की है। उन्होंने चीफ़ एग्ज़िक्यूटिव ऑफ़िसर (CEO) पब्लिसिस ग्लोबल डिलीवरी (PGD) का पदभार संभाला है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने LinkedIn पोस्ट के ज़रिए दी। अपने नए रोल में मयूरी कांगो भारत से PGD के संचालन का नेतृत्व करेंगी और साथ ही मीडिया, डेटा-टेक और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए वैश्विक रणनीति पर काम करेंगी।
लिंक्डइन पर साझा किए गए अपने संदेश में उन्होंने लिखा, मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि मैंने पब्लिसिस ग्रुप में एक बार फिर वापसी की है और अब मैं पब्लिसिस ग्लोबल डिलीवरी (PGD) की ग्लोबल एग्ज़िक्यूटिव लीडरशिप टीम का हिस्सा हूँ। इस भूमिका में मैं PGD की वैश्विक टीम के साथ मिलकर मीडिया, टेक और डिजिटल सॉल्यूशंस और सर्विसेज़ को आकार दूँगी, साथ ही AI प्रैक्टिस को और मज़बूत करूँगी।
मैंने ख़ुद देखा है कि AI किस तरह हमारे काम करने, बनाने और जुड़ने के तरीक़ों को बदल रहा है। इसलिए मैं इसके ज़रिए मार्केटिंग और मीडिया के भविष्य को नए ढंग से गढ़ने को लेकर बेहद उत्साहित हूँ।
उन्होंने आगे लिखा, इसके साथ ही मैं भारत डिलीवरी सेंटर की सीईओ की ज़िम्मेदारी भी निभाऊँगी, जहाँ मैं अपनी टीम के साथ मिलकर सीमाओं को आगे बढ़ाने, नवाचार करने और पब्लिसिस के क्लाइंट्स के लिए सार्थक प्रभाव बनाने की दिशा में काम करने के लिए उत्सुक हूँ।
इससे पहले मयूरी कांगो गूगल में 6 साल से ज़्यादा समय तक कार्यरत रहीं। वहाँ उनका आख़िरी पद इंडस्ट्री हेड AI, Martech & Media Solutions @MPT था। पब्लिसिस में अपनी पिछली भूमिकाओं में उन्होंने 2016 से 2019 तक परफॉर्मिक्स (Performics) और 2012 से 2016 तक ज़ेनिथ (Zenith) में काम किया था।