यदि आपको उस शख्स के बारे में पता चले, जिसने अपने जूनियर्स की जॉब बचाने के लिए अपनी मोटी तनख्वाह वाली जॉब कुर्बान कर दी, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट से आर्थिक जगत में अस्थिरता बनी हुई है। इस बीच दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है, जिसके चलते एम्प्लॉयीज में डर का माहौल है। ऐसे में यदि आपको उस शख्स के बारे में पता चले, जिसने अपने जूनियर्स की जॉब बचाने के लिए अपनी मोटी तनख्वाह वाली जॉब कुर्बान कर दी हो, तो आपको यह जानकर जरूर हैरानी होगी।
दरअसल यह सच है और ऐसा करने वाले भारतीय मूल के जाने-माने अमेरिकी संपादक पीटर भाटिया हैं, जो अमेरिका के प्रमुख प्रकाशन के ‘डेट्रायट फ्री प्रेस’ के संपादक और उपाध्यक्ष हैं और पुलित्जर विजेता भी हैं। बता दें कि ‘डेट्रायट फ्री प्रेस’ का स्वामित्व गैनेट के पास है।
एडिटर ने कंपनी में बड़े स्तर पर होने वाली छंटनी से अपने एम्प्लॉयीज की नौकरी बचाने के लिए जनवरी में पद छोड़ने की घोषणा की है।
69 वर्षीय पीटर भाटिया ने पिछले सप्ताह आयोजित एक स्टाफ मीटिंग में तब यह फैसला लिया, जब कंपनी ने लगातार तीसरे तिमाही घाटे की सूचना दी। गैनेट ने अपने कारोबार में हो रहे घाटे की भरपाई के लिए छंटनी प्रक्रिया शुरू की है। बता दें कि ‘डेट्रायट फ्री प्रेस’ में कुल 110 लोग कार्यरत हैं।
स्टाफ मीटिंग के दौरान एडिटर पीटर भाटिया ने कहा, कंपनी छंटनी की प्रक्रिया से गुजर रही है और मैंने अनिवार्य रूप से अन्य नौकरियों को बचाने के हित में खुद नौकरी छोड़ने का फैसला किया है। मेरे पास अन्य अवसर हैं। भाटिया सितंबर 2017 में ‘द सिनसिनाटी इंक्वायरर’ और ‘सिनसिनाटी डॉट कॉम’ के एडिटर व वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर दो साल की सेवा के बाद ‘फ्री प्रेस’ में शामिल हुए थे।
डेट्रायट फ्री प्रेस ने बताया कि भाटिया के संस्थान छोड़ने की अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन अखबार के एम्प्लॉयीज को खुद ही नौकरी छोड़ने की समय सीमा अगले सप्ताह है। इस बीच वर्षों तक भाटिया के साथ काम करने वाले पत्रकारों ने ट्विटर पर कहा कि वह गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता के लिए खड़े थे और उनका पद छोड़ना डेट्रायट फ्री प्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान और दुखद दिन है।
भाटिया ने 1975 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इतिहास में बीए किया। 2020 में उन्होंने नेशनल प्रेस फाउंडेशन से बेन ब्रैडली एडिटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता। इस महीने की शुरुआत में गैनेट ने उन्हें अपना 2022 का शीर्ष एम्प्लॉयी नामित किया था। भाटिया के पिता यूपी के लखनऊ के रहने वाले थे।
अमेरिका में ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) अब सोशल मीडिया से निकलकर ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है। TMTG ने Google समर्थित TAE Technologies के साथ मर्ज करने की घोषणा की है
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अमेरिका में ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) अब सोशल मीडिया से निकलकर ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है। TMTG ने Google समर्थित TAE Technologies के साथ मर्ज करने की घोषणा की है, जिसका कुल मूल्य 6 अरब डॉलर से ज्यादा है।
इस मर्ज के बाद दोनों कंपनियों के पास बराबर 50-50 शेयर होंगे। नए गठित कंपनी का बोर्ड नौ सदस्यों का होगा, जिसमें ट्रंप मीडिया के CEO डेविन नुनेस और ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर शामिल होंगे।
नए संयुक्त बयान के अनुसार, कंपनी अगले साल विश्व का पहला यूटिलिटी-स्केल फ्यूजन पावर प्लांट बनाने की योजना बना रही है और इसके बाद और प्लांट भी शुरू किए जाएंगे। फ्यूजन पावर एक ऐसी तकनीक है, जिसमें परमाणु संलयन (nuclear fusion) से ऊर्जा उत्पन्न होती है और इसमें रेडियोधर्मी अपशिष्ट बहुत कम होता है।
TMTG के CEO डेवी नुनेस ने कहा कि यह कदम अमेरिका को ग्लोबल एनर्जी डॉमिनेंस दिलाने में मदद करेगा। उन्होंने इसे 1950 के दशक के बाद का सबसे बड़ा ऊर्जा क्रांतिकारी कदम बताया।
सौदे के हिस्से के रूप में, ट्रंप मीडिया TAE Technologies को 200 मिलियन डॉलर की नकद राशि सौंपेगा और डील रजिस्टर होने के बाद अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर उपलब्ध होंगे।
इस मर्जर से पहले, ट्रंप मीडिया ने सितंबर में अपना तिमाही वित्तीय रिजल्ट जारी किया था, जिसमें कंपनी को $54.8 मिलियन का नुकसान हुआ और Truth Social प्लेटफॉर्म की विज्ञापन आमदनी में गिरावट देखी गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि AI डेटा सेंटर की बढ़ती बिजली मांग और क्लीनर एनर्जी की जरूरतों के बीच यह मर्जर ट्रंप मीडिया के लिए एक बड़ा और आश्चर्यजनक कदम है, जो कंपनी को सोशल मीडिया से ऊर्जा इंडस्ट्री तक ले जाएगा।
बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन के नेता शरिफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
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बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन के नेता शरिफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हादी पर 12 दिसंबर को हुए हमले के बाद उन्हें गंभीर हालत में सिंगापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
हादी की मौत की खबर मिलते ही राजधानी ढाका में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने Daily Star और Prothom Alo जैसे प्रमुख अखबारों के दफ्तरों को तोड़फोड़ कर आग लगा दी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में ये दृश्य साफ दिखाई दिए।
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और संयम दिखाने की अपील की है। उन्होंने टीवी पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “शरिफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके हत्यारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मैं सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि धैर्य और संयम बनाए रखें।”
वहीं, छात्रों और नागरिकों ने शाहबाग चौक और ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कुछ छात्र समूहों ने शोक रैली निकाली और प्रदर्शन में शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने Prothom Alo के करवान बाजार स्थित मुख्य दफ्तर में घुसकर आग लगा दी, वहीं Daily Star के दफ्तर में भी आग लगाई गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, Daily Star के दफ्तर से लगभग 25 पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
???#BREAKING: Gen-Z protesters have torched Sheikh Mujib’s house and a pro-India Awami League office in #Rajshahi, along with setting ablaze the office of a pro-#India news agency in #Dhaka. The situation remains highly volatile.#Bangladesh #BangladeshProtest pic.twitter.com/0kkRm5JXnV
— Mansoor Ahmed Dhillon (@mansoor_dhillon) December 18, 2025
सैन्य और अर्धसैनिक बलों को दफ्तरों के बाहर तैनात किया गया था, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकने में कोई कार्रवाई नहीं की।
इस घटना ने पहले से ही राजनीतिक रूप से नाजुक स्थिति को और बढ़ा दिया है, क्योंकि बांग्लादेश में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। जनता की नाराजगी और विरोध के बीच सरकार ने शांति बनाए रखने और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (RSF) ने मंगलवार को कहा कि इस साल दुनिया भर में मारे गए पत्रकारों में से करीब आधे का जिम्मेदार इजरायल है।
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रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (RSF) ने मंगलवार को कहा कि इस साल दुनिया भर में मारे गए पत्रकारों में से करीब आधे का जिम्मेदार इजरायल है। गाजा में इजरायली सेनाओं के हमले में 29 पलेस्टीनियन पत्रकार मारे गए।
RSF की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कुल 67 पत्रकार मारे गए, जो पिछले साल 66 थे। रिपोर्ट में बताया गया कि इजरायली सेनाओं ने कुल मौतों का 43 प्रतिशत हिस्सा बनाया, और RSF ने इन्हें "पत्रकारों का सबसे बड़ा दुश्मन" बताया। सबसे खतरनाक हमला 25 अगस्त को दक्षिण गाजा में एक अस्पताल पर हुआ, जिसमें पांच पत्रकार मारे गए, जिनमें रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस के दो योगदानकर्ता भी शामिल थे।
गाजा में अक्टूबर 2023 से चल रहे संघर्ष के बाद अब तक लगभग 220 पत्रकार मारे जा चुके हैं। RSF के आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल लगातार तीन सालों से दुनिया में सबसे ज्यादा पत्रकारों को मारने वाला देश है। विदेशी पत्रकार अब भी गाजा नहीं जा पा रहे हैं, सिवाय उन यात्राओं के जो इजरायली सेना द्वारा कड़ी निगरानी में आयोजित की जाती हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2025 में मेक्सिको में कम से कम तीन साल में सबसे ज्यादा नौ पत्रकार मारे गए। इसके अलावा, युद्धग्रस्त यूक्रेन (तीन पत्रकार) और सूडान (चार पत्रकार) भी पत्रकारों के लिए खतरनाक देश हैं।
हालांकि, सालाना मौतों की संख्या 2012 के पीक 142 से काफी कम है, जब सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान ज्यादा पत्रकार मारे गए थे। RSF के अनुसार, साल 2003 से औसतन हर साल लगभग 80 पत्रकार मारे जाते हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुनिया भर में पत्रकारों को उनके काम के लिए जेल में भी डाला जाता है। सबसे ज्यादा पत्रकार चीन (121), रूस (48) और म्यांमार (47) में जेल में हैं। 1 दिसंबर 2025 तक, दुनिया के 47 देशों में 503 पत्रकार बंदी हैं।
ब्रिटेन के बड़े ब्रॉडकास्टर 'चैनल 4' (Channel 4) ने प्रिया डोगरा को अपना नया सीईओ (CEO) नियुक्त किया है।
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ब्रिटेन के बड़े ब्रॉडकास्टर 'चैनल 4' (Channel 4) ने प्रिया डोगरा को अपना नया सीईओ (CEO) नियुक्त किया है। वह मार्च में पद संभालेंगी और एलेक्स महोन (Alex Mahon) की जगह लेंगी।
प्रिया डोगरा इससे पहले Warner Bros. Discovery (WBD) में यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की हेड रह चुकी हैं। कंपनी में वह 14 साल तक रहीं और कई अहम भूमिकाएँ संभालने के बाद Sky से जुड़ीं, जहां वे विज्ञापन कारोबार और नई रेवेन्यू रणनीति संभाल रही थीं। Channel 4 ने कहा है कि डोगरा के पास डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, कमर्शियल ग्रोथ और क्रिएटिव टीमों को मजबूत करने का बेहतरीन अनुभव है।
Channel 4 के चेयर Geoff Cooper ने उन्हें “शानदार और दूरदर्शी लीडर” बताते हुए कहा कि प्रिया डोगरा इस नए चैप्टर को मजबूती से आगे ले जाएंगी। वहीं डोगरा ने कहा कि Channel 4 के साथ जुड़ना उनके लिए सम्मान की बात है और वे टीम के साथ मिलकर चैनल की डिजिटल योजनाओं को और तेज़ी देने और दर्शकों के करीब लाने पर काम करेंगी।
प्रिया डोगरा के पद संभालने तक Jonathan Allan अंतरिम CEO बने रहेंगे। इस पद के लिए Netflix की एमा लॉयड, BritBox की पूर्व CEO रीमाह सकान और चैनल के COO Jonathan Allan भी रेस में थे। लेकिन अंत में प्रिया डोगरा का नाम सामने आया, जिसकी पुष्टि Financial Times की रिपोर्ट से हुई।
Alex Mahon के इस्तीफे के करीब आठ महीने बाद Channel 4 ने आखिरकार अपना नया CEO चुन लिया है और अब पूरी इंडस्ट्री की नजरें प्रिया डोगरा के कदमों पर होंगी।
ग्लोबल एंटरटेनमेंट की दुनिया में बड़ी हलचल मच गई है। Paramount ने Warner Bros Discovery (WBD) को खरीदने के लिए 108 अरब डॉलर की भारी-भरकम बोली लगा दी है।
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ग्लोबल एंटरटेनमेंट की दुनिया में बड़ी हलचल मच गई है। Paramount ने Warner Bros Discovery (WBD) को खरीदने के लिए 108 अरब डॉलर की भारी-भरकम बोली लगा दी है। यह कदम इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि कुछ ही दिन पहले WBD ने Netflix के साथ डील करने की मंजूरी दी थी।
Paramount के सीईओ डेविड एलिसन का कहना है कि उनका यह फैसला “हमने जो शुरू किया था, उसे पूरा करने” की दिशा में उठाया गया है। कंपनी ने 30 डॉलर प्रति शेयर का ऑल-कैश ऑफर दिया है, जो Netflix के पिछले सप्ताह के 27.75 डॉलर प्रति शेयर वाले ऑफर से अधिक है।
Paramount का दावा है कि उनका प्रस्ताव Netflix की तुलना में शेयरहोल्डर्स को 18 अरब डॉलर ज्यादा कैश देता है और सौदे को पूरा करने का रास्ता भी ज्यादा आसान बनाता है।
Netflix ने हाल ही में WBD के स्टूडियो और HBO Max को खरीदने पर सहमति जताई थी। लेकिन Paramount का आरोप है कि Warner ने उनकी पिछली छह पेशकशों पर गंभीरता से बातचीत नहीं की। हालांकि Paramount की मार्केट वैल्यू Netflix की तुलना में काफी कम है। Netflix की वैल्यू जहां 400 अरब डॉलर से ज्यादा है, वहीं Paramount लगभग 14 अरब डॉलर का है। फिर भी Paramount की बोली को एलिसन परिवार, RedBird Capital और Bank of America, Citi और Apollo की ओर से मिले 54 अरब डॉलर के डेट सपोर्ट का मजबूत बैकअप मिला है।
इस डील में राजनीति का रंग भी चढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि Netflix की डील मार्केट डॉमिनेंस के कारण “समस्या बन सकती है” और उन्होंने यह भी कहा कि वह इस फैसले में शामिल रहेंगे। दूसरी ओर Netflix को भरोसा है कि सौदा पास हो जाएगा, इसलिए उन्होंने अपने ऑफर में 5.8 अरब डॉलर की ब्रेकअप फीस जोड़ी है। अगर Warner यह डील छोड़कर किसी और ऑफर के पास जाता है, तो उसे Netflix को 2.8 अरब डॉलर चुकाने होंगे।
जो भी इस बोली की लड़ाई में जीतता है, उसके हाथ में HBO, Harry Potter, DC Comics और CNN जैसे बड़े और प्रभावशाली ब्रैंड आ जाएंगे। अगर Netflix डील पूरी करता है, तो हॉलीवुड कंटेंट पर उसका दबदबा और मजबूत हो जाएगा। वहीं यदि Paramount सफल होता है, तो Warner एक ऐसे मीडिया समूह का हिस्सा बन जाएगा जिसे Ellison परिवार और Oracle के सह-संस्थापक लैरी एलिसन चला रहे हैं।
मार्केट की प्रतिक्रिया भी दिलचस्प रही। Warner का शेयर 26.08 डॉलर पर बंद हुआ, जो Netflix के ऑफर प्राइस से कम है, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों को डील पूरी होने पर संदेह है। दूसरी ओर Paramount के शेयर करीब 10 प्रतिशत गिर गए, जो हैरान करने वाला है, क्योंकि आमतौर पर ऐसी स्थिति में शेयर बढ़ते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को नेटफ्लिक्स द्वारा मशहूर हॉलीवुड स्टूडियो वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को खरीदने की कोशिश पर टिप्पणी की।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को नेटफ्लिक्स द्वारा मशहूर हॉलीवुड स्टूडियो वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को खरीदने की कोशिश पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि नेटफ्लिक्स का पहले से ही “बहुत बड़ा मार्केट शेयर” है और यह डील “समस्या बन सकती है।”
केनेडी सेंटर ऑनर्स कार्यक्रम में पहुंचने पर ट्रंप ने साफ कहा कि वह इस फैसले में शामिल रहेंगे। यह फैसला अमेरिका की फेडरल एजेंसियों को करना है, जो करीब 83 अरब डॉलर की इस बड़ी डील को लेकर एंटी-ट्रस्ट यानी एकाधिकार वाले नियमों की जांच कर रही हैं।
ट्रंप ने नेटफ्लिक्स के को-CEO टेड सारानडोस की जमकर तारीफ भी की, जो हाल ही में व्हाइट हाउस गए थे। उन्होंने कहा, “उन्होंने फिल्मों के इतिहास में सबसे बेहतरीन कामों में से एक किया है।”
अगर डील अपने मौजूदा रूप में पूरी होती है, तो नेटफ्लिक्स HBO Max और Warner Bros. Studios को अपने साथ शामिल कर लेगा- वही स्टूडियो जिसने Casablanca, Citizen Kane जैसी क्लासिक फिल्में और हाल की Barbie जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई हैं। इसके अलावा Harry Potter, Lord of the Rings और DC Studios के सुपरहीरो- Batman, Superman और Wonder Woman जैसी बड़ी लाइब्रेरी भी नेटफ्लिक्स के पास आ जाएगी।
हालांकि इस डील में टीवी चैनल शामिल नहीं होंगे। Discovery और CNN को कंपनी पहले ही अलग कर देगी और फिर बिक्री होगी।
वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी ने खुद को अक्टूबर में बिक्री के लिए रखा था, जब उसे कई ऑफर मिले थे। इस होड़ में केबल ऑपरेटर Comcast और मीडिया कंपनी Paramount Skydance भी शामिल थे। Paramount के प्रमुख डेविड एलिसन ट्रंप के बड़े समर्थक माने जाते हैं।
वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी अब अपनी संभावित बिक्री के बेहद अहम पड़ाव में पहुंच गई है। ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Netflix, Comcast और Paramount Skydance ने नई और अपडेटेड बिड्स जमा की हैं।
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वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros Discovery) अब अपनी संभावित बिक्री के बेहद अहम पड़ाव में पहुंच गई है। ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Netflix, Comcast और Paramount Skydance ने नई और अपडेटेड बिड्स जमा की हैं। इनमें Netflix की ज्यादातर कैश आधारित पेशकश शामिल है, जो बताती है कि नीलामी प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और जल्दी ही इसका फैसला हो सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार Comcast, Netflix और Paramount Skydance के बैंकर्स ने सप्ताहांत में अपने ऑफर्स को मजबूत किया है। ये बिड्स पूरी कंपनी को खरीदने या इसके कुछ खास डिविजन को लेने के विकल्प को कवर करती हैं। ये सब बिड्स फाइनल नहीं मानी गई हैं, लेकिन Warner Bros Discovery बोर्ड के पास अगर शर्तें सही हुईं तो तुरंत निर्णय लेने की सुविधा है।
यह नया राउंड कंपनी द्वारा 1 दिसंबर तक बेहतर ऑफर मांगने के बाद आया है। इससे पहले Paramount ने लगभग $60 बिलियन (लगभग $24 प्रति शेयर) वाली ज्यादातर कैश ऑफर दी थी, जिसे बोर्ड ने ठुकरा दिया था। इसके बाद कंपनी ने साफ किया कि सभी रणनीतिक विकल्प खुले हैं।
Warner Bros Discovery, जो HBO और CNN का पैरेंट कंपनी है, ने अक्टूबर में बताया था कि वह संभावित बिक्री के विकल्पों पर विचार कर रही है, क्योंकि पारंपरिक मीडिया कंपनियों को आज संरचनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह लेन-देन होगा, तो यह मीडिया सेक्टर में $8.4 बिलियन की Skydance–Paramount Global मर्जर के बाद एक और बड़ी कंसॉलिडेशन होगी, जिसे निवेशकों और नियामकों ने गहराई से देखा।
कंपनी ने अपनी आंतरिक पुनर्गठन योजना भी पेश की है, जिसके तहत अगले साल इसका काम दो हिस्सों में बंट जाएगा- स्टूडियो-फोकस्ड बिजनेस और केबल-लीड डिविजन। इसका मकसद तेजी से बढ़ते स्ट्रीमिंग हिस्से को घटते हुए लीनियर टीवी से अलग करना है।
व्हाइट हाउस ने एक नई आधिकारिक वेबसाइट शुरू की है, जिसमें कई बड़े मीडिया संगठनों और पत्रकारों पर पक्षपात और खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया है।
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व्हाइट हाउस ने एक नई आधिकारिक वेबसाइट शुरू की है, जिसमें कई बड़े मीडिया संगठनों और पत्रकारों पर पक्षपात और खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया है। वेबसाइट के शीर्ष पर बड़ी हैडलाइन लिखी है- 'Misleading. Biased. Exposed.' यानी 'भ्रामक, पक्षपाती और बेनकाब'।
वेबसाइट पर बोस्टन ग्लोब, CBS न्यूज और द इंडिपेंडेंट को 'इस हफ्ते के मीडिया अपराधी' बताया गया है। आरोप है कि इन संस्थानों ने ट्रंप के उन बयानों को गलत तरीके से दिखाया, जो उन्होंने छह डेमोक्रेटिक सांसदों के बारे में दिए थे। ये वही सांसद हैं जिन्होंने हाल ही में एक वीडियो जारी कर सेना के जवानों से कहा था कि वे किसी भी 'गैर-कानूनी आदेश' का पालन न करें।
इस वीडियो में कई डेमोक्रेटिक नेता शामिल थे, जिनका सैन्य या खुफिया पृष्ठभूमि रहा है। वीडियो में उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है और कोई भी जवान गैर-कानूनी आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है।
इस पर ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर कड़े शब्दों में हमला किया। उन्होंने डेमोक्रेट्स पर 'देशद्रोह' का आरोप लगाया और यहां तक कहा कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर ट्रायल चलना चाहिए। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ऐसा व्यवहार 'डेथ पेनल्टी' यानी मौत की सजा तक के दायरे में आता है।
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि मीडिया और डेमोक्रेटिक पार्टी ने मिलकर यह गलत नैरेटिव फैलाया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सैनिकों को गैर-कानूनी आदेश दिए। वेबसाइट का कहना है कि ट्रंप के सभी आदेश कानूनी रहे हैं और सांसदों का इस तरह सेना में असंतोष फैलाना 'खतरनाक' है।
वेबसाइट पर 'Hall of Shame' नाम का एक सेक्शन भी है, जिसमें वॉशिंगटन पोस्ट, CNN, MSNBC, CBS और अन्य मीडिया हाउस शामिल हैं। यहां एक डेटाबेस दिया गया है जिसमें रिपोर्टें, उनके लेखक और हर खबर पर 'बायस', 'मैलप्रैक्टिस' या 'लेफ्ट विंग लूनेसी' जैसे टैग लगाए गए हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, लंबे आरोपों की सूची में एसोसिएटेड प्रेस, न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉल स्ट्रीट जर्नल, पॉलिटिको और Axios जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
यह कदम पत्रकारों के खिलाफ ट्रंप की लगातार बढ़ती नाराज़गी का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले भी ट्रंप कई अखबारों पर मुकदमे कर चुके हैं, कुछ मामलों में समझौते हुए हैं और वे कई बार मीडिया को 'enemy of the people' यानी 'जनता का दुश्मन' कह चुके हैं।
हाल ही में एक घटना में ट्रंप ने ब्लूमबर्ग के एक पत्रकार को एयर फोर्स वन में 'piggy' कह दिया था, जब पत्रकार ने एप्सटीन फाइल्स को लेकर उनसे सवाल पूछ लिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एक महिला पत्रकार पर निजी हमला किया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एक महिला पत्रकार पर निजी हमला किया है। इस बार उन्होंने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' (NYT) की रिपोर्टर केटी रोजर्स को 'ugly' कहकर उनकी शक्ल-सूरत पर टिप्पणी की। यह हाल के हफ्तों में तीसरी बार है जब ट्रंप ने किसी महिला पत्रकार पर ऐसी निजी टिप्पणी की है।
ट्रंप ने 'ट्रुथ' सोशल पर लिखते हुए रोजर्स को 'थर्ड रेट रिपोर्टर' और 'अंदर और बाहर, दोनों से बदसूरत' बताया। यह पोस्ट तब आई जब रोजर्स और उनके एक सहयोगी ने मिलकर एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप के ऊपर उम्र का असर दिख रहा है। ट्रंप ने इस रिपोर्ट को 'गलत' बताया।
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में दूसरे रिपोर्टर का जिक्र नहीं किया और न्यूयॉर्क टाइम्स को 'सस्ता अखबार' और 'लोगों का दुश्मन' तक कहा।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप की आलोचना करते हुए अपनी पत्रकार का बचाव किया। अखबार के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी रिपोर्टिंग तथ्यों पर आधारित है। नाम रख देने या गाली देने से सच नहीं बदलता। हमारे पत्रकार ऐसी धमकियों से डरकर रिपोर्टिंग बंद नहीं करेंगे।'
उन्होंने आगे कहा कि केटी रोजर्स जैसे पत्रकार ही बताते हैं कि स्वतंत्र और आजाद प्रेस जनता के लिए कितनी जरूरी है।
यह पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने महिला पत्रकार पर हमला किया हो। कुछ दिन पहले ही उन्होंने ABC News की रिपोर्टर मैरी ब्रूस को ओवल ऑफिस में एक सवाल पूछने पर 'terrible reporter' और 'terrible person' कहा था। ब्रूस ने ट्रंप से जेफ्री एप्स्टीन मामले पर सवाल पूछा था।
उससे पहले, ब्रूस ने ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस से पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या पर सवाल किया था, जिस पर ट्रंप ने नाराज होकर कहा, 'हमें अपने मेहमानों को शर्मिंदा नहीं करना चाहिए।'
इसके अलावा, कुछ दिन पहले ब्लूमबर्ग की रिपोर्टर कैथरीन लूसी के सवाल पर ट्रंप ने उन्हें 'Quiet, piggy' कहकर चुप कराने की कोशिश की थी।
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट ने कहा कि ट्रंप 'सीधे, साफ और ईमानदार' हैं और लोग उन्हें इसी वजह से पसंद करते हैं।
एक इंटरनेट राइट्स ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के उस नियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया से पूरी तरह हटाने की तैयारी की जा रही है।
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एक इंटरनेट राइट्स ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के उस नियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया से पूरी तरह हटाने की तैयारी की जा रही है।
यह नया कानून 10 दिसंबर से लागू होने वाला है। इसके बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक जैसी कंपनियों को अपने सभी अंडर-16 यूजर्स को हटाना पड़ेगा, वरना उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
डिजिटल फ्रीडम प्रोजेक्ट नाम के इस ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया की हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि यह कानून “नाइंसाफी” है और बच्चों की अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।
ग्रुप ने दो 15 साल के किशोरों के साथ मिलकर यह केस दाखिल किया है। उनका कहना है कि इस नियम से लाखों युवा ऑस्ट्रेलियाई अपनी डिजिटल दुनिया से कट जाएंगे।
एक याचिकाकर्ता नोआ जोन्स ने कहा,
“हम असली डिजिटल नेटिव्स हैं। हमें अपनी डिजिटल दुनिया में एक्टिव और समझदार बने रहने का हक है। सरकार को बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर ट्रेनिंग और प्रोग्राम्स पर निवेश करना चाहिए, न कि ऐसे सीधे बैन लगाना चाहिए।”
दुनिया भर की नजर इसके फैसले पर है, क्योंकि कई देश सोशल मीडिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए ऐसे ही नियम बनाने पर विचार कर रहे हैं।