इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का आगाज 7 मार्च को हुआ। इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के स्वागत भाषण के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। दो दिवसीय चलने वाले इस कार्यक्रम (India Today Conclave 2025) में देश-दुनिया के बड़े दिग्गज एक मंच पर नजर आ रहे हैं।
मुंबई में आयोजित 22वें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने अपने उद्घाटन भाषण में वैश्विक राजनीति, टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भारत के बदलते परिदृश्य पर बेबाकी से अपने विचार रखे।
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां और नई विश्व व्यवस्था
अरुण पुरी ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक राजनीति और व्यापार के पुराने नियम तोड़ दिए हैं। वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और अमेरिका को उन संस्थानों से बाहर निकाल रहे हैं जो उनके हित में नहीं हैं। उन्होंने WHO और पेरिस जलवायु समझौते से पहले ही अमेरिका को अलग कर दिया था और अब अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी इसी दिशा में ले जा सकते हैं।
उन्होंने कहा, "ट्रंप अमेरिका को एक मल्टीनेशनल कंपनी की तरह चला रहे हैं। वे कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं और पनामा नहर, ग्रीनलैंड व गाजा को खरीदने की सोच रहे हैं।"
उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर भी अपनी राय रखी और कहा कि ट्रंप इस युद्ध को खत्म करने के लिए रूस से सीधे डील करना चाहते हैं, जबकि यूक्रेन को इसमें शामिल तक नहीं किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता प्रभाव
अरुण पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि टेक्नोलॉजी, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), हमारे जीवन को तेजी से बदल रही है। भारत के पास इस क्षेत्र में अग्रणी बनने का सुनहरा मौका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'इंडिया AI मिशन' का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।
अरुण पुरी ने यह महत्वपूर्ण सवाल उठाया, "अगर मशीनें सबकुछ करेंगी, तो इंसान क्या करेंगे? नौकरियां कहां से आएंगी? क्योंकि अगर लोग कमाएंगे नहीं, तो खरीदेंगे क्या? और बिना खरीदारी के अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी?"
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, "शायद हेयर ड्रेसर सबसे आखिरी में अपनी नौकरी खोएंगे! कम से कम मैं तो कभी AI से बाल नहीं कटवाऊंगा!"
ग्लोबलाइजेशन और भारत का अवसर
अरुण पुरी ने कहा कि चाहे ट्रंप इसे रोकने की कितनी भी कोशिश करें, ग्लोबलाइजेशन रुकेगा नहीं। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों भारत के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ अपने रिश्तों को बहुत अच्छे से संभाला है और अमेरिका यात्रा से पहले उन वस्तुओं पर टैक्स कम कर दिए थे जो ट्रंप के करीब थीं, जैसे हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल और बॉर्बन व्हिस्की।
जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा संकट
अरुण पुरी ने जलवायु परिवर्तन को सबसे बड़ा संकट बताते हुए कहा कि दुनिया इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने चेताया, "अगर दुनिया ने मिलकर कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक भयानक विरासत छोड़ने जैसा होगा।"
लोकतंत्र की रक्षा जरूरी
अरुण पुरी ने कहा कि लोकतंत्र तभी सुरक्षित रह सकता है जब सत्ता में बैठे लोग लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करें। उन्होंने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वे जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं और ऐसे लोगों को सत्ता में बिठा रहे हैं जो केवल उनकी मर्जी से काम करते हैं।
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र तभी जीवित रहता है जब निष्पक्ष और स्वतंत्र जानकारी की आवाजाही बनी रहे। यह लोकतंत्र की ऑक्सीजन है।"
अरुण पुरी का यह भाषण वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी पर भारत की भूमिका को समझने के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और भारत को इस बदलाव में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना होगा।
"तो, देवियो और सज्जनो, अपनी सीट बेल्ट बांध लीजिए, क्योंकि हम 'The Age of Acceleration' में हैं।" इस वाक्य के साथ उन्होंने अपना संबोधन समाप्त किया।