1 फरवरी को प्रस्तावित बजट का शीतकालीन सत्र एक बार फिर प्रिंट इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गया है, जहां हितधारक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।
1 फरवरी को प्रस्तावित बजट का शीतकालीन सत्र एक बार फिर प्रिंट इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गया है, जहां हितधारक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। इंडस्ट्री जगत के लीडर्स वित्तीय राहत की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें न्यूजप्रिंट की कीमतों में कमी, कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) द्वारा विज्ञापन दरों में सुधार और इस क्षेत्र को बनाए रखने व बढ़ाने के लिए अन्य सरकारी सहायता शामिल है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत की प्रिंट इंडस्ट्री कई चुनौतियों का सामना कर रही है, खासकर न्यूजप्रिंट की बढ़ती लागत के कारण, जो कुल उत्पादन खर्च का लगभग 50-60 प्रतिशत हिस्सा होती है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाल के तिमाहियों में न्यूजप्रिंट की कीमतों में 7-8% की वृद्धि हुई है, जिससे यह 600 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन से अधिक हो गई है। कोरोना महामारी के प्रभाव से पहले यह कीमत लगभग 400 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन थी।
2020-21 के केंद्रीय बजट में आयातित न्यूजप्रिंट पर 5% कस्टम ड्यूटी लगाने से कई प्रकाशनों की वित्तीय स्थिति और अधिक प्रभावित हुई, जिससे कुछ छोटे प्रकाशनों को बंद करना पड़ा और उनके प्रिंट संस्करणों की संख्या घट गई।
इसके अलावा, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के लिए स्पेस बेचने पर 5% जीएसटी लगाया जाता है। वहीं, यदि कोई ऐडवर्टाइजमेंट एजेंसी अखबार की ओर से एजेंट के रूप में विज्ञापन के लिए स्पेस बेचती है और इसके बदले कमीशन लेती है, तो उस कमीशन पर 18% जीएसटी देना होता है।
इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के पूर्व प्रेजिडेंट राकेश शर्मा ने बताया कि देश में 14 लाख मीट्रिक टन न्यूजप्रिंट की जरूरत है, लेकिन भारत में सिर्फ 7 लाख मीट्रिक टन ही उत्पादन होता है। इसलिए, न्यूजप्रिंट को विदेशों से खरीदना पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा, "सरकार को इस इंडस्ट्री के प्रति संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए, क्योंकि यह पहले से ही कई समस्याओं से जूझ रहा है। विज्ञापन कम हो रहे हैं और अन्य उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है।"
इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में भी उल्लेख किया गया कि विभिन्न अनुरोधों में लगातार यह बताया गया है कि देशी न्यूज़प्रिंट निर्माता ग्लेज़्ड न्यूजप्रिंट और 40/42 GSM न्यूजप्रिंट का उत्पादन नहीं करते हैं। साथ ही, भारत में न्यूजप्रिंट की कुल खपत में लगभग 7 लाख टन की कमी बनी हुई है। इसलिए, न्यूजप्रिंट पर कस्टम ड्यूटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है।
मैडिसन मीडिया के वाइस प्रेजिडेंट मनोज सिंह ने जोर देकर कहा कि कच्चे माल पर लगने वाले शुल्कों को लेकर सरकार की नीति सीधे तौर पर उद्योग की लागत संरचना को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा, "पल्प और रिसाइकल किए गए कागज जैसे कच्चे माल पर आयात शुल्क में बदलाव उत्पादन लागत को प्रभावित कर सकता है। यदि शुल्क कम किया जाता है, तो इससे घरेलू निर्माताओं को लागत घटाने में मदद मिल सकती है।"
स्टैटिस्टा (Statista) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में पल्प, कागज और पेपरबोर्ड के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) लगभग 147.6 था, जो कि 2012 के आधार वर्ष की तुलना में 42% से अधिक बढ़ गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और आयातित कच्चे माल पर निर्भरता कम करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन या सब्सिडी शुरू कर सकती है, जिससे उद्योग में कीमतों की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
इस बीच, मलयाला मनोरमा के मार्केटिंग व ऐडवर्टाइजिंग सेल्स के वाइस प्रेजिडेंट वर्गीस चांडी ने उन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को रेखांकित किया, जिन पर प्रिंट मीडिया क्षेत्र को समर्थन देने के लिए आगामी बजट में ध्यान दिया जाना चाहिए।
चांडी ने कहा, 'वर्तमान प्रिंट मीडिया की स्थिति को देखते हुए, यह जरूरी है कि सरकार समाचार पत्रों के कागज पर लगने वाला आयात शुल्क हटा दे, क्योंकि यह प्रकाशकों के लिए आर्थिक बोझ को काफी बढ़ा देता है। इसके अलावा, प्रिंट विज्ञापनों पर पूरी तरह से जीएसटी छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उन मीडिया हाउस को राहत प्रदान करेगा, जो घटती आय से जूझ रहे हैं।'
उनके अनुसार, एक और महत्वपूर्ण कदम यह होगा कि प्रकाशनों के लिए केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के विज्ञापन दरों में वृद्धि की जाए। कई समाचार पत्रों के लिए सरकारी विज्ञापन उनकी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, और इन दरों में संशोधन जरूरी है ताकि डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के दौर में उनकी स्थिरता बनी रहे।
चांडी ने डिजिटल माध्यमों के बढ़ते प्रभाव के कारण छात्रों में पढ़ने की आदतों में गिरावट को लेकर भी चिंता व्यक्त की और सरकार से ऐसे कदम उठाने का आग्रह किया, जिससे पठन-संस्कृति को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, "सरकार को छात्रों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने चाहिए, क्योंकि प्रिंट मीडिया से कम जुड़ाव साक्षरता और समझने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है।"
वहीं, राकेश शर्मा ने यह भी कहा, "हमने सरकार से अनुरोध किया है कि जब अखबार की बिक्री पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है, तो ई-सब्सक्रिप्शन पर इसे क्यों लागू किया गया है? तकनीकी रूप से, यदि समाचार पत्र की बिक्री जीएसटी से मुक्त है, तो ई-समाचार पत्र पर भी जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए।"
आगे की राह (Way forward)
पिछले वर्षों में, इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (INS) जैसी इंडस्ट्री से जुड़ी संस्थाओं ने लगातार वित्तीय राहत उपायों की मांग की है। 2023 में, INS ने सरकार से समाचार पत्रों के कागज पर लगने वाला आयात शुल्क हटाने का अनुरोध किया, यह तर्क देते हुए कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 45-50% समाचार पत्र कागज आयात करता है क्योंकि घरेलू उत्पादन पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के विज्ञापन दरों में पिछले एक दशक से कोई वृद्धि नहीं हुई है, जिससे उन प्रकाशकों की आय पर और अधिक दबाव पड़ा है जो सरकारी विज्ञापनों पर निर्भर हैं।
जैसे-जैसे इंडस्ट्री बजट 2025 का इंतजार कर रहा है, हितधारकों को उम्मीद है कि सरकार वित्तीय दबाव को कम करने के लिए उपाय पेश करेगी, ताकि प्रिंट मीडिया जनता को सूचित और शिक्षित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहे। इन मांगों को पूरा किया जाएगा या नहीं, यह देखना बाकी है, लेकिन एक अनुकूल बजट उस उद्योग को अत्यधिक आवश्यक राहत प्रदान कर सकता है, जो बढ़ती लागत और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं से जूझ रहा है।
एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इ
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है। इसके बाद किसी की भी एंट्री मान्य नहीं होगी।
बता दें कि यह इस कार्यक्रम का चौथा एडिशन है। पिछले तीन एडिशंस की तरह इस बार भी इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा, जिसकी तारीफ जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे।
पिछले तीनों संस्करणों की तरह ‘हिन्दुस्तान’ के एडिटर-इन-चीफ शशि शेखर इस बार भी इस कार्यक्रम में जूरी चेयर होंगे। जूरी में ‘बिजनेसवर्ल्ड ग्रुप’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप’ में चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा; ‘बीएजी नेटवर्क’ की सीएमडी और ‘न्यूज24’ की एडिटर-इन-चीफ श्रीमती अनुराधा प्रसाद; ‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी; ‘आजतक’, ‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘अमर उजाला’ (डिजिटल) में संपादक जयदीप कर्णिक; ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश; ‘एबीपी नेटवर्क’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड ऑपरेशंस) रजनीश आहूजा; बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) में कॉरपोरेट अफेयर्स हेड राहुल महाजन; ‘जी न्यूज’ में मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा; ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के पूर्व प्रेजिडेंट राकेश शर्मा शामिल हैं।
इनके अलावा जूरी में वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत; वरिष्ठ पत्रकार संत प्रसाद राय; ‘Loud India TV’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संतोष भारतीय; वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह; ‘नेटवर्क18 समूह’ में सलाहकार संपादक शमशेर सिंह; वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी; वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी; वरिष्ठ पत्रकार वाशिंद्र मिश्र; ‘अमर उजाला’ में सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री; और ‘दैनिक जागरण’ में कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी भी शामिल हैं।
इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।
तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 27 नवंबर को आदेश जारी किया था।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में 10 पत्रकारों को प्रतीकात्मक रूप से पेंशन आदेश पत्र भी सौंपे। बाकी पत्रकारों को भी जल्द ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
सरकार ने कहा कि पत्रकार जनता और सरकार के बीच पुल की तरह काम करते हैं—चाहे बारिश हो, बाढ़ हो, तूफान हो या कोई बड़ा हादसा। मुश्किल समय में भी वे दिन-रात बिना रुके काम करते हैं ताकि लोग सच्ची खबरें पा सकें। इसी योगदान को देखते हुए पत्रकारों के लिए कई कल्याण योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
पत्रकारों के लिए सरकार की अन्य महत्वपूर्ण पहलें:
2023 में पत्रकार पेंशन को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया।
पत्रकारों के परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपये किया गया।
2021 के बाद से अब तक 125 पत्रकारों को मासिक पेंशन दी गई है।
27 पत्रकारों के परिवारों को फैमिली पेंशन दी गई है।
59 पत्रकार परिवारों को सरकार ने 2.09 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है।
पत्रकारों को चिकित्सा सहायता भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।
काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मिलने वाली मदद को लगभग दो गुना बढ़ाया गया है (राशि 1.25 लाख से 10 लाख तक बढ़ी)।
सरकार ने बताया कि पत्रकार कल्याण बोर्ड 2021 में बनाया गया था और अब तक 3,674 पत्रकार इसके सदस्य बन चुके हैं। इसमें शिक्षा, शादी, मातृत्व, इलाज और अंतिम संस्कार तक की मदद दी जा रही है।
कार्यक्रम में सूचना और जनसंपर्क मंत्री एम.पी. सामीनाथन, मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार।
भारतीय मीडिया के इतिहास में 2025 को उस वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब न्यूज़रूम ने पारंपरिक ब्रॉडकास्ट दौर से निकलकर एल्गोरिदम आधारित युग में निर्णायक प्रवेश किया। वर्षों से जिस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को भविष्य की तकनीक कहा जा रहा था, वह अब वर्तमान की सच्चाई बन चुकी है। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन न्यूज़रूम अब एआई की शक्ति और प्रभाव को स्वीकार कर रहे हैं।
तकनीक का उपयोग प्रगति का संकेत है, लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि तकनीक पत्रकारिता की आत्मा सत्य, संवेदनशीलता और नैतिकता पर भारी न पड़ जाए। आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।
सच और झूठ के बीच की रेखा पहले से कहीं ज़्यादा धुँधली हो चुकी है। ऐसे दौर में मीडिया की भूमिका केवल सूचना देने की नहीं, बल्कि सच और भ्रम के बीच फर्क करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी की बन जाती है। समाज आज भी उसी उम्मीद से मीडिया की ओर देखता है कि वह 'दूध और पानी' को अलग करके रखे।यही वजह है कि 2026 की सबसे बड़ी चुनौती खबर जुटाना नहीं, बल्कि खबर पर जनता का भरोसा बनाए रखना होगी।
आज खबरें हर तरफ हैं, लेकिन भरोसा दुर्लभ होता जा रहा है। दर्शक, पाठक और श्रोता अब हर सूचना पर सवाल उठा रहे हैं और यह सवाल उठाना गलत भी नहीं है। भरोसे की यह कमी मीडिया संस्थानों के लिए सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रही है। इस भरोसे की एक बड़ी कसौटी रफ़्तार और सच के बीच संतुलन होगा। सबसे पहले ख़बर देने की होड़ में अगर सच पीछे छूट जाए, तो जीत भी हार में बदल जाती है।
हाल के समय में हमने देखा कि कैसे जल्दबाज़ी में अभिनेता धर्मेन्द्र के निधन की झूठी खबर वायरल हो गई। डिजिटल और टीवी मीडिया के कई बड़े मंच इस गलती का हिस्सा बने। कुछ ही मिनटों में खंडन आ गया, लेकिन उन कुछ मिनटों ने मीडिया की साख को गहरी चोट पहुँचा दी। 2026 में चुनौती यह होगी कि खबर सबसे पहले देने की नहीं, बल्कि सही देने की हो।
रफ्तार और सत्य दोनों को साथ लेकर चलने की परीक्षा होगी। अगर मीडिया इस दौड़ में संयम खो बैठा, तो पहले से उठ रहे सवाल और भी तीखे हो जाएंगे। इसी के साथ एक और गहरी चुनौती एल्गोरिदम से जुड़ी है। एल्गोरिदम ने समाज को ईको चैंबर में कैद कर दिया है। हर व्यक्ति वही देख रहा है, वही सुन रहा है, जो उसकी पसंद, उसकी सोच और उसके पूर्वग्रहों के अनुकूल है। उसे वह नहीं दिख रहा, जो जानना उसके लिए ज़रूरी है। विचारों की विविधता सिमट रही है, संवाद की जगह टकराव बढ़ रहा है।
ऐसे माहौल में ज़िम्मेदार मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह इस ईको चैंबर को कैसे तोड़े और सच को उस व्यक्ति तक कैसे पहुँचाए, जो सच सुनना नहीं, केवल वही सुनना चाहता है जो उसे अच्छा लगता है। 2026 में मीडिया की सबसे बड़ी पूँजी रफ्तार नहीं, भरोसा होगा। वही मीडिया टिकेगा, जिसे लोग संकट के समय याद करेंगे, जिसके शब्दों पर लोग विश्वास करेंगे, और जिसकी खबरों को लोग साझा करने से पहले संदेह की नज़र से नहीं देखेंगे।
हम ब्रॉडकास्ट से अब नैरोकास्ट के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। पहले एक ही सिग्नल करोड़ों लोगों तक जाता था। अब एल्गोरिदम हर व्यक्ति के लिए अलग सिग्नल बना रहा है। अब चुनौती यह नहीं कि आवाज़ कितनी दूर जाए, बल्कि यह है कि जो आवाज़ जाए, वह कितनी सच्ची, कितनी निष्पक्ष और कितनी विश्वसनीय हो।2026 दरअसल भारतीय मीडिया के लिए तकनीक की नहीं, चरित्र की परीक्षा का साल होगा। भरोसा ही वह धुरी बनेगा, जिस पर मीडिया का भविष्य टिका रहेगा।
( यह लेखक के निजी विचार हैं )
दिल्ली के ताज पैलेस में शुरू हुए ‘एजेंडा आजतक’ के मंच से इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इंटरव्यू से जुड़े अनुभव साझा किए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजधानी दिल्ली के ताज पैलेस होटल में शुरू हुए देश के सबसे बड़े न्यूज समिट ‘एजेंडा आजतक’ का उद्घाटन इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और कार्यकारी संपादक कली पुरी ने किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुए ऐतिहासिक इंटरव्यू की पूरी कहानी साझा की।
उन्होंने कहा कि यह इंटरव्यू सिर्फ एक चैनल की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए सम्मान की बात है। कली पुरी ने बताया कि रूस की टीम ने कई महीनों तक तमाम वैश्विक मीडिया संस्थानों का डेटा, भरोसा, प्रभाव और दर्शक वर्ग का अध्ययन किया। इन सब मानकों पर आजतक खरा उतरने के बाद ही रूस ने भारतीय चैनल को यह मौका दिया।
उन्होंने कहा कि भारत की एक छोटी टीम ने क्रेमलिन में इंटरव्यू के दौरान सेट, रोशनी और प्रस्तुति को लेकर बहुत बारीक सुझाव दिए, जिसे देखकर रूसी अधिकारी भी हैरान रह गए। इंटरव्यू के दौरान अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन के सवालों की तैयारी और तालमेल ने रूसी टीम को बेहद प्रभावित किया। यही कारण रहा कि तय समय से ज्यादा देर तक राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत की और यह इंटरव्यू और भी खास बन गया।
कली पुरी ने बताया कि इस संवाद के बाद दुनिया के कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इस इंटरव्यू को प्रमुखता से जगह दी। इससे यह साबित हुआ कि भारतीय पत्रकारिता अब सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है।
उन्होंने कहा कि आजतक ने उन विषयों पर भी सवाल पूछे, जिन पर बाकी विदेशी मीडिया खामोश था। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में दर्शकों का आभार जताते हुए कहा कि दर्शकों का भरोसा ही आजतक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है और यही विश्वास आगे भी बड़ी उपलब्धियों की ताकत बनेगा।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारतीय पत्रकारिता के प्रमुख संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के कार्यकाल के लिए अपनी एग्जिक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की घोषणा कर दी है। इस कमिटी में 23 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों को शामिल किया गया है, जो मीडिया इंडस्ट्री की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। गिल्ड के कार्यालय सहयोगियों ने इसकी आधिकारिक सूचना जारी की है।
कमिटी में वरिष्ठ पत्रकार अयाज़ मेमन, आलोक मेहता (पूर्व मुख्य संपादक, आउटलुक हिंदी), आशुतोष (सत्य हिंदी के सह-संस्थापक और संपादक), जयंत मामेन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा के कार्यकारी संपादक), कुमकुम चड्ढा (हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार), कविता देवी (खबर लहरिया की मुख्य संपादक), केएन हरि कुमार (पूर्व मुख्य संपादक, डेक्कन हेराल्ड और प्रजा वाणी), माधव नलपत (आईटीवी नेटवर्क के संपादकीय निदेशक), ओम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रकाश दुबे (दैनिक भास्कर के ग्रुप संपादक), रश्मि कोटी (अंडोलन की प्रबंध संपादक) राघव बहल (द क्विंट के मुख्य संपादक), राज चेंगप्पा (टीवी टुडे नेटवर्क के परामर्शी संपादक), राजदीप सरदेसाई (इंडिया टुडे के परामर्शी संपादक), रवि एन (द हिंदू के पूर्व मुख्य संपादक), सुगता श्रीनिवासराजू (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और कॉलमिस्ट), शेखर गुप्ता (दप्रिंट के मुख्य संपादक और चेयरमैन), सीमा मुस्तफा (द सिटिजन की मुख्य संपादक), अनंत नाथ (द कारवां के संपादक), टीएन नीनन (बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन), विजय नायक (सकल मीडिया ग्रुप के दिल्ली परामर्शी संपादक), भारत भूषण (वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट) तथा श्रेणिक राव (मद्रास कूरियर के मुख्य संपादक) शामिल हैं।
इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में जॉन डेयल (इंडियन करेंट्स के परामर्शी संपादक) और हरिश खरे (द ट्रिब्यून के पूर्व मुख्य संपादक) को शामिल किया गया है। गिल्ड के अध्यक्ष संजय कपूर, महासचिव राघवन श्रीनिवासन और कोषाध्यक्ष टेरेसा रहमान ने संयुक्त रूप से इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, 'यह कमिटी भारतीय पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और विविधता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।'
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।
सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 15 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई है।
अपूर्व चंद्रा के पास 32 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह भारत सरकार के कई बड़े मंत्रालयों में काम कर चुके हैं, जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय शामिल हैं।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुभव कथूरिया ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अपूर्व चंद्रा के जुड़ने से कंपनी के फैसले और गवर्नेंस और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी नीतिगत समझ और प्रशासनिक अनुभव कंपनी के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।
इससे पहले कंपनी ने नीलकमल दरबारी और अरुंधति कर को भी स्वतंत्र निदेशक के तौर पर अपने बोर्ड में शामिल किया था।
शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है, जिसे कंपनी को 8 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुआ। यह आदेश कंपनी द्वारा फरवरी 2025 में दायर अपील के जवाब में जारी किया गया है।
कंपनी का कहना है कि आदेश में लगाई गई कर मांग और जुर्माना (Input Tax Credit सहित) कानूनन सही नहीं है। कंपनी इस आदेश को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी और आवश्यक समयसीमा में आगे की कार्यवाही करेगी।
आदेश में कंपनी पर कुल 70.26 करोड़ रुपये के ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की रिकवरी, लागू ब्याज और जुर्माने का दावा किया गया है। इसके अलावा, CGST और IGST एक्ट के तहत 63.35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना और कंपनी के Joint Managing Director, CEO और CFO पर 133.61 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कंपनी ने कहा कि उनके आकलन के अनुसार यह मांग कानूनी रूप से सही नहीं है, और कंपनी इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायिक फोरम में अगली अपील दायर करने की प्रक्रिया में है।
बता दें कि इससे पहले शेमारू एंटरटेनमेंट को हाल ही में मुंबई के डिप्टी कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स कार्यालय से नोटिस मिला। यह नोटिस CGST/MGST एक्ट 2017, IGST एक्ट 2017 और Goods and Services Tax (Compensation to States) Act, 2017 के तहत GST ऑडिट (अप्रैल 2021 – मार्च 2022) के दौरान जारी किया गया। नोटिस की राशि लगभग ₹30.61 लाख बताई गई।
इस नोटिस के खिलाफ भी कंपनी अपील दायर करने की प्रक्रिया में है और उनका मानना है कि यह मांग सही नहीं है।
शेमारू एंटरटेनमेंट देश की एक प्रमुख कंटेंट क्रिएटर, एग्रीगेटर और डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी है, जो मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करती है। कंपनी की शुरुआत 1962 में बुद्धिचंद मारू ने शेमारू नाम से एक बुक-सर्कुलेटिंग लाइब्रेरी के रूप में की थी। इसके बाद 1979 में शेमारू ने भारत का पहला वीडियो रेंटल बिजनेस भी शुरू किया।
आज कंपनी किताबों से लेकर फिल्मों, वीडियो और डिजिटल कंटेंट तक की एक लंबी और विकसित यात्रा तय कर चुकी है और भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद नाम बन चुकी है।
कल्चर-ड्राइवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
कल्चर-ड्रिवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है। कंपनी का मकसद है कि ब्रैंड्स को इस बदलती मीडिया की दुनिया में सही मायने में पहचान और असर दिलाया जा सके।
इस एजेंसी की स्थापना कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजिस्ट नंदिनी महांत ने की है। Sorta Famous का फोकस पारंपरिक पीआर और आज के कल्चर-आधारित कम्युनिकेशन के बीच की खाई को पाटने पर है। एजेंसी ब्रैंड कम्युनिकेशन, मीडिया रिलेशंस, डिजिटल पीआर, थॉट लीडरशिप, क्रिएटर पार्टनरशिप, रेप्युटेशन मैनेजमेंट और नए व पुराने ब्रैंड्स के लिए लॉन्च स्ट्रेटजी जैसी कई सेवाएं देगी।
नंदिनी महांत ने कहा, “भारत में कम्युनिकेशन का तरीका बहुत तेजी से बदल रहा है। आज ब्रैंड्स को सिर्फ पुराने पीआर की नहीं, बल्कि कल्चरल इंटेलिजेंस की भी जरूरत है। Sorta Famous की कोशिश है कि ब्रैंड्स लोगों तक ऐसे तरीके से पहुंचे जो असली लगे, समझ में आए और लोगों को जोड़कर रखे। हम सिर्फ हेडलाइंस के पीछे नहीं भागते, हम ऐसे नैरेटिव बनाते हैं जिनसे लोग सच में कनेक्ट करें।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा तरीका तीन बातों पर चलता है- स्पष्टता, क्रिएटिविटी और भरोसा। चाहे ब्रैंड आइडेंटिटी बनानी हो, किसी की आवाज को जोर से पहुंचाना हो या मजबूत पहचान बनानी हो, हमारा फोकस लंबे समय तक असर छोड़ने पर है, न कि सिर्फ थोड़े समय के शोर पर।”
भारत में लॉन्च के साथ, Sorta Famous हाई-ग्रोथ स्टार्टअप्स, कंज्यूमर ब्रैंड्स, क्रिएटर्स और लीडर्स के साथ मिलकर काम करना चाहती है, जो सही स्टोरीटेलिंग के जरिए अपनी ब्रैंड वैल्यू बढ़ाना चाहते हैं।
एजेंसी फिलहाल पूरे भारत में रिमोट तरीके से काम करेगी और आने वाले समय में बड़े मेट्रो शहरों में अपनी टीमों को जमीन पर उतारने की योजना है।
BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण लीडरशिप रोल में वे कंपनी की पूरी कंटेंट विजन और इवेंट स्ट्रैटेजी को दिशा देंगे। वे न्यूज24 (News24) और E24 समेत संगठन के सभी न्यूज और एंटरटेनमेंट ब्रैंड्स और डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म्स पर काम करेंगे।
तनवीर ने 2006 में अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्हें पत्रकारिता, डिजिटल कंटेंट लीडरशिप और ब्रैंड डेवलपमेंट में 20 साल का अनुभव है। वे Zee Media, India.com, DNA और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। इन संस्थानों में उन्होंने डिजिटल ग्रोथ, कंटेंट इनोवेशन और ऑडियंस एंगेजमेंट बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी एडिटोरियल विशेषज्ञता इंफोटेनमेंट, लाइफस्टाइल, टेक, एंटरटेनमेंट और फीचर स्टोरीटेलिंग तक फैली हुई है, जिसमें SEO, डेटा-ड्रिवन स्ट्रैटेजी और यूजर-सेंट्रिक कंटेंट पर खास ध्यान शामिल है।
Zee Media और India.com में तनवीर ने इंफोटेनमेंट और एंटरटेनमेंट वर्टिकल्स को मजबूत बनाया और ऐसी टीमों का नेतृत्व किया, जिनके कंटेंट ने लगातार उच्च ट्रैफिक और बेहतर इम्पैक्ट हासिल किया। DNA में उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी- दोनों प्लेटफॉर्म्स को संभाला और तेज-तर्रार डिजिटल न्यूज माहौल के हिसाब से कंटेंट डेप्थ और स्पीड का संतुलन बनाए रखा। माइक्रोसॉफ्ट में उनके अनुभव ने उन्हें कंटेंट थिंकिंग में प्रॉडक्ट और टेक्नोलॉजी का बेहतर नजरिया दिया, जिससे वे प्लेटफॉर्म बिहेवियर, एनालिटिक्स और UX को एडिटोरियल और ब्रैंड स्ट्रैटेजी में जोड़ सके।
BAG Convergence में अपनी नई भूमिका में तनवीर का फोकस कंटेंट, प्रोडक्ट और इवेंट्स को एक संयुक्त रणनीति के तहत जोड़ने पर होगा। वे IPs, स्पेशल सीरीज और बड़े पैमाने के इवेंट्स तैयार करेंगे, जो कंपनी की पहचान को एक प्रमुख डिजिटल मीडिया और कंटेंट इनोवेशन ब्रैंड के रूप में और मजबूत करेंगे। इसके साथ ही वे एडिटोरियल और बिजनेस टीमों के साथ मिलकर टेक्स्ट, वीडियो, ऑडियो और सोशल- हर फॉर्मेट में मल्टी-फॉर्मेट स्टोरीटेलिंग को और बेहतर बनाएंगे, ताकि समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स पर विश्वसनीय, आकर्षक और इनसाइटफुल पत्रकारिता जारी रहे।
शारिकुल होदा (शारिक) ने जी मीडिया को अलविदा कह दिया है। उनकी पारी 6 साल लंबी चली।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
शारिकुल होदा (शारिक) ने जी मीडिया को अलविदा कह दिया है। उनकी पारी 6 साल लंबी चली। वो जीन्यूजडॉटकॉम (zeenews.com) में बतौर सीनियर सब एडिटर पोस्टेड थे।
इस संस्थान में वो स्पोर्ट्स, हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को लीड कर चुके हैं। 7 नवंबर को ही उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया था और पिछले एक महीने से वो नोटिस पीरियड पर थे।
नवंबर 2019 में शारिक ने जी मीडिया में बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर जॉइन किया था। जहां उन्होंने इंग्लिश टू हिंदी लाइव ट्रांस्लेशन की जिम्मेदारी संभाली। सिर्फ 4 महीने के भीतर उन्हें जीन्यूजडॉटकॉम की वेबसाइट में शिफ्ट होना पड़ा। कोरोना वायरस महामारी के मुश्किल वक्त में उन्होंने स्पोर्ट्स डेस्क को लीड किया। बाद में उन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को हेड किया। जरूरत पड़ने पर वो नेशनल और इंटरनेशनल सेक्शन की न्यूज भी लिखते थे।
शारिक के लिए स्पोर्ट्स उनका फेवरेट सेक्शन रहा है। साल 2008 में उन्होंने दूरदर्शन में बतौर इंटर्न अपने मीडिया करियर की शुरुआत की थी, फिर दैनिक जागरण, टीवी टुडे नेटवर्क, श्री न्यूज, स्पोर्ट्सकीड़ा, WION जैसे ऑर्गेनाइजेशन में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं
शुरुआत में उन्होंने अखबार और टेलिविजन में तजुर्बा हासिल किया, लेकिन बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपने करियर को स्विच कर लिया।