इंडिया टुडे ग्रुप की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल यानी बार्क (BARC) के आदेश की अनुशासन समिति के आदेश को रद्द कर दिया है
इंडिया टुडे ग्रुप की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल यानी बार्क (BARC) के आदेश की अनुशासन समिति के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने कोर्ट रजिस्ट्रार के पास जमा कराई 5 लाख रुपए की पूरी राशि इंडिया टुडे ग्रुप को लौटाने के आदेश दिए हैं। इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
कोर्ट में मिली इस जीत को इंडिया टुडे ग्रुप ने ‘सत्य की जीत’ बताते हुए बयान जारी कर कहा, ‘45 साल से ज्यादा वक्त से हमने अपनी कड़ी मेहनत और विश्वसनीय पत्रकारिता के दम पर अपना मुकाम बनाया है। खबर दर खबर, संस्करण दर संस्करण, हर प्लेटफॉर्म पर हमने विश्वसनीयता, उत्कृष्टता, भरोसे और निष्पक्षता की मिसाल कायम की है। देश भर में इंडिया टुडे ग्रुप ने गोल्ड स्टैंडर्ड ऑफ जर्नलिज्म की अपनी पहचान बनाई है। राजनीतिक तौर पर बंटे दौर में हमारा राजनीतिक झुकाव सिर्फ और सिर्फ भारतीय संविधान पर है। हम इसी राह पर चलते हुए बेखौफ और निष्पक्ष पत्रकारिता करते हैं।’
इंडिया टुडे ग्रुप के खिलाफ़ आदेश को बाम्बे हाईकोर्ट ने रद्द किया। pic.twitter.com/osXe8V8tzN
— AajTak (@aajtak) November 5, 2020
बता दें कि ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने कथित टीआरपी घोटाले के मामले में इंडिया टुडे पर यह यह जुर्माना लगाया था, जिसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप ने बार्क की अनुशासन समिति द्वारा पारित आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि ये आदेश अन्य बातों के अलावा यथोचित कोरम और सबूत के बिना दिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने समिति के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया था और याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वो अदालत की रजिस्ट्री में (न कि बार्क में) पांच लाख रुपए जमा कराए। गुरुवार को कोर्ट ने रजिस्ट्रार के पास जमा कराई गई पूरी राशि इंडिया टुडे ग्रुप को लौटाने के आदेश दिए हैं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पशुपति शर्मा ने ‘इंडिया डेली लाइव’ (India Daily Live) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस चैनल में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर कार्यरत थे।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पशुपति शर्मा ने ‘इंडिया डेली लाइव’ (India Daily Live) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस चैनल में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर कार्यरत थे। 'समाचार4मीडिया' से बातचीत में उन्होंने इस खबर की पुष्टि की है।
बता दे ंकि ‘इंडिया डेली लाइव’ में उनके कंधों पर आउटपुट की प्लानिंग से लेकर खबरों को फ्लोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। सितंबर में ही उन्होंने इस चैनल से अपनी नई पारी का आगाज किया था।इससे पहले वह ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के साथ जुड़े थे। वह इस नेटवर्क के नेशनल हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज‘ (India News) में आउटपुट हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने करीब दो साल पहले इस चैनल में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। ‘इंडिया न्यूज’ के साथ पशुपति शर्मा की यह दूसरी पारी थी। पूर्व में भी वह इस चैनल में अपनी भूमिका निभा चुके थे।
‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले पशुपति शर्मा नोएडा से रीलॉन्च हुए चैनल ‘न्यूज इंडिया‘ (News India) में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इस चैनल की रीलॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
पूर्व में पशुपति शर्मा देश के कई बड़े मीडिया संस्थानों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह ‘आजतक’, ‘दिल्ली आजतक’, ‘न्यूज 24’, ‘इंडिया टीवी’ और ‘न्यूज नेशन’ में लंबे समय तक कार्यरत रहे हैं। ज्यादातर संस्थानों में वह कोर टीम का हिस्सा रहे और चैनल की प्लानिंग और उसे अमलीजामा पहनाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
पशुपति शर्मा एक पत्रकार के तौर पर नए प्रयोगों में यकीन रखते हैं और टीम के साथ मिलकर कुछ नया करने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। मूल रूप से पूर्णिया (बिहार) के रहने वाले पशुपति शर्मा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो दिल्ली स्थित जेएनयू से एमए, एमफिल करने के साथ ही उन्होंने माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। PCI ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह पुलिस को पत्रकारों की कार्यप्रणाली के बारे में जागरूक करें।
दरअसल, गाजियाबाद के स्थानीय सांसद अतुल गर्ग की शिकायत पर पत्रकार इमरान खान को गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने समाचार पत्र 'आप अभीतक' में एक खबर प्रकाशित की, जिसमें अतुल गर्ग के खिलाफ कुछ विवादित बातें थीं। यह खबर इस साल के लोकसभा चुनाव से पहले हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पर आधारित थी, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा ने अतुल गर्ग पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया था।
इस रिपोर्ट में "भाजपा ने भूमाफिया अतुल गर्ग को लोकसभा प्रत्याशी बना दिया" जैसी हेडलाइन छपी थी, जो सांसद गर्ग को नागवार गुजरी। छह महीने बाद, गर्ग ने मानहानि का मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि रिपोर्ट में उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
इमरान खान पर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें मानहानि, शांति भंग, आपराधिक साजिश और आईटी एक्ट की धाराएं शामिल हैं। पुलिस ने इसे "लोक उपद्रव मचाने" का मामला बताया है और खान को गिरफ्तार कर लिया गया।
इमरान खान का कहना है कि उन्होंने केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बातों को प्रकाशित किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर अपने अखबार में संपादकीय भी लिखा, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता पर हो रहे हमले पर चिंता व्यक्त की। खान का मानना है कि यह गिरफ्तारी उनकी मुस्लिम पहचान और राजनीतिक कारणों से की गई है।
वहीं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आज के दौर में संदेहवाहक को निशाना बनाना एक सामान्य बात हो गई है और यूपी सरकार से पत्रकारों की कार्यप्रणाली और कामकाज के संबंध में पुलिस कर्मियों को जागरूक करने की अपील की।
इस गिरफ्तारी के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। कई पत्रकारों और संगठनों ने इसे पत्रकारिता पर हमला बताया और पत्रकारों की स्वतंत्रता का समर्थन किया।
गिरफ्तारी के बाद इमरान खान ने अपने परिजनों से कहा कि वे सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे और अपनी कलम को नहीं दबने देंगे। उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी बताया कि पत्रकार होने के नाते सच्चाई को उजागर करना उनका फर्ज है।
संजय नागपाल इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ समूह में चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) यानी ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times Of India) ने संजय नागपाल को चीफ प्रॉडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, संजय एक अनुभवी आईटी प्रोफेशनल हैं, जिनके पास सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी आर्किटेक्चर, जनरेटिव एआई (GenAI), सुरक्षा और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
कंपनी के अनुसार, अपनी इस भूमिका में संजय संपादकीय नेतृत्व के साथ मिलकर न्यूजरूम के वर्कफ्लो को आधुनिक बनाने, एआई को एकीकृत करने और एक एकीकृत एडिटोरियल टेक स्टैक (जैसे CMS, DAM, आर्काइव, ई-पेपर, GenAI आदि) स्थापित करने पर फोकस करेंगे ताकि कार्य में तेजी और उत्पादकता बढ़े। इसके अतिरिक्त, वह ब्रैंड नेतृत्व के साथ काम कर उपभोक्ता डेटा के प्रभावी उपयोग की दिशा में तकनीकी नवाचार करेंगे, नए उत्पाद विकसित करेंगे जो प्रिंट बिजनेस को मजबूत बनाने के साथ-साथ BCCL की विकास यात्रा में योगदान देंगे।
बता दें कि टाइम्स समूह के साथ संजय नागपाल का यह दूसरा कार्यकाल है। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने चीफ मैनेजर के रूप में टेक्नोलॉजी से संबंधित बिजनेस को संभाला था। ‘टाइम्स समूह’ के साथ अपनी नई पारी शुरू करने से पहले संजय नागपाल अब तक ‘इंडिया टुडे’ समूह में चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इस दौरान उन्होंने डिजिटल-फर्स्ट टेक्नोलॉजी की पहल को आगे बढ़ाया और आजतक, इंडिया टुडे, GNT व मैग्ज़ीन्स जैसे बिजनेस टुडे, कॉस्मोपॉलिटन, हार्पर्स बाजार और रीडर्स डाइजेस्ट के लिए टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी पर काम किया।
उन्होंने देश का पहला वर्चुअल न्यूज एंकर तैयार करने में अहम भूमिका निभाई और AI/ML तकनीकों के जरिए कंटेंट जेनरेशन को बेहतर बनाने के लिए एक इन-हाउस एआई टूल भी विकसित किया। वह 'बैगइटटुडे' (Bagittoday) के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं।
नागपाल की लिंक्डइन प्रोफाइल में उन्हें खुद को "टेक्नोक्रेट" बताया है, जो इंटरनेट/वेब टेक्नोलॉजीज, टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर, एप्लिकेशन डेवलपमेंट और क्लाउड कंप्यूटिंग (AWS) जैसी विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञताओं में माहिर है। उनके पास आईटी और बिजनेस के बीच तालमेल बिठाने, आईटी रणनीति तैयार करने, ऑनलाइन तकनीकों को विकसित करने और बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा करने का व्यापक अनुभव है।
अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी इस याचिका पर नोटिस जारी किया है
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण वीडियो को सोशल मीडिया पर अवैध रूप से साझा करने, संपादित करने और किसी भी तरह से बदलने पर रोक लगा दी है।
इस मामले में दमोह के व्यवसायी डॉ. विजय बजाज ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अदालती कार्यवाही के वीडियो को सोशल मीडिया पर अवैध तरीके से पोस्ट किए जाने का विरोध किया। उनके वकील उत्कर्ष अग्रवाल के मुताबिक, ऐसा करना उच्च न्यायालय के लाइव स्ट्रीमिंग नियमों का उल्लंघन है।
अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी इस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से ऐसे वीडियो हटाने की बात कही गई है।
अग्रवाल ने बताया कि याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि जो लोग इन वीडियो से व्यूअरशिप के जरिए पैसे कमा रहे हैं, उनसे इस कमाई को वसूला जाए। अदालत में कुछ विशेष वीडियो भी पेश किए गए, जो अवैध रूप से अपलोड किए गए थे।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एस.के. कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई। पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार, सूचना प्रसारण मंत्रालय, मेटा प्लेटफॉर्म, यू.ट्यूब, एक्स और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सुरेश कुमार तिवारी करीब तीन साल से ‘पीटीआई’ से जुड़े हुए हैं। यहां आने से पहले वह 20 साल से ज्यादा समय से ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ में स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
देश की जानी-मानी न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) ने वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कुमार तिवारी को डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर प्रमोट किया है। सुरेश कुमार तिवारी करीब तीन साल से ‘पीटीआई’ से जुड़े हुए हैं और अब तक इसकी हिंदी सेवा ‘भाषा’ (Bhasha) में चीफ कॉपी एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इस संस्थान में अक्टूबर 2021 में ज्वॉइन किया था।
सुरेश कुमार तिवारी को मीडिया में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। ‘पीटीआई’ में आने से पहले वह 20 साल से ज्यादा समय से ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ (UNI) में स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
इस दौरान वह सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, सीबीआई, कानून मंत्रालय, लोकसभा, भारत का निर्वाचन आयोग सहित अनेक महत्वपूर्ण बीट कवर करते रहे हैं। उन्होंने न केवल देश के कोने कोने की यात्रा की है बल्कि यूरोप, अफ्रीका, एशिया, यूरेशिया, पूर्वी एशिया सहित दुनिया के विभिन्न देशों की यात्राएं करके अनेक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों को कवर किया है।
उनकी हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ है। प्रिंट में लंबा समय बिताने के बावजूद डिजिटल में भी उनकी अच्छी पकड़ है। उन्हें कानूनी मामलों का अच्छा जानकार माना जाता है।
पूर्व में वह ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran), ‘समाचार पोस्ट’ (Samachar Post ), ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (Times of India, patna) और ‘द इंडियन नेशन’ (The Indian Nation, patna) जैसे जाने-माने अखबारों में भी विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी और बीआर नायडू के नाम से मशहूर बोलिनेनि राजगोपाल नायडू की इस नियुक्ति को मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।
‘टीवी5’ (TV5) न्यूज चैनल के मालिक बोलिनेनि राजगोपाल नायडू को ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ (टीटीडी) बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। चंद्रबाबू नायडू के करीबी सहयोगी और बीआर नायडू के नाम से मशहूर बोलिनेनि राजगोपाल नायडू की इस नियुक्ति को मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।
नए टीटीडी बोर्ड में कई राज्यों के सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें आंध्र प्रदेश से तीन विधायक, तेलंगाना से पांच सदस्य, कर्नाटक से तीन, तमिलनाडु से दो और गुजरात व महाराष्ट्र से एक-एक सदस्य शामिल हैं। सत्तारूढ़ पार्टी की सहयोगी भाजपा से एक और सदस्य का नामांकन जल्द होने की संभावना है।
इस बोर्ड में जग्गमपेटा विधायक ज्योतुला नेहरू, कोवूर विधायक वेमिरेड्डी प्रशांति रेड्डी, मदकासिरा विधायक एम.एस. राजू, पूर्व केंद्रीय मंत्री पनाबाका लक्ष्मी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू और भारत बायोटेक की सह-संस्थापक सुचित्रा एला जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके साथ ही, जनसेना पार्टी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण द्वारा तीन सदस्यों की अनुशंसा की गई है, जिनमें आर्ट डायरेक्टर बुरगापु आनंद साई, तेलंगाना जन सेना पार्टी के उपाध्यक्ष बोन्गुनूरी महेंद्र रेड्डी और जनसेना पार्टी की संस्थापक सदस्य अनुगोला रंगश्री शामिल हैं।
हालांकि बीआर नायडू मूलतः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से हैं, लेकिन वह फिलहाल हैदराबाद में रहते हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी और हिंदू समुदाय के बीच अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध नायडू टीवी5 चैनल के माध्यम से भी अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
चित्तूर के कृषि क्षेत्र से जुड़े बीआर नायडू ने राजनीति में अपना कदम तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के संस्थापक एनटी रामाराव के कार्यकाल के दौरान रखा। तब से वह टीडीपी के समर्पित समर्थक बने रहे हैं।
बीआर नायडू का मीडिया क्षेत्र में सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने दो अक्टूबर, 2007 को श्रेया ब्रॉडकास्टिंग प्रा. लि. के तहत टीवी5 की शुरुआत की। नुजेन हेयर ऑयल के मालिक के रूप में उनकी उद्यमशील पृष्ठभूमि ने टीवी5 की लॉन्च के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान किया।
‘टीवी5’ ने नायडू के नेतृत्व में कई विस्तार किए हैं। तेलुगु न्यूज चैनल के रूप में शुरुआत करने के बाद, चैनल ने अमेरिका में तेलुगु भाषी दर्शकों के लिए टीवी5 यूएसए लॉन्च किया। अगस्त 2016 में, चैनल ने टीवी5 मनी नाम से एक डिजिटल वेंचर की शुरुआत की, जो यूट्यूब, मोबाइल ऐप्स और आईपीटीवी प्लेटफॉर्म्स के जरिए रीयल-टाइम फाइनेंसियल और बिजनेस न्यूज उपलब्ध कराता है।
टीवी5 ने 29 मार्च, 2017 को उगादी पर्व पर हिंदू धर्मम नामक एधार्मिक और आध्यात्मिक चैनल लॉन्च किया। उसी साल, 2 अक्टूबर को टीवी5 कन्नड़ चैनल का शुभारंभ किया गया, जो कर्नाटक पर केंद्रित है।
डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है
डिज्नी इंडिया में स्टूडियो के हेड विक्रम दुग्गल ने रिलायंस और डिज्नी के मर्जर के बाद बनी नई इकाई का हिस्सा न बनने का फैसला किया है, लेकिन वह डिज्नी के साथ जुड़े रहेंगे।
स्टार में विक्रम दुग्गल ने डिज्नी, पिक्सर, मार्वल, लुकासफिल्म, 20th सेंचुरी स्टूडियोज और सर्चलाइट पिक्चर्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स की वैश्विक फिल्मों और फॉक्स स्टार स्टूडियोज के तहत स्थानीय प्रोडक्शंस का जिम्मा संभाला है। उन्होंने देश में इन ग्लोबल फिल्मों की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के अलावा, स्थानीय प्रोडक्शंस के लिए क्रिएटिव, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटजी का नेतृत्व किया है।
उनके नेतृत्व में स्टूडियो का कारोबार उपभोक्ता, रचनात्मकता और स्थानीयकरण पर केंद्रित रहकर तेजी से बढ़ा है। उनके मार्गदर्शन में 'एवेंजर्स: एंडगेम' (2019 में भारत में नंबर 1 फिल्म), 'एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर', 'थॉर रग्नारोक', 'ब्लैक पैंथर', 'द लॉयन किंग' और 'फ्रोजन 2' जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाए।
इससे पहले, विक्रम ने स्टूडियोज बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का नेतृत्व किया था और डिज्नी इंडिया में कॉर्पोरेट रणनीति और बिजनेस ग्रोथ की जिम्मेदारियां भी संभाली थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मीडिया नेटवर्क्स बिजनेस के लिए मार्केटिंग और डिजिटल इनीशिएटिव्स का नेतृत्व किया और भारत में डिज्नी के टीवी बिजनेस के निर्माण में रचनात्मक सहयोग किया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी के स्टार इंडिया के बीच मर्जर नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले डिज्नी स्टार के कंट्री मैनेजर और प्रेसिडेंट के. माधवन और डिज्नी + हॉटस्टार के प्रमुख सजीत सिवानंदन भी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं।
'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा।
'डेंट्सु इंडिया' (Dentsu India) ने IWMBuzz Media के साथ मिलकर 'इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स' के तीसरे संस्करण की घोषणा की है, जो 7 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भारत के गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छूने और इंडस्ट्री में बेहतरीन प्रतिभा, नवाचार और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए तैयार है।
भारत गेमिंग अवॉर्ड्स का उद्देश्य गेमिंग जगत के अहम लोगों को एक साथ लाना है, जिसमें शीर्ष गेमर्स, बड़े फैन समुदाय, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स और प्लेटफॉर्म्स शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उन लोगों को पहचान देने पर केंद्रित है, जो भारत में गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स का भविष्य बना रहे हैं।
'डेंट्सु इंडिया' इस इवेंट में 'Dentsu Gaming Report' का भी अनावरण करेगा, जो भारत के गेमिंग परिदृश्य का पहली बार व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इंफ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल प्लेयर्स, पब्लिशर्स, कंटेंट क्रिएटर्स और इंडस्ट्री के लीडर्स की चुनौतियों और महत्वाकांक्षाओं का गहराई से अध्ययन किया जाएगा। रिपोर्ट में भारत के गेमिंग क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर भी रोशनी डाली जाएगी।
डेंट्सू साउथ एशिया के सीईओ हर्ष राजदान ने कहा, “भारत का गेमिंग परिदृश्य एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और इसके विकास की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। हम इस बदलाव के निर्माता बनकर इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दिशा में कार्यरत हैं। इस पहल से हमारा लक्ष्य केवल भारत में गेमिंग के भविष्य को आकार देना नहीं है, बल्कि इसे वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी बनाना है।”
डेंट्सू साउथ एशिया के प्रेजिडेंट व चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने कहा कि यह साझेदारी गेमिंग में ब्रैंड्स के लिए नई संभावनाओं को खोलने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "हम 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' (Dentsu Gaming Report) के माध्यम से भारत में गेमिंग का एक गाइड बना रहे हैं, जो ब्रैंड्स को इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा।”
IWMBuzz Media के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लाइक ने कहा, “IWMBuzz Media ने भारत गेमिंग अवॉर्ड्स जैसे कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। Dentsu के साथ यह साझेदारी इस आइडिया को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी और 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का लॉन्च भारत के गेमिंग इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।”
यह आयोजन गेमिंग इंडस्ट्री के प्रमुख खिलाड़ियों, टॉप गेमर्स, फैन समुदायों, पब्लिशर्स, ब्रैंड्स, और प्लेटफॉर्म्स को एक मंच पर लाएगा। इसका उद्देश्य भारत के गेमिंग इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और उन लोगों का सम्मान करना है जो भारतीय गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स के भविष्य को आकार दे रहे हैं।
इस इवेंट में डेंट्सु इंडिया द्वारा 'डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट' का भी अनावरण किया जाएगा, जो भारत के गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र का एक व्यापक विश्लेषण पेश करेगा। इस रिपोर्ट में गेमर्स, डेवलपर्स, इन्फ्लुएंसर्स, प्रोफेशनल एथलीट्स, पब्लिशर्स और कंटेंट क्रिएटर्स की महत्वाकांक्षाओं और चुनौतियों पर गहराई से प्रकाश डाला जाएगा।
डेंट्सु साउथ एशिया के CEO हर्षा रजदान ने कहा, "भारत की गेमिंग इंडस्ट्री एक अहम मोड़ पर है। हमारी प्रतिबद्धता इस उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की है। डेंट्सु गेमिंग रिपोर्ट और इंडिया गेमिंग अवॉर्ड्स जैसी पहल के माध्यम से हम भारतीय गेमिंग उद्योग को विश्व स्तर पर एक सशक्त ताकत बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं।"
डेंट्सु साउथ एशिया के प्रेसिडेंट और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर नारायण देवनाथन ने बताया कि यह साझेदारी भारत में ब्रैंड्स के लिए गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स में संभावनाओं को खोलने का एक अवसर है।
IWMBuzz मीडिया के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लैके ने कहा, "IWMBuzz ने गेमिंग एंटरटेनमेंट में हमेशा से नवीन पहल की है। डेंट्सु के साथ हमारी यह साझेदारी भारत में गेमिंग के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।"
इस आयोजन के माध्यम से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसे वैश्विक पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
नई दिल्ली स्थित फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) ने अपनी गवर्निंग कमेटी का पुनर्गठन किया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। इस पुनर्गठित कमेटी में भारतीय मीडिया के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। बता दें कि FCC के अध्यक्ष एस. वेंकट नारायण ने इस पुनर्गठन की घोषणा की।
इन प्रमुख व्यक्तियों ने FCC की गवर्निंग कमेटी में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है:
इसके अलावा, इन वरिष्ठ पत्रकारों ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है:
- राजा मोहन, स्तंभकार, दि इंडियन एक्सप्रेस
- प्रणब ढल समंता, कार्यकारी संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स
- दीपांजन रॉय चौधरी, विदेश मामलों के संपादक, दि इकोनॉमिक टाइम्स
- रुद्रनील घोष, वरिष्ठ सहायक संपादक, संपादकीय पृष्ठ संपादक, दि टाइम्स ऑफ इंडिया
FCC गवर्निंग कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी:
- अध्यक्ष: एस. वेंकट नारायण, स्तंभकार, द आइलैंड, श्रीलंका
- उपाध्यक्ष: वाइल एस. एच. अव्वाद, सीरियन अरब न्यूज एजेंसी (SANA)
- सचिव: प्रकाश नंदा, दि यूरेशियन टाइम्स, कनाडा
- कोषाध्यक्ष: पीएम नारायणन, मुख्य निर्माता, *जर्मन टीवी*
गवर्निंग कमेटी के अन्य मौजूदा सदस्य:
- ताकुरो इवाहाशी, ब्यूरो प्रमुख, क्योदो न्यूज, जापान
- अयंजित सेन, विशेष संवाददाता, श्रीलंका गार्जियन
- सिद्धार्थ श्रीवास्तव, चैनल न्यूजएशिया इंटरनेशनल
- आगा जीलानी, ब्रिक्स जर्नल, दक्षिण अफ्रीका
- एमडी अमीनुल इस्लाम, संवाददाता, संगबाद संघ
- राजेश कुमार मिश्रा, ब्यूरो प्रमुख, कांतिपुर मीडिया ग्रुप, नेपाल
FCC साउथ एशिया का परिचय:
साउथ एशिया के फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (FCC) में 500 से अधिक पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल हैं, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मालदीव, अफगानिस्तान और तिब्बत को कवर करते हैं। FCC का उद्देश्य पत्रकारों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे संवाद और सहयोग कर सकें।
इस क्लब में विदेशी संवाददाताओं के साथ-साथ स्थानीय पत्रकारों का भी स्वागत है। क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस, स्पोर्ट्स स्क्रीनिंग, बुक लॉन्च और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे पत्रकारों को संवाद का एक सशक्त माध्यम मिलता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय प्रभावशाली व्यक्तित्वों, जिन्हें 'फिनफ्लुएंसर' कहा जाता है, पर कड़ी पकड़ बनाते हुए एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सेबी ने सभी पंजीकृत संस्थाओं, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरीज को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों में सभी बिना पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव समाप्त कर दें। सेबी का यह कदम निवेशकों को उन जोखिमों से बचाने के लिए उठाया गया है जो बिना पंजीकरण वाले फिनफ्लुएंसर्स द्वारा शेयर बाजार की सलाह देने के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। इन सलाहों में अक्सर भ्रामक दावे किए जाते हैं और पारदर्शिता का अभाव होता है।
सेबी के ताजा सर्कुलर में यह साफ किया गया है कि उसके द्वारा पंजीकृत सभी संस्थाओं और उनके एजेंट्स को ऐसे किसी व्यक्ति के साथ अनुबंध खत्म करना होगा, जो शेयर से संबंधित सलाह दे रहे हैं या निवेश रिटर्न का दावा कर रहे हैं। कई फिनफ्लुएंसर्स बिना सेबी की अनुमति के बड़े फॉलोअर बेस को प्रभावित कर रहे हैं और अपने वित्तीय संबंधों का खुलासा किए बिना मुनाफा कमा रहे हैं।
इससे पहले, जून 2024 में सेबी ने इन फिनफ्लुएंसर्स को नियामक दायरे में लाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि, कई फिनफ्लुएंसर्स ने इन नियमों का पालन करने से बचते हुए सेबी-पंजीकृत संस्थाओं के साथ अप्रत्यक्ष संबंधों के माध्यम से काम करना जारी रखा, जिससे निवेशकों के निर्णय पर इसका असर पड़ा है।
सर्कुलर में सेबी ने स्पष्ट किया है कि उसके पंजीकृत संस्थानों को बिना सेबी की मंजूरी के ऐसे व्यक्तियों के साथ किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन, तकनीकी संपर्क, या ग्राहक रेफरल नहीं करना चाहिए जो बिना पंजीकरण के निवेश सलाह दे रहे हैं। यह प्रतिबंध उन संस्थानों पर लागू नहीं होगा जो केवल निवेश शिक्षा में लगे हैं और जो रिटर्न या प्रदर्शन का दावा नहीं करते।
भारत में फिनफ्लुएंसर्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। शीर्ष नाम जैसे शरण हेगड़े (2.6 मिलियन फॉलोअर्स), दिनेश किरौला (879K फॉलोअर्स) और केतन माली (572K फॉलोअर्स) करोड़ों लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सेबी का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय सलाह में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे गलत सलाह से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।