एडिटर्स गिल्ड ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से संसद की कार्यवाही को कवर करने के लिए मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटाने का फिर आग्रह किया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से संसद की कार्यवाही को कवर करने के लिए मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने का एक बार फिर आग्रह किया है। बता दें कि इस बाबत एडिटर्स गिल्ड ने एक जुलाई 2024 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को एक पत्र लिखा था।
एडिटर्स गिल्ड ने इसी पत्र में लिखी मांग को दोहराते हुए हाल ही में 'एक्स' पर कहा EGI संसद के भीतर पत्रकारों की पहुंच पर लगाए गए नए प्रतिबंधों की निंदा करता है। हम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से अपनी पिछली मांग दोहराते हैं, जिसमें सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने से पत्रकारों पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया गया है।
EGI has written to the Speaker of Lok Sabha, @ombirlakota, and Chairman of Rajya Sabha, Sh Jagdeep Dhankhar, @RajyaSabha, urging removal of access restrictions on journalists from reporting on House proceedings.
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) July 1, 2024
Letters shared with PM and leaders of various parties pic.twitter.com/EsCPKx3rQZ
एडिटर्स गिल्ड ने बिरला को लिखे पत्र में कहा था कि स्थायी मान्यता प्राप्त पत्रकारों सहित मीडियाकर्मियों की संख्या को सीमित करने का कदम तब उठाया गया, जब कोरोना प्रोटोकाल लागू थे।
गिल्ड ने पत्र में आगे कहा, देश ने इस संकट से लड़ाई लड़ी है और आगे बढ़ गया है। हम आशा करते हैं कि (संसद की कार्यवाही को कवर करने के लिए मीडिया पर लगे) प्रतिबंध भी समाप्त किए जाएं।
गिल्ड ने धनखड़ से आग्रह किया कि सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए सदन में पूर्ण प्रवेश बहाल किया जाए और उन्हें प्रवेश के लिए अतिरिक्त पास लेने की आवश्यकता न हो। साथ ही गिल्ड ने प्रशासनिक बोझ को कम करने के प्रयासों के दौरान नौकरशाही प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इसके अतिरिक्त, गिल्ड ने उस समय केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल के मार्गदर्शन में 1929 में स्थापित प्रेस सलाहकार समिति के पुनर्गठन न होने पर भी आशंका व्यक्त की।
वर्गीज ने 31 जुलाई 2025 को ‘जियोस्टार’ में हेड (रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट और इंटरनेशनल) के पद से आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।
‘जियोस्टार’ (JioStar) में हेड (रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट और इंटरनेशनल) के पद से इस्तीफा देने के बाद अजीत वर्गीज एक बार फिर 'मैडिसन मीडिया इनफिनिटी' (Madison Media Infinity) में सीईओ और पार्टनर की भूमिका में लौटने जा रहे हैं। उन्होंने करीब दो दशक पहले इसी एजेंसी की इनफिनिटी डिवीजन में सीओओ (COO) के तौर पर काम किया था।
वर्गीज ने 31 जुलाई 2025 को ‘जियोस्टार’ में हेड (रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट और इंटरनेशनल) के पद से आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। इस भूमिका में उन्होंने टेलीविजन, डिजिटल और इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर मॉनेटाइजेशन (राजस्व बढ़ाने) की जिम्मेदारी संभाली थी। हालांकि इस पद पर उनका कार्यकाल छोटा रहा, लेकिन प्रभावशाली रहा। उनके जाने के बाद इस पद की जिम्मेदारी महेश शेट्टी को सौंपी गई है। बता दें कि रिलायंस और डिज्नी के जॉइंट वेंचर ‘जियोस्टार’ को नवंबर 2024 में लॉन्च किया गया था।
मैडिसन में वर्गीज की वापसी को एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री में एक ‘फुल सर्कल’ मोमेंट के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि यहीं से उनका करियर वास्तव में आगे बढ़ा था। वर्गीज ने वर्ष 1999 में ‘मैडिसन वर्ल्ड’ में बतौर हेड ऑफ प्लानिंग (कोका-कोला अकाउंट) शुरुआत की थी। वर्ष 2000 में वह बिजनेस यूनिट हेड बने और फिर 2004 में मैडिसन इनफिनिटी के सीओओ बने। इस दौरान इनफिनिटी डिवीजन ने 40 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज की और McDonald’s, Marico, Asian Paints और Axis Bank जैसे बड़े क्लाइंट्स को जोड़ा।
वर्ष 2006 में वर्गीज ने मैडिसन को अलविदा कहकर WPP के साथ अपना सफर शुरू किया। उन्होंने Maxus India के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाली और फिर वर्ष 2014 में Maxus Asia Pacific के CEO बने। इसके बाद वह वर्ष 2017 में Wavemaker के ग्लोबल प्रेजिडेंट बने और लंदन से 60 से अधिक देशों के ऑपरेशंस की निगरानी की।
वर्ष 2020 में उन्होंने ‘शेयरचैट’ (ShareChat) और ‘मोज’ (Moj) में चीफ कमर्शियल ऑफिसर की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने भारत के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए मॉनेटाइजेशन और क्रिएटर इकोनॉमी स्ट्रैटेजी को आकार दिया। इसके बाद उन्होंने जनवरी 2023 में ‘डिज्नी स्टार’ जॉइन किया और वहां नेटवर्क एडवर्टाइजिंग सेल्स का नेतृत्व किया, जिसमें लिनियर और डिजिटल दोनों रेवेन्यू वर्टिकल्स शामिल थे।
मैडिसन में उनकी दोबारा नियुक्ति को कंपनी के लिए एक रणनीतिक सफलता मानी जा रही है। मैडिसन अब वर्गीज के वैश्विक नेतृत्व अनुभव और एजेंसी ग्रोथ, मीडिया नेटवर्क्स और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की गहरी समझ से लाभ उठाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस संबंध में मैडिसन की ओर से जल्द ही आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है।
महेश शेट्टी ने नवंबर 2024 में ‘जियोस्टार’ को जॉइन किया था, इससे पहले वह ‘वायकॉम18’ (Viacom18) में हेड ऑफ नेटवर्क सेल्स के पद पर कार्यरत थे।
अजीत वर्गीज के इस्तीफे के बाद महेश शेट्टी को ‘जियोस्टार’ (JioStar) में हेड ऑफ रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह नेटवर्क में हेड ऑफ रेवेन्यू, लार्ज कस्टमर सेल्स बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अब इस नई भूमिका में वह ‘जियोस्टार’के टेलीविज़न, डिजिटल और इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर मॉनेटाइजेशन (राजस्व वृद्धि) की स्ट्रैटेजी का नेतृत्व करेंगे। महेश शेट्टी ने नवंबर 2024 में ‘जियोस्टार’ को जॉइन किया था, इससे पहले वह ‘वायकॉम18’ (Viacom18) में हेड ऑफ नेटवर्क सेल्स के पद पर कार्यरत थे।
‘जियोस्टार’ में शुरुआती दौर में वह अजीत वर्गीज को रिपोर्ट करते थे और बड़े विज्ञापनदाताओं के साथ प्रमुख क्लाइंट संबंध और मल्टी-प्लेटफॉर्म सॉल्यूशंस संभाल रहे थे। इस पदोन्नति के साथ, शेट्टी अब एक महत्वपूर्ण लीडरशिप भूमिका में आ गए हैं, खासकर उस समय जब रिलायंस और डिज्नी का यह जॉइंट वेंचर तेजी से इंटीग्रेटेड मीडिया पहलों का विस्तार कर रहा है।
दो दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, शेट्टी ने मीडिया, सेल्स और स्ट्रैटेजिक लीडरशिप में अपनी खास पहचान बनाई है। उन्होंने विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर मजबूत क्लाइंट रिलेशनशिप और रेवेन्यू ग्रोथ को लगातार बढ़ाया है। ‘वायकॉम18’ में उनका कार्यकाल तेज और सटीक रेवेन्यू स्ट्रैटेजी के लिए जाना गया, जहां उन्होंने विविध शैलियों और दर्शकों के बीच वैल्यू डिलीवरी पर फोकस किया।
इसके पहले, शेट्टी ने ‘रेडियो मिर्ची’ (Radio Mirchi) में लंबे समय तक काम किया, जहां उन्होंने चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जैसे कई लीडरशिप पदों पर अपनी भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने कंपनी में बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन, मार्केट में मौजूदगी को मजबूत करने और ऑडियो स्पेस में डिजिटल इनोवेशन पर काफी काम किया।
अब ‘जियोस्टार’ में शेट्टी की जिम्मेदारी होगी कि वह एंटरटेनमेंट प्रॉपर्टीज पर रेवेन्यू स्ट्रैटेजी को लीड करें और मल्टी-स्क्रीन, बिखरे हुए मीडिया मार्केट्स में क्लाइंट एंगेजमेंट को मजबूत करें। ब्रॉडकास्ट, रेडियो और डिजिटल ईकोसिस्टम की गहरी समझ के साथ, शेट्टी नेटवर्क की कॉमर्शियल स्ट्रैटेजी को नई दिशा देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बता दें कि रिलायंस और डिज्नी के जॉइंट वेंचर ‘जियोस्टार’ को नवंबर 2024 में गठित किया गया था।
‘जियोस्टार’ (JioStar) में हेड (रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट और इंटरनेशनल) के पद से अजीत वर्गीज ने इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी ‘जियोस्टार’ के एंप्लॉयीज को भेजे गए एक इंटरनल मेमो के जरिये सामने आई है। इस पद पर उनकी भूमिका नेटवर्क के टेलीविजन, डिजिटल और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर मुद्रीकरण यानी मॉनेटाइजेशन की स्ट्रैटेजी को आगे बढ़ाने की थी।
यह इस्तीफा उस समय हुआ है, जब अजीत वर्गीज़ को इस उच्च-स्तरीय भूमिका को संभाले एक साल भी पूरा नहीं हुआ था। बता दें कि रिलायंस और डिज्नी के जॉइंट वेंचर ‘जियोस्टार’ को नवंबर 2024 में गठित किया गया था।
‘जियोस्टार’से पहले, अजीत वर्गीज ‘डिज्नी स्टार’ में नेटवर्क एडवर्टाइजिंग सेल्स का नेतृत्व कर रहे थे, जहां वे लिनियर टेलीविज़न और डिजिटल दोनों वर्टिकल्स के रेवेन्यू के लिए जिम्मेदार थे। उन्होंने जनवरी 2023 में ‘डिज्नी स्टार’ को हेड ऑफ नेटवर्क सेल्स के तौर पर जॉइन किया था।
सूत्रों के मुताबिक, अब महेश शेट्टी को ‘जियोस्टार’ में हेड ऑफ रेवेन्यू, एंटरटेनमेंट की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। शेट्टी इससे पहले ‘जियोस्टार’ में हेड ऑफ क्लाइंट एंगेजमेंट और क्रॉस-स्क्रीन लिवरेज के पद पर कार्यरत थे। अपने 20 साल से अधिक के करियर में महेश शेट्टी मीडिया और सेल्स की दुनिया के कई बड़े ब्रैंड्स के साथ काम कर चुके हैं। ‘जियोस्टार’ से पहले वह ‘वायकॉम18’ (Viacom18) में नेटवर्क सेल्स हेड थे।
वहीं, तीन दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले वर्गीज को क्रिएटिव सोच और बिजनेस स्ट्रैटेजी को साथ लेकर चलने के लिए जाना जाता है। उनका करियर वर्ष 1999 में ‘मैडिसन वर्ल्ड’ (Madison World) से शुरू हुआ, जहां वे ‘कोका-कोला’ (Coca-Cola) के लिए प्लानिंग हेड थे। वर्ष 2000 में वह बिजनेस हेड बने और ‘कोका-कोला’ की स्ट्रैटेजी को नया रूप दिया। वर्ष 2004 में वह ‘मैडिसन’ की Infinity डिवीजन के सीओओ बने। वर्ष 2006 में वर्गीज WPP से जुड़े और Maxus India के मैनेजिंग डायरेक्टर बने।
करीब 13 वर्षों तक वहां काम करते हुए वह वर्ष 2014 में Maxus Asia Pacific के CEO और फिर 2017 में Wavemaker के ग्लोबल प्रेजिडेंट बने। लंदन स्थित इस भूमिका में उन्होंने 60 से अधिक देशों में एजेंसी के प्रदर्शन (KPI) की निगरानी की और कंपनी को भविष्य-उन्मुख एजेंसी के रूप में स्थापित किया।
वर्ष 2020 में वह ‘शेयरचैट’ (ShareChat) और ‘मोज’ (Moj) में चीफ कमर्शियल ऑफिसर बने, जहां उन्होंने मॉनेटाइजेशन, मार्केटिंग और क्रिएटर इकोनॉमी की रणनीति को दिशा दी।
वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने TV9 नेटवर्क से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यहां तीन साल छह महीने तक सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर (कॉरपोरेट, नेशनल सिक्योरिटी और स्ट्रैटजिक अफेयर्स) की अहम भूमिका निभाई।
वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने TV9 नेटवर्क से इस्तीफा दे दिया है। कौल ने नेटवर्क में तीन साल छह महीने तक बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर (कॉरपोरेट, नेशनल सिक्योरिटी और स्ट्रैटजिक अफेयर्स) की अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने TV9 और उसके OTT प्लेटफॉर्म News9Plus के लिए 70 से अधिक डॉक्यूमेंट्रीज का निर्माण और निर्देशन किया, जिनके लिए उन्हें 20 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
उन्हें मुंबई प्रेस क्लब द्वारा रेड इंक स्पेशल मेंशन अवॉर्ड और संडे गार्जियन फाउंडेशन व जेठमलानी परिवार की ओर से राम जेठमलानी जर्नलिज्म प्राइज भी मिल चुका है, जिसमें एक गोल्ड मेडल और ₹14 लाख की इनामी राशि शामिल है। 2024 में उन्हें एक्सचेंज4मीडिया की ओर से ‘जर्नलिज्म ऑफ करेज’ के लिए 40 अंडर 40 अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।
TV9 नेटवर्क में रहते हुए उन्होंने प्रतिष्ठित NEWS9 ग्लोबल समिट्स की परिकल्पना और लॉन्चिंग में भी निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने भारत, जर्मनी और UAE में आयोजित इन समिट्स की क्यूरेशन और होस्टिंग की, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डेविड कैमरन, टोनी एबॉट जैसे वैश्विक नेताओं और डॉ. एस. जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अब्दुल्ला शाहिद और मरिया दीदी जैसे मंत्रियों ने भाग लिया।
हालांकि कौल ने अब तक आधिकारिक तौर पर अपने अगले कदम की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे जल्द ही एक प्रतिष्ठित टेलीविजन न्यूज नेटवर्क में वरिष्ठ संपादकीय नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। संभव है कि वे सितंबर में अपनी नई भूमिका संभालें।
'समाचार4मीडिया' से बात करते हुए कौल ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की और TV9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास और माय होम ग्रुप के वाइस चेयरमैन रामू राव जुपल्ली का उनके कार्यकाल के दौरान मिले समर्थन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
आदित्य राज कौल को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और संघर्ष कवरेज पर भारत के अग्रणी संपादकीय आवाजों में शुमार किया जाता है। जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान मामलों पर भी उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है। वे पहलगाम आतंकी हमले की रिपोर्टिंग करने वाले पहले पत्रकारों में शामिल रहे, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लॉन्च की जानकारी सार्वजनिक की। भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान उनके विश्लेषण और खबरों को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से सराहा गया।
कौल फिल्म 'उरी' के निर्देशक आदित्य धर की अगली फिल्म धुरंधर के लिए भी मुख्य कंसल्टेंट हैं, जिसमें रणवीर सिंह, संजय दत्त, आर. माधवन, अक्षय खन्ना और अर्जुन रामपाल जैसे कलाकार नजर आएंगे।
मीडिया जगत में 16 वर्षों के अनुभव के साथ कौल ने भारत और विदेश की प्रमुख मीडिया संस्थाओं जैसे Network18, Times Now, The Times of India, Republic TV और कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (CBC) में काम किया है।
द्वैपायन बोस वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्हें देश-विदेश में प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन पत्रकारिता में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर सुधीर चौधरी की कंपनी Essprit Productions ने द्वैपायन बोस को चीफ कंटेंट ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। द्वैपायन बोस वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्हें देश-विदेश में प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन पत्रकारिता में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
अपने अब तक के करियर में वह देश के तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ संपादकीय पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इनमें ‘DNA’ के एडिटर-इन-चीफ, ‘IndiaToday.in’ के एडिटर, ‘Mail Today’ के एडिटर और ‘The Times Of India’ व ‘Hindustan Times’ में रेजिडेंट एडिटर जैसे बड़े पद शामिल हैं।
द्वैपायन बोस ‘Network18’ समूह की वेबसाइट ‘News18.com’ के लॉन्चिंग एडिटर भी रहे हैं और उन्होंने ‘India Today’ समूह के साथ मिलकर देश का पहला ऑनलाइन अखबार ‘newspapertoday.com’ लॉन्च करने वाली टीम का हिस्सा भी रहे हैं।
उन्होंने दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, जयपुर, भोपाल और कई अन्य प्रमुख शहरों में न्यूज़रूम की शुरुआत की और उनका नेतृत्व किया है। अलग-अलग क्षेत्रों और प्लेटफॉर्म्स पर उन्होंने एडिटोरियल स्ट्रैटेजी तैयार करने और लागू करने का महत्वपूर्ण काम किया है। उन्हें लेखन, संपादन, न्यूजरूम नेतृत्व, कंटेंट निर्माण और विविध ऑडियंस के अनुसार एडिटोरियल प्रॉडक्ट को ढालने में महारत हासिल है।
बोस ‘Thomson Reuters’फेलो रह चुके हैं और उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन और शोध कार्य किया है। वह ब्रिटिश चेवनिंग स्कॉलर के तौर पर ‘द संडे टाइम्स’ (लंदन) में इंटर्नशिप भी कर चुके हैं। इसके साथ ही बतौर लेखक वह पत्रकारिता, मीडिया इनोवेशन और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर लिखते रहते हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में रोहित पुनेठा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि वह एक अगस्त को नई पारी की शुरुआत करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार रोहित पुनेठा ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) को बाय बोल दिया है। वह लंबे समय से इस संस्थान में कार्यरत थे और ‘इंडिया न्यूज नेशनल’ में आउटपुट हेड के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें पिछले साल सितंबर में ही इस पद पर प्रमोट किया गया था और वह दिल्ली में आउटपुट डिपार्टमेंट के साथ अपनी भूमिका निभा रहे थे। रोहित पुनेठा इससे पहले यहां पर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में रोहित पुनेठा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि वह अपनी नई पारी की शुरुआत ‘न्यूज इंडिया’ (News India) चैनल से बतौर आउटपुट एडिटर करने जा रहे हैं। वह एक अगस्त को इस चैनल में जॉइन करेंगे।
बता दें कि पुनेठा ने वर्ष 2008 में देहरादून से उत्तराखंड के न्यूज चैनल ‘टीवी100’ से टीवी पत्रकारिता में करियर की शुरुआत की थी। टीवी पत्रकारिता में अपनी अब तक की पारी के दौरान रोहित ‘साधना न्यूज़’, ‘टोटल न्यूज़’ के अलावा ‘न्यूज एक्सप्रेस’ और ‘आजतक’ में भी काम कर चुके हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से रोहित पुनेठा को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ऋचा अनिरुद्ध, भारतीय मीडिया का एक प्रतिष्ठित और जाना-पहचाना नाम है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर ऋचा अनिरुद्ध मीडिया में जल्द अपनी नई पारी की शुरूआत करने जा रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक ऋचा अनिरुद्ध अब ‘नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ (Network18 Media & Investments Limited) की टीम में शामिल होंगी। वह इस नेटवर्क के तेजी से उभरते डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कड़क’ (Kadak) में बतौर कंसल्टेंट जॉइन करने जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, वह एक अगस्त से यहां कार्यभार संभालेंगी।
गौरतलब है कि ऋचा अनिरुद्ध, भारतीय मीडिया का एक प्रतिष्ठित और जाना-पहचाना नाम है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है और अपनी प्रतिभा के दम पर बहुत ही कम समय में खास मुकाम हासिल किया है। ऋचा अनिरुद्ध की छवि एक गंभीर और जनोन्मुखी पत्रकार व एंकर की है। पूर्व में ऋचा लंबे समय तक ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के साथ जुड़ी रहीं, जहां वे चैनल के मशहूर शो 'जिंदगी लाइव' को होस्ट करती थीं।
ऋचा ने अपने पत्रिकारिता करियर की शुरुआत साल 2002 में जी न्यूज के साथ बतौर रिपोर्टर और एंकर की। 2005 में वे ‘चैनल7’ से जुड़ गई। हालांकि बाद में इस चैनल का नाम बदलकर ‘आईबीएन7’ कर दिया गया और फिर ‘न्यूज18इंडिया’। 2007 में उन्हें बहुप्रचलित शो ‘जिंदगी लाइव’ को होस्ट करने का मौका मिला और इस शो को उन्होंने ख्याति के मुकाम तक पहुंचा दिया। साथ ही ऋचा भी पत्रकारिता जगत में एक चमकता हुआ सितारा बन गईं। ‘जिंदगी लाइव’ शो को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, साथ ही उन्होंने भी कई बार इसकी बेस्ट एंकरिंग का खिताब अपने नाम किया।
यही नहीं, वर्ष 2014 से 2021 तक उन्होंने ‘बिग एफएम’ पर रेडियो शो भी किए हैं। ऋचा अनिरुद्ध को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर गहरी पकड़ है। मीडिया के अतिरिक्त अन्य माध्यमों से भी वे अपने सामाजिक दायित्वों का सम्यक निर्वाह करती हैं। साल 2013 के बाद से टीवी से उन्होंने दूरी भले ही बना ली लेकिन उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल ‘जिंदगी विद ऋचा‘ (Zindagi with Richa) के माध्यम से लोगों से जुड़ाव बनाए रखा है। अब वह एक बार फिर न्यूज रूम का हिस्सा बनने जा रही हैं।
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार और ‘नेटवर्क18’ समूह में कंसल्टिंग एडिटर शमशेर सिंह के नेतृत्व में ‘कड़क’ ने अपने पंख फैलाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत जहां इस टीम में कई बड़े नाम शामिल हो रहे हैं, वहीं यहां भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस वर्टिकल में कई और बड़े नाम शामिल होंगे।
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त और सांस्कृतिक विश्लेषक उदय माहुरकर ने एक बार फिर भारतीय मीडिया में फैल रहे अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त और सांस्कृतिक विश्लेषक उदय माहुरकर ने एक बार फिर भारतीय मीडिया में फैल रहे अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने मीडिया प्लेटफॉर्म्स, फिल्म मेकर्स और यहां तक कि ब्रैंड्स पर भी आरोप लगाया कि वे एक खतरनाक एजेंडा चला रहे हैं, जो देश की नैतिकता को खोखला कर रहा है।
एक विस्तृत बातचीत में माहुरकर ने बताया कि इस तरह के कंटेंट का इकोसिस्टम कैसे विकसित हुआ है, उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल लोगों को सीधे तौर पर निशाना बनाया और सरकार से मांग की कि वह इस पर तुरंत कार्रवाई करे। उन्होंने इसे "सांस्कृतिक आतंकवाद" बताया।
माहुरकर ने चेतावनी दी कि आज के इन "सांस्कृतिक आतंकवादियों" से जो नुकसान हो सकता है, वह उन शासकों की तबाही से भी ज्यादा गंभीर हो सकता है जिन्होंने सदियों तक भारत पर राज किया। उन्होंने कहा, "खिलजी, तुगलक, लोधी और औरंगजेब जैसे मूर्तिभंजक शासकों ने सैकड़ों वर्षों तक राज किया, फिर भी हमारी संस्कृति को खत्म नहीं कर सके। लेकिन अगर इन सांस्कृतिक आतंकवादियों को नहीं रोका गया तो ये कुछ ही वर्षों में हमारी संस्कृति को खत्म कर देंगे।"
इसके साथ ही उन्होंने विज्ञापनों में "आधा या कम कपड़े पहने" महिलाओं को दिखाने की प्रवृत्ति की भी कड़ी आलोचना की और सख्त रेगुलेशन की मांग की। उन्होंने कहा,"इस पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए। ये नियंत्रण सिर्फ फिल्मों पर नहीं, बल्कि विज्ञापनों और हर ऑडियो-विजुअल प्लेटफॉर्म पर लागू होना चाहिए।"
उदय माहुरकर अश्लील, विकृत और यौन उत्तेजक कंटेंट के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने सरकार द्वारा हाल ही में 25 ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंध का स्वागत किया, लेकिन इसे सिर्फ एक शुरुआत बताया। उनके अनुसार, भारत को ऐसे अश्लील कंटेंट के खिलाफ उतनी ही कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जितनी अमेरिका ड्रग्स के खिलाफ करता है, क्योंकि यह कंटेंट रेप, तलाक और भारत की संस्कृति और चरित्र को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने संसद से अपील की कि वह ‘इंडीसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वीमेन एक्ट’ को और सख्त बनाए और पॉर्नोग्राफी पर पूरी तरह से रोक लगाए।
OTT, फिल्में और ब्रैंड्स पर सीधा निशाना
माहुरकर ने AltBalaji जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर जो कंटेंट दिखाया जा रहा है, उस पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि एक शो में एक पुरुष किरदार को अपनी दादी, सौतेली मां, भाभी और चचेरी बहन के साथ अवैध संबंध बनाते हुए दिखाया गया- वो भी बिना किसी नैतिक परिणाम के। उनके मुताबिक ये केवल कल्पना नहीं है, बल्कि मनोरंजन के नाम पर विकृति को सामान्य बनाया जा रहा है।
फिल्मों की टाइमिंग पर संदेह
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 24 फरवरी को इस विषय में कार्रवाई की चेतावनी दी थी, तो फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग “Sabarmati Report” जैसी राष्ट्रवादी भावनाओं से जुड़ी फिल्में बनाने लगे ताकि वे कानूनी कार्रवाई से बच सकें और सत्ता के करीब बने रहें।
'जिस्म' से उर्फी जावेद तक: एक सांस्कृतिक गिरावट
उन्होंने बताया कि 2000 के दशक की शुरुआत में जब फिल्म ‘जिस्म’ आई थी, तभी वे आरएसएस की अंदरूनी बैठकों में नेताओं को इस गिरावट के खतरे से आगाह कर रहे थे। उनका मानना है कि बार-बार यौन कंटेंट देखने से व्यक्ति का व्यवहार धीरे-धीरे बदल जाता है, भले ही वह जानता हो कि जो देख रहा है वह गलत है।
आज ये ट्रेंड सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर विस्फोट की तरह फैल चुका है। उन्होंने उर्फी जावेद जैसे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर अश्लील कपड़े पहनकर और अश्लील वीडियो बनाकर प्रसिद्धि और पैसा कमा रही हैं।
उन्होंने कहा, "ये फैशन नहीं है, ये सांस्कृतिक विनाश है।"
पोर्नोग्राफी से उपजा नैतिक संकट
उदय माहुरकर ने सबसे गंभीर चिंता यह जताई कि पोर्न देखने और यौन हिंसा के मामलों में सीधा संबंध बन चुका है। उन्होंने बलात्कार विरोधी कार्यकर्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि आजकल बलात्कार के ज्यादातर मामलों में आरोपी पहले पोर्न देख चुके होते हैं।
उन्होंने ऐसे चौंकाने वाले मामलों का जिक्र किया जिनमें 10 साल, यहां तक कि 5 साल के छोटे बच्चों तक के साथ रेप हुआ और यह सब थोड़े बड़े लड़कों द्वारा किया गया, जिन्होंने मोबाइल या टैबलेट पर अश्लील कंटेंट देखा था।
उन्होंने कहा, "ऐसे मामले तो एक दशक पहले सोचे भी नहीं जा सकते थे। लेकिन अब तो ये 5, 6, 7, 10 साल की उम्र में ही शुरू हो रहा है, जैसे किसी विकृत उत्सव की तरह।"
उन्होंने Yukita और Pratibha Desai जैसी सामाजिक कार्यकर्ताओं का हवाला दिया, जो विचारधारा से उनसे भले अलग हों, लेकिन खुद मानती हैं कि पोर्न यौन हिंसा की एक बड़ी वजह बन चुका है। माहुरकर ने एक कार्यकर्ता के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, "जो भी रेप करता है, वह फोन के जरिए करता है।"
सख्त कानून और ब्रैंड्स पर कार्रवाई की मांग
इस खतरे से निपटने के लिए माहुरकर ने तुरंत और व्यापक कानूनी सुधार की मांग की। उन्होंने कहा, "Indecent Representation of Women Act को और मजबूत किया जाना चाहिए।" उन्होंने सजा की अधिकतम सीमा 3 साल से बढ़ाकर 10 साल करने की बात कही।
उनके अनुसार सिर्फ कंटेंट बनाने वालों को नहीं, बल्कि उन ब्रैंड्स को भी सजा मिलनी चाहिए जो ऐसे कंटेंट को स्पॉन्सर कर रहे हैं, चाहे वे ऑटो कंपनियां ही क्यों न हों जिनका मनोरंजन से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने एक सख्त उदाहरण देते हुए औपनिवेशिक काल की नीति का जिक्र किया, "कभी-कभी एक को फांसी पर लटकाना पड़ता है ताकि बाकी सुधर जाएं।" उनका तात्पर्य था कि ऐसे हाई-प्रोफाइल मामलों में सख्त सजा देकर समाज में अनुशासन और डर पैदा करना जरूरी है।
उन्होंने दो टूक कहा, "ये लोग सांस्कृतिक आतंकवादी हैं। कानून को भी इन्हें वैसा ही मानकर कार्रवाई करनी चाहिए।"
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 32.5% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे कुल आवंटन बढ़कर ₹21,936.90 करोड़ हो गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 32.5% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे कुल आवंटन बढ़कर ₹21,936.90 करोड़ हो गया है। लेकिन संसद में इस पर कोई खुशी नहीं दिख रही है, क्योंकि बीते साल के बजट में से ₹1,574 करोड़ खर्च ही नहीं हो पाए।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति ने MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) की कड़ी आलोचना की है, जिसे उसने 'खराब योजना और ढीली निगरानी' कहा है। इस प्रदर्शन में गिरावट की जड़ में दो बड़ी डिजिटल योजनाएं हैं: प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) प्रोग्राम और संशोधित सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग मिशन। इन दोनों योजनाओं में कुल ₹1,097 करोड़ से अधिक की राशि खर्च नहीं हो सकी।
यह केवल कोई नौकरशाही अड़चन नहीं है। जिन योजनाओं का बजट खर्च नहीं हो पाया, वही योजनाएं भारत के उस सपने की नींव हैं, जिसमें वह एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और AI क्षमताओं को तेजी से आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखता है और भारत की इन डिजिटल महत्वाकांक्षाओं को देख रही मार्केटिंग और मीडिया इंडस्ट्री के लिए ये रुकावटें मायने रखती हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट में बढ़ोतरी को सरकार के तकनीक-प्रमुख दृष्टिकोण का हिस्सा बताया गया था, जिसमें सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, इंडिया AI मिशन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया। ये सभी क्षेत्र उस डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाते हैं जो OTT डिलीवरी से लेकर प्रोग्रामेटिक विज्ञापन मापन, मार्केटिंग टेक प्लेटफॉर्म और नए उपभोक्ता टचपॉइंट्स तक सबका आधार हैं।
इसलिए जब ये योजनाएं धीमी पड़ती हैं, तो इसका असर दूर तक फैलता है। एक वरिष्ठ एजेंसी प्लानर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “PLI से जुड़ी चिप महत्वाकांक्षाएं उन मुख्य संकेतों में से एक थीं जिनके जरिए हम भारत की लॉन्ग-टर्म क्षमता को एक मार्केटिंग टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में आंक रहे थे। यदि क्रियान्वयन इतना असंगत हो, तो यह भ्रमित करने वाला संकेत देता है।”
अपना पक्ष रखते हुए MeitY ने कहा कि अब वह जमीनी हकीकत पर आधारित बजटीय अनुमान के साथ काम कर रहा है और सचिव की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षा भी की जा रही है। लेकिन समिति इससे संतुष्ट नहीं है। उसने ज्यादा सख्त निगरानी तंत्र, फंड उपयोग के लिए रियल-टाइम डैशबोर्ड और प्रदर्शन आधारित कार्य संस्कृति की मांग की है।
यह उस समय पर हो रहा है जब भारत की व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था- जो ताजा इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले ही ₹7.3 लाख करोड़ की विज्ञापन और मीडिया मशीन बन चुकी है- इन्फ्रास्ट्रक्चर-स्तरीय नवाचारों पर बुरी तरह निर्भर है। विशेष रूप से IndiaAI मिशन को सुरक्षित, स्केलेबल और आर्थिक रूप से लाभदायक AI तैनाती की आधारशिला के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें डिजिटल मार्केटिंग इंडस्ट्री की भी गहरी भागीदारी है।
जैसे-जैसे ब्रांड्स फ़र्स्ट-पार्टी डेटा ईकोसिस्टम, उन्नत टार्गेटिंग और रियल-टाइम एट्रिब्यूशन की मांग कर रहे हैं, वैसे-वैसे सरकार की तकनीकी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कोई परिधीय मुद्दा नहीं रह जाता बल्कि यह एक ढांचागत आवश्यकता बन जाता है।
राजी एम. शिंदे पहले भी ‘पीटीसी नेटवर्क’ में शामिल रह चुकी हैं। अब अपनी नई भूमिका में वह एक अगस्त 2025 से कार्यभार ग्रहण करेंगी।
भारतीय मीडिया की जानी-मानी हस्ती और दादा साहब फाल्के फिल्म फाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित राजी एम. शिंदे की ‘पीटीसी नेटवर्क’ (PTC Network) में वापसी हुई है। नेटवर्क द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, राजी एम. शिंदे ‘पीटीसी एंटरटेनमेंट’ (PTC Entertainment) की नई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगी। वह 1 अगस्त 2025 से अपना कार्यभार संभालेंगी।
राजी शिंदे मीडिया और एंटरटेनमेंट जगत की ऐसी अनुभवी लीडर हैं, जिन्होंने अपने दो दशक से अधिक लंबे करियर में कंटेंट स्ट्रैटेजी, इनोवेशन और कारोबार वृद्धि के जरिये कई ब्रैंड्स को लीडरशिप पोजीशन तक पहुंचाया है और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर नए रेवेन्यू स्रोत भी विकसित किए हैं।
इससे पहले वह ‘इन10 मीडिया’ (In10media) की ओर से नेशनल म्यूज़िक चैनल ‘शोबॉक्स’ को लॉन्च कर चुकी हैं। उससे पहले उन्होंने ‘जी ग्रुप’ (Zee Group) के तहत ‘ईटीसी पंजाबी’ की बिजनेस हेड के तौर पर देश का पहला पंजाबी म्यूजिक चैनल शुरू किया था। कहा जाता है कि उनके इसी नेतृत्व में पंजाबी म्यूजिक टेलीविजन इंडस्ट्री की नींव रखी गई थी।
गौरतलब है कि राजी एम. शिंदे पहले भी ‘पीटीसी नेटवर्क’ में शामिल रह चुकी हैं। यहां अपनी पहली पारी के दौरान पीटीसी पंजाबी को नंबर-1 पंजाबी चैनल के तौर पर स्थापित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें दर्शकों की पसंद, कंटेंट की समझ और बाज़ार की नब्ज पहचानने में महारत हासिल है।
अपनी नई नियुक्ति के बारे में राजी एम. शिंदे का कहना है, ‘पीटीसी ग्रुप का फिर से हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। पीटीसी एंटरटेनमेंट पंजाबी दर्शकों के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव रखता है और इसमें असीम संभावनाएं हैं। मेरी प्राथमिकता है कि इन संभावनाओं को पूरी तरह साकार कर सकूं। मेरा उद्देश्य मूल और मौलिक कंटेंट को नए स्तर तक ले जाना और पंजाबी फिल्म और संगीत के लिए एक ऐसा ईकोसिस्टम बनाना है, जो वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक हो।’