कंटेंट क्रिएटर्स के लिए क्रिएटिविटी के साथ नियमों की समझ भी जरूरी: सी. सेंथिल राजन

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ द्वारा ‘भारतीय विज्ञापन मानक परिषद’ (एएससीआई) के साथ मिलकर मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

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Friday, 04 July, 2025
IIMC FDP


‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) द्वारा शुक्रवार को ‘भारतीय विज्ञापन मानक परिषद’ (एएससीआई) के साथ मिलकर मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया गया। आईआईएमसी के नई दिल्ली परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया, विज्ञापन, विपणन, कानून और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले विभिन्न संस्थानों के संकाय सदस्यों को जिम्मेदार विज्ञापन, स्व-नियमन और उभरते मीडिया परिदृश्य के सिद्धांतों के प्रति संवेदनशील बनाना था।

कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सी. सेंथिल राजन, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, एएससीआई की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर और नेस्ले के निदेशक एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रणनीति, विपणन एवं संचार) चंदन मुखर्जी ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के कुलसचिव डॉ. निमिष रुस्तगी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सी. सेंथिल राजन ने कंटेंट क्रिएटर्स को विज्ञापन संहिताओं और नैतिक नियमों के आवश्यक ज्ञान से लैस करने के लिए नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक कंटेंट क्रिएटर को विज्ञापन को नियंत्रित करने वाले नियमों और विनियमों को समझना चाहिए। आईआईएमसी भारत के सर्वश्रेष्‍ठ संस्‍थानों में से हैं, जो विज्ञापन एवं संचार के क्षेत्र में ग्‍लोबल लीडर्स तैयार कर रहा है और इस तरह की कार्यशाला ऐसे क्रिएटिव माइंड्स के कौशल को निखारती है और उनकी जागरूकता बढ़ाती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस तरह की और अधिक कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का समर्थन करते हुए प्रसन्नता अनुभव करेगा, ताकि छात्रों और प्राध्यापकों को विज्ञापन उद्योग की नैतिकता से अवगत कराया जा सके।’ उन्होंने प्रतिभागियों को रचनात्मक क्षेत्रों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मुंबई में Indian Institute of Creative Technology की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी।

डॉ. अनुपमा भटनागर ने अपने संबोधन में नैतिक विज्ञापन की शिक्षा पर बल देते हुए प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इन सीखों को अपनी शिक्षण पद्धति में शामिल करें। उन्होंने कहा, ’हम अपने विद्यार्थि‍यों की रचनात्मक क्षमताओं को निखारने के साथ-साथ उनमें नैतिक मूल्यों की समझ भी विकसित करना चाहते हैं। विद्यार्थि‍यों को यह समझना चाहिए कि अच्छा विज्ञापन क्या होता है और भ्रामक प्रचार से कैसे बचा जाए।’

मनीषा कपूर ने स्व-नियमन की भूमिका और डिजिटल युग में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ’यह संयुक्त एफडीपी विज्ञापन में उपभोक्ता विश्वास सुनिश्चित करने की दिशा में एएससीआई की प्रतिबद्धता का परिचायक है। प्रशिक्षित प्राध्यापक इन शिक्षाओं को विद्यार्थि‍यों तक पहुंचाएंगे, जो भविष्य के विज्ञापन पेशेवर बनेंगे। हम आईआईएमसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साझेदारी कर गौरवान्वित हैं।’

चंदन मुखर्जी ने जिम्मेदार विज्ञापन और ब्रैंड की विश्वसनीयता बनाए रखने में नैतिकता की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा, ’विज्ञापन केवल उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं है, यह समाज के साथ विश्वास का रिश्ता बनाने का माध्यम है।’

डॉ. निमिष रुस्तगी ने कहा, ’डिजिटल युग में विज्ञापन में नैतिकता की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उपभोक्ता व्यवहार के आंकड़ों का विश्लेषण कर विज्ञापनदाता जो शक्ति प्राप्त करते हैं, वह उन्हें और अधिक जवाबदेह बनाती है। नैतिकता ही एकमात्र मूल्य है, जो उपभोक्ता कल्याण को बनाए रख सकती है और उनकी स्वायत्तता का सम्मान कर सकती है।’

दिन भर चले इस कार्यक्रम में ’जिम्मेदार विज्ञापन की आवश्यकता’, ’एएससीआई कोड’, ’उत्तरदायी से जिम्मेदार विज्ञापन की ओर’  और ’एएससीआई की उभरती भूमिका’ जैसे विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए, जिससे प्रतिभागियों को विज्ञापन उद्योग में नैतिक मानकों और स्व-नियमन की व्यापक समझ मिली। इन ज्ञानवर्धक सत्रों का संचालन भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) में निदेशक (ऑपरेशंस) डॉ. सहेली सिन्हा ने किया, जिन्होंने प्रतिभागियों को विज्ञापन में स्व-नियमन के सिद्धांतों और प्रथाओं की गहरी समझ प्रदान की।

कार्यक्रम के संबंध में एएससीआई अकादमी की निदेशक नम्रता बचानी ने कहा, ’यह संयुक्त मेगा एफडीपी विज्ञापन में विश्वास बनाए रखने के प्रति एएससीआई की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यशाला में प्रशिक्षित प्राध्यापक इस ज्ञान को विद्यार्थि‍यों तक पहुंचाएंगे, जो भविष्य के विज्ञापन पेशेवर बनेंगे। हमें इस पहल के लिए आईआईएमसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साझेदारी कर प्रसन्नता हो रही है।’

कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र का संचालन आईआईएमसी की सह प्राध्‍यापक डॉ. मीता उज्जैन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एफडीपी के संयोजक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने दिया। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 98 संकाय सदस्यों ने भाग लिया।

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बिहार में पत्रकार की पिटाई का मामला गरमाया, तेजस्वी यादव ने थाने पहुंचकर दर्ज कराई FIR

बिहार में एक पत्रकार की पिटाई का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को खुद थाने पहुंचे और नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

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Tuesday, 16 September, 2025
TejaswiYadav889

बिहार में एक पत्रकार की पिटाई का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। घटना पर संज्ञान लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को खुद थाने पहुंचे और पीड़ित पत्रकार से मुलाकात कर नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी सीधे बात की और सोशल मीडिया पर मंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए तीखा हमला बोला।

क्या है पूरा मामला

रविवार रात नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के रामपट्टी गांव में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान यूट्यूबर पत्रकार दिलीप कुमार सहनी ने इलाके की बदहाल सड़कों पर सवाल पूछ लिया। आरोप है कि इससे मंत्री भड़क उठे और पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की करने के बाद अपने सुरक्षाकर्मियों से उसकी पिटाई करवाई। मारपीट के दौरान पत्रकार के चेहरे से खून बहने लगा और उसके कपड़े भी फट गए। इस घटना के बाद क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

तेजस्वी यादव का बयान

घटना के बाद तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “बिहार सरकार में शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा से एक अतिपिछड़ा समाज के पत्रकार ने सड़क की बदहाल स्थिति पर सवाल किया तो मंत्री ने रात के अंधेरे में उसे बेरहमी से पीटा और अपशब्द कहे। नकली दवा बेचने और दवा चोरी के मामले में सजायाफ्ता रहे मंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में बैठे हैं और अब पत्रकारों को पीटकर दबाने का काम कर रहे हैं।”

थाने में FIR दर्ज

सोमवार सुबह तेजस्वी यादव अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और पीड़ित पत्रकार के साथ बातचीत करने के बाद औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। इस मौके पर उन्होंने कहा, “दरभंगा में हम लोगों ने FIR कराया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि नेता प्रतिपक्ष को खुद थाने जाकर शिकायत दर्ज करनी पड़ रही है। 2005 से पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। आज पत्रकारों को गाली देकर पीटा जा रहा है और गुंडों को मंत्री बना दिया गया है। ऐसे लोग बिहार का भला कैसे करेंगे।” 

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‘मायानगरी’, ‘बही खाता’ और ‘सैर सपाटा’ ने InKhabar को दिलाई 25 मिलियन की रीच

डिजिटल न्यूज और कंटेंट इकोसिस्टम में अग्रणी 'इनखबर' (InKhabar) ने तीन ओरिजिनल शो 'मायानगरी', 'बही खाता' और 'सैर सपाटा' के सफल लॉन्च के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

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Monday, 15 September, 2025
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डिजिटल न्यूज और कंटेंट इकोसिस्टम में अग्रणी 'इनखबर' (InKhabar) ने तीन ओरिजिनल शो 'मायानगरी', 'बही खाता' और 'सैर सपाटा' के सफल लॉन्च के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कुल मिलाकर, ये शो यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स, फेसबुक और इनखबर के अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 2.5 करोड़ दर्शकों तक पहुंच चुके हैं, जो भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में ब्रैंड के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

'मायानगरी' मनोरंजन जगत में एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में उभरी है, जो सिर्फ फिल्मों के अपडेट और बॉलीवुड की चर्चाओं से कहीं आगे निकल गई है। अब यह आधुनिक पॉप संस्कृति को परिभाषित करने वाली हर चीज के लिए एक निश्चित गंतव्य बन गई है, जहां सेलिब्रिटी एक्सक्लूसिव, तीखी समीक्षाएं और जीवनशैली के रुझानों को एक जीवंत प्रारूप में समाहित किया गया है जिसके बारे में दर्शक बात करना बंद नहीं कर सकते।

मनोरंजन इंडस्ट्री के ग्लैमर और जोश को दर्शाने की अपनी बेजोड़ क्षमता के साथ, मायानगरी लोगों की राय को आकार देने, बातचीत शुरू करने और लाखों लोगों की आकांक्षाओं को प्रभावित करने में सफल रही है। विज्ञापनदाताओं के लिए, यह भारत के सबसे अधिक जुड़े और महत्वाकांक्षी युवाओं के दिलों और दिमागों तक पहुँचने का एक सुनहरा द्वार बन गया है, जो जीवनशैली, विलासिता और मनोरंजन-आधारित ब्रांडिंग के अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।

'बही खाता' और 'सैर सपाटा' ने मिलकर भारतीयों के वित्त, यात्रा और संस्कृति से जुड़ने के तरीके को बदल दिया है। बही खाता वित्तीय स्पष्टता का एक केंद्र बन गया है, जिसने जटिल बाजार गतिविधियों, आईपीओ रुझानों और निवेश रणनीतियों को सरल और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि में बदल दिया है, जो अनुभवी निवेशकों और पहली बार कारोबार करने वाले निवेशकों, दोनों का ध्यान आकर्षित करती है। इस बीच, 'सैर सपाटा' रोजमर्रा के भारत की धड़कन बन गया है, जो यात्रा, संस्कृति और जीवनशैली को एक गतिशील कहानी कहने की यात्रा में पिरोता है जो देश के रंगों, स्वादों और अनुभवों को जीवंत करता है।

ये शो मिलकर ऐसे आंदोलनकारी मंच हैं जहां विज्ञापनदाता महत्वाकांक्षा, अन्वेषण और खोज के साथ जुड़ सकते हैं, और ऐसे दर्शकों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं जो सूचित, प्रेरित और बड़े पैमाने पर जुड़ने के लिए तैयार हैं।

इस उपलब्धि पर बोलते हुए, आईटीवी नेटवर्क, डिजिटल के सीईओ, अक्षांश यादव ने कहा, "ये ओरिजिनल आईपी ऐसे फलते-फूलते समुदाय हैं जहां लाखों दर्शक घर जैसा महसूस करते हैं। विज्ञापनदाताओं के लिए, ये दर्शकों के साथ प्रामाणिक और स्थायी तरीके से जुड़ने के लिए विश्वसनीय माध्यम हैं। जैसे-जैसे डिजिटल उपभोग विकसित हो रहा है, मायानगरी, बही खाता और सैर सपाटा ब्रांडेड कंटेंट और विज्ञापन के भविष्य को आकार देने में सबसे आगे हैं।"

आईटीवी फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, "पारंपरिक समाचार वितरण से कंटेंट-संचालित जुड़ाव की ओर बदलाव स्पष्ट है। इनखबर जैसे प्लेटफॉर्म अब केवल समाचार माध्यम नहीं रह गए हैं। वास्तव में, ये कंटेंट के क्षेत्र में एक शक्तिशाली मंच हैं जो ऐसे मूल प्रारूप तैयार कर रहे हैं जिन्हें दर्शक पढ़ना चाहते हैं। यह बदलाव ब्रांडों के लिए आकर्षक, उच्च-मूल्यवान कंटेंट के साथ सहजता से जुड़ने का एक उपजाऊ आधार तैयार करता है।"

25 मिलियन दर्शकों की मजबूत संख्या और तेजी से विकास के साथ, इनखबर के मूल शो विज्ञापनदाताओं के लिए अद्वितीय अवसर खोल रहे हैं, जिनमें जागरूकता पैदा करने से लेकर प्रीमियम, उच्च-प्रभाव वाली डिजिटल कहानी कहने के माध्यम से ब्रांड निष्ठा और रूपांतरण को बढ़ावा देना शामिल है।

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अब इस मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन के खिलाफ केस हुआ दर्ज

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। UAPA मामले में जमानत पर बाहर चल रहे कप्पन को शनिवार को कोच्चि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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Monday, 15 September, 2025
SiddiqueKappan7896

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। UAPA मामले में जमानत पर बाहर चल रहे कप्पन को शनिवार को कोच्चि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ 10 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि सभी पर गैरकानूनी सभा करने, सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने और पुलिस अधिकारियों से हाथापाई के आरोप लगाए गए हैं।

यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब कप्पन और अन्य लोग महाराष्ट्र एटीएस द्वारा रेजास एम. शीबा सिद्दीक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। शीबा सिद्दीक के खिलाफ उनके कथित बयान को लेकर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ मामले में केस दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, यह प्रदर्शन रेजास सॉलिडैरिटी फोरम की ओर से आयोजित किया गया था। कप्पन ने हाईकोर्ट जंक्शन के पास सभा को संबोधित भी किया था। गिरफ्तार लोगों में अधिवक्ता प्रमोद पुज़्हंकरा, सी.पी. राशीद, साजिद खालिद, डॉ. हरी, भबुराज भगवती, अंबिका और मृदुला भवानी शामिल हैं।

पुलिस का कहना है कि करीब 30 लोगों की भीड़ ने बिना अनुमति सार्वजनिक स्थल पर माइक लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे राहगीरों को परेशानी हुई। जब पुलिस ने उन्हें हटने के लिए कहा तो प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया, जिसके बाद बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर किया गया।

इस मामले में एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 189(2), 190 और 285 के अलावा केरल पुलिस अधिनियम की धाराओं 118(e) और 117(e) के तहत दर्ज की गई है। आरोपों में अवैध जमावड़ा और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने जैसे प्रावधान शामिल हैं।

रेजास सिद्दीक, जो छात्र कार्यकर्ता और स्वतंत्र पत्रकार हैं, को मई 2025 में नागपुर से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन कागर (माओवादी विरोधी अभियान) के खिलाफ पोस्ट किए। इस मामले में उन पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है।

पत्रकार सिद्दीक कप्पन को पहली बार अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस रेप केस की कवरेज के लिए जा रहे थे। उन पर UAPA की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। वर्तमान में वे उसी मामले में जमानत पर बाहर हैं। 

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NHRC ने पत्रकार सहदेव डे के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का दिया निर्देश

38 वर्षीय सहदेव डे, जो स्थानीय न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक अंडमान’ के मालिक थे, का शव उत्तर अंडमान जिले के देशबंधु नगर स्थित एक खेत में इस साल 1 अप्रैल को मिला था। वह 29 मार्च से लापता थे।

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Saturday, 13 September, 2025
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने निर्देश दिया है कि उस पत्रकार के परिजनों को दो सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाए, जिसका जला हुआ शव 2 अप्रैल को उत्तर अंडमान जिले के दिगलिपुर में मिला था।

38 वर्षीय सहदेव डे, जो स्थानीय न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक अंडमान’ के मालिक थे, का शव उत्तर अंडमान जिले के देशबंधु नगर स्थित एक खेत में इस साल 1 अप्रैल को मिला था। वह 29 मार्च से लापता थे। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया है कि मृत पत्रकार के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

NHRC ने अपने आदेश में कहा, “चूंकि उक्त पत्रकार की हत्या उस क्षेत्र में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों की साहसिक रिपोर्टिंग के कारण हुई, आयोग इसे ऐसा मामला मानता है, जिसमें पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।”

पुलिस ने बताया कि इस हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत की खास पहल ‘स्पंदन: हिंदी का अंतर्मन’ 25 सितंबर को दिल्ली में

कंस्टीट्यूशन क्लब में होने जा रहे हिंदी संस्कृति के इस महाआयोजन में देश के कई चर्चित साहित्यकार, कवि, पत्रकार, कलाकार और चिंतक भाग लेंगे।

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Friday, 12 September, 2025
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वर्षों से खबरों की दुनिया में अपनी गहरी दृष्टि और असरदार अंदाज के लिए पहचाने जाने-माने वाले वरिष्ठ टीवी पत्रकार राणा यशवंत 25 सितंबर 2025 को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में 'स्पंदन: हिंदी का अंतर्मन' नामक भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहे हैं। यह आयोजन हिंदी भाषा, समाज और उसकी संस्कृति के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन पर केंद्रित रहेगा।

कार्यक्रम में देश के कई चर्चित साहित्यकार, कवि, पत्रकार, कलाकार और चिंतक भाग लेंगे। इनमें पद्मभूषण राम बहादुर राय; प्रसिद्ध कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह; अभिनेता-निर्माता-निर्देशक डॉ. अन्नू कपूर; वरिष्ठ कथाकार नासिरा शर्मा; प्रख्यात शिक्षाविद् व व्यंजन विशेषज्ञ प्रो. पुष्पेश पंत; चर्चित शायर नवाज देवबंदी; सुप्रसिद्ध कवि व चिंतक बद्रीनारायण; दिग्गज कवि दिनेश कुशवाह; कवि व शायर आलोक श्रीवास्तव; कवि व उपन्यासकार नीलोत्पल मृणाल; प्रसिद्ध कथाकार गीताश्री; कवयित्री मणिका दुबे; कवि व लेखक यतीन्द्र मिश्र; कवि व शायर प्रताप सोमवंशी; कवि यतीश कुमार और कवयित्री अनामिका जैन ‘अंबर’ जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।

इस बारे में राणा यशवंत का कहना है, ‘हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, एक पुरानी और सम्पन्न संस्कृति भी है। यह अभिव्यक्ति के लिए शब्द ही नहीं देती बल्कि अचार, विचार, व्यवहार, सोच, संस्कार और पसंद सभी का सांचा भी गढ़ती है। इसी आधार पर एक पहचान का निर्माण होता है, इसे हिंदी समाज कहते हैं। एक परंपरा, परिवेश और संस्कृति में रचा-बसा विशाल समुदाय, भारत की बहुविध संस्कृति और बहुलताओं का मूल स्वर, प्राणवायु यही है।

मैंने ‘स्पंदन’ के लिए हिंदी को इसी अर्थ में हिंदी रखा है। ‘हिंदी’ की समृद्धि और विस्तार भारत की सबलता और समरसता के पोषक-तत्व हैं। साहित्य, सिनेमा, मीडिया (सोशल मीडिया समेत) सरकारों के प्रयास, प्रवासी हिंदी समाज और हिंदी के लोक (गीत, कला, पर्व आदि) जैसे माध्यमों की ‘हिंदी’ के विकास-विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

‘स्पंदन’ हिंदी समाज और उसकी संस्कृति  के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करने का प्रयास है। समय के साथ आए दबावों और बदलावों पर भी गंभीर चर्चा सर्वथा आवश्यक है।

हिंदी जो एक सांस्कृतिक पहचान है, उसकी आत्मा हिंदी भाषा है। कई राजनीतिक कारणों से हिंदी को वह गति नहीं मिली जो मिलनी चाहिए। हाल ही में महाराष्ट्र में हिंदी विरोध सर्वथा अनुचित था। दक्षिण भारत विशेषकर तमिलनाडु में हिंदी त्यक्त और तिरस्कृत रही है। डिजिटल दुनिया, निजी स्कूलों और बाहरी प्रभावों के कारण भी हिंदी के सामने कुछ गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं।

‘स्पंदन’ हिंदी भाषा, समाज और उसकी संस्कृति के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करने का प्रयास है। ‘स्पंदन’, ‘हिंदी’ की उपलब्धि, संभावना और चुनौती पर परिचर्चा के साथ-साथ हिंदी समाज के ख़तरों पर विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह मंच आपका है, हम सभी का है। आपके साथ, सहयोग और समर्थन के लिए ‘‘स्पंदन’ का निमंत्रण स्वीकार करें।’

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए व रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आप यहां देख सकते हैं।

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मीडिया और शैक्षिक क्षेत्र के जाने-माने नाम डॉ. बिकाश बनर्जी नहीं रहे

डॉ. बनर्जी को कॉरपोरेट जगत में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव था। इस दौरान उन्होंने देश के शीर्ष मीडिया हाउसों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Dr Bikash Banerjee

मीडिया और शैक्षिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, डॉ. बिकाश बनर्जी (Dr. Bikash Banerjee) का हाल ही में निधन हो गया है। डॉ. बनर्जी को कॉरपोरेट जगत में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव था। इस दौरान उन्होंने देश के शीर्ष मीडिया हाउसों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया और कॉर्पोरेट मार्केटिंग और स्ट्रैटेजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ABP लिमिटेड में मार्केटिंग मैनेजर (1981-1996) के तौर पर की। इसके बाद उन्होंने Vibrant Media के CEO, Mid-Day Multimedia के COO, बिजनेस स्टैंडर्ड के वाइस प्रेजिडेंट और दैनिक भास्कर समूह के बिजनेस हेड जैसे अहम पदों पर काम किया। वर्ष 2009 में उन्होंने Repertoire Media Marketing Consultants की शुरुआत की और वर्ष 2016 तक मीडिया सेल्स, मार्केटिंग स्ट्रैटेजी और ट्रेनिंग में नेतृत्व प्रदान किया।

इसके साथ ही, डॉ. बनर्जी ने शैक्षिक क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दीं। पिछले 14 वर्षों से वे देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत रहे और युवाओं को मार्केटिंग, बिजनेस स्ट्रैटेजी और मीडिया के क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कॉर्पोरेट आइडेंटिटी मैनेजमेंट में Ph.D. की, जिसमें उन्होंने भारतीय SMEs के लिए कॉर्पोरेट प्रैक्टिस और अकादमिक शोध को जोड़ने का काम किया।

डॉ. बनर्जी ने बोर्डरूम और क्लासरूम दोनों में एक अमिट छाप छोड़ी। समाचार4मीडिया की ओर से डॉ. बनर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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दूरसंचार विभाग की हिंदी सलाहकार समिति में सदस्य बने मनोज मनु

इस पद पर उनका कार्यकाल तीन साल के लिए होगा। इस समिति में संचार मंत्री अध्यक्ष, संचार राज्य मंत्री उपाध्यक्ष और कई सांसद, विशेषज्ञ तथा अधिकारी शामिल हैं।

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Manoj Manu

iTV न्यूज नेटवर्क में एग्जिक्यूटिव एडिटर एवं इंडिया न्यूज (MP/CG) चैनल के हेड मनोज मनु को केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया है।

इस पद पर उनका कार्यकाल तीन साल के लिए होगा। यह समिति हिंदी भाषा को सरकारी कामकाज में बढ़ावा देने और आधिकारिक भाषा नीतियों को लागू करने में सलाह देती है। सरकार की ओर से जारी गजट अधिसूचना में मनोज मनु का नाम गैर-सरकारी सदस्यों की सूची में शामिल है। वह दूरसंचार विभाग द्वारा नामित सदस्यों में से एक हैं।

समिति का गठन 29 अगस्त 2025 को किया गया। इस समिति में संचार मंत्री अध्यक्ष, संचार राज्य मंत्री उपाध्यक्ष और कई सांसद, विशेषज्ञ तथा अधिकारी शामिल हैं। समिति का मुख्य काम संविधान और आधिकारिक भाषा अधिनियम के तहत हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना है, खासकर दूरसंचार विभाग और उसके अधीनस्थ संगठनों में।

समाचार4मीडिया से बातचीत में मनोज मनु ने इस नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा कि वे हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देंगे। बता दें कि यह नियुक्ति 18वीं लोकसभा के गठन के बाद समिति के पुनर्गठन का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि इससे हिंदी को और मजबूती मिलेगी।

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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की किताब का विमोचन आज

इस अवसर पर 'एक्सचेंज4मीडिया' के फाउंडर व 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
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फरीदाबाद स्थित मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के विभाग स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज में 10 सितंबर 2025 को यानी आज एक विशेष कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की किताब ‘Harivansh’s Experiment with AD-Vocacy Journalism — From Ads to Action, Words to Change’ का विमोचन किया जाएगा। इसके साथ ही इस पर चर्चा का आयोजन भी किया जाएगा।

इस अवसर पर 'एक्सचेंज4मीडिया' के फाउंडर व 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान "Advocacy Journalism" विषय पर एक संवाद सत्र भी होगा, जिसमें पत्रकारिता की सामाजिक जिम्मेदारियों और जनहित में विज्ञापन की भूमिका पर विचार रखे जाएंगे। 

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति और डीन भी मंच साझा करेंगे। इसके अलावा, डॉ. अनुराग बत्रा छात्रों और संकाय को “The Role of Public Service Advertising in Media as a Catalyst for Social Change” विषय पर 10 मिनट का संबोधन देंगे।

यह किताब हरिवंश जी के पत्रकारिता सफर को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने रिपोर्टिंग से आगे बढ़कर जनसरोकारों के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए पत्रकारिता को एक सामाजिक बदलाव के साधन के रूप में प्रस्तुत किया है। 

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पत्रकारों को डिजिटल मीडिया व AI में प्रशिक्षित करेगी Infosys

कर्नाटक मीडिया एकैडमी (Karnataka Media Academy) ने सोमवार को इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd.) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Karnataka CM

कर्नाटक मीडिया एकैडमी (Karnataka Media Academy) ने सोमवार को इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd.) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत पत्रकारों को डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और क्षमता निर्माण में सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक नोट में कहा गया कि यह प्रशिक्षण इंफोसिस के CSR प्रोग्राम स्प्रिंगबोर्ड के तहत किया जाएगा और यह देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। यह समझौता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में हुआ।

इंफोसिस के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट और हेड ऑफ एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड असेसमेंट, सतीशा बी. नंजप्पा ने कहा, “मीडिया एकैडमी को स्प्रिंगबोर्ड के डिजिटल कंटेंट तक पहुंच मिलेगी और पत्रकार सॉफ्ट स्किल्स, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों की जानकारी से संबंधित लर्निंग कंटेंट से लाभान्वित हो सकेंगे। यह कार्यक्रम टियर 2 और टियर 3 शहरों के पत्रकारों की मदद करेगा।”

इस कार्यक्रम का लक्ष्य इस साल 150 पत्रकारों को प्रशिक्षित करना है और इसमें तीन दिवसीय प्रशिक्षण शामिल होगा, जिसमें डिजिटल मीडिया स्किल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट कवर किया जाएगा। वहीं, एक बैच विशेष रूप से महिला पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के लिए जेंडर बजट के तहत समर्पित होगा।

एकैडमी की चेयरपर्सन आयशा खानम ने कहा कि यह प्रशिक्षण पत्रकारों को तकनीकी विशेषज्ञता और स्टोरीटेलिंग की उस दक्षता से लैस करेगा, जो आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में आवश्यक है।

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने संकर्षण ठाकुर के निधन पर जताया शोक

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार और 'द टेलीग्राफ' के एडिटर संकर्षण ठाकुर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

Last Modified:
Monday, 08 September, 2025
EGI45

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने द टेलीग्राफ के एडिटर और गिल्ड के वरिष्ठ सदस्य संकर्षण ठाकुर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 63 वर्षीय ठाकुर का सोमवार को गंभीर बीमारी के कारण निधन हो गया।

गिल्ड ने शोक संदेश में ठाकुर को “एक सशक्त पत्रकार और लेखक” बताया और कहा कि वे अपनी निडर रिपोर्टिंग और पैनी लेखनी के लिए जाने जाते थे। एडिटर्स गिल्ड ने बयान में कहा, “संकर्षण ठाकुर का निधन भारतीय पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है। हालांकि, उनके लेखन और पेशेवर उत्कृष्टता की गूंज आगे भी बनी रहेगी और यह आने वाले पत्रकारों के लिए हमेशा एक मानक बनी रहेगी।”

दिग्गज पत्रकार जनार्दन ठाकुर के पुत्र संकर्षण ठाकुर ने भारतीय पत्रकारिता में अपनी अलग राह बनाई। उन्होंने कई चर्चित किताबें लिखीं, जिनमें The Brothers Bihari (लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पर आधारित), Subaltern Saheb: Bihar and the Making of Laloo Yadav और Single Man: The Life and Times of Nitish Kumar शामिल हैं।

संकर्षण ठाकुर ने अपने करियर की शुरुआत Sunday मैगजीन से की और बाद में The Telegraph, The Indian Express और The Hindu से जुड़े। बाद में वे The Telegraph लौटे और इसके एडिटर बने। जमीनी रिपोर्टिंग के लिए प्रसिद्ध ठाकुर ने भारत की कई अहम घटनाओं को कवर किया, जिनमें कारगिल युद्ध, भोपाल गैस त्रासदी, 1984 के सिख विरोधी दंगे, इंदिरा गांधी की हत्या, कश्मीर और श्रीलंका के जटिल हालात, बिहार और पाकिस्तान की सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां शामिल थीं।

पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए उन्हें 2001 में प्रेम भाटिया अवॉर्ड (राजनीतिक रिपोर्टिंग) और 2003 में अप्पन मेनन फैलोशिप से सम्मानित किया गया।

एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष आनंद नाथ, महासचिव रुबेन बनर्जी और कोषाध्यक्ष के. वी. प्रसाद ने इस संदेश पर हस्ताक्षर करते हुए संकर्षण ठाकुर को ऐसे पत्रकार के रूप में याद किया, जिनकी पेशेवर प्रतिबद्धता और लेखन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

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