आजकल क्षेत्रीय भाषा के टेलिविजन चैनलों की बहुत चर्चा हो रही...
सोनम सैनी ।।
आजकल क्षेत्रीय भाषा के टीवी चैनलों की बहुत चर्चा हो रही
है। आखिर हो भी क्यों न, जिस तेजी से मार्केट में इनकी मौजूदगी बढ़ रही है, उसे
देखकर यही माना जा रहा है कि आने वाले समय में टीवी की ग्रोथ में इनकी बहुत ज्यादा
भूमिका रहेगी।
हालांकि एक तरफ तो क्षेत्रीय चैनल काफी आगे बढ़ रहे हैं और
ब्रॉडकास्टर्स व ऐडवर्टाईजर्स के लिए नए अवसर भी उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन एक तरफ
यह भी माना जा रहा है कि जिस तरह इनकी ग्रोथ हो रही है, उस हिसाब से इनकी विज्ञापन
दरें नहीं बढ़ रही हैं।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि व्युअरशिप बढ़ने
से विज्ञापनों में तो निश्चित रूप से इजाफा हुआ है, लेकिन विज्ञापन की दरों को यूं
ही छोड़ दिया गया है और वे जस की तस बनी हुई हैं।
‘ Viacom18’ (Regional Entertainment) के हेड रवीश
कुमार का कहना है कि क्षेत्रीय टीवी चैनल अच्छे संकेत दिखा रहे हैं और मार्केट के
हिसाब से चैनल की विज्ञापन दरें भी बढ़ रही हैं। रवीश कुमार का कहना है, ‘क्षेत्रीय टीवी चैनल निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे। यदि लोगों
के सामने कुछ विकल्प रखे जाएं तो वे अपनी भाषा के क्वालिटी कंटेंट को प्राथमिकता
देंगे।’
कुमार का कहना है, ‘ब्रॉडकास्ट
ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) का होना भी अच्छी
बात है, क्योंकि इससे ऐडवर्टाईजर्स को आकर्षित करने में मदद मिलती है। लेकिन मुद्रीकरण
(monetization) को लेकर ऐडवर्टाइजर्स,
ब्रॉडकास्टर्स और एजेंसियों के बीच हमेशा कड़ा मुकाबला रहता है और यह लड़ाई कभी
खत्म होने वाली नहीं है।’ हालांकि रेटिंग के
साथ कीमतें भी बढ़ती है। इसलिए साल दर साल व्युअरशिप में बढ़ोतरी और मार्केट के
अनुसार विज्ञापन दरें भी बढ़ रही हैं।
क्षेत्रीय हिंदी भाषी मार्केट (RHSM), ZEEL के क्लस्टर हेड
अमित शाह का मानना है कि यदि ब़ॉडकास्टर्स अपने व्युअर्स अथवा ऐडवर्टाइजर्स पर
विशेष ध्यान दें और अपने वादों पर खरे उतरें तो विज्ञापन दरें बढ़नी शुरू हो
जाएंगी। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी मार्केट में हमारे पास सात चैनल हैं और वे सभी
अच्छा कर रहे हैं।
इस बारे में ‘Spatial
Access’ के सीईओ विनीत सोधानी का कहना है कि एक तरफ विज्ञापनों में
तो 20 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विज्ञापन की दरों में मुश्किल से
10-12 प्रतिशत का ही इजाफा हुआ है। उनका कहना है, ‘लोगों को न सिर्फ
क्षेत्रीय भाषा के जनरल ऐंटरटेनमेंट चैनल पसंद आ रहे हैं, वहीं क्षेत्रीय भाषा की
फिल्में और म्यूजिक भी काफी आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही इन चैनलों को मिलने
वाले विज्ञापन भी काफी बढ़ गए हैं। इसके बावजूद इस हिसाब से विज्ञापन की दरें नहीं
बढ़ रही हैं।’
एक वरिष्ठ मीडिया प्लानर का कहना है कि विज्ञापन की दरों
में जो 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है, वह भी सभी के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ
चुनिंदा टॉप चैनलों के लिए ही है। उनका कहना है, ‘क्षेत्रीय
मार्केट में विज्ञापन की दरें वास्तव में नहीं बढ़ रही हैं। हालांकि कई जगह
विज्ञापन दरें 10-15 प्रतिशत बढ़ी हैं, लेकिन इसका फायदा भी सिर्फ टॉप प्लेयर्स ही
उठा रहे हैं।’
दरअसल, विज्ञापन की दरें सिर्फ एजेंसियां, ऐडवर्टाइजर्स
अथवा ब्रॉडकास्टर तय नहीं करते हैं, इसके पीछे कई फैक्टर जिम्मेदार होते हैं।
दरअसल, विज्ञापन की दरें कुछ खास चीजें जैसे-CPRPs (cost
per rating points), ERs (effective rates) अथवा मार्केट के
कंप्टीशन से तय होती हैं।
इस बारे में ‘Dentsu
Aegis Network’ की मीडिया एजेंसी ‘Carat India’ की एग्जीक्यूटिव
वाइस प्रेजिडेंट सुजाता द्विवेदी का कहना है, ‘मार्केट में कई
चैनल होते हैं, लेकिन विज्ञापन की दरें एजेंसियां अथवा ऐडवर्टाइजर्स तय नहीं करते
हैं। इसके लिए कई बेंचमार्क जैसे- CPRPs (cost
per rating points), ERs (effective rates) अथवा मार्केट के
कंप्टीशन आदि जिम्मेदार होते हैं। इसके अलावा इसमेंGRPs (gross rating points) जैसे फैक्टर्स भी
अहम भूमिका निभाते हैं।’
द्विवेदी का मानना है कि चूंकि विज्ञापन की दरों के लिए कई फैक्टर्स
जिम्मेदार होते हैं, ऐसे में नए लॉन्च हुए चैनल के लिए पहले से चल रहे चैनल की
रेटिंग को पछाड़ने और ज्यादा विज्ञापन दरें रखने की गुंजाइश कम होती है।
उनका कहना है, ‘ऐसी स्थिति में
नए चैनल को शुरुआत में दूसरों के मुकाबले विज्ञापन दरें थोड़ी कम रखनी चाहिए। एक
बार मार्केट में पकड़ बनाने के बाद वे विज्ञापन की दरों में इजाफा कर सकते हैं।’
इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि हालांकि बेंचमार्क तय
होने के बाद चैनल के लिए ज्यादा की मांग करना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि
कंटेंट को देखकर ऑडियंस खुश हो सकते हैं, लेकिन एजेंसियां और ऐडवर्टाइजर्स इन
बेंचमार्क को तोड़ने में विश्वास नहीं रखते हैं। इस पर नए चैनलों को खुद को
मार्केट में जमने के लिए पूरे चक्र से गुजरना होता है। इसलिए शुरुआत में ही उनके
लिए ज्यादा विज्ञापन दरें तय करना काफी मुश्किल होता है।
इसके बावजूद किसी भी नए चैनल के लिए औसत विज्ञापन दरों से
ज्यादा की मांग करना पूरी तरह असंभव भी नहीं है। ‘Madison
World’ के सीओओ (Buying) नील कमल शर्मा
के मुताबिक, यदि किसी नए चैनल पर आने वाले प्रोग्राम मार्केट के टॉप शो में शामिल
हो जाते हैं तो हो सकता है कि चैनल को विज्ञापन की अच्छी दरें मिल जाएं।
जैसा कि रवीश कुमार का कहना है कि यदि लोगों को विकल्प मिले
तो वे अपनी भाषा में क्वालिटी कंटेंट देखना पसंद करेंगे। इसके अलावा देश में टीवी
की पहुंच काफी ज्यादा है और CPT (cost per thousands) के हिसाब से
देखें तो यह सबसे सस्ता मीडिया है। यही कारण है कि ब्रॉडकास्टर्स और ऐडवर्टाइजर्स
क्षेत्रीय चैनलों को महत्व देते हैं और इसी को देखते हुए मार्केट में सोनी मराठी,
जी मलयालम और कलर्स कन्नड़ जैसे कई नए चैनल लॉन्च हुए हैं।
नए चैनलों की लॉन्चिंग और कई रियलिटी शो की वजह से वर्ष
2017 में क्षेत्रीय भाषा की व्युअरशिप में 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली
है। जून 2017 में ‘स्टार टीवी
नेटवर्क’ ने ‘स्टार मां’ को नई ब्रैंडिंग और शो के साथ दोबारा लान्च किया था।
क्षेत्रीय कंटेंट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वर्ष
2018 में स्टार ने आईपीएल की रीजनल फीड को टेलिकास्ट करने का निर्णय लिया। इसके
परिणामस्वरूप वर्ष 2018 में क्षेत्रीय मार्केट में आईपीएल की व्युअरशिप में 22
प्रतिशत का इजाफा हो गया।
‘बार्क इंडिया’ के डाटा के
अनुसार, पिछले दो वर्षों में क्षेत्रीय भाषा की व्युअरशिप काफी बढ़ी है। इसमें
भोजपुरी भाषा की व्युअरशिप 134 प्रतिशत बढ़ी है। इसके बाद 125 प्रतिशत के बढ़ोतरी
के साथ असमिया भाषा का नंबर है। उड़िया की व्युअरशिप में 89 प्रतिशत, गुजराती में 81
प्रतिशत, मराठी में 68 प्रतिशत, बंगाली में 55 प्रतिशत, कन्नड़ में 52 प्रतिशत,
पंजाबी में 34 प्रतिशत, हिंदी में 23 प्रतिशत, तेलुगु में 18 प्रतिशत और तमिल भाषा
की व्युअरशिप में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
यही नहीं, पिछले वर्ष की तुलना में क्षेत्रीय भाषा के
चैनलों की ऐडवर्टाइजिंग में भी बढ़ोतरी हुई है। इनमें भोजपुरी चैनलों पर 54
प्रतिशत, बंगाली भाषा में 39 प्रतिशत और तमिल चैनलों में 22 प्रतिशत का इजाफा
देखने को मिला है।
फरवरी 2018 में ‘Viacom 18’ ने ‘Colors
Tamil’ के साथ तमिल के
जनरल ऐंटरटेनमेंट चैनल (GEC) मार्केट में
प्रवेश किया था। लॉन्चिंग के समय यह चैनल तमिलनाडु के 11 मिलियन घरों में उपलब्ध
था और इसके पास हर हफ्ते 22 घंटे का ऑरिजिनल कंटेंट होता था। इसके बाद नेटवर्क ने
कन्नड़ मार्केट के लिए एक मूवी चैनल लॉन्च करने की घोषणा भी की थी।
वित्तीय वर्ष (FY) 2018 में
विज्ञापन पर खर्च मामले में हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनलों का जलवा बरकरार रहा।
हालांकि adex रिपोर्ट की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2018 में
क्षेत्रीय भाषा के चैनलों में 5.4 प्रतिशत की ग्रोथ के मुकाबले हिंदी के जनरल
एंटरटेनमेंट चैनलों में नौ प्रतिशत की गिरावट हुई है।
‘Dishum Broadcasting Pvt Ltd’ के सीओओ पार्थ डे
का कहना है, ‘विज्ञापन की दरों में इजाफा हो रहा है। बिहार
और झारखंड जैसे मार्केट में विज्ञापन दरें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा यदि आप
नेशनल ब्रॉडकास्टर हैं और टॉप के चैनलों में शुमार हैं तो आप ऐडवर्टाइजर्स से
ज्यादा दरें मांग सकते हैं।’
वहीं, ‘Kerala Vision’ के कंसल्टेंट
कृष्ण कुमार का कहना है, ‘विज्ञापन दरें तय
करने में कई फैक्टर्स जैसे- चैनल का कंटेंट कैसा है, मार्केट में उसकी क्या पोजीशन
है, आदि पर निर्भर करती हैं। अलग-अलग मार्केट खासकर दक्षिण भारत में विज्ञापन दरें
अलग होती हैं। लेकिन किसी भी चैनल के लिए नेशनल मार्केट से मिलने वाला रेवेन्यू
उसकी पहुंच, प्रोग्राम परफॉर्मेंस आदि पर ज्यादा निर्भर करता है।’
उनका यह भी कहना है, ‘यदि चैनल और उसकी
प्रोग्राम परफॉर्मेंस के साथ ही चैनल के बारे में लोगों की राय अच्छी है तो
विज्ञापन की दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है।’
बार्क (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दास गुप्ता की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बार्क (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दास गुप्ता की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल कम हो गया था, जिसके बाद तंजोला जेल प्रशासन ने उन्हें शुक्रवार दोपहर एक बजे अस्पताल में शिफ्ट किया था।
उनकी पत्नी सम्राज्नी दासगुप्ता (Samrajni Dasgupta) के मुताबिक, डॉक्टर्स की देखरेख में आज सुबह उन्हें आईसीयू (Intensive Care Unit) में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया, ‘पार्थो किसी भी वॉयस कमांड का जवाब नहीं दे पा रहे हैं और न ही कुछ बोल पा रहे हैं। वह ब्लड शुगर के मरीज हैं और उनका ब्लड प्रेशर भी घट-बढ़ रहा है। हमें आज सुबह ही उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गई थी। उनकी हालत नाजुक है।’
बता दें कि टीआरपी घोटाले मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में मुंबई पुलिस ने दिसंबर के आखिरी हफ्ते में उन्हें गिरफ्तार किया था। वे 31 दिसंबर, 2020 तक पुलिस हिरासत में थे, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।प्रख्यात फिल्म समीक्षक राजीव मसंद ने फिलहाल पत्रकारिता से दूरी बना ली है।
प्रख्यात फिल्म समीक्षक राजीव मसंद ने फिलहाल पत्रकारिता से दूरी बना ली है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब उन्होंने बतौर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर यानी COO टैलेंट मैनेजमेंट फर्म धर्मा कॉर्नरस्टोन एजेंसी (DCA) जॉइन कर लिया है। कंपनी में चलने वाले ऑपरेशन्स की जिम्मेदारी अब राजीव मसंद के कंधो पर होगी।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में फिल्म निर्माता करण जौहर ने बंटी सजदेह के साथ अपनी इस टैलेंट मैनेजमेंट फर्म की घोषणा की थी। सजदेह की कंपनी कॉर्नरस्टोन की स्थापना 2008 में हुई थी। कंपनी विराट कोहली, विनेश फोगाट, के एल राहुल, सानिया मिर्जा और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों का कामकाज देखती है।
बता दें कि 41 वर्षीय मसंद दो दशक से अधिक समय तक पत्रकार और मनोरंजन उद्योग के समीक्षक के तौर पर काम कर चुके हैं। राजीव मसंद ने 16 साल की उम्र में पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा था, उसके बाद वे कई मीडिया ग्रुप्स के साथ काम कर चुके हैं। वो हमेशा के लिए पत्रकारिता छोड़ चुके हैं या नहीं, इस पर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जो इस तरह लोगों के मौत से होने वाली तकलीफ को बयां कर रहा है।
कोरोना महामारी ने अपनों को खोने का बहुत से लोगों को दर्द दिया है और वो सारे रस्म और दस्तूर बदल डाले जो हमारे जीवन का हिस्सा थे। इस महामारी के सामने हमारी सारी परम्पराओं ने एक पल में घुटने टेंक दिए। कोरोना से हुई मौतों से उबर पाना हरगिज आसान नहीं है। इस महामारी से दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश अमेरिका में अब लोगों का धैर्य टूटने लगा है। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जो इस तरह लोगों के मौत से होने वाली तकलीफ को बयां कर रहा है।
दरअसल, पिछले सप्ताह सीएनएन की एक रिपोर्टर सारा सिडनर लॉस एंजिलिस से लाइव रिपोर्टिंग के दौरान इस कदर भावुक हुईं कि फूट-फूटकर रो पड़ीं। उनका वीडियो पूरी दुनिया में तेजी से वायरल हो गया। वह कोरोना के कारण 12 जनवरी को अपने माता और सौतेले पिता दोनों को खो चुकीं एक महिला की व्यथा कवर रही थीं। सारा ने इस लाइव रिपोर्टिंग के दौरान कहा कि वह रिपोर्टिंग के लिए लगातार 10 अस्पतालों में गईं, जहां उन्होंने कोरोना से पीड़ित मरीजों व उनके परिवार के लोगों को जिस तरह से अस्पताल में रहते हुए देखा, इससे उन्हें बेहद दु:ख हुआ।
लाइव रिपोर्टिंग के दौरान सिडनर ने रोते हुए कहा कि कोरोना वायरस सभी समुदायों के लोगों को ‘असम्मानजनक’ रूप से मार रहा है। वे इसका खामियाजा उठा रहे हैं। उन लोगों में से कई ऐसे लोग हैं, जिन पर हम अपना दैनिक जीवन जीने के लिए भरोसा करते हैं।
सारा ने कहा कि यह सब होने के बाद इन परिवारों के लिए जीवन जीना कितना कठिन है और इनके दिल में कितना दर्द है, इस बात को समझ पाना वास्तव में काफी कठिन है।
सिडनर के कहा कि मुझे गुस्से में रोना आया। गुस्सा उन लोगों पर, जिन्होंने बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया और सच्चाई के खिलाफ लड़ते रहे। ऐसे लोगों ने अन्य लोगों की जान जोखिम में डाली। सिडनर ने इस दौरान आंसुओं से सराबोर रहीं।
यही नहीं कार्यक्रम में दौरान भावुक होने के बाद रिपोर्टर ने एंकर से माफी भी मांगी। इसके बाद एंकर ने अपनी सहकर्मी को बार-बार आश्वासन देते हुए कहा कि कोई माफी की जरूरत नहीं है। साथ ही एंकर ने कहा कि उसके सहयोगियों और दर्शकों ने आपके दिल से किए गए इस उत्कृष्ट रिपोर्टिंग की सराहना की है।
इस वीडियो को साझा करते हुए सारा ने लिखा कि रिपोर्टर के तौर पर मैं अपने काम को भले ही अच्छे से नहीं कर पाई लेकिन अब वापस उस समय को नहीं लाया जा सकता है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।WOW. Powerful moment on @CNN just now. Must watch. Sending you lots of love @sarasidnerCNN pic.twitter.com/v8Pv4xOo36
— Faith Abubéy (@ReporterFaith) January 12, 2021
दि ग्रोथ स्कूल के एसोसिएट पार्टनर के रूप में समाचार4मीडिया पत्रकारिता के क्षेत्र में आने के इच्छुक लोगों के लिए कार्यशाला शुरू करने जा रहा है।
इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना ने सारे संसार को घुटनों पर ला दिया। कई व्यवसाय बंद हो गए, नौकरियां खत्म हुईं और वेतन घट गए। इस महामारी से मीडिया उद्योग भी अछूता नहीं रहा और बहुत से मीडिया घरानों के शटर गिर गए। कई अखबारों के अलाभप्रद संस्करण बंद हो गए। पत्रकारों और मीडिया उद्योग से जुड़े बहुत से कर्मियों का बड़ा वर्ग सड़क पर आ गया। जब तक लोग नौकरी में थे, सुखी थे, कंफर्ट जोन में थे, कुछ और सोचने की जरूरत ही नहीं थी। बेरोजगार हुए तो बहुत से लोगों ने विकल्पों के बारे में सोचना शुरू किया और कुछ लोगों ने अलग-अलग छोटी-मोटी नौकरियां पकड़ लीं, पर कुछ लोगों ने उद्यम की राह पकड़ी। इतिहास गवाह है कि जब-जब भी मंदी आती है या नौकरियों का अकाल पड़ता है तो उद्यम सबसे ज्यादा अच्छा विकल्प बनकर उभरता है और ज्यादा से ज्यादा लोग उद्यमी बनने के रास्ते तलाशते हैं।
मीडिया उद्योग में पिछले कई सालों से यह हो रहा है कि रिटायर होने के बाद, नौकरी से इस्तीफा देने के बाद या नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद बहुत से पत्रकारों ने न्यूज पोर्टल बना लिए। पत्रकार रह चुकने के कारण उन्हें शायद यह सबसे आसान विकल्प लगा। दिक्कत यह है कि ऐसे बहुत से लोग बहुत छोटे से दायरे में सिमटकर रह गए और लॉकडाउन के समय उनकी दिक्कतें और बढ़ गईं,क्योंकि आय के साधन नहीं बचे। अब सवाल यह है कि जब नौकरियों का अकाल हो और व्यवसाय का आसान विकल्प भी न रह गया हो तो क्या किया जाए।
इस सारी स्थिति के मद्देनज़र दि ग्रोथ स्कूल के एसोसिएट पार्टनर के रूप में समाचार4मीडिया ने एक अनूठी पहल करते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में आने के इच्छुक लोगों के लिए वेबिनार शुरू किये हैं। इस विशिष्ट कार्यशाला में पत्रकारिता, खासकर हिंदी पत्रकारिता का ज्ञान रखने वाले लोगों को नौकरी के अलावा उद्यमी बनने के नए विकल्पों की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि पत्रकारिता का ज्ञान रखने वाले लोग सिर्फ नौकरी के ही मोहताज न रहें। मीडिया जगत इस समय गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है, इस दौर में आत्मनिर्भरता का यह प्रयास समय की आवश्यकता है।।
समाचार4मीडिया के पूर्व संपादक, प्रसिद्ध लेखक, स्तंभकार और मोटिवेशनल स्पीकर पी.के. खुराना इस ऑनलाइन शिविर का संचालन करेंगे, जो 30 और 31 जनवरी 2021 को दोनों दिन प्रात:10 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक चलेगा।
पी.के खुराना ने दैनिक भास्कर और पंजाब केसरी सहित कई मीडिया घरानों और प्रेस क्लबों के लिए पत्रकारिता कार्यशालाओं का सफल संचालन किया है। व्यावहारिक गतिविधियों से भरपूर उनकी कार्यशालाएं सदैव एक आनंददायक अनुभव होती हैं। अपने चुटीले अंदाज में वे प्रतिभागियों को सफलता की राह पर ले चलते हैं। यानी, वे सिर्फ पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल होना ही नहीं सिखाते, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि तनावरहित जीवन जीते हुए खुश कैसे रहा जाए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।जसविंदर सिंह पूर्व में विजक्राफ्ट (Wizcraft) और जागरण सॉल्यूशंस (Jagran Solutions) आदि संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने जसविंदर सिंह (Jaswinder Singh) को वाइस प्रेजिडेंट (स्पेशल प्रोजेक्ट्स और इवेंट्स) के पद पर नियुक्त किया है। अपनी नई भूमिका में वह रेवेन्यू आधारित तमाम पहलों का नेतृत्व करेंगे।
जसविंदर सिंह को इंडस्ट्री में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह विजक्राफ्ट (Wizcraft) और जागरण सॉल्यूशंस (Jagran Solutions) आदि संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। टीवी9 नेटवर्क’ को जॉइन करने से पहले वह ‘जी मीडिया’ (Zee Media) की इनोवेशन सैल (Innovation cel) का हिस्सा थे।
इस बारे में टीवी9 स्टूडियो के सीओओ (डिजिटल और ब्रॉडकास्टिंग) रक्तिम दास ने कहा, ‘हम नेटवर्क में जसविंदर सिंह की नियुक्ति का स्वागत करते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमें उनके अनुभवों का काफी लाभ मिलेगा और हम इंडस्ट्री में नए बेंचमार्क स्थापित करेंगे।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।यू-ट्यूब ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चैनल को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया, अब इस चैनल पर अब सात दिन तक कोई नया वीडियो अपलोड नहीं किया जा सकेगा।
यू-ट्यूब ने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चैनल को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है। अब इस चैनल पर अब सात दिन तक कोई नया वीडियो अपलोड नहीं किया जा सकेगा। साथ ही अपलोड किए गये उनके नए वीडियो को भी हटा दिया है।
'भड़काने वाले बयान बर्दाश्त नहीं' यू-ट्यूब ने अपने बयान में कहा है कि यू-ट्यूब हिंसा भड़काने या लोगों को उकसाने वाले कंटेट को लेकर संवेदनशील है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया वीडियो यू-ट्यूब की नीतियों का उल्लंघन करता है, लिहाजा राष्ट्रपति ट्रंप का नया वीडियो यू-ट्यूब से हटा दिया गया है। इसके साथ ही यू-ट्यूब ने राष्ट्रपति ट्रंप के चैनल पर स्ट्राइक भी किया है, जिसका मतलब ये है कि अब राष्ट्रपति ट्रंप अगले एक हफ्ते तक अपने यू-ट्यूब चैनल पर ना तो नया वीडियो अपलोड कर सकते हैं और ना ही लाइव स्ट्रीमिंग ही कर सकते हैं।
'ट्रंप के चैनल पर भड़काने वाले कंटेंट' यू-ट्यूब ने अपने बयान में कहा है कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चैनल पर जो वीडियो पोस्ट किया गया था उसकी सावधानीपूर्वक समीक्षा की गई है, जिसके बाद वीडियो के कंटेट में हमने हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को पाया है, जो हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है, लिहाजा ट्रंप के चैनल से नए वीडियो को हटाते हुए उनके चैनल को एक हफ्ते के लिए बैन कर दिया गया है।'
इससे पहले भी यू-ट्यूब ट्रंप के चैनल पर आने वाले कॉमेंट पर हिंसा भड़काने का हवाला देते हुए पाबंदी लगा चुका है। 6 जनवरी को कैपिटल हिल दंगे के बाद पूरी दुनिया में राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना हो रही है। हेट स्पीच, दंगा भड़काने और समर्थको को उकसाने के आरोप में ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को स्थायी तौर पर बंद कर दिया था। वहीं अमेरिकी सिविल राइट ग्रुप ने यू-ट्यूब से ट्रंप के चैनल को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि यदि गूगल यू-ट्यूब से डोनाल्ड ट्रंप के चैनल को नहीं हटाता है, तो फिर यू-ट्यूब पर आने वाले विज्ञापनों का बहिष्कार किया जाएगा।
मंगलवार को दिए गये इस बयान के बाद बुधवार को ही यू-ट्यूब ने ट्रंप के चैनल को एक हफ्ते के लिए बैन कर दिया है। ट्रंप पर 'सोशल' पाबंदियां यू-ट्यूब से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्विटर, फेसबुक और स्नैप इंक स्थायी तौर पर बैन कर चुका है। डोनाल्ड ट्रंप के यू-ट्यूब चैनल को 2.76 मीलियन लोगों ने सब्सक्राइब किया हुआ है। आरोप था कि अभी भी डोनाल्ड ट्रंप अपने यू-ट्यूब चैनल के जरिए लोगों को हिंसा के लिए भड़का रहे हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
पार्थो दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने मामले को 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है
टीआरपी (TRP) से छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पार्थो दासगुप्ता ने सोमवार को मुंबई की सेशंस कोर्ट से जमानत मांगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिवक्ता शार्दुल सिंह ने दासगुप्ता की जमानत के लिए कोर्ट के समक्ष तमाम तर्क दिए। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस के उन आरोपों का खंडन किया कि टीआरपी में हेरफेर के लिए दासगुप्ता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। शार्दुल सिंह ने तर्क दिया कि डाटा को हंसा रिसर्च कंपनी द्वारा एकत्रित व आपूर्ति किया गया और दासगुप्ता का इस पर बहुत कम नियंत्रण था।
शार्दुल सिंह का कहना था कि ऐसे कोई भी सबूत नहीं है कि दासगुप्ता की ओर से बेईमानी की गई। धोखाधड़ी अथवा भरोसे को तोड़े जाने के मामले में कोई शिकायतकर्ता होना चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं है।
शार्दुल सिंह ने तर्क दिया कि कथित टीआरपी घोटाले से प्रभावित लोग मीडिया संस्थान और विज्ञापनदाता हैं, जो शिकायतकर्ता के रूप में आगे नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ऐसा नहीं किया है, क्योंकि कोई भी विज्ञापनकर्ता धोखा नहीं दे रहा है।
शार्दुल सिंह का कहना था कि दासगुप्ता को जेल में रखे जाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि BARC के सीईओ के पद पर रहते हुए दासगुप्ता द्वारा इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स पुलिस द्वारा जब्त किए जा चुके हैं।
शार्दुल सिंह ने BARC इंडिया के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) रोमिल रामगढ़िया का उदाहरण भी दिया, जिन्हें इस मामले में जमानत पर छोड़ दिया गया था। इसके साथ ही शार्दुल सिंह ने जोर देकर कहा कि दासगुप्ता डायबिटीज के मरीज हैं।
तमाम तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए मामले को 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया और कहा कि इसके बाद कोई और स्थगन नहीं दिया जाएगा।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में 3600 पेज की यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।
टीआरपी (TRP) से छेड़छाड़ के मामले में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा (Crime Branch) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पार्थो दासगुप्ता, BARC इंडिया के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) रोमिल रामगढ़िया और ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के सीईओ विकास खनचंदानी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने सोमवार को मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट में 3600 पेज की यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में दासगुप्ता और रामगढ़िया फिलहाल जेल में हैं, जबकि खनचंदानी जमानत पर बाहर हैं।
बता दें कि मुंबई पुलिस ने 13 दिसंबर को विकास खनचंदानी को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में 16 दिसंबर को कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। वहीं, पार्थो दासगुप्ता को पुलिस ने 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि इससे पहले 17 दिसंबर को रोमिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला अक्टूबर में तब सामने आया था, जब ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) द्वारा देश में टीवी दर्शकों की संख्या मापने के लिए घरेलू पैनल के प्रबंधन का जिम्मा संभालने वाली एजेंसी ‘हंसा रिसर्च’ (Hansa Research) के अधिकारी नितिन देवकर ने एक शिकायत दर्ज की, जिसमें कहा गया था जिन घरों में बार-ओ-मीटर लगे हैं, उन घरों को भुगतान करके कुछ टीवी चैनल्स दर्शकों की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।इंडिया टुडे की एडिटर प्रीति चौधरी ने दावा किया है कि प्रदर्शनस्थल पर मौजूद ‘कुछ प्रदर्शनकारी’ महिला रिपोर्टर्स का यौन उत्पीड़न भी करने लगे हैं
कृषि कानून के मसले पर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन को लगभग 50 दिन के पूरे होने को हैं। लेकिन आंदोलन के दौरान कई बार पत्रकारों के साथ मारपीट या उन्हें रिपोर्टिंग करने से रोकने की खबरें भी सामने आईं। लेकिन इस बार जो खबर सामने आई वो हैरान करने वाली है। दरअसल इंडिया टुडे की एडिटर प्रीति चौधरी ने दावा किया है कि प्रदर्शनस्थल पर मौजूद ‘कुछ प्रदर्शनकारी’ महिला रिपोर्टर्स का यौन उत्पीड़न भी करने लगे हैं, वहीं वहां मौजूद अन्य लोग ये सब होने दे रहे हैं।
प्रीति चौधरी ने दावा किया कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए उनकी खुद की टीम के पास कई ऐसे वाक्ये हैं, जब रिपोर्टर को यौन उत्पीड़न झेलना पड़ा।
Our farmers have already etched themselves in world history..but they would be doing themselves the biggest disfavour by letting a sizeable chunk of depraves to sexually harass reporters..our own team has enough incidents to report ..those in solidarity need to call this out too!
— Preeti Choudhry (@PreetiChoudhry) January 8, 2021
उनके इस दावे के बाद भारत किसान यूनियन के सदस्य भूपेंद्र चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और यौन उत्पीड़न को जस्टिफाई करने के लिए उन रिपोर्टर्स को खबरों का भूखा कहा है, जो ‘बलपूर्वक’ खबरों को लेने का प्रयास करते हैं। उनका कहना है कि ऐसे रिपोर्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
हालांकि उनका ये तर्क किसी के लिए भी समझ से परे है कि किसी रिपोर्टर के साथ हुए यौन उत्पीड़न को महज इस तर्क से कैसे सही ठहराया जा सकता है कि उसने ‘बल’ का इस्तेमाल किया। फिर भले ही रिपोर्टर ने किसी की बाइट लेने के लिए एक सीमा को भी पार क्यों न किया हो। प्रीति चौधरी उनके इस तर्क पर जवाब देती हैं, ‘यदि बाइट देना नहीं चाहते, तो मत दो, लेकिन कम से कम उसके पीछे चुटकी तो मत काटो।’
Don’t want to give a ‘bite’ don’t give it .. but refrain from pinching her bottom..Amazing that we choose to hide behind whataboutery.. https://t.co/kVFkQkzRgH
— Preeti Choudhry (@PreetiChoudhry) January 8, 2021
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
जी मीडिया ग्रुप के इंटरनेशनल न्यूज चैनल वियॉन (WION) के पॉलिटिकल एडिटर कार्तिकेय शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
जी मीडिया ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल 'विऑन' (WION) के पॉलिटिकल एडिटर कार्तिकेय शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे अब न्यूज एजेंसी आईएएनएस (IANS) के साथ जुड़ गए हैं। आईएएनएस ने उन्हें अपना मैनैजिंग एडिटर बनाया है।
शर्मा विऑन के साथ पिछले चार सालों से भी अधिक समय से जुड़े हुए थे। विऑन से पहले उन्होंने NewsX में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर और इंडिया टुडे ग्रुप में पॉलिटिकल एडिटर काम किया है। इसके अलावा वे एनडीटीवी, द वीक और द एशियन एज के साथ भी काम कर चुके हैं।
मीडिया के क्षेत्र में शर्मा को दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से सोशियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।