‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त ने अश्लील कंटेंट के निर्माण और प्रसारण को राष्ट्रविरोधी गतिविधि करार देने की मांग की है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ (एससीएसबीएफ) ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट और एक ही परिवार के सदस्यों में अनुचित और गलत शारीरिक संबंधों पर आधारित फिल्में व विडियो बनाने वालों को राष्ट्रविरोधी गतिविधि के तौर पर वर्गीकृत करने का सुझाव दिया है।
इसके साथ ही फाउंडेशन ने सभी तरह के अश्लील कंटेंट के निर्माण और प्रसार पर दुबई की तरह पूरी तरह प्रतिबंध लगाने और नैतिक कानूनी संहिता बनाने की मांग की है, जिसके तहत सभी ऑडियो-विडियो प्लेटफॉर्म्स के लिए अश्लील कंटेंट के निर्माण और प्रसारण को राष्ट्र विरोधी गतिविधि करार दिया जाए।
फाउंडेशन ने यह भी मांग की है कि नैतिक कानून संहिता के उल्लंघन को बलात्कार के लिए उकसाने वाली कार्रवाई के समान माना जाए और दोषी पाए जाने पर 10 से 20 साल की सजा दी जाए। तीन साल तक दोषी को जमानत न दी जाए और चार महीने में मामले की सुनवाई की जाए। यही नहीं, फाउंडेशन ने इस तरह के अश्लील कंटेंट को एक ही समूह में वर्गीकृत करने के लिए आईटी एक्ट में संशोधन की भी सलाह दी, ताकि आधार कार्ड, फिंगर प्रिंट या दोनों तरीकों से उन तक पहुंचा जा सके।
‘जेम्स ऑफ बॉलीवुड’ के सहयोग से ‘ओटीटी में आपत्तिजनक कंटेंट की खोज’ पर एक विस्तृत श्वेत पत्र भी जारी किया। इसमें ओटीटी के लिए अश्लील कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण से दुराचार को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति को उभारा गया है। इस श्वेत पत्र में तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाली प्रमुख फिल्मों और टीवी सीरीज में अश्लील सीन होने के खासतौर पर उदाहरण दिए गए।
एससीएसबी फाउंडेशन की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर की मौजूदगी में ये मांगें रखी गई। इस अवसर पर वृंदावन में श्री आनंदम धाम के प्रस्थापक सदगुरु रितेश्वर जी महाराज, हिंदू धर्म आचार्य सभा के संयोजक परमात्मानंद जी सरस्वती, सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा, समाजसेवी और वकील हरिशंकर जैन, लेखक समाजसेवी, जेम्स ऑफ बॉलिवुड के संस्थापक राजीव नेवार तथा पत्रकार और सेवा न्याय उत्थान फाउंडेशन की स्वाति गोयल शर्मा भी उपस्थित थीं।
एससीएसबीएफ फाउंडेशन ने सभी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले ऑडियो-विजुअल कंटेंट के लिए थीम, सीन भाषा और कपड़ों के लिए कुछ सीमाएं तय करने की वकालत की, जिससे जिम्मेदार कंटेंट का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। फाउंडेशन का मानना है कि इस तरह का कंटेंट पिछले विदेशी हमलों से ज्यादा बड़ा खतरा है। एससीएसबीएफ की स्थापना की पहली वर्षगांठ पर बॉलीवुड की प्रभावशाली हस्तियों और अनुसंधान के लिए समर्पित टीम के सहयोग से श्वेत पत्र रिलीज किया गया। इस विस्तृत अध्ययन में कई ऐसे उदाहरण किए गए, जहां बलात्कारियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने ओटीटी और दूसरे प्लेटफॉर्म पर देखी गई अश्लील विडियो और फिल्मों से प्रभावित होकर यह अपराध किया।
‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ की स्थापना का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन के संस्थापक, मशहूर लेखक और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने संस्था की उल्लेखनीय उपलब्धियों को दिखाने वाला विस्तृत रिपोर्ट कार्ड जारी किया।
इस मौके पर उदय माहुरकर का कहना था, ‘फाउंडेशन तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर इस तरह के कार्यक्रम, विडियो और फिल्मों को देखकर काफी हैरत में है, जो परिवार और समाज में अवैध संबंधों का महिमामंडन करती है। इसमें ससुर-बहू, साली-साला, छात्र और शिक्षक और यहां तक कि पोते और दादी मां के बीच अवैध संबंधों को दिखाया गया है। इस तरह के कार्यक्रम हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए बहुत घातक हैं। हम इस तरह के अश्लील कार्यक्रमों का निर्माण और प्रसारण करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं, जिससे मनोरंजन के नाम पर इस तरह की अश्लील और दो अर्थों वाले संवादों की फिल्मों विडियो पर रोक लग सके। हम अपनी संस्कृति पर हमला करने की साजिश रचने वाले लोगों को चेतावनी देते हैं कि उनके सजा से बचने और संरक्षण हासिल होने के दिन खत्म हो चुके हैं। अब उन्हें हमारे बच्चों की मानसिकता को दूषित करने वाले इस तरह की घृणित कंटेंट के निर्माण और प्रसारण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’
माहुरकर ने विश्वास जताया कि इसमें कोई शक नहीं कि वर्ष 2047 तक पूरी दुनिया में भारत आर्थिक, सैन्य और वैज्ञानिक रूप से पावरहाउस के रूप में उभरने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। हालांकि सबसे महत्वपूर्ण सवाल है कि क्या भारत सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध राष्ट्र के रूप में उभरेगा। उनका कहना था, ’भारत की महानता और विश्वगुरु बनने की महत्वाकांक्षा का मार्ग इस तरह की अश्लील कंटेंट के निपटने के तरीकों पर निर्भर करती है। यह हमारे सामाजिक ताने-बाने और मेलजोल के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है। यह नए भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सतगुरु रितेश्वर जी महाराज का कहना था, ’हम यह देख रहे हैं कि मनोरंजन के नाम पर कई देश विरोधी ताकतें इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट फैला रही है। यह कुछ और नहीं, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध है। परिवार में अवैध संबंधों पर आधारित कार्यक्रमों पर कोई नियंत्रण नहीं है और इस तरह के कंटेट का निर्माण करने वाले को सामाजिक संरक्षण हासिल है। हमें इस ट्रेंड पर कंट्रोल रखने के लिए कड़े कानून बनाने की सख्त जरूरत है, ताकि वह हमारी संस्कृति पर आक्रमण करने में सफल न हो।’
पद्मश्री निवेदिता भिड़े ने कहा, ’हमें इन असामाजिक और देश विरोधी ताकतों को हमारी सहनशक्ति या सहने की क्षमता का इम्तिहान लेने से रोकने की जरूरत है। भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को संचालित करने के लिए लचीले नियमों का फायदा उठाने से रोकना चाहिए। प्रस्तावित नैतिक कानून संहिता हमारी सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और डिजिटल युग में जिम्मेदार ढंग से कंटेंट का निर्माण सुनिश्चित करने की दिशा में हत्वपूर्ण कदम है।’
’जेम्स ऑफ बॉलीवुड’ के संस्थापक संजीव नेवार ने कहा, ’मीडिया में सामाजिक कहानियों को नए आकार में ढालने की काफी ताकत है। फाउंडेशन की पहल जिम्मेदार मीडिया की जरूरत और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उचित और सुसंस्कृत तरीके से कहानियां सुनाने की कला पर जोर देती है, जिससे हमारे सामाजिक ताने-बाने में सकारात्मक रूप से वह अपना योगदान दे सकें।’
वहीं, सेवा न्याय उत्थान फाउंडेशन की संस्थापक स्वाति गोयल शर्मा का कहना था, ’इन कार्यक्रमों के सामाजिक मूल्यों पर प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर पिछले दरवाजे से इस तरह के अश्लील कार्यक्रमों का प्रसारण केवल हमारी संस्कृति पर आक्रमण और हमारे सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के मकसद से किया जा रहा है। इससे निपटने के लिए कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है।“
कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि ’एससीएसबीएफ’ ने अपनी स्थापना के उद्घाटन वर्ष में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की। संस्था ने मिशन मोड कैंपेन से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। इसके लिए दिल्ली में जी-20 की बैठक में संस्थान ने साइबर एजुकेशन और बच्चों और युवाओं में साइबर जागरूकता पर एक टूलकिट रिलीज की। फाउंडेशन के साक्ष्य पर आधारित अनुसंधान, साथियों की ओर से की गई स्टडीज ने अश्लील सांमग्री के निर्माण और प्रसार तथा देश में बलात्कार के मामले बढ़ने में महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किया। इसके अलावा संस्था ने कई प्रभावी लघु फिल्मों, ’एक लड़की’ और ’कृपया ध्यान दें’ का निर्माण किया गया है। इन फिल्मों में दिखाया गया है कि अश्लील कंटेंट का संवेदनशील युवाओं और विशेष तौर पर लड़कियों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। फाउंडेशन को अपने अभियान के लिए कई प्रतिष्ठित हस्तियों का समर्थन मिला है। इनमें आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और स्वामी रामदेव और गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जैसे सम्मानित संत शामिल हैं। फाउंडेशन ने अधिकारियों के सहयोग से इन मुद्दों पर केंद्रीय मंत्रियों, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन का ध्यान आकर्षित किया।
इसके साथ ही सेव कल्चर सेव फाउंडेशन ने नागरिकों, नीति निर्माताओं और प्रभावशाली हस्तियों से अश्लील कार्यक्रमों के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल करने का आग्रह किया। फाउंडेशन ने अनुचित और अश्लील कंटेंट से समाज में पैदा होने वाली विकृति को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। फाउंडेशन का मानना है कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरह इस तरह के अश्लील कंटेंट के खिलाफ अभियान भी उसी जुनून और ताकत से चलाया जाना चाहिए।
iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया।
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Samachar4media Bureau
iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया। यह दो दिन का बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम था, जिसमें देश की राजनीति से जुड़े कई बड़े नेता एक ही मंच पर नजर आए।
इस कॉन्क्लेव में केंद्र सरकार के 11 केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल शामिल हुए। इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों से जुड़े 30 से ज्यादा सांसद, कई राज्यों के मंत्री और जाने-माने राजनीतिक प्रवक्ता भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। कार्यक्रम में नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, रामदास आठवले, मनोहर लाल, मनसुख मांडविया, शांतनु ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सचिन पायलट, अनुराग ठाकुर, अभिषेक मनु सिंघवी, सुधांशु त्रिवेदी, स्मृति ईरानी, संजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, बैजयंत पांडा और दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और पंकज सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
दो दिनों तक चले इस कॉन्क्लेव में 30 से ज्यादा सत्र हुए, जिनमें SIR, दिल्ली का प्रदूषण, जी राम जी बिल और पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। iTV नेटवर्क के संस्थापक और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इंडिया न्यूज और न्यूज X के दर्शकों के लिए पिछले 48 घंटे नेटवर्क की विश्वसनीयता और गंभीर पत्रकारिता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में यह देश का सबसे बड़ा राजनीतिक कॉन्क्लेव रहा, जिसमें अलग-अलग दलों के केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए।
इंडिया न्यूज मंच का सीधा प्रसारण iTV नेटवर्क के प्रमुख चैनलों इंडिया न्यूज और न्यूज X के साथ-साथ उसके क्षेत्रीय चैनलों पर भी किया गया। कार्यक्रम के सभी सत्र इंडिया न्यूज और न्यूज X के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। प्रिंट कवरेज के लिए पाठक आज समाज, द डेली गार्जियन, द संडे गार्जियन और newsx.com पर भी खबरें पढ़ सकते हैं।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया।
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Samachar4media Bureau
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया। इस चैनल ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया है। PIB ने लोगों से सचेत रहने और ऐसे सनसनीखेज वीडियो या खबरों में न फंसने की अपील की।
PIB फैक्ट चेक यूनिट ने X पर लिखा, "यूट्यूब चैनल '4PMNewsNetwork' के वीडियो थंबनेल में यह दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है।" फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट किया, "यह दावा पूरी तरह से झूठा है। कृपया सतर्क रहें और ऐसी सनसनीखेज खबरों में न फंसें।"

लोगों से अपील की गई कि अगर उन्हें केंद्र सरकार से जुड़ी कोई संदिग्ध जानकारी, वीडियो या फोटो मिले तो वे तुरंत @PIBFactCheck पर भेजें। PIB ने अपना व्हाट्सऐप नंबर (+91 8799711259) और ईमेल (factcheck@pib.gov.in) भी साझा किया है।
? यू-ट्यूब चैनल “4PMNewsNetwork” के एक वीडियो थंबनेल में यह दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।#PIBFactCheck:
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 17, 2025
❌ यह दावा पूर्णतः फर्जी है।
⚠️ कृपया सतर्क रहें। ऐसी सनसनीखेज खबरों के झांसे में न आएं।
? केंद्र सरकार से… pic.twitter.com/MLOjWNa0Rk
साथ ही, PIB ने उसी चैनल की एक और झूठी खबर को भी खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई इस्तीफों के बाद आपात बैठक बुलाई थी।
अमर उजाला के ‘हरियाणा संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के विकास मॉडल, सुधारों और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। आम लोगों में सरकार को लेकर भरोसा बढ़ा है।
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अमर उजाला की ओर से बुधवार को गुरुग्राम के होटल क्राउन प्लाजा में ‘हरियाणा संवाद’ का आयोजन किया गया। ‘हरियाणा स्वर्णिम शताब्दी की ओर’ विषय पर आधारित इस संवाद में देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पहले सत्र ‘विकसित हरियाणा, स्वर्णिम भविष्य का दृष्टिकोण’ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने मंच से राज्य के विकास, नीतिगत सुधारों और भविष्य की योजनाओं को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते वर्षों में शासन की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आया है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समय से सुधारों की नींव रखी गई, जिससे योजनाएं सीधे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचीं और लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
सीएम सैनी ने कहा कि पहले सरकारों की घोषणाएं कागजों तक सीमित रह जाती थीं, लेकिन अब योजनाएं जमीन पर दिखाई देती हैं। महिला, किसान, युवा और गरीब सभी वर्गों को इनका लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि आज लोगों को यह महसूस होने लगा है कि सरकार वास्तव में उनकी है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्प्रचार के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की गई, लेकिन समय के साथ सच्चाई सामने आ रही है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले वर्षों में जनता तथ्यों के आधार पर निर्णय लेगी। नौकरियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिना पर्ची और बिना खर्चे के युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा निभाया है।
आचार संहिता के बावजूद योजनाबद्ध तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई और हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। उन्होंने भरोसा जताया कि विकास और पारदर्शिता की यह नीति आगे भी जारी रहेगी।
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने कहा कि भू-राजनीतिक बदलावों के बीच भारत एक स्थिर, निर्णायक और भविष्य उन्मुख शक्ति के रूप में उभर रहा है।
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इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में अपने मुख्य संबोधन के दौरान टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और वैश्विक रणनीतिक भूमिका को रेखांकित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रमुख नेताओं और अंतरराष्ट्रीय रणनीतिकारों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आज की दुनिया केवल आपस में जुड़ी हुई नहीं है, बल्कि तेजी से परस्पर निर्भर और प्रतिस्पर्धात्मक भी हो रही है।
विनीत जैन ने कहा कि इस बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत एक ऐसी शक्ति के रूप में उभरा है, जो न केवल स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है। उन्होंने कहा कि ताजा जीडीपी आंकड़े यह साबित करते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
उन्होंने भारत की आर्थिक मजबूती के पीछे संरचनात्मक सुधारों, विनिर्माण क्षेत्र की गति, मजबूत वित्तीय प्रणाली, तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे और सशक्त उद्यमशीलता को प्रमुख कारण बताया। साथ ही उन्होंने संरक्षणवादी टैरिफ, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव जैसे वैश्विक दबावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबके बावजूद भारत ने स्पष्टता और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी आर्थिक दिशा बनाए रखी है।
विनीत जैन ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को इसकी बड़ी ताकत बताया, जो देश को सभी प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दूरदर्शिता और भू-राजनीतिक समझ का संयोजन ही आने वाले समय की वैश्विक व्यवस्था को परिभाषित करेगा, और भारत इस भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार है।
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क और परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई बड़े फैसलों की घोषणा की। दिल्ली–गुरुग्राम के बीच जाम खत्म करने के लिए 6 लेन टनल बनेगी।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन सेक्टर को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली–गुरुग्राम के बीच लगने वाले भीषण जाम से राहत दिलाने के लिए सरकार ने 6 लेन की अत्याधुनिक टनल बनाने का फैसला लिया है।
इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है और जल्द ही काम शुरू होगा। यह टनल तालकटोरा रोड से गुरुग्राम के बाहर तक निकलेगी।नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो चुका है और अगले 15 दिनों में इसे पूरी तरह खोल दिया जाएगा।
इसके बाद दिल्ली से देहरादून का सफर महज 2 घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में भी बड़ी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर हाइवे और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से पर्यटन, व्यापार, उद्योग और कृषि को जबरदस्त बढ़ावा मिला है।
भारतमाला परियोजना पूरी हो चुकी है और अब देशभर में ग्रीन एक्सप्रेसवे विकसित किए जा रहे हैं। गडकरी ने बताया कि अटल टनल के जरिए लद्दाख–लेह को सालभर कनेक्टिविटी मिली है, जबकि देश में 8 नई टनलों पर काम जारी है। जोजिला टनल का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और श्रीनगर क्षेत्र में कुल 36 टनल बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के विस्तार से लॉजिस्टिक्स लागत 16 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत रह गई है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक रोजाना 60 किलोमीटर सड़क निर्माण का है। साथ ही घटिया काम करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
परंपरागत पत्रकारिता और नए मीडिया के बीच बहुत अंतर आ चुका है। प्रिंट और टीवी मीडिया गहरे दबाव में हैं। ओटीटी, यू-ट्यूब चैनल और एआई आधारित न्यूज एग्रीगेटर ही चर्चा में हैं।
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प्रो.संजय द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में जन संचार विभाग के अध्यक्ष और भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक।
2025 का साल डिजिटल ट्रांसफारमेशन के लिए जाना जाएगा। एआई के आगमन ने इन तीव्र परिर्वतनों की आहट दी है। न्यूजरूम में एआई की आमद ने बहुत कुछ बदल दिया है। मीडिया में एआई के बढ़ते प्रयोगों को यह साल दर्ज कर रहा है। पत्रकारों के एक वर्ग में इस परिदृश्य को लेकर गहरी चिंताएं हैं। परंपरागत पत्रकारिता और नए मीडिया के बीच बहुत अंतर आ चुका है।
प्रिंट और टीवी मीडिया गहरे दबाव में हैं। सोशल मीडिया, ओटीटी, यू-ट्यूब चैनल और एआई आधारित न्यूज एग्रीगेटर ही चर्चा में हैं। क्या रहेगा और क्या बचेगा, कहना मुश्किल है। इस साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रिंट के पाठक और विज्ञापन दोनों घटे हैं।
2025 में रील,शॉर्ट्स, क्लिक- बेट ने आज की पत्रकारिता को ढंक लिया है। गहराई, शोध और संदर्भ पर केंद्रित पत्रकारिता सहमी हुई नजर आई। व्याख्या, विश्लेषण के दिन ठहरे से नजर आए। हां, ये पॉडकास्ट के दिन हैं, इसमें दो राय नहीं है। क्या चलेगा, क्या नहीं कह नहीं सकते। कुछ भी वायरल हो सकता है।
तथ्य और नैतिकता के मुद्दे लगभग लुप्त होते दिखे। हमारे जैसे मीडिया शिक्षकों के लिए चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को किस मीडिया के लिए तैयार करें। मैं लंबे समय से मूल्य आधारित और समाधान परक पत्रकारिता की पैरवी करता रहा हूं। इस वक्त मुझे एल्गोरिदम पर केंद्रित कंटेट क्रिएशन से जूझना होगा।
इस समय पत्रकारिता का वैचारिक और दार्शनिक आधार तथा नए बाजार के मूल्य आमने-सामने हैं। जाहिर है नया साल-2026 इन सवालों के सही और ठोस उत्तरों का साल बनेगा। चीजें ठहरेंगीं और विकल्प सामने आएंगें। मुझे लगता है तथ्यात्मक, संतुलित और जनता के सवालों को उठाने वाली पत्रकारिता की जरूरत तो बनी रहनी चाहिए।
इस हाहाकार में सरकारी नियमन आएंगें और आने भी चाहिए। एआई के साथ एक संतुलित रिश्ता और सहअस्तित्व कायम होगा, इसमें दो राय नहीं है। संभव है कि सारे रूटीन काम एआई के जिम्मे चले जाएं किंतु पत्रकारिता और विचार का क्षेत्र बचा ही रहेगा।
एआई अंततः एक टूल की तरह हमारा सेवक बनकर काम करेगा, ऐसी उम्मीद 2026 से करनी चाहिए। यह साल तय करेगा कि हम बाजार के अनुचर बनेंगें या समाज के मार्गदर्शक। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस समुद्र मंथन से अमृत निकलेगा जो पत्रकारिता को संभावनाओं का साल बनाएगा। ऐसे में भारतीय पत्रकारिता के लिए यह समय परीक्षा की घड़ी भी है। मीडिया संपादकों- प्रबंधकों का विवेक सही मायने में कसौटी पर है।
( यह लेखक के निजी विचार हैं )
यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस कदम के साथ ही मार्च 2025 के राज्य बजट में की गई घोषणा को अब औपचारिक रूप मिल गया है।
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छत्तीसगढ़ सरकार ने वरिष्ठ मीडिया कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें दी जाने वाली सम्मान निधि की मासिक राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी है। जनसंपर्क विभाग की संशोधित अधिसूचना 1 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित हो चुकी है।
यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस कदम से मार्च 2025 के राज्य बजट में की गई घोषणा को अब औपचारिक रूप मिल गया है, जब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने निधि दोगुनी करने का ऐलान किया था।
अधिसूचना में वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि नियम-2019 के नियम 4 और 7 में संशोधन किया गया है। आदेश राज्यपाल के नाम से जारी हुआ है और जनसंपर्क सचिव रोहित यादव ने इसे प्रमाणित किया है।
पत्रकार संगठनों ने इस फैसले को वरिष्ठ मीडिया कर्मियों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है। माना जा रहा है कि प्रदेश के तमाम पात्र पत्रकारों को अब बढ़ी हुई राशि का लाभ जल्द मिलना शुरू हो जाएगा।
श्वेता सिंह की टीम को बिहार चुनाव की ग्राउंड कवरेज, जिसमें उनकी पदयात्रा शामिल थी, के लिए इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से यह सम्मान मिला है।
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हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ (AajTak) की प्रोग्रामिंग हेड और ‘गुड न्यूज़ टुडे’ (Good News Today) की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने अपनी टीम को इंडिया टुडे ग्रुप का प्रतिष्ठित चेयरमैन अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताई है। ग्रुप के 50वें वर्ष के जश्न के बीच यह पोस्ट वायरल हो रही है।
श्वेता सिंह ने फेसबुक पर लिखा, ‘अभी से पांव के छाले ना देखो, अभी यारों सफ़र की इब्तिदा है।’ उन्होंने आगे लिखा, ’इंडिया टुडे ग्रुप के 50वें साल में दो दशक से ज्यादा समय से इस ग्रुप का हिस्सा होने पर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। पिछले एक साल की शानदार परफॉर्मेंस के लिए मेरी टीम को चेयरमैन अवॉर्ड मिलने पर बहुत खुशी है। बिहार चुनाव कवरेज के लिए 'पदयात्रा' में मैं तो चली, लेकिन पसीना मेरी पूरी टीम ने बहाया।’
बता दें कि इंडिया टुडे ग्रुप अपने 50 वर्ष पूरे होने पर ऐसे आंतरिक सम्मानों के जरिये एंप्लॉयीज की मेहनत को सराह रहा है। यह अवॉर्ड चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया जाता है। अवॉर्ड में ट्रॉफी, सर्टिफिकेट और राशि शामिल होती है।
श्वेता सिंह लंबे समय से ग्रुप से जुड़ी हुई हैं और स्पेशल प्रोग्रामिंग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से श्वेता सिंह की टीम को बिहार चुनाव की ग्राउंड कवरेज, जिसमें उनकी पदयात्रा शामिल थी, के लिए यह सम्मान मिला है।
श्वेता सिंह की इस फेसबुक पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं।
कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।
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‘बांग्लादेश विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रायोगिक पत्र ‘पहल’ के बांग्लादेश विशेषांक का लोकार्पण विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारत रत्न लता मंगेश्कर सभागार में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सलमान रावी, बंगाली एसोसिएशन कालीबाड़ी के महासचिव सलिल चटर्जी और विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय मनोहर तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। कुलगुरु प्रो. तिवारी ने अध्ययनशीलता और प्रयोगधर्मिता को पत्रकारिता की बुनियाद बताते हुए कहा कि बांग्लादेश का अनुभव यह सिखाता है कि जब लोकतांत्रिक विकल्प कमजोर पड़ते हैं, तब आतंकवाद अपनों को भी नहीं बख्शता।
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि पत्रकारिता को केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी हस्तक्षेप के रूप में देखें। बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ संवाददाता सलमान रावी ने कहा कि आज पत्रकारिता का सबसे बड़ा संकट सतही और सरोकार-विहीन कंटेंट की बाढ़ है। ऐसे समय में शोध, संदर्भ और गहराई ही पत्रकार की विश्वसनीयता तय करेगी।
सलिल चटर्जी ने बांग्लादेश के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद की उम्मीदें कैसे धीरे-धीरे कट्टरता में बदलीं। उन्होंने वहां बंगाली समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता जताई। कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। संचालन महक पवानी और मानसी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शांतनु सिंह ने प्रस्तुत किया।
आईटीवी नेटवर्क का सालाना राजनीतिक कॉन्क्लेव ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ एक बार फिर लौट रहा है। नौवें संस्करण में देश की राजनीति से जुड़े बड़े चेहरे, नीति निर्माता और सांसद एक मंच पर नजर आएंगे।
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आईटीवी नेटवर्क का प्रतिष्ठित राजनीतिक कॉन्क्लेव ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ एक बार फिर देश की सियासत के केंद्र में चर्चा का मंच बनने जा रहा है। यह मंच भारत की प्रभावशाली आवाज़ों, नीति निर्माताओं और राजनीतिक नेतृत्व को एक साथ लाकर समसामयिक राष्ट्रीय मुद्दों पर गंभीर संवाद और विचार-विमर्श के लिए जाना जाता है।
‘इंडिया न्यूज़ मंच’ का यह नौवां संस्करण 16 और 17 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। इस बार आयोजन स्थल दिल्ली के जनपथ स्थित होटल इम्पीरियल को चुना गया है। दो दिवसीय इस मेगा कॉन्क्लेव का सीधा प्रसारण आईटीवी नेटवर्क के सभी चैनलों पर किया जाएगा, जिसमें इंडिया न्यूज़, न्यूज़एक्स और नेटवर्क के क्षेत्रीय चैनल शामिल होंगे।
आयोजन में देश की राजनीति से जुड़ी बड़ी हस्तियां एक ही मंच पर दिखाई देंगी। जानकारी के अनुसार, इस बार के मंच पर 9 केंद्रीय मंत्री, 3 मुख्यमंत्री और 17 से अधिक सांसद शिरकत करेंगे। इसके अलावा, कुल 20 से ज्यादा सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें राजनीति, शासन, सुधार और देश की भविष्य की दिशा जैसे अहम विषयों पर चर्चा होगी।
‘इंडिया न्यूज़ मंच’ को राष्ट्रीय विमर्श का अहम मंच माना जाता है, जहां गहन पैनल चर्चाएं और आमने-सामने के साक्षात्कार दर्शकों को देश की राजनीति को समझने का अवसर देते हैं। इससे पहले जुलाई 2024 में आयोजित मंच में कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और प्रमुख राजनीतिक नेता शामिल हुए थे। इस बार भी यह कॉन्क्लेव राष्ट्रीय मुद्दों पर सार्थक संवाद का केंद्र बनने जा रहा है।