म.प्र. साहित्य अकादमी ने देश की 121 हस्तियों को किया सम्मानित

आशुतोष राणा सहित देश और प्रदेश के कुल 121 रचनाकार सम्मानित हुए, जिन्हें कुल 83 लाख 66 हजार की पुरस्कार राशि बांटी गई।

Last Modified:
Thursday, 27 July, 2023
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म.प्र. साहित्य अकादमी द्वारा मंगलवार 25 जुलाई को रवींद्र भवन सभागार में भव्य अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया,जिसमें विगत चार वर्षों से लंबित पुरस्कार बांटे गए। इसमें 52 साहित्यकारों को अखिल भारतीय, 60 साहित्यकारों को प्रादेशिक और छह को बोलियों के पुरस्कार दिए गए। इस दौरान देश एवं प्रदेश के कुल 121 रचनाकार सम्मानित हुए, जिन्हें कुल 83 लाख 66 हजार की पुरस्कार राशि बांटी गई। अखिल भारतीय पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों को एक-एक लाख, प्रादेशिक और बोलियों के पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों को 50-50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर उपस्थित रहीं। साथ ही प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति अदिति त्रिपाठी, साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे भी विशेष रूप से मौजूद रहे। भोपाल के 28 साहित्यकारों को यह पुरस्कार मिला।

2020 के लिए मालवी बोली के लिए संत पीपा पुरस्कार उज्जैन के शिव चौरसिया, निमाड़ी के लिए संत सिंगा पुरस्कार इंदौर की डा. मीना साकल्ले, बघेली के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव पुरस्कार शहडोल के रामसखा नामदेव, बुंदेली के लिए छत्रसाल पुरस्कार भोपाल की डा. मीनू पांडेय, भीली बोली के लिए टंट्या भील पुरस्कार झाबुआ के डा. गजेंद्र आर्य को दिया गया।2021 के लिए मालवी के लिए संत पीपा पुरस्कार इंदौर की माया मालवेंद्र बदेका, निमाड़ी के लिए संत सिंगा पुरस्कार महेश्वर के हरीशचंद्र दुबे, बघेली के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव पुरस्कार सतना के अरुण कुमार पयासी, बुंदेली के लिए छत्रसाल पुरस्कार टीकमगढ़ के राजीव नामदेव को मिला।

इनको मिले अखिल भारतीय पुरस्कार

2018 के लिए पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार भोपाल के डा. रामदीन त्यागी, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार बीकानेर की इंजीनियर आशा शर्मा, राजा वीरसिंह देव पुरस्कार खंडवा की कृष्णा अग्निहोत्री, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार इंदौर के प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, पं. भवानी प्रसाद मिश्र भोपाल की कांति शुक्ला, अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार बरेली के आचार्य देवेंद्र कुमार, कुबेरनाथ राय पुरस्कार इंदौर के नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, विष्णु प्रभाकर पुरस्कार भोपाल के महेश सोनी, निर्मल वर्मा पुरस्कार पिपरिया के डा. आनंद प्रकाश शर्मा, महादेवी वर्मा पुरस्कार पानीपत की डा. मंजरी शुक्ला, प्रो. विष्णुकांत शास्त्री पुरस्कार दिल्ली के राजेंद्र उपाध्याय, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार इंदौर के अरविंद जवलेकर और नारद मुनि पुरस्कार इंदौर के केशव गुप्ता को दिया गया।

2019 के लिए पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार नागपुर के डा. मनोज पांडेय, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार दिल्ली के सच्चिदानंद जोशी, राजा वीरसिंह देव पुरस्कार अमरकंटक की प्रो. मनीषा शर्मा, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार गढ़वाल की डा. कविता भट्ट, पं. भवानी प्रसाद मिश्र सहारनपुर के डा. आरपी सारस्वत, अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार हरियाणा की डा. इंदु राव, कुबेरनाथ राय पुरस्कार दिल्ली के आरके जैन, विष्णु प्रभाकर पुरस्कार मोहाली के डा. कुलदीप अग्निहोत्री, निर्मल वर्मा पुरस्कार इंदौर के प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, महादेवी वर्मा पुरस्कार जबलपुर के प्रशांत पोल, प्रो. विष्णुकांत शास्त्री पुरस्कार कटनी की डा. सुधा गुप्ता, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार भोपाल के संतोष रंजन और नारद मुनि पुरस्कार इंदौर के अजय जैन को दिया गया।

2020 के लिए पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार हावड़ा के शिखर चंद जैन, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार मथुरा के डा. दिनेश पाठक शशि, राजा वीरसिंह देव पुरस्कार नरसिंहपुर के आशुतोष राणा (रामराज्य उपन्यास), आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार खरगोन के डा. शंभू सिंह मनहर, पं. भवानी प्रसाद मिश्र बुरहानपुर के डा. वीरेंद्र, अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार असम की सविता दास, कुबेरनाथ राय पुरस्कार वाराणसी की डा. विधि नागर, विष्णु प्रभाकर पुरस्कार भोपाल के डा. अंजनी कुमार झा, निर्मल वर्मा पुरस्कार नोएडा के ललित कुमार, महादेवी वर्मा पुरस्कार भोपाल के विजय मनोहर तिवारी, प्रो. विष्णुकांत शास्त्री पुरस्कार सलूंबर की विमला भंडारी, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार पुणे के डा. दामोदर खड़से और नारद मुनि पुरस्कार इंदौर के डा. अर्पण जैन को दिया गया।

2021 के लिए पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार अमरकंटक के प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार हल्द्वानी की डा. प्रभा पंत, राजा वीरसिंह देव पुरस्कार अलवर के बलवीर सिंह करुण, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार वाराणसी के डा. सत्य प्रकाश पाल, पं. भवानी प्रसाद मिश्र भोपाल के डा. रामवल्लभ आचार्य, अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार भोपाल के डा. आनंद सिंह, कुबेरनाथ राय पुरस्कार वर्धा के रजनीश कुमार शुक्ल, विष्णु प्रभाकर पुरस्कार ग्वालियर के दिनेश पाठक, निर्मल वर्मा पुरस्कार रतलाम के प्रो. अजहर हाशमी, महादेवी वर्मा पुरस्कार भीलवाड़ा के डा. भैंरूलाल गर्ग, प्रो. विष्णुकांत शास्त्री पुरस्कार इंदौर की ज्योति जैन, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार बड़ोदरा की डा. क्रांति कनाटे और नारद मुनि पुरस्कार भोपाल के लोकेंद्र सिंह को दिया गया।

इनको मिले प्रादेशिक पुरस्कार

2018 के लिए वृंदावन लाल वर्मा पुरस्कार इंदौर के आलोक शर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार भोपाल के गोकुल प्रसाद सोनी, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार उज्जैन के प्रतीक सोनवलकर, आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी पुरस्कार इंदौर के राधेश्याम आचार्य, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार भोपाल के संजय श्रीवास्तव, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार भोपाल ब्रजेश राजपूत, पं. बालकृष्ण शर्मा पुरस्कार भोपाल की सीमा शर्मा, ईसुरी पुरस्कार खरगोन के महेश चन्द्र जोशी, हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार नीमच के ओमप्रकाश क्षत्रिय, नरेश मेहता पुरस्कार ग्वालियर के पवन सक्सेना, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार इंदौर के प्रताप सिंह सोढ़ी, सेठ गोविंद दास पुरस्कार जबलपुर के दविन्दर सिंह ग्रोवर, शरद जोशी पुरस्कार रतलाम के आशीष दशोत्तर, वीरेन्द्र मिश्र पुरस्कार भोपाल के यतीन्द्रनाथ राही, दुष्यंत कुमार पुरस्कार इंदौर के अनिल त्रिवेदी को मिला।

2019 के लिए वृंदावन लाल वर्मा पुरस्कार इंदौर के अश्विनी कुमार दुबे, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार इंदौर की डा. गरिमा दुबे, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार गुरु नरसिंहपुर के प्रसाद सक्सेना, आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार इंदौर की डा. बूला कार, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार अशोक मनवानी भोपाल, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार राजेश अवस्थी लावा ग्वालियर, पं. बालकृष्ण शर्मा पुरस्कार डा. अन्नपूर्णा सिसोदिया अशोकनगर, ईसुरी पुरस्कार आचार्य दुर्गाचरण शुक्ल टीकमगढ़, हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार डा. प्रेमलता नीलम दमोह, नरेश मेहता पुरस्कार संदीप शर्मा धार, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार डा. गिरिजेश सक्सेना भोपाल, सेठ गोविन्द दास पुरस्कार डा. सुधीर कुमार नेमा भोपाल, शरद जोशी मीरा जैन-उज्जैन, वीरेन्द्र मिश्र पुरस्कार राजेन्द्र प्रसाद शर्मा भोपाल, दुष्यंत कुमार पुरस्कार डा. प्रियंका त्रिपाठी शहडोल को दिया गया।

2020 के लिए वृंदावन लाल वर्मा पुरस्कार डा. जयनारायण बैरागी झाबुआ, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार संतोष कुमार मोहंती इंदौर, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार मुरलीधर चांदनीवाला रतलाम, आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार डा. राजेश श्रीवास्तव भोपाल, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार साधना श्रीवास्तव भोपाल, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार आलोक सेठी खंडवा, पं. बालकृष्ण शर्मा पुरस्कार जगत प्रकाश शर्मा दतिया, ईसुरी पुरस्कार अखिलेश जोशी बड़वाह, हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार महेश प्रसाद सक्सेना भोपाल, नरेश मेहता पुरस्कार विशाल कलम्बकर उज्जैन, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार संतोष सुपेकर उज्जैन, सेठ गोविन्द दास डा. नाथूराम राठौर-दमोह, शरद जोशी पुरस्कार कुमार सुरेश शर्मा भोपाल, वीरेन्द्र मिश्र पुरस्कार श्याम सुंदर तिवारी खंडवा, दुष्यंत कुमार पुरस्कार हेमराज नामदेव जबलपुर को मिला।

2021 के लिए वृंदावन लाल वर्मा पुरस्कार डा. ममता चन्द्रशेखर जबलपुर, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार पुरुषोत्तम प्रसाद गौतम शिवपुरी, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार यशवंत सिंह चौहान धार, आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार गोविंद गुंजन खंडवा, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार प्रियंका शक्ति ठाकुर भोपाल, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार दिनेश प्रभात भोपाल, पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार राजेन्द्र गट्टानी भोपाल, ईसुरी पुरस्कार प्रमोद भार्गव शिवपुरी, हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार डा. अर्जुन दास खत्री भोपाल, नरेश मेहता पुरस्कार राधारानी चौहान भोपाल, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार डा. अखिलेश बार्चे खरगोन, सेठ गोविन्द दास पुरस्कार श्रीपाद जोशी उज्जैन, शरद जोशी पुरस्कार डा. पिलकेन्द्र अरोरा उज्जैन, वीरेन्द्र मिश्र पुरस्कार उदयसिंह मण्डलोई खरगोन, दुष्यंत कुमार पुरस्कार सतीश राठी इंदौर को दिया गया।

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टीवी पत्रकार ब्रजेश गुप्ता की हत्या के मामले में एंकर समेत चार लोगों को आजीवन कारावास

जून 2009 में टीवी पत्रकार ब्रजेश गुप्ता का शव गोविंद नगर में खड़ी कार में कपड़े से लपेटा हुआ मिला था। शव पर कई चोटों के निशान थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 16 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
BrijeshGupta845

कानपुर की एक अदालत ने 16 साल पुराने टीवी पत्रकार ब्रजेश गुप्ता की हत्या के मामले में चार लोगों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

सजा पाने वालों में पीड़ित की सहयोगी व टीवी एंकर कनिका ग्रोवर, उसके दो भाई सनी और मुन्नी और परिवार का मित्र सुरजीत सिंह उर्फ शंटी शामिल हैं।

जून 2009 में 26 वर्षीय ब्रजेश गुप्ता का शव गोविंद नगर में खड़ी कार में कपड़े से लपेटा हुआ मिला था। शव पर कई चोटों के निशान थे।

सरकारी वकील गौरेंद्र त्रिपाठी के अनुसार, अदालत ने नौ गवाहों की गवाही सुनने के बाद आरोपियों को दोषी पाया। कनिका और उसके भाइयों के साथ-साथ सुरजीत को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई। साथ ही कनिका की मां अलका ग्रोवर और उसके चाचा राजीव कुमार को साक्ष्य नष्ट करने में मदद करने के लिए 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

निर्णय सुनाए जाने के बाद, जो छह लोग जमानत पर थे, उन्हें फौरन हिरासत में ले लिया गया।

मामला 14 जून 2009 का है, जब रतनलाल नगर के एक निवासी ने एक 'प्रेस' स्टिकर वाली कार को लंबे समय तक खड़ी देखा। कार खोलने पर पुलिस ने ब्रजेश का शव पाया।

ब्रजेश के भाई प्रभात कुमार ने बाद में गोविंद नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि ब्रजेश ने कहा था कि वह कनिका और अन्य को घर छोड़कर आएगा, लेकिन वह वापस नहीं आया। परिवार ने तलाश की और शव कार में पाया। उनकी लाइसेंसधारी बंदूक और सोने के गहने भी गायब थे।

गौरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि कनिका और उसके परिवार को ब्रजेश से नाराजगी थी, क्योंकि उनका आरोप था कि ब्रजेश नियमित रूप से कनिका को परेशान करता था। सुरजीत को पहले गिरफ्तार किया गया, जिसने जुर्म कबूल किया और बाकी आरोपियों का पता लगाया। उसने बताया कि अपराध उनके घर में किया गया, बाद में शव को कपड़े में लपेटकर ब्रजेश की कार में रखा गया।

जिला सरकारी वकील दिलीप अवस्थी ने कहा कि कनिका के परिवार का यह भी मानना था कि ब्रजेश ने उनके पिता को झूठे केस में फंसाया, जिससे उनके गुस्से और बढ़ गए थे।

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उत्तराखंड में लॉन्च हुआ दैनिक भास्कर App : सीएम धामी ने किया शुभारंभ

यही इसे लोगों के बीच अलग पहचान देती है। सूचना की तेज गति और वायरल होने वाले फेक न्यूज के समय में सच्चाई और प्रमाणिकता बनाए रखना मीडिया की सबसे बड़ी चुनौती है।

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Published - Thursday, 16 October, 2025
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Thursday, 16 October, 2025
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उत्तराखंड में मंगलवार को दैनिक भास्कर एप का औपचारिक शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योगगुरु बाबा रामदेव और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अतिथियों ने बटन दबाकर एप को लॉन्च किया। सीएम धामी ने भास्कर को प्रदेश में इस नई शुरुआत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा- दैनिक भास्कर ने सच्ची और निष्पक्ष पत्रकारिता के दम पर मुकाम हासिल किया है।

उन्होंने बताया, दैनिक भास्कर एप के जरिए अब लोग रियल टाइम में खबरें पढ़ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा- दैनिक भास्कर जापान के समाचार पत्र के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार है, ये जानकर उन्हें काफी खुशी हुई है।

सीएम धामी ने कहा कि कई बार सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी होता है। लेकिन उन्होंने दैनिक भास्कर की पारदर्शिता और विश्वसनीयता की सराहना की। उन्होंने कहा- यही इसे लोगों के बीच अलग पहचान देती है। उन्होंने कहा कि सूचना की तेज गति और वायरल होने वाले फेक न्यूज के समय में सच्चाई और प्रमाणिकता बनाए रखना मीडिया की सबसे बड़ी चुनौती है।

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प्रयास और इंडिया हैबिटेट सेंटर का संयुक्त मीडिया कॉन्क्लेव 16 अक्टूबर को दिल्ली में

इस कार्यक्रम में मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा करेंगे और विचारों का आदान-प्रदान कर समाज में वास्तविक बदलाव लाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

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Published - Wednesday, 15 October, 2025
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Wednesday, 15 October, 2025
Media Conclave

प्रयास JAC सोसाइटी और इंडिया हैबिटेट सेंटर (IHC) संयुक्त रूप से ‘सामाजिक क्षेत्र और मीडिया की भूमिका’ पर एक विशेष चर्चा का आयोजन कर रहे हैं। नई दिल्ली में लोधी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर के Casuarina Hall में 16 अक्टूबर की शाम 6:30 बजे से होने वाले इस कॉन्क्लेव में मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा करेंगे और विचारों का आदान-प्रदान कर समाज में वास्तविक बदलाव लाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के संगठनों (CSOs/NGOs) के बीच बेहतर सहयोग स्थापित करना और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम में देश भर के वरिष्ठ पत्रकार, मीडिया संस्थान और विभिन्न नागरिक सामाजिक संगठन हिस्सा लेंगे।

चर्चा का मुख्य फोकस यह समझना है कि मीडिया और CSOs मिलकर समाज के कमजोर वर्गों—जैसे बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों के मुद्दों को कैसे उजागर कर सकते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

प्रयास JAC सोसाइटी के संस्थापक व मेंटर आमोद कंठ, वरिष्ठ पत्रकार व प्रयास की गवर्निंग बॉडी के मेंबर अमिताभ श्रीवास्तव और इंडिया हैबिटेट सेंटर के डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) के. जी सुरेश कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल होंगे। इस चर्चा में यह भी विचार किया जाएगा कि मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के संगठन मिलकर देश के विकास और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत कैसे कर सकते हैं। 

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मध्य प्रदेश सरकार ने प्रसून जोशी को राष्ट्रीय किशोर कुमार पुरस्कार से किया सम्मानित

प्रसून जोशी को यह पुरस्कार महान कलाकार किशोर कुमार की जन्मस्थली खंडवा में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

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Published - Wednesday, 15 October, 2025
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Wednesday, 15 October, 2025
Prasoon Joshi.

मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज गीतकार, कवि, लेखक और ऐडमैन प्रसून जोशी को राष्ट्रीय किशोर कुमार पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया है। फिल्मी गीत लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

प्रसून जोशी को यह पुरस्कार खंडवा में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। बता दें कि खंडवा महान कलाकार किशोर कुमार की जन्मस्थली है, जिन्हें भारतीय सिनेमा का ऑलराउंडर स्टार कहा जाता है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह में शामिल होकर किशोर कुमार से जुड़े किस्से सुनाए और उन्हें मध्य प्रदेश का ‘अनमोल रत्नबताया।

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Shreyas Media लाएगी त्योहारों में नया उत्साह, पूरे देश में होंगे भव्य आयोजन

विजयवाड़ा उत्सव की सफलता के बाद श्रेयस मीडिया ने यह निर्णय लिया है कि वह बिहू, ओनम, गणेश चुतर्थी, पोंगल, लोहड़ी, दुर्गा पूजा और सक्रांति जैसे क्षेत्रीय त्योहारों को भी देशभर में बड़े स्तर पर मनाएगी।

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Published - Wednesday, 15 October, 2025
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Wednesday, 15 October, 2025
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श्रेयस मीडिया (Shreyas Media) द्वारा हाल ही में आयोजित विजयवाड़ा उत्सव (Vijayawada Utsav) न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ, बल्कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा कार्निवल माना गया और इसने वैश्विक ध्यान भी आकर्षित किया। भारत, अमेरिका, कनाडा और UAE में 3,500 से ज्यादा मूवी प्रमोशन और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने वाले Shreyas Media ने इस उत्सव के जरिए लाखों लोगों को जोड़कर अपनी संगठन क्षमता और कलाकारी का प्रदर्शन किया। विजयवाड़ा उत्सव की सफलता के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है कि वह बिहू, ओनम, गणेश चुतर्थी, पोंगल, लोहड़ी, दुर्गा पूजा और सक्रांति जैसे क्षेत्रीय त्योहारों को भी देशभर में बड़े कार्निवल के रूप में मनाएगी।

श्रेयस मीडिया (Shreyas Media) ने यह भी योजना बनाई है कि वह साल भर अराकू और गांदीकोटा जैसे पर्यटन स्थलों पर विदेशी कलाकारों के साथ समारोह आयोजित करे। इस सैंक्रांति, कृषि को नए आयाम देने के लिए कंपनी एक बड़े किसान उत्सव का आयोजन भी करने जा रही है। इसके अलावा, Visakhapatnam और Tirupati में नए साल और सैंक्रांति के जश्न का आयोजन विजयवाड़ा उत्सव की तरह होगा। विजयवाड़ा में भी दिवाली, नया साल और सैंक्रांति बड़े पैमाने पर मनाई जाएगी। कंपनी पूरे साल आंध्र प्रदेश में 30 बड़े संगीत समारोह आयोजित करेगी और अराकू कॉफी फेस्टिवल भी भव्य रूप से मनाया जाएगा।

Shreyas Media के संस्थापक Gandra Srinivas Rao ने कहा कि विजयवाड़ा उत्सव एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आयोजित किया गया और इसने कार्निवल क्षेत्र में कंपनी की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी बनाई। उन्होंने कहा कि भारत अपनी विविध संस्कृति और त्योहारों के लिए जाना जाता है। ऐसे कार्निवल आयोजित करके त्योहारों को मीठी यादों में बदला जा सकता है। यह प्लेटफॉर्म न केवल देश के लोगों को बल्कि विदेशियों को भी जोड़ता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा उत्सव की सफलता और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की थी। विजयवाड़ा उत्सव को Society for Vibrant Vijayawada और आंध्र प्रदेश टूरिज्म  के सहयोग से 22 सितंबर से 11 दिनों तक आयोजित किया गया। इस दौरान कुल 284 कार्यक्रम हुए और 3,000 से अधिक कलाकारों ने दर्शकों का मनोरंजन किया।

विजयवाड़ा की सड़कों को रंगीन बनाने के लिए 11 कॉन्सर्ट और 11 ड्रोन शो का आयोजन किया गया, साथ ही चार दिनों में भव्य आतिशबाजी का भी प्रदर्शन किया गया। इस उत्सव ने केवल तेलुगु लोगों को ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लोगों को भी आकर्षित किया।

सामान्य दशहरा के अवसर पर विजयवाड़ा में लगभग 15 लाख लोग आते हैं, लेकिन विजयवाड़ा उत्सव के दौरान लगभग 50 लाख लोग पहुंचे। अनुमान है कि इस दौरान स्थानीय व्यापार लगभग 1,000 करोड़ रुपये का हुआ। 15 लाख से अधिक लोग उत्सव में शामिल हुए और 25,000 लोगों को सीधे या असल सीधे रोजगार मिला। विजयवाड़ा एक्सपो (Vijayawada Expo) में 600 स्टॉल लगाए गए।

Srinivas ने बताया कि अगले पांच साल में विजयवाड़ा उत्सव के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये का व्यापार करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि राज्य सरकारें सहयोग करें तो Shreyas Media पूरे देश में ऐसे कार्निवल आयोजित करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रांड्स ऐसे कार्निवल को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने महा कुंभ मेले के विज्ञापन अधिकार भी हासिल किए और हजारों ब्रांड्स को करोड़ों लोगों के करीब लाया। Shreyas Media इसी सफलता को देशभर के कार्निवल में दोहरा सकता है।

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CM के खिलाफ पोस्ट: गिरफ्तारी के डर से दो महिला पत्रकार पहुंचीं SC, लगाई ये गुहार

दोनों पत्रकारों को 12 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।

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Published - Wednesday, 15 October, 2025
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Wednesday, 15 October, 2025
SC56

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तेलंगाना की दो महिला पत्रकारों की उस विशेष अनुमति याचिका पर तत्काल सुनवाई करने के लिए सहमति जताई, जिन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और साझा करने के मामले में गिरफ्तारी का डर जताया है।

ये दोनों पत्रकार — पोगडदांडा रेवती, जो पल्स न्यूज की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और थन्वी यादव, जो उसी चैनल की रिपोर्टर हैं, सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने पहुंचीं, जिसमें सत्र न्यायालय के उस निर्देश को बरकरार रखा गया था जिसमें उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने को कहा गया था।

दोनों को 12 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें दोबारा गिरफ्तारी का डर सताने लगा है।

दोनों पत्रकारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि सात महीने तक जमानत पर रहने के बाद अब उन्हें गिरफ्तारी और दफ्तर सील किए जाने का खतरा है, क्योंकि हाई कोर्ट ने पुलिस हिरासत का आदेश बरकरार रखा है।

इन दोनों पत्रकारों को कांग्रेस की राज्य सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं — अश्लील सामग्री प्रकाशित करने से लेकर संगठित अपराध और आपराधिक साज़िश रचने, नफरत फैलाने वाली अफवाहें फैलाने और शांति भंग करने तक के।

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'वक्रतुण्ड' के लेखक डॉ. महेंद्र मधुकर को मिला ‘जागरण साहित्य सृजन सम्मान’

दिल्ली में शुक्रवार की शाम आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डॉ. महेंद्र मधुकर को यह सम्मान प्रदान किया।

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Published - Saturday, 11 October, 2025
Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
Dr Mahendra Madhukar

साहित्यिक कृति 'वक्रतुण्ड' के लेखक डॉ. महेंद्र मधुकर को जागरण साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया है। दिल्ली में शुक्रवार की शाम आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डॉ. महेंद्र मधुकर को यह सम्मान प्रदान किया। 

उन्होंने डॉ. मधुकर को शाल ओढ़ाया, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न भेंट किया। इसके साथ ही उन्हें 11 लाख रुपये की सम्मान राशि भी दी गई।डॉ. मधुकर ने भी इस दौरान शाह को अपनी तीन पुस्तकें भेंट की तथा उनके कार्य की सराहना की। 

इस दौरान डॉ. मधुकर ने धर्मवीर भारती की पंक्ति 'सृजन की थकन भूल जा देवता..' का जिक्र करते हुए कहा कि लेखक साहित्यकार के लिए रचना सृजन आत्मिक अभिव्यक्ति और आत्मा की संतुष्टि जैसा है।

'वक्रतुण्ड' को पुरस्कृत करने का निर्णय जूरी ने सर्वसम्मति से किया। इस समिति में जाने-माने गीतकार और कवि प्रसून जोशी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी व वरिष्ठ साहित्यकार डा. शरण कुमार लिंबाले शामिल रहे।

बता दें कि इस पुस्तक को ‘राजकमल प्रकाशन’ ने पब्लिश किया है। दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक स्वर्गीय नरेन्द्र मोहन जी की स्मृति में शुरू किया गया यह पहला जागरण साहित्य सृजन सम्मान है। यह सम्मान उन लेखकों को दिया जाता है जिनकी कृति ने अपनी पठनीयता, गुणवत्ता और विषय की गहराई से वर्षभर पाठकों और समीक्षकों — दोनों का ध्यान आकर्षित किया।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रसार भारती को ‘टीम इंडिया’ कहने पर रोक लगाने की याचिका की खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती को BCCI की टीम को “टीम इंडिया” या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” कहने से रोकने की मांग की गई थी।

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Published - Saturday, 11 October, 2025
Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
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दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती, जो दूरदर्शन और आकाशवाणी संचालित करता है, को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की टीम को “टीम इंडिया” (Team India) या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” (Indian National Team) कहने से रोकने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया था कि प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को भारतीय राष्ट्रीय टीम के रूप में पेश करना गलत प्रस्तुतीकरण (misrepresentation) है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अधिवक्ता रीपक कंसल द्वारा दायर इस याचिका को अदालत के समय की पूर्ण बर्बादी बताया।

कंसल ने अपनी याचिका में कहा था कि BCCI एक निजी संस्था है, जो तमिलनाडु सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत है। ऐसे में सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा इसे “राष्ट्रीय टीम” के रूप में पेश करना गलत छवि बनाना है और इससे BCCI को अनुचित व्यावसायिक लाभ मिलता है। याचिका में दोहराया गया कि “प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को राष्ट्रीय टीम के रूप में दिखाना भ्रामक है।”

याचिका के अनुसार, BCCI अपने आयोजनों और मैचों में भारत नाम, राष्ट्रीय ध्वज और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करती है और दूरदर्शन व आकाशवाणी द्वारा इनके प्रसारण से Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 तथा Flag Code of India, 2002 का उल्लंघन होता है, जो राष्ट्रीय नाम, झंडे और प्रतीकों के उपयोग को नियंत्रित करते हैं। याचिका में कहा गया था, “किसी निजी संस्था द्वारा ‘India’ नाम का मनमाना उपयोग, बिना किसी वैधानिक अधिकार या अधिसूचना के, निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”

अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि BCCI द्वारा अपने आयोजनों में भारतीय ध्वज का उपयोग करना और सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा उसका प्रसारण करना किसी कानून का उल्लंघन नहीं है।

पीठ ने टिप्पणी की, “आज कोई भी व्यक्ति निजी तौर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। यदि आप अपने घर में झंडा फहराना चाहें तो क्या आपको रोका गया है? Emblems and Names Act, 1950 की धारा 3 का उल्लंघन कहां है? क्या आप यह कह रहे हैं कि यह टीम भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती? यह टीम जो हर जगह जाकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है, आप कह रहे हैं कि यह भारत की टीम नहीं है? यदि यह ‘टीम इंडिया’ नहीं है तो बताइए क्यों नहीं है?”

न्यायाधीशों ने आगे कहा, “क्या आपको पता है कि खेलों का पूरा ढांचा कैसे काम करता है? क्या आपके अनुसार केवल वही टीम ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व करेगी जिसे खेल मंत्रालय के अधिकारी चुनें? यह अदालत के समय की बर्बादी है। आपको इससे बेहतर जनहित याचिकाएं दाखिल करनी चाहिए। हम इसे खारिज करने के पक्ष में हैं।”

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वेंचर कैपिटल का दायरा बढ़े : एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार

कार्यक्रम के दौरान फंडिंग का फ्यूचर सत्र में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार के सपोर्ट की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र में बेहतर इकोसिस्टम को बनाने में इससे मदद मिलती है।

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Published - Friday, 10 October, 2025
Last Modified:
Friday, 10 October, 2025
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देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनाने और “वोकल फॉर लोकल” के विजन मजबूती देने के उद्देश्य से अमर उजाला की ओर से भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव, एक्सपो व अवार्ड्स 2025 का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम के दौरान फंडिंग का फ्यूचर सत्र में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार के सपोर्ट की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र में बेहतर इकोसिस्टम को बनाने में इससे मदद मिलती है। कैपेक्स के लिए क्रेडिट फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम से मिलती है। केवल बैंकों को डिपॉजिट लेने की मंजूरी है।

ऐसे में वे संसाधनों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आज 2.5 मिलियन लैंडेबल मर्चेंट हैं। कैश भारपे पर दिखता है। हम पार्टनरशिप मॉडल पर काम कर रहे है। वे पैसे मुहैया करवा रहे हैं। वे ऋण मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

देश में एमएसएमई को ऋण मुहैया कराने के लिए बहुत बढ़िया इकोसिस्टम तैयार हुआ है। आज यदि किसी को मशीन खरीदना हो चाहे वह 20 लाख का हो तो लोन आसानी से उपलब्ध है। दुनिया पिछले 30-40 वर्षेों में पूरी तरह से बदल गई है।

ऐसा मैनुअल बैंकिंग से डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ने से संभव हो पाया। सरकारी स्कीमों मुद्रा स्क्रीम, स्ट्रीट वेंटर स्कीमों के जरिए भी ऋण मुहैया कराने में मदद मिली है। हमें वेंचर कैपिटल को बढ़ाने की जरूरत है। हमें नई स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की जरूरत है चाहे वे सफल हों या नहीं। इसके लिए वेंचर कैपिटल को बढ़ाना पड़ेगा। यह हाई रिस्क कैपिटल है। इसके लिए इसके लिए बैंक आगे नहीं आते। इसे मुहैया कराने के लिए हमें कदम बढाने होंगे।

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अमर उजाला के मंच से परेश रावल ने की 'वोकल फॉर लोकल' की वकालत

एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव के दौरान अभिनेता परेश रावल ने कहा कि एक्टिंग का फॉर्मूला बिजनेस की दुनिया में नहीं चल सकता है। मनुष्य हर आपदा और अवसर में ढल जाता है।

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Published - Friday, 10 October, 2025
Last Modified:
Friday, 10 October, 2025
pareshraval

देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने और “वोकल फॉर लोकल” के विजन को मजबूत करने के मकसद से अमर उजाला द्वारा आयोजित एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम में अभिनेता परेश रावल ने कहा कि एक्टिंग का फॉर्मूला बिजनेस की दुनिया में नहीं चल सकता है। मनुष्य हर आपदा और अवसर में ढल जाता है।

मरते दम तक एक एक्टर को स्टूटेंड बने रहना होता है। यह बात बिजनेस लीडर्स भी सीख सकते हैं। हमें जीना है तो हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठक सकते हैं। हमें सर्वाइव करना ही पडे़गा। हम बड़े शुक्रगुजार हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसे लीडर मिले हैं। वे अमेरिका से टक्कर ले सकते हैं।

वे इसलिए ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हम किसी पर डिपेंड नहीं करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वोकल फॉर लोकल वाले का हमेशा समर्थन करना चाहिए। वोकल फॉर लोकल एमएसएमई क्षेत्र का भी मंत्र होना चाहिए। किसी चीज पर पर्दा डालो तो अलग-अलग धारणाएं बन जाती है। उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म पर कहा कि यह रिसर्च से बनी है।

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