हैप्पी बर्थडे मिलिंद सोमन: यही खूबियां आपको बनाती हैं फिटनेस व वेलनेस की दुनिया में ब्रैंड

जहां आज ज्यादातर सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स कुछ महीनों में भुला दिए जाते हैं, वहीं मिलिंद सोमन का ब्रैंड इसलिए कायम है क्योंकि यह किसी विज्ञापन चक्र पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर आधारित है।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
Milind Soman


एक्टर, मॉडल और विज्ञापन की दुनिया में जाना-माना नाम मिलिंद सोमन आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह सिर्फ एक मशहूर चेहरे के जीवन का पड़ाव नहीं, बल्कि इस बात की मिसाल है कि एक पर्सनल ब्रैंड समय के साथ कैसे विकसित होता है, टिकता है और हर दौर में लोगों से जुड़ा रहता है।

1990 के दशक में आया ‘मेड इन इंडिया’ म्यूजिक वीडियो मिलिंद सोमन के सफर की शुरुआत था। उस दौर में भारतीय विज्ञापन पारंपरिक छवियों से भरे थे, लेकिन मिलिंद ने इस ढर्रे को तोड़ दिया। उनकी सहजता, आत्मविश्वास और एथलेटिक लुक्स ने पुरुष आकर्षण की एक नई परिभाषा दी—ऐसी जो प्रेरक भी थी और जुड़ाव भरी भी। वह सिर्फ किसी ब्रैंड का चेहरा नहीं थे, बल्कि खुद एक ब्रैंड बन गए।

‘मेड इन इंडिया’ की सफलता और उसके बाद के विज्ञापन अभियानों ने मिलिंद को भारत का पहला सच्चा मेल सुपरमॉडल बना दिया। फैशन से लेकर फिटनेस तक, हर सेक्टर के ब्रैंड उनके साथ जुड़ना चाहते थे, क्योंकि वे अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली की पहचान बन चुके थे।

टीवी और फिल्मों में अभिनय ने उनकी पहचान को और व्यापक बनाया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने मूल व्यक्तित्व से समझौता नहीं किया। मिलिंद सोमन का ब्रैंड केवल ग्लैमर पर आधारित नहीं रहा। इसका आधार रहा—अथेंटिसिटी यानी असलीपन।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने से बहुत पहले ही वह अपने काम और जीवनशैली से लोगों को प्रेरित कर रहे थे। 2015 में Ironman Triathlon और 2017 में Ultraman पूरा करने से उन्होंने यह साबित किया कि फिटनेस उनके लिए ट्रेंड नहीं, जीवन का हिस्सा है।

उन्होंने पिंकाथॉन की शुरुआत की—जो आज देश की सबसे बड़ी महिला रनिंग पहल है। इससे वे सिर्फ फिटनेस ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता के प्रतीक बन गए। जहां आज ज्यादातर सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स कुछ महीनों में भुला दिए जाते हैं, वहीं मिलिंद सोमन का ब्रैंड इसलिए कायम है क्योंकि यह किसी विज्ञापन चक्र पर नहीं, बल्कि निरंतरता पर आधारित है।

उनका संवाद हमेशा व्यक्तिगत और अनुभव-आधारित रहता है। चाहे बात नंगे पैर दौड़ने की हो, उम्र को प्राकृतिक रूप से स्वीकारने की या टिकाऊ जीवनशैली अपनाने की। यही ईमानदारी उन्हें फिटनेस और वेलनेस की दुनिया में एक विश्वसनीय आवाज़ बनाती है।

‘ब्रैंड मिलिंद सोमन’ की खासियत है उसकी स्पष्टता और उद्देश्यपूर्ण विकास। वे नए प्रयोग केवल ध्यान खींचने के लिए नहीं, बल्कि सार्थक बदलाव के लिए करते हैं। उनके सहयोग चाहे फिटनेस ब्रैंड्स से हों या पर्यावरण जागरूकता से जुड़ी पहलों से, हर बार उसमें संगति और सच्चाई झलकती है।

जहां जनरेशन X के लिए वे नॉस्टेल्जिया और प्रेरणा का प्रतीक हैं, वहीं मिलेनियल्स और जेन Z के लिए वे संतुलन, उद्देश्य और ऑथेंटिसिटी की मिसाल हैं। 60 की उम्र में भी मिलिंद सोमन यह साबित कर रहे हैं कि उम्र केवल एक संख्या है। वे न सिर्फ दौड़ते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि सच्चे ब्रैंड ट्रेंड्स से नहीं, सत्य और निरंतरता से बनते हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार और ‘The Week’ मैगजीन के जम्मू-कश्मीर ब्यूरो चीफ तारिक भट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके परिवार ने बताया कि भट सुबह बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत नजदीकी एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
Tariq Bhat

वरिष्ठ कश्मीरी पत्रकार और ‘द वीक’ (The Week) मैगजीन के जम्मू-कश्मीर ब्यूरो प्रमुख तारिक भट का निधन हो गया है। करीब 54 वर्षीय तारिक भट ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। भट के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके परिवार ने बताया कि भट सुबह बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत नजदीकी एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

तारिक भट की पार्थिव देह को श्रीनगर के दलगेट क्षेत्र में उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

भट ने वर्ष 1997 में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से पत्रकारिता की शुरुआत की और बाद में वीकली मैगजीन ‘द वीक’ से जुड़ गए, जिसके साथ वह करीब 24 वर्षों तक जुड़े रहे।

भट के निधन पर राजनीतिक और पत्रकार जगत ने शोक व्यक्त किया है औऱ दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी है।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पटना में 'एनडीटीवी' का 'पावरप्ले' आज: एक मंच पर दिग्गजों का महाजुटान

1 नवंबर शनिवार को बिहार चुनाव का सबसे बड़ा मंच 'एनडीटीवी पावरप्ले' सजेगा। इस दौरान बिहार की राजनीति के सबसे बड़े, सबसे प्रभावशाली और सबसे महत्वपूर्ण चेहरे इकट्ठा होंगे।

Last Modified:
Saturday, 01 November, 2025
biharelection2025

बिहार में वोटिंग से पहले, राजधानी पटना में आज 1 नवंबर शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा मंच सजने वाला है. 'एनडीटीवी पावर प्ले – बिहार' के मंच पर बिहार की राजनीति के सबसे बड़े, सबसे प्रभावशाली और सबसे महत्वपूर्ण चेहरे इकट्ठा होंगे, और सियासी चर्चाओं और बहस-मुबाहिसों के जरिए आगामी चुनाव की टोन सेट करेंगे। एनडीटीवी के इस स्पेशल प्रोग्राम के मुख्य वक्ता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह का संबोधन पूरे दिन का सबसे अहम पल होगा। एक ऐसा पल जो राष्ट्रीय राजनीति में बिहार की भूमिका, राजनीतिक सोच, नेतृत्व की जंग और आने वाले चुनावों की दिशा तय करेगा। चुनावी रणनीति के माहिर और अब बिहार की राजनीति में नया आयाम जोड़ रहे, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एनडीटीवी के खास कार्यक्रम में 'गवर्नेंस का नया ब्लूप्रिंट' पेश करेंगे।

कार्यक्रम की अहमियत बताते हुए एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा कि बिहार हमेशा भारत की राजनीतिक कहानी का अहम हिस्सा रहा है। 'पावर प्ले – बिहार' के जरिए एनडीटीवी एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां राज्य के सबसे अहम चेहरे एकसाथ आकर बड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे, एक दूसरे के विजन को चुनौती देंगे और आम जनता की आकांक्षाओं से सीधे संवाद करेंगे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

NDTV की सीनियर प्रड्यूसर का पीछा करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

नोएडा सेक्टर-129 में शुक्रवार तड़के NDTV की एक सीनियर प्रड्यूसर के साथ चौंकाने वाली घटना हुई।

Last Modified:
Saturday, 01 November, 2025
Journalist7845

नोएडा सेक्टर-129 में शुक्रवार तड़के NDTV की एक सीनियर प्रड्यूसर के साथ चौंकाने वाली घटना हुई। पत्रकार जब अपने ऑफिस से कार में बैठकर दिल्ली के वसंत कुंज स्थित घर लौट रही थीं, तभी दो युवकों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों- दीपक और शुभम, जो दिल्ली के डाबरी इलाके के रहने वाले हैं, को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों बारटेंडर हैं और घटना के समय शराब के नशे में थे।

पत्रकार ने बताया कि जब वे अपनी फोर्ड फिगो कार से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जा रही थीं, तभी स्कूटी पर सवार दो युवक उनका पीछा करने लगे।

महिला पत्रकार ने बताया, 'वे बार-बार मुझे रुकने का इशारा कर रहे थे। पहले तो मैंने नजरअंदाज किया, लेकिन बाद में महसूस हुआ कि वे मेरी कार को ब्लॉक करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उन्हें डराने के लिए अपना फोन निकालकर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।' 

पत्रकार ने कहा कि ट्रैफिक के कारण जब उन्होंने स्पीड कम की तो स्कूटी पर पीछे बैठा शुभम अचानक कूदा और कार की विंडस्क्रीन पर जोर से हाथ मारा। इसके बाद वह दरवाजाा खोलने की कोशिश करने लगा, लेकिन दरवाजा लॉक था।

उन्होंने कहा, 'मैंने तुरंत स्पीड बढ़ाई और किसी तरह डीएनडी फ्लाईवे तक पहुंची, लेकिन वे दोनों अब भी पीछा कर रहे थे। मैंने अपने एक सहकर्मी को फोन करके बताया तो उन्होंने कहा कि बस ड्राइव करती रहो और कहीं मत रुको।'

पत्रकार ने आगे बताया कि पीछा करते हुए शुभम ने लकड़ी का डंडा निकालकर कार की पिछली शीशा और खिड़की तोड़ दी।

जब पत्रकार आश्रम इलाके तक पहुंचीं, तो उन्होंने पुलिस को फोन करके अपनी लोकेशन बताई। इसके बाद जब वे लाजपत नगर पहुंचीं, तो कुछ टैक्सी ड्राइवरों ने उनकी परेशानी देखकर तुरंत मदद की।

उन्होंने बताया, 'मैंने टैक्सी ड्राइवरों से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि कार साइड में रोक दो। मैंने गुप्ता मार्केट, लाजपत नगर में कार रोकी, तब तक वे दोनों स्कूटी सवार भाग चुके थे।'

थोड़ी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची, पत्रकार का बयान लिया और एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच शुरू कर दी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

केरल भाजपा अध्यक्ष ने टीवी चैनल को भेजा 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस

केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर का आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Legal Notice

केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने टीवी चैनल ‘रिपोर्टर टीवी’ के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि चैनल ने एक विवादास्पद भूमि सौदे से उनका नाम जोड़ते हुए झूठी और भ्रामक रिपोर्टें चलाईं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई स्थित लॉ फर्म RHP पार्टनर्स के जरिए यह नोटिस नौ लोगों को भेजा गया है, जिनमें चैनल के मालिक एंटो ऑगस्टीन समेत कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं।

शिकायत के अनुसार, कोच्चि स्थित ‘रिपोर्टर टीवी’ ने बार-बार ऐसी खबरें दिखाईं जिनमें चंद्रशेखर का नाम बीपीएल नामक कंपनी के साथ भूमि सौदे में जोड़ा गया, जबकि उनका उस कंपनी से कोई संबंध नहीं है।

नोटिस में कहा गया है कि इन खबरों का उद्देश्य उनकी छवि को धूमिल करना और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके पद का गलत इस्तेमाल दिखाना था। भाजपा नेता ने कहा कि वे झूठी खबरों और भ्रामक प्रचार अभियानों के जरिये उनकी राजनीतिक या व्यक्तिगत साख को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।

कानूनी नोटिस में चैनल से मांग की गई है कि वह इन झूठी खबरों को वापस ले और सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफीनामा जारी करे, अन्यथा आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच बीपीएल लिमिटेड ने भी एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन बताया है। कंपनी ने कहा कि औद्योगिक भूमि के आवंटन में अनियमितता के आरोप पहले भी लगाए गए थे, लेकिन उन्हें साल 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बीपीएल ने अपने बयान में कहा, ‘वर्तमान आरोप झूठे हैं और कानूनी रूप से इनका कोई आधार नहीं है।’

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की याद में दिल्ली में प्रार्थना सभा 11 नवंबर को

‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का 25 अक्टूबर को दिल्ली में निधन हो गया था।

Last Modified:
Wednesday, 29 October, 2025
Rajesh Rai Tribute

‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय की याद में 11 नवंबर को दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है।

नई दिल्ली में लोदी रोड स्थित चिन्मय मिशन में 11 नवंबर को शाम तीन बजे से छह बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में राजेश राय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में भर्ती राजेश राय का 25 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। राजेश राय कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मूलचंद अस्पताल में भर्ती थे। 27 अक्टूबर को राजेश राय के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

राजेश राय गाज़ीपुर जिले की मोहम्मदाबाद तहसील के शेरपुर कला गांव के मूल निवासी थे। वह लंबे समय से अपने पैतृक गांव में ही निवास कर रहे थे और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

अपनी सरलता और उदार व्यक्तित्व के कारण वे समाज में अत्यंत लोकप्रिय थे। राजेश राय का सहारा इंडिया परिवार से भी लंबे समय तक जुड़ाव रहा। अपने जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक सहयोग और सेवा को प्राथमिकता दी। वे सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे और ग्रामीण समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की समय-सीमा बढ़ाई

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है। कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि उन्हें मिली सुरक्षा अब 17 नवंबर तक जारी रहेगी।

Last Modified:
Monday, 27 October, 2025
AbhisarSharma84512

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने पत्रकार अभिसार शर्मा को मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है। कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि उन्हें मिली सुरक्षा अब 17 नवंबर तक जारी रहेगी। यह मामला असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर धार्मिक आधार पर राजनीति करने के आरोप लगाने वाले अभिसार शर्मा के बयान से जुड़ा है।

न्यायमूर्ति शमीमा जहान की एकल पीठ ने यह राहत इसलिए बढ़ाई क्योंकि राज्य सरकार की ओर से 19 सितंबर को मांगी गई केस डायरी अब तक कोर्ट में पेश नहीं की गई थी।

दरअसल, अभिसार शर्मा ने हाई कोर्ट का रुख तब किया जब सुप्रीम कोर्ट ने असम पुलिस की FIR को चुनौती देने वाली उनकी याचिका सुनने से इनकार कर दिया था। यह FIR भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराओं 152 (राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालना), 196 (समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना) और 197 (राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के खिलाफ बयान) के तहत दर्ज की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चार हफ्तों की अंतरिम सुरक्षा दी थी ताकि वह हाई कोर्ट से राहत मांग सकें।

19 सितंबर को गुवाहाटी हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उन्हें मिली सुरक्षा को 22 अक्टूबर तक बढ़ाया था और राज्य को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई में अभिसार शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील कमल नयन चौधरी ने दलील दी थी कि उनका मुवक्किल एक पत्रकार है, जो यूट्यूब पर अपने विचार साझा करता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आलोचनात्मक राय रखने के कारण किसी पत्रकार पर देशद्रोह या साम्प्रदायिकता भड़काने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।

वकील ने कहा, “अगर सरकार की हर आलोचना को देशद्रोह माना जाएगा, तो यह लोकतंत्र के लिए काला दिन होगा। हमें आलोचना सहने की क्षमता रखनी चाहिए। अभिसार ने सिर्फ मुख्यमंत्री के झारखंड में दिए एक बयान पर टिप्पणी की थी, जो सरकार की आलोचना नहीं मानी जा सकती।”

अभिसार की ओर से यह भी कहा गया कि उनका वीडियो केवल “ध्रुवीकरण” पर सवाल उठाता था, न कि किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ था। इसलिए यह धाराओं 152 या 197 के तहत अपराध नहीं बनता।

इस मामले में शिकायतकर्ता आलोक बरुआ ने आरोप लगाया था कि अभिसार शर्मा ने अपने वीडियो में असम और केंद्र सरकार दोनों का मज़ाक उड़ाया और “राम राज्य” की अवधारणा को नीचा दिखाया। बरुआ का दावा था कि अभिसार के बयान से जानबूझकर सरकार की छवि खराब करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई।

शिकायत के अनुसार, वीडियो में कही गई बातें समाज में नफरत फैलाने, साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने और जनता का भरोसा सरकार से उठाने की क्षमता रखती थीं।

कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को करेगी। तब तक अभिसार शर्मा को गिरफ्तारी से सुरक्षा जारी रहेगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का निधन

कई वरिष्ठ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार 27 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

Last Modified:
Saturday, 25 October, 2025
bharatexpress

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के बड़े भाई राजेश राय का शनिवार को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में अंतिम सांस ली। स्वर्गीय राजेश राय पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मूलचंद अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

जिसके बाद परिवार, मित्रमंडल और पत्रकारिता जगत में शोक की गहरी लहर दौड़ गई। स्वर्गीय राजेश राय गाज़ीपुर जिले की मोहम्मदाबाद तहसील के शेरपुर कला गांव के मूल निवासी थे। वह लंबे समय से अपने पैतृक गांव में ही निवास कर रहे थे और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

अपनी सरलता और उदार व्यक्तित्व के कारण वे समाज में अत्यंत लोकप्रिय थे। राजेश राय जी का सहारा इंडिया परिवार से भी लंबे समय तक जुड़ाव रहा। अपने जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक सहयोग और सेवा को प्राथमिकता दी। वे सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे और ग्रामीण समाज के उत्थान हेतु निरंतर प्रयासरत रहे।

उनके निधन से न केवल भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क परिवार बल्कि संपूर्ण मीडिया जगत एवं सामाजिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है। कई वरिष्ठ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार 27 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

SIDPA ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की भाषा पर जताई कड़ी निंदा

दक्षिण भारत डिजिटल पब्लिशर्स एसोसिएशन (SIDPA), जो प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है, ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की निंदा की है।

Last Modified:
Saturday, 25 October, 2025
RajeshDanda8745

दक्षिण भारत डिजिटल पब्लिशर्स एसोसिएशन (SIDPA), जो प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है, ने तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर राजेश दांडा की निंदा की है। राजेश ने अपनी फिल्म को कवर कर रहे एक मीडिया आउटलेट के प्रति आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

SIDPA ने कहा कि प्रोफेशनल मतभेद हमेशा सम्मान और शालीनता के साथ व्यक्त किए जाने चाहिए। किसी सार्वजनिक मंच या आवाज का इस्तेमाल दूसरों का अपमान, धमकी या नीचा दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसे व्यवहार को स्वीकार्य नहीं माना जा सकता और यह प्रोफेशनल आचार और सभ्यता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है। एसोसिएशन ने यह भी याद दिलाया कि हिंसा या नुकसान की धमकी देना कानून के तहत अपराध है।

SIDPA ने प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह पत्रकारों या मीडिया संस्थाओं के खिलाफ किसी भी तरह की धमकी, दुर्व्यवहार या डराने-धमकाने को सहन नहीं करेगी। एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ जवाबदेही जरूरी है।

इस बयान के माध्यम से SIDPA ने सभी प्रेस इंटरैक्शन में प्रोफेशनल आचार और जिम्मेदार व सम्मानजनक संवाद बनाए रखने की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि मीडिया के प्रति सम्मान और प्रोफेशनल व्यवहार सभी के लिए अनिवार्य है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

नहीं रहे विज्ञापन जगत के जाने-माने नाम पीयूष पांडेय

ऐडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के आइकन और क्रिएटिव लेजेंड पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे। वह 70 साल के थे।

Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
Piyush Pandey

ऐडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के आइकन और क्रिएटिव लेजेंड पीयूष पांडेय अब हमारे बीच नहीं रहे। वह 70 साल के थे।  उनकी आवाज, सोच और भारतीय अंदाज ने आधुनिक भारतीय विज्ञापन की दिशा तय की। पीयूष पांडेय, ओगिलवी के वर्ल्डवाइड चीफ क्रिएटिव ऑफिसर और इंडिया के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन थे। ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में वह जाना-माना नाम थे। उन्हें एलआईए लेजेंड अवॉर्ड (2024) और पद्म श्री (2016) सहित कई सम्मान मिल चुके थे।

पीयूष पांडेय को भारतीय विज्ञापन जगत में एक अलग और खास आवाज देने के लिए जाना जाता था। उन्होंने इंडस्ट्री को पश्चिमी अंदाज से दूर कर देश की भाषा, संस्कृति और भावना से जोड़ने का काम किया।

विज्ञापन के क्षेत्र में उनका सफर वर्ष 1982 में शुरू हुआ, जब उन्होंने ओगिलवी में क्लाइंट सर्विसिंग एग्जिक्यूटिव के रूप में काम शुरू किया। उनके शुरुआती प्रोजेक्ट्स में से एक था डिटर्जेंट ब्रैंड सनलाइट। छह साल में ही वह क्रिएटिव डिपार्टमेंट में आ गए, जहां उनकी कहानी कहने की कला ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। इसके बाद उन्होंने लुमो, फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रैंड्स के लिए यादगार कैंपेन बनाए।

पीयूष पांडेय के विज्ञापन हमेशा सादगी, भावना और भारतीय संस्कृति का मिश्रण दिखाते थे। पीयूष पांडेय की कमी भारतीय विज्ञापन जगत हमेशा महसूस करेगा। उनकी रचनाएं और उनका अंदाज पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।

उनके प्रसिद्ध कामों में निम्न शुमार हैं।

फेविक्विक और फेविकोल: 'टोड़ो नहीं, जोड़ो', फेविकोल सोफा, और 'बस फंस गया फेविकोल में' वाला ऐड

पॉंड्स–'गूगली वूगली वूश!!'

कैडबरी डेयरी मिल्क–'कुछ खास है'

वोडाफोन–जूजू

एशियन पेंट्स–'हर घर कुछ कहता है'

बजाज–'हमारा बजाज'

एयरटेल–'हर एक फ्रेंड जरूरी होता है'

राजनीतिक विज्ञापन, जैसे बीजेपी का 2014 का अभियान 'अबकी बार मोदी सरकार'

सेलिब्रिटी कोलैब्स, जैसे अमिताभ बच्चन के साथ पोलियो अभियान 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

प्रयागराज में पत्रकार की हत्या, पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी घायल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में गुरुवार देर शाम एक पत्रकार को बदमाशों ने हमला कर दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
Journalist84512

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में गुरुवार देर शाम एक पत्रकार को बदमाशों ने हमला कर दिया। 54 साल के पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन क्षेत्र के हर्ष होटल के पास अज्ञात हमलावरों ने चाकू से कई वार किए।  

घायल पत्रकार की मौत

धूमनगंज थाना क्षेत्र की शकुंतला कुंज कॉलोनी के रहने वाले LN सिंह को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लक्ष्मी नारायण सिंह पूर्व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह के भतीजे थे।

पुलिस की कार्रवाई और मुठभेड़

हमले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। मुठभेड़ में एक आरोपी विशाल घायल हो गया, जिसके पैर में गोली लगी और उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक, मामले में विशाल और साहिल का नाम सामने आया है। विशाल और साहिल ठेले वालों से अवैध वसूली करते थे। पुलिस अब साहिल और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

हत्या की वजह और कानून व्यवस्था पर सवाल

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि पत्रकार और आरोपियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद यह घटना हुई। हत्या की असली वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले धूमनगंज के मुंडेरा चुंगी पर रोडवेज बस ड्राइवर की भी हत्या हो चुकी है, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

परिजनों की मांग

मृतक पत्रकार के परिजनों ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पुष्कर वर्मा ने बताया कि पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सके। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए