प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुजरात के प्रमुख समाचार पत्र 'गुजरात समाचार' से जुड़े कारोबारी बाहुबली शाह को शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुजरात के प्रमुख समाचार पत्र 'गुजरात समाचार' से जुड़े कारोबारी बाहुबली शाह को शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। बाहुबली शाह राज्य के प्रभावशाली मीडिया समूहों में से एक लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक हैं, जो न सिर्फ अखबार प्रकाशित करता है बल्कि GSTV नामक न्यूज चैनल भी संचालित करता है।
ED ने शाह से जुड़ी 15 से अधिक कंपनियों की जांच की और अलग-अलग परिसरों पर छापेमारी के बाद उन्हें हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एजेंसी की ओर से अब तक इस कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर मीडिया को दबाने के इरादे से केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “गुजरात समाचार को निशाना बनाना सिर्फ एक अख़बार नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश है। जब सत्ता को आइना दिखाने वाले संस्थानों पर ताले लगाए जाते हैं, तो समझ लीजिए कि लोकतंत्र खतरे में है।”
गुजरात समाचार को खामोश करने की कोशिश सिर्फ एक अख़बार की नहीं, पूरे लोकतंत्र की आवाज़ दबाने की एक और साज़िश है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 16, 2025
जब सत्ता को आईना दिखाने वाले अख़बारों पर ताले लगाए जाते हैं, तब समझ लीजिए लोकतंत्र खतरे में है।
बाहुबली शाह की गिरफ्तारी डर की उसी राजनीति का हिस्सा है, जो अब मोदी…
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “गुजरात समाचार लगातार मोदी सरकार की आलोचना करता रहा है। बाहुबली शाह की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि सरकार स्वतंत्र मीडिया को अपने अनुसार चलाने के लिए दबाव बना रही है।”
The Gujarat Samachar is fearless in its critique of the Modi-led BJP regime. The ED arrest of owner Bahubali Shah is the BJP’s way of making independent media bend and toe the regime’s line.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) May 16, 2025
This also reeks of the BJP’s familiar modus operandi of using investigative agencies to…
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे भाजपा की हताशा करार दिया। उन्होंने कहा, “पिछले 48 घंटों में गुजरात समाचार और GSTV पर आयकर और ED की छापेमारी और अब शाह की गिरफ्तारी, ये सब यूं ही नहीं हुआ। यह भाजपा की तानाशाही प्रवृत्ति का प्रमाण है।”
बीते 48 घंटों में गुजरात समाचार और GSTV पर IT और ED के छापे, और फिर उनके मालिक बाहुबलीभाई शाह की गिरफ्तारी — ये सब एक इत्तेफाक नहीं है। ये बीजेपी की उस बौखलाहट का संकेत है, जो हर उस आवाज़ को खामोश करना चाहती है जो सच बोलती है, सवाल पूछती है। देश और गुजरात की जनता बहुत जल्द इस…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 16, 2025
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि 'गुजरात समाचार' बीते ढाई दशक से भाजपा की नीतियों की आलोचना करता रहा है और यही वजह है कि अब उसे और उसके मालिकों को निशाना बनाया जा रहा है।
गुजरात के सब से बड़े न्यूज़ पेपर "गुजरात समाचार" के मालिक तंत्री बाहुबली शाह की आज ED ने गिरफ्तारी की वह बेहद शर्मनाक है! हम गुजरात समाचार के साथ खडे है! पिछले 25 सालों से ईस अखबार ने मोदी शाह की नीतियों की जो धुलाई की है, उसका बदला लेने की भावना से ईस कृत्य को अंजाम दिया है! pic.twitter.com/b238VpK9Ko
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 15, 2025
इस पूरे मामले को लेकर अब निगाहें ED की अगली कार्रवाई और सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। मीडिया जगत और विपक्ष इसे प्रेस की आजादी पर सीधा हमला मान रहे हैं।
'टाइम्स नेटवर्क' में वह डिजिटल हिंदी वीडियो क्लस्टर के हेड के तौर पर कई यूट्यूब चैनल्स की कमान संभाल रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार मुनीष देवगन ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) से विदाई ली है। मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ में करीब चार साल से कार्यरत थे। यहां डिजिटल हिंदी वीडियो क्लस्टर के हेड के तौर पर वह कई यूट्यूब चैनल्स की कमान संभाल रहे थे। माना जा रहा है कि मुनीष देवगन जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की डिजिटल टीम में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, फिलहाल इस बारे में न तो एनडीटीवी और न ही मुनीष देवगन की ओर से आधिकारिक रूप से पुष्टि हो पाई है।
टाइम्स नेटवर्क की ओर से जारी एक इंटरनल ईमेल में मुनीष देवगन को टाइम्स डिजिटल को टॉप पर ले जाने के लिए आभार व्यक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में Times Now Navbharat यूट्यूब पर महीनों तक नंबर 1 चैनल बना रहा।
इस दौरान उन्होंने अलग-अलग डिजिटल शोज के लिए 20 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीते। मुनीष ने खुद कई ओरिजिनल और प्रभावशाली कंटेंट तैयार किए, जिन्हें करोड़ों लोगों ने देखा और सराहा।
इस साल महाकुंभ पर उनकी विशेष कवरेज बेहद सफल रही। इससे पहले भी वे कई ओरिजिनल स्पेशल शूट्स और स्टोरीज के लिए जाने जाते रहे हैं। उनका माफिया सीरीज़, क से कहानी और डिजिटल टॉक जैसे शोज दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रहे और करोड़ों व्यूज प्राप्त हुए।
मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले मुनीष देवगन को मीडिया में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। धैर्य और मल्टीटास्किंग के लिए पहचाने जाने वाले मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ से पहले करीब 15 साल तक ‘आजतक’ में विभिन्न विभागों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। सबसे अलग और हटकर स्टोरी के लिए मुनीष देवगन जाने जाते हैं, जैसे तिहाड़ जेल में 24 घंटे, जीबी रोड में एक दिन जैसे कई सुपरहिट शो उन्होंने बनाए। मुनीष देवगन को उनके नए सफर के लिए अग्रिम रूप से बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।
माना जा रहा है कि वह जल्द ही एक अन्य बड़े मीडिया संस्थान के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं।
अपनी बेहतरीन पेशकश, शानदार आवाज़ और अनोखी शैली के लिए पहचानी जाने वाली सीनियर न्यूज एंकर मारिया शकील ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया है। मारिया शकील ने अगस्त 2023 में ‘एनडीटीवी’ समूह के अंग्रेजी न्यूज चैनल NDTV 24x7 में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर (नेशनल अफेयर्स) जॉइन किया था।
मारिया शकील का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही एक अन्य बड़े मीडिया संस्थान के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं।
बता दें कि समाचार4मीडिया ने आज ही एक खबर दी थी, जिसमें मीडिया गलियारों में चर्चा का हवाला देते हुए कहा गया था कि क्या मारिया शकील 'एनडीटीवी' छोड़ रही हैं? लेकिन अब इस खबर पर आधिकारिक रूप से मुहर लग गई है।
यह भी पढ़ें: क्या ‘NDTV’ छोड़ रही हैं सीनियर टीवी जर्नलिस्ट मारिया शकील?
बता दें कि ‘एनडीटीवी’ से पहले वह करीब 18 साल तक CNN-News18 से जुड़ी रहीं और वहां सीनियर पॉलिटिकल एडिटर एवं स्पेशल ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाली। 2005 में वहीं से करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने देश की बड़ी राजनीतिक घटनाओं की फ्रंटलाइन कवरेज की और तमाम दिग्गज नेताओं के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किए।
पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए मारिया शकील को ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके शो ‘NewsEpicentre’ को प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्ष 2016 में वह शेवेनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप भी जीत चुकी हैं।
मूल रूप से बिहार की रहने वाली मारिया शकील ने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
वरुण कोहली के इस कदम के बाद टाइम्स ग्रुप में सीईओ (एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस) रोहित गोपाकुमार अब न्यूज ब्रॉडकास्टिंग वर्टिकल का अतिरिक्त अंतरिम प्रभार भी संभालेंगे।
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) में सीओओ (न्यूज ब्रॉडकास्ट बिजनेस) के पद पर कार्यरत वरुण कोहली ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पिछले साल जून में इस नेटवर्क में जॉइन किया था। वरुण कोहली के इस कदम के बाद टाइम्स ग्रुप में सीईओ (एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस) रोहित गोपाकुमार अब न्यूज ब्रॉडकास्टिंग वर्टिकल का अतिरिक्त अंतरिम प्रभार भी संभालेंगे।
बता दें कि ‘टाइम्स नेटवर्क’ में अपने करीब साढ़े 13 महीने के कार्यकाल में वरुण कोहली ने यहां अहम ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाली। स्ट्रैटेजी, लीडरशिप, जनप्रबंधन, सेल्स और मार्केटिंग में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले कोहली को ‘हैंड्स-ऑन’ प्रोफेशनल माना जाता है। उन्हें कई ब्रैंड्स लॉन्च करने और उन्हें लाभदायक बनाने के साथ-साथ संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और टीम को बेहतर दिशा देने का श्रेय दिया जाता है।
वरुण कोहली इससे पहले ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) में डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। अब तक कई बड़े संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके वरुण कोहली को करीब 30 साल का अनुभव है। पूर्व में वह आईटीवी नेटवर्क में करीब आठ साल तक कार्यरत रहे हैं। वरुण कोहली बतौर सीओओ और रेवेन्यू हेड आईटीवी नेटवर्क से जुड़े थे, इसके बाद उन्हें यहां पहले सीईओ और फिर ग्रुप सीईओ की जिम्मेदारी मिली थी।
‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले वरुण कोहली ‘टीवी18’ में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट थे और ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के रेवेन्यू की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके अलावा वरुण कोहली ‘डीएनए’ अखबार, Mogae Media, ‘मेल टुडे’ अखबार, हिन्दुस्तान टाइम्स, अमर उजाला, डेक्कन क्रॉनिकल और ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ में भी अहम पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
कोहली का नाम प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कई हाई-प्रोफाइल लॉन्चिंग और टर्नअराउंड प्रोजेक्ट्स से जुड़ा रहा है। उन्होंने राजस्व वृद्धि, दर्शकों की भागीदारी और ब्रैंड निर्माण में अहम योगदान दिया है। सहकर्मी उन्हें एक भरोसेमंद, विश्वसनीय और समर्पित प्रोफेशनल के रूप में जानते हैं, जो पूरी जवाबदेही और व्यवसायिक नतीजों की पूरी जिम्मेदारी लेने में विश्वास रखते हैं।
‘टाइम्स नेटवर्क’ में कोहली के पद छोड़ने के बाद, टीवी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग बिज़नेस के कार्यों (फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन को छोड़कर) से जुड़े लोग सीधे रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे। वहीं, फाइनेंस और लीगल की जिम्मेदारी पहले की तरह जगदीश मूलचंदानी के पास रहेगी, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन के मामले में वे अब न्यूज और एंटरटेनमेंट, दोनों बिजनेस के लिए गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे।
टाइम्स ग्रुप ने रोहित गोपाकुमार को एक नई अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल रोहित गोपाकुमार टाइम्स नेटवर्क के न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस का अतिरिक्त और अंतरिम प्रभार संभालेंगे।
टाइम्स ग्रुप ने रोहित गोपाकुमार को एक नई अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल रोहित गोपाकुमार टाइम्स नेटवर्क के न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस का अतिरिक्त और अंतरिम प्रभार संभालेंगे। उनका नया कार्यकाल 13 अगस्त से शुरू हो चुका है। रोहित गोपाकुमार वर्तमान में टाइम्स ग्रुप के एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस के सीईओ हैं।
यह जिम्मेदारी उन्हें वरुण कोहली के पद छोड़ने के बाद सौंपी गई है, जो न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे।
कंपनी ने बताया कि टाइम्स ग्रुप के टीवी न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस से जुड़े सभी कार्य (फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन को छोड़कर) अब सीधे रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे। फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्यभार पहले की तरह जगदीश मुलचंदानी संभालते रहेंगे, जो एमडी ऑफिस के साथ मिलकर फाइनेंस और लीगल से जुड़े मामलों पर काम करते हैं और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कार्यों के लिए रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे।
गोपाकुमार पिछले 12 सालों से टाइम्स ग्रुप के साथ जुड़े हुए हैं। नई जिम्मेदारी के साथ-साथ वे सीईओ- जूम एंटरटेनमेंट नेटवर्क लिमिटेड, डायरेक्टर– वर्ल्डवाइड मीडिया और टाइम्स स्ट्रैटेजिक सॉल्यूशंस लिमिटेड तथा टाइम्स नेटवर्क के डिजिटल बिजनेस के हेड के रूप में कार्यरत रहेंगे। वे आगे भी टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन को रिपोर्ट करते रहेंगे और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ (नॉन-पब्लिशिंग बिजनेस) एन. सुब्रमणियन के साथ निकटता से काम करेंगे।
नेहा बड़जात्या ने गूगल इंडिया में मार्केटिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह इस टेक दिग्गज कंपनी से करीब 14 साल से जुड़ी हुई थीं।
नेहा बड़जात्या ने गूगल इंडिया में मार्केटिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह इस टेक दिग्गज कंपनी से करीब 14 साल से जुड़ी हुई थीं।
नेहा बड़जात्या को मार्च 2020 में गूगल का मार्केटिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया था और वह गूगल इंडिया के लिए कंज्यूमर ऐप्स (सर्च, जेमिनी, मैप्स) और प्लेटफॉर्म्स व डिवाइसेज़ (पिक्सल, एंड्रॉयड और प्ले स्टोर) की मार्केटिंग गतिविधियों का नेतृत्व कर रही थीं।
गूगल से पहले, वह वायाकॉम18 में थीं और वहां ब्रांडेड कंटेंट की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
बड़जात्या इससे पहले जी टर्नर और लिंटास के साथ भी काम कर चुकी हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में अभिनव पांडेय ने बताया कि वह एक नए मीडिया वेंचर के साथ जल्द नई शुरुआत करने जा रहे हैं।
युवा पत्रकार अभिनव पांडेय ने हिंदी न्यूज प्लेटफॉर्म ‘द लल्लनटॉप’ (The Lallantop) से इस्तीफा दे दिया है। वह यहां करीब तीन साल से कार्यरत थे और बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। हालांकि, अभिनव ने यहां से इस्तीफा तो कुछ दिन पहले ही दे दिया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा अब की है।
अलविदा Lallantop…
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) August 13, 2025
इन रंगों को समेटे हुए अब नए रंग भरने निकल पड़ा हूं. शुक्रिया संस्थान, अब कुछ नया करने का वक़्त है… pic.twitter.com/rWVFvWa1WA
समाचार4मीडिया से बातचीत में अभिनव पांडेय ने बताया कि वह एक नए मीडिया वेंचर के साथ जल्द नई शुरुआत करने जा रहे हैं। इस मीडिया वेंचर को देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा। इसमें यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और ऐप आदि शामिल होंगे।
‘द लल्लनटॉप’ से पहले अभिनव पांडेय करीब पांच साल तक 'एबीपी न्यूज' (ABP News) में भी काम कर चुके हैं। मूल रूप से प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के रहने वाले अभिनव पांडेय ने वहीं से पढ़ाई-लिखाई की है। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई दिल्ली स्थित ‘आईआईएमसी’ (IIMC) से की है।
समाचार4मीडिया की ओर से अभिनव पांडेय को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ऋषभ गुलाटी प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स जीत चुके हैं।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शामिल ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने वरिष्ठ पत्रकार ऋषभ गुलाटी को प्रमोशन का तोहफा देते हुए ‘न्यूजएक्स’ (NewsX), 'न्यूजएक्स वर्ल्ड’ (NewsX World), ‘NXT’ और ‘द इंडियन एरीना पोलो लीग’ (The Indian Arena Polo League) का सीईओ नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 13 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी।
इस बारे में ‘आईटीवी फाउंडेशन’ की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, ‘iTV Network में उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट हमारे काम का मूल है और यह पदोन्नति हमारे बिजनेस की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई है। आंतरिक रूप से, इससे तेज निर्णय लेने और बेहतर क्रॉस-प्लेटफॉर्म तालमेल में मदद मिलेगी। जबकि बाहरी तौर पर हम बदलते मीडिया माहौल की चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकेंगे।’
इसके साथ ही उन्होंने ‘मैं ऋषभ को नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई देती हूं। वह टेलीविजन इंडस्ट्री में काफी अनुभवी हैं और मुझे विश्वास है कि यह बदलाव हमारे दर्शकों के लिए कंटेंट की गुणवत्ता को और बढ़ाएगा।’
वहीं, इस पदोन्नति के बारे में ऋषभ गुलाटी का कहना था, ‘मैं श्री कार्तिकेय शर्मा और डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी के योग्य समझा। हमने एक ऐसी टीम और विरासत बनाई है जो पहले से ही खास है। मैं न्यूजएक्स को ‘पीपल फर्स्ट’, ‘कंज्यूमर सेंट्रिक’ और ‘सॉल्यूशन ओरिएंटेड’ न्यूज फोरम के रूप में और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘न्यूजएक्स वर्ल्ड' को एक ग्लोबल ब्रैंड के रूप में स्थापित करना मिशन है। NXT पहले ही ‘भारत’ और दुनिया के भविष्य से जुड़े मुद्दों पर एक ट्रेंडसेटर बन चुका है। इंडियन एरीना पोलो लीग के जरिये भारत के ऐतिहासिक खेल को बढ़ावा देने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास समर्पित, कर्मठ और मेहनती टीम है और उनके साथ आगे बढ़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।’
बता दें कि ऋषभ गुलाटी देश के जाने-माने पत्रकार हैं और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दो दशक का अनुभव है। ऋषभ गुलाटी ने ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी’ से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन किया है। इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड की ‘मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी’ से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स की डिग्री ली है। ऋषभ गुलाटी पूर्व में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) और ‘इंडिया टुडे नेटवर्क’ (India Today Network) के साथ भी काम कर चुके हैं। महज तीस साल की उम्र में वह ‘न्यूजएक्स’ के एडिटोरियल हेड बन गए थे।
ऋषभ ‘ऑस्ट्रेलिया-इंडिया यूथ फोरम’ (AIYD) 2016 के छात्र रह चुके हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ऋषभ गुलाटी प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स जीत चुके हैं।
प्रो. रामजीलाल जांगिड़ ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने न केवल अपने समय में पत्रकारिता की दिशा को संवारा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) में हिंदी पत्रकारिता विभाग के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. रामजीलाल जांगिड़ की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने विशेष रूप से भाग लिया। इस अवसर पर प्रो. सिंह बघेल ने डॉ. जांगिड़ के पत्रकारिता और शिक्षण क्षेत्र में योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने डॉ. जांगिड़ की दूरदृष्टि, समर्पण और हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध बनाने के प्रयासों को सराहा। डॉ. जांगिड़ का जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे, तथा उनके द्वारा स्थापित मानक हिंदी पत्रकारिता में गुणवत्ता और नवाचार की मिसाल कायम करते रहेंगे।
आपको बता दें, प्रो. रामजीलाल जांगिड़ ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने न केवल अपने समय में पत्रकारिता की दिशा को संवारा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। वे भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के हिंदी विभाग के पहले अध्यक्ष थे और हिंदी पत्रकारिता शिक्षा की व्यवस्थित शुरुआत कराने में उनका योगदान अमिट है। 9 अगस्त, 2025 को प्रो. जांगिड़ ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
मतदान सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चला और कुल 1295 वर्तमान व पूर्व सांसदों में से लगभग 690 ने वोट डाले, जो अब तक की सबसे ज्यादा भागीदारी है।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव (प्रशासन) पद पर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ साबित की। मंगलवार को हुए चुनाव में उन्होंने अपने ही दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को हराया। करीब ढाई दशक से इस पद पर रूडी का दबदबा कायम है। कई बार वे बिना मुकाबले विजयी रहे हैं, जबकि इस बार मुकाबला सख्त माना जा रहा था।
मतदान सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चला और कुल 1295 वर्तमान व पूर्व सांसदों में से लगभग 690 ने वोट डाले, जो अब तक की सबसे ज्यादा भागीदारी है। मतगणना 26 राउंड में हुई, जिसमें शुरुआती दौर से ही रूडी ने बढ़त बनाए रखी।
मतदान में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे दिग्गजों ने भी हिस्सा लिया। बालियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ग्रामीण राजनीति के प्रभावशाली चेहरे माने जाते हैं, जबकि रूडी लंबे समय से सत्ताधारी दल की केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में लोकसभा अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव की भूमिका क्लब के प्रशासन और कार्यक्रम संचालन में अहम मानी जाती है। इस चुनाव में सचिव पद के साथ 11 कार्यकारी सदस्यों के लिए भी मतदान हुआ, जिसमें 14 उम्मीदवार मैदान में थे।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को कहा कि जहां एक ओर न्यायालय के फैसलों का समाज पर प्रभाव पड़ता है
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को कहा कि जहां एक ओर न्यायालय के फैसलों का समाज पर प्रभाव पड़ता है, वहीं न्यूज रिपोर्टिंग लोगों की सोच और आचरण को बदलने की क्षमता रखती है।
वे ‘न्यायपालिका और मीडिया: साझा सिद्धांत, समानताएं और असमानताएं’ विषय पर भाषण दे रहे थे। यह व्याख्यान ‘प्रेम भाटिया पत्रकारिता पुरस्कार और स्मृति व्याख्यान’ के अंतर्गत एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किया गया।
जस्टिस खन्ना ने प्रेस और न्यायपालिका को लोकतांत्रिक व्यवस्था के दो प्रहरी बताते हुए कहा कि ये दोनों कार्यपालिका और विधायिका की अतिरेक प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा, “निर्णयों का समाज पर असर होता है, लेकिन न्यूज कवरेज हमारी सोच और व्यवहार को बदल सकता है। हम न्यूज के प्रभाव को कम आंकते हैं। खबरें सिर्फ तथ्यों का निष्क्रिय स्रोत नहीं हैं, बल्कि वे हमारी जिंदगी में अनजाने में दखल देती हैं। हमें यह एहसास नहीं होता कि हम लगातार खबरों के ‘सूप’ में पक रहे हैं।”
जस्टिस खन्ना के अनुसार, लोकतांत्रिक समाज में न्यूज या मीडिया रिपोर्टिंग तभी “स्वस्थ” कही जा सकती है, जब उसमें पूर्वाग्रह, पक्षपात या ध्रुवीकरण का जहर न हो। उन्होंने कहा, मीडिया यह कार्य सीधे तरीके से करता है, जबकि न्यायपालिका इसे अधिक सूक्ष्म ढंग से निभाती है।
उन्होंने कहा, “दोनों, जब सही तरह से काम करते हैं, तो सच इसीलिए बोलते हैं कि लोकतंत्र को उकसाया नहीं, बल्कि संरक्षित और मजबूत किया जाए। आखिरकार, जनता के लिए, जनता द्वारा और जनता की सरकार का मतलब है मजबूत निगरानी संस्थाएं।”
जस्टिस खन्ना ने जोर देकर कहा कि दोनों संस्थाओं की वैधता जनता के भरोसे से आती है, जो तर्क, ईमानदारी और निष्पक्षता पर आधारित होता है। यदि पक्षपात, गलत सूचना या स्वतंत्रता की कमी आ जाए, तो यह भरोसा टूट सकता है और “अधिकार इसके शिकार बन जाते हैं। इसलिए दोनों पेशों में निष्पक्षता, न्याय और वस्तुनिष्ठता के प्रति अडिग प्रतिबद्धता जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75 साल बाद सवाल यह है कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी “और व्यापक, अधिक समावेशी और अधिक मजबूत” हुई है। “क्या इसने नई आवाजों, गहरे असहमति और बदलते विमर्श को जगह दी है? क्या यह वर्तमान समय की जरूरतों का सार्थक जवाब दे रही है?”
उन्होंने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का महत्व ही है जो इसे राजनीतिक और कार्यपालिका के अतिक्रमण, डिजिटल विकृति और आर्थिक असुरक्षा जैसी चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बनाता है।
उन्होंने कहा, “हम अलग-अलग तरीकों से सुनते और काम करते हैं- आप कहानियों और लेखों के जरिए, हम दलीलों, मौखिक बहस और लिखित फैसलों के जरिए। लेकिन हमारा उद्देश्य एक है- सच की आवाज की रक्षा करना, निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ बने रहना। ऐसा करने पर हम स्वतंत्रता और आजादी को कायम रखते हैं।”
जस्टिस खन्ना ने कहा कि जिम्मेदार पत्रकारिता पूरी कहानी कहती है, भावनाएं भड़काए बिना, सार्वजनिक बहस को सीमित किए बिना, और विभिन्न दृष्टिकोणों को बिना छिपे एजेंडे के सामने लाती है। उन्होंने जोड़ा, “जज सभी पक्षों को तौलकर विवेचित निर्णय देते हैं, पत्रकारिता को भी यही अनुशासन और मानक अपनाने चाहिए। सटीकता और निष्पक्षता पर कोई समझौता नहीं हो सकता। सच, दृष्टिकोण और आलोचनात्मक सोच, यही साझा धरातल है जिस पर न्याय और स्वतंत्र प्रेस खड़े हैं।”
उन्होंने चेतावनी दी कि मीडिया को ऐसी किसी भी बात को गढ़ने, तोड़ने-मरोड़ने या काटने-छांटने से बचना चाहिए, जिससे जनता प्रभावित हो सकती है। “मीडिया को संवाद और आलोचनात्मक सोच में संलग्न होना चाहिए।”
जस्टिस खन्ना ने कहा कि हालांकि दोनों संस्थाएं- मीडिया और न्यायपालिका कुछ अहम अंतर रखती हैं। “मीडिया राय बनाने का संस्थान है- इस मामले में आप न्यायपालिका से कहीं आगे हैं। जज संवैधानिक पदाधिकारी होते हैं जो अभिलेख पर मौजूद तथ्यों के आधार पर कानून की व्याख्या करते हैं और अपने फैसलों के जरिए बोलते हैं। हम अपने मामले खुद नहीं चुनते, न ही अदालत के बाहर उन पर टिप्पणी करते हैं। हमें अपने संवैधानिक कार्य में संपादकीय राय नहीं देनी चाहिए, जो ऐसा करता है, वह न्यायिक जीवन की शपथ से धोखा करता है।”
उन्होंने ‘पीत पत्रकारिता’ के नए रूपों से सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि ‘तेज खबरों’ के अपने दुष्परिणाम होते हैं।
उन्होंने कहा, “पहला, इससे पाठक/दर्शक की गहन सोचने की क्षमता घट जाती है। गहराई से सोचना मेहनत और ऊर्जा मांगता है। सोशल मीडिया आकर्षक है और ज्यादातर समय यह न तो गहन सोचने की क्षमता चाहता है और न समय।”
जस्टिस खन्ना के अनुसार, आज के युवा जटिल मुद्दों पर लगातार सोचने की क्षमता खो चुके हैं। उन्होंने कहा, “संज्ञानात्मक तर्क क्षमता घट रही है। नतीजा यह है कि सबसे अच्छे विचार ऊपर नहीं आते। ऐसे विचार आगे बढ़ते हैं जिनके पीछे बहुसंख्यक समर्थन, समानता, विरोध, भावनात्मक चुप्पी आदि हो।”
उन्होंने टीवी डिबेट्स की ओर इशारा करते हुए कहा, “आज कोई भी विषय सचमुच सुरक्षित नहीं है। हम हर शाम ‘फ्लेम वॉर’ देखते हैं। ऑनलाइन कड़वी बहसें पुल बनाने में मदद नहीं करतीं।”
उन्होंने निष्कर्ष में कहा कि न्यायपालिका और प्रेस दो अलग और स्वतंत्र अंग हैं, लेकिन उनकी सेहत परस्पर निर्भर है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “संविधान ने हम सबको अलग-अलग भूमिकाएं दी हैं। किसी को भी दूसरे की भूमिका हथियानी नहीं चाहिए।”