भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने शुक्रवार को 'दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत प्रसारण सेवाओं में प्रावधानों के लिए सेवा प्राधिकरण ढांचे' पर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।
वर्तमान में विभिन्न प्रसारण सेवाओं के लिए लाइसेंस/अनुमति/पंजीकरण भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 4 के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा जारी किए जाते हैं। इनमें टेलीविजन चैनल अपलिंकिंग/डाउनलिंकिंग (टेलीपोर्ट सहित), SNG/DSNG, DTH, HITS, IPTV, FM रेडियो और सामुदायिक रेडियो स्टेशन (CRS) शामिल हैं।
सरकार ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 को अधिसूचित किया है, जो भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 को निरस्त करता है। हालांकि, इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(a) के तहत टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं प्रदान करने के इच्छुक व्यक्तियों को प्राधिकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा, जो निर्धारित शर्तों, शुल्क और अन्य नियमों के अधीन होगा।
MIB ने 25 जुलाई 2024 को TRAI से दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अनुरूप प्रसारण सेवाओं के प्राधिकरण के लिए नियम और शुल्क पर अपनी सिफारिशें देने का अनुरोध किया था। इसके बाद अक्टूबर 2024 में, TRAI ने 'दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत प्रसारण सेवाओं के लिए सेवा प्राधिकरण ढांचे' पर एक परामर्श पत्र जारी किया और हितधारकों की टिप्पणियां आमंत्रित कीं। प्राप्त टिप्पणियों को TRAI की वेबसाइट पर अपलोड किया गया और इस प्रक्रिया के तहत 18 दिसंबर 2024 को एक ओपन हाउस चर्चा (OHD) आयोजित की गई।
प्राप्त टिप्पणियों और चर्चा के आधार पर, TRAI ने मौजूदा प्रसारण नीति दिशानिर्देशों का विश्लेषण किया और सरकार के विचाराधीन पहले की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सेवा प्राधिकरणों के नियमों को सरल बनाया। ये सिफारिशें प्रसारण उद्योग के विकास को बढ़ावा देने और व्यापार सुगमता को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं।
सेवा प्राधिकरण का नया ढांचा
TRAI ने प्रसारण सेवाओं के लिए दो अलग-अलग सेट की शर्तों और नियमों की सिफारिश की है:
- पहला सेट - उन संस्थाओं के लिए जो प्रसारण सेवा प्राधिकरण प्राप्त करना चाहती हैं।
- दूसरा सेट - उन संस्थाओं के लिए जो प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद सेवाएं प्रदान करेंगी।
ये नियम 'द प्रसारण (ग्रांट ऑफ सर्विस ऑथराइजेशन) रूल्स' और 'द प्रसारण (टेलीविजन चैनल प्रसारण, टेलीविजन चैनल डिस्ट्रीब्यूशन और रेडियो प्रसारण) सर्विसेज रूल्स' में लागू किए जाएंगे।
प्रसारण सेवा के लिए अनुशंसित प्राधिकरण
TRAI ने टेलीविजन चैनल प्रसारण (सैटेलाइट/ग्राउंड आधारित), न्यूज एजेंसी, टेलीपोर्ट, लाइव इवेंट/न्यूज की अपलिंकिंग, DTH, HITS, टेरेस्ट्रियल रेडियो, सामुदायिक रेडियो और लो-पावर स्मॉल रेंज रेडियो सेवा के लिए प्राधिकरण की सिफारिश की है।
मुख्य सिफारिशें
- प्रसारण सेवा प्राधिकरण दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 3(1)(a) के तहत प्रदान किया जाएगा, जिससे भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 4 के तहत लाइसेंस जारी करने की वर्तमान प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
- सेवा प्राधिकरण के नियम दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 56 के तहत अधिसूचित किए जाएंगे।
- सेवा प्राधिकरण एक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में जारी किया जाएगा, जिसमें आवश्यक विवरण शामिल होंगे।
- समान सेवाओं के लिए सेवा शर्तों का सामंजस्य स्थापित किया गया है, जिसमें पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और अन्य आवश्यक जानकारियां शामिल हैं।
- मौजूदा लाइसेंसधारकों के लिए नई व्यवस्था में स्थानांतरण स्वैच्छिक होगा और उनके लाइसेंस की समाप्ति तक मान्य रहेगा। प्रसारण सेवाओं के लिए स्थानांतरण के दौरान कोई प्रोसेसिंग शुल्क या एंट्री फीस नहीं लगेगी।
- 'ग्राउंड-आधारित टेलीविजन चैनल प्रसारण' और 'लो-पावर स्मॉल रेंज रेडियो सेवा' को नए प्राधिकरणों में जोड़ा गया है।
- प्रसारण सेवा प्रदाताओं और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ बुनियादी ढांचे की साझेदारी की अनुमति दी गई है।
- टीवी चैनल डिस्ट्रीब्यूशन सेवाओं के लिए इंटरऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्स (STB) अपनाने की सिफारिश, जिससे उपभोक्ताओं की पसंद बढ़ेगी और ई-कचरा कम होगा।
- इंटरऑपरेबल STB और टेलीविजन सेटों के लिए मानक निर्धारित करने के लिए टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) को जिम्मेदारी दी गई है।
- IPTV सेवा प्रदान करने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के लिए न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की निवल संपत्ति (Net Worth) की शर्त हटाने की सिफारिश।
- रेडियो प्रसारण सेवाओं को तकनीक-अज्ञेयवादी (Technology Agnostic) बनाने और डिजिटल तकनीक को अपनाने की अनुमति दी गई है।
- टेरेस्ट्रियल रेडियो सेवा का प्राधिकरण स्पेक्ट्रम नीलामी से अलग किया जाएगा और इसके लिए अलग से स्पेक्ट्रम नीलामी की जाएगी।
- टेरेस्ट्रियल रेडियो सेवा प्रदाताओं को रेडियो चैनलों के प्रसारण के साथ-साथ इंटरनेट पर भी समान कंटेंट स्ट्रीम करने की अनुमति होगी, लेकिन बिना उपयोगकर्ता नियंत्रण के।
- MIB को रेडियो प्रसारण सेवा प्रदाताओं के लिए अलग प्रोग्राम कोड और विज्ञापन कोड निर्धारित करने की सिफारिश की गई है।
- प्रसारण सेवाओं के लिए वित्तीय आवश्यकताओं का सामंजस्य स्थापित किया गया है, विशेष रूप से टेलीविजन चैनल डिस्ट्रीब्यूशन सेवाओं के शुल्क और शर्तों को दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अनुरूप बनाया गया है।
- आपातकालीन और आपदा स्थितियों के लिए विशेष प्रावधानों की सिफारिश, जिससे ऐसी परिस्थितियों में सेवाओं का निर्बाध संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
- TRAI की सिफारिशों के बिना सेवा शर्तों में संशोधन नहीं किया जा सकेगा, जब तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला न हो।
TRAI की वेबसाइट पर सिफारिशें उपलब्ध
TRAI ने अपनी सभी सिफारिशें अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी हैं।
इससे पहले, 30 अक्टूबर 2024 को TRAI ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत टेलीविजन, रेडियो और केबल सेवाओं को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखने वाला एक परामर्श पत्र जारी किया था। इस प्रस्ताव से भारत के मीडिया नियामक ढांचे में बड़ा बदलाव हो सकता है।
परामर्श पत्र में यह उल्लेख किया गया कि DTH, HITS, IPTV और FM रेडियो जैसी सेवाएं वर्तमान में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 4 के तहत लाइसेंस के माध्यम से संचालित होती हैं। लेकिन दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत, इन सेवाओं के प्राधिकरण को धारा 3(1)(a) के तहत स्थानांतरित करना आवश्यक होगा।
TRAI ने स्पष्ट किया कि नए अधिनियम के तहत प्रसारण सेवाओं की नीतियों को पुनर्गठित किया जाना आवश्यक है, ताकि सेवा प्राधिकरण की शर्तों को नए कानून के अनुरूप बनाया जा सके।