माइक्रोसॉफ्ट में आने से पहले सिद्दीकी Schneider Electric में जीएम और हेड (PR, Corporate & Internal Communication) की जिम्मेदारी निभा रही थीं।
अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ‘माइक्रोसॉफ्ट’ (Microsoft) ने सीमा सिद्दीकी (Seema Siddiqui) को ‘माइक्रोसॉफ्ट इंडिया’ (Microsoft India) का डायरेक्टर (कम्युनिकेशंस) नियुक्त किया है।
माइक्रोसॉफ्ट में आने से पहले सिद्दीकी ‘शिनाईजेर इलेक्ट्रिक’ (Schneider Electric) में जीएम और हेड (PR, Corporate & Internal Communication) की जिम्मेदारी निभा रही थीं। यहां वह करीब साढ़े चार साल से कार्यरत थीं।
सीमा को पब्लिक रिलेशंस, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, इंटरनल कम्युनिकेशन, स्ट्रैटेजी मैनेजमेंट और ब्रैंड रेपुटेशन मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल है। सीमा ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत पीआर एजेंसी Text 100 अब (Archetype) से की थी। अब तक वह PwC India, Dessault Systemes और Scheider Electric समेत तमाम प्रतिष्ठानों में प्रमुख जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। फिलहाल नई नियुक्ति के बारे में सीमा सिद्दीकी की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ ने हाल ही में केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1994 में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी की है, जिसमें मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।
‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने हाल ही में केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1994 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स (MSO) के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसके अलावा, सभी जगह इंटरनेट की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के साथ केबल ऑपरेटरों द्वारा बुनियादी ढांचे को साझा करने के लिए नियमों में एक प्रावधान शामिल किया गया है।
मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए संशोधित नियम इस प्रकार हैं।
1: मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स अब सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन या रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे।
2: मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स के रजिस्ट्रेशन दस साल के लिए प्रदान अथवा नवीनीकृत किए जाएंगे।
3: रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के लिए प्रोसेसिंग फीस एक लाख रुपये रखी गई है।
4: रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के लिए आवेदन अब रजिस्ट्रेशन की समाप्ति से पहले सात से दो महीने के भीतर करना होगा।
बताया जाता है कि नवीनीकरण प्रक्रिया बिजनेस करने में आसानी के अनुरूप है क्योंकि यह केबल ऑपरेटर्स को अपनी सेवाएं बिना किसी व्यवधान के जारी रखने के लिए निश्चितता प्रदान करेगी और इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाएगी।
मंत्रालय ने आगे कहा है कि जिन मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स का रजिस्ट्रेशन सात महीने के भीतर समाप्त हो रहा है, उन्हें ब्रॉडकास्टसेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
बता दें कि इससे पहले केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत केवल नए मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स के रजिस्ट्रेशन ही किए जाते थे। इन नियमें मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स रजिस्ट्रेशन के लिए वैधता की अवधि निर्दिष्ट नहीं की गई थी और न ही उन्होंने ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने की अनिवार्यता थी।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के सीईओ अविनाश पांडेय को एक बार फिर से ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IAA) के इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट चुना गया है।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के सीईओ अविनाश पांडेय को एक बार फिर से ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IAA) के इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट चुना गया है।इसके साथ ही अन्य निर्वाचित सदस्यों में फ्री प्रेस जर्नल ग्रुप के प्रेजिडेंट अभिषेक करनानी उपाध्यक्ष, मीडिया दिग्गज नंदिनी दास सचिव और ‘Another Idea’ के फाउंडर जयदीप गांधी कोषाध्यक्ष शामिल हैं। बुधवार को ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ की वार्षिक आम बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से इन्हें चुना है।
पांच सदस्यों को वोटिंग मेंबर्स के तौर पर चुना गया है। इनमें कथित तौर पर आर.के. स्वामी लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनिवासन के. स्वामी; मातृभूमि प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एम.वी. श्रेयम्स कुमार; ग्रुपएम में दक्षिण एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार; द इंडियन एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका; ब्लू लॉजिक सिस्टम्स की डायरेक्टर जनक सारदा शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में पत्रकार अब किफायती दर पर घर का सपना पूरा कर सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश के पत्रकारों को होम लोन पर अनुदान मिलेगा
छत्तीसगढ़ में पत्रकार अब किफायती दर पर घर का सपना पूरा कर सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश के पत्रकारों को होम लोन पर अनुदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में की गई घोषणा पर अब अमल करते हुए जनसंपर्क विभाग द्वारा 'ललित सुरजन संचार प्रतिनिधि आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना’ राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। योजना के अंतर्गत 30 लाख तक के आवास ऋण के लिए 5 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा। यह योजना एक अप्रैल 2023 के बाद से क्रय मकान पर प्रभावशील होगी।
राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक, योजना का लाभ केवल आवासीय ऋण पर दिया जाएगा और वह भी तब जह क्रय किया जाने वाला मकान छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर होगा। ब्याज अनुदान अधिकतम 30 लाख रुपए के आवास ऋण की सीमा तक दिया जाएगा। संचार प्रतिनिधि द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अधिसूचित वित्तीय संस्थानों एवं सहकारी बैंकों से लिए गए आवास ऋण पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा।
योजना का लाभ न्यूनतम 5 वर्ष से छत्तीसगढ़ में निवास कर दैनिक समाचार व टीवी न्यूज चैनल्स में पंजीकृत न्यूज एजेंसियों के सम्पादकीय शाखा में कार्य कर रहे पूर्णकालिक तथा अंशकालिक संचार प्रतिनिधि तथा अधिमान्यता नियमों की अर्हतादायी शर्तों को पूरा करने वाले न्यूज पोर्टल्स के संपादक और स्वतंत्र पत्रकार ले सकेंगे।
संचार प्रतिनिधि स्वयं अथवा पत्नी के साथ संयुक्त नाम से आवास ऋण लें तभी होगी पात्रता-
संचार प्रतिनिधि स्वयं अथवा पत्नी के साथ संयुक्त नाम से आवास ऋण लेंगे, तभी इस योजना की पात्र होंगे। योजना मात्र एक आवास ऋण में ही लागू होगी। किसी संचार प्रतिनिधि द्वारा पूर्व से अपने अथवा पत्नी के स्वामित्व का मकान योजना लागू होने के बाद अवयस्क/वयस्क संतान को अंतरित कर नया आवास लेने की दशा में योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा यदि पहले से कोई आवास ऋण स्वीकृत है, तो नए आवास ऋण प्राप्त करने पर भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। संचार प्रतिनिधियों द्वारा नियमित ऋण एवं ब्याज अदायगी करने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा। डिफॉल्टर होने की स्थिति में योजना के लाभ की पात्रता स्वयमेव समाप्त हो जायेगी।
पूर्व से स्वीकृत आवास ऋण पटाकर नये आवास ऋण प्राप्त करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। संचार प्रतिनिधियों द्वारा नियमित ऋण एवं ब्याज अदायगी करने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा। डिफॉल्टर होने की स्थिति में योजना के लाभ की पात्रता स्वयमेव समाप्त हो जायेगी।
शपथ पत्र भी देना होगा- योजना में पात्रता के लिए स्वयं अथवा पत्नी, आश्रित पुत्र-पुत्री के नाम से कोई अन्य आवासीय भवन नहीं होना चाहिए। इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा। शपथ पत्र के साथ संचार प्रतिनिधियों द्वारा रजिस्ट्रीकृत बैंकों अथवा रजिस्ट्रीकृत वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण स्वीकृति एवं ऋण वितरण के प्रमाणित अभिलेख जनसम्पर्क संचालनालय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन के साथ प्रस्तुत करने होंगे।
नियमित भुगतान कर बैंक का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा- संचार प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए ऋण पर मासिक किश्त का नियमित भुगतान स्वयं करना होगा, बैंकों को ऋण के मूल एवं ब्याज के नियमित भुगतान करने संबंधी बैंक का प्रमाण-पत्र जनसम्पर्क संचालनालय में प्रस्तुत करने पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की गणना कर संबंधित पत्रकार के बैंक खातों में राशि दी जाएगी।
योजना राशि की गणना - ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति त्रैमासिक की जाएगी किसी भी दशा में अनुदान राशि का भुगतान एकजाई नहीं किया जायेगा। आवास ऋण ब्याज अनुदान की गणना इस प्रकार होगी। इसमें वित्तीय वर्ष में बैंक में देय ब्याज को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान से गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को बैंक ब्याज प्रतिशत दर से भाग दिया जाएगा।
आवास ऋण 30 लाख रुपए से अधिक होने की दशा में ब्याज अनुदान की गणना दो चरणों में की जाएगी। प्रथम चरण में अधिकतम 30 लाख रुपए की राशि तक की ब्याज गणना की जाएगी। इसमें योजनान्तर्गत अधिकतम राशि( 30 लाख रुपए) को वित्तीय वर्ष में स्वीकृत ऋण पर देयक ब्याज राशि से गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को स्वीकृत आवास ऋण राशि से भाग दिया जाएगा। द्वितीय चरण में ब्याज अनुदान राशि की गणना की जाएगी। इसमें प्रथम चरण में गणना पश्चात प्राप्त ब्याज राशि को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को बैंक ब्याज प्रतिशत दर से भाग दिया जाएगा।
योजना हेतु समिति करेगी अनुशंसा - प्रथम बार ब्याज अनुदान स्वीकृति के लिए संचालनालय में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति विचार कर अनुशंसा करेगी। समिति में आयुक्त/ संचालक, जनसम्पर्क संचालनालय, अपर संचालक (पत्रकार कल्याण), अपर संचालक (समाचार), उप संचालक / संयुक्त संचालक (वित्त) शामिल होंगे।
योजना हेतु निर्णयात्मक शर्त/अधिकार- ब्याज अनुदान स्वीकृत करने के किसी भी प्रश्न पर तत्समय में प्रचलित अधिमान्यता नियमों में उल्लेखित संचार संस्थान एवं संचार प्रतिनिधि की अर्हतादायी शर्तों पर भी विचार किया जायेगा। ब्याज अनुदान स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने का अधिकार आयुक्त /संचालक, जनसम्पर्क को होगा।
‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ (Securities Appellate Tribunal) ने इस मामले में सभी पक्षों को अपनी प्रस्तुतियां (यदि कोई हो) दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ (Securities Appellate Tribunal) ने ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (सेबी) के उस फैसले के खिलाफ ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के प्रबंध निदेशक व सीईओ पुनीत गोयनका की याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उन पर ‘जी’ समूह की कंपनियों और विलय वाली ‘जी-सोनी’ इकाई में एक साल तक निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर रहने पर रोक लगाने की बात कही गई है।
इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले ट्रिब्यूनल ने सभी पक्षों को अपनी प्रस्तुतियां (यदि कोई हो) दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि इससे पहले आठ सितंबर को ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ ने इस मामले में गोयनका को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
बताया जाता है कि ‘सेबी’ ने पहले कहा था कि वह इस मामले में आठ महीने की अवधि में अपनी जांच पूरी कर लेगा। पुनीत गोयनका ने इससे पहले 26 अगस्त को ‘सेबी’ के आदेश के खिलाफ ‘SAT’ का रुख किया था।
मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया (MRUCI) की बैठक में राजीव बेओत्रा और अनुप्रिया आचार्य को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में नियुक्त किया गया है।
‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ (MRUCI) ने 26 सितंबर, 2023 को अपनी 29वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) आयोजित की। इस वार्षिक आम बैठक में ‘जागरण प्रकाशन लिमिटेड’ के पूर्णकालिक डायरेक्टर शैलेष गुप्त को सर्वसम्मति से ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ का चेयरमैन चुना गया।
इसके साथ ही ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव को ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ का वाइस चेयरमैन चुना गया है। वार्षिक आम बैठक के तुरंत बाद आयोजित ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ की बोर्ड मीटिंग में यह घोषणा की गई। इसके साथ ही बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में दो नए सदस्यों के रूप में ‘एचटी मीडिया लिमिटेड’ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजीव बेओत्रा और ‘Publicis Groupe’ की सीईओ (साउथ एशिया) अनुप्रिया आचार्य को नियुक्त किया गया है।
शैलेष गुप्त ने भारत में मीडियाब्रैंड्स (Mediabrands) के सीईओ शशिधर सिन्हा से यह कमान ली है, जो लगातार दो कार्यकाल (2021-2022 और 2022-2023) तक ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ के चेयरमैन रहे हैं।
कार्यभार सौंपते हुए शशिधर सिन्हा का कहना था, ‘मुझे खुशी है कि कोविड के कारण एक अंतराल के बाद आईआरएस को दोबारा शुरू किया जा रहा है।’ वहीं, धन्यवाद प्रस्ताव देते समय शैलेष गुप्त का कहना था, ‘मैं MRUCI का नेतृत्व करने और आईआरएस को पुनर्जीवित करने में कई कदम आगे बढ़ाने के लिए शशिधर सिन्हा को धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरा प्रयास एक मजबूत थर्ड पार्टी रिसर्च तैयार करने में मदद करना होगा जो सभी घटकों की मदद करेगा और सामूहिक रूप से इंडस्ट्री को आगे ले जाएगा।’
बता दें कि ‘जागरण प्रकाशन लिमिटेड’ के पूर्णकालिक निदेशक शैलेष गुप्त भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं। पिछले 25 वर्षों में शैलेष गुप्त ने जागरण की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को एक नया आयाम प्रदान किया है और जागरण समूह में व्यापक बदलाव लाने के केंद्र में रहे हैं। वह ‘म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड’ और ‘मिडडे इंफोमीडिया लिमिटेड’ के डायरेक्टर के पद पर भी कार्यरत हैं।
अपने बेहतरीन करियर के दौरान वह कई इंडस्ट्री निकायों के शीर्ष पर रहे हैं और उनकी व्यावसायिकता व देश में मीडिया इंडस्ट्री की उनकी खास समझ के लिए उन्हें काफी सम्मानजनक श्रेणी में रखा जाता है। वह वर्ष 2019-20 में ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी’ (INS) के प्रेजिडेंट रह चुके हैं। शैलेष को वर्ष 2004-05 के लिए ‘ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन’ (ABC) की मैनेजिंग कमेटी में सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में चुना गया था और वर्ष 2012-13 में वह इसके चेयरमैन रह चुके हैं।
वर्ष 2021 में उन्होंने ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल’ (MRUC) के वाइस चेयरमैन का पदभार संभाला, जो देश में सबसे प्रमुख मीडिया अनुसंधान निकायों में से एक है, जिसका गठन देश में सटीक, समय पर और कुशल मीडिया अनुसंधान के एकमात्र उद्देश्य से किया गया है।
रोटरी क्लब, भारत द्वारा 'Youngest Entrepreneur Of The Year' के रूप में मान्यता प्राप्त शैलेष गुप्त को 'इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी' (INS) द्वारा वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स, पेरिस के बोर्ड में भी नामांकित किया गया था। इन सबके अलावा शैलेष को मर्चेंट्स चैंबर ऑफ यूपी द्वारा 'एक्सीलेंस अवार्ड फॉर कम्युनिकेशन एंड मास एंटरटेनमेंट' और वर्ष 2014 में वर्ल्ड मार्केटिंग कांग्रेस द्वारा 'मोस्ट टैलेंटेड सीएमओ ऑफ इंडिया' से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वहीं, मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव एक जाने-माने बिजनेस लीडर हैं और देश में सबसे प्रभावशाली मार्केटर्स की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्होंने कोविड महामारी के सबसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान मारुति सुजुकी में मार्केटिंग और सेल्स से जुड़े कार्यों का नेतृत्व और संचालन किया है।
मारुति सुजुकी में तीन दशकों से अधिक के करियर में श्रीवास्तव ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग दोनों में काम किया है और भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के शुरुआती दिनों से लेकर आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी दौर के विकास को देखा है।
प्रतिष्ठित आईआईएम, अहमदाबाद के पूर्व छात्र शशांक श्रीवास्तव तमाम इंडस्ट्री निकायों जैसे- ‘सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन मार्केटिंग’ (CII National Committee on Marketing), ’एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI), ’इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ (ISA), ’ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन’ (ABC), ’ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) और ’मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल इंडिया’ के मेंबर हैं। ऑटोमेटिव इंडस्ट्री में उल्लेखनीय योगदान के लिए शशांक श्रीवास्तव को तमाम अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है।
अमित खरे को 12 अक्टूबर 2021 को दो साल के लिए अनुबंध के आधार पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। इस पद पर खरे का कार्यकाल 12 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो रहा था।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे का कार्यकाल बढ़ा दिया है। बता दें कि खरे को 12 अक्टूबर 2021 को दो साल के लिए अनुबंध के आधार पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।
इस पद पर खरे का कार्यकाल 12 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो रहा था, लेकिन अब इसे प्रधानमंत्री के वर्तमान कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाली अवधि तक के लिए विस्तार दे दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बारे में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सामान्य नियमों और शर्तों पर अनुबंध के आधार पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे के कार्यकाल में विस्तार को मंजूरी दे दी है। इस पद पर उनका कार्यकाल अब प्रधानमंत्री के वर्तमान कार्यकाल के साथ समाप्त होने तक या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) लागू होगा।’
गौरतलब है कि 1985 बैच के झारखंड-कैडर के आईएएस अधिकारी अमित खरे उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को आकार देने में अहम योगदान दिया था। ‘आईआईएम’ अहमदाबाद से एमबीए करने वाले खरे ने दिसंबर 2019 में उच्च शिक्षा सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय (MIB) सचिव के रूप में भी कार्य किया है।
मणिपुर के पत्रकार संघ और राज्य के एडिटर्स गिल्ड ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' और उसके तीन सदस्यों को मणिपुर हिंसा को लेकर जारी की गई तथ्य-खोज रिपोर्ट के संबंध में कानूनी नोटिस भेजे हैं
मणिपुर के पत्रकार संघ और राज्य के एडिटर्स गिल्ड ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' (EGI) और उसके तीन सदस्यों को मणिपुर हिंसा को लेकर जारी की गई तथ्य-खोज रिपोर्ट के संबंध में अलग-अलग कानूनी नोटिस भेजे हैं। दरअसल, 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मणिपुर जातीय हिंसा की मीडिया कवरेज पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में केवल एक विशेष समुदाय के पक्ष में कथित 'पक्षपाती और प्रायोजित' जानकारी फैलाने का आरोप लगाया था, जिसके चलते अब दो पत्रकार संघों ने EGI को कानूनी नोटिस भेजा है।
आरोप है कि चार दिनों तक मणिपुर में रहने के बाद EGI की क्राउडफंडेड द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने 4 सितंबर को रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (AMWJU) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ मणिपुर (EGM) द्वारा EGI को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि EGI की रिपोर्ट के कारण हिंसा में वृद्धि हुई और वह भी तब जब मणिपुर सामान्य स्थिति में वापस आ रहा था।
नोटिस में कहा गया है, 'EGI जैसे संपादकों के एक शीर्ष निकाय से यह अपेक्षा की जाती है कि वह मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बहुत सावधानी बरतें, लेकिन तथाकथित रिपोर्ट ने उस आग में घी डालने का काम किया, जिसके चलते चार महीनें से मणिपुर जल रहा है।'
नोटिस में आगे कहा गया, 'रिपोर्ट ने न केवल मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा दिया, बल्कि झूठी खबरें फैलाईं, जो दुर्भावनापूर्ण, पक्षपाती, प्रायोजित और मनगढ़ंत थीं। केवल एक विशेष समुदाय को दुनिया के पक्ष में प्रचारित किया गया, जो पूरी तरह से पत्रकारिता की नैतिकता का उल्लंघन है।'
उन्होंने राज्य सरकार को लिखे मणिपुर वन विभाग के पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें EGI की तथ्यान्वेषी टीम द्वारा 'आरक्षित' और 'संरक्षित' वनों की स्थिति पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसएस छाबड़ा ने 8 सितंबर को मणिपुर सरकार को लिखे सात पन्नों के पत्र में कहा था कि रिपोर्ट में वन विभाग के खिलाफ लगाए गए आरोप 'गलत' और 'असत्यापित' थ और उन्होंने 'गलत सूचना को जन्म दिया है...' और वन विभाग की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।
अपनी रिपोर्ट में EGI ने आरोप लगाया था कि इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि संघर्ष के दौरान राज्य का नेतृत्व पक्षपातपूर्ण हो गया था। रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष सारांश (Concluding Summary) में राज्य के नेतृत्व पर कई टिप्पणियों के बीच कहा गया कि इसे जातीय संघर्ष में पक्ष लेने से बचना चाहिए था, लेकिन यह एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही, इसे पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए था।
इम्फाल स्थित सामाजिक कार्यकर्ता एन शरत सिंह द्वारा तथ्यान्वेषी टीम और EGI प्रमुख सीमा मुस्तफा के खिलाफ एक पुलिस मामला भी दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि EGI टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट 'झूठी, मनगढ़ंत और प्रायोजित' थी। इसके बाद, EGI अंततः सुप्रीम कोर्ट गया, जिसने उन्हें अगली सुनवाई तक पुलिस कार्रवाई से सुरक्षा दे दी।
आवेदकों को सलाह दी गई है कि वे इस बारे में 30 नवंबर 2022 को सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का संदर्भ ले सकते हैं।
‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने कहा है कि ऐसे मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स (MSO) जो अपनी प्रोग्रामिंग सेवाओं को किसी भी तरह (या तो सीधे अपने सबस्क्राइबर्स को अथवा एक या अधिक स्थानीय केबल ऑपरेटर्स के माध्यम से) से अपनी प्रोग्रामिंग सर्विस को उपलब्ध कराना चाहते हैं, उन्हें प्रोग्रामिंग सर्विसेज के लिए अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
आवेदकों को सलाह दी गई है कि वे इस बारे में 30 नवंबर 2022 को सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का संदर्भ ले सकते हैं। इन दिशानिर्देशों को आप यहां क्लिक कर भी देख सकते हैं।
प्रोग्रामिंग सर्विसेज के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदकों को ऑनलाइन एप्लीकेशन जमा करते समय निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे।
a. Certificate of Channel Carrying Capacity (Statewise) (Sell'-Certification).
b. Details of PS Channels operated at State Level
c. Details of PS Channels operated at District Level.
d. Filled in MHA Security Clearance Pro-forma.
e. Challan copy of payment made on Bharat Kosh Portal for registration of PS Channels.
यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन था। 23 सितंबर 2023 को वर्चुअल रूप से हुए कार्यक्रम में प्रतिष्ठित जूरी द्वारा चुने गए 30 साल से कम उम्र के 30 इंडस्ट्री लीडर्स को सम्मानित किया गया।
‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) समूह के ‘पब्लिक रिलेशंस और कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस’ (e4m PR and Corp Comm) अवॉर्ड के तीसरे एडिशन के तहत 30 साल से कम उम्र वाले प्रतिभाशाली 30 युवाओं (30 Under 30) की लिस्ट से पर्दा उठ गया है। 23 सितंबर 2023 को वर्चुअल रूप से हुए कार्यक्रम में इस लिस्ट से पर्दा उठाया गया और प्रतिष्ठित जूरी द्वारा चुने गए 30 साल से कम उम्र के 30 इंडस्ट्री लीडर्स को सम्मानित किया गया।
बता दें कि इस लिस्ट को तैयार करने का उद्देश्य 30 साल की उम्र तक के ऐसे 30 युवाओं को सम्मानित करना है, जिन्होंने न सिर्फ खुद को साबित किया है, बल्कि अपने संस्थान के साथ ही पब्लिक रिलेशंस और कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस इंडस्ट्री की ग्रोथ में काफी योगदान दिया है।
इस कार्यक्रम के तहत 120 से ज्यादा एंट्रीज प्राप्त हुईं, जिनमें से शॉर्टलिस्ट की गईं एंट्रीज को जूरी के सामने प्रदर्शित किया गया। जूरी ने इन विजेताओं के चयन के लिए तमाम पहलुओं पर गौर किया। पांच अगस्त 2023 को हुई वर्चुअल जूरी प्रक्रिया के लिए ग्रैंड जूरी को दो समूहों- ग्रुप ए और ग्रुप बी में विभाजित किया गया था।
इस साल ‘पीडब्ल्यूसी इंडिया’ (PwC India) की चीफ मार्केटिंग और कम्युनिकेशंस ऑफिसर नंदिनी चटर्जी और एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) और ‘बिजनेसवर्ल्ड’ (BW Businessworld) के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा जूरी चेयर थे।
जूरी में शामिल अन्य सदस्यों के नाम आप यहां देख सकते हैं। Ashim Gupta, chief brand and communications Officer, Spark Minda Group; Arun Arora, director - head and director - strategy and communications, Mavyn.in and Chetak Foundation; Ashutosh Sharma, global head of corporate communications and corporate affairs, HCL Technology; Anand Vaidya, global lead – PR and corporate communications, WebEngage; Anand Prakash, senior group head, Adfactors PR; Bhaskar Majumdar, head - corporate affairs, communications, CSR and digital, Egis in India; Bhawna Gupta, director – client relations. Hill+Knowlton Strategies; Ekta Bhaskar, global head – corporate communications, BLS International; Jagruti Kirloskar Saxena, SVP and head - corporate marketing and communications, ANAROCK; Jyotsna Dash Nanda, AVP – corporate communications, DS Group; Neha Bajaj, founder and director, Scroll Mantra; Pradeep Wadhwa, founder and principal, Kritical Edge Consulting Pvt. Ltd.; Priya Bellani, associate account director, 80 dB Communications; Rajat Chandihok, senior vice president, Concept PR; Smita Khanna, chief operating officer, Newton Consulting; Tanmana Rath, The Good Edge and Tarunjeet Rattan, managing partner, Nucleus PR.
'ई4एम पीआर एंड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन 30अंडर30 2023' के तीसरे एडिशन के विजेताओं की बहुप्रतीक्षित सूची आप यहां देख सकते हैं। बता दें कि इस सूची में कोई रैंकिंग नहीं है।
राजस्थान के बाड़मेर को अपनी इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की शुरुआत में बरसों तक कर्मभूमि बनाने वाले स्वर्गीय मनोज माथुर को शुक्रवार को सैकड़ों लोगो ने श्रद्धांजलि दी
राजस्थान के बाड़मेर को अपनी इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की शुरुआत में बरसों तक कर्मभूमि बनाने वाले स्वर्गीय मनोज माथुर को शुक्रवार को सैकड़ों लोगो ने श्रद्धांजलि दी। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर प्रेस क्लब की तरफ से डाक बंगले में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जी मीडिया में रीजनल के डिजिटल एडिटर स्वर्गीय मनोज माथुर को उनके असमय निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनका निधन 19 सितंबर को हुआ था। मनोज माथुर के परिवार में उनकी मां, पत्नी और बेटा है।
बाड़मेर के टीवी और प्रिंट पत्रकारों ने मनोज माथुर के दो साल तक बाड़मेर में की गई सकारात्मक खबरों को याद करते हुए उन्हें कलम का सच्चा सिपाही बताया। बाड़मेर में पत्रकारों ने क्रमवार माथुर जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए। आयोजन में पत्रकारों ने स्वर्गीय मनोज माथुर जी के व्यक्तित्व और कर्तत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्गीय मनोज माथुर ने बाड़मेर की सरहद, यहां की जनसमस्याओं, यहां की कला,परिवेश और लोकरंग को अपनी पत्रकारिता के जरिए आगे रखा। उनका असमय निधन ना केवल पत्रकारिता के लिए बल्कि हर आम ओ खास के लिए अपूरणीय क्षति है।
पत्रकारों और गणमान्य नागरिकों ने मनोज माथुर के परिवार को इस वज्राघात सहने की हिम्मत देने के साथ उनकी पुण्य आत्मा को श्री चरणों मे जगह देने की प्रार्थना की। श्रद्धांजलि सभा को नरेंद्र तनसुखानी, डॉक्टर प्रियंका चौधरी, खमान सिंह, राजेन्द्र सिंह,रघुवीर सिंह,दिनेश बोहरा और गोपाल कुमार ने संबोधित किया। वक्ताओं ने माथुर के निधन को एक स्वर्णिम पत्रकारिता के दौर का विराम बताते हुए उनकी कमी हमेशा महसूस करने की बात कही. पत्रकारों के साथ विभिन्न संगठनों से जुड़े पदाधिकारियो ने भी माथुर की तस्वीर को पुष्पांजलि अर्पित की।
बता दें कि मनोज माथुर 'जी मीडिया' में लंबे समय से जुड़े हुए थे। पहले वह 'जी' (राजस्थान) में एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। बाद में प्रबंधन ने उन्हें रीजनल में डिजिटल एडिटर की जिम्मेदारी सौंप दी थी।
मनोज माथुर को मीडिया में काम करने का करीब 23 साल का अनुभव था। पूर्व में वह करीब एक साल ‘इंडिया न्यूज’ (Indian News) और करीब साढ़े आठ साल ‘ईटीवी’ (etv) से भी जुड़े रहे थे।