अब चार राज्य और सामने आए हैं, जिन्होंने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स माना और उन्हें वैक्सीनेशन में प्राथमिकता देने की बात कही है।
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विकास सक्सेना
कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है। हर दिन इस घातक वायरस से रिकॉर्ड मौतें दर्ज की जा रही हैं। इस बीच उत्तराखंड, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया हुआ है, लेकिन अब चार राज्य और सामने आए हैं, जिन्होंने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स माना और उन्हें वैक्सीनेशन में प्राथमिकता देने की बात कही है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने भी ऐलान कर दिया कि वह राज्य के सभी पत्रकारों को कोरोना वॉरियर्स घोषित करती हैं। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से सभी को फ्री में वैक्सीन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसमें लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे और 30 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के लिए कुछ नहीं है।
वहीं, झारखंड की हेमंत सरकार ने भी राज्य के पत्रकारों को प्राथमिकता के तौर पर कोरोना वैक्सीन अभियान से जोड़ने पर जोर दिया है। इस संबंध सीएम सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस लड़ाई में सभी मिलकर लड़ते हुए जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना फिर हारेगा और झारखंड फिर जीतेगा।
इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड ने राज्य के सभी डीसी को पत्र लिखा है। इसके तहत झारखंड में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन लगाने की बातें कही गई है। कहा गया कि कोरोना से संबंधित विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को संग्रहित एवं प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से टीवी और प्रिंट मीडिया के पत्रकार क्षेत्र में लगातार घूमते हैं। इस क्रम में इनका प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन करने की जरूरत है।
कर्नाटक सरकार ने भी पत्रकारों को अग्रिम मोर्चे का कोविड वॉरियर्स मानने और प्राथमिकता के आधार पर उनका वैक्सीनेशन कराने का फैसला किया है। राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पत्रकारों को अग्रिम मोर्चे का कर्मी मानेंगे और प्राथमिकता के आधार पर उनका वैक्सीनेशन कराएंगे।’
हालांकि, येदियुरप्पा ने पत्रकारों से घटनाओं की इस तरह रिपोर्टिंग नहीं करने की अपील की, ताकि लोगों में दहशत न फैले।
कोरोनोवायरस संक्रमणों की दूसरी लहर के बीच, मणिपुर सरकार ने भी सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का निर्णय लिया है। राज्य अब प्राथमिकता के तौर पर कोविड-19 के खिलाफ पत्रकारों का वैक्सीनेशन करेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘तमाम जोखिमों के बावजूद खबरों को लोगों तक पहुंचाने में पत्रकारों के प्रयासों की हम सराहना करते हैं। ये किसी भी मायने में दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स से कम नहीं हैं। राज्य सरकार मान्यता प्राप्त सभी पत्रकारों का फ्रंटलाइन वॉरियर्स के तौर पर प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन करेगी।’
इस नियुक्ति से पहले जितेंद्र कुमार ‘इंडिया डेली लाइव’ में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (Ad Sales) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
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Samachar4media Bureau
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) ने जितेंद्र कुमार को सीनियर वाइस प्रेजिडेंट-सेल्स (India News Channel) के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 29 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी।
इस भूमिका में जितेंद्र कुमार इंडिया न्यूज चैनल के सभी राजस्व-स्रोतों (revenue avenues) के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होंगे। वे स्ट्रैटेजिक फैसलों के जरिये विकास को गति देंगे, प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी करेंगे और कंपनी के रेवेन्यू को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का काम करेंगे।
जितेंद्र कुमार को मीडिया सेल्स और बिजनेस डेवलपमेंट के क्षेत्र में लगभग दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने लगातार रेवेन्यू ग्रोथ और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स के निर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
इस नियुक्ति से पहले जितेंद्र कुमार ‘इंडिया डेली लाइव’ (India Daily Live) में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (Ad Sales) के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वह करीब 17 साल तक इंडिया टीवी (India TV) में वाइस प्रेजिडेंट–सेल्स (नॉर्थ रीजन) के पद पर रहे और उसके बाद एनडीटीवी ग्रुप (NDTV Group) में लगभग एक साल 7 महीने तक नेशनल हेड–सेल्स के रूप में कार्य किया।
जितेंद्र कुमार की नियुक्ति के बारे में आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, ‘जितेंद्र का इंडस्ट्री में व्यापक अनुभव और उनकी स्ट्रैटेजिक समझ हमारे लिए बेहद मूल्यवान होगी। हम इंडिया न्यूज की मार्केट में स्थिति को और मजबूत करने और दर्शकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए उनके नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि उनके योगदान से कंपनी अपनी विकास यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करेगी और सेल्स स्ट्रैटेजी को और सशक्त बनाएगी।’
वहीं, जितेंद्र कुमार का कहना था, ‘इंडिया न्यूज की उत्साही और ऊर्जावान टीम से जुड़कर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं सभी हितधारकों के साथ मिलकर कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्साहित हूं।’
इस पद पर दीपक अरोड़ा की नियुक्ति 27 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी, जो शेयरधारकों और केंद्र सरकार की स्वीकृति के अधीन है।
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फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर सेक्टर की जानी-मानी कंपनी ‘सनोफी इंडिया लिमिटेड’ (Sanofi India Limited) ने दीपक अरोड़ा को नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। कंपनी के निदेशक मंडल ने ‘नामांकन और पारिश्रमिक समिति’ (Nomination and Remuneration Committee) की सिफारिश पर दीपक अरोड़ा को इस पद पर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 27 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी, जो शेयरधारकों और केंद्र सरकार की स्वीकृति के अधीन है।
इस नई भूमिका में दीपक अरोड़ा देश में सनोफी की स्ट्रैटेजिक दिशा तय करेंगे और उसे कंपनी की वैश्विक रणनीति के अनुरूप आगे बढ़ाएंगे। वे कंपनी में इनोवेशन और तेजी को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऑपरेशनल एक्सीलेंस को भी मजबूत करेंगे।
दीपक अरोड़ा को फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने उत्तर अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में काम किया है। वे कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कमर्शियल, सेल्स एंड मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट जैसे अहम पदों पर रहे हैं, जहां उन्होंने नए बिजनेस अधिग्रहण किए और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
दीपक अरोड़ा की नियुक्ति के बारे में ‘सनोफी इंडिया लिमिटेड’ के बोर्ड चेयरमैन आदित्य नारायण ने कहा, ‘निदेशक मंडल की ओर से मैं दीपक अरोड़ा का मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में स्वागत करते हुए बेहद खुश हूं। उनका व्यापक फार्मा अनुभव हमारे उस लक्ष्य के अनुरूप है, जिसके तहत हम देश भर के मरीजों की सेवा करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में सनोफी भारत में और आगे बढ़ेगी और नवाचार को नई ऊंचाई देगी। हम उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं।’
दीपक अरोड़ा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने 'इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी' (IGNOU) से एमबीए किया है।
'द वॉशिंगटन पोस्ट' में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया।
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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर एक नए विवाद की आंच उठी है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया। इस खबर के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है और संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देकर उठे सवाल
कांग्रेस नेताओं ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है, वह 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि जब गौतम अडाणी की कंपनियां भारी कर्ज के बोझ और रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रही थीं, तब LIC और केंद्र सरकार ने मई 2025 में समूह में भारी निवेश किया।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
LIC ने रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज किया
इस विवाद पर LIC ने अपनी सफाई जारी करते हुए अमेरिकी रिपोर्ट को गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। कंपनी ने कहा कि उसके सभी निवेश पूरी पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नियामकीय जांच के तहत किए जाते हैं। LIC ने यह भी साफ किया कि रिपोर्ट में जिन दस्तावेजों या योजनाओं का जिक्र है, उनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट LIC की साख और भारतीय वित्तीय व्यवस्था की विश्वसनीयता को कमजोर करने की कोशिश है।
कांग्रेस का पलटवार- “यह सिर्फ निवेश नहीं, पूरा घोटाला है”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे “एक बहुत बड़ा घोटाला” बताया है। उनके मुताबिक, यह मामला सिर्फ निवेश का नहीं बल्कि कई स्तरों पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जुड़ा है।
रमेश ने कहा कि —
सरकार और कंपनी दोनों पर बढ़ रहा है दबाव
कांग्रेस और विपक्षी दलों के आरोपों के बाद अब इस मुद्दे ने सियासी तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस जांच और जवाबदेही की मांग कर रही है, वहीं LIC का कहना है कि उसके सभी निवेश प्रोफेशनल तरीके से और नियमानुसार किए गए हैं।
अब देखना यह होगा कि PAC या अन्य संसदीय समितियां इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं, क्योंकि मामला अब केवल वित्तीय नहीं बल्कि जनविश्वास और पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है।
सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है।
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सरकार अब पारंपरिक मीडिया यानी अखबार, रेडियो और टीवी को डिजिटल युग के झटकों से बचाने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि सरकार मीडिया सेक्टर में मौजूद रुकावटों को हटाने और कई अहम सुधार लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
रेडियो और टीवी के नियमों में बदलाव की तैयारी
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद मीडिया सेक्टर में मौजूद सभी तरह की नियामकीय बाधाओं को खत्म करना है। इसके तहत रेडियो लाइसेंसिंग के नियमों में ढील देने और टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) सिस्टम में सुधार की योजना पर काम चल रहा है।
टीआरपी सिस्टम के लिए नए दिशानिर्देश बन रहे हैं
वैष्णव ने बताया कि सरकार नए टीआरपी दिशानिर्देश तैयार कर रही है ताकि टीवी चैनलों को राजस्व (revenue) का न्यायसंगत बंटवारा मिल सके, खासकर सरकारी विज्ञापनों से। उन्होंने कहा कि टीआरपी ढांचे पर पहली चरण की चर्चा पूरी हो चुकी है और अब हितधारकों (stakeholders) के सुझावों को शामिल करते हुए दूसरी परामर्श रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी।
अखबारों और टीवी को मिलेगी विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पारंपरिक मीडिया संस्थानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अखबारों और टीवी चैनलों के विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी पर भी विचार कर रही है। इससे इन संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व का लाभ मिलेगा।
तीन प्रमुख संस्थाओं का होगा एकीकरण
सरकार प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन (CBC) और रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर फॉर इंडिया (RNI) को एक साथ लाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसका मकसद नियमों को सरल बनाना और नीति निर्माण से लेकर मीडिया संचार तक बेहतर तालमेल स्थापित करना है।
फेक न्यूज रोकने के लिए बनेगा चैटबॉट
सरकार की फैक्ट-चेक पहल के तहत एक चैटबॉट भी बनाया जा रहा है, जो वीडियो और ऑनलाइन कंटेंट की सच्चाई की जांच में मदद करेगा।
पीआईबी का विस्तार और शोध आधारित रिपोर्ट्स
वैष्णव ने बताया कि पीआईबी ने अपनी जनसंपर्क गतिविधियों को और बढ़ाया है और अब वह महत्वपूर्ण विषयों पर शोध आधारित रिपोर्ट और पृष्ठभूमि दस्तावेज भी तैयार कर रहा है, ताकि जनता तक सटीक और भरोसेमंद जानकारी पहुंचाई जा सके।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।
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सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने दिव्यांगजनों, विशेषकर सुनने और देखने में अक्षम व्यक्तियों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने से जुड़ी मसौदा गाइडलाइंस पर सुझाव भेजने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। अब लोग और स्टेकहोल्डर्स अपने सुझाव 7 नवंबर 2025 तक भेज सकते हैं।
मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को जारी नोटिस में कहा कि पहले तय की गई समयसीमा 22 अक्टूबर 2025 थी, लेकिन अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इसे आगे बढ़ाया गया है। इच्छुक व्यक्ति अपने सुझाव Word या PDF फॉर्मेट में digital-media@mib.gov.in पर भेज सकते हैं।
दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल कंटेंट को सुलभ बनाने की दिशा में अहम कदम
ये मसौदा गाइडलाइंस 7 अक्टूबर को जारी की गई थीं और इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद मनोरंजन और सूचनात्मक कंटेंट दिव्यांगजनों के लिए भी आसानी से उपलब्ध हो सके। यह कदम भारत के संवैधानिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है, जो समान अवसर और समावेशिता की गारंटी देते हैं।
कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन और साइन लैंग्वेज की सुविधा
मसौदे के मुताबिक, OTT प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट में ऐसी सुविधाएं जोड़नी होंगी जिससे सुनने या देखने में असमर्थ लोग भी उसे समझ सकें। इनमें क्लोज़्ड और ओपन कैप्शन, ऑडियो डिस्क्रिप्शन, और इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) इंटरप्रिटेशन जैसी विशेषताएं शामिल होंगी।
छह महीने में नए कंटेंट पर और दो साल में पुराने कंटेंट पर लागू होगा नियम
एक बार गाइडलाइंस लागू हो जाने के बाद, OTT प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि नया अपलोड किया गया हर कंटेंट छह महीने के भीतर कम से कम एक एक्सेसिबिलिटी फीचर के साथ उपलब्ध हो। वहीं, पुराना कंटेंट 24 महीनों (दो साल) के भीतर पूरी तरह सुलभ बनाया जाना होगा।
निगरानी समिति रखेगी अमल पर नजर
इस गाइडलाइन को सही तरीके से लागू कराने के लिए मंत्रालय एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाएगा, जिसकी अध्यक्षता जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी करेंगे। यह समिति हर तीन महीने में समीक्षा बैठक करेगी, प्रगति रिपोर्ट देखेगी, शिकायतें सुनेगी और जरूरी निर्देश जारी करेगी।
OTT प्लेटफॉर्म्स ने कहा– सराहनीय पहल, पर छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए चुनौती
OTT इंडस्ट्री ने मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया है। कई प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि यह मसौदा “महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी” है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार, OTT कंपनियों और एक्सेसिबिलिटी एक्सपर्ट्स के बीच करीबी सहयोग जरूरी होगा। छोटे प्लेटफॉर्म्स के लिए तकनीकी और वित्तीय तैयारी करना एक बड़ी चुनौती होगी।
उनकी जगह ‘जी मीडिया’ में एडिटर के रूप में ‘जी’ (दिल्ली/हरियाणा/एनसीआर) की कमान संभाल रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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वरिष्ठ पत्रकार और ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में एडिटर के पद पर ‘जी’ (पंजाब) की कमान संभाल रहे दीपक धीमान ने अपने पद से हटने का फैसला किया है। दीपक धीमान इस मीडिया संस्थान में करीब साढ़े तीन साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उनकी जगह ‘जी मीडिया’ में एडिटर के रूप में ‘जी’ (दिल्ली/हरियाणा/एनसीआर) की कमान संभाल रहे वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दीपक धीमान ने यह फैसला क्यों लिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
‘जी मीडिया’ से पहले दीपक धीमान ‘दैनिक भास्कर’ समूह में स्टेट हेड के तौर पर कार्यरत थे। ‘दैनिक भास्कर’ के साथ उनका सफर करीब दस साल का रहा और इस मीडिया समूह के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी।
दैनिक भास्कर से पहले दीपक धीमान ‘दिनभर मीडिया प्रा. लि.’ में मैनेजिंग एडिटर और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ समूह में स्टाफ करेसपॉन्डेंट के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
अभी तक ‘जी’ (पंजाब) के एडिटर के पद पर कार्यरत दीपक धीमान को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
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‘जी मीडिया’ (Zee Media) ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद लांबा पर और अधिक भरोसा जताते हुए उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत अभी तक बतौर एडिटर ‘जी’(दिल्ली/ एनसीआर/हरियाणा) की कमान संभाल रहे विनोद लांबा को ‘जी’ (पंजाब) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं, अभी तक ‘जी’ (पंजाब) के एडिटर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे दीपक धीमान इस पद से कार्यमुक्त हो गए हैं।
इसी साल मार्च में बतौर एडिटर ‘जी’(दिल्ली/ एनसीआर/हरियाणा) के पद पर जॉइन करने के बाद से इतने कम समय में विनोद लांबा ने चैनल की प्रोग्रामिंग और कंटेंट में काफी सकारात्मक बदलाव किए हैं। इससे पहले विनोद लांबा ‘टोटल टीवी’ (Total TV) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
मूल रूप से फरीदाबाद के रहने वाले विनोद लांबा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। विनोद लांबा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2006 में ‘डीडी न्यूज’ से की थी। इसके बाद ‘डीडी स्पोर्ट्स’, ‘सीएनईबी’, ‘लाइव इंडिया’, ‘न्यूज24’, ‘इंडिया न्यूज’ और ‘टोटल टीवी’ होते हुए अब वह ‘जी मीडिया’ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
विनोद लांबा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म इन कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस में पीजी डिप्लोमा किया है। इसके अलावा उन्होंने हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से विनोद लांबा को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।
भारतीय मूल के वरिष्ठ पत्रकार और 'दि ऑस्ट्रेलिया टुडे' (The Australia Today) के मैनेजिंग एडिटर जय भारद्वाज को मेलबर्न प्रेस क्लब का वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है।
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भारतीय मूल के वरिष्ठ पत्रकार और 'दि ऑस्ट्रेलिया टुडे' (The Australia Today) के मैनेजिंग एडिटर जय भारद्वाज को मेलबर्न प्रेस क्लब का वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया गया है। यह फैसला ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारिता में विविधता और समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
जय भारद्वाज इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति बन गए हैं। उनका यह सम्मान भारत के मीडिया जगत और दुनिया भर में बसे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।
भारतीय न्यूजरूम से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया तक का सफर
ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले जय भारद्वाज ने भारत में टेलीविजन पत्रकारिता में एक शानदार करियर बनाया। उन्होंने जी न्यूज, IBN7, न्यूजएक्स और सहारा जैसे बड़े चैनलों के साथ काम किया और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अपनी गहरी समझ और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए पहचान बनाई।
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उन्होंने SBS Radio से रेडियो जॉकी और एंकर के रूप में जुड़कर भारतीय और दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच अपनी खास पहचान बनाई।
निर्भीक पत्रकारिता से हासिल की अंतरराष्ट्रीय पहचान
जय भारद्वाज तब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए जब उनका भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ किया गया इंटरव्यू कनाडा सरकार ने बैन कर दिया। इस कदम की कड़ी आलोचना भारत के विदेश मंत्रालय और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने की।
इस विवाद ने न सिर्फ कनाडा की सरकार की असहजता को उजागर किया बल्कि जय भारद्वाज की निष्पक्ष, संतुलित और बेखौफ पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।
मेलबर्न प्रेस क्लब की नई टीम
मेलबर्न प्रेस क्लब, जो ऑस्ट्रेलिया के सबसे सम्मानित मीडिया संगठनों में से एक है, ने 22 अक्टूबर को अपनी वार्षिक बैठक के बाद नई टीम की घोषणा की।
नई टीम में माइकल बैचलार्ड (प्रेजिडेंट), हेडी मर्फी (वाइस प्रेजिडेंट), वेरोनिका स्कॉट (ट्रेजरर) और जे म्यूलर (सेक्रेटरी) शामिल हैं। इसके अलावा क्लब में पांच नए बोर्ड सदस्य भी जोड़े गए हैं, ताकि वित्त, साझेदारी और इंडस्ट्री एंगेजमेंट पर और मजबूती से काम किया जा सके।
भारतीय पत्रकारिता के लिए मील का पत्थर
जय भारद्वाज की यह नियुक्ति सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारों के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भारत की मजबूत मीडिया आवाज का प्रतीक है।
उनकी सफलता यह भी दिखाती है कि भारतीय प्रोफेशनल अपनी ईमानदारी, संतुलित रिपोर्टिंग और सांस्कृतिक समझ के दम पर दुनिया भर में सम्मान और भरोसा हासिल कर रहे हैं।
कुलदीप पंवार इससे पहले करीब साढ़े तीन साल से ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से कुछ समय पूर्व उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
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वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप पवार ने ‘टाइम्स’ (Times) समूह जॉइन कर लिया है। वह यहां ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में असिस्टेंट एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और फिलहाल स्पोर्ट्स टीम को लीड करेंगे।
कुलदीप पंवार इससे पहले करीब साढ़े तीन साल से ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे और डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘डीएनए’ (हिंदी) में बतौर शिफ्ट हेड (न्यूज) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पिछले 3 महीने से वह ‘जी मीडिया’ के ही स्पोर्ट्स वेंचर Cricket Country के यूट्यूब हेड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने इस समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया था।
‘जी मीडिया’ से पहले कुलदीप ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) डिजिटल में शिफ्ट एडिटर के पद पर भोपाल में कार्यरत थे, हालांकि, यहां उनका कार्यकाल एक साल से थोड़ा कम ही रहा।
मेरठ के रहने वाले कुलदीप पंवार को मीडिया में काम करने का करीब 21 साल का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह यहां से बाय बोलकर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) आ गए। उन्होंने इस संस्थान में दिल्ली में स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर ‘जागरण प्रकाशन लिमिटेड’ के द्विभाषी अखबार ‘आईनेक्स्ट’ (iNext) में देहरादून में बतौर संपादक जॉइन कर लिया।
कुछ समय इस पद पर अपनी भूमिका निभाने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोल दिया और नोएडा में हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ जॉइन कर लिया। बतौर आउटपुट हेड (साउथ हरियाणा) उन्होंने यहां अपनी जिम्मेदारी संभाली और कुछ समय बाद यहां से इस्तीफा देकर ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) में नेशनल स्पोर्ट्स एडिटर के पद पर जॉइन कर लिया।
करीब दो साल इस पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद वह नोएडा में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर ‘अमर उजाला’ (Amar Uajal) की टीम में शामिल हो गए औऱ करीब तीन साल तक सेंट्रल डेस्क पर सेकेंड इंचार्ज के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। ‘अमर उजाला’ के साथ कुलदीप सिंह की यह दूसरी पारी थी। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इसी संस्थान से की थी। इसके बाद ‘दैनिक भास्कर’ होते हुए वह ‘जी मीडिया’ पहुंचे थे, जहां से कुछ दिनों पूर्व अपनी पारी को विराम देकर उन्होंने अब ‘टाइम्स’ समूह के साथ नई पारी का आगाज किया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो कुलदीप सिंह ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से कुलदीप सिंह पंवार को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
‘NDTV Marathi’ से पहले राहुल सुपारे ‘सकाल’ (Sakal) मीडिया ग्रुप में जनरल मैनेजर–ऑल इंडिया सेल्स और स्ट्रैटेजी के पद पर काम कर रहे थे।
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Samachar4media Bureau
‘एनडीटीवी मराठी’ (NDTV Marathi) ने राहुल सुपारे को नेशनल हेड–रेवेन्यू के पद पर नियुक्त किया है। राहुल सुपारे ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर खुद यह खबर शेयर की है।
अपनी पोस्ट में राहुल सुपारे ने लिखा है, ‘NDTV Marathi में नेशनल हेड–रेवेन्यू के रूप में अपने नए पद की घोषणा करते हुए बहुत उत्साहित हूं! NDTV पर भरोसा और अवसर के लिए आभारी हूं। शानदार टीम के साथ मिलकर नए कीर्तिमान स्थापित करने और प्रभावशाली विकास लाने के लिए उत्सुक हूं। नए चैलेंज, नवाचार और बड़ी सफलता की ओर बढ़ते हुए।’
‘NDTV Marathi’ से पहले राहुल सुपारे ‘सकाल’ (Sakal) मीडिया ग्रुप में जनरल मैनेजर–ऑल इंडिया सेल्स और स्ट्रैटेजी के पद पर काम कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में रीजनल सेल्स हेड के रूप में भी काम किया है। 'जी मीडिया' में उन्होंने दो बार काम किया है।
राहुल सुपारे अपने करियर की शुरुआत में ‘सहारा इंडिया मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’ में रीजनल सेल्स मैनेजर, ‘एनडीटीवी मीडिया लिमिटेड’ में सेल्स मैनेजर और ‘जी टेलीफिल्म्स लिमिटेड’ में सीनियर मैनेजर जैसे अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।